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मदन बॉब नहीं रहे, 71 साल की उम्र में बोले दुनिया को अलविदा, कैंसर से जूझ रहे थे

मुंबई   साउथ सिनेमा से एक दुखद खबर सामने आ रही है. जाने-माने तमिल एक्टर, कॉमेडियन, संगीतकार और टीवी कलाकार एस. कृष्णमूर्ति उर्फ मदन बॉब का निधन हो गया है. 71 की उम्र में उन्होंने बीती रात (2 अगस्त) को चेन्नई में अंतिम सांस ली. एक्टर की मौत से उनके परिवार समेत फैंस को भी तगड़ा झटका लगा है. हर कोई मदन बॉब को नम आंखों से याद कर रहा है.  कैसे हुई एक्टर की मौत? मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मदन बॉब कई सालों से कैंसर से जूझ रहे थे. लंबे समय तक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझने के बाद शनिवार की रात उन्होंने हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया. एक्टर ने अपने चेन्नई स्थित आवास पर ही अंतिम सांस ली.  मदन बॉब साउथ इंडस्ट्री के मोस्ट टैलेंटेड और मशहूर एक्टर थे. उन्होंने अपनी बेहतरीन अदाकारी से हमेशा दर्शकों का दिल जीता. वो काफी वर्सेटाइल थे. वो अपने बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग और दमदार अभिनय के लिए मशहूर थे. मदन बॉब ने अपने करियर में राजनीकांत, कमल हासन, अजीत कुमार, सूर्या और विजय जैसे मशहूर कलाकारों के साथ काम किया था.  संगीतकार के तौर पर भी बनाई थी पहचान एक्टिंग के अलावा उन्हें संगीत का भी शौक था. एक संगीतकार के तौर पर भी उन्होंने काम किया और नाम कमाया. एक्टर, कॉमेडियन होने के साथ-साथ वो शानदार संगीतकार भी थे.   टीवी पर भी किया काम सिल्वर स्क्रीन पर अपने हुनर का लोहा मनवाने के बाद मदन बॉब ने टीवी पर भी खूब काम किया था. उन्होंने कॉमेडी शो 'असाथापोवाधु यारू' को जज किया था. उन्होंने कई टीवी सीरीयल्स में भी काम किया था.  कब की थी करियर की शुरुआत? बता दें कि मदन बॉब ने साल 1984 में एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी. उनकी पहली फिल्म 'नींगल केट्टवई' थी. उन्होंने 'जेमिनी', 'थिरुदा-थिरुदा', 'थेवर मगन', 'फ्रेंड्स', 'कन्नुक्कुल निलावु' समेत कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया था. तमिल फिल्मों के अलावा उन्होंने मल्यालम और हिंदी फिल्म 'चाची 420' में भी अपनी शानदार एक्टिंग से फैंस के दिलों पर छाप छोड़ी थी. कमल हासन की फिल्मों 'साथी लीलावती' और 'थेनाली' में भी मदन बॉब की अदाकारी को काफी सराहा गया था. मदन बॉब भले ही इस दुनिया से रुख्सत हो गए हैं. मगर फैंस की यादों में वो हमेशा जिंदा रहेंगे.

‘विपक्ष की हार तय’, उपराष्ट्रपति पद को लेकर थरूर ने दिया बड़ा बयान

नई दिल्ली  भारत के अगले उपराष्ट्रपति का चुनाव 9 सितंबर 2025 को होगा। यह घोषणा निर्वाचन आयोग (EC) ने गुरुवार को की गई। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि निर्वाचन मंडल का गठन पूरा हो चुका है। इस बीच कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की हार को पहले ही तय मानते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल के द्वारा जिसे उम्मीदवार बनाया जाएगा वही उपराष्ट्रपति बनेगा। शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में थरूर ने कहा, “कोई अंदाजा नहीं है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा। लेकिन ये तय है कि जो भी होगा वो सत्तारूढ़ पार्टी का नामित व्यक्ति होगा। चूंकि यह चुनाव केवल लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य मिलकर करते हैं, इसलिए हम पहले से ही जानते हैं कि बहुमत किसके पास है।” थरूर ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति चुनाव की तुलना में उपराष्ट्रपति चुनाव में राज्य विधानसभाएं हिस्सा नहीं लेतीं, इसलिए परिणाम लगभग तय है। जगदीप धनखड़ ने दिया था इस्तीफा भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में पदभार संभाला था। उन्होंने21 जुलाई 2025 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बताया गया है। उनका कार्यकाल आधिकारिक रूप से अगस्त 2027 तक होना था, लेकिन उन्होंने करीब दो साल पहले ही पद छोड़ दिया। उपराष्ट्रपति का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 66 के तहत होता है। लोकसभा और राज्यसभा के सांसद इस चुनाव में वोट करते हैं। मतदान गुप्त बैलेट प्रणाली के जरिए होता है। इसका संचालन निर्वाचन आयोग करता है। निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही मतदाता सूची की अंतिम प्रति सार्वजनिक की जाएगी, जिसे आयोग के कार्यालय से खरीदा जा सकेगा। 2024 के लोकसभा चुनावों में एनडीए को बहुमत मिला था और राज्यसभा में भी उसका वर्चस्व है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि एनडीए का उम्मीदवार आसानी से उपराष्ट्रपति चुना जाएगा। हालांकि अभी तक किसी भी दल ने आधिकारिक रूप से अपने उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है, लेकिन भाजपा सूत्रों के अनुसार नामों पर मंथन जारी है और अगस्त के मध्य तक उम्मीदवार की घोषणा की जा सकती है।

