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भक्ति, संस्कृति और समरसता का संगम: रायपुर की भव्य कांवड़ यात्रा में शामिल हुए मुख्यमंत्री

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सावन मास के पवित्र अवसर पर राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी क्षेत्र में आयोजित विशाल कांवड़ यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने भगवान भोलेनाथ का रूद्राभिषेक कर छत्तीसगढ़ प्रदेश की खुशहाली, समृद्धि और जनकल्याण की कामना की।  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज मारूति मंगलम भवन, गुढ़ियारी से हटकेश्वरनाथ महादेव मंदिर तक हजारों की संख्या में कांवड़िए जलाभिषेक हेतु रवाना हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन छत्तीसगढ़ की गौरवशाली सांस्कृतिक परंपरा को जीवंत बनाए रखने का कार्य करता है और हमारे लोक-विश्वास की गहराई को प्रकट करता है। सावन महीने में कांवड़ यात्रा शिवभक्तों की आस्था, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है, जिसमें श्रद्धालु कई-कई किलोमीटर पदयात्रा कर भोलेनाथ को जल अर्पित करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर के महादेव घाट स्थित भगवान हटकेश्वरनाथ महादेव का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत गहरा है। यहां श्रद्धालु बड़ी संख्या में जलाभिषेक हेतु एकत्र होते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती भक्ति, श्रद्धा और संस्कृति का अद्वितीय संगम है। कांवड़ यात्रा जैसी आयोजन न केवल परंपरा को सहेजते हैं, बल्कि आध्यात्मिक चेतना और सामाजिक समरसता का भी संदेश देते हैं। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े, लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर पश्चिम विधायक राजेश मूणत, रायपुर दक्षिण विधायक सुनील सोनी, रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू, रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह और रायपुर महापौर श्रीमती मीनल चौबे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु, गणमान्य नागरिक एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल बोले – विकास के साथ सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों का संरक्षण भी जरूरी

विकास के साथ संस्कृति, संस्कार, धर्म और आध्यात्म आवश्यक : उप मुख्यमंत्री  शुक्ल विकास तभी पूर्ण जब साथ हों संस्कृति, संस्कार और आध्यात्म: उप मुख्यमंत्री शुक्ल उप मुख्यमंत्री शुक्ल बोले – विकास के साथ सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों का संरक्षण भी जरूरी आधुनिकता के साथ आध्यात्मिकता जरूरी: उप मुख्यमंत्री शुक्ल का संतुलित विकास पर जोर भारतीय संस्कृति उत्थान कार्यक्रम में हुए शामिल रीवा उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि विकास के साथ संस्कृति, संस्कार, धर्म और आध्यात्म आवश्यक है। भारतीय संस्कृति और सनातन को साथ लेकर चलने से ही आने वाली पीढ़ी के लिए विकास वरदान साबित होगा। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम रीवा में एडीए इंपैक्ट फाउंडेशन के भारतीय संस्कृति उत्थान कार्यक्रम में शामिल हुए। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि एडीए इंपैक्ट फाउंडेशन ने फैशन उद्योग के माध्यम से सामाजिक जागरूकता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का उल्लेखनीय प्रयास किया है। फैशन शो में भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी और पारंपरिक भारतीय बुनाई कला, पुनर्नवीनीकरण सामग्री के उपयोग और पर्यावरण चेतना को सशक्त करने के संदेश देने वाले वस्त्र शामिल किए गए हैं, जो प्रशंसनीय हैं। उन्होंने सामाजिक परिवर्तन की ओर फैशन के माध्यम से किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने युवाओं को रचनात्मक कार्यों के लिए एकजुट होकर कार्य करने के लिए बधाई देते हुए कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामना दी।  

