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सारा तेंदुलकर को मिला इंटरनेशनल सम्मान, ऑस्ट्रेलिया टूरिज्म की बनीं ब्रांड एम्बेसडर

मुंबई  ऑस्ट्रेलिया की सरकार अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को अपने यहां छुट्टियां बिताने के लिए आकर्षित करने के लिए नया टूरिज्म कैंपेन लॉन्च करने जा रही है। इस खास अभियान के लिए उसने महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर को ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया है। 13 करोड़ डॉलर के इस कैंपेन का नाम है 'कम ऐंड से जी-डे'। इस खास अभियान का मकसद अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को ऑस्ट्रेलिया में छुट्टियां बिताने और टूर प्लान करने के लिए प्रोत्साहित करना है। अभियान की शुरुआत 7 अगस्त से चीन से होगी और उसके बाद इस साल के आखिर तक भारत, अमेरिका, ब्रिटेन जैसे दूसरे बड़े बाजारों में इसे लॉन्च किया जाएगा। कम ऐंड से जी डे कैंपेन का यह दूसरा सीजन है। सबसे पहले इसे अक्टूबर 2022 में लॉन्च किया गया था। ये कैंपेन अगले 2 साल तक चलेगा और इसके खत्म होने तक ऑस्ट्रेलियाई सरकार 2022 से अब तक इसमें 25 करोड़ डॉलर का निवेश कर चुकी होगी। स्पेशल टूरिज्म कैंपेन को जब भारत में लॉन्च किया जाएगा तो सारा तेंदुलकर उसका चेहरा होंगी। अमेरिका में इस कैंपेन के लिए ऑस्ट्रेलिया के महान वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशनिस्ट स्टीव इर्विन के बेटे रॉबर्टन इर्विन चेहरा होंगे। इसी तरह ब्रिटेन में फूड राइटर और टीवी कुक निजेला लॉसन इस अभियान की चेहरा होंगी। इस अभियान के तहत जिन देशों के पर्यटकों को लुभाने की कोशिश होगी, उन देशों की चर्चित हस्तियों को इसका चेहरा बनाया जाएगा। चीन में एक्टर योश हू जबकि जापान में मीडिया पर्सनैलिटी और कॉमेडियन अबरेरु कुन इस अभियान के ब्रांड एम्बेसडर होंगे।