प्यार की दूसरी पारी? साइना और पारुपल्ली कश्यप एक बार फिर साथ

नई दिल्ली बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप के रिश्ते में एक बार फिर से मिठास लौट आई है. इस साल 16 जुलाई को साइना नेहवाल ने पोस्ट शेयर करके इस बात की घोषणा की थी कि वो पारुपल्ली कश्यप से अलग हो रहे हैं. लेकिन अब इस कपल ने यू-टर्न लिया है. साइना नेहवाल ने 2 अगस्त (शनिवार) को पोस्ट शेयक करके बताया कि दोनों फिर से साथ आए हैं. यानी साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप ने 17 दिन में ही अपने फैसले से यू-टर्न ले लिया है. साइना नेहवाल ने इंस्टाग्राम पर पारुपल्ली कश्यप संग फोटो शेयर करते हुए लिखा, 'कभी-कभी दूरी आपको मौजूदगी की अहमियत सिखाती है. लीजिए, हम फिर से कोशिश कर रहे हैं.' साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप की शादी लगभग 7 साल पहले हुई थी. पारुपल्ली कश्यप भी बैडमिंटन प्लेयर रह चुके हैं. साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप की मुलाकात साल 1997 में एक कैम्प के दौरान हुई थी. फिर दोनों ने हैदराबाद स्थित पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी में ट्रेनिंग ली थी. धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं. लंबे समय तक रिलेशनशिप में रहने के बाद 2018 में साइना नेहवाल और पारुपल्ली ने शादी की. कैसा रहा दोनों का बैडमिंटन करियर जैसे ही साइना नेहवाल ने पोस्ट शेयर किया, सोशल मीडिया पर फैन्स और साथी खिलाड़ी उन्हें बधाइयां देने लगे. फैन्स का मानना था कि प्यार अगर सच्चा हो तो वापस जरूर आता है. साइना नेहवाल ने लंदन ओलंपिक (2012) में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था. फिर वो साल 2015 में बैड​मिंटन रैंकिंग में पहले नंबर पर पहुंचीं. पहली बार भारत की किसी महिला बैडमिंटन खिलाड़ी ने ये उपलब्धि हासिल की थी. उधर साल 2010 में दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीतकर पारुपल्ली कश्यप सुर्खियों में आए थे. वह लंदन ओलंपिक (2012) में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे थे. वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बने. पारुपल्ली कश्यप ने ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स (2014) में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था.

सभी छह संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले दो जिलों और छह विकासखंडों को मिला स्वर्ण पदक

