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शिक्षकों की नियुक्ति से खिल उठे छात्र, रायपुर में दूर हुई पढ़ाई की परेशानी

रायपुर कोरबा जिले में पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम पचरा के हाई स्कूल में विद्यार्थियों की कोई कमी नहीं है। आसपास के एक दर्जन से अधिक गाँव के विद्यार्थी इस विद्यालय बहुत ही उम्मीद के साथ यह सोचकर दाखिला लेते हैं कि यहाँ से पढ़कर, पास होकर आगे की पढ़ाई जारी रखेंगे। पिछले कुछ सालों से उनके गाँव के सबसे नजदीक इस विद्यालय में नियमित शिक्षको की कमी थी। स्कूल में शिक्षकों की कमी उन्हें ही नहीं उनके माता-पिता को भी अक्सर चिंता में डालती थी। जिले में संचालित ऐसे विद्यालय जहाँ युक्ति युक्तकरण के पश्चात भी शिक्षको की कमी रह गई थीं उन विद्यालयों की सूची तैयार कर डीएमएफ से मानदेय के आधार पर शिक्षकों को नियुक्ति प्रदान की गई है। कोरबा जिला प्रशासन की इस पहल के बाद शासकीय हाई स्कूल पचरा में अब किसी विषय का कालखण्ड खाली नहीं जाता। दूरस्थ क्षेत्र से स्कूल आने वाले हर विद्यार्थियों को इस विद्यालय में शिक्षको से अध्यापन और विषय का ज्ञान मिलता है।    डीएमएफ से मानदेय के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। इसी क्रम में पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पचरा में संचालित हाई स्कूल में भी शिक्षको की कमी बनी हुई थी। कई विषयों के नियमित शिक्षक नहीं होने से यहाँ के विद्यार्थी उन विषयों की पढ़ाई अन्य शिक्षको के माध्यम से करते तो थे लेकिन उन्हें अक्सर महसूस होती थी कि काश सभी विषयों के लिए शिक्षक उपलब्ध हो। जिला प्रशासन द्वारा डीएमएफ से की गई मानदेय शिक्षको की नियुक्ति से जहाँ विद्यार्थियों को शिक्षक मिल गए, वहीं गाँव के आसपास रहने वाले बेरोजगार युवाओं को रोजगार के साथ अध्यापन का अवसर भी मिल गया है। पचरा के हाई स्कूल में मानदेय शिक्षक के रुप में अध्यापन कराने वाली शिक्षिका अभिलाषा सिंह तंवर और लक्ष्मी कुमारी ने बताया कि मास्टर डिग्री लेने के बाद उन्होंने बीएड किया ताकि स्कूल में पढ़ाई करा सके। जिले में मानदेय शिक्षक की भर्ती होने पर उन्होंने अपना आवेदन किया था, अब नियुक्ति होने के बाद वह स्कूल में पढ़ाती है। उन्होंने बताया कि मानदेय शिक्षक के रूप में स्कूल में अवसर मिलना उनके लिए सौभाग्य का विषय है। मानदेय मिलने से घर का खर्च चलाने में सहूलियत होने लगी है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को भी खुशी होती है कि उनका कोई भी विषय खाली नहीं जाता। इस विद्यालय में कक्षा नवमीं में 48 और कक्षा 10वीं में 25 विद्यार्थी है। विद्यालय में गणित,अंग्रेजी और विज्ञान के शिक्षक है। मानदेय शिक्षिकाओं द्वारा हिंदी,सामाजिक विज्ञान और अन्य विषयों की पढ़ाई कराई जाती है। विद्यालय में अध्ययन करने वाली छात्राओं विद्या, मानमती, सुहानी यादव ने बताया कि पहले विद्यालय में कम शिक्षक थे। अब नए शिक्षको के आने से सभी विषयों की पढ़ाई होती है। विद्यार्थियों ने बताया कि इस स्कूल में बहुत दूर-दूर के गाँव से लड़के-लड़कियां पढ़ाई करने आती है। सभी विषयों की पढ़ाई होने से हम लोग का मन भी स्कूल आने में होता है। गौरतलब है कि खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) से मानदेय के आधार पर 480 अतिथि शिक्षकों की भर्ती का निर्णय लिया गया है। इन अतिथि शिक्षकों में प्राथमिक शाला के 243, माध्यमिक ष्शाला के 109 और हाई तथा हायर सेकेण्डरी स्कूलों में व्याख्याताओं के 128 पदो पर भर्ती की जा रही है। खास बात यह है कि विगत शिक्षण सत्र में अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य करने वाले शिक्षकों को इस सत्र की नियुक्ति में प्राथमिकता दी जा रही है। इसके साथ अतिथि शिक्षकों को गत वर्ष दिये जाने वाले मानदेय में भी वृद्धि कर दी गई है। इस सत्र में प्राइमरी स्कूल के अतिथि शिक्षकों को 11 हजार, मिडिल स्कूल के अतिथि शिक्षकों को 13 हजार और हाई-हायर सेकेण्डरी के अतिथि व्याख्याताओं को 15 हजार रूपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। विगत वर्ष भृत्य को 8000, प्राइमरी स्कूल के अतिथि शिक्षकों को 10 हजार, मिडिल स्कूल के अतिथि शिक्षकों को 12 हजार और हाई-हायर सेकेण्डरी के अतिथि व्याख्याताओं को 14 हजार रूपये प्रतिमाह मानदेय दिया गया था।