लंका दहन के समय एक घर छोड़ दिया था हनुमानजी ने

मेघनाथ ने श्रीहनुमानजी को रावण के सामने लाकर खड़ा कर दिया। हनुमानजी ने देखा कि राक्षसों का राजा रावण बहुत ही ऊंचे सोने के सिंहासन पर बैठा हुआ है। उसके दस मुंह और बीस भुजाएं हैं। उसका रंग एकदम काला है। उसके आसपास बहुत से बलवान योद्धा और मंत्री आदि बैठे हुए हैं। लेकिन रावण के इस प्रताप और वैभव का हनुमानजी पर कोई असर नहीं पड़ा। वह वैसे ही निडर खड़े रहे जैसे सांपों के बीच में गरुड़ खड़े रहते हैं। हनुमानजी को इस प्रकार अपने सामने अत्यन्त निर्भय और निडर खड़े देखकर रावण ने पूछा- बन्दर तू कौन है? किसके बल के सहारे वाटिका के पेड़ों को तुमने नष्ट किया है? राक्षसों को क्यों मारा है? क्या तुझे अपने प्राणों का डर नहीं है? मैं तुम्हें निडर और उद्दण्ड देख रहा हूं। हनुमानजी ने कहा- जो इस संपूर्ण विश्व के, इस संपूर्ण ब्रह्मांड के स्वामी हैं, मैं उन्हीं भगवान श्रीरामचंद्रजी का दूत हूं। तुम चोरी से उनकी पत्नी का हरण कर लाये हो। उन्हें वापस कर दो। इसी में तुम्हारा और तुम्हारे परिवार का कल्याण है। यदि तुम यह जानना चाहते हो कि मैंने अशोवाटिका के फल क्यों खाये, पेड़ आदि क्यों तोड़े, राक्षसों को क्यों मारा तो मेरी बात सुनो। मुझे बहुत जोर की भूख लगी थी इसलिए वाटिका के फल खा लिये। बंदर स्वभाव के कारण कुछ पेड़ टूट गये। अपनी देह सबको प्यारी होती है इसलिए जिन लोगों ने मुझे मारा, मैंने भी उन्हें मारा। इसमें मेरा क्या दोष है? लेकिन इसके बाद भी तुम्हारे पुत्र ने मुझे बांध रखा है। रावण को बहुत ही क्रोध चढ़ आया। उसने राक्षसों को हनुमानजी को मार डालने का आदेश दिया। राक्षस उन्हें मारने दौड़ पड़े। लेकिन तब तक विभीषण ने वहां पहुंच कर रावण को समझाया कि यह तो दूत है। इसका काम अपने स्वामी को संदेश पहुंचाना है। इसका वध करना उचित नहीं होगा। इसे कोई अन्य दंड देना ही ठीक होगा। विभीषण की यह सलाह रावण को पसंद आ गयी। उसने कहा ठीक है बंदरों को अपनी पूंछ से बड़ा प्यार होता है। इसकी पूंछ में कपड़े लपेटकर, तेल डालकर उसमें आग लगा दो। जब यह बिना पूंछ का होकर अपने स्वामी के पास जायेगा तब फिर उसे भी साथ लेकर लौटेगा। यह कहकर वह बड़े जोर से हंसा। रावण का आदेश पाकर राक्षस हनुमानजी की पूंछ में तेल भिगो भिगोकर कपड़े लपेटने लगे। अब तो हनुमानजी ने बड़ा ही मजेदार खेल किया। वह धीरे धीरे अपनी पूंछ को बढ़ाने लगे। ऐसी नौबत आ गयी कि पूरी लंका में तेल, कपड़े और घी बचे ही नहीं। अब राक्षसों ने तुरंत उनकी पूंछ में आग लगा दी। पूंछ में आग लगते ही हनुमानजी तुरंत उछलकर एक ऊंची अटारी पर जा पहुंचे और वहां से चारों ओर कूद कूदकर वह लंका को जलाने लगे। देखते ही देखते पूरी नगरी आग की विकराल लपटों में घिर गयी। सभी राक्षस और राक्षसियां जोर जोर से चिल्लाने लगे। वे सब रावण को कोसने लगे। रावण को भी आग बुझाने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा था। हनुमानजी की सहायता करने के लिए पवन देवता भी जोर जोर से बहने लगे। थोड़ी ही देर में पूरी लंका जलकर नष्ट हो गयी। हनुमानजी ने केवल विभीषण का घर छोड़ दिया और उसे जलाया नहीं।  

दीवार गिरने से मचा कोहराम: भारजा गांव में तीन मजदूरों की मौत, पांच अस्पताल में भर्ती