रायपुर : दूरस्थ क्षेत्रों और विशेष पिछड़ी जनजातियों को विकास की सबसे ज्यादा जरूरत – विष्णु देव साय दूरस्थ क्षेत्रों और विशेष पिछड़ी जनजातियों को विकास की सबसे ज्यादा जरूरत संपूर्णता अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आकांक्षी जिलों और विकासखंडों को मुख्यमंत्री ने किया पुरस्कृत सभी छह संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले दो जिलों और छह विकासखंडों को मिला स्वर्ण पदक रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संपूर्णता अभियान में निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आकांक्षी जिलों और विकासखंडों को पुरस्कृत किया। उन्होंने आज राजधानी रायपुर के नवीन विश्राम भवन में आयोजित कार्यक्रम में जुलाई-2024 से सितम्बर-2024 तक राज्य के आकांक्षी जिलों और आकांक्षी विकासखंडों में तीन महीनों तक संचालित संपूर्णता अभियान में निर्धारित संकेतकों को संतृप्त करने और लक्ष्यों को हासिल करने वाले जिलों और विकासखंडों को पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने इन जिलों और विकासखंडों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों को भी पुरस्कृत किया। संपूर्णता अभियान के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले आकांक्षी जिलों बस्तर और कोंडागांव तथा आकांक्षी विकासखंडों शंकरगढ़, मैनपुर, माकड़ी, कोयलीबेड़ा, ओरछा और प्रतापपुर को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल तथा विधायक सर्वसुनील सोनी, मोतीलाल साहू और गुरू खुशवंत साहेब भी सम्मान समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत की संकल्पना में सभी वर्गों का विकास समाहित है। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वालों और विशेष पिछड़ी जनजातियों (PVTGs) को विकास की सबसे ज्यादा जरूरत है। भारत सरकार ने इसे गहराई से समझकर प्रधानमंत्री जनमन योजना प्रारंभ की है। इस योजना से सुदूर वनांचलों में आवास, पेयजल, बिजली, सड़क और अन्य बुनियादी सुविधाएं पहुंच रही हैं। धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान जैसे कार्यक्रमों से जिसमें छत्तीसगढ़ के भी 6661 गांव शामिल हैं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच के अनुरूप विकास की रोशनी सुदूर गांवों तक पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में केंद्र सरकार की आकांक्षी जिलों और विकासखंडों में शामिल गांव तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।  उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने संबोधन में कहा कि देश में वर्ष 2018 से आकांक्षी जिलों में काम शुरू हुआ है। विकास की दौड़ में पिछड़े जिलों और विकासखंडों को आगे लाने का काम इसमें हो रहा है। इसके अंतर्गत शामिल गांवों में अलग-अलग सेक्टर में काम कर मानव सूचकांकों को सुधारा जा रहा है। उन्हें संतृप्ति के स्तर पर लाया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक-एक व्यक्ति के विकास और कल्याण से विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त होगा।  उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने समारोह में कहा कि आकांक्षी जिलों और विकासखंडों में भौतिक प्रगति से अलग मानव सूचकांकों को बेहतर करने के लिए काम किए जा रहे हैं। लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें संतृप्त करने अहम इंडीकेटर्स पर काम हो रहे हैं जिनकी तरफ सामान्यतः ज्यादा ध्यान नहीं जाता है। राज्य के आकांक्षी जिलों और विकासखंडों में और भी बेहतर काम हो, इसके लिए मैं सभी जिलों व विकासखंडों को शुभकामनाएं देता हूं। मुख्य सचिव अमिताभ जैन और योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सचिव अंकित आनंद ने समारोह में संपूर्णता अभियान के दौरान किए गए कार्यों तथा उपलब्धियों की जानकारी दी। नीति आयोग के सदस्य-सचिव आशीष भट्ट, सदस्य के. सुब्रमण्यम और योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग की संचालक श्रीमती रोक्तिमा यादव भी कार्यक्रम में मौजूद थीं।  छह सूचकांकों पर अच्छा काम करने वाले जिलों और विकासखंडों को किया गया पुरस्कृत आकांक्षी जिला कार्यक्रम के 49 संकेतकों में से छह और आकांक्षी विकासखंडों के 40 संकेतकों में से छह संकेतकों को चिन्हित कर इन्हें संतृप्त करने संपूर्णता अभियान संचालित किया गया था। इनमें एएनसी पंजीकरण, पूरक पोषण ले रही गर्भवती महिलाओं, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पूर्ण टीकाकरण वाले बच्चे, बिजली वाले स्कूल, शैक्षणिक सत्र शुरू होने के एक महीने के भीतर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने वाले स्कूल, मधुमेह जांच, उच्च रक्तचाप जांच, परिक्रामी निधि प्राप्त करने वाले स्वसहायता समूहों की संख्या जैसे संकेतक शामिल थे।  संपूर्णता अभियान के दौरान सभी छह संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले आकांक्षी जिलों व विकासखंडों को आज स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। पांच संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले जिलों व विकासखंडों को रजत पदक, चार संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वालों को कांस्य पदक तथा तीन संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले जिलों और विकासखंडों को ताम्र पदक से सम्मानित किया गया।   बस्तर और कोंडागांव जिले को स्वर्ण पदक संपूर्णता अभियान के दौरान सभी छह संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले आकांक्षी जिलों बस्तर और कोंडागांव तथा आकांक्षी विकासखंडों शंकरगढ़, मैनपुर, माकड़ी, कोयलीबेड़ा, ओरछा और प्रतापपुर को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। आकांक्षी जिलों दंतेवाड़ा, कोरबा, कांकेर, नारायणपुर तथा आकांक्षी विकासखंडों लखनपुर, बैकुंठपुर, दुर्गकोंदूल, गौरेला-2, कोरबा और पिथौरा को रजत पदक प्रदान किया गया। आकांक्षी जिला बीजापुर और आकांक्षी विकासखंडों गरियाबंद, उसूर, पोड़ी उपरोड़ा, बोड़ला, तोकापाल एवं कुआंकोंडा को कांस्य पदक तथा आकांक्षी जिलों मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी, महासमुंद, सुकमा एवं आंकांक्षी विकासखंड अंबागढ़ चौकी को ताम्र पदक से सम्मानित किया गया। संबंधित जिलों के वर्तमान और तत्कालीन कलेक्टरों ने ये पुरस्कार ग्रहण किए।

तूफानी शतक से डिविलियर्स ने रच दिया इतिहास, पाकिस्तान को हराकर साउथ अफ्रीका बना विजेता