छत्तीसगढ़ के 2.34 लाख वन पट्टाधारी और 32,500 विशेष पिछड़ी जनजाति के किसानों को भी मिल रहा है योजना का लाभ

रायपुर : समृद्ध और खुशहाल किसान – विकसित छत्तीसगढ़ का मजबूत आधार : मुख्यमंत्री साय समृद्ध और खुशहाल किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त की राशि जारी प्रदेश के 25.47 लाख से अधिक किसानों के खातों में 553 करोड़ 34 लाख रुपये का हुआ अंतरण राज्य के अन्नदाताओं को अब तक पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत मिली 9 हजार 700 करोड़ रुपये की राशि छत्तीसगढ़ के 2.34 लाख वन पट्टाधारी और 32,500 विशेष पिछड़ी जनजाति के किसानों को भी मिल रहा है योजना का लाभ रायपुर सावन के पवित्र महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी (उत्तर प्रदेश) से देशभर के 9.7 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त के रूप में 20500 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खातों में हस्तांतरित की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर स्थित उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के सभागार से प्रदेश के किसानों के साथ वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वृहद किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 2019 से अब तक देशभर के किसानों को 3.75 लाख करोड़ रुपये की राशि सीधे उनके खातों में भेजी जा चुकी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की समृद्धि के लिए निरंतर काम कर रही है और पीएम किसान निधि इसका सशक्त उदाहरण है। मोदी ने कहा कि कृषि विकास में पिछड़े जिलों के लिए ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना’ की शुरुआत की गई है और इसके लिए 24 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि सिंचाई योजनाओं पर भी सरकार बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है ताकि खेतों तक पानी पहुंच सके और उत्पादन में वृद्धि हो। प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को राहत देने के उद्देश्य से ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ संचालित है, जो उन्हें संकट से उबारने का कार्य करती है। प्रधानमंत्री ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि 1.5 करोड़ से अधिक महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं और 3 करोड़ के लक्ष्य में से आधा काम हमने पूरा कर लिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को पवित्र श्रावण मास की शुभकामनाएं देते हुए भगवान महादेव से छत्तीसगढ़ के सतत् कल्याण, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से छत्तीसगढ़ के लगभग 25 लाख से अधिक किसानों को 553 करोड़ 34 लाख रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है। मुख्यमंत्री साय ने प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अन्नदाताओं को आर्थिक संबल देकर उनके परिश्रम का सम्मान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार “मोदी की गारंटी” के अनुरूप किसानों की उन्नति के लिए निरंतर समर्पित भाव से कार्य कर रही है। हमने किसानों से जो वादा किया था, उसे पूरा किया है। आज छत्तीसगढ़ में किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की कीमत दी जा रही है, जो उनकी आय को और सुदृढ़ कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार गठन के दस दिनों के भीतर ही 3716 करोड़ रुपये की 2 वर्ष की बकाया बोनस राशि का भुगतान कर हमने किसानों के भरोसे को और मजबूत किया। पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में ‘किसान क्रेडिट कार्ड योजना’ की शुरुआत हुई, जिसने खेती-किसानी को लाभकारी व्यवसाय में परिवर्तित कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले किसान भारी ब्याज दरों पर उधार लेकर खेती करते थे, लेकिन आज केसीसी (KCC) के माध्यम से शून्य ब्याज दर पर ऋण मिल रहा है, जिससे खेती-किसानी और आसान हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए तेज़ी से कार्य किया जा रहा है। बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है और हम बोधघाट परियोजना, महानदी और इंद्रावती नदी को जोड़ने जैसी योजनाओं के माध्यम से बस्तर को सिंचित और समृद्ध क्षेत्र बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं। साय ने कहा कि दलहन-तिलहन फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए 10 हजार रुपये की सहायता राशि का प्रावधान किया गया है। साथ ही, भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी 10 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार खेती ही नहीं, बल्कि मत्स्यपालन, दुग्ध उत्पादन और पशुपालन जैसे सहायक कृषि कार्यों को भी सशक्त करने में जुटी है। ‘दुधारू पशु वितरण योजना’ को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के 6 जिलों से प्रारंभ किया गया है, जिसे नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) के माध्यम से लागू किया जा रहा है। इससे दूध का उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को उसकी उचित कीमत मिलेगी। साय ने कहा कि मिलेट्स (अन्न) जैसे पौष्टिक अनाजों का उत्पादन, कोदो, कुटकी और रागी जैसी पारंपरिक फसलों की खेती को बढ़ावा देकर किसानों को बाजार में बेहतर दाम दिलाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार निरंतर किसानों को इस योजना के तहत राशि सीधे उनके खाते में हस्तांतरित कर रही है। उन्होंने इस मौके पर कहा कि नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में गांव-गांव में पक्की सड़कें बन गई हैं। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अब किसानों को बिना ब्याज के अल्पकालिक ऋण उपलब्ध हो रहा है। हमारी सरकार ने अनेक योजनाएं धरातल पर लाकर किसानों की बेहतरी के लिए कार्य किया है। कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि आज इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 25.47 लाख से अधिक किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से 20वीं किश्त की राशि 553 करोड़ 34 लाख रुपये अंतरित की गई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार जय-जवान, जय-किसान, जय-विज्ञान और जय-अनुसंधान की परिकल्पना के साथ आधुनिक कृषि उपकरणों और तकनीकों का उपयोग कर खेती-किसानी को नई दिशा दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वृहद रूप से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ चलाया गया। इस अभियान में कृषि वैज्ञानिकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने एक लाख से अधिक किसानों से मुलाकात कर … Read more

