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सचिन पर लगा पितृत्व का दावा, DNA रिपोर्ट के बाद रघुवंशी परिवार में उठे सवाल

 इंदौर मेघालय हनीमून मर्डर केस से सुर्खियों में आया इंदौर का रघुवंशी परिवार अब एक नए विवाद के केंद्र में आ गया है। मृतक राजा रघुवंशी के बड़े भाई सचिन रघुवंशी की पत्नी होने का दावा करने वाली एक महिला ने सचिन को अपने बेटे का जैविक पिता बताया है। इतना ही नहीं, उस महिला ने अपने दावे के समर्थन में एक कथित डीएनए रिपोर्ट भी सार्वजनिक की है। महिला के इस सनसनीखेज खुलासे ने इंदौर के सबसे चर्चित मामलों में से एक को लेकर चल रही कानूनी और भावनात्मक लड़ाई में एक नया आयाम जोड़ दिया है।  महिला ने 1 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया से बात करते हुए भावुक स्वर में कहा कि डीएनए टेस्ट से पुष्टि होती है कि सचिन रघुवंशी ही उसके बेटे का पिता है। उसने दावा किया कि सचिन ने उससे एक मंदिर में पूरे रस्मों-रिवाज के साथ शादी की थी। उसके पास शादी के वीडियो और तस्वीरें भी हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महिला ये तस्वीरें भी दिखाई । आंखों में आंसू भरकर महिला ने कहा, “मेरे बच्चे को जानबूझकर ठुकरा दिया गया। यह न केवल मेरा अपमान है, बल्कि मेरे बच्चे का भी अपमान है। आज मेरा बच्चा दर-दर भटक रहा है। सचिन को अब जवाब देना होगा।" इंसाफ के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया : महिला उसने कहा, "अगर सचिन ने सही ढंग से शादी की होती और हमारे रिश्ते को स्वीकार किया होता, तो हमें इस अपमान से नहीं गुजरना पड़ता।" उसने आगे कहा कि उसने इसके लिए कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया। मैंने जब भी न्याय की मांग की, तो परिवार ने हर बार मुझसे मुंह मोड़ लिया और मेरा अपमान किया। महिला ने आगे कहा कि अब उसने अपने बेटे को मान्यता और कानूनी अधिकार दिलाने की उम्मीद में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उसने कहा, “मुझे विश्वास है कि हाईकोर्ट से न्याय मिलेगा।” राजा रघुवंशी की हनीमून के दौरान हुई रहस्यमयी मौत के बाद से रघुवंशी परिवार पहले से ही सुर्खियों में बना हुआ था। सचिन पर लगे ताजा आरोपों ने इस मामले में लोगों की दिलचस्पी और बढ़ा दी है। साथ ही परिवार पर नए सवाल भी खड़े कर दिए हैं। 

यूपी में ड्रोन पर कड़ा पहरा: प्रमुख सचिव और डीजीपी को कमान, NSA और गैंगस्टर एक्ट से होगी सख्ती

लखनऊ उत्तर प्रदेश में ड्रोन के जरिये दहशत फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीएम योगी के कार्यालय ने दो टूक चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (NSA)भी लगाया जाएगा। कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि बिना अनुमति के ड्रोन चलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रमुख सचिव और डीजीपी को हर जिले में ड्रोन संचालन की समीक्षा करके कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

