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महासमुंद के किसानों को बड़ी सौगात, PM मोदी ने ट्रांसफर की किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त

महासमुंद : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त का किया हस्तांतरण पीएम किसान सम्मान निधि अंतर्गत जिले के 1 लाख 30 हजार से अधिक किसानों के खाते में लगभग 30 करोड़ 31 लाख रूपए जारी महासमुंद के किसानों को बड़ी सौगात, PM मोदी ने ट्रांसफर की किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जिला स्तरीय कार्यक्रम कृषि विज्ञान केन्द्र भलेसर में हुआ आयोजन महासमुंद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वाराणसी से किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी की। जिसके तहत देशभर किसानों को योजना का लाभ मिलेगा। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबसे पहले किसानों के हित में 20वीं किस्त जारी किया। आज महासमुंद जिले के किसानों को भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि राशि का लाभ मिला। जिले के एक लाख 30 हजार से अधिक किसानों के खाते में लगभग 30 करोड़ 31 लाख रूपए डीबीटी के माध्यम से पहुंचा। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र भलेसर महासमुंद में आयोजित कार्यक्रम में महासमुंद सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के अध्यक्ष चंद्रहास चंद्राकर विशेष रूप से उपस्थित थे।  इस अवसर पर कलेक्टर विनय लंगेह, जिला पंचायत उपाध्यक्ष भीखम सिंह ठाकुर, संदीप घोष, हितेश चंद्राकर, विक्रम ठाकुर, देवेंद्र चंद्राकर सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, कृषि उपसंचालक एफ आर कश्यप, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक एवं बड़ी संख्या में अंचल के किसान उपस्थित थे। इस अवसर पर महासमुंद सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी ने सभी किसानों को किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त जारी होने पर बधाई दिए। उन्होंने कहा कि पहले के समय में किसान का वजूद सबसे ऊपर रहा है, पहले नौकरी को उतना महत्व नहीं दिया जाता था। आज किसानों का सम्मान फिर से वापस लौट रहा है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो वादा किया था उसे तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के पश्चात तत्काल पूर्ण किया है। आज देश के किसान खुशहाल है और आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। इस कारण से पढ़े लिखे लोग भी वापस अपने खेतों की ओर लौट रहे हैं और कृषि में उन्नत तकनीक के साथ नए नए प्रयोग कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने सभी किसानों से प्रधानमंत्री जन-धन खाते के अंतर्गत केवाईसी करवाने का आग्रह किया। इसके अलावा आवारा मवेशियों पर नियंत्रण हेतु किसानों से अनुरोध किया ताकि सार्वजनिक सड़कों, बाजारों और अन्य प्रमुख स्थानों पर घूमते व बैठते आवारा मवेशी जो यातायात में बाधा बनते हैं और दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं उससे उनकी रक्षा हो सके।  कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने कहा कि किसानों के हित में लगातार हमारी सरकार अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से कार्य कर रही है और विकसित भारत की ओर हम बढ़ रहे हैं। और विकसित भारत का यह सपना देश के अर्थव्यवस्था की रीढ़ जो की किसान हैं, उनके विकास के बिना संभव नहीं है।  बीज निगम के अध्यक्ष चंद्रहास चंद्राकर ने कहा कि प्रधानमंत्री के भाषण का सार यह रहा कि हमें स्वदेशी की ओर बढ़ना है, हमें चाहिए कि हमारा पैसा हमारे देश में रहना चाहिए है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसी तरीके से हमें स्वावलंबन की ओर बढ़ना है, आत्मनिर्भर बनना है। इस अवसर पर किसानों को कृषि आधारित विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई।