राज्य मंत्री गौर बोलीं – भारतीय त्यौहार संस्कृति और संस्कारों के जीवंत प्रतीक

भारतीय त्यौहारों की बात ही निराली है, हमारे उत्सव हमारी संस्कृति के जीवंत उत्सव हैं: राज्य मंत्री श्रीमती गौर भारतीय उत्सवों में रचा-बसा है हमारी परंपरा और पहचान: श्रीमती गौर का बयान राज्य मंत्री गौर बोलीं – भारतीय त्यौहार संस्कृति और संस्कारों के जीवंत प्रतीक भोपाल पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंखयक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर ने कहा है कि भारतीय त्यौहारों की बात ही निराली है, हमारे उत्सव हमारी संस्कृति के जीवंत उत्सव होते हैं। सावन वह ऋतु है, जिसमें प्रकृति स्वयं नृत्य करती है। यह महीना केवल बारिश का नहीं है, यह शिव की भक्ति, नारी की शक्ति और प्रकृति की भव्यता का संगम है। राज्यमंत्री श्रीमती गौर रविवार को अयोध्या नगर में सावन उत्सव समारोह में हजारों की संख्या में उपस्थित नारी शक्ति को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि सावन तो जैसे नारी का ही महीना है, जिसमें वह घर को सजाती है, समाज को जोड़ती है और परंपरा को अगली पीढ़ी तक सौंपती है। नारी सिर्फ घर की नहीं, हमारी संस्कृति की संरक्षक भी हैं। उन्होंने कहा कि "नारी जब परंपरा निभाती है, तो पीढ़ियाँ संस्कार सीखती हैं। सच पूछिए तो… स्त्री की यही आस्था, हमारी सनातन संस्कृति की असली शक्ति है। राज्यमंत्री श्रीमती गौर ने कहा कि मुझे आज बहुत प्रसन्नता है कि बड़ी संख्या में आप सावन महोत्सव मनाने के लिए आए। यह जरूर कहना चाहूंगी उत्सव के साथ कुछ संकल्प लेने की हमको आवश्यकता है। सामाजिक एकता परिवार की खुशहाली और स्वस्थ जीवन से जुड़ने का काम भी करें। मैं सभी बहनों से कहना चाहूंगी कि सावन के महीने में सभी को एक पेड़ जरूर लगाना है। दूसरा यह कि विवाह और हमारे त्यौहार में गाए जाने वाले गीत अपने घर की बेटी और बेटी स्वरूप बहू को जरूर सिखाएंगे। सावन उत्सव में तीन हजार से अधिक महिलाएं उपस्थित थी। उत्सव स्थल पर स्टाल लगाए, डांस, संगीत, रैंप वाक, झूलों का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बहनों को पुरस्कृत किया गया।  