सिरोही सिरोही जिले के रोहिड़ा थाना क्षेत्र के भारजा गांव में सोमवार को एक निर्माणाधीन मकान की दीवार गिरने से दर्दनाक हादसा हो गया। दोपहर करीब सवा बारह बजे हुए इस हादसे में वहां काम कर रहे आठ श्रमिक दीवार और मलबे के नीचे दब गए। स्थानीय लोगों और पुलिस की तत्परता से उन्हें तुरंत बाहर निकाला गया और आबूरोड अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन इलाज के दौरान तीन श्रमिकों को मृत घोषित कर दिया गया। हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए पांच अन्य श्रमिकों का इलाज जारी है, जिनमें से तीन की हालत नाजुक बताई जा रही है।   जानकारी के अनुसार, भारजा गांव निवासी भूराराम पुत्र भूबाराम के मकान का निर्माण कार्य चल रहा था। इस दौरान बन रही नई दीवार अचानक भरभरा कर गिर गई और उसके नीचे काम कर रहे आठ मजदूर दब गए। जोरदार आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही रोहिड़ा थानाधिकारी माया पंडित और सरूपगंज थानाधिकारी कमलसिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की मदद से मलबे में दबे श्रमिकों को बाहर निकाला गया। तीन श्रमिकों की मौके पर ही मौत, पांच अस्पताल में भर्ती घायलों को आबूरोड अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने भारजा निवासी पिपली उर्फ दीपली (40) पत्नी मोयलाराम भील, काली पत्नी चुन्नीलाल और वाटेरा निवासी दिनेश (18) पुत्र ओरसिया को मृत घोषित कर दिया। वहीं, गंभीर रूप से घायल श्रमिकों में वाटेरा निवासी मोगली (21) पत्नी सवाराम, राजू (27) पुत्र देशराम निवासी पावटा फली, भारजा निवासी शैतान (20) पुत्र ओरसिया सहित दो अन्य शामिल हैं। सभी को अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया है।   जिला कलेक्टर अल्पा चौधरी ने किया घटनास्थल का दौरा जैसे ही हादसे की सूचना प्रशासन तक पहुंची, जिला कलेक्टर अल्पा चौधरी तत्काल घटनास्थल पर पहुंचीं और राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए और घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। घटना के कारणों की जांच की जा रही है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, निर्माण में लापरवाही या तकनीकी खामी के चलते दीवार अचानक गिर गई। प्रशासन की ओर से हादसे के हर पहलू की जांच की जा रही है और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।   ग्रामीणों में शोक और आक्रोश का माहौल हादसे के बाद पूरे भारजा गांव में शोक की लहर दौड़ गई। मृतकों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है, वहीं ग्रामीणों में निर्माण कार्य में बरती गई लापरवाही को लेकर आक्रोश भी देखा गया। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की कि पीड़ित परिवारों को शीघ्र मुआवजा दिया जाए और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियमन लागू किया जाए।    

नेहा धूपिया ने ‘फ्रीडम टू फीड’ अभियान को फिर से शुरू किया

मुंबई,  बॉलीवुड अभिनेत्री-निर्माता और मातृत्व अधिकारों की समर्थक नेहा धूपिया ने अपने सराहे गए अभियान ‘फ्रीडम टू फीड’ को वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक 2025 के लिए फिर से शुरू किया है। वर्ष 2019 में शुरू हुआ यह अभियान, नेहा के अपने मातृत्व के अनुभवों और इस चाह से शुरू हुआ था कि सार्वजनिक स्थानों पर स्तनपान को बिना शर्म या जजमेंट के सहजता से अपनाया जा सके। यह प्लेटफ़ॉर्म अब तक एक ऐसा मंच बन चुका है जहां माताएं और देखभाल करने वाले अपने अनुभव साझा करते हैं और खुलकर बात करते हैं। इस साल नेहा कुछ मशहूर अभिनेत्रियों राधिका आप्टे, युविका चौधरी और सोनाली सहगल के साथ डिजिटल बातचीत करेंगी। इन बातचीतों में वे शरीर पर नियंत्रण, समाज की अपेक्षाएं और मातृत्व से जुड़ी भावनात्मक बातों पर गहराई से चर्चा करेंगी। ये बातचीतें उनके सोशल मीडिया चैनलों पर पूरे हफ्ते साझा की जाएंगी।अब तक इस अभियान को बिपाशा बसु, फ्रीडा पिंटो, सोहा अली खान और दिया मिर्ज़ा जैसे कई जाने-माने सितारों का समर्थन मिला है, जिन्होंने ब्रेस्टफीडिंग और महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर खुलकर आवाज़ उठाई है। अभियान को फिर से शुरू करने पर नेहा धूपिया ने कहा, “जब मैंने पहली बार ‘फ्रीडम टू फीड’ शुरू किया था, तो यह मेरे निजी अनुभव से जुड़ा हुआ था। एक ऐसा समय जब मैं खुद को असहज, जज की गई और अकेली महसूस कर रही थी, जबकि वो मेरी ज़िंदगी का सबसे नैसर्गिक और सशक्त पल होना चाहिए था। इन वर्षों में मैंने महसूस किया है कि बहुत सी महिलाएं भी यही महसूस करती हैं। जब हम अपनी कहानियाँ साझा करते हैं, तो वो बहुत ताकतवर बन जाती हैं। इस साल मैं चाहती हूँ कि ये बातचीत और भी खुलकर हो, और भी सच्ची हो, क्योंकि किसी भी महिला को अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए शर्मिंदा नहीं होना चाहिए। यह एक चुनाव, गरिमा और सम्मान की बात है ।और अब समय है कि हम सब इसके लिए एकजुट हों।”  