मेसी की भारत यात्रा तय, 14 दिसंबर को मुंबई में क्रिकेट स्टार्स के साथ दिखेंगे

नई दिल्ली/ब्यूनस आयर्स  अर्जेंटीना के स्टार फुटबॉलर लियोनेल मेसी दिसंबर में भारत दौरे पर आएंगे। मेसी 14 साल के लंबे समय के बाद भारत आ रहे हैं। वो 13 से 15 दिसंबर तक भारत में रहेंगे और कुल तीन शहरों का दौरा करेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, मेसी 13 से 15 दिसंबर तक कोलकाता, दिल्ली और मुंबई का दौरा करेंगे। मुंबई में वानखेड़े स्टेडियम 14 दिसंबर को एक इवेंट में शामिल होंगे। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) के एक सूत्र ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, कुछ क्रिकेटर्स भी इस इवेंट में शामिल होंगे। ईडन गार्डन्स स्टेडियम भी जाएंगे इसके अलावा मेसी कोलकाता भी जाएंगे और वहां उनको ईडन गार्डन में सम्मानित किया जाएगा। इस इवेंट में वेस्ट बंगाल की चीफ मिनिस्टर ममता बनर्जी भी शामिल हो सकती हैं। मेसी कोलकाता में बच्चों के लिए एक फुटबॉल वर्कशॉप भी आयोजित करवाएंगे और साथ ही वो फुटबॉल क्लिनिक भी लॉन्च करेंगे। कोलकाता जाएंगे मेसी इसके अलावा मेसी कोलकाता भी जाएंगे और वहां उनको ईडन गार्डन में सम्मानित भी किया जाएगा. इस इवेंट में वेस्ट बंगाल की चीफ मिनिस्टर ममता बनर्जी भी शामिल हो सकती हैं. कोलकाता में अपने दौरे के दौरान लियोनेल बच्चों के लिए एक फुटबॉल वर्कशॉप भी आयोजित करवाएंगे और साथ ही वो फुटबॉल क्लिनिक को भी लॉन्च करेंगे. उनके सम्मान में ‘Goat Cup’ टूर्नामेंट का भी आयोजन होगा. 6 जून को केरल के स्पोर्ट्स मिनिस्टर ने इस बात की पुष्टि की है कि अर्जेंटीना फुटबॉल टीम जिनकी कप्तानी लियोनेल मेसी करेंगे वो अक्टूबर या नवंबर में केरल एक फ्रेंडली मैच खेलने आएंगे. ये मुकाबला तिरुवंतपुरम के ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल स्टेडियम में होगा. केरल सरकार से इसकी बात हो चुकी है. 2011 में आए थे आखिरी बार लियोनेल मेसी ने इससे पहले 2011 में भारत का दौरा किया था. उन्होंने कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में वेनेजुएला के खिलाफ फ्रेंडली मैच खेला था. अब 14 साल के बाद वो एक बार फिर से भारत का दौरा कर रहे हैं. ये सुनकर फुटबॉल के सभी फैंस काफी खुश है. फ्रेंडली मैच भी खेलेंगे इससे पहले, 6 जून को केरल के स्पोर्ट्स मिनिस्टर वी. अब्दुरहीमन नहीं इस बात की पुष्टि की थी कि अर्जेंटीना फुटबॉल टीम जिनकी कप्तानी लियोनेल मेसी करेंगे वो अक्टूबर या नवंबर में केरल एक फ्रेंडली मैच खेलने आएंगे। ये मुकाबला तिरुवंतपुरम के ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल स्टेडियम में होगा। केरल सरकार से इसकी बात हो चुकी है। साल 2011 में भारत आए थे मेसी मेसी सहित अर्जेंटीना फुटबॉल टीम पिछली बार 2011 में वेनेजुएला के खिलाफ इंटरनेशनल फ्रेंडली मैच के लिए भारत आई थी। अर्जेंटीना और वेनेजुएला के बीच यह मैच 2 सितंबर को कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में खेला गया था। इस मैच में मेसी के असिस्ट से निकोलस ओटामेंडी ने दूसरे हाफ में हेडर से गोल कर अर्जेंटीना को 1-0 से जीत दिलाई थी। अर्जेंटीना मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन अर्जेंटीना मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन है। टीम ने 2022 में खेले गए फीफा वर्ल्ड कप फाइनल में फ्रांस को पेनल्टी शूट आउट में 4-2 से हराकर खिताब जीता था। अर्जेंटीना को इससे पहले 1986 में खिताबी कामयाबी मिली थी। अर्जेंटीना का यह ओवरऑल तीसरा खिताब रहा। टीम 1978 में पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनी थी।

