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राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर सीधा निशाना, 2024 में धांधली का लगाया आरोप, EC को बताया मरा हुआ

नई दिल्ली राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर एक बार फिर जोरदार जुबानी हमला बोला है. राजधानी दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के 'एनुअल लीगल कॉन्क्लेव' को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में चुनाव आयोग का अस्तित्व नहीं रह गया है. उन्होंने कहा कि मैं हाल के इलेक्शन सिस्टम के बारे में बोल रहा हूं. मुझे हमेशा से शक था कि इसमें कुछ गड़बड़ है, 2014 से ही. मुझे गुजरात विधानसभा चुनाव में भी शक था. किसी एक पार्टी की लैंड स्लाइड विक्ट्री का ट्रेंड शक पैदा करता है. लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी को राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात (लोकसभा चुनावों में) में एक भी सीट नहीं मिलती, ये मेरे लिए आश्चर्य की बात थी. जब भी हम बोलते थे तो लोग कहते थे, सबूत कहां है? फिर, महाराष्ट्र में कुछ हुआ. लोकसभा चुनाव में हम जीत गए और फिर चार महीने बाद, हम न सिर्फ हारे, बल्कि पूरी तरह से खत्म हो गए. तीन मजबूत पार्टियां अचानक गायब हो गईं.' देश में अब चुनाव आयोग है ही नहीं राहुल गांधी ने कहा, 'हमने चुनावी धांधलियों की गंभीरता से जांच शुरू की. हमें महाराष्ट्र में यह पता चला, लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच एक करोड़ नए मतदाता सामने आते हैं. इनमें से ज्यादातर वोट भाजपा को जाते हैं… अब मैं बिना किसी संदेह के कहता हूं कि हमारे पास सबूत हैं. हमारे पास ऐसे सबूत हैं जो बताते हैं कि चुनाव आयोग है ही नहीं.' कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव आयोग मतदाता सूची की डिजिटल प्रति उपलब्ध नहीं कराता. इन दस्तावेजों को स्कैन नहीं किया जा सकता. चुनाव आयोग ऐसी प्रतियां क्यों उपलब्ध कराएगा जिन्हें स्कैन नहीं किया जा सकता? उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि एक लोकसभा क्षेत्र में हमने मतदाता सूची की जांच की और पाया कि 6.5 लाख मतदाताओं में से 1.5 लाख मतदाता फर्जी थे. लोकसभा चुनावों में हुई थी धांधली राहुल गांधी ने लोकसभा चुनावों में धांधली का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'हम इसे साबित करने जा रहे हैं, हमारे पास अब डेटा है. लोकसभा चुनाव में धांधली हो सकती है और धांधली हुई भी थी. भारत में चुनाव आयोग मर चुका है. इसे साबित करने के लिए हमारे पास दस्तावेज हैं. अगर उन्हें 15-20 सीटें कम मिलतीं, तो वह (पीएम मोदी) प्रधानमंत्री नहीं बनते.' रिटायर चुनाव अधिकरियों को भी नहीं छोड़ेंगे: राहुल एक दिन पहले संसद भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि मैं बड़ी गंभीरता के साथ कह रहा हूं कि चुनाव आयोग वोटों की चोरी कर रहा है और वह ऐसा बीजेपी के लिए कर रहा है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग में बैठकर जो भी लोग ये काम कर रहे हैं, वे देश के खिलाफ काम कर रहें हैं. ऊपर से लेकर नीचे तक कोई भी हो हम उसको छोड़ेंगे नहीं. ये राजद्रोह है. उन्होंने चुनाव आयोग के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा था, 'आप कहीं भी हो, रिटायर हो या कुछ भी हो, हम आपको ढूंढ निकालेंगे.' वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़े का दावा राहुल गांधी ने एक लोकसभा सीट का उदाहरण देते हुए कहा, "हमने एक सीट की वोटर लिस्ट की जांच की। उसमें 6.5 लाख वोटर थे, जिनमें से 1.5 लाख फर्जी निकले।" उनका दावा है कि यह कोई अपवाद नहीं, बल्कि सुनियोजित योजना के तहत किया गया फर्जीवाड़ा है। कांग्रेस नेता ने पार्टी के विधि विभाग द्वारा विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान यह टिप्पणी की। "अगर 15-20 सीटें कम होतीं, मोदी प्रधानमंत्री नहीं बन पाते" राहुल गांधी ने आगे कहा कि बीजेपी की बहुमत सरकार इसी गड़बड़ी के कारण बनी है। उन्होंने कहा, "अगर बीजेपी को 15-20 सीटें कम मिलतीं, तो नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनते।" राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी गंभीर सवाल उठाते हुए कहा, "भारत में चुनाव आयोग अब मर चुका है।" उन्होंने आरोप लगाया कि अब यह संस्था स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर रही। "शक 2014 से था, अब सबूत मिल गए" राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें 2014 से ही चुनाव प्रणाली पर शक था, और गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान यह शक और गहराया। उन्होंने कहा, “राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में कांग्रेस को एक भी सीट न मिलना, हैरान करने वाला था। जब भी हम बोले, लोग कहते थे सबूत कहां हैं?” महाराष्ट्र बना टर्निंग पॉइंट राहुल गांधी ने दावा किया कि महाराष्ट्र में उन्हें पहली बार ठोस सुराग मिले। उन्होंने कहा, "लोकसभा में हमने जीत हासिल की, लेकिन चार महीने बाद विधानसभा में हमारी बुरी हार हुई। जब हमने जांच की तो पाया कि लोकसभा और विधानसभा के बीच 1 करोड़ नए वोटर जुड़ गए, जिनमें से अधिकतर वोट बीजेपी को गए। अब मेरे पास कोई शक नहीं कि ये चुनाव गड़बड़ी से प्रभावित था।" राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब इन तथ्यों और दस्तावेजों के आधार पर पूरे देश के सामने यह सच्चाई उजागर करेगी। उन्होंने कहा कि वे इसे कानूनी और राजनीतिक दोनों स्तरों पर उठाएंगे। हम ऐसी धमकियों पर ध्यान नहीं देते: चुनाव आयोग चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मतदाता सूची में फर्जीवाड़ा और चुनावों में धांधली के विस्फोटक आरोपों का तीखा खंडन करते हुए उनके दावों को निराधार और गैरजिम्मेदाराना बताया था. आयोग ने कहा कि जब हम राहुल गांधी को अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए बुलाते हैं तो वह नहीं आते और अब हमारे कर्मचारियों को धमकाने लगे हैं. कांग्रेस नेता के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए चुनाव आयोग ने कहा, 'हम हर दिन लगाए जा रहे ऐसे निराधार आरोपों को नजरअंदाज करते हैं और हर दिन दी जा रही धमकियों के बावजूद, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं. हमने अपने सभी चुनाव अधिकारियों से ऐसे गैरजिम्मेदाराना बयानों पर ध्यान नहीं देने के लिए कहा है.'