पहली नौकरी के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

आपने परीक्षा, इंटरव्यू आदि तमाम बाधाओं को पार करते हुए अपनी पसंद की नौकरी हासिल कर ली। यह मौका संतुष्ट होकर बैठ जाने का नहीं है, बल्कि आपसे यह अपेक्षा है कि आप पहले ही दिन अपने बॉस व साथियों से अपना लोहा मनवा लें और फिर लगातार स्वयं में सुधार लाते जाएं। अपनी पहली नौकरी में अच्छा काम कर दिखाना सफल करियर बनाने के लिए बहुत जरूरी है। आपको खूब मेहनत करनी होगी। पढ़ाई के दिनों की आदतें छोड़नी होंगीं। यह समझना होगा कि अब आप स्टूडेंट नहीं, प्रोफेशनल हैं। जानिए कि अपनी पहली नौकरी में आपको किन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। टाइम मैनेजमेंट इस बात का खास ध्यान रखें कि आप तय समय से कुछ पहले ऑफिस पहुंच जाएं। कॉलेज में पहला पीरियड निकल जाने के बाद पहुंचना चल जाता था लेकिन ऑफिस में यह रवैया नहीं चल सकता। स्कूल-कॉलेज में साल के अंत में आपको परीक्षा देनी होती थी मगर यहां आपको रोज-रोज परीक्षा देनी है और उसमें पास भी होना है। तय समय से पहले ऑफिस न छोड़ें। जो भी काम आपको सौंपा गया है, उसे समय-सीमा के अंदर पूरा कर दें। इसके लिए टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है। ऑफिस का माहौल जानें हर ऑफिस का अपना खास माहौल, अपनी खास संस्कृति होती है। पहले दिन से ही इसका अध्ययन कर इसे समझने की कोशिश करें। यह देखें कि क्या कर्मचारी कैजुअल कपड़े पहनकर आते हैं या फिर फॉर्मल। यह भी कि वे ईमेल के जरिये संवाद करते हैं या रूबरू मिलकर। कुछ काम बच जाए, तो उसे घर से करने का चलन है या नहीं…। जानें आपसे क्या चाहा गया है आपको स्वयं पहल करके अपने बॉस के साथ बातचीत करनी होगी। उनसे जानें कि आपकी जिम्मेदारियां ठीक-ठीक क्या हैं। यह भी कि कंपनी के लक्ष्यों को पाने की प्रक्रिया में आप कहां ठहरते हैं। अच्छे दिखें फर्स्ट इंप्रेशन का अहम पहलू यह है कि आप दिखते कैसे हैं। स्मार्ट और प्रोफेशनल तरीके से कपड़े पहनें। साफ-सफाई का ध्यान रखें। आपके कपड़े आरामदायक होने चाहिए, जिनमें आप पूरा दिन काम करते हुए बिता सकें। सुनें, देखें आपको लग सकता है कि आप बहुत कुछ जानते हैं और आपके आइडिया के दम पर कंपनी का बहुत फायदा हो सकता है लेकिन यह मत भूलिए कि कंपनी में अन्य लोग आपसे बहुत पहले से काम करते आ रहे हैं। उनके पास अनुभव है। इसलिए बिन मांगे अपने सुझाव न दें, खास तौर पर डींगें हांकने वाले अंदाज में तो कतई नहीं। शुरूआत में बेहतर यही होगा कि आप दूसरों की सुनें, उनके काम को देखें। जब पूछा जाए, तो ही अपनी राय दें और वह भी विनम्रता से। यदि कोई बात समझ में न आ रही हो, तो सवाल पूछने में झिझकें नहीं। कंपनी जानती है कि आप फ्रेशर हैं। कोई यह उम्मीद नहीं कर रहा कि आपको सब कुछ आता है। सो आपका सवाल पूछना सामान्य ही माना जाएगा। इससे यह समझा जाएगा कि आपमें काम सीखने की लगन है। तमीज का रहे ध्यान भले ही ऑफिस का माहौल अनौपचारिक हो लेकिन किसी साथी की सैलरी के बारे में पूछना अच्छा नहीं माना जाएगा। इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि आप क्या बोलते हैं और किससे बोलते हैं। किसी साथी से अनबन की स्थिति आ जाए, तो भी दूसरों से सामने उसकी बुराई कतई न करें। राजनीति से दूर रहें लगभग हर दफ्तर में ऑफिस पॉलिटिक्स होती ही है। नए रंगरूट के तौर पर आप इससे जितना दूर रहें, उतना ही अच्छा है। आप नहीं जानते कि कौन किस खेमे में है। आपको नहीं पता कि किसको कही गई बात किस तक पहुंच सकती है। कोई बॉस की बुराई करके आपको भी ऐसा करने के लिए उकसा सकता है। ऐसे में सबकी सुन लें लेकिन किसी के बहकावे में न आएं। अपने काम से काम रखें। अपना आकलन करें पहला महीना खत्म होने पर अपने इमिडिएट बॉस से पूछें कि आपका काम उन्हें कैसा लग रहा है और आपको स्वयं में क्या बदलाव लाने की जरूरत है। स्वयं में सुधार लाने की प्रक्रिया कभी बंद न होने दें।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के सान्निध्य में जन अभियान परिषद करेगी दो अहम करार