डायबिटीज से कमजोर हो जाती है प्रतिरक्षा शक्ति

डायबिटीज से शरीर पर कई अन्य दुष्प्रभाव होने की बात सामने आती रही है। एक ताजा शोध में पाया गया कि डायबिटीज पीड़ितों की प्रतिरक्षा शक्ति भी कमजोर हो जाती है, जिस कारण उन्हें संक्रमणों से लड़ने में परेशानी आती है। शोध के अनुसार, खून में शुगर की बढ़ी हुई मात्रा कुछ ऐसे अणुओं को प्रोत्साहित कर देती है जो संक्रमण से लड़ने की शरीर की प्राकृतिक क्रिया में बाधा उत्पन्न करते हैं। क्लीवलैंड के केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रमुख शोधकर्ता जेना किसलर ने कहा, इस शोध के परिणाम अनियंत्रित डायबिटीज वाले मरीजों के लिए अधिक कारगर दवा बनाने में सहायक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस शोध से शुगर के स्तर को कम करने और नियंत्रित रखने की जरूरत को बल मिला है। ज्यादा डायबिटीज की स्थिति में ग्लूकोज के टूटने से डाईकार्बोनिल अणु बनते हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए हानिकारक हैं। डायबिटीज से प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे कमजोर होती है: उच्च रक्त शर्करा: रक्त में अतिरिक्त शर्करा, जिसे हाइपरग्लेसेमिया भी कहा जाता है, प्रतिरक्षा कोशिकाओं के कार्य को बाधित करता है, जिससे संक्रमण से लड़ना मुश्किल हो जाता है. सूजन: मधुमेह से पुरानी सूजन हो सकती है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करती है और संक्रमण के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाती है. घाव भरने में देरी: उच्च रक्त शर्करा के कारण, रक्त गाढ़ा हो जाता है, जिससे श्वेत रक्त कोशिकाएं (जो संक्रमण से लड़ती हैं) घाव वाली जगह तक पहुंचने और संक्रमण से लड़ने में अधिक समय लेती हैं. न्यूरोपैथी: मधुमेह से तंत्रिका क्षति (न्यूरोपैथी) हो सकती है, जो संक्रमण के जोखिम को बढ़ा सकती है, खासकर पैरों और त्वचा में. कमजोर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया: मधुमेह से पीड़ित लोगों में, प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया कमजोर हो सकती है, जिससे वे संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं. निष्कर्ष: डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। मधुमेह रोगियों को अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने के लिए उचित आहार, व्यायाम और दवाओं का पालन करना चाहिए.  

साध्वी ऋतंभरा का विवादित बयान विवादों में, माफी मांगते हुए दी सफाई

नई दिल्ली साध्वी ऋतंभरा ने हाल ही में महिलाओं को लेकर ऐसा बयान दिया था जिससे उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने महिलाओं के अश्लील वीडियो बनाने पर टिप्पणी की थी और कहा था कि ऐसे वीडियो देखकर उन्हें शर्म आती है। हालांकि अब उन्होंने इस टिप्पणी को लेकर माफी मांगी है। उन्होंने कहा है कि अगर किसी को उनकी बातों से ठेस पहुंची है, तो वह माफी मांगती हैं, लेकिन फिर भी उन्हें लगता है कि उन्हें यह कहने का अधिकार है क्योंकि वह अपने प्रियजनों से घिरी हुई थीं। उन्होंने ये भी कहा कि मैं इंसान हूं और मुझसे गलती हो गई। साध्वी ऋतंभरा ने ये टिप्पणी तीन महीने पहले एक सभा में की थी। उनका अब ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। उन्होंने कहा था,हिंदू महिलाएं, हे भगवान! मुझे उन्हें देखकर शर्म आती है। क्या तुम पैसा कमाओगी? क्या तुम न्यूड होकर पैसा कमाओगी? गंदे डांस करके, गंदे गाने गाकर? मुझे समझ नहीं आता कि उनके पति, उनके पिता इसे कैसे स्वीकार करते हैं? उन्होंने आगे कहा था, लोगों को शालीनता से जीवन जीना चाहिए। भारत की महिलाओं, मेरे ऐसा कहने पर बुरा मत मानना। माफी मांगते हुए क्या बोलीं साध्वी ऋतंभरा  साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि उनका मानना है कि परिवार और राष्ट्र में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और वह महिलाओं को निशाना नहीं बना रही थीं, बल्कि उनकी शक्ति में आशा जगा रही थीं, लेकिन अनियंत्रित होना स्वतंत्रता नहीं कहा जा सकता। अनुशासनहीन होना अनुशासित होना नहीं है। यह मेरा स्वभाव है। जब मेरा दर्द एक हद तक पहुंच जाता है, तो मैं इसे अपने प्रियजनों के साथ शेयर करती हूं। यह एक पुराना वीडियो है, जो वायरल हो गया है। मैं यह कहना चाह रही थी कि एक राष्ट्र अपने नागरिकों के व्यवहार से महान बनता है। वहीं जब उनसे ये पूछा गया कि पुरुषों के लिए ऐसा क्यों नहीं कहा गया, साध्वी ऋतंभरा ने कहा, अगर मेरी भावनात्मक टिप्पणियों से महिलाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं जरूर माफ़ी मांगूंगी। लेकिन जब आप अपनों के बीच होते हैं, तो आप यह सोचकर बोलते हैं कि उन पर आपका अधिकार है। मुझे उन लोगों से प्यार है जो टूट गए हैं, लेकिन जब आप इस तरह का अनर्गल व्यवहार देखते हैं, तो दुख होता है। मैं भी इंसान हूं, मुझे ऐसा नहीं कहना चाहिए था, शायद अगर मैंने 'निरावरण', 'निर्वस्त्र' या 'संस्कारों से भरा' कहा होता। उन्होंने कहा कि शास्त्रीय नृत्य बहुत अच्छा है, लेकिन जो रील में दिखाया जाता है, वह अच्छा नहीं लगता। उन्होंने कहा, अभद्र व्यवहार अच्छा नहीं लगता और कुछ महिलाएं ऐसा करती हैं, तो सभी महिलाओं का नाम खराब होता है। आध्यात्मिक गुरु ने आगे कहा, मैंने जो कहा वह सभी हिंदू महिलाओं के लिए नहीं था। मैं भाषण के फेलो कुछ कहना भूल गई होंगी। मैं एक साधारण इंसान हूं, मुझसे गलती हो गई।