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने नरयावली के चितौरा में एक करोड़ 84 लाख रुपये की लागत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का किया लोकार्पण

सागर   उप मुख्यमंत्री एवं सागर जिले के प्रभारी मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी गर्भवती महिलाओं का समय पर पंजीयन कर उनकी समुचित जांच एवं टीकाकरण सुनिश्चित कराया जाए। उप मुख्यमंत्री शुक्ल शनिवार को नरयावली विधानसभा क्षेत्र के चितौरा में एक करोड़ 84 लाख रुपये की लागत से निर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि गर्भावस्था के प्रथम माह से ही पंजीयन एवं स्वास्थ्य परीक्षण प्रारंभ कराए जाएं। शिशु मृत्यु दर को रोकने के लिये भी सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार निरंतर स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार कर रही है। आशा कार्यकर्ताओं एवं एएनएम को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह की 9 और 25 तारीख को गर्भवती महिलाओं को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाकर उनका परीक्षण सुनिश्चित कराएं। साथ ही चितौरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को आदर्श स्वास्थ्य केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, सांसद श्रीमती लता वानखेड़े एवं विधायक प्रदीप लारिया सहित स्थानीय जन प्रतिनिधि, विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।  

“मध्यप्रदेश में दोहरी जागरूकता का अभियान: घर-घर तिरंगा और स्वच्छता का संदेश

2. "मध्यप्रदेश में दोहरी जागरूकता का अभियान: घर-घर तिरंगा और स्वच्छता का संदेश सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किये निर्देश भोपाल  मध्यप्रदेश में "हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता : स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग" अभियान तीन चरणों में चलाया जायेगा। प्रथम चरण में 2 से 8 अगस्त तक देशभक्ति के वातावरण का जागरण तथा तिरंगे पर केन्द्रित सार्वजनिक कार्यक्रम, चर्चाएँ आयोजित की जाएंगी। साथ ही तिरंगा से प्रेरित कला, तिरंगा प्रदर्शनी का प्रदर्शन, तिरंगा रंगोली, तिरंगा राखी निर्माण, तिरंगा बुनाई, तिरंगा पर प्रश्नोत्तरी, तिरंगे के लिए स्वयं सेवा, तिरंगा सजावट और प्रकाश व्यवस्था तथा सैन्य बलों के जवानों और पुलिसकर्मियों को पत्र लेखन आदि गतिविधियां संचालित होगी। अभियान के द्वितीय चरण में 9 से 12 अगस्त तक लोगों को साथ लाने, व्यापक प्रचार-प्रसार, ध्वजों की उपलब्धता तथा सार्वजनिक स्थलों पर तिरंगे की दृश्यता के लिये कार्य किये जायेंगे। स्थानीय उत्पादों पर केंद्रित तिरंगा मेला, तिरंगा केसर्ट, तिरंगा बाइक/तिरंगा साइकिल रैली, उच्च जनभागीदारी के साथ तिरंगा यात्रा, तिरंगा ध्वज की बिक्री और समुचित व्यवस्था, मानव श्रृंखला निर्माण, तिरंगा गान जैसे कार्यक्रम होंगे। अभियान के तृतीय चरण में 13 से 15 अगस्त तक घर, कार्यालयों तथा वाहनों पर तिरंगा लगाने, सेल्फ़ी अपलोड, सर्वत्र तिरंगे की दृश्यता तथा संस्कृति मंत्रालय के साथ सूचनाओं का सतत आदान-प्रदान किया जायेगा। हर जगह तिरंगा दृश्यता, तिरंगा के साथ रिकॉर्ड इत्यादि महत्वपूर्ण कार्यक्रम किये जायेंगे। केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त सहयोग से चलने वाले इस अभियान की परिकल्पना सामूहिक उत्सव और नागरिक एकता की भावना पर आधारित है, जिसमें स्वतंत्रता के सार को स्वच्छता और सुजलता के संकल्प के साथ जोड़ा गया है। इस प्रकार, ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित जल आपूर्ति, प्रभावी “जल, स्वच्छता और स्वास्थ्य’’ और बेहतर स्वच्छता सुनिश्चित करने से प्रधानमंत्री श्री मोदी के संकल्प को बल मिलेगा। पंचायतों में होगी विविध गतिविधियाँ अभियान में स्वच्छ भारत मिशन (एसवीएम-जी) और जल-जीवन मिशन (जेजेएम) के अंतर्गत गांवों, ग्राम पंचायतों में विविध गतिविधियाँ होंगी, जिनमें स्वच्छ सुजल गांव प्रतिज्ञाएं, सामुदायिक सफाई अभियान, परिसंपत्तियों की सफाई, जागरूकता गतिविधियां, जल-संरक्षण और 15 अगस्त 2025 को अमृत सरोवर, सार्वजनिक स्थानों आदि सहित प्रमुख वाश अवसंरचना स्थलों पर ध्वजारोहण समारोह शामिल है। यह प्रतीकात्मक कार्य सुरक्षित जल और स्वच्छता तक पहुंच द्वारा लाई गई स्वतंत्रता, गरिमा और कल्याण को दर्शाता है। अभियान में ज़िलों, ब्लॉकों और ग्राम पंचायतों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। इसमें स्थानीय संस्थाओं, ग्राम जल सेवा समितियों, स्वयं सहायता समूहों, पंचायती राज संस्थाओं, साथ ही स्कूली बच्चों, स्वयं-सेवकों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को इस अभियान का नेतृत्व करने और इसमें भाग लेने के लिए प्रेरित किया जायेगा। अभियान के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने समस्त संभागायुक्त, कलेक्टर सहित विभिन्न विभागों को निर्देश जारी किए हैं।  

उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने उच्च शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय परिवार को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं

बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा मिला A" ग्रेड बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय को NAAC द्वारा मिला 'A' ग्रेड, शैक्षणिक गुणवत्ता में मिला राष्ट्रीय सम्मान उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने उच्च शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय परिवार को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं भोपाल  उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने भोपाल स्थित बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा "A" ग्रेड प्रत्ययित होने की महत्वपूर्ण एवं गौरवपूर्ण उपलब्धि मिलने पर उच्च शिक्षा विभाग एवं विश्वविद्यालय परिवार को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं हैं। उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के यशस्वी नेतृत्व में राज्य सरकार, विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में गुणवत्तापूर्ण एवं रोजगारपरक उच्च शिक्षा प्रदान करने की दिशा में प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सतत् नवीन आयाम स्थापित हो रहे हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों के समग्र विकास एवं प्रगति के साथ, शैक्षणिक एवं अकादमिक स्तर पर उत्तरोत्तर गुणवत्ता वृद्धि हो रही है। विद्यार्थियों के गुणात्मक एवं संज्ञानात्मक विकास के लिए मजबूत आधार तैयार करने, शोध एवं नवाचारों को बढ़ावा देने, उद्योगजगत की आवश्यकता अनुरूप रोजगारपरक पाठ्यक्रमों की समावेशिता को बढ़ावा देने और देश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित एवं संवर्धित करने के लिए सतत् कार्य किए जा रहे हैं। उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. सुरेश कुमार जैन के नेतृत्व में विश्वविद्यालय परिवार अपने पुरुषार्थ से नए आयाम स्थापित कर रहा है। विश्वविद्यालय का, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद द्वारा निर्धारित मानकों पर खरा उतरकर, सर्वोत्कृष्ट उपलब्धि अर्जित करना प्रशंसनीय एवं सराहनीय है। परमार ने कहा कि यह मान्यता मिलने से विश्वविद्यालय के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और अनुसंधान अनुदान के साथ राष्ट्रीय एवं वैश्विक मंचों पर संस्थागत दृश्यता की नई राहें प्रशस्त होंगी। विद्यार्थियों के लिए बेहतर प्लेसमेंट एवं रोजगार के लिए नए अवसरों का सृजन होगा। परमार ने कहा कि नैक द्वारा प्रत्ययन से वंचित प्रदेश के अन्य समस्त उच्च शिक्षण संस्थान, विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय भी राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद के मानकों पर खरा उतरने के लिए प्रयास करें। ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद की टीम ने भोपाल स्थित बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय का 23 से 25 जुलाई तक निरीक्षण कर विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम गुणवत्ता, शिक्षण-प्रशिक्षण एवं मूल्यांकन, शोध, नवाचार, आधारभूत ढांचा एवं संसाधन, विद्यार्थी सहयोग एवं प्रगति, गवर्नेंस एवं लीडरशिप मैनेजमेंट सहित विविध मानकों के आधार पर परखा था। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय को निर्धारित मानकों पर "A" ग्रेड से प्रत्ययित किया गया है। उल्लेखनीय है कि बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय (जिसे पहले भोपाल विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता था) की स्थापना वर्ष 1970 में, प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुई थी। वर्ष 1988 में इसका नाम बदलकर बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय कर दिया गया था। विश्वविद्यालय को NAAC द्वारा वर्ष 2015 में 'B' ग्रेड प्रदान किया गया था। बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल को वर्ष 2025 में वैश्विक विश्वविद्यालय रैंकिंग (एमईआई विश्व रैंकिंग-2025) द्वारा भी योग्यता, उत्कृष्टता और प्रभाव के लिए विशिष्ट रैंकिंग भी प्रदान की गई है। यह प्रमाणपत्र उत्कृष्ट उपलब्धि के सम्मान में प्रदान किया गया है, जो जीयू की एमईआई विश्व रैंकिंग में संस्थान के असाधारण प्रदर्शन को दर्शाता है। यह विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उत्कृष्टता और समग्र शिक्षा के प्रति समर्पण को दर्शाता है। विगत दो वर्षों में विश्वविद्यालय को पीएम उषा के अंतर्गत 100 करोड़ रुपए की राशि भी प्राप्त हुई है, जिसका उपयोग विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने एवं अधो-संरचना के विकास के साथ-साथ शोध को बढ़ावा देने में उपयोगी सिद्ध हो रहा है।  