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में जन अभियान परिषद के साथ दो एमओयू होंगे साइन CM डॉ. यादव की मौजूदगी में जन अभियान परिषद और दो संस्थाओं के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर मुख्यमंत्री डॉ. यादव के सान्निध्य में जन अभियान परिषद करेगी दो अहम करार भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में मुख्यमंत्री निवास में सोमवार को मध्यप्रदेश जनअभियान परिषद् द्वारा दो समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित होंगे। पहला त्रिपक्षीय एमओयू जनअभियान परिषद्, दीनदयाल शोध संस्थान एवं राज्य आनंद संस्थान के मध्य होगा। इसका उद्देश्य आपसी प्रशिक्षण द्वारा प्रदेश में आनंद ग्रामों का विकास एवं सतत् विकास लक्ष्य आधारित ग्राम विकास अवधारणा के क्रियान्वयन के साझा पहल करना है। दूसरा द्विपक्षीय एमओयू जनअभियान परिषद् और नर्मदा समग्र भोपाल के मध्य होगा, जिसका उद्देश्य प्रदेश में नदी संरक्षण के विविध आयामों पर मनःस्थिति और परिस्थिति बदलने के साझा प्रयास करना है। "माटी गणेश-सिद्ध गणेश" अभियान का होगा शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. यादव जन अभियान परिषद के "माटी गणेश-सिद्ध गणेश" अभियान का सोमवार को शुभारंभ करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा अभियान की संकल्पना पर केन्द्रित पोस्टर का विमोचन भी किया जायेगा। मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद् द्वारा पर्यावरण संरक्षण की नवाचारी पहल करते हुए "माटी गणेश-सिद्ध गणेश" अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान में पर्यावरण हितैषी संस्थान नर्मदा समग्र द्वारा प्रशिक्षण के माध्यम से प्रदेश के समस्त 313 विकासखण्ड में परिषद् के नेटवर्क से जुडी नवांकुर सखियों को प्रशिक्षित किया जायेगा। प्रशिक्षित सखियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से अपने ग्रामों में स्थानीय महिलाओं को प्रेरित-प्रशिक्षित कर मिट्टी के गणेश की घर-घर स्थापना करायी जायेगी।  

रक्षाबंधन पर CM डॉ. यादव का संदेश: भाई-बहन का रिश्ता दुनिया में सबसे अनमोल

भाई और बहन के बीच अटूट प्रेम और स्नेह का पर्व है रक्षाबंधन: मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री डॉ. यादव बोले – रक्षाबंधन स्नेह, सुरक्षा और विश्वास का पावन पर्व रक्षाबंधन पर CM डॉ. यादव का संदेश: भाई-बहन का रिश्ता दुनिया में सबसे अनमोल मुख्यमंत्री ग्राम तालोद और उज्जैन में आयोजित रक्षाबंधन कार्यक्रम में हुए शामिल उज्जैन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को उज्जैन जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत तालोद में आयोजित रक्षाबंधन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वे रक्षाबंधन पर्व पर बहनों से मिले प्रेम और स्नेह से अभिभूत हैं। यह पर्व भाई और बहन के बीच अटूट प्रेम और स्नेह का पर्व है। आज बहनों ने मुझे जो राखियाँ बांधी हैं वह सभी बहनों का प्रेम, विश्वास और सम्मान दर्शाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लाड़ली बहनों के आशीर्वाद से प्रदेश में सरकार निरंतर विकास के कार्य कर रही है। गाँवों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए निरंतर सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। शासन ने द्वारा "एक पेड-माँ के नाम” अभियान से प्रेरित होकर "एक बगिया-माँ के नाम" योजना बनाई है। इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश को हरा भरा बनाने के साथ महिलाओं को आर्थिक रुप से सशक्त बनाना है। इसके अंतर्गत स्व-सहायता समूह से जुडी महिलाओं को उनकी निजी भूमि पर फलदार पौधों के बगीचे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार द्वारा बगिया में फलदार पौधे, खाद, गड्डे खोदने का खर्च, फेंन्सिग, सिंचाई के लिए 50 हजार लीटर के जल कुंड बनाने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध भी कराई जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश को पूरे देश में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में प्रथम स्थान पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत प्रतिमाह प्रदाय की जाने वाली राशि में भी वृध्दि की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का बहनों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कन्या पूजन कर फल और मिठाई की टोकरी भेंट स्वरुप दी। मुख्यमंत्री ने बहनों से राखी बंधवाई और उन्हें परंपरा अनुसार सावन का झूला भी झुलाया। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कमला कुंवर, उपाध्यक्ष श्रीमती शिवानी कुंवर, सदस्य शोभाराम मालवीय, महापौर मुकेश टटवाल, राजेश धाकड, संजय अग्रवाल, रवि वर्मा, अमृत लाल कुमावत, लाल सिंह भाटी, दिनेश पटेल, अनिल मालवीय, गोपाल आंजना एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव उज्जैन के अथर्व होटल में आयोजित लाडली बहना रक्षाबंधन उत्सव कार्यक्रम में भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सभी बहनों का स्नेह उन्हें बीते कई वर्षों से प्राप्त हो रहा है। वर्ष में भाई-बहन के दो उत्सव आते हैं एक रक्षाबंधन और दूसरा भाई दूज। इस वर्ष दिवाली के बाद आने वाली भाई दूज से लाडली बहनों को 1250 रूपए के स्थान पर 1500 रूपए प्रति माह प्रदान किए जाएंगे। आने वाले वर्षों में बहनों को प्रदाय की जाने वाली राशि में और वृद्धि की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर, उज्जैन, देवास और धार शहर को मिलाकर मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाई जाएगी। आने वाले दिनों में शहर में सदावल, पुलिस डीआरपी लाइन और दताना मताना में हेलीपैड होंगे। दताना मताना को हवाई अड्डे के रुप में भी विकसित किया जाएगा। श्रीमहाकालेश्वर और श्रीओमकारेश्वर ज्योर्तिलिंग को हवाई मार्ग से जोडा जाएगा। चिंतामण, पंवासा और विक्रम नगर रेलवे स्टेशन को भी विकसित किया जाएगा। लाल पुल से रामघाट, मंगलनाथ से सिद्धवट और शनि मंदिर से गउघाट तक नाव का संचालन किया जाएगा। वर्तमान में उज्जैन में औद्योगिक इकाइयों के माध्यम से लगभग 20 हजार नागरिकों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। आने वाले दिनों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए नए उद्योगो की स्थापना भी सतत की जा रही है। कार्यक्रम में विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, सभापति श्रीमती कलावती यादव और बड़ी संख्या में लाड़ली बहनें एवं नागरिक उपस्थित थे।  