इन तरीकों को अपनाकर बचा सकते हैं ई-मनी

भारत सरकार और रिजर्व बैंक अगले दो वर्षों के भीतर देश में ई-भुगतान (इलेक्ट्रॉ निक पेमेंट) प्रणाली को बढ़ाना चाहते हैं। ई-भुगतान यानी बिना नगदी के होने वाले लेनदेन। इन तरीकों में कार्ड, इंटरनेट अथवा मोबाइल से रकम का भुगतान किया जाता है। हालांकि इस तरीके में भी धोखाधड़ी तथा हैकिंग का खतरा बना रहता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे तरीकों को, जिनसे ई-ट्रांसेक्शरन के दौरान सुरक्षा बनी रहे। सार्वजनिक कम्यूीान टर्स का इस्तेगमाल न करें ऑनलाइन बैंकिंग लेनदेन के लिए सार्वजनिक कम्यूरटर्स का प्रयोग न करें। अगर ऐसा करना भी पड़े तो यथा संभव अपने कंप्यूटर पर पहुंचने के साथ ही पासवर्ड को बदल दें। बैंकिंग जानकारी चाहने वाले ईमेल्स से बचें यदि आपके कोई ऐसा ईमेल्स। प्राप्त हों, जिनमें आपके बैंक खाते से संबंधित जानकारी मांगी जाए, तो उन्हेंभ डिलीट कर दें या फिर नजरअंदाज करें। यह धोखाधड़ी के तरीकों में से एक है। इससे आपका कम्यूहता टर भी हैक हो सकता है। ईमेल की लिंक्स पर क्लिक करते समय रहें सावधान अंजान अथवा संदेहास्पाद प्रकार के ईमेल्स को खोलने से बचें। यदि खोलें भी तो, उसमें दिए गए किसी लिंक पर क्लिक न करें। यदि आपको किसी वेबसाइट पर जाना है तो मैनुअल तरीके से उसका एड्रेड टाइप करिए। कई बार धोखेबाज, नकली वेबसाइट बनाकर उसका लिंक भेज देते हैं। कंप्यूटर का एंटी वायरस अपडेट रखें अपने कंप्यूटर के एंटी-वायरस को हमेशा अपडेट रखें। अच्छी कंपनी का एंटी वायरस इस्तेमाल करें। मजबूत पासवर्ड बनाएं बैंक खातों के लिए पासवर्ड बनाते समय सतर्क रहें। पासवर्ड बनाते समय लोअर केस, अपर केस, अंकों तथा स्पे शल कैरेक्टिर्स का इस्तेपमाल करें। पासवर्ड के रूप में जन्मेतिथि, वर्षगांठ, परिजनो के नाम या ऐसा कुछ भी न बनाएं जिसके बारे में आसानी से पता लगाया जा सके। हमेशा एचटीटीपीएस का ध्यासन रखें यदि आप बैंकिंग अथवा भुगतान वेबसाइट्स का उपयोग करते हैं तो हमेशा ध्यान रखें कि उसके एड्रेस के पहले एचटीटीपीएस जरूर लिखा हो। सामान्य एचटीटीपी का अर्थ होता है कि यह वेबसाइट सुरक्षित नहीं है। मोबाइल कनेक्शून को चेक करते रहें इस बात का हमेशा ध्याचन रखें कि आपका मोबाइल फोन कनेक्शिन ज्या दा दिनों तक बंद न रहे। यदि आपका मोबाइल काम नहीं कर रहा है तो संभव है कि उसके सिम की क्लो निंग कर ली गई हो। या फिर किसी धोखेबाज ने आपके नाम से नई सिम जारी करवा ली हो।  