चित्रकूट में नौकरानी की मौत का मामला गहराया, पूर्व कांग्रेस नेता की पत्नी पर संगीन आरोप

 सतना चित्रकूट में कांग्रेस के पूर्व विधायक नीलांशु चतुर्वेदी के निवास पर काम करने वाली 24 साल की नौकरानी सुमन की आत्महत्या मामले में पुलिस ने पूर्व विधायक की पत्नी अर्चना चतुर्वेदी पर केस दर्ज किया है। पुलिस ने इस केस में अहम खुलासे किए हैं। मृतका के प्रेमी अरविंद उर्फ रज्जू यादव को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। वहीं पूर्व विधायक की पत्नी अर्चना चतुर्वेदी पर शस्त्र अधिनियम के तहत लापरवाही का केस दर्ज किया गया है। 29 जुलाई को नौकरानी सुमन ने पूर्व कांग्रेस विधायक नीलांशु चतुर्वेदी के घर में मौजूद लाइसेंसी रिवॉल्वर से कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। जांच में पता चला कि यह हथियार अर्चना चतुर्वेदी के नाम पर है और उसे घर में असुरक्षित तरीके से रखा गया था। इस लापरवाही के आधार पर पुलिस ने उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा 30 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि सुमन का प्रेम संबंध अरविंद उर्फ रज्जू यादव से था। अरविंद उर्फ रज्जू यादव दास हनुमान गोशाला में काम करता था। वह उत्तर प्रदेश के बांदा जिले का रहने वाला है। दोनों की नजदीकियां सब्जी दुकान के पास बैठने के दौरान बढ़ीं, जहां सुमन का परिवार दुकान लगाता था। जब सुमन की मां को इस रिश्ते की भनक लगी, तो उन्होंने उसकी शादी कटनी निवासी एक युवक से तय कर दी। इसके बाद सुमन और अरविंद के बीच तनाव गहराता गया। अरविंद लगातार सुमन से संपर्क करने की कोशिश करता रहा और उसे दो बार मोबाइल फोन देकर बातचीत के लिए दबाव बनाया। 28 जुलाई को सुमन की मां ने अरविंद का दिया दूसरा मोबाइल भी जब्त कर लिया। इसके बाद घर में विवाद हुआ और सुमन पर सामाजिक और भावनात्मक दबाव काफी बढ़ गया। मां की सख्ती, प्रेमी का दबाव और तय विवाह की उलझनों के बीच मानसिक तनाव में सुमन ने अगले दिन खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली। साक्ष्यों और कॉल डिटेल्स के आधार पर चित्रकूट पुलिस ने अरविंद की भूमिका की पुष्टि की है। उसके खिलाफ बीएनएस की धारा-108 और 107 के तहत केस दर्ज किया गया है। उसे न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने एक ओर प्रेमी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है, तो दूसरी ओर पूर्व विधायक की पत्नी पर लापरवाही से शस्त्र रखने को लेकर मामला दर्ज कर अलग से जांच कर रही है। पुलिस ने इस मामले की जांच के दौरान युवती सुमन और पूर्व विधायक के घर के कई सदस्यों के फिंगर प्रिंट की जांच कराई थी। गौर करने वाली बात यह कि मृतका की मां ने पुलिस से कहा था कि सुमन को दो माह पूर्व दिमागी बुखार आया था जिससे वह परेशान थी। 