ओडिशा में ग्रेनाइट खदान हादसा: छह की मौत, तीन घायल, सीएम नायडू ने कहा- बेहद दुखद

बल्लीकुरवा आंध्र प्रदेश के बापटला जिले में रविवार सुबह एक दुखद हादसा हो गया, जब एक भारी ग्रेनाइट की चट्टान खदान में काम कर रहे मजदूरों पर गिर गई। इस हादसे में छह प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हादसा कैसे हुआ? पुलिस के अनुसार, सुबह करीब 10:30 बजे 10 से 15 मजदूर खदान में काम कर रहे थे, तभी अचानक एक विशाल चट्टान उन पर गिर पड़ी।  पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में लगता है कि बारिश या पानी के रिसाव की वजह से चट्टान कमजोर हो गई थी, जिससे वह गिर गई। पुलिस अधिकारी ने कहा, 'घटना के समय कोई ब्लास्ट या भूकंप जैसी गतिविधि नहीं हुई थी। पूरी जांच के लिए फॉरेंसिक टीम मौके पर भेजी गई है।' सभी मजदूर ओडिशा के रहने वाले जानकारी के मुताबिक, इस हादसे में मारे गए और घायल हुए सभी मजदूर ओडिशा से आए हुए थे और खदान में काम कर रहे थे। वहीं इस घटना के बाद घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्थानीय लोग और मजदूर संगठनों ने सरकार से मृतकों के परिवारों को मुआवजा और घायल मजदूरों को पूरी मदद देने की मांग की है। राहत और बचाव कार्य जारी हादसे के बाद पुलिस और खनन विभाग की टीमें मौके पर पहुंच गईं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालने के प्रयास किए गए। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जताया दुख आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया। उन्होंने एक बयान में कहा, 'मैंने अधिकारियों से बात की है और घायलों को बेहतर से बेहतर इलाज देने के निर्देश दिए हैं। हादसे की पूरी जांच कराई जाएगी।' वाईएसआरसीपी प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने जताई संवेदना पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी प्रमुख वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने भी हादसे पर दुख जताया। उन्होंने कहा, 'यह बहुत ही दिल तोड़ देने वाली घटना है। ये मजदूर अपने परिवारों के लिए मेहनत कर रहे थे, और ऐसे में उनकी जान जाना बेहद दुखद है।' उन्होंने सरकार से मांग की कि घायलों को तुरंत इलाज मिले और मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाए।  

फिर दिखेगा देसी गर्ल का जादू, प्रियंका चोपड़ा की बॉलीवुड में वापसी के कयास

मुंबई, प्रियंका चोपड़ा अब एक ग्लोबल स्टार बन चुकी हैं। हॉलीवुड की कई फिल्मों और शोज़ में शानदार काम करने के बाद उन्होंने दुनियाभर में अपनी एक खास पहचान बना ली है। लंबे वक्त से उनकी बॉलीवुड वापसी की खबरें चर्चा में थीं और अब ऐसा लग रहा है कि इंतजार खत्म होने वाला है। सूत्रों के मुताबिक प्रियंका जल्द ही संजय लीला भंसाली की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'लव एंड वॉर' से हिंदी सिनेमा में वापसी करने जा रही हैं। भंसाली की फिल्में स्टाइल और भव्यता के लिए जानी जाती है और प्रियंका की वापसी के लिए इससे बेहतर प्रोजेक्ट शायद ही कोई हो। अब देखना दिलचस्प होगा कि प्रियंका इस बार किन किरदारों और कहानियों के साथ पर्दे पर लौटती हैं। साल 2013 में संजय लीला भंसाली की फिल्म 'गोलियों की रासलीला राम-लीला' में प्रियंका चोपड़ा ने आइकॉनिक सॉन्ग 'राम चाहे लीला' पर धमाकेदार डांस परफॉर्म किया था। हाल ही में प्रियंका ने इस गाने से जुड़ी कुछ यादें साझा करते हुए बताया कि इसे करने का फैसला उनके लिए आसान नहीं था। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक इमोशनल पोस्ट में लिखा कि इस गाने की शूटिंग और डांस स्टेप्स की रिहर्सल उनके करियर के सबसे चुनौतीपूर्ण अनुभवों में से एक थे। लेकिन उन्होंने यह भी माना कि भंसाली के विज़न और उनके साथ काम करने का अनुभव बेहद खास और प्रेरणादायक रहा। 13 साल बाद भी यह गाना आज भी फैंस के दिलों में ताजा है। प्रियंका चोपड़ा के इंस्टाग्राम पर इस पोस्ट के बाद से ही चर्चा तेज हो गई थी कि वो संजय लीला भंसाली की अगली फिल्म में एक बार फिर नजर आ सकती हैं। एक करीबी सूत्र के हवाले से बताया गया है कि प्रियंका के बॉलीवुड में वापसी की यह बड़ी शुरुआत हो सकती है। सूत्र का कहना है, प्रियंका चोपड़ा भंसाली की फिल्म 'लव एंड वॉर' में एक स्पेशल डांस नंबर कर सकती हैं। भले ही ये कैमियो हो, लेकिन इसका इमोशनल और विजुअल इम्पैक्ट काफी दमदार होगा। इससे उनकी वापसी का संकेत भी मिलता है। अगर ऐसा होता है, तो यह प्रियंका और भंसाली की दूसरी बड़ी क्रिएटिव कोलैबोरेशन होगी, और फैंस के लिए एक ट्रीट से कम नहीं। संजय लीला भंसाली की अगली मेगा प्रोजेक्ट 'लव एंड वॉर' में रणबीर कपूर, आलिया भट्ट और विक्की कौशल की दमदार तिकड़ी नजर आएगी। यह फिल्म एक इमोशनल लव स्टोरी है, जिसकी पृष्ठभूमि युद्ध के माहौल में रची गई है। भंसाली इस फिल्म को अपनी बाकी फिल्मों की तरह बड़े स्केल और गहराई के साथ बना रहे हैं। वह 2025 के अंत तक इसकी शूटिंग पूरी करने की योजना में हैं। फिल्म को 2026 के मार्च में रिलीज किया जा सकता है। कहानी दो जिद्दी और जुनूनी किरदारों के टकराव की है, जहां मोहब्बत के साथ-साथ टकराव और अहंकार की भिड़ंत भी देखने को मिलेगी।  