सोनाली मिश्रा बनीं RPF की नई महानिदेशक, छत्तीसगढ़ से गहरा है जुड़ाव

रायपुर  रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की कमान पहली बार किसी महिला अधिकारी को सौंपी गई है. कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने मध्यप्रदेश कैडर की आईपीएस अधिकारी सोनाली मिश्रा की डीजी/आरपीएफ के पद पर 31 अक्टूबर, 2026 तक नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोनाली मिश्रा का छत्तीसगढ़ के बहुत पुराना नाता है. अपनी व्यावसायिकता, समर्पण और नेतृत्व क्षमता के लिए जानी जाने वाली मध्य प्रदेश कैडर की 1993 बैच की आईपीएस सोनाली मिश्रा तीन दशकों से अधिक की विशिष्ट सेवा का अनुभव रखती हैं. इस कार्यभार से पहले, उन्होंने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (चयन/भर्ती) के रूप में कार्य किया, साथ ही पुलिस प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, भोपाल में एडीजी और मध्य प्रदेश पुलिस अकादमी, भोपाल में निदेशक का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला. उन्होंने सीबीआई और बीएसएफ में भी सेवा की है और कोसोवो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सेवा देने का अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी प्राप्त है. उत्कृष्टता और व्यावसायिकता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए उन्हें विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. लेकिन आपको यह जानकार सुखद आश्चर्य होगा कि अपने करियर के शुरुआती दिनों में जब मध्यप्रदेश का बंटवारा नहीं हुआ था, तब वे बिलासपुर में CSP और ASP रह चुकी हैं. राज्य बंटवारे के बाद वे मध्यप्रदेश (कैडर) चली गईं. दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक, रेलवे संपत्ति की सुरक्षा, यात्री सुरक्षा और अपराध रोकथाम के लिए ज़िम्मेदार रेलवे सुरक्षा बल को उनके दूरदर्शी और समावेशी नेतृत्व का लाभ मिलेगा. राज्य और केन्द्रीय पुलिस संगठनों में उनके व्यापक अनुभव से बल के आधुनिकीकरण, क्षमता निर्माण और सामुदायिक सहभागिता को नई गति मिलने की उम्मीद है. 