धर्म परिवर्तन विवाद में बड़ा एक्शन: रईस खान की संपत्ति पर चला बुलडोजर

बुरहानपुर/नेपानगर नावरा निवासी भाग्यश्री धानुक की लव जिहाद में गला रेत कर हत्या करने वाले आरोपित शेख रईस के अवैध निर्माण पर सोमवार दोपहर प्रशासन का बुलडोजर चला। एसडीएम भागीरथ वाखला, थाना प्रभारी ज्ञानू जायसवाल, नगर पालिका के अधिकारी और नेपा मिल के संपदा विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से दोपहर तीन बजे के आसपास पुलिस बल के साथ पहुंचे थे। साथ ले जाए गए बुलडोजरों के माध्यम से रेलवे ओवरब्रिज के पास किए गए अतिक्रमण और अवैध रूप से बनाए गए टीनशेड को ध्वस्त कर दिया। इसके अलावा संजय नगर के मकान में किया गया अवैध निर्माण और आंगनबाड़ी के पीछे किया गया अतिक्रमण भी गिराया गया है। मातापुर स्थित दुकान किराए की होने के कारण उस पर कार्रवाई नहीं की जा सकी। कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में आसपास के लोग भी मौजूद थे। शाम पांच बजे के आसपास कार्रवाई समाप्त हुई। ज्ञात हो कि भाग्यश्री की हत्या के बाद स्वजन और हिंदूवादी संगठनों ने रईस के अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर कार्रवाई की मांग की थी। सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने भी इसे लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए थे। प्रशासन की इस कार्रवाई पर लोगों ने संतोष जताया है। निकाह और मतांतरण से किया था इनकार     उल्लेखनीय है कि शुक्रवार देर रात आरोपित शेख रईस ने भाग्यश्री धानुक पर फिर से निकाह करने और मतांतरण के लिए दबाव बनाया था।     उसके द्वारा स्पष्ट रूप से इनकार करने पर वह भड़क गया। चाकू से गला रेत कर उसकी हत्या कर दी थी।     जिसे लेकर हिंदू संगठन भड़क गए थे और नावरा में शव रखकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था।     साथ ही बाजार भी बंद करा दिया था। करीब चार घंटे बाद अधिकारियों के आश्वासन पर प्रदर्शन समाप्त कर भाग्यश्री का अंतिम संस्कार किया था।     आरोपित शेख रईस पेशे से दूध का व्यापारी है। पुलिस ने उसे सोमवार को न्यायालय में प्रस्तुत किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। ज्ञापन सौंपकर की फांसी देने की मांग     सोमवार को हिंदू महासभा और संत रविदास समिति के पदाधिकारियों ने भी कलेक्टर व एसपी के नाम ज्ञापन सौंपा है।     इसमें यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने और आरोपित रईस को फांसी की सजा दिलाने की मांग की गई है।     इसके अलावा भीम आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दत्तू मेढ़े ने भी पीड़ित परिवार से भेंट कर सांत्वना दी है। उन्होंने कहा कि अपराधी का कोई धर्म और जाति नहीं होती।     अखिल भारत हिंदू महासभा के जिलाध्यक्ष आंनद मेहता ने ज्ञापन सौंपते हुए जल्द फांसी देने की मांग की है।     इस दौरान इंद्रजीत सोनी, शैलेष निंभोरे, ओमप्रकाश सिंह, मुकेश डालमिया, प्रवीण देवताले, दीपा अठवाल, सीमा तायड़े सहित युवतियां मौजूद थीं।  