नई दिल्ली वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (WCL) 2025 के फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान चैंपियंस को करारी हार का सामना करना पड़ा. शनिवार को खेले गए इस मुकाबले में साउथ अफ्रीका चैंपियंस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए खिताब जीत लिया. इस फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान के कप्तान मोहम्मद हफीज ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फैसला किया. तीसरे ओवर में ही कामरान अकमल आउट हो गए. कप्तान हफीज ने 10 गेंदों में 17 रन बनाए, जबकि शोएब मलिक 20 रन (25 गेंद) पर आउट हुए और बड़ी पारी नहीं खेल सके. इसके बाद शर्जील खान ने 44 गेंदों में 76 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली. उनके बाद उमर अमीन और आसिफ अली ने तेज़ी से रन बनाए और मिलकर 31 गेंदों में 61 रन जोड़े. साउथ अफ्रीका की ओर से वेन पार्नेल ने 4 ओवर में 32 रन देकर 2 विकेट लिए, वहीं हार्डस विल्जोएन ने भी 2 विकेट चटकाए. पाकिस्तान ने 20 ओवर में 195/5 रन बनाए. साउथ अफ्रीका की पारी जवाब में साउथ अफ्रीका की शुरुआत जबरदस्त रही. टीम ने 6 ओवरों में ही 72 रन बना लिए. पावरप्ले की आखिरी गेंद पर हाशिम अमला 18 रन बनाकर आउट हुए. इसके बाद पाकिस्तान की फील्डिंग बेहद कमजोर दिखी, कई कैच टपकाए गए. एबी डिविलियर्स, जो कि हैमस्ट्रिंग चोट के चलते सिर्फ बल्लेबाज़ी कर रहे थे, ने "इम्पैक्ट प्लेयर" के तौर पर उतरते हुए 47 गेंदों में अपना तीसरा शतक पूरा किया. उन्होंने अंत तक नाबाद 120 रन (60 गेंद, 12 चौके, 7 छक्के) की पारी खेली. उनके साथ जेपी डुमिनी ने भी शानदार बल्लेबाज़ी की और दोनों ने मिलकर 65 गेंदों में 125 रन की अटूट साझेदारी की. डुमिनी भी 28 गेंदों में 50 रन बनाकर नाबाद रहे. साउथ अफ्रीका ने यह मैच 16.5 ओवर में सिर्फ एक विकेट खोकर जीत लिया और 9 विकेट से शानदार जीत दर्ज की. मैच के बाद भारत-पाकिस्तान विवाद के चलते पीसीबी (पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड) ने एक बड़ा फैसला लिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब कोई भी निजी लीग में "पाकिस्तान" नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा.

रक्षाबंधन विशेष: राखी बांधने के लिए साढ़े 7 घंटे का योग, शुभ मुहूर्त में करें बहन-भाई का पर्व

रक्षाबंधन 9 अगस्त शनिवार को मनाया जाएगा. इस बार रक्षाबंधन पर राखी बांधने के लिए साढ़े 7 घंटे से अधिक का शुभ मुहूर्त है. लेकिन इसमें भी 1 घंटा 40 मिनट तक राखी नहीं बांधी जाएगी. इसका कारण भद्रा नहीं है क्योंकि इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं है. भद्रा रक्षाबंधन के दिन सूर्योदय से पहले ही खत्म हो जा रही है. इस बार का रक्षाबंधन भद्रा रहित मुहूर्त में है. राखी के त्योहार पर भद्रा न होने से रक्षाबंधन सुबह से मनाया जाएगा. फिर रक्षाबंधन के शुभ मुहर्त में 1 घंटा 40 मिनट की रोक क्यों होगी? आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में. रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त को रक्षाबंधन के अवसर पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 47 मिनट से शुरू है. यह शुभ मुहूर्त दोपहर में 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. यानि रक्षाबंधन सुबह से लेकर दोपहर तक मनाया जाएगा. इस दिन राखी बांधने के लिए 7 घंटे मिनट का शुभ समय प्राप्त हो रहा है. सावन पूर्णिमा को मनाते हैं रक्षाबंधन हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाते हैं. इस साल सावन पूर्णिमा 8 अगस्त को ​2:12 पीएम से लेकर 9 अगस्त को 1:24 पीएम तक है. इस दिन भगवान शिव के प्रिय माह सावन का समापन होता है. रक्षाबंधन सावन के अंतिम दिन होता है और यह बड़ा त्योहार होता है. रक्षाबंधन के दिन बहनें भाइयों को राखी बांधती हैं और उनके सुखी जीवन की कामना करती हैं. भाई भी बहनों को उपहार देते हैं और उसकी सुरक्षा का वचन देते हैं. 1 घंटा 40 मिनट तक नहीं बांधी जाएगी राखी! रक्षाबंधन के लिए सुबह मुहूर्त सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक है. लेकिन इस शुभ मुहूर्त में ही राहुकाल भी पड़ रहा है. रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त में राहुकाल 1 घंटा 40 मिनट तक है. राहुकाल के समय में राखी नहीं बांधी जाती है क्योंकि इसे अशुभ समय मानते हैं. रक्षाबंधन के दिन राहुकाल सुबह में 9 बजकर 7 मिनट से सुबह 10 बजकर 47 मिनट तक है. राहुकाल में बहनें अपने भाइयों को राखी नहीं बांधनी चाहिए. राहुकाल में शुभ कार्य क्यों नहीं करते हैं? राहुकाल में अशुभ और छाया ग्रह राहु का प्रभाव होता है. ज्योतिष में राहु को भ्रम, दुर्भाग्य, क्लेश, भय का कारक माना गया है. एक दिन में राहुकाल 90 मिनट का होता है. कई बार यह कम या उससे ज्यादा हो सकता है. राहुकाल को अशुभ, भ्रमकारी और विघ्न पैदा करने वाला होता है. पंचांग में राहुकाल को शुभ कार्यों, पूजन, यात्रा, लेन-देन, नई शुरुआत, मांगलिक कार्यों के लिए वर्जित माना गया है. इस वजह से राहुकाल में शुभ कार्य नहीं करते हैं.  