मानव तस्करी-मतांतरण केस में नया मोड़, कोर्ट ने ननों को दी जमानत

 बिलासपुर  केरल की दो नन की जमानत याचिका पर एनआइए कोर्ट शनिवार को फैसला सुनाते हुए दोनों नन को जमानत दे दी है। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान पुलिस ने दोनों नन पर मानव तस्करी और मतांतरण की साजिश का आरोप लगाया, जबकि बचाव पक्ष ने आरोपों को बेबुनियाद बताया। दरअसल, 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन के पास बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने दोनों नन को तीन आदिवासी युवतियों और एक युवक के साथ रोका। पूछताछ में युवतियों ने बताया कि वे आगरा स्थित अस्पताल में काम करने जा रही हैं। इसके बावजूद कार्यकर्ताओं ने हंगामा करते हुए मानव तस्करी और मतांतरण का आरोप लगाया गया। इसके बाद दुर्ग जीआरपी ने दोनों नन को हिरासत में लेकर न्यायालय में पेश किया। मामला एनआइए को सौंपा गया, जिसकी जांच अब जारी है। शुक्रवार को एनआईए कोर्ट में नन की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। अभियोजन ने जमानत का विरोध किया, वहीं बचाव पक्ष ने कहा कि नन ने जांच में सहयोग किया है और उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। शनिवार कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए दोनों नन को जमानत दे दी है। बता दें कि ननों की गिरफ्तारी के मामले को लेकर प्रदेश में सियासत गर्म हो चुकी है। जिसकी आंच दिल्ली और केरल तक महसूस की जा रही है। अपने दिल्ली दौरे पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि-काननू अपना काम कर रही है। अदालत जो फैसला सुनाएगी मान्य होगा। डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा- मतांतरण समाज के लिए खतरा वहीं, जगदलपुर पहुंचे उपमुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा ने बस्तर में बढ़ते मतांतरण पर चिंता जताई और इसे सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरा बताया। उन्होंने सभी दलों से अपील की कि मतांतरण के खिलाफ मिलकर प्रयास करें। इधर, कांग्रेस और वाम दलों ने गिरफ्तारी को पूर्वनियोजित और सांप्रदायिक सौहार्द के विरुद्ध बताया है। वहीं, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसे गंभीर अन्याय बताया और कहा कि नन केवल आदिवासी लड़कियों को नौकरी के लिए शहर ले जा रही थीं। वहीं सांसद जेबी माथर ने गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए संसद में आवाज उठाने की बात कही। कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया अध्यक्ष से मिले केरल भाजपा अध्यक्ष मामले में डैमेज कंट्रोल की कोशिश करते हुए केरल भाजपा अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कैथोलिक बिशप्स कान्फ्रेंस आफ इंडिया के अध्यक्ष आर्चबिशप एंड्रयूज थाझथ से भेंट की। आर्चबिशप ने कहा कि चर्च इस गिरफ्तारी से व्यथित है, क्योंकि इनमें से एक नन तीन दशक से कुष्ठ रोगियों की सेवा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह तक मुद्दे को पहुंचाया गया है और मदद का आश्वासन मिला है।, इधर केरल के चार सांसदों कोडिकुन्निल सुरेश, एंटो एंटनी, डीन कुरियाकोसे और हिबी ईडन ने शुक्रवार को डीजीपी अरुणदेव गौतम से मुलाकात की।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त जारी, मुख्यमंत्री साय का संदेश – खुशहाल किसान, मजबूत छत्तीसगढ़