विकसित भारत बनाने के लिए युवा अपनी ऊर्जा का समुचित उपयोग करें : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

स्वदेशी अपनायें, स्वाध्यायी बनें, समय का प्रबंधन करें और हमेशा कुछ बड़ा करने की सोचें : मुख्यमंत्री डॉ. यादव खरगौन के कपास और मिर्ची आधारित रोजगारपरक उद्योगों के लिए सरकार दे रही है सहायता विकसित भारत बनाने के लिए युवा अपनी ऊर्जा का समुचित उपयोग करें रोजगार आधारित उद्योग लगाने में सरकार देगी मदद गौपालन को बढ़ावा देकर दुग्ध-उत्पादन के जरिये गौपालकों को बनाएंगे आत्मनिर्भर बड़ी गौशालाओं का प्रबंधन करेगी राज्य सरकार मुख्यमंत्री ने खरगौन में अभ्युदय विश्वविद्यालय का शुभारंभ कर विद्यार्थियों से किया संवाद भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ.  मोहन यादव ने कहा है कि भारत को विकसित बनाने में युवाओं का सबसे बड़ा योगदान होगा। इतिहास गवाह है कि क्रांतियों के सूत्रधार हमेशा युवा ही रहे हैं। भारत और मध्यप्रदेश को विकसित बनाने में हमारे युवाओं को अपनी असीम ऊर्जा का देश और समाज के नवनिर्माण में समुचित उपयोग करना सीखना होगा। यह हमारी जिम्मेदारी भी है और जरूरत भी। मुख्यमंत्री डॉ.  यादव ने कहा कि युवाओं को चाहिए कि वे देश से प्रेम करें। अपने ज्ञान, प्रतिभा का यहीं पर प्रदर्शन कर माटी का कर्ज चुकायें। उन्होंने युवाओं को प्रगति का मार्ग बताते हुए कहा कि युवा स्वदेशी अनपाने की ओर बढ़ें, रोजाना स्वाध्याय करें। अपने समय का समुचित तरीके से प्रबंधन करें जिससे एक-एक मिनिट का उपयोग हो सके। उन्होंने कहा कि यदि जीवन में कुछ बनना है तो हमेशा बड़ा करने की सोचें, बड़े सपने देखें और इन सपनों को पूरा करने के लिए प्राण-प्रण से जुट जायें। मुख्यमंत्री डॉ.  यादव शनिवार को खरगौन में रेनेसां ग्रुप इंदौर द्वारा स्थापित अभ्युदय विश्वविद्यालय के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ.  यादव ने दीप प्रज्ज्वलन एवं परिसर में श्रीराम दरबार की स्थापना कर विश्वविद्यालय का विधिवत् शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ.  विक्रम परमार को उनकी समर्पित सेवाओं के लिए सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने युवा संवाद में दिया छात्रों को मार्गदर्शन विश्वविद्यालय के छात्रों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव से विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन मांगा। कंप्यूटर साइंस के छात्र निखिल यादव ने मुख्यमंत्री से पूछा कि विकसित भारत 2047 की अवधारणा में मध्य प्रदेश के युवा अपनी क्या भूमिका निभा सकते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि युवा अपनी पसंद के क्षेत्र में पढ़ाई पूरी करें और आदर्श किसान, शिक्षक, उद्योगपति अथवा राजनेता बनने का सपना देखें। आपके सपने सच करने के लिए राज्य सरकार आपके साथ खड़ी है। कृषि विज्ञान की छात्रा सीमा यादव ने पूछा कि जनजातीय समुदाय में आधुनिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार क्या काम कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ.  