पहली नौकरी के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

आपने परीक्षा, इंटरव्यू आदि तमाम बाधाओं को पार करते हुए अपनी पसंद की नौकरी हासिल कर ली। यह मौका संतुष्ट होकर बैठ जाने का नहीं है, बल्कि आपसे यह अपेक्षा है कि आप पहले ही दिन अपने बॉस व साथियों से अपना लोहा मनवा लें और फिर लगातार स्वयं में सुधार लाते जाएं। अपनी पहली नौकरी में अच्छा काम कर दिखाना सफल करियर बनाने के लिए बहुत जरूरी है। आपको खूब मेहनत करनी होगी। पढ़ाई के दिनों की आदतें छोड़नी होंगीं। यह समझना होगा कि अब आप स्टूडेंट नहीं, प्रोफेशनल हैं। जानिए कि अपनी पहली नौकरी में आपको किन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। टाइम मैनेजमेंट इस बात का खास ध्यान रखें कि आप तय समय से कुछ पहले ऑफिस पहुंच जाएं। कॉलेज में पहला पीरियड निकल जाने के बाद पहुंचना चल जाता था लेकिन ऑफिस में यह रवैया नहीं चल सकता। स्कूल-कॉलेज में साल के अंत में आपको परीक्षा देनी होती थी मगर यहां आपको रोज-रोज परीक्षा देनी है और उसमें पास भी होना है। तय समय से पहले ऑफिस न छोड़ें। जो भी काम आपको सौंपा गया है, उसे समय-सीमा के अंदर पूरा कर दें। इसके लिए टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है। ऑफिस का माहौल जानें हर ऑफिस का अपना खास माहौल, अपनी खास संस्कृति होती है। पहले दिन से ही इसका अध्ययन कर इसे समझने की कोशिश करें। यह देखें कि क्या कर्मचारी कैजुअल कपड़े पहनकर आते हैं या फिर फॉर्मल। यह भी कि वे ईमेल के जरिये संवाद करते हैं या रूबरू मिलकर। कुछ काम बच जाए, तो उसे घर से करने का चलन है या नहीं…। जानें आपसे क्या चाहा गया है आपको स्वयं पहल करके अपने बॉस के साथ बातचीत करनी होगी। उनसे जानें कि आपकी जिम्मेदारियां ठीक-ठीक क्या हैं। यह भी कि कंपनी के लक्ष्यों को पाने की प्रक्रिया में आप कहां ठहरते हैं। अच्छे दिखें फर्स्ट इंप्रेशन का अहम पहलू यह है कि आप दिखते कैसे हैं। स्मार्ट और प्रोफेशनल तरीके से कपड़े पहनें। साफ-सफाई का ध्यान रखें। आपके कपड़े आरामदायक होने चाहिए, जिनमें आप पूरा दिन काम करते हुए बिता सकें। सुनें, देखें आपको लग सकता है कि आप बहुत कुछ जानते हैं और आपके आइडिया के दम पर कंपनी का बहुत फायदा हो सकता है लेकिन यह मत भूलिए कि कंपनी में अन्य लोग आपसे बहुत पहले से काम करते आ रहे हैं। उनके पास अनुभव है। इसलिए बिन मांगे अपने सुझाव न दें, खास तौर पर डींगें हांकने वाले अंदाज में तो कतई नहीं। शुरूआत में बेहतर यही होगा कि आप दूसरों की सुनें, उनके काम को देखें। जब पूछा जाए, तो ही अपनी राय दें और वह भी विनम्रता से। यदि कोई बात समझ में न आ रही हो, तो सवाल पूछने में झिझकें नहीं। कंपनी जानती है कि आप फ्रेशर हैं। कोई यह उम्मीद नहीं कर रहा कि आपको सब कुछ आता है। सो आपका सवाल पूछना सामान्य ही माना जाएगा। इससे यह समझा जाएगा कि आपमें काम सीखने की लगन है। तमीज का रहे ध्यान भले ही ऑफिस का माहौल अनौपचारिक हो लेकिन किसी साथी की सैलरी के बारे में पूछना अच्छा नहीं माना जाएगा। इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि आप क्या बोलते हैं और किससे बोलते हैं। किसी साथी से अनबन की स्थिति आ जाए, तो भी दूसरों से सामने उसकी बुराई कतई न करें। राजनीति से दूर रहें लगभग हर दफ्तर में ऑफिस पॉलिटिक्स होती ही है। नए रंगरूट के तौर पर आप इससे जितना दूर रहें, उतना ही अच्छा है। आप नहीं जानते कि कौन किस खेमे में है। आपको नहीं पता कि किसको कही गई बात किस तक पहुंच सकती है। कोई बॉस की बुराई करके आपको भी ऐसा करने के लिए उकसा सकता है। ऐसे में सबकी सुन लें लेकिन किसी के बहकावे में न आएं। अपने काम से काम रखें। अपना आकलन करें पहला महीना खत्म होने पर अपने इमिडिएट बॉस से पूछें कि आपका काम उन्हें कैसा लग रहा है और आपको स्वयं में क्या बदलाव लाने की जरूरत है। स्वयं में सुधार लाने की प्रक्रिया कभी बंद न होने दें।  