प्रदूषण बोर्ड का दावा – जले कचरे से नहीं फैल रहा कैंसर, लोगों की चिंता फिर भी बरकरार

भोपाल / पीथमपुर  पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का जहरीला कचरा जलाया गया। कचरे को रामकी एनवायरो कंपनी में नष्ट किया गया है। कचरा जलाने के बाद इसके गंभीर परिणाम भविष्य में सामने आने की बात सामने आई थी। जिसको लेकर खूब सियासत भी हुई थी। इस बीच प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने दावा किया है कि यूनियन कार्बाइड के कचरे में किसी भी प्रकार का कैंसर कारक पेस्टीसाइड एवं इनसेक्टीसाइड नहीं मिले हैं। मैटल्स की मात्रा भी बहुत सीमित बोर्ड के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार मंडरई ने बताया कि कैंसर के मुख्य कारण अवशिष्ट के भस्मक जलाने के बाद राख में नहीं थे। इसमें हेवी मैटल्स की मात्रा भी बहुत सीमित पाई गई। उन्होंने बताया कि पीथमपुर प्लांट में जलाए गए वेस्ट के बाद उत्पन्न हुई राख में किसी भी रसायन का रिसाव भूमिगत जल की गुणवत्ता प्रभावित नहीं कर सकेगा। साथ ही भूमिगत जल प्रभावित होने की संभावना भी नहीं होगी। उन्होंने स्पष्ट किया है कि भविष्य में इससे कोई खतरा नहीं है और इसकी 30 सालों तक मॉनीटरिंग भी की जाएगी। इस बात को लेकर लोगों के मन में भय भोपाल गैस त्रासदी के पीथमपुर में नष्ट किए गए जहरीले कचरे को लेकर लोगों के मन में इस बात की दुविधा है कि कहीं इससे स्वास्थ्य और पर्यावरण पर बुरा असर न पड़े। इसी कारण स्थानीय लोगों ने इसका विरोध भी किया था। हालांकि प्रशासन ने बार- बार आश्वत किया है कि कचरे को वैज्ञानिक तरीके से नष्ट किया गया है। इससे आम जनता के स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