यादव ने बताया कि खरगोन जिले में दो कृषि विद्यालयों की स्थापना कर उन्नत खेती के गुर सिखाए जा रहे है। मिर्ची एवं अन्य स्थानीय कृषि उत्पादों के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग तथा टेक्सटाइल उद्योग लगाने में सरकार सहायता दे ही है। एमबीए के छात्र मयंक अधिकार ने मुख्यमंत्री से उनकी व्यस्त दिनचर्या के प्रबंधन कौशल के बारे में जानना चाहा। मुख्यमंत्री ने बताया कि पर्याप्त नींद लेना, अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखन और प्रतिदिन पुस्तकें पढ़ कर नया सीखने की आदत डालना सफलता की कुंजी है। विद्यार्थी अपने लक्ष्यों के लिए चरणबद्ध रूप से काम करें और उन्हें समय पर पूरा करने के प्रयास करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों एवं अन्यजनों को मध्यप्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में रोजगार आधारित उद्योग की स्थापना करने पर निवेशकों और उद्योगपतियों को भरपूर मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के हर नागरिक को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है, इसके लिए हमने गौपालन को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। दुग्ध उत्पादन में प्रदेश को अग्रणी बनाने के लिए वर्तमान दुग्‍ध उत्पादन 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य के लिए हमने डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना की शुरुआत की है। इसमें किसानों और गौपालकों को डेयरी शुरू करने के लिए भरपूर अनुदान दिया जा रहा है। इन सभी प्रयासों से दुग्ध उत्पादन में तेजी लाकर हम सभी गौपालकों को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया‍ कि सरकार ने कामधेनु योजना में राज्य सरकार 25 से अधिक गायों पर 40 लाख के लोन पर 10 लाख रूपये का अनुदान दे रहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी बड़ी ग्राम पंचायतों एवं नगर पालिका/नगर निगमों में बड़ी गौशालाएं स्थापित की जाएंगी। इन गौशालाओं का प्रबंधन सरकार अपने स्तर पर करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने गंभीर मरीजों के लिए एयर एंबुलेंस के साथ ही गौमाता के लिए भी गौ-एम्बुलेंस शुरू की है। अगर कोई संगठन बड़ी गौशालाएं बनाना चाहते हैं, तो उन्हें 130 एकड़ जमीन देंगे। प्रदेश में ऐसी 20 बड़ी गौशालाएं स्थापित की जा रही हैं।   मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि अभ्युदय विश्वविद्यालय परिसर में राम दरबार स्थापित करने का मौका मिला। भारतीय परंपरा ऐसी है कि हम नदी, पहाड़, पेड़ को भी भगवान मानकर पूज लेते हैं। सरकार ने खरगौन में पहले टंट्या मामा के नाम से क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय बनाया, अब दूसरे अभ्युदय विश्वविद्यालय की शुरुआत खरगौन में हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से संवाद किया। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से पूछा कि त्यौहार और पर्व में क्या अंतर है? जवाब भी मुख्यमंत्री ने ही दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में जब हम ईश्वर की उपवास करके आराधना करते हैं, तो उसे पर्व कहा जाता है और जब दूसरों के साथ खुशियां बांटने तथा खान-पान की पूरी छूट मिले, तो उसे त्यौहार कहते हैं। मुख्यमंत्री ने पूछा कि भगवान राम के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण कौन सा था? जवाब में उन्होंने ही बताया कि जब महर्षि विश्वामित्र ने जंगल में राक्षसों को मारने के लिए महाराज दशरथ से उनके सुकुमारों राम और लक्ष्मण को मांग लिया। विश्वामित्रजी उनके गुरु थे और उन्होंने युवाशक्ति पर ही विश्वास जताया। भगवान श्रीराम ने निशाचरों का अंत किया। विश्वामित्र ने श्रीराम को समाज के हर वर्ग और उनकी पीढ़ा से परिचय कराया। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने राजपाठ छोड़कर जंगल जाना स्वीकार किया। शबुरी के जूठे बेर खाकर उनके साथ प्रेम और निषादराज को गले लगाकर उनसे मित्रता … Read more