करोड़ों का करियर छोड़ रचा इतिहास, दीपक को मिला संवाद लेखन का राष्ट्रीय पुरस्कार

बलौदाबाजार छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा के दीपक किंगरानी को साल 2023 के लिये राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में उन्हें सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन का पुरस्कार मिला है। उनकी इस उपलब्धि से पूरे प्रदेश का मान बढ़ा है। मनोरंजन जगत में हर्ष की लहर है। छोटे से कस्बे भाटापारा से ताल्लुक रखने वाले दीपक मानते हैं कि सिनेमा सीखने का सबसे सही तरीका है, अच्छा सिनेमा देखना। उनकी लिखी फिल्म ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ इन पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार की दौड़ में शामिल रही। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके सिनेमा में अपनी किस्मत आजमाने मुंबई पहुंचे दीपक किंगरानी ने लंबे संघर्ष के बाद सफलता देखी है और इसके लिए वह उन सबका एहसान मानते हैं जिन्होंने उनके सपने को साकार किया। उनकी लिखी फिल्म ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ साल 2023 की रिलीज हिंदी फिल्मों में सबसे अच्छी फिल्म मानी गई थी।  राष्ट्रीय फिल्म जीत चुके हैं दीपक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुके दीपक किंगरानी ने कहीं से भी स्क्रिप्ट राइटिंग जैसा कोई कोर्स नहीं किया है। उन्होंने 27 मई 2023 को अमर उजाला में दिये अपने साक्षात्कार में कहा था कि तमाम अंग्रेजी फिल्मों की पटकथाओं ने मेरी मदद की। भारत में अभी इसकी अधिक उपलब्धता नहीं है लेकिन विदेश में रिलीज हो चुकी फिल्मों की पटकथाएं आसानी से मिल जाती हैं, तो पहले मैं एक फिल्म देखता था। फिर उस फिल्म को दोबारा देखता था, उसकी पटकथा को अपने लैपटॉप पर खोलकर। मैं दोनों चीजें समझता और ये समझता कि किसी दृश्य को जमाने, उसे आगे बढ़ाने और फिर एक दृश्य से दूसरे दृश्य तक जाने का खास बिंदु क्या होगा। बस, मैंने पटकथा लेखन ऐसे ही सीखा, मैं कभी किसी फिल्म स्कूल नहीं गया।” शौक के लिये छोड़ी थी लाखों पैकेज की नौकरी भाटापारा और रायपुर से स्कूल और ग्वालियर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले दीपक को सिनेमा का शौक शुरू से ही रहा है। सिनेमा कैसे बनता है, इसमें उनकी दिलचस्पी इंजीनियरिंग की पढ़ाई ने जगाई। इंजीनियरिंग करने के बाद वो लंबे समय तक नौकरी के सिलसिले में विदेश में रहे। हिंदी सिनेमा के वरिष्ठ लेखक हबीब खान ने उनके लेखन पर भरोसा जताया। इसके अलावा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश से आने वालों के लिए रूमी जाफरी हमेशा एक लाइट हाउस की तरह रहे हैं। उनसे वो खूब मिलते रहते थे। वह किंगरानी की कहानियां सुनते और उनका हौसला बढ़ाते रहते थे। अनीस बज्मी ने भी उनके संघर्ष के दिनों में उनकी हिम्मत बनाए रखी।  स्पेशल ऑप्स’ ने दी सही दिशा 7 नवंबर 1982 को भाटापारा में जन्में दीपक किंगरानी अमरीकन कंपनी में लाखों के पैकेज की नौकरी छोड़कर मुंबई चले गये और मशहूर पटकथा लेखक बने। उन्हें हॉटस्टार स्पेशल जासूसी थ्रिलर सीरीज,  कोर्ट रूम ड्रामा, सिर्फ एक बंदा काफी है (2023), वेब सीरीज ‘स्पेशल ऑप्स’(2020)  मिशन रानीगंज 2023,  भैया जी 2024  लिखी है। बतौर संवाद लेखक उनकी पहली फिल्म ‘वॉर छोड़ ना यार’ 2013, पागलपंती (2019) रिलीज हुई थी ।  हालांकि ‘स्पेशल ऑप्स’ ने उन्हें एक सही दिशा दी।  ट्रस्ट का बिजनेस है फिल्म इंडस्ट्री दीपक कहते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री ट्रस्ट का बिजनेस है। जब तक आपने कुछ लिखा नहीं है, तब तक कोई भरोसा नहीं करता। हर डायरेक्टर-प्रोड्यूसर रोजाना कई कहानियां सुनते हैं, ऐसे में आपको खुद को साबित करना होता है। शुरुआत में सबसे जरूरी है लगातार लिखते रहना। लोगों से मिलते रहना और अपने विचार साझा करते रहना।   