SSC घोटाले का विरोध तेज़: देशभर में प्रदर्शन, परीक्षा रद्द करने की मांग

नई दिल्ली देशभर में बड़ी संख्या में छात्र और शिक्षक कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की परीक्षा के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह विरोध मुख्य रूप से हाल ही में हुई सिलेक्शन पोस्ट फेज-13 परीक्षा में हुई भारी अनियमितताओं के कारण हो रहा है। छात्रों का गुस्सा दिल्ली के जंतर-मंतर से लेकर पटना और जयपुर तक फैल चुका है, जहाँ वे 'दिल्ली चलो' आंदोलन के तहत अपनी आवाज उठा रहे हैं। विरोध की मुख्य वजह क्या है? इस विरोध की मुख्य वजह परीक्षा में हुई धांधली और तकनीकी खामियां हैं। छात्रों की प्रमुख शिकायतें इस प्रकार हैं: गलत परीक्षा केंद्र: कई छात्रों को उनके गृह नगर से 400-500 किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए, जिससे उन्हें यात्रा और सुरक्षा संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ा। नए वेंडर की विफलता: छात्रों का आरोप है कि नए वेंडर एडुक्विटी की वजह से सर्वर क्रैश, बायोमेट्रिक सत्यापन में विफलता और सिस्टम हैंग होने जैसी गंभीर तकनीकी समस्याएं आईं। आरोप है कि यह वही वेंडर है, जिसे पहले व्यापम घोटाले में अनियमितताओं के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया था। अचानक परीक्षा रद्द: कई जगहों पर बिना किसी ठोस कारण के परीक्षा अचानक रद्द कर दी गई, जिससे छात्रों का समय और पैसा बर्बाद हुआ। खराब व्यवस्था: कई परीक्षा केंद्रों पर बिजली की कटौती, खराब बैठने की व्यवस्था और असुरक्षित परिसर जैसी बुनियादी समस्याएं भी थीं। पुलिस कार्रवाई और छात्रों का आक्रोश 31 जुलाई 2025 को 'दिल्ली चलो' आंदोलन के तहत हजारों छात्र और प्रसिद्ध शिक्षक जैसे नीतू मैम, अभिनय शर्मा और राजट यादव दिल्ली में इकट्ठा हुए। वे शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और हिरासत में लेने जैसी कार्रवाई की। छात्रों ने इस घटना को "लोकतंत्र की हत्या" बताया। छात्रों और शिक्षकों की प्रमुख मांगें प्रदर्शनकारी सरकार और एसएससी से निम्नलिखित मांगें कर रहे हैं: उच्च-स्तरीय जांच: नए वेंडर एडुक्विटी की नियुक्ति की निष्पक्ष और उच्च-स्तरीय जांच की जाए। वेंडर को हटाया जाए: एडुक्विटी का कॉन्ट्रैक्ट तुरंत रद्द किया जाए और एसएससी अपनी खुद की एक मजबूत तकनीकी प्रणाली विकसित करे। पारदर्शी केंद्र आवंटन: परीक्षा केंद्र छात्रों के गृह नगर या पास के शहरों में आवंटित किए जाएं। तुरंत समाधान: तकनीकी खामियों और अन्य समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाए।