अवतार: फायर एंड ऐश – पेंडोरा में अस्तित्व की जंग, कैमरून ने फिर रच दिया जादू

लॉस एंजिल्स पेंडोरा की दुनिया एक बार फिर दिल और दिमाग पर छा जाने की तैयारी में है। जेम्‍स कैमरून की फिल्‍म 'अवतार: फायर एंड ऐश' का ट्रेलर रिलीज हो गया है। करीब ढाई मिनट का यह ट्रेलर ऐसा है, जिसे आप देखना शुरू करते हैं, तो बस देखते रह जाते हैं। नीले रंग वाले नावी की दुनिया में इस बार लड़ाई अस्‍त‍ित्‍व बचाने की है। यह फिल्‍म इसी साल 19 दिसंबर को दुनियाभर के सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। 'अवतार' फ्रैंचाइजी की जबरदस्‍त फैन फॉलोइंग है। लिहाजा, इस तीसरी किस्‍त का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार रहा है। मेकर्स ने इस बार भी विजुअल्‍स, VFX और रंगों से पर्दे पर ऐसी दुनिया उकेरी है, जो अपनी खूबसूरती से मन मोह लेती है। लेकिन इस बार इस साइंटिफिक-फिक्‍शन की दुनिया में आग और राख का भी मेल है। हालांकि, फैंस उस समय हैरान रह गए, जब ट्रेलर की आधिकारिक रिलीज से कुछ घंटे पहले ही यह लीक भी हो गया। अवतार: फायर एंड ऐश का ट्रेलर 'अवतार: फायर एंड ऐश' के ट्रेलर में क्‍या है जेम्स कैमरून के डायरेक्‍शन में बनी 'अवतार 3' के ट्रेलर में रोमांच की एक नई झलक दिखाई गई है। नावी की दुनिया में जाने-पहचाने चेहरे नजर आते हैं। मरीन बने नावी नेता जेक सुली (सैम वर्थिंगटन), नावी योद्धा नेयतिरी (जो सलदाना) और सुली, परिवार के बाकी सदस्यों के साथ एक अंतिम लड़ाई के लिए लौटते हैं। इस लड़ाई में उनके बच्चे किरी (सिगोरनी वीवर) और लोक (ब्रिटेन डाल्टन) भी शामिल हैं। दो मिनट और 25 सेकेंट के इस ट्रेलर में ऊना चैपलिन दिखाई देती हैं। वह वरंग नाम की एक महिला नेता की भूमिका निभा रही हैं। ट्रेलर देख जेम्‍स कैमरून के मुरीद हुए फैंस 'अवतार: फायर एंड ऐश' का बजट 2156 करोड़ रुपये बताया जाता है। ट्रेलर देख फैंस अभी से दीवाने हुए जा रहे हैं। एक ने लिखा है, 'अवतार के सीन्‍स और विजुअल्‍स हमेशा से दिल जीत लेते हैं। इस बार भी ऐसा ही है। इसे देखते हुए लगता है कि हम वाकई पेंडोरा की दुनिया में हैं।' एक अन्‍य ने लिखा है, 'धरती, पानी और अब आग। जेक सुली शानदार एक्शन हीरो की तरह दिख रहे हैं।' एक तीसरे यूजर ने लिखा है, 'हमेशा की तरह कमाल। जेम्‍स कैमरून ने फिर साबित कर दिया है कि वह सीक्वल और विज़ुअल स्टोरीटेलिंग के उस्ताद क्यों हैं।'  

AI आंगनबाड़ी की शुरुआत: टेक्नोलॉजी और सुविधा में प्राइवेट स्कूलों को दे रही टक्कर