8000 करोड़ की योजना लॉन्च, ममता बनर्जी का नया बूथ फोकस मिशन शुरू

कलकत्ता  विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने बड़ा दाव खेला है. सरकार ने एक अभूतपूर्व 8000 करोड़ रुपये की लागत वाले जनसंपर्क कार्यक्रम ‘आमादेर पारा, आमादेर समाधान’ (हमारा मोहल्ला, हमारा समाधान) शुरू किया. इस पहल का उद्देश्य पूरे राज्य में स्थानीय समस्याओं जैसे स्ट्रीट लैंप लगाने, सड़कों की स्थिति सुधारने और जलापूर्ति सुनिश्चित करने जैसे मुद्दों का समाधान करना है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 22 जुलाई को इस योजना की घोषणा करते हुए इसे देश में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम बताया था. इस कार्यक्रम की निगरानी के लिए मुख्य सचिव मनोज पंत के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स गठित की गई है और जिला स्तर पर भी टास्क फोर्स का गठन किया गया है. कई जिलों में शनिवार से ही कैंप शुरू हो गए हैं. ममता बनर्जी ने कहा कि हम प्रत्येक बूथ के लिए 10 लाख रुपये आवंटित कर रहे हैं. कुल मिलाकर राज्य सरकार इस कार्यक्रम पर 8000 करोड़ रुपये खर्च करेगी. यह अभियान दो अगस्त से शुरू हो रहा है. दो महीने तक चलेगा कार्यक्रम सरकार के एक बयान के अनुसार यह कार्यक्रम दो महीने तक चलेगा, जिसके बाद 30 दिनों तक प्रशासनिक मूल्यांकन होगा. लोगों द्वारा उठाए गए मुद्दों का समाधान तीन महीने की अवधि में किया जाएगा. कोलकाता नगर निगम क्षेत्र में प्रत्येक दो बूथों के लिए एक कैंप आयोजित किया जा रहा है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि हमने देखा है कि स्थानीय स्तर पर छोटी-छोटी समस्याएं जैसे पानी का नल लगाना, बिजली का खंभा स्थापित करना या क्षेत्र में उचित प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण हैं. हालांकि, स्थानीय निकाय और जनप्रतिनिधि इन मुद्दों पर काम करते हैं, यह समावेशी पहल एक छत के नीचे सभी समस्याओं को हल करने का अवसर प्रदान करती है. आमादेर पारा, आमादेर समाधान आत्मनिर्भर बंगाल के दृष्टिकोण पर आधारित है. सरकारी अधिकारी प्रत्येक मोहल्ले में मौजूद रहकर शिकायतें सुनेंगे, मांगों को दर्ज करेंगे और प्रक्रिया की देखरेख करेंगे. यह प्रक्रिया लगभग दो महीने तक चलेगी. सरकार ने एक विज्ञापन में कहा कि आप apas.wb.gov.in पर शेड्यूल, स्थिति और प्रगति को ट्रैक कर सकते हैं. आप तय करें कि आपके बूथ का बजट कैसे खर्च होगा. इस पहल को भारत के इतिहास में अभूतपूर्व बताया जा रहा है जो नीति निर्माण में जनता को केंद्र में रखने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने इसे ‘दुआरे सरकार 2.0’ करार देते हुए कहा कि यह 2021 के चुनावों से पहले शुरू किए गए ‘दुआरे सरकार’ कार्यक्रम की तरह ही प्रभावी हो सकता है. 80,000 बूथों को कवर करने वाला यह अभियान ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में छोटे-छोटे मुद्दों जैसे टूटी सड़कों, पानी की कमी और खराब स्ट्रीट लाइट्स को हल करने पर केंद्रित है.

UPI में बढ़त जारी: जून की गिरावट के बाद जुलाई में फिर उछाल, ₹25.08 लाख करोड़ का लेन-देन

नई दिल्ली  लोकप्रिय एकीकृत भुगतान मंच (यूपीआई) के माध्यम से जुलाई में लेनदेन की संख्या 19.47 अरब के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। मूल्य के संदर्भ में, यह 25.08 लाख करोड़ रुपए रहा, जो मई में दर्ज 25.14 लाख करोड़ रुपए के बाद दूसरा सबसे अधिक है। मात्रा के लिहाज से, पिछली सबसे बड़ी संख्या मई में 18.67 अरब थी, जो जून में घटकर 18.39 अरब रह गई। मई में लेनदेन राशि 24.03 लाख करोड़ रुपए रही।  एनपीसीआई ने कहा कि जून में लेनदेन का मूल्य 25.08 लाख करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले इसी महीने में यह 20.64 लाख करोड़ रुपए था, जो सालाना आधार पर 21 प्रतिशत की वृद्धि है। मासिक आधार पर, मूल्य के लिहाज से वृद्धि 4.3 प्रतिशत रही। आज, भारत में सभी डिजिटल लेनदेन में यूपीआई का योगदान 85 प्रतिशत है। इसका प्रभाव राष्ट्रीय सीमाओं से परे भी है, और यह वैश्विक रीयल-टाइम डिजिटल भुगतानों के लगभग 50 प्रतिशत को संचालित करता है। यूपीआई पहले से ही संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस सहित सात देशों में उपलब्ध है। फ्रांस में इसका प्रवेश मील का पत्थर है क्योंकि यह यूरोप में यूपीआई का पहला कदम है। इससे वहां यात्रा करने या रहने वाले भारतीयों को विदेशी लेनदेन की सामान्य परेशानियों के बिना सहजता से भुगतान करने की सुविधा मिलती है।  एनपीसीआई, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की एक पहल है, जो भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणालियों के संचालन के लिए एक प्रमुख संगठन है। यह यूपीआई का संचालन करता है, जिसका इस्तेमाल खरीदारी करते समय, साथियों के बीच या व्यापारियों की ओर से रीयल-टाइम भुगतान के लिए किया जाता है। एनपीसीआई ने खासकर व्यस्त समय के दौरान प्रणाली पर बोझ कम करने, असफल लेनदेन में कमी लाने और विश्वसनीयता में सुधार लाने के उद्देश्य से नई सीमाएं लागू की हैं। शुक्रवार से, उपयोगकर्ता यूपीआई ऐप के जरिए दिन में 50 बार तक अपने खातों में शेष राशि की जांच कर सकेंगे। पहले, इसकी कोई सीमा नहीं थी। विशेषज्ञों के अनुसार, यह सीमा नेटवर्क पर बोझ को कम करने और प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए है।    