फोन भीग जाए तो फौरन करो ये काम, खराब होने का चांस ही नहीं

अगर आपका फोन भीग जाए, तो घबराने की बजाय कुछ सही और जरूरी कदम उठाकर आप उसे बचा सकते हैं। पानी से भीगे फोन में अगर समय रहते सावधानी नहीं बरती गई, तो वह खराब हो सकता है या हमेशा के लिए बंद भी हो सकता है। नीचे बताया गया है कि ऐसे समय में आपको क्या करना चाहिए। फोन को तुरंत बंद करें फोन में पानी घुसते ही सबसे पहले उसे स्विच ऑफ कर दें। अगर वह चालू है तो इंटरनल सर्किट में शॉर्ट सर्किट होने का खतरा रहता है। फोन को ऑन रखने से नुकसान और बढ़ सकता है, इसलिए जल्दी से पावर बंद करना सबसे जरूरी कदम होता है। सिम कार्ड और मेमोरी कार्ड निकालें फोन को बंद करने के बाद सिम कार्ड और मेमोरी कार्ड को तुरंत बाहर निकाल लें। इससे दोनों को नमी से बचाया जा सकता है और डाटा लॉस का खतरा कम होता है। इसके साथ ही फोन के कवर, केस या कोई अन्य एक्सेसरी भी निकाल दें। फोन को सूखे कपड़े से पोंछें फोन के बाहरी हिस्से को किसी साफ और सूखे सूती कपड़े से धीरे-धीरे पोंछें। किसी भी हिस्से में दबाव ना डालें और स्क्रीन को रगड़ें नहीं। अगर संभव हो तो फोन को थोड़ा झुकाकर पानी को बाहर निकलने दें। हेयर ड्रायर या गर्म हवा का इस्तेमाल ना करें कई लोग फोन को सुखाने के लिए हेयर ड्रायर या हीटर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन यह नुकसानदायक हो सकता है। तेज गर्मी से फोन के अंदर के सेंसिटिव हिस्से जैसे बैटरी, डिस्प्ले या चिप खराब हो सकते हैं। बेहतर है कि फोन को कमरे के तापमान पर ही सूखने दिया जाए। फोन को राइस बैग में रखें फोन को एक एयरटाइट कंटेनर या पॉलीबैग में कच्चे चावल के साथ रख दें। चावल नमी को सोखने में मदद करते हैं। फोन को कम से कम 24 से 48 घंटे तक इसमें रखा जाना चाहिए ताकि वह पूरी तरह से सूख सके। ध्यान रहे कि इससे सारे पोर्ट्स बंद हों, जिससे चावल अंदर जाने या फंसने का डर ना रहे। फोन को ऑन करने की जल्दी ना करें फोन सूख जाने के बाद भी उसे तुरंत ऑन ना करें। एक बार फिर से चेक करें कि कहीं कोई हिस्सा गीला तो नहीं है। अगर पूरा यकीन हो कि फोन पूरी तरह सूख चुका है, तभी उसे ऑन करें। अगर फोन फिर भी चालू नहीं हो रहा हो, तो उसे सर्विस सेंटर पर दिखाएं। प्रोफेशनल मदद लें अगर फोन ज्यादा गीला हो गया हो या स्क्रीन में धुंध, धब्बे, या आवाज में कोई समस्या आ रही हो, तो खुद से रिपेयर करने की कोशिश ना करें। ऐसे मामलों में प्रोफेशनल टेक्नीशियन ही सही सॉल्यूशन दे सकता है।  

रूस-यूक्रेन ड्रोन जंग हुई और खतरनाक, दोनों ओर से भारी हमला

रूस रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष में ड्रोन हमलों का सिलसिला और तेज हो गया है। ताजा हमले में यूक्रेनी ड्रोन ने रूस के काला सागर तट पर स्थित प्रसिद्ध रिसॉर्ट शहर सोची के पास एक तेल डिपो को निशाना बनाया, जिससे वहां भीषण आग लग गई। क्रास्नोडार क्षेत्र के गवर्नर वेनियामिन कोंड्राटयेव  ने बताया कि ड्रोन के मलबे के गिरने से तेल डिपो के ईंधन टैंक में आग लगी। आग पर काबू पाने के लिए 120 से अधिक दमकलकर्मियों को लगाया गया है। सोशल मीडिया पर शेयर हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि तेल डिपो से काले धुएं का विशाल गुबार उठ रहा है।  सोची एयरपोर्ट पर उड़ानें रोकी गईं इस घटना के बाद रूस के नागरिक उड्डयन विभाग रोसावियात्सिया ने एहतियातन सोची एयरपोर्ट पर सभी उड़ानों का संचालन अस्थायी रूप से रोक दिया है। इसी बीच वोरोनिश  क्षेत्र में एक अन्य ड्रोन हमले में चार लोग घायल हुए हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि रविवार रात तक रूस और काला सागर के ऊपर से कुल 93 यूक्रेनी ड्रोन  मार गिराए गए। यूक्रेन पर रूस का जवाबी हमला यूक्रेनी वायु सेना ने बताया कि रूस ने भी जवाबी कार्रवाई में यूक्रेन पर 76 ड्रोन और 7 मिसाइलें दागीं। दक्षिणी यूक्रेन के माइकोलाइव शहर में एक आवासीय इलाके पर मिसाइल हमला हुआ, जिसमें सात लोग घायल हुए हैं। यूक्रेनी आपातकालीन सेवाओं ने इस हमले की पुष्टि की है। सोची रूस का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है और ऐसे में ड्रोन हमले से वहां अफरा-तफरी मच गई है। यूक्रेन के ड्रोन हमलों से रूस की ऊर्जा संरचना पर लगातार खतरा बना हुआ है।    

डायबिटीज़ मरीजों के लिए सुबह का जादुई नाश्ता: थकान और कमजोरी होगी दूर, ब्लड शुगर रहेगा कंट्रोल