सुरक्षा के लिए कदम: झालावाड़ हादसे के बाद बालोतरा में जर्जर भवनों पर चला बुलडोजर

जैसलमेर/बालोतरा झालावाड़ जिले में हाल ही में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से हुए दर्दनाक हादसे ने राज्य सरकार और प्रशासन को सतर्क कर दिया है। इस हादसे के मद्देनजर बालोतरा जिले में एक बड़ा और सख्त निर्णय लेते हुए प्रशासन ने 95 जर्जर सरकारी भवनों को गिराने के आदेश जारी कर दिए हैं।   आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के तहत इन सभी भवनों को आगामी 15 दिनों की अवधि में विधिवत रूप से ध्वस्त किया जाएगा। यह निर्णय जिला कलेक्टर सुशील कुमार यादव द्वारा विभागीय रिपोर्टों और तकनीकी परीक्षणों के आधार पर लिया गया है। तीन विभागों की रिपोर्ट में खुलासा- खतरनाक हालत में हैं भवन जिला कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए बताया कि यह कार्रवाई महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा शिक्षा विभाग से प्राप्त निरीक्षण रिपोर्टों और निर्माण विभाग के सहायक अभियंता की तकनीकी पुष्टि के आधार पर की जा रही है। रिपोर्ट्स में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है कि ये भवन संरचनात्मक रूप से बेहद कमजोर और कभी भी ढहने की स्थिति में हैं, जिससे आमजन की जान-माल को गंभीर खतरा हो सकता है।   इन भवनों को किया गया चिह्नित प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, गिराए जाने वाले 95 भवनों में 40 भवन चिकित्सा संस्थानों से संबंधित हैं, 37 भवन शिक्षा विभाग के विद्यालय परिसरों में स्थित हैं और 18 भवन महिला एवं बाल विकास विभाग के केंद्रों से जुड़े हुए हैं। इन सभी भवनों की स्थिति इतनी जर्जर बताई गई है कि वे किसी भी क्षण ध्वस्त हो सकते हैं। ऐसे में प्रशासन ने एहतियातन कदम उठाते हुए इनके विध्वंस की प्रक्रिया तेज कर दी है।   सुरक्षा मानकों के साथ होगी कार्रवाई, रिपोर्ट देना अनिवार्य जिला प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि तय 15 दिनों के भीतर यह कार्य पूरी तरह से संपन्न किया जाए। इस दौरान सभी सुरक्षा मानकों और प्रक्रियात्मक सावधानियों का सख्ती से पालन किया जाएगा, जिससे किसी भी प्रकार की दुर्घटना या जनहानि से बचा जा सके। तोड़फोड़ की प्रक्रिया के पूरा होने के बाद विभागों को इसकी रिपोर्ट अनुमोदन अधिकारी को सौंपनी होगी, जिससे दस्तावेजी सत्यापन भी सुनिश्चित किया जा सके। भ्रम या देरी की कोई गुंजाइश नहीं इस आदेश की प्रतिलिपि जिले के समस्त उपखंड अधिकारियों, विकास अधिकारियों और संबंधित विभागीय अधिकारियों को अग्रेषित कर दी गई है, जिससे हर स्तर पर स्पष्टता बनी रहे और कोई भी भ्रम या कार्य में विलंब न हो। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जर्जर भवनों के स्थान पर भविष्य में आवश्यकता अनुसार नए भवनों के निर्माण की योजना भी बनाई जाएगी, ताकि आमजन को बेहतर, सुरक्षित और टिकाऊ सुविधाएं मिल सकें।  

