News Aazad Bharat

CIMS में अस्वच्छ भोजन पर बवाल, कोर्ट ने मांगा डीन का स्पष्टीकरण

 बिलासपुर  बिलासपुर के मेडिकल कालेज सिम्स के रेजिडेंट डॉक्टर व भविष्य के डॉक्टर का खाना प्रतिबंधित पालीथीन पैकेट में अस्वच्छ जगह में रखे जाने की खबर पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है. मामले में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने मामले में डीन से जवाब तलब किया है. दरअसल, मीडिया में आई खबरों में बताया गया, कि सिम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों और एमबीबीएस छात्रों, जो सिम्स में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं, उनके लिए लाए जाने वाले खाद्य पदार्थों को पॉलीथीन बैग में बाहर रखा जाता है और वह भी अस्वच्छ स्थिति में. हाईकोर्ट ने इस मामले को संज्ञान में लेकर सुनवाई की. डीलीवरी बॉय का हॉस्टल में प्रवेश बैन, पार्किंग शेड में छोड़ते हैं पैकेट्स खबरों के मुताबिक प्रत्येक खाद्य पैकेट में एक चिट होती है जिस पर संबंधित रेजिडेंट डॉक्टर/छात्र का नाम लिखा होता है. उक्त खाद्य पैकेट बाहर इसलिए रखे जाते हैं क्योंकि डिलीवरी बॉय को हॉस्टल परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. हालांकि CIMS में पढ़ने वाले छात्रों के लिए मेस में खाने की व्यवस्था है, लेकिन ज़्यादातर छात्र बाहर से खाना मंगवाना पसंद करते हैं, जो लोग बाहर से खाना पहुंचाते हैं. उन्हें हॉस्टल परिसर में आने की अनुमति नहीं है, इसलिए खाने के पैकेट हॉस्टल के बाहर बने वाहन पार्किंग शेड में छोड़कर चले जाते है. सिम्स के मेस में रोज़ाना खाना बनता है, लेकिन खाने की गुणवत्ता घटिया पाए जाने के बाद ज्यादातर स्टूडेंट्स बाहर से खाना मंगाकर खाते हैं. सिम्स के मुख्य वार्डन के मुताबिक मेस का संचालन सिम्स प्रबंधन द्वारा नहीं किया जा रहा है, बल्कि एक समिति गठित की गई है. रेजिडेंट डॉक्टर और एमबीबीएस छात्र CIMS के मेस/हॉस्टल में उपलब्ध कराए जा रहे भोजन को ले सकते हैं. मामले को लेकर सिम्स बिलासपुर के डीन अगली सुनवाई से पहले अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने कहा गया है. जिसमें यह बताया जाएगा कि इस संबंध में क्या वैकल्पिक व्यवस्थाएँ की गई हैं.

टेमपर-प्रूफ नंबर प्लेट अनिवार्य, अब वाहन मालिकों को हाई-सिक्योरिटी प्लेट लगवाने का सख्त अभियान