नई दिल्ली भारत के ग्रामीण इलाकों में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की एंट्री हो चुकी है। बचपन से ही बच्चे AI का इस्तेमाल और महत्व समझें, इसके लिए AI की एंट्री आंगनबाड़ी के जरिए हुई है। महाराष्ट्र के नागपूर जिले की हिंगना तहसील के वडधामना गांव में AI पावर्ड आंगनबाड़ी केंद्र की शुरुआत की गई है। यह नागपूर से करीब 18 किलोमीटर दूर है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस आंगनबाड़ी केंद्र का उद्घाटन किया था। इसमें ऐसी-ऐसी सुविधाएं हैं जो प्राइवेट स्कूलों भी टक्कर दे सकती हैं। AI आंगनबाड़ी में ये सुविधाएं इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस AI आंगनबाड़ी को नागपुर जिला परिषद की 'मिशन बाल भरारी' पहल के तहत शुरू किया गया है। यहां के बच्चे पहले बाकी आंगनबाड़ियों की तरह ही स्लेट और चॉक से पढ़ा करते थे, लेकिन अब डिजिटल क्लासरूम आ चुका है। यहां पर वर्चुअल रियलिटी हेडसेट, AI से लैस स्मार्टबोर्ड, टैबलेट और इंटरैक्टिव डिवाइस से बच्चे पढ़ेंगे, उनकी क्रिएटिविटी भी बढ़ेगी। पहले यहां पर बच्चों की संख्या 10 के आसपास होती थी, लेकिन अब बच्चे डबल हो गए हैं, संख्या 25 तक भी पहुंच गई है। बच्चों की परफॉर्मेंस डिजिटल डिवाइसेज में रिकॉर्ड होगी बच्चों के लिए ये बिल्कुल नया एक्सपीरियंस है। स्मार्ट क्लासरूम में बैठकर पढ़ना उन्हें बोर नहीं करता है। हर क्लास में स्लो और फास्ट लर्नर्स होते हैं, उनके हिसाब से ही यहां पर लेसन पढ़ाए जा थे हैं। यहां पर बच्चे ड्रॉइंग भी स्मार्ट डिवाइस पर करते हैं। उनका परफॉर्मेंस भी डिजिटल डिवाइसेज में रिकॉर्ड होता है। इससे बच्चों की इमेजिनेशन बढ़ेगी, वे क्रिएटिव होंगे और पढ़ाई में उनका मन लगने लगेगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग मिली वडधामना गांव की इस आंगनबाड़ी में Wi-Fi और CCTV कैमरा भी लगे हैं। यहां पर लगे डिवाइसेज की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कैमरा लगे हैं और Wi-Fi इसलिए लगा है, ताकि डिवाइस इंटरनेट से कनेक्टेड रहें। आंगनबाड़ी में काम रहे कार्यकर्ताओं को खास तरह की ट्रेनिंग दी गई है, ताकि वे स्मार्ट डिवाइस और AI टूल्स का इस्तेमाल कर सकें। बच्चों की हेल्थ भी ट्रैक करेगा AI यहां AI और स्मार्ट डिवाइसेज की मदद से केवल पढ़ाई ही नहीं हो रही, बल्कि बच्चों के पोषण और विकास को भी मॉनिटर किया जा रहा है। सरकार के 'पोषण ट्रैकर' प्लेटफॉर्म को जोड़ा गया है, इससे बच्चों के खाने और फिजिकल हेल्थ का रियल टाइम डेटा मिल सकेगा। नतीजतन, बच्चों का समग्र विकास सुनिश्चित होगा। यहां पर शिक्षा और स्वास्थ्य, दोनों के लिए AI मददगार होगा।

5 अगस्त को मध्यप्रदेश शिखर खेल अलंकरण एवं 38वें नेशनल गेम्स के पदक विजेता होंगे सम्मानित

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में मध्यप्रदेश शिखर खेल अलंकरण एवं 38वें नेशनल गेम्स 2025 के पदक विजेता खिलाड़ियों का सम्मान समारोह मंगलवार 5 अगस्त को होगा। रवीन्द्र भवन में शाम 5 बजे शुरू होने वाले सम्मान समारोह की अध्यक्षता खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग करेंगे। समारोह में संचालक खेल एवं युवा कल्याण राकेश गुप्ता भी शामिल होंगे। 11 खिलाड़ियों को एकलव्य पुरस्कार समारोह में शूटिंग खिलाड़ी रितुराज बुंदेला, क्याकिंग-कैनोइंग (स्लॉलम) खिलाड़ी भूमि बघेल, स्क्वैश खिलाड़ी कृष्णा मिश्रा, फेंसिंग खिलाड़ी पूजा दांगी, रोइंग खिलाड़ी प्रभाकर सिंह राजावत, सेलिंग खिलाड़ी नेहा ठाकुर, तैराकी खिलाड़ी प्रखर जोशी, एथलेटिक्स खिलाड़ी अर्जुन वास्कले, कुश्ती खिलाड़ी प्रियांशी प्रजापत, हॉकी खिलाड़ी अंकित पाल और पावरलिफ्टिंग खिलाड़ी गौरव पचौरी को एकलव्‍य पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। 12 खिलाड़ियों को विक्रम पुरस्कार शूटिंग खिलाड़ी ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर, क्याकिंग-कैनोइंग (स्लॉलम) खिलाड़ी जान्हवी श्रीवास्तव, तीरंदाजी खिलाड़ी रागिनी मार्को, कुश्ती खिलाड़ी शिवानी पवार, बॉक्सिंग खिलाड़ी श्रुति यादव, जूडो खिलाड़ी यामिनी मौर्य, खोखो खिलाड़ी सचिन भार्गो, हॉकी खिलाड़ी नीलू डाडिया, सॉफ्टबाल खिलाड़ी प्रवीण कुमार दवे, शूटिंग (दिव्यांग श्रेणी) रूबिना फ्रांसिस, पावरलिफ्टिंग खिलाड़ी अपूर्व दुबे और एडवेंचर स्पोर्टस् के लिये भावना डेहरिया को विक्रम पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। विश्वामित्र/लाइफटाइम एचीवमेंट पुरस्कार सम्मान समारोह में क्याकिंग-कैनोइंग प्रशिक्षक पीजूष कांती बारोई, तीरंदाजी प्रशिक्षक अशोक कुमार यादव और हॉकी प्रशिक्षक लोकेन्द्र शर्मा को विश्वामित्र पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। जिम्नास्टिक के रतनलाल वर्मा को लाइफटाइम एचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। सम्मान समारोह में 38वें नेशनल गेम्स 2025 के 34 स्वर्ण पदक विजेता, 25 रजत और 23 कास्य पदक विजेता, कुल 82 पदक विजेताओं को भी सम्मानित किया जायेगा।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया ‘माटी गणेश- सिद्ध गणेश’ अभियान का शुभारंभ