रविवार 03 अगस्त 2025 का पढ़ें दैनिक राशिफल

मेष राशि- परिस्थितियां प्रतिकूल हैं। चोट चपेट लग सकती है। किसी परेशानी में पड़ सकते हैं। बचकर पार करें। प्रेम, संतान ठीक-ठाक है। व्यापार भी ठीक रहेगा। लाल वस्तु पास रखें। वृषभ राशि- जीवनसाथी का भरपूर सहयोग मिलेगा। नौकरी चाकरी की स्थिति अच्छी होगी। प्रेमी प्रेमिका की मुलाकात। व्यावसायिक सफलता। बहुत अच्छा समय। बजरंगबली को प्रणाम करते रहें। मिथुन राशि- शत्रु उपद्रव संभव है लेकिन शत्रु शमन भी होगा। डिस्टर्ब रहेंगे। स्वास्थ्य थोड़ा मध्यम रहेगा। प्रेम, संतान, व्यापार अच्छा रहेगा। लाल वास्तु का दान करें। कर्क राशि– भावुकता पर काबू रखें। स्वास्थ्य ऊपर नीचे रहेगा। प्रेम, संतान थोड़ा मध्यम। व्यापार अच्छा। लाल वस्तु पास रखें। सिंह राशि– गृह कलह के संकेत हैं लेकिन भौतिक सुख सुविधा में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य पहले से बेहतर। प्रेम, संतान की स्थिति अच्छी। व्यापार अच्छा। लाल वस्तु पास रखें। कन्या राशि– पराक्रम रंग लाएगा। रोजी रोजगार में तरक्की करेंगे। भौतिक सुख सुविधा में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य अच्छा। प्रेम, संतान अच्छा। व्यापार अच्छा। लाल वस्तु का दान करें। तुला राशि- धन आगमन होगा। अपनों में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य पहले से बेहतर, प्रेम, संतान की स्थिति बहुत अच्छी। व्यापार बहुत अच्छा। हरी वस्तु पास रखें। वृश्चिक राशि– आकर्षण के केंद्र बने रहेंगे। सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। जरूर के हिसाब से जीवन में वस्तुएं रहेंगी। स्वास्थ्य, प्रेम, व्यापार बहुत अच्छा। पीली वस्तु पास रखें। धनु राशि- खर्च की अधिकता मन को परेशान करेगी। सिर दर्द, नेत्र पीड़ा संभव है। स्वास्थ्य थोड़ा प्रभावित है। प्रेम, संतान किस स्थिति अच्छी है। व्यापार भी अच्छा। लाल वस्तु पास रखें। मकर राशि- आय के नवीन स्रोत बनेंगे। पुराने स्रोत से भी पैसे आएंगे। यात्रा का योग बनेगा। स्वास्थ्य अच्छा है। प्रेम, सुंदर अच्छा है। व्यापार अच्छा है। काली जी को प्रणाम करते रहें। कुंभ राशि- कोर्ट कचहरी में विजय मिलेगी। कुछ अधिकारियों का आशीर्वाद मिलेगा। व्यावसायिक सफलता मिलेगी। पिता का साथ होगा। व्यवसाय बहुत अच्छा। प्रेम, संतान थोड़ा मध्यम है। बाकी स्थिति ठीक है। हरी वस्तु पास रखें। मीन राशि– भाग्य साथ देगा। यात्रा का योग बनेगा। धार्मिक स्थल की यात्रा हो सकती है। स्वास्थ्य अच्छा है। प्रेम, संतान अच्छा है। व्यापार अच्छा है। लाल वस्तु पास रखें।

सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता, मेहनत और संघर्ष जरूरी है – मुख्यमंत्री डॉ यादव

सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता, मेहनत और संघर्ष जरूरी है – मुख्यमंत्री डॉ यादव 12वीं फेल फिल्म को मिला नेशनल अवार्ड मुख्यमंत्री डॉ यादव ने फिल्म निर्माण टीम को दी बधाई भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सफलता शार्टकट से नहीं मिलती। सफलता पाने के लिए मेहनत और संघर्ष करके तपना पड़ता है। तभी इंसान का असली व्यक्तित्व सामने आता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुरैना जिले के निवासी आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा के संघर्ष से सफलता हासिल करने के कथानक पर आधारित फिल्म 12th Fail (12वीं फेल) को 71वें नेशनल फिल्म अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म पुरस्कार का सम्मान मिलने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि यह हम सभी के लिए अत्यंत गौरव का विषय है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि असफलता को मात देकर, कठोर परिश्रम से आईपीएस अधिकारी बनने तक मनोज कुमार शर्मा का सफर युवाओं को लगन, परिश्रम व प्रयास से सफलता पाने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने फिल्म निर्माण की पूरी टीम को हार्दिक बधाई दी है।