एआर रहमान के भतीजे जीवी प्रकाश को मिला दूसरा नेशनल अवॉर्ड, संगीतकार ने दी बधाई

चेन्नई, ऑस्कर विनर म्यूजिशियन ए.आर. रहमान ने म्यूजिक डायरेक्टर जी.वी. प्रकाश को उनके दूसरे नेशनल अवॉर्ड के लिए बधाई दी है। ये अवॉर्ड उन्हें फिल्म वाथी के लिए मिला है। बधाई देने वालों में सुधा कोंगरा और अन्य फिल्मी सितारे भी शामिल हैं। ए. आर. रहमान (जो म्यूजिक डायरेक्टर जी.वी. प्रकाश के अंकल भी हैं) ने एक्स अकाउंट से उन्हें बधाई दी। रहमान ने यहां लिखा-“बधाई हो जी.वी. प्रकाश, आपको और अवॉर्ड मिलें ऐसी मैं कामना करता हूं।’’ इसके जवाब में संगीतकार-अभिनेता जी.वी प्रकाश ने लिखा- आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सर। मजेदार बात ये है कि म्यूजिक डायरेक्टर बनने से पहले जी.वी. प्रकाश रहमान के दिशा निर्देशन में काम कर चुके हैं। एक इंटरव्यू में रहमान ने कहा था कि वो उनके भतीजे हैं फिर भी वो रहमान को सर ही बुलाते हैं। इससे पहले जी.वी. प्रकाश ने नेशनल अवॉर्ड जीतने के बाद एक बयान जारी किया है। इसमें उन्होंने लिखा-”ये आशीर्वाद है जो मुझे दूसरी बार मिला है। मैं इसे पाकर बहुत ही खुश हूं और कृतज्ञ हूं कि मुझे 71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड में बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर फिल्म वाथी के लिए दिया गया। जूरी और सेलेक्शन कमेटी का तहे दिल से शुक्रिया। इस सफर का हिस्सा बनने के लिए वाथी की पूरी टीम को धन्यवाद ।” उन्होंने स्टार धनुष को भी बधाई दी। लिखा- “मेरे भाई धनुष को खासतौर पर धन्यवाद जिन्होंने मुझे इस फिल्म के लिए चुना। हम लगातार ‘पोल्लावधान’ से लेकर ‘असुरन’ तक और ‘इडली कडाई’ तक में साथ काम करते आए हैं, इसने हम दोनों की रचनात्मकता को निखारकर हमें इनाम दिया है। मेरे डायरेक्टर वेंकी अल्तूरी को बहुत बड़ा धन्यवाद जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया और मुझे इस फिल्म में अपना बेस्ट म्यूजिक देने के लिए प्रेरित किया।” उन्होंने आगे लिखा- “’वाथी’ से लेकर ‘लकी भास्कर’ तक और अब नए प्रोजेक्ट के लिए धन्यवाद वेंकी। आपने मुझे पर लगातार भरोसा जताया और मेरे सफर में ब्लॉकबस्टर पल लेकर आए। हमारे ऊपर भरोसा करने और हमें ये मौका देने के लिए हमारे प्रोड्यूसर्स नागावामसी और त्रिविक्रम को भी धन्यवाद।” उन्होंने अंत में अपनी फैमिली, फ्रेंड्स, गीतकारों और पूरी टीम को भी धन्यवाद कहा।  