यशस्वी जायसवाल का धमाका, शतक से तोड़ा रवि शास्त्री का रिकॉर्ड — टीम इंडिया ने रचा नया इतिहास

ओवल में रोमांचक मोड़, इंग्लैंड की दूसरी पारी 50/1 पर, भारत ने दिया चुनौतीपूर्ण टारगेट यशस्वी जायसवाल का धमाका, शतक से तोड़ा रवि शास्त्री का रिकॉर्ड — टीम इंडिया ने रचा नया इतिहास ओवल  भारत और इंग्लैंड के बीच एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2025 का आखिरी टेस्ट मैच लंदन के ओवल क्रिकेट ग्राउंड पर हो रहा है. इस मुकाबले में तीसरे दिन (2 अगस्त) का खेल समाप्त हो चुका है. भारत ने इंग्लैंड को जीत के लिए 374 रन का टारगेट दिया है. टारगेट का पीछा करते हुए स्टम्प तक इंग्लैंड ने एक विकेट के नुकसान पर 50 रन बनाए. बेन डकेट 34 रन पर नाबाद हैं. इंग्लैंड की टीम जीत से 350 रन दूर है, जबकि भारत को 9 विकेट चाहिए.  इस मैच में भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में 224 रन बनाए. जवाब में इंग्लैंड की पहली पारी 247 के स्कोर पर सिमटी. यानी इंग्लैंड को पहली पारी के आधार पर 23 रन की बढ़त मिली. फिर भारत की दूसरी पारी 396 रन पर सिमटी. यह मैच भारतीय टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण है. भारतीय टीम पांच मैचों की इस टेस्ट सीरीज को तभी बराबर कर पाएगी, जब वो ये मैच जीतेगी. अगर ओवल टेस्ट ड्रॉ रहा या इंग्लैंड ने जीत हासिल की तो शुभमन गिल की अगुवाई वाली टीम सीरीज गंवा देगी. इंग्लैंड की दूसरी पारी में शुरुआत अच्छी रही. जैक क्राउली और बेन डकेट के बीच पहले विकेट के लिए 50 रनों की पार्टनरशिप हुई. जैक क्राउली 14 रन बनाकर मोहम्मद सिराज की गेंद पर बोल्ड हुए. जैक क्राउली के विकेट के साथ ही तीसरे दिन का खेल समाप्त होने की घोषणा कर दी गई. भारतीय टीम के लिए दूसरी पारी में सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने तूफानी बैटिंग की. यशस्वी जायसवाल ने 7 चौके और दो छक्के की मदद से महज 44 गेंदों पर ही अपना अर्धशतक पूरा कर लिया. हालांकि यशस्वी को इस दौरान दो जीवदान भी मिलाे. उधर केएल राहुल (7 रन) और साई सुदर्शन (11 रन) कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके. फिर तीसरे दिन के खेल के पहले सेशन में नाइटवॉचमैन आकाश दीप और यशस्वी जायसवाल ने पारी को आगे बढ़ाया. दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए 107 रनों की पार्टनरशिप हुई. आकाश दीप ने इस दौरान 9 चौके की मदद से 70 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा कर लिया. अपने इंटरनेशनल करियर में आकाश दीप ने पहली बार अर्धशतक जड़ा. जेमी ओवर्टन ने आकाश दीप को आउट करके इस साझेदारी को तोड़ा. आकाश दीप ने 94 गेंदों पर 66 रन बनाए, जिसमें 12 चौके शामिल रहे. इसके बाद भारतीय टीम ने तीसरे दिन के दूसरे सेशन में कप्तान शुभमन गिल का विकेट सस्ते में गंवा दिया. गिल को 11 रनों के निजी स्कोर पर गस एटकिंसन ने चलता किया. गिल के आउट होने के कुछ देर बाद यशस्वी ने अपना छठा टेस्ट शतक जड़ा. यशस्वी ने 11 चौके और दो छक्के की मदद से 127 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया. यशस्वी के टेस्ट करियर का छठा शतक रहा. करुण नायर (17 रन) कुछ खास नहीं कर पाए और उन्हें गस एटकिंसन ने आउट किया. यशस्वी जायसवाल का धमाका, शतक से तोड़ा रवि शास्त्री का रिकॉर्ड — टीम इंडिया ने रचा नया इतिहास इंग्लैंड के खिलाफ लंदन के ओवल क्रिकेट ग्राउंड पर जारी टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने दूसरी पारी में शानदार प्रदर्शन किया है. भारत की ओर से दूसरी पारी में सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल शतक जड़ने में सफल रहे. यशस्वी ने 164 गेंदों पर 118 रन बनाए, जिसमें 14 चौके और 2 छक्के शामिल रहे. यशस्वी के टेस्ट करियर का ये छठा शतक रहा. खास बात यह है कि 6 में से चार शतक तो यशस्वी ने इंग्लैंड के खिलाफ बनाए हैं. 