भगवान गणेश, मां दुर्गा और महालक्ष्मी की प्रतिमाएं मिट्टी से ही निर्मित हों : मुख्यमंत्री डॉ. यादव भगवान गणेश सबके मनोरथ पूरे करें, कृपावंत का शुभाशीष सब पर बरसे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया ‘माटी गणेश- सिद्ध गणेश’ अभियान का शुभारंभ भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा संचालित ‘माटी गणेश–सिद्ध गणेश’ अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भगवान गणेश के पूजन से व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि और रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान गणेश सबके मनोरथ पूर्ण करें। कृपावंत भगवान का शुभाशीष हम सब पर बरसे और हमारे प्रदेश में सुख-समृद्धि का सतत् संचार हों। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जन अभियान परिषद के पदाधिकारियों से कहा कि भगवान गणेश, नवरात्रि में मां दुर्गा और दीपावली पर्व पर महालक्ष्मी की प्रतिमाएं भी मिट्टी से ही निर्मित हो। इसके लिये जागरूकता अभियान भी चलाएं। उन्होंने कहा कि मिट्टी की प्रतिमाएं मिट्टी में ही समाहित हो जाती हैं, इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता। इस अभियान का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना और गणेश चतुर्थी पर्व पर जन-जन को पवित्र माटी और गौमाता के गोबर से निर्मित गणेश प्रतिमाओं के उपयोग को प्रोत्साहित करना है, ताकि जल स्रोतों की स्वच्छता बनी रहे और प्राकृतिक संतुलन भी अक्षुण्ण रहे। पर्यावरण संरक्षण की नवाचारी पहल है "माटी गणेश-सिद्ध गणेश अभियान" मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अभियान में निहित संकल्पना पर केन्द्रित एक सचित्र पोस्टर का विमोचन भी किया। परिषद् द्वारा पर्यावरण संरक्षण की नवाचारी पहल करते हुए 'माटी गणेश-सिद्ध गणेश अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान में पर्यावरण हितैषी संस्थान नर्मदा समग्र द्वारा प्रशिक्षण के माध्यम से प्रदेश के सभी 313 विकासखण्ड में परिषद् के नेटवर्क से जुड़ी नवांकुर सखियों को प्रशिक्षित किया जायेगा। प्रशिक्षित सखियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से अपने ग्रामों में स्थानीय महिलाओं को प्रेरित-प्रशिक्षित कर मिट्टी की 10 लाख गणेश प्रतिमाओं की घर-घर स्थापना करायी जायेगी। अभियान का लक्ष्य 10 लाख गणेश प्रतिमाओं का निर्माण कर 25 लाख लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अभियान के संकल्पना गीत एवं पोस्टर का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष मोहन नागर भी उपस्थित थे। सभी ने संकल्प लिया कि इस वर्ष घरों में केवल मिट्टी और गौमाता के गोबर से बनी गणेश प्रतिमाएं ही स्थापित की जाएंगी और इन प्रतिमाओं का विसर्जन भी नितांत प्राकृतिक तरीके से ही किया जाएगा। म.प्र. जन अभियान परिषद के कार्यपालक निदेशक डॉ. बकुल लाड़ ने बताया कि परिषद् ने नर्मदा समग्र संस्था के साथ "माटी गणेश-सिद्ध गणेश" अभियान की नई पहल की है। परिषद् के प्रशिक्षित नेटवर्क द्वारा अपने ग्राम की महिलाओं को मिट्टी के गणेश भगवान की प्रतिमा बनाने के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित किया जायेगा, जिससे 'माटी गणेश-सिद्ध गणेश' घर-घर विराजित और विसर्जित होंगे। इससे पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुकता बढ़ेगी।  