  प्रदेश के 25.47 लाख से अधिक किसानों के खातों में 553 करोड़ 34 लाख रुपये का हुआ अंतरण राज्य के अन्नदाताओं को अब तक पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत मिली 9 हजार 700 करोड़ रुपये की राशि छत्तीसगढ़ के 2.34 लाख वन पट्टाधारी और 32,500 विशेष पिछड़ी जनजाति के किसानों को भी मिल रहा है योजना का लाभ   रायपुर सावन के पवित्र महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी (उत्तर प्रदेश) से देशभर के 9.7 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त के रूप में 20500 करोड़ रुपए की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खातों में हस्तांतरित की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर स्थित उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के सभागार से प्रदेश के किसानों के साथ वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वृहद किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 2019 से अब तक देशभर के किसानों को 3.75 लाख करोड़ रुपये की राशि सीधे उनके खातों में भेजी जा चुकी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की समृद्धि के लिए निरंतर काम कर रही है और पीएम किसान निधि इसका सशक्त उदाहरण है। श्री मोदी ने कहा कि कृषि विकास में पिछड़े जिलों के लिए ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना’ की शुरुआत की गई है और इसके लिए 24 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि सिंचाई योजनाओं पर भी सरकार बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है ताकि खेतों तक पानी पहुंच सके और उत्पादन में वृद्धि हो। प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को राहत देने के उद्देश्य से ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ संचालित है, जो उन्हें संकट से उबारने का कार्य करती है। प्रधानमंत्री ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि 1.5 करोड़ से अधिक महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं और 3 करोड़ के लक्ष्य में से आधा काम हमने पूरा कर लिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को पवित्र श्रावण मास की शुभकामनाएं देते हुए भगवान महादेव से छत्तीसगढ़ के सतत् कल्याण, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से छत्तीसगढ़ के लगभग 25 लाख से अधिक किसानों को 553 करोड़ 34 लाख रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है। मुख्यमंत्री साय ने प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अन्नदाताओं को आर्थिक संबल देकर उनके परिश्रम का सम्मान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार “मोदी की गारंटी” के अनुरूप किसानों की उन्नति के लिए निरंतर समर्पित भाव से कार्य कर रही है। हमने किसानों से जो वादा किया था, उसे पूरा किया है। आज छत्तीसगढ़ में किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की कीमत दी जा रही है, जो उनकी आय को और सुदृढ़ कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार गठन के दस दिनों के भीतर ही 3716 करोड़ रुपये की 2 वर्ष की बकाया बोनस राशि का भुगतान कर हमने किसानों के भरोसे को और मजबूत किया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में ‘किसान क्रेडिट कार्ड योजना’ की शुरुआत हुई, जिसने खेती-किसानी को लाभकारी व्यवसाय में परिवर्तित कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले किसान भारी ब्याज दरों पर उधार लेकर खेती करते थे, लेकिन आज केसीसी (KCC) के माध्यम से शून्य ब्याज दर पर ऋण मिल रहा है, जिससे खेती-किसानी और आसान हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए तेज़ी से कार्य किया जा रहा है। बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है और हम बोधघाट परियोजना, महानदी और इंद्रावती नदी को जोड़ने जैसी योजनाओं के माध्यम से बस्तर को सिंचित और समृद्ध क्षेत्र बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं। श्री साय ने कहा कि दलहन-तिलहन फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए 10 हजार रुपये की सहायता राशि का प्रावधान किया गया है। साथ ही, भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी 10 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार खेती ही नहीं, बल्कि मत्स्यपालन, दुग्ध उत्पादन और पशुपालन जैसे सहायक कृषि कार्यों को भी सशक्त करने में जुटी है। ‘दुधारू पशु वितरण योजना’ को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के 6 जिलों से प्रारंभ किया गया है, जिसे नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) के माध्यम से लागू किया जा रहा है। इससे दूध का उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को उसकी उचित कीमत मिलेगी। साय ने कहा कि मिलेट्स (श्री अन्न) जैसे पौष्टिक अनाजों का उत्पादन, कोदो, कुटकी और रागी जैसी पारंपरिक फसलों की खेती को बढ़ावा देकर किसानों को बाजार में बेहतर दाम दिलाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार निरंतर किसानों को इस योजना के तहत राशि सीधे उनके खाते में हस्तांतरित कर रही है। उन्होंने इस मौके पर कहा कि नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में गांव-गांव में पक्की सड़कें बन गई हैं। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अब किसानों को बिना ब्याज के अल्पकालिक ऋण उपलब्ध हो रहा है। हमारी सरकार ने अनेक योजनाएं धरातल पर लाकर किसानों की बेहतरी के लिए कार्य किया है। कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि आज इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 25.47 लाख से अधिक किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से 20वीं किश्त की राशि 553 करोड़ 34 लाख रुपये अंतरित की गई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार जय-जवान, जय-किसान, जय-विज्ञान और जय-अनुसंधान की परिकल्पना के साथ आधुनिक कृषि उपकरणों और तकनीकों का उपयोग कर खेती-किसानी को नई दिशा दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वृहद रूप से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ चलाया गया। इस अभियान में कृषि वैज्ञानिकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने एक लाख से अधिक किसानों से मुलाकात कर खेती-किसानी के तरीकों और उनके फायदों की जानकारी दी। कार्यक्रम में हितग्राहियों को कृषि उपकरणों एवं योजनाओं के तहत अनुदान राशि के चेक प्रदान … Read more

दुनिया की सबसे ऊंची सड़क पर रायपुर के साइकिलिस्टों का साहसिक सफर, Umling La तक पहुंची साइकिल यात्रा