रूस से तेल पर भारत अडिग, टैरिफ वॉर के बीच ट्रंप को मिला करारा जवाब

नई दिल्ली भारत ने अमेरिका की टैरिफ वाली कार्रवाईयों को नजरअंदाज करते हुए अपने पुराने और भरोसेमंद सहयोगी रूस से तेल की खरीद जारी रखने का फैसला किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारत की तेल रिफाइनरियां रूसी कंपनियों से तेल प्राप्त करना जारी रखे हुए हैं। उनके आपूर्ति संबंधी निर्णय कीमत, कच्चे तेल की गुणवत्ता, भंडार, रसद और अन्य आर्थिक कारकों पर निर्भर होते हैं। सूत्रों के अनुसार, रूसी तेल पर कभी कोई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। इसके बजाय, G7 और यूरोपीय संघ (EU) द्वारा एक मूल्य सीमा व्यवस्था लागू की गई थी ताकि रूस की आय को सीमित करते हुए वैश्विक आपूर्ति को जारी रखा जा सके। भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने इस फ्रेमवर्क के तहत 60 डॉलर प्रति बैरल की अधिकतम सीमा का सख्ती से पालन किया है। अब EU ने इसे घटाकर 47.6 डॉलर प्रति बैरल करने की सिफारिश की है, जिसे सितंबर से लागू किया जाएगा। भारत ने वैश्विक तेल संकट को टाला मार्च 2022 में जब रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में अफरातफरी मची थी, तब ब्रेंट क्रूड की कीमतें 137 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थीं। इसी दौरान भारत ने रणनीतिक निर्णय लेते हुए रियायती रूसी कच्चे तेल की खरीद शुरू की, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में संतुलन बना रहा और महंगाई को काबू में रखने में मदद मिली। सूत्रों के अनुसार, अगर भारत ने रूसी तेल न खरीदा होता और OPEC+ देशों की उत्पादन कटौती (5.86 mb/d) भी जारी रहती, तो तेल की कीमतें 137 डॉलर से भी ऊपर जा सकती थीं। इससे वैश्विक स्तर पर महंगाई और ऊर्जा संकट और गहरा जाता। भारत ने सिर्फ अपने ऊर्जा हितों की रक्षा नहीं की बल्कि वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति को सुचारू बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाई। इस दौरान भारत ने ईरान और वेनेज़ुएला जैसे उन देशों से तेल नहीं खरीदा, जिन पर वास्तव में अमेरिका के प्रतिबंध लागू हैं।

अखिलेश यादव का बीजेपी पर वार – ‘शिक्षा से दुश्मनी कर रही है सरकार’

लखनऊ सपा प्रमुख अखिलेश यादव स्कूलों के मर्जर को लेकर भाजपा सरकार पर लगातार हमलावर है. अखिलेश यादव ने शुक्रवार को करारा हमला बोला था. अखिलेश यादव ने कहा था कि शिक्षा का अधिकार अखंड होता है और रहेगा. प्राइमरी स्कूलों को बंद करने जा रही भाजपा सरकार का नया फरमान उसकी शिक्षा विरोधी नीति की नैतिक हार है. यह पीडीए पाठशाला आंदोलन की महाजीत है. अब अखिलेश ने एक बार फिर से भाजपा पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा है कि ‘उत्तर प्रदेश की जनता समझ गई है कि स्कूल बंद करना दरअसल पीडीए समाज के खिलाफ भाजपा की एक बहुत बड़ी साजिश है. जिससे एकतरफ पीडीए समाज के लोग पढ़ न पाएं और मानसिक रूप से भाजपा का विरोध न कर पाएं, दूसरी तरफ इन स्कूलों में बनने वाले बूथ न बन पाएं. जिससे पीडीए समाज वोट न डाल सके. भाजपा का ये सामाजिक-मानसिक और राजनीतिक षड्यंत्र हम कभी सफल नहीं होने देंगे. भाजपा जाए तो शिक्षा आए.’ बता दें कि अखिलेश यादव पहले भी कह चुके हैं कि भाजपा चाहती है कि गरीब, पिछड़े, दलित शिक्षा से दूर रहें. अगर वे पढ़ लिख जाएंगे तो भाजपा की गलत नीतियों का विरोध करेंगे और सवाल पूछेंगे. भाजपा सवालों से डरती है. लोगों को शिक्षित करने के बजाय उन्हें अशिक्षित बनाए रखना चाहती है.