डायबिटीज एक ऐसी क्रॉनिक बीमारी है जिसे काबू में नहीं रखा जाए तो ये बॉडी को खोखला कर देती है। डायबिटीज की बीमारी में इम्युनिटी कमजोर हो जाती है और इंसान जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने लगता है। डायबिटीज मरीज अगर डाइट का ध्यान नहीं रखें तो ब्लड में शुगर का स्तर हाई होने लगता है। डायबिटीज को लम्बे समय तक कंट्रोल नहीं किया जाए तो कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है। डायबिटीज मरीज तनाव से दूर रहे, बॉडी को एक्टिव रखें और डाइट का खास तौर पर ध्यान रखें। डायबिटीज मरीज अपने खान-पान को लेकर बहुत चिंता करते हैं। कुछ भी खाने से पहले उनका दिमाग यही कैलकुलेशन करने लगता है कि इसमें कार्बोहाइड्रेट कितना है, वसा की मात्रा कितनी है और इसका ग्लाइसेमिक लोड कितना है। कुछ भी खाने से पहले लोगों के दिमाग में यही रहता है कि कहीं इस फूड को खाने से ब्लड शुगर हाई तो नहीं होगा। डायबिटीज मरीजों में अक्सर देखा गया है कि उन्हें सुबह-सुबह बिस्तर से उठते ही थकान और कमजोरी महसूस होती है। ये थकान और कमजोरी कुछ लोगों को दिन भर बनी रहती है। डायबिटीज स्पेशलिस्ट हेल्थ कोच रंजीत सिंह के मुताबिक अगर डायबिटीज मरीज नाश्ते में कुछ पावरफुल चीजों का सेवन करें तो कमजोरी दूर होगी, थकान मिटेगी और बॉडी भी हेल्दी रहेगी। एक्सपर्ट के मुताबिक डायबिटीज मरीज नाश्ते में 4 चीजों का सेवन भिगोकर करें तो पूरा दिन ब्लड शुगर को नॉर्मल रख सकते हैं और बॉडी को हेल्दी भी रख सकते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कौन सी चार चीजों का सेवन सुबह के नाश्ते में करें कि कमजोरी और थकान दूर रहे। बादाम का करें सेवन बादाम पोषक तत्वों से भरपूर हेल्दी फूड है। बादाम में ऑयल की मात्रा ज्यादा होती है इसलिए ये दिमाग को तेज करता है,आंखों की रोशनी को बढ़ाता है और बॉडी की कमजोरी दूर कर एनर्जी देता है। ज्यादातर लोग अमेरिकन बादाम का सेवन करते हैं जो मेहंगे होते हैं और बेकार भी होते हैं। इन बादाम से सारा तेल निकाल लिया जाता है। अगर डायबिटीज मरीज सुबह के नाश्ते में बादाम का सेवन करना चाहते हैं मामरा बादाम का सेवन करें। अलसी के बीज का करें सेवन अलसी के बीज ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड से भरपूर होता है जिसका सेवन करने से डायबिटीज मरीजों की थकान और कमजोरी दूर होती है। अलसी का सेवन करने से हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। कब्ज की बीमारी दूर होती है। नसों में होने वाली ब्लॉकेज भी दूर होती है। फाइबर से भरपूर अलसी के बीज पाचन को दुरुस्त करते हैं और ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करते हैं। मेथी दाना का करें भिगोकर सेवन मेथी दाना किचन में मौजूद मसाला और हर्ब है जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में असरदार साबित होता है। इसका सेवन करने से बॉडी पेन से निजात मिलती है। घुटनों में दर्द,कमर दर्द और किसी भी तरह के दर्द को दूर करने में ये दवाई की तरह काम करता है। काले चने का करें सेवन डायबिटीज मरीज ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए बॉडी की कमजोरी और थकान को दूर करने के लिए सुबह खाली पेट भिगे हुए काले चने का सेवन करें। प्रोटीन से भरपूर चना हड्डियों को मजबूत करता है। इसका सेवन करने से पेट और ब्लड की एसिडिटी कम होती है। फाइबर से भरपूर चना मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और पाचन को दुरुस्त करता है। इन चीजों का सेवन कैसे करें 4-5 बादाम,एक चम्मच अलसी,आधा चम्मच मेथी दाना और चार चम्मच चने एक गिलास पानी में रात में भिगो दें। सुबह आप फ्रेश होने के बाद इन चारों चीजों को अच्छे से वॉश कर लें और फिर इन चारों चीजों का सेवन चबा-चबाकर करें। ये नाश्ता आपकी बॉडी की थकान और कमजोरी को दूर करेगा और आपकी ब्लड शुगर भी कंट्रोल करेगा।  