राहुल गांधी के निवास पर विपक्ष की महाबैठक, 7 अगस्त को INDIA गठबंधन के दिग्गज होंगे शामिल

नई दिल्ली विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ब्लॉक की अगली बैठक 7 अगस्त को कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के आवास पर होगी। सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक डिनर के दौरान होगी और इसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। बता दें कि, विपक्षी इंडिया गठबंधन की यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब विपक्ष केंद्र सरकार और चुनाव आयोग दोनों पर गंभीर आरोप लगा रहा है। 7 अगस्त की डिनर मीटिंग में आने वाले दिनों की राजनीतिक रणनीति और संभावित आंदोलन की रूपरेखा भी बन सकती है। बता दें कि, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में आरोप लगाया था कि 2024 के लोकसभा चुनावों में करीब 70-80 सीटों पर धांधली हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बहुत मामूली बहुमत से जीते हैं और यदि 15 सीटें भी सही तरीके से हुई होतीं, तो वो प्रधानमंत्री नहीं बन पाते। इसके साथ ही, बैठक में कई मुद्दे उठाए जा सकते हैं। जिसमें बिहार में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR प्रक्रिया, महाराष्ट्र में फर्जी वोटर जोड़ने का आरोप, ऑपरेशन सिंदूर, भारत-अमेरिका व्यापार समझौता और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से संभावित टैरिफ धमकी शामिल है। बता दें कि, इससे पहले इंडिया गठबंधन की पिछली बैठक 19 जुलाई को वर्चुअल हुई थी, जिसमें 24 से ज्यादा दलों के नेता शामिल हुए थे। संसद के मानसून सत्र की रणनीति बनाने को लेकर यह बैठक वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से हुई थी।  

पुत्र प्राप्ति के लिए करें पुत्रदा एकादशी व्रत, जानें विधि और पारण का महत्व

 वैसे तो हर एकादशी पुण्यदायी मानी गई है, लेकिन सावन में पड़ने वाली एकादशी का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है. श्रावण के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं, जो कि इस साल 5 अगस्त को है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन की पुत्रदा एकादशी व्रत करने से संतान प्राप्ति में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और बच्चों के खुशहाल जीवन का आशीर्वाद भी मिलता है. अगर आप भी पुत्रदा एकादशी का व्रत करने जा रहे हैं, तो चलिए जानते हैं इसकी पूजा विधि और व्रत पारण का समय. पुत्रदा एकादशी 2025 तिथि पंचांग के अनुसार, सावन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 4 अगस्त को सुबह 11:41 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 5 अगस्त को दोपहर 1:12 मिनट पर होगा. ऐसे में पुत्रदा एकादशी व्रत 5 अगस्त को किया जाएगा और व्रत का पारण 6 अगस्त को होगा. पुत्रदा एकादशी व्रत करने से क्या फल मिलता है? पुत्रदा एकादशी को पवित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए किया जाता है. कहते हैं कि पुत्रदा एकादशी व्रत के पुण्य प्रताप से संतान से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं, जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती और जीवन में पवित्रता आती है. पुत्रदा एकादशी व्रत विधि 2025 पुत्रदा एकादशी व्रत की शुरुआत दशमी तिथि से हो जाती है. दशमी तिथि (4 अगस्त) की शाम सात्विक भोजन करना चाहिए. फिर एकादशी की सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहनें. घर के मंदिर में भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करें. पूजा में धूप-दीप, फूल-माला, बेल पत्र, आंकड़े के फूल चढ़ाएं. धतूरा, रोली और नैवेद्य सहित कुल 16 सामग्री अर्पित करें. पूजा में भगवान विष्णु को तुलसी चढ़ाएं, लेकिन शिव जी को नहीं. पूजा के बाद पुत्रदा एकादशी की कथा का पाठ कर अंत में आरती करें. पूजा के दौरान भगवान के सामने एकादशी व्रत करने का संकल्प लें. फिर दिनभर निराहार रहें, अगर भूखे रहना संभव न हो तो फलाहार करें. शाम के समय दोबारा विधिवत भगवान विष्णु की पूजा करें. अगले दिन द्वादशी तिथि में सुबह जल्दी उठकर विष्णु पूजन करें. इसके बाद जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं, फिर व्रत का पारण करें. पुत्रदा एकादशी का व्रत कब खोलना चाहिए? पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद द्वादशी तिथि में किया जाता है. पुत्रदा एकादशी व्रत पारण 6 अगस्त को सुबह 5:45 बजे से सुबह 8:26 बजे तक किया जाएगा. पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय दोपहर 2:08 बजे है.