मृणाल ठाकुर ने दर्शकों संग देखी ‘सन ऑफ सरदार 2’, ‘पहला तू दूजा तू’ गाने का किया हुक स्टेप

मुंबई,  मृणाल ठाकुर इन दिनों हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘सन ऑफ सरदार 2’ को मिली सफलता का लुत्फ उठा रही हैं। फिल्म को देखते वक्त दर्शक किस तरह महसूस करते हैं और सीन पर उनकी कैसी प्रतिक्रिया होती है, यह देखने के लिए वह खुद थिएटर पहुंची। इस पल का वीडियो मृणाल ने अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया, जिसमें वह पूरी तरह से फिल्म को एन्जॉय करती नजर आ रही हैं। मृणाल कभी कॉमेडी सीन पर हंसती दिखती हैं, तो कभी ‘पहला तू, दूजा तू’ गाने पर सीट पर बैठे-बैठे हुक स्टेप करती नजर आती हैं। वीडियो के आखिर में वह थिएटर में मौजूद दर्शकों से फिल्म का रिव्यू भी पूछती हैं और सभी से उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलती हैं। इस वीडियो के साथ मृणाल ने एक दिल छू लेने वाला कैप्शन भी लिखा, जिसमें उन्होंने बताया कि फिल्म ‘सीता रामम’ के बाद से उन्होंने एक छोटा-सा नियम बनाया कि वह हर नई फिल्म को थिएटर में जाकर दर्शकों के साथ देखेंगी, ताकि मेहनत का फल दर्शकों की हंसी, तालियों और उत्साह के रूप में महसूस कर सकें। मृणाल ने कैप्शन में लिखा, ”फिल्म ‘सीता रामम’ के समय से मैंने एक आदत बना ली है कि जब भी मेरी कोई नई फिल्म रिलीज होती है, तो मैं थिएटर में जाकर दर्शकों के साथ वह फिल्म देखती हूं। क्योंकि असली मजा तब आता है जब आप अपने लिए हंसी, तालियां और प्यार थिएटर में गूंजते हुए देखें। हमारे लिए सबसे बड़ा इनाम यही है कि आपकी एनर्जी हमें वहां महसूस हो। अगर आपने अभी तक ‘सन ऑफ सरदार 2’ नहीं देखी है, तो जरूर थिएटर में जाकर देखिए। उम्मीद है कि फिल्म देखकर आपके चेहरे पर मुस्कान आएगी, आप हंसेंगे, और आपका दिल थोड़ा और खुश हो जाएगा।” बता दें कि ‘सन ऑफ सरदार 2’ साल 2012 की फिल्म ‘सन ऑफ सरदार’ का सीक्वल है। फिल्म में मृणाल ठाकुर के अलावा, अजय देवगन, रवि किशन, संजय मिश्रा, चंकी पांडे, नीरू बाजवा, कुब्रा सैत, रोशनी वालिया, दीपक डोबरियाल, विंदू दारा सिंह, शरद सक्सेना, अश्विनी कलसेकर, साहिल मेहता और दिवंगत मुकुल देव भी हैं। यह फिल्म 1 अगस्त को थिएटर्स में रिलीज हुई।