मोदी-योगी का नाम लेने की मिली थी धमकी? साध्वी प्रज्ञा का बड़ा आरोप

 भोपाल भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में एनआईए कोर्ट से बरी होने के बाद रविवार को पहली बार मध्य प्रदेश के भोपाल में अपने आवास पर पहुंचीं। इस दौरान साध्वी प्रज्ञा ने आरोप लगाया कि उन्हें पीएम मोदी, सीएम योगी और मोहन भागवत समेत कई बड़े लोगों के नाम लेने के लिए मजबूर किया गया था। जब उन्होंने उनकी बात नहीं मानी तो उन्हें प्रताड़ित किया गया। साध्वी प्रज्ञा ने भोपाल में मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैंने पहले भी कहा है कि उन्होंने मुझे बड़े नेताओं के नाम लेने के लिए मजबूर किया। मैंने वो नाम नहीं लिए; मैंने वैसा नहीं किया जैसा वो चाहते थे। मैं दबाव में नहीं आई और मैंने किसी का भी नाम नहीं लिया, किसी को झूठा नहीं फंसाया… इसलिए, उन्होंने मुझे प्रताड़ित किया। उन नामों में विशेष रूप से मोहन भागवत, राम माधव, प्रधानमंत्री मोदी, योगी आदित्यनाथ, इंद्रेश कुमार और अन्य नेता शामिल थे…” उन्होंने आगे कहा, “मैंने बार-बार यह कहा है कि परमबीर सिंह बहुत निकृष्ट और अदम व्यक्ति है क्योंकि उसने हर सीमा पार की है, हर कानून को तोड़ा है और कानून से बाहर जाकर मुझे प्रताड़नाएं दी हैं। अकेले परमबीर सिंह ने ही नहीं बल्कि मुझे सभी एटीएस अधिकारियों ने प्रताड़ित किया है… मुझे गैर कानूनी तौर पर 13 दिनों तक रखा और 11 दिनों की पुलिस हिरासत में रखा गया। इस प्रकार से मैं 24 दिनों की पुलिस कस्टडी में रही और एटीएस की प्रताड़नाएं झेलती रही।” भगवा आतंकवाद कहने वालों के मुंह काले हुए एनआईए कोर्ट द्वारा सभी आरोपियों को बरी करने पर भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा ने कहा, "भगवा आतंकवाद कहने वालों के मुंह काले हुए हैं। समाज और देश ने उन्हें करारा जवाब दिया है। अदालत का फैसला बिल्कुल स्पष्ट है। यह उन लोगों के मुंह पर तमाचा है, जिन्होंने इसे 'भगवा आतंकवाद' कहा… उन्होंने इसे पहले भी 'भगवा आतंकवाद' और 'हिंदू आतंकवाद' कहा है। महाराष्ट्र के चव्हाण (पृथ्वीराज चव्हाण) ने 'सनातन आतंकवाद', 'हिंदुत्व आतंकवाद' पर बात की है। वे एक ही श्रेणी के लोग हैं। वे सभी कांग्रेस के सदस्य हैं।" साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, "सत्य की जीत हुई है, जो सुनिश्चित थी क्योंकि धर्म और सत्य हमारे पक्ष में था। सत्यमेव जयते! मैंने यह पहले भी कहा था और अब यह सिद्ध हो गया है। विधर्मियों के, देशद्रोहियों के मुंह काले हुए हैं, उन्हें जवाब मिला है। देश हमेशा धर्म और सत्य के साथ है और हमेशा रहेगा।" एनआईए कोर्ट ने 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में हाल ही में साध्वी प्रज्ञा समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।