IIT इंदौर की लैब से इंडस्ट्री तक: जल्द शुरू होगा माइक्रो 3डी प्रिंटर का व्यावसायिक निर्माण

इंदौर  भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) इंदौर ने माइक्रो एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग तकनीक का लाइसेंस वीफ्यूज मेटल प्रालि को प्रदान किया है। यह कदम आईआईटी की प्रयोगशाला में विकसित तकनीक को उद्योग तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस तकनीक को लेजर डेकल ट्रांसफर (एलडीटी) आधारित माइक्रो 3डी प्रिंटर कहा जाता है, जिसे संस्थान के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की शोधकर्ताओं की टीम ने विकसित किया है। अधिकारियों के मुताबिक अब इस तकनीक की मदद से कंपनी इंडस्ट्री प्रोडक्शन शुरू कर सकेगी। जल्द ही बाजार में माइक्रो 3डी प्रिंटर उपलब्ध हो सकेगा। माइक्रो एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग पर संस्थान की प्रयोगशाला में दो साल से अधिक समय से शोधकार्य किया जा रहा है। इसमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. पलानी आनंद, प्रो. विपुल सिंह, डॉ. अंशु साहू और शोधार्थी कृष्ण तोमर का अहम योगदान रहा है। यह माइक्रो 3डी प्रिंटर बेहद पतली परतों वाले मटेरियल (थिन फिल्म फीडस्टाक) का उपयोग करके सूक्ष्म और अत्यंत सटीक डिजाइन बनाने में सक्षम है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह मटेरियल की बर्बादी को कम करता है, जिससे लागत कम होती है और परिणाम अधिक सटीक मिलते हैं। इन क्षेत्रों में होगा उपयोग यह उन्नत तकनीक उन क्षेत्रों में विशेष रूप से उपयोगी साबित होगी, जहां सूक्ष्मता और उच्च सटीकता की आवश्यकता होती है। इनमें माइक्रो इलेक्ट्रानिक्स, बायोमेडिकल उपकरण, पहनने योग्य (वियरेबल) तकनीक, उन्नत सेंसर, रक्षा और अंतरिक्ष जैसे संवेदनशील क्षेत्र शामिल हैं। इस तकनीक से न केवल उद्योगों को लाभ होगा, बल्कि यह भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक अहम कदम सिद्ध होगा। रिसर्च से समाज को दिशा आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास एस. जोशी ने कहा कि यह टेक्नोलॉजी ट्रांसफर संस्थान की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसके अंतर्गत अनुसंधान को समाज पर वास्तविक प्रभाव डालने वाला बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संस्थान के संकाय सदस्य अब अपनी शोध गतिविधियों को प्रयोगशाला से आगे बढ़ाकर उद्योग की जरूरतों से जोड़ रहे हैं। संस्थान के अनुसंधान एवं विकास के अधिष्ठाता प्रो. अभिरूप दत्ता ने कहा कि यह साझेदारी इस बात का प्रमाण है कि निरंतर शोध और नवाचार से कैसे मजबूत औद्योगिक सहयोग स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि आईआईटी इंदौर अपनी अत्याधुनिक तकनीकों को व्यावसायिक समाधानों में बदलने के लिए निरंतर प्रयासरत है।