रायपुर यूथ हॉस्टल एसोसिएशन इंडिया द्वारा 17 जुलाई से 28 जुलाई 2025 लेह से उमलिंग ला की साइकिल यात्रा आयोजित किया गया था. इसमें शुरुआत के 3 दिन जलवायु अनुकूल के लिए रखा गया था, क्योंकि ये पूरी साइकिल यात्रा अधिक ऊंचाई पर मैं थी इसलिए अक्लेमेटाइजेशन बेहद जरुरी रहता है. लेह से 20 जुलाई को यात्रा की शुरुआत हुई पहले दिन 62 किलोमीटर की यात्रा पूरी करके शारा गांव पहुंचे. दूसरे दिन 80 किलोमीटर की यात्रा पूरी करके चुमाथांग पहुंचे. तीसरे दिन 45 किलोमीटर की यात्रा करके न्योमा पहुंचे. चौथे दिन 80 किलोमीटर की यात्रा करके हनले पहुंचे. पांचवे दिन 50 किलोमीटर की यात्रा करके चिसुमले पहुंचे. छठवें दिन 48 किलोमीटर की यात्रा करके अपने अंतिम पड़ाव उमलिंग ला पास पहुंचे. जो समुद्री तल से 19024 फीट ऊपर है. इस पूरी यात्रा में हमने लेह के पहाड़ों के बीच में साइकिलिंग का भरपूर आंनद लिया. मानो ऐसा लग रहा था कि हम लोग जन्नत में साइकिलिंग कर रहे हों. climb में साईकल चलाना अपने आप मैं बेहद कठिन है साथ मैं मौसम का अपना अलग मिजाज करीब 7-8 डिग्री तापमान जिसमें सायकिल चलाने का अपना अलग ही आंनद था. पूरी यात्रा में सिंधु नदी (इंडस रिवर) का साथ में चलने का एक अलग सा एहसास जगा रहा था. उल्लेखनीय हैं कि सुरेश दुआ जो कि एनआईटी रायपुर में कार्यरत हैं, जिन्होंने अब तक 75 हजार किलोमीटर से ज्यादा और मानव खुराना, जो कि स्टूडेंट हैं, उन्होंने 22 हजार किलोमीटर साइक्लिंग कर चुके हैं. आप दोनों यूथ हॉस्टल, टूर द रायपुर के सक्रिय सदस्य हैं.

मंडला मर्डर्स को दर्शकों से मिल रही तारीफों से उत्साहित हैं गोपी पुथरन

मुंबई, फिल्मकार गोपी पुथरन वेब सीरीज मंडला मर्डर्स को दर्शकों से मिल रही तारीफों से बेहद उत्साहित हैं। वाईआरएफ एंटरटेनमेंट की चर्चित वेब सीरीज ‘मंडला मर्डर्स’ ने रिलीज के बाद से ही धमाल मचा दिया है। यह नेटफ्लिक्स इंडिया पर नंबर 1 ट्रेंडिंग शो बन गई है और साथ ही ग्लोबल टॉप 10 नॉन-इंग्लिश सीरीज़ चार्ट में भी अपनी जगह बना चुकी है। गोपी पुथरन दर्शकों से मिल रही तारीफों से बेहद उत्साहित हैं। गोपी पुथरन ने कहा, “कल्पनाशीलता की मौलिकता हमेशा से ऐसे कंटेंट की पहचान रही है जो दर्शकों का ध्यान खींचता है। ‘मर्दानी’ से लेकर ‘मंडला मर्डर्स’ तक, मैंने हर बार कुछ नया करने की कोशिश की है और वाईआरएफ ने मुझे हर बार अपनी सीमाएं आगे बढ़ाने का अवसर दिया है। दर्शकों की प्रतिक्रिया देखकर बेहद खुशी हो रही है।” गोपी पुथरन ने कहा, ‘‘नेटफ्लिक्स इंडिया पर नंबर 1 ट्रेंडिंग शो बनने से लेकर ग्लोबल चार्ट्स में जगह बनाने तक, मंडला मर्डर्स की शुरुआत शानदार रही है और हम सभी इसके लिए बहुत खुश हैं। मेरा उद्देश्य एक ऐसी सीरीज बनाना था जो दर्शकों को बांधकर रखें, दिमाग को हिला दे और जॉनर की परिभाषा को तोड़ दे। यह एक जोखिम भरा और बहुत ही महत्वाकांक्षी प्रयास था, और इसकी जो प्रतिक्रिया मिल रही है, वह संतोषजनक है।” गोपी ने कहा, ‘‘मैं डार्क, मूडी क्राइम ड्रामा का फैन हूं,जो दर्शकों को इस सोच की कगार पर ले जाता है कि क्या सच है, क्या कल्पना है और क्या अलौकिक शक्तियों का अस्तित्व आज के दौर में हो सकता है।” उन्होंने कहा, ‘‘ट्रू डिटेक्टिव, द सिन्नर, ट्विन पीक्स, शार्प ऑब्जेक्ट्स जैसी फिल्में दिखाती हैं कि इंसान का दिमाग किस हद तक विश्वास और अविश्वास के बीच ले जा सकता है। यदि मंडला मर्डर्स भारत में एक ऐसी कहानी और अवधारणा के साथ यही असर पैदा कर पा रही है जो भारतीय संस्कृति में गहराई से जड़ें जमाए है, तो यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है।”