23 साल की उम्र में भारत की ओर से यशस्वी जायसवाल से ज्यादा टेस्ट शतक सचिन तेंदुलकर (11) ही लगा पाए थे. यशस्वी ने रवि शास्त्री को पछाड़ दिया है, जिन्होंने इस उम्र तक 5 टेस्ट शतक जड़े थे. 23 साल या उससे कम की उम्र में सबसे ज्यादा टेस्ट शतक लगाने वाले सलामी बल्लेबाजों में यशस्वी जायसवाल दूसरे नंबर पर हैं. इस मामले में साउथ अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ टॉप पर हैं, जिन्होंने 7 टेस्ट शतक जड़े थे. देखा जाए तो भारतीय टीम की ओर से मौजूदा टेस्ट सीरीज में 12 शतक बने हैं. पहली बार ऐसा हुआ, जब भारत की ओर से एक टेस्ट सीरीज में इतने शतक लगाए गए हैं. अगर भारत की ओर से एक और शतक बनता  है तो शुभमन ब्रिगेड वर्ल्ड रिकॉर्ड बना देगी. अब तक एक टेस्ट सीरीज में किसी टीम की ओर से 12 से ज्यादा टेस्ट शतक नहीं बने हैं. टेस्ट सीरीज में किसी टीम की ओर से सर्वाधिक शतक 12- ऑस्ट्रेलिया vs वेस्टइंडीज, 1955 (विदेश में, 5 टेस्ट) 12- पाकिस्तान vs भारत, 1982/83 (घर में, 6 टेस्ट) 12- साउथ अफ्रीका vs वेस्टइंडीज, 2003/04 (घर में, 4 टेस्ट) 12- भारत vs इंग्लैंड, 2025 (विदेश में, 5 टेस्ट)* एक टेस्ट सीरीज में सर्वाधिक शतक 21- ऑस्ट्रेलिया vs वेस्टइंडीज, 1955 20- वेस्टइंडीज vs साउथ अफ्रीका, 2003/04 19- भारत vs इंग्लैंड, 2025* इंग्लैंड के खिलाफ जारी टेस्ट सीरीज में जायसवाल के 72.9 प्रतिशत रन ऑफ साइड से आए, जो किसी सीरीज में 300 या उससे ज्यादा रन बनाने वाले बैटर के लिए सर्वाधिक है. उनके 64.3 प्रतिशत रन बिहाइंड स्क्वायर आए हैं, जो एक टेस्ट सीरीज में 300 या उससे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों में सर्वाधिक रहा. यशस्वी ने  टेस्ट सीरीज में कुल 10 पारियां खेलीं, जिसमें उन्होंने 41.10 की औसत से 411 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से दो शतक और दो अर्धशतक निकले.

मंत्री राजवाड़े ने शासकीय योजनाओं के धरातल पर बेहतर क्रियान्वयन के दिए निर्देश

रायपुर महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कोंडागांव जिले के प्रवास के दौरान विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन का जायजा लिया। मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने नशा मुक्ति केंद्र, आंगनबाड़ी केन्द्रों, सखी वन स्टॉप सेंटर, हॉफवे होम और बालिका गृह का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को योजनाओं का प्रभावी संचालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने बनियागांव स्थित नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती पीड़ितों से मुलाकात की और नशे से होने वाले दुष्परिणामों पर चर्चा करते हुए उन्हें सुधार की राह अपनाने की सलाह दी। इसके पश्चात उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करते हुए बच्चों को मिलने वाले पोषण आहार और शैक्षिक गतिविधियों की जानकारी ली। बच्चों की कविताओं, कहानियों और उत्तरों से प्रभावित होकर मंत्री ने उनकी सराहना की और चॉकलेट वितरित किए। निरीक्षण के दौरान मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने आंगनबाड़ी केंद्रों की स्वच्छता व्यवस्था पर विशेष ध्यान देते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि किचन और बाथरूम की नियमित सफाई की जाए। श्रीमती राजवाड़े ने सखी वन स्टॉप सेंटर में काउंसलिंग प्रक्रिया को देखा और पीड़ित महिलाओं की समुचित मानसिक सहायता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। वहीं हॉफवे होम में अन्य राज्यों से आए व्यक्तियों की जानकारी ली और उन्हें उनके गृह राज्य तक सुरक्षित पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। बालिका गृह में रह रही बेटियों की खेल और पढ़ाई में रुचि को देखकर उन्होंने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। निरीक्षण दौरे में महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक श्री पीएस एल्मा, एसडीएम श्री अजय उरांव सहित अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।