मंगलमय हनुमानजी करते हैं मंगल दोष को दूर

मंगल दोष के प्रभाव स्वरूप घर में बिजली का सामान जल्दी जल्दी खराब होने लगता है, रक्त सम्बंधित बीमारियां होने लगती हैं। मंगल दोष से पीड़ित व्यक्ति में धैर्य की कमी होती है। यह आजमाएं:- -मंगल दोष से पीड़ित जातक को छोटे भाई बहनों का ख्याल रखना चाहिए। -मंगलवार के दिन हनुमानजी के चरण से सिन्दूर ले कर उसका टीका माथे पर लगाना चाहिए। -बंदरों को गुड़ और चने खिलाने चाहिए। -अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे या वृक्ष लगाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए। यह बहुत गलत और दोषपूर्ण भ्रान्ति या अवधारणा में प्रचलित है। की 28 वें वर्ष के बाद मांगलिक दोष नहीं रहता। ग्रहों का सेनापति मंगलदेव 28 वें वर्ष में अपना शुभ फल प्रदान करता है यह सत्य है किन्तु अपनी दशा अन्तर्दशा, प्रत्यंतर दशा या गोचर में कभी भी अपना अशुभ फल प्रगट कर सकता है। अतः 28 वें वर्ष के बाद मांगलिक दोष की समाप्ति या निवृति कभी नहीं होती। व्यर्थ की बातों या अफवाओं पर ध्यान ना देवें। मंगल दोष निवारण हेतु उपाय स्वरूप लाल वस्त्र ले कर उसमें दो मुठ्ठी मसूर की दाल बांधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करनी चाहिए और साथ ही समयानुसार उज्जैन आकर अंगारेश्वर महादेव पर गुलाल पूजन और भात पूजन करवानी चाहिए। मंगल दोष होने पर ये न करें:- -यदि कुंडली में आपका मंगल पीड़ित है तो आपको क्रोध नहीं करना चाहिए। -अपने आप पर नियंत्रण नहीं खोना चाहिए। -मंगल दोष से पीड़ित को किसी भी चीज में जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए और भौतिकता में लिप्त नहीं होना चाहिए। क्या आप मंगल दोष से प्रभावित है? यदि सोते समय आपकी आंखे थोड़ी थोड़ी खुली रहती है या आपका मुंह सोते वक्त खुला रहता है। सामने की तरफ सीधा देखने पर भी आंख का हीरा या कोर्निया थोड़ा उपर की तरफ हो या आंख के हिरे या कोर्निया की नीचे की सफेदी दिखती हो तो इसका मतलब आप मंगलीक है। ऐसे लोगो का मंगल कुंडली में 2, 4, 7, और 8 या 12वें घर में होता है। जिनका मंगल पीड़ित है उन्हें मंगलवार के दिन व्रत करना चाहिए और ब्राह्मण अथवा किसी गरीब व्यक्ति को भर पेट भोजन कराना चाहिए। मंगल दोष या मंगल पीड़ित जातक को उज्जैन आकर अंगारेश्वर महादेव पर भात पूजन, गुलाल और गुलाब पूजन से विशेष अभिषेक पूजन करवाना चाहिए, तत्काल चमत्कारिक परिणाम मिलते हैं। इसके साथ ही मंगल पीड़ित व्यक्ति के लिए प्रतिदिन 10 से 15 मिनट ध्यान करना उत्तम रहता है। मंगल दोष से पीड़ित व्यक्ति जब भी अपना घर बनवाये तो उसे घर में लाल पत्थर अवश्य लगवाना चाहिए।  