भोपाल प्रदेश के पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) अनिवार्य रूप से लगाए जाने के लिए विशेष अभियान चलाया जायेगा। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को इस आशय के आदेश दिये है। प्रदेश में एक अप्रैल 2019 के बाद पंजीकृत वाहनों में एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाई जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए है। केन्द्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राज्यमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना 4 दिसम्बर 2018 के अनुसार एक अप्रैल 2019 के बाद सभी पंजीकृत वाहनों में एचएसआरपी प्लेट लगाई जाना अनिवार्य है। वाहन पोर्टल में डाटा अपडेट करने के काम में तेजी लाई जा रही है। परिवहन विभाग ने परिवहन आयुक्त को इस कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए है। प्रदेश भर में दल गठित कर संबंधित वाहन डीलर के माध्यम से एनआईसी वाहन पोर्टल पर अद्यतन स्थिति दर्ज की जायेगी। इसके लिये एक विशेष अभियान चलाया जायेगा। तीन माह में हो नम्बर प्लेट बदलने का कार्य परिवहन विभाग ने एचएसआरपी प्लेट बदलने का कार्य आगामी 3 माह में पूर्ण करने के निर्देश जिला परिवहन अधिकारियों को दिए है। निर्देश में कहा गया है कि अपने जिले के समस्त डीलरों से निरंतर सम्पर्क में रहते हुए वाहनों में एचएसआरपी नम्बर प्लेट लगाई जाए। जिन वाहनों में एचएसआरपी नहीं है उन्हें पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सेंटर द्वारा प्रमाण पत्र, डुप्लीकेट पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी) जारी करने, पंजीकरण प्रमाण पत्र में पता बदलना, शुल्क देकर आरसी विवरण देखना संभव नहीं हो सकेगा। साथ ही वाहनों के स्वामित्व बदलने, हाइपोथिकेशन जोड़ना और हटाना, नवीन-डुप्लीकेट परमिट जारी करना, परमिट का हस्तांतरण और नवीनीकरण, कराधान प्राधिकार के साथ अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करना और वाहन का पंजीयन निरस्तीकरण करना संभव नहीं हो सकेगा। निर्देश में कहा गया है कि वाहन की स्थाई-अस्थायी अनुज्ञाएं जारी करने, डुप्लीकेट फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने, वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करना, वाहनों के पंजीयन नवीनीकरण करने के साथ ही वाहन पोर्टल के माध्यम से दी जाने वाली सभी सुविधाएं मोटर मालिकों को नहीं मिल सकेंगी। परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि एचएसआरपी नंबर प्लेट होने से इन्फोर्समेंट के तहत लगाए गए कैमरे में दर्ज हो पायेंगी। इससे रोड सेफ्टी का भी पालन हो पायेगा। जिला परिवहन अधिकारियों को इस कार्य की नियमित मॉनिटरिंग के लिये भी कहा गया है।  

MPESB शिक्षक भर्ती में राहत: अब 25 अगस्त तक भर सकेंगे फॉर्म, 13,000 से ज्यादा पदों पर मौका

भोपाल  मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (MPESB) ने प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती के लिए चल रही आवेदन प्रक्रिया की अंतिम तिथि को 6 अगस्त से बढ़ाकर अब 25 अगस्त 2025 कर दिया है। ऐसे में जिन अभ्यर्थियों ने अभी तक आवेदन नहीं किया है, उनके पास अब सुनहरा मौका है।इस भर्ती अभियान के तहत कुल 13,089 पदों को भरा जाएगा, जिनमें स्कूल शिक्षा विभाग के 10,150 पद और जनजातीय कार्य विभाग के 2,939 पद शामिल हैं। आवेदन की प्रमुख तिथियां प्रक्रिया                                             तिथि ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ              18 जुलाई 2025 अंतिम तिथि (बढ़ाई गई)              25 अगस्त 2025 आवेदन सुधार की अंतिम तिथि     26 अगस्त 2025 संभावित परीक्षा तिथि            31 अगस्त 2025 (हो सकती है स्थगित) क्या परीक्षा टल सकती है? एमपीईएसबी ने अभी तक परीक्षा की संभावित तिथि 31 अगस्त 2025 तय की है, लेकिन आवेदन तिथि बढ़ने के कारण परीक्षा की तिथि आगे खिसकना लगभग तय माना जा रहा है। नई तारीखों की घोषणा जल्द ही की जा सकती है। योग्यता और पात्रता: कौन कर सकता है आवेदन?     केवल वे अभ्यर्थी आवेदन के पात्र होंगे जिन्होंने MPESB द्वारा आयोजित प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 या 2024 को निर्धारित अंकों के साथ पास किया हो।     आवेदक के पास D.El.Ed (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) की डिग्री होना अनिवार्य है।     B.Ed धारकों को इस भर्ती प्रक्रिया में पात्र नहीं माना गया है।     अभ्यर्थियों को केवल एक ही फॉर्म भरना होगा, चाहे वे किसी भी विभाग के लिए आवेदन कर रहे हों।  

सड़क दुर्घटना में घायल तो घबराएं नहीं, अस्पताल करेगा फौरन इलाज, खर्च उठाएगा प्रशासन

भोपाल  सड़क दुर्घटना में घायल (road accident patients) व्यक्ति को तत्काल अस्पताल को उपचार देना होगा फिर भले ही पीड़ित की ओर से राशि जमा हुई हो या नहीं। उपचार शुल्क जमा होने या परिजनों के आने के इंतजार में अस्पताल पीड़ित का इलाज करने से इंकार नहीं कर सकता है। घायल के उपचार के एवज में उज्जैन कलेक्टर डेढ़ लाख रुपए तक अस्पताल को स्वीकृत कर सकेंगे।  कलेक्टर ने बुलाई बैठक सडक़ हादसे में घायलों की जान उपचार की कमी से न जाए, इसके लिए शासन ने दो महत्वपूर्ण योजना नकद रहित उपचार और राहवीर योजना शुरु की है। जीवन रक्षक उक्त योजनाओं के क्रियान्वयन और प्रचार-प्रसार के लिए शुक्रवार को कलेक्टर रौशनकुमार सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा ने स्वास्थ्य व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। कलेक्टर ने आपात स्थिति, ट्रॉमा सेंटर, एम्बुलेंस सेवा 108 के संचालकों, डायल 100 सेवा में कार्य करने वाले कर्मचारियों को संवेदनशीलता से कार्य करने और उक्त कार्य करने वाले कर्मचारियों को राहवीर योजना संबंधित जागरुक करने के निर्देश दिए। बैठक में सीएमएचओ डॉ. अशोक कुमार पटेल, आरटीओ संतोष मालवीय, सभी बीएमओ, निजी चिकित्सालयों के प्रबंधक मौजूद थे। ई-डार पोर्टल से संचालित होती है योजना ई-डार पोर्टल बनाया गया है। इस पर सभी आवश्यक जानकारियां अपलोड करना होती है। कलेक्टर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को सभी अस्पतालों की ई-डार पोर्टल की लॉग इन आईडी निर्मित बनाने, साथ ही पोर्टल के उपयोग के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला करने के निर्देश दिए।   राहबीर योजना इसका उद्देश्य सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को गोल्डन ऑवर (पहले 1 घंटे) में तुरंत अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाने वाले सज्जन नागरिकों को प्रोत्साहन राशि 25 हजार रुपए व प्रशंसा पत्र प्रदान करना है। योजना अंतर्गत टॉप 10 राहवीरों को राष्ट्रीय स्तर पर 1 लाख रुपए, इनाम, ट्रॉफी और प्रमाण पत्र से भी सम्मानित किया जाएगा।  नकदरहित उपचार इसका उद्देश्य सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को तुरंत और नकदरहित (कैशलेस) इलाज की सुविधा, गंभीर घायलों को शुरुआती गोल्डन ऑवर के दौरान समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। योजना में प्रारंभिक उपचार के लिए 1.5 लाख रुपए तक की राशि का नकदरहित उपचार प्रदान किया जाएगा। तत्काल इलाज के लिए दस्तावेज जरुरी नहीं।

स्वतंत्रता दिवस पर ‘हर घर तिरंगा’ की धूम, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 2 से 15 अगस्त तक कार्यक्रम

गौरेला पेंड्रा मरवाही भारतीय ध्वज तिरंगा राष्ट्र का प्रतीक है। इस 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर "हर घर तिरंगा" कार्यक्रम का आयोजन तीन चरणों में 2 से 15 अगस्त तक जाना है। प्रथम चरण 2 से 8 अगस्त, द्वितीय चरण 9 से 12 अगस्त और तृतीय चरण 13 से 15 अगस्त 2025 तक किया जाना है, जो "हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग थीम पर आधारित होगा। इसके अंतर्गत सभी भारतीय नागरिकों को राष्ट्रीय ध्वज अपने घर पर फहराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि आमजन में देश भक्ति की भावना विकसित हो तथा राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान में वृद्धि हो।           हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता कार्यक्रम अंतर्गत विभिन्न गतिविधिया संचालित करने के लिए संस्कृति विभाग द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी किया गया है। निर्देश में कहा गया है कि जिले के अन्तर्गत सार्वजनिक उपक्रमों, स्व-सहायता समूहों, सामाजिक संगठनों आदि के समस्त कर्मचारियों एवं उनके परिवार की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें। कार्पोरेट और निजी संगठनों को भी सीएसआर संसाधनों सहित भाग लेने और योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करना। राज्य सरकार की वेबसाइटों और सोशल मीडिया का उपयोग कर जागरूकता का निर्माण करें तथा "हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग" आयोजित कार्यक्रम को वेबसाइट https://harghartiranga.com/ के माध्यम से लिंक करें। शासन स्तर पर मॉनिटरिंग कर ग्राम सरपंचों एवं नगरीय निकाय के अन्य सदस्य एवं पदाधिकारियों की सहभागिता सुनिश्चित कर तिरंगा कोड को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त तिरंगा की मांग अनुसार व्यवस्था सुनिश्चित करें। शासकीय स्तर पर प्रत्येक गाँव में तिरंगा वितरण और बिक्री केन्द्र स्थापित करें। स्थानीय स्व-सहायता समूहों को तिरंगा के निर्माण के लिए प्रोत्साहित करें। ग्राम पंचायतों द्वारा बड़े पैमाने पर समूह में खरीदी को प्रोत्साहित करें। राज्य के सभी जिलों में तिरंगा के वितरक, बिक्री केन्द्र के रूप में पोस्ट आफिस, उचित मूल्य की दुकान का विशाल नेटवर्क स्थापित करें। टोल नाका, चेक पोस्ट आदि में पैम्पलेट स्टीकर वितरण सुनिश्चित करें।         भारत सरकार द्वारा  चरणबद्ध दिए गए गतिविधियों जैसे समस्त शासकीय भवनों एवं संस्थानों आवासीय भवनों में तिरंगा लाईटिंग, रंगोली, सेल्फी जोन एवं तिरंगा फहराना एवं पैम्पलेट, बैनर स्टेडिज आदि के माध्यम से "हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग" कार्यक्रम को सफल बनाने स्थानीय भाषाओं में प्रमुखता से प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें। "हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग" कार्यक्रम अंतर्गत सतत् मॉनिटरिंग के लिए भारत सरकार एवं शासन के दिशा निर्देश अनुरूप अपने स्तर पर कार्यवाही करना सुनिश्चित कर तिरंगा वितरण की कार्यवाही एवं नोडल अधिकारी की जानकारी उपलब्ध कराए गए लिंक में अपलोड करावें।  स्वतंत्रता सप्ताह 2 से 15 अगस्त के दौरान "हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता : स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग" कार्यकम के सफल कियान्वयन हेतु सभी दिशा-निर्देश का कड़ाई से पालन कराया जाना सुनिश्चित करने कहा गया है।

MPPSC कैलेंडर जारी: साल के अंत तक छह बड़ी भर्ती परीक्षाएं करेगा आयोग

इंदौर  मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) अगस्त से दिसंबर तक 6 बड़ी भर्ती परीक्षाएं आयोजित करेगा। इनमें राज्य अभियांत्रिकी सेवा, दत चिकित्सक, खनिज अधिकारी, सहायक संचालक, पंजीयक और खाद्य सुरक्षा अधिकारी जैसी अहम परीक्षाएं शामिल है। लाखों युवा इन परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हैं, हालांकि इन परीक्षाओं में पदों के मुकाबले आवेदकों की संख्या अधिक होने से मुकाबला बेहद चुनौतीपूर्ण होगा। इंजीनियरिंग सर्विस परीक्षा 2024 को लेकर गुस्सा 24 अगस्त को होने जा रही स्टेट इंजीनियरिंग सर्विस परीक्षा 2024 में को लेकर अभ्यर्थियों में गुस्सा साफ नजर आ रहा है। इस परीक्षा के लिए 8 हजार से ज्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन किया है, लेकिन सीटें बेहद सीमित है। कई छात्रों का कहना है कि आयोग को पहले सीटें बढ़ानी चाहिए थी, ताकि अधिक युवाओं को मौका मिल सके। सोशल मीडिया पर अभ्यर्थी एमपीपीएसी से सीटों की संख्या बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इसके बाद 21 सितंबर को सहायक संचालक (संस्कृति), उप संचालक, दंत चिकित्सक और खनि अधिकारी परीक्षाएं होंगी। शेड्यूल इस तरह रहेगा     24 अगस्तः राज्य अभियांत्रिकी सेवा (सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल)     21 सितंबरः सहायक संचालक(संस्कृति), उप संचालक, दंत चिकित्सक, खनि अधिकारी     12 अक्टूबरः सहायक अनुसंधान अधिकारी, सहायक प्रबंधक, आंतरिक लेखा परीक्षण अधिकारी     23 नवंबरः सहायक पंजीयक परीक्षा     7 दिसंबरः खाद्य सुरक्षा अधिकारी परीक्षा     14-21 दिसंबरः मुख्य रसायन, जिला विस्तार और माध्यम अधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी आदि।

परीक्षा हॉल में सख्ती: आधी बांह के बिना एंट्री नहीं, धार्मिक कपड़ों पर जांच अनिवार्य

बिलासपुर  व्यापम द्वारा 3 अगस्त को आयोजित प्रयोगशाला परिचारक भर्ती परीक्षा को लेकर सख्त ड्रेस कोड लागू किया गया है। परीक्षार्थियों को हल्के रंग के आधी बांह वाले कपड़े पहनना अनिवार्य किया गया है। वहीं, धार्मिक या सांस्कृतिक पोशाक पहनने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र पर सामान्य समय से पहले पहुंचना होगा। ऐसे अभ्यर्थियों को अतिरिक्त सुरक्षा जांच से गुजरने के बाद ही परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। परीक्षा में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उठाया गया यह कदम     छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) द्वारा प्रयोगशाला परिचारक भर्ती परीक्षा 3 अगस्त रविवार को आयोजित है।     यह परीक्षा सुबह पाली में प्रात: 11 बजे से दोपहर 1.15 बजे तक संपन्न होगी।     जिले में परीक्षा के लिए कुल 47 परीक्षा केंद्र निर्धारित किए गए हैं, जहां 17,115 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होंगे।     परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाए रखने और नकल पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सत दिशा-निर्देश लागू किए गए हैं।     जैसे जूते के बजाए चप्पल पहनकर ही पर्चा हल कर सकेंगे।     ढाई घंटे पहले उपस्थिति देनी होगी,30 मिनट पहले केंद्र के गेट बंद हो जाएंगे। कलेक्टर ने दिए आवश्यक निर्देश कलेक्टर संजय अग्रवाल ने परीक्षा की समुचित तैयारी सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था, परीक्षा संचालन और अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए मूलभूत आवश्यकताओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है। सुरक्षा के लिहाज से इस बार परीक्षार्थियों के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किया गया है। 10:30 बजे बंद हो जाएगा गेट परीक्षा पूर्व निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर 11 बजे से 1:15 बजे तक आयोजित किया जाएगा। लेकिन अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा केंद्र का मुख्य द्वार 10.30 बजे बंद कर दिया जाएगा। परीक्षा केंद्रों में भारत इलेक्ट्रानिक लिमिटेड द्वारा जैमर तथा प्रत्येक परीक्षा केंद्र में एक कर्मचारी की ड्यूटी लगायी जाएगी। अभ्यर्थियों को हैंड मेटल डिक्टेटर तथा हाथों से तलाशी अर्थात फ्रिस्किंग की जाएगी। महिला पुलिस कर्मी करेंगी जांच प्रत्येक केंद्र में एक महिला और एक पुरूष पुलिस कर्मी फ्रिस्किंग का यह कार्य करेंगे। उन्हें परीक्षा शुरू होने के ढाई घंटे पहले अपनी उपस्थिति देनी होगी। महिला अभ्यर्थियों की फ्रिस्किंग महिला पुलिस कर्मी द्वारा कराई जाएगी। केंद्र के प्रत्येक कक्ष में एक दीवाल घड़ी होगी। घड़ी, पर्स, पाउच, बेल्ट, टोपी प्रतिबंधित फुटवियर के रूप में चप्पल पहनें। कान में किसी भी प्रकार का आभूषण वर्जित किया गया है। परीक्षा कक्ष में किसी भी प्रकार का संचार उपकरण, इलेक्ट्रानिक उपकरण, इलेक्ट्रानिक घड़ी, पर्स, पाउच, बेल्ट, टोपी आदि ले जाने पर प्रतिबंध है। परीक्षा में अनुचित साधनों के उपयोग पर कठोर कार्रवाई की जाएगी और उनकी उम्मीदवारी समाप्त कर दी जाएगी।  

कजरी तीज का सही दिन कौन सा? जानें 2025 में शुभ मुहूर्त और पूजन की पूरी प्रक्रिया

हिंदू पंचांग के अनुसार, कजरी तीज भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है. यह आमतौर पर रक्षाबंधन के तीन दिन बाद और कृष्ण जन्माष्टमी से पांच दिन पहले आती है. कजरी तीज को बड़ी तीज, कजली तीज और कुछ क्षेत्रों में सातुड़ी तीज भी कहा जाता है. इस बार कजरी तीज 12 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी.  कजरी तीज 2025 शुभ मुहूर्त  इस बार कजरी तीज की तिथि 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 33 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 12 अगस्त को सुबह 8 बजकर 40 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, कजरी तीज 12 अगस्त 2025 को ही मनाया जाएगा.  कजरी तीज 2025 शुभ योग  कजरी तीज पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण होने जा रहा है जो सुबह 11 बजकर 52 मिनट से लेकर 13 अगस्त की सुबह 5 बजकर 49 मिनट तक रहेगा. इस बीच आप मां पार्वती का पूजन कर सकते हैं. कजरी तीज 2025 पूजन विधि  इस दिन महिलाएं कठोर व्रत भी रखती हैं, जिसे कजरी तीज व्रत के रूप में जाना जाता है. कजरी तीज के दिन महिलाएं देवी पार्वती की पूजा करती हैं और उनसे सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मांगती हैं. शाम के समय महिलाएं पूजा के लिए इकट्ठा होती हैं. महिलाएं नीम के पेड़ की कुमकुम, चावल, हल्दी और मेहंदी से पूजा करती हैं और फल व मिठाई भी चढ़ाती हैं. इसके बाद पुजारी कजरी तीज कथा सुनाते हैं. कुछ समुदायों में महिलाएं चंद्रमा की पूजा के बाद सत्तू या फल खाकर अपना व्रत का पारण करती हैं. विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए पवित्र तीज व्रत रखती हैं. कुछ अविवाहित लड़कियां भी मनचाहा पति पाने के लिए यह व्रत रखती हैं.  कजरी तीज का महत्व  कजरी तीज का त्योहार मुख्य रूप से अविवाहित लड़कियों और महिलाओं के लिए उत्सव का समय होता है. यह त्योहार राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे उत्तरी राज्यों में मनाया जाता है. इस दिन राजस्थान में, खासकर बूंदी जैसे छोटे से शहर में, देवी पार्वती की विशाल शोभायात्राएं निकाली जाती हैं. कजरी तीज का दिन विवाहित महिलाओं के जीवन में बहुत शुभ माना जाता है. 

शिवभक्ति का महासैलाब: सीहोर से निकलेगी विशाल कांवड़ यात्रा, पुष्पवर्षा से होगा स्वागत

सीहोर  सावन मास के पावन अवसर पर सीहोर का कुबेरेश्वरधाम देश की सबसे बड़ी कांवड़ यात्रा का साक्षी बनने जा रहा है। सीवन नदी से लेकर कुबेरेश्वरधाम तक का संपूर्ण मार्ग 'बोल बम' के नारों और शिवभक्तों के जयघोष से गूंज उठा है। पं. प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में आयोजित इस यात्रा के दौरान इस बार विशेष आकर्षण के रूप में हेलिकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की जाएगी। हर कदम पर सेवा, श्रद्धालुओं का पुष्पवर्षा से स्वागत यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर सेवा पंडाल लगाए गए हैं, जहां भक्तों को चाय, नाश्ता और पेयजल की सुविधा दी जा रही है। स्थानीय निवासी भी श्रद्धालुओं का पुष्पवर्षा कर स्वागत कर रहे हैं। इस बार यात्रा में देशभर से दो दर्जन से अधिक हाई-टेक डीजे शामिल किए गए हैं। इनमें सीहोर का बाबा डीजे, झारखंड का सार्जन डीजे, उत्तर प्रदेश का रावण डीजे, दिल्ली का कसाना डीजे, महाराष्ट्र का प्रशांत डीजे और इंदौर का श्याम बैंड प्रमुख हैं। ये डीजे भक्ति संगीत और धमाकेदार धुनों से भक्तों को झूमने पर मजबूर कर देंगे। भारत की सबसे बड़ी भोजनशाला से बंटेगी प्रसादी विठलेश सेवा समिति के व्यवस्थापक समीर शुक्ला ने बताया कि लाखों की संख्या में कांवड़िये देश के विभिन्न राज्यों से यहां पहुंच रहे हैं। इनके लिए देश की सबसे बड़ी भोजनशाला से प्रसादी वितरित की जाएगी। यह आयोजन शिवभक्ति के महाकुंभ का स्वरूप ले चुका है। विठलेश सेवा समिति के संयोजक मनोज दीक्षित ने कहा कि यह आयोजन कलियुग में शिव युग की वापसी जैसा प्रतीत हो रहा है। बीते 20-25 दिनों में 10 लाख से अधिक श्रद्धालु सीवन नदी से जल लेकर कुबेरेश्वरधाम पहुंच चुके हैं और भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर चुके हैं। हर आयु वर्ग में उमंग, लगातार बढ़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं, युवा और बुजुर्ग शामिल हो रहे हैं। पूरे क्षेत्र में भगवान शंकर के भजन, ढोल-नगाड़ों, डमरू और डीजे की धुनें गूंज रही हैं। 6 अगस्त को सुबह 9 बजे मुख्य यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। जिला कलेक्टर बालागुरु के. और पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला ने सीवन नदी घाट और यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाने के लिए होमगार्ड, मोटरबोट, फायर ब्रिगेड और सफाई व्यवस्था को लेकर विशेष निर्देश जारी किए हैं। यातायात सुचारु रखने के लिए पुलिस अधिकारियों को भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।  

साइबर खतरे की सुनामी! भारत में रिकॉर्ड तोड़ हमले, इन राज्यों पर सबसे ज्यादा अटैक

नई दिल्ली डिजिटल इंडिया के इस दौर में साइबर क्राइम के मामलों में बहुत तेजी से उछाल देखने को मिल रहा है. गृह मंत्रालय ने संसद में पेश आंकड़ों से साफ कर दिया है कि साइबर अपराधों का ग्राफ आसमान छू रहा है. बीते चार सालों में ऑनलाइन फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन और साइबर अटैक जैसे मामलों में 401 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. साल 2021 में करीब 4.5 लाख साइबर क्राइम के केस दर्ज हुए थे. साल 2024 तक यह आंकड़ा बढ़कर 22 लाख से ज्यादा पहुंच गया. यानी साइबर क्राइम के मामलों में चार गुना से भी ज्यादा उछाल आया है. ये आंकड़ा यहीं नहीं रुका. साल 2025 के आधे साल खत्म होते-होते ही 30 जून तक 12 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जो 2021 और 2022 के सालाना आंकड़ों को भी पीछे छोड़ चुके हैं. साइबर क्राइम के केस में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य हैं. इस साल अब तक महाराष्ट्र में 1.6 लाख मामले दर्ज किए जा चुके हैं. उत्तर प्रदेश 1.4 लाख के साथ दूसरे और कर्नाटक 1 लाख के साथ तीसरे स्थान पर है. बीते तीन साल से यही तीनों राज्य साइबर क्राइम से सबसे ज्यादा जूझ रहे हैं. बीते चार वर्षों में गुजरात, ओडिशा और कर्नाटक में सबसे ज्यादा उछाल देखा गया है. गुजरात में 824 फीसदी, ओडिशा में 783 फीसदी और कर्नाटक में 763 फीसदी का इजाफा दर्ज हुआ है. बच्चों पर मंडराता सबसे बड़ा खतरा साइबर क्राइम के सबसे ज्यादा शिकार बच्चे हो रहे हैं. गृह मंत्रालय के मुताबिक, साल 2018 से 2022 के बीच तीन हजार से ज्यादा चाइल्ड पोर्नोग्राफी के केस सामने आए हैं. से जुड़े रहे. 18 साल से कम उम्र के बच्चों के खिलाफ स्टॉकिंग के 500 केस सामने आए हैं. इन मामलों की रफ्तार लगातार बढ़ रही है. बच्चों के खिलाफ ऑनलाइन क्राइम साल 2021 में 25 फीसदी बढ़े. 2022 में यह आंकड़ा 32.5 फीसदी तक पहुंच गया. शेयर हो रही थी चाइल्ड पोर्नोग्राफी इनमें सोशल मीडिया, चैट रूम और ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े अपराध प्रमुख रहे. पिछले साल इंडिया टुडे की OSINT टीम ने ऐसे टेलीग्राम चैनलों का खुलासा किया था, जो बड़े पैमाने पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी शेयर कर रहे थे. इसके बाद टेलीग्राम को मजबूरन इन अकाउंट्स को हटाना पड़ा. भारत में हर मिनट 761 साइबर अटैक देश का सुरक्षा ढांचा भी लगातार साइबर हमलों की चपेट में है. डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (DSCI) की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024 में भारत में हर मिनट औसतन 761 साइबर अटैक के प्रयास हुए. इनमें सबसे ज्यादा हेल्थकेयर, हॉस्पिटैलिटी और बैंकिंग सेक्टर पर साइबर अटैक हुए हैं. पहलगाम हमले के बाद साइबर अटैक साल 2025 में पहलगाम टेरर अटैक के बाद भारत में सबसे ज्यादा साइबर हमले हुए हैं. इस दौरान 15 लाख से ज्यादा साइबर अटैक हुए थे. इनमें सबसे ज्यादा निशाना देश के रक्षा, बिजली, दूरसंचार, वित्त और परिवहन जैसे अहम ढांचे बने. जांच एजेंसियों के मुताबिक ये हमले पाकिस्तान और उसके सहयोगी हैकिंग ग्रुप्स ने सुनियोजित तरीके से अंजाम दिए. ये है डिजिटल क्राइम का नया चेहरा इन आंकड़ों से साफ है कि भारत अब साइबर अपराध के सबसे खतरनाक दौर में प्रवेश कर चुका है. एक तरफ धोखाधड़ी और यौन शोषण जैसे अपराध आम लोगों को जकड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विदेशी हैकिंग नेटवर्क देश की रणनीतिक सुरक्षा पर निशाना साध रहे हैं.