हस्तशिल्प और महिला स्वावलंबन को बढ़ावा: मंत्री राजवाड़े ने किया शबरी एंपोरियम व फैक्ट्री का अवलोकन

रायपुर महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े आज कोंडागांव जिले के प्रवास पर रहीं। उन्होंने जिले में स्थित शबरी एंपोरियम में बेलमेटल कला की कलाकृतियों का अवलोकन किया और प्रसिद्ध शिल्पकार डॉ. जयदेव बघेल के पुत्र भूपेंद्र बघेल से भेंट कर शिल्प प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त की। इसके साथ ही नारियल विकास बोर्ड के कार्यालय पहुंचकर नारियल, कोको और काली मिर्च के उत्पादन की जानकारी ली। कोंडागांव स्थित गारमेंट फैक्ट्री में महिलाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों को देखकर मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने प्रसन्नता व्यक्त की। यह फैक्ट्री पिछले तीन वर्षों से संचालित है और इससे 300 महिलाओं को सीधा रोजगार मिला है। उन्होंने ऐसी इकाइयों के विस्तार पर बल देते हुए महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए और अधिक प्रयास करने की बात कही। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक पीएस एल्मा, एसडीएम अजय उरांव सहित अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।

आपदा राहत दल द्वारा 432 बचाव अभियान चलाकर 3628 नागरिकों को किया गया रेस्क्यू

अतिवृष्टि से प्रभावितों के हर पल साथ है सरकार : मुख्यमंत्री डॉ. यादव राहत एवं बचाव के लिए उठाए जा रहे हैं सभी कदम आपदा राहत दल द्वारा 432 बचाव अभियान चलाकर 3628 नागरिकों को किया गया रेस्क्यू प्रभावितों को तेजी से बांटी जा रही है राहत राशि अब तक 28.49 करोड़ रूपए राहत राशि प्रभावितों को दी गई अतिवृष्टि से प्रभावितों को कोई कठिनाई न होने पाये मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी कलेक्टर्स को दिये निर्देश भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के कुछ जिलों में हाल ही में अतिवृष्टि हुई थी। राज्य सरकार ने अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों को राहत देने में बेहद तत्परतापूर्ण कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अतिवृष्टि वाले जिलों में अब तक 3628 नागरिकों को सुरक्षित रूप से रेस्क्यू किया गया। उन्होंने बताया कि बारिश थमने के साथ कुछ नागरिक अपने-अपने घरों को चले गए हैं। परंतु अब भी 53 राहत शिविरों में 3065 प्रभावितों को रखकर उन्हें सभी प्रकार की जरूरी मदद जैसे खाना-पीना दवाइयां कपड़े आदि मुहैया कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अतिवृष्टि प्रभावित हर व्यक्ति के साथ पूरी संवेदनशीलता के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि अतिवृष्टि या बाढ़ प्रभावितों को कोई भी कठिनाई न आने पाये। जल्द ही जल्द सर्वे पूरा कर पीड़ितों को उनके नुकसान की समुचित भरपाई की जाए। अतिवृष्टि वाले जिलों के कलेक्टर्स द्वारा अब तक 28.49 करोड़ रुपए राहत राशि वितरित कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा लगातार यह प्रयास किए गए कि अतिवृष्टि से प्रदेश की जनता को किसी भी स्थिति में परेशानियों का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा है कि शासन संवेदनशील शासन वह होता है, जो हर समय समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के हित के लिए हमेशा उपलब्‍ध रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशों के तहत शासन द्वारा अतिवृष्टि/बाढ़ प्रबंधन की सभी तैयारियां पहले ही प्रारंभ कर दी गई थीं। मुख्य सचिव द्वारा विगत 9 जून को विस्‍तृत समीक्षा की गयी थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भी 22 जुलाई को सभी कलेक्टर्स को बाढ़ की पूर्व तैयारियों के संबंध में और जनता को लाभ पहुंचाने के दिशा-निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशों के पालन में शासन द्वारा वृहद स्तर पर तैयारियां की गईं। NDRF की टीमों को भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और धार में तैनात किया गया। SDRF को प्रदेश भर में संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया गया। पूरे प्रदेश में 259 संवेदनशील क्षेत्र चिन्‍हांकित करते हुए Disaster Response Centre स्थापित किए गए तथा 111 Quick Response Team तैनात की गयी। इन कार्यों में जन सामान्य को जोड़ने के लिए 3300 आपदा मित्रों को भी प्रशिक्षित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए थे कि आमजन को बाढ़ के खतरों के बारे में समय रहते सूचित किया जाये। इस कार्य के लिए राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष के द्वारा लगातार रेड अलर्ट मोबाइल के माध्यम से भेजे गए। सिंचाई विभाग द्वारा विस्तृत व्यवस्थाएं की गई, जिससे बांधों के जल स्तर एवं छोड़े जाने वाले जल की जानकारी समय रहते कलेक्टर और संबंधित व्यक्तियों तक पहुंचाई जा सके। मौसम विभाग से मिली जानकारियों को भी सभी संबंधित अधिकारियों तथा बचाव दलों को लगातार उपलब्ध कराया जा रहा है। इन सभी कार्यों की निगरानी के लिए 24 घंटे चलने वाले राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम स्थापित किए गए। शासन द्वारा यह भी सुनिश्चित किया गया कि प्रदेश के सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य शिविरों में आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध रहें तथा 62 स्थानों पर अग्रिम खाद्यान्न का भण्डारण किया गया, जिससे आम जनता को आवश्यकता पड़ने पर किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। प्रदेश में अब तक लगातार 711.3 मिमी वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य से 59 प्रतिशत अधिक है। यह सामान्य से अधिक वर्षा भी कम समय में तेजी से हुई है। मंडला में 1107 मिमी बारिश में से लगभग 51 प्रतिशत बारिश केवल 4 दिनों में हो गई है। प्रदेश के कुल 40 जिलों में सामान्‍य से अधिक वर्षा हुई है, शेष 9 जिलों में सामान्य वर्षा एवं 2 जिलों में सामान्‍य से कम वर्षा हुई है। अतिवृष्टि के कारण प्रदेश के प्रभावित लगभग 254 ग्रामीण सड़कों में से 212 सड़कों में तत्‍काल सुधार कार्य किया गया है। बैरीकेड्स के जरिए ये सुनिश्चित किया गया कि इसके कारण कोई मृत्‍यु न हो। प्रदेश के सभी छोटे-बड़े बांधों में जलभराव में तो वृद्धि हुई है, किंतु समय रहते हुई गेट ऐसे खोले और बंद किए गए, ताकि कहीं भी कोई जन-हानि न हो एवं भविष्‍य में सिंचाई के पानी की उपलब्‍धता बनी रहे। प्रदेश के सभी बांधों की सतत् रूप से नियमित निगरानी की जा रही है। बाढ़ के बचाव के लिए आवश्यकतानुसार सेना की मदद ली जा रही है। भारत सरकार से भी पूरा सहयोग मिल रहा है। प्रदेश में दवाईयों, खाद्य सामग्रियों की पूर्ति सुनिश्चित कर दी गयी है। सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है। मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशानुसार बाढ़ आपदा में शासन ने बेहद संवेदनशीलता और तत्परता से राहत एवं बचाव अभियान चलाकर रेस्क्यू कार्यवाहियां की है। प्रदेश में अतिवृष्टि प्रभावित 2325 लोगों के लिए राहत शिविर अभियान चलाकर उन्हें सभी प्रकार की सुविधाएँ/राहतें प्रदान की जा रही है। इन राहत शिविरों में दवाइयां, भोजन तथा पेयजल त्‍वरित रूप से उपलब्‍ध कराया जा रहा है। इसके अलावा राजमार्ग एवं मुख्‍य मार्ग में 94 पुलियां क्षतिग्रस्‍त हुई थीं, लेकिन वैकल्पिक मार्ग तत्‍काल उपलब्‍ध कराये गए, ताकि आवागमन में कोई व्‍यवधान उत्‍पन्‍न न हो। प्रदेश में तैनात मोचन दलों/बचाव राहत दलों द्वारा 432 बचाव अभियान चलाए गए हैं, जिसमें 3628 नागरिकों तथा 94 मवेशियों को जीवित बचाया गया है। अतिवृष्टि से 47, नदी-नाले में दुघर्टनावश डूबने से 132, आकाशीय बिजली से 60 तथा दीवार/मकान/पेड़ गिरने से 13 लोगों की मृत्‍यु दर्ज हुई है। साथ ही 432 पशु हानि एवं 1200 मुर्गियां की मृत्‍यु हुई है और 128 मकानों को पूर्ण एवं 2333 मकानों को आंशिक क्षति हुई है। जिला कलेक्‍टर्स द्वारा प्रभावित व्‍यक्तियों को 28.49 करोड़ रुपए की राहत राशि वितरित कर दी गई है। शासन द्वारा लगभग 3600 करोड़ रूपए की व्‍यवस्‍था राहत मद में की गई है, … Read more