मतदाता सूची कार्य में जुटे कर्मचारियों को राहत, ECI ने बढ़ाया मानदेय

नई दिल्ली बिहार में चल रहे वोटर लिस्ट रिवीजन के बीच चुनाव आयोग ने बीएलओ समेत अन्य कर्मियों के मानदेय में दोगुना तक की बढ़ोतरी की है। बूथ लेवल पदाधिकारी (बीएलओ) को अब 6000 के बजाय 12000 रुपये मानदेय मिलेगा। वहीं, वोटर लिस्ट रिवीजन के काम के लिए उन्हें अलग से 6000 रुपये का विशेष भत्ता भी मिलता रहेगा। बीएलओ सुपरवाइजर के मानदेय को भी 12 हजार रुपये से बढ़ाकर 18 हजार रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा वरीय अधिकारियों जैसे एईआरओ और ईआरओ को भी चुनाव आयोग भत्ता देगा। रिवीजन के काम के लिए जो बीएलओ को 1 हजार रुपये का अतिरिक्त मानदेय मिलता था, चुनाव आयोग ने उसे भी बढ़ाकर 2000 रुपये कर दिया है। इसके अलावा निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ईआरओ) को 30 हजार रुपये और सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (एईआरओ) को 25 हजार रुपए का मानदेय देने का निर्णय लिया गया है। इन्हें अब तक कोई भत्ता या मानदेय नहीं मिल रहा था। शनिवार को आयोग ने इस संबंध में दिए गए आदेश की जानकारी दी। बता दें कि बीते 10 सालों से बीएलओ और सुपरवाइजर के मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी। नया मानदेय देश भर में लागू होगा। बिहार से शुरू हुआ वोटर लिस्ट रिवीजन का काम अन्य राज्यों में भी होगा, इसे देखते हुए आयोग ने यह फैसला लिया है। बिहार में बीएलओ को कुल 24 हजार मिलेंगे बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे वोटर लिस्ट रिवीजन के दौरान बीएलओ को कुल 24 हजार का मानदेय मिलेगा। चुनाव आयोग की ओर से 12000 मानदेय के साथ मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए अलग से 6000 रुपये विशेष भत्ता भी दिया जा रहा है। वहीं, बिहार की नीतीश सरकार ने भी पिछले महीने बीएलओ को एकमुश्त 6000 रुपये की राशि देने का ऐलान किया था। इस तरह बीएलओ को कुल 24 हजार मिलेंगे।

शाहरूख, मैसी सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, रानी मुखर्जी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार

नई दिल्ली,  किंग खान के नाम से मशहूर शाहरूख खान और अभिनेता विक्रांत मैसी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता तथा रानी मुखर्जी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। राजधानी दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में शुक्रवार को 71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स की घोषणा की गई। शाहरुख खान और विक्रांत मैसी को संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया है। शाहरुख को उनकी फिल्म 'जवान' और विक्रांत को '12वीं फेल' के लिए अवॉर्ड मिला है। रानी मुखर्जी को फिल्म मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। फिल्म ‘कटहल’ को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म के लिये चुना गया है। करण जौहर की ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ को संपूर्ण मनोरंजन के लिए सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। विधु विनोद चोपड़ा निर्देशित ‘12वीं फेल’ को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म चुना गया, जबकि ‘द केरला स्टोरी’ के लिए सुदीप्तो सेन ने सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का अवॉर्ड अपने नाम किया। सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों को बढ़ावा देने वाली सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार दिया गया। ‘सैम बहादुर’ को वेशभूषा और मेकअप के लिए भी सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी का पुरस्कार रॉकी और रॉनी की प्रेम कहानी (हिंदी) के लिये कोरियोग्राफर वैभवी मचेंट को मिला। फ्लॉवरिंग मैन को सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म का पुरस्कार; गॉड वल्चर एंड ह्यूमन को सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र का पुरस्कार मिला। विजयराघवन और मुथुपेट्टई सोमू भास्कर ने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता तथा उर्वशी और जानकी बोडीवाला ने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार जीता। हनु-मान को (एनिमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक) में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिला। सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म का पुरस्कार गिद्ध द स्कैवेंजर को मिला। इससे पूर्व 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के निर्णायक मंडल ने आज वर्ष 2023 के विजेताओं की घोषणा की। इस घोषणा से पहले, फीचर फिल्म निर्णायक मंडल के अध्यक्ष आशुतोष गोवारिकर, गैर-फीचर फिल्म निर्णायक मंडल के अध्यक्ष श्री पी. शेषाद्रि, संयुक्त सचिव (फिल्म्स) डॉ. अजय नागभूषण एमएन ने वर्ष 2023 के 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के विजेताओं की सूची प्रस्तुत की। इस अवसर पर पीआईबी की महानिदेशक सुश्री मट्टू जे पी सिंह भी उपस्थित थीं। इस वर्ष पुरस्कारों के लिए कुल 332 फीचर फिल्म प्रविष्टियाँ, 115 गैर-फीचर फिल्म प्रविष्टियाँ, 27 पुस्तक प्रविष्टियाँ और 16 समीक्षक प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं।