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महाकाल की सवारी में जनसैलाब, लोक नृत्य से गूंजा उज्जैन, रामघाट पर पूजन की तैयारी

उज्जैन आज श्रावण माह का चौथा और अंतिम सोमवार है। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में अब तक (अंतिम सोमवार) करीब 2 लाख श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन कर चुके हैं। सोमवार तड़के ढाई बजे भस्म आरती के दौरान कपाट खोले गए। भगवान महाकाल को जल अर्पित कर भस्म रमाई गई।  भस्म आरती के दौरान चलायमान दर्शन व्यवस्था में बिना परमिशन वाले भक्तों ने भी भस्म आरती में चलित दर्शन दर्शन किए। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर महाकाल के जयकारों से गूंज उठा। भक्तों ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। पंडित महेश पुजारी ने बताया कि श्रावण माह तपस्या का माह रहता है। महाकाल मंदिर में भगवान की दिनचर्या रोजाना की तरह रही। सुबह भगवान को भांग चंदन अर्पित किया गया। श्रावण माह में महाकाल मंदिर में दर्शन करने आने वाले भक्त जल अर्पित कर भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेकर उन्हें प्रसन्न करते हैं। शाम 4 बजे महाकाल भक्तों का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले। पालकी में श्री महाकालेश्वर श्री चंद्रमोलेश्वर स्वरूप में, गजराज पर श्री मनमहेश रूप, गरुड रथ पर श्री शिव तांडव प्रतिमा, नंदी रथ पर श्री उमा-महेश जी स्वरूप में दर्शन दे रहे हैं। मंदिर के सभा मंडप में भगवान की पालकी का पूजन हुआ। मंदिर के सभा मंडप में भगवान की पालकी का पूजन हुआ। मंदिर के सभा मंडप में भगवान की पालकी का पूजन हुआ। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी गई। सवारी के साथ घुड़सवार पुलिस दल, सशस्त्र पुलिस बल, होमगार्ड के जवान, भजन मंडली, झांझ मंडली के सदस्य व पुलिस बैंड भी शामिल हो रहे हैं। इससे पहले श्रावण माह के पहले सोमवार पर 2.5 लाख, दूसरे पर 3 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे। तीसरे सोमवार को 4 लाख लोग पहुंचे थे।

अखिलेश का बीजेपी पर बड़ा वार: ‘सांसद लेता है कमीशन, उसके बाद नंबर आता है विधायक का

लखनऊ सपा मुखिया अखिलेश यादव ने खस्ताहाल सड़को लेकर योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार नहीं भ्रष्टाचार का सहकार है। इसीलिए भाजपा राज में सड़के धंस रही हैं, पुल गिर रहे हैं, छते टपक रही हैं, पानी की टंकियाँ धराशायी हो रही हैं। भाजपाई भ्रष्टाचार का कमाल देखिए अखिलेश ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि भाजपा का कुकर्म, धर्म में भी अधर्म! महाकुंभ में प्रयागराज में हजारों करोड़ों की लागत से बनी सड़कों का हाल देखिए, भाजपाई भ्रष्टाचार का कमाल देखिए। दरअसल इस भाजपाई महाभ्रष्टाचार की बंदरबाँट को समझने के लिए विशेष ‘भाजपाई करप्शन क्रोनोलॉजी’ (BCC) समझनी होगी। महाकमीशन लेकर ‘प्रधान ठेका’ दिया जाता है अखिलेश ने आगे कहा कि पहले महाकमीशन लेकर ‘प्रधान ठेका’ दिया जाता है। फिर बड़ा कमीशन लेकर ‘मुख्य ठेका’ दिया जाता है। फिर मोटा कमीशन लेकर ‘उप ठेका’ दिया जाता है और उसके बाद भाजपाई सांसद का कमीशन का खेला चलता है, उसके बाद विधायक जी का… इसीलिए भाजपा राज में सड़के धंस रही हैं, पुल गिर रहे हैं, छते टपक रही हैं, पानी की टंकियाँ धराशायी हो रही हैं। भाजपा सरकार नहीं, भ्रष्टाचार का सहकार है।

बिहार को बड़ी कामयाबी: भारतीय टीम में 6 खिलाड़ी हुए शामिल

राजगीर राजगीर खेल परिसर में 9 और 10 अगस्त को पहली बार आयोजित होने जा रही ‘एशिया रग्बी अंडर-20 रग्बी 7s चैंपियनशिप 2025’ के लिए भारतीय महिला और पुरुष टीम की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है। इसकी जानकारी बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवीन्द्रण शंकरण ने दी। उन्होंने बताया कि भारतीय रग्बी फुटबॉल संघ के अध्यक्ष राहुल बोस की ओर से टीमों की घोषणा की गई है। पुरुष और महिला दोनों वर्गों की टीमों का चयन 3 जुलाई से कोलकाता के नेताजी सुभाष पूर्वी केंद्र में आयोजित राष्ट्रीय कोचिंग शिविर के आधार पर किया गया। इस टूर्नामेंट में भारत की टीमें चीन, यूएई, हांगकांग-चीन, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, श्रीलंका और मलेशिया जैसी मजबूत एशियाई टीमों से मुकाबला करेंगी। महिला वर्ग में नेपाल ने मलेशिया की जगह ली है। बिहार के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है कि भारतीय अंडर-20 रग्बी टीम में राज्य के चार महिला और दो पुरुष खिलाड़ियों का चयन किया गया है। यह न सिर्फ बिहार के लिए गर्व की बात है, बल्कि राज्य के अन्य खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा। महिला टीम में आरती कुमारी, अंशू कुमारी, अल्पना कुमारी और गुरिया कुमारी का चयन हुआ है, जबकि पुरुष टीम में गोल्डन कुमार और सागर प्रकाश को जगह मिली है। टीम लीडरशिप और कोचिंग     पुरुष टीम की कप्तानी सुमित कुमार रॉय (पश्चिम बंगाल) करेंगे और करण राजभर उप-कप्तान होंगे।     महिला टीम की कप्तानी भूमिका शुक्ला (राजस्थान) के पास होगी और उपकप्तान तनु भोसले (महाराष्ट्र) होंगी।     कोचिंग की बात करें तो पुरुष टीम को फ्रांसिस्को ‘पाको’ हर्नांडेज़ प्रशिक्षित करेंगे जबकि महिला टीम को कियानो फौरी और सहायक कोच तिलक राज मार्गदर्शन देंगे। राहुल बोस ने कहा, “यू-20 एशिया रग्बी 7s एक ऐसा मंच है जहां खिलाड़ियों का अंतरराष्ट्रीय भविष्य आकार लेता है। इस बार घरेलू धरती पर दोनों टीमों को एक साथ देखना विशेष होगा।” भारतीय टीम की सूची अंडर-20 पुरुष टीम: सुमित कुमार रॉय (कप्तान), करण राजभर (उपकप्तान), अजीत नाग, भरत किसान, चरण हेम्ब्रम, डेविड मुंडा, देशराज सिंह, गोल्डन कुमार, राजन रावत, रोहित शॉ, सागर प्रकाश अंडर-20 महिला टीम: भूमिका शुक्ला (कप्तान), तनु भोसले (उपकप्तान), आरती कुमारी, अक्षया एनएस, अल्पना कुमारी, अंशू कुमारी, गुरिया कुमारी, कायरा विंसेंट, महक, मामाली सिंह, मुस्कान पिपलोदा, रितु

बिग बॉस 19: इस बार चलेगी घरवालों की सरकार, OTT के बाद TV पर धमाकेदार एंट्री

मुंबई टेलीविजन का सबसे लोकप्रिय रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ अब अपने 19वें सीजन के साथ लौटने के लिए तैयार है. इस सीजन का ऐलान खुद सलमान खान ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए किया था. लंबे समय से दर्शक इस नए सीजन का इंतजार कर रहे थे, जो अब खत्म हो चुका है. साथ ही, मेकर्स ने इसका प्रोमो भी जारी कर दिया है. ‘बिग बॉस 19’ इस बार एक बिल्कुल नए अंदाज और थीम के साथ आ रहा है. इस सीजन का टैगलाइन है, ‘दोस्तों और दुश्मनों हो जाओ तैयार, क्योंकि इस बार घरवालों की सरकार !’ प्रोमो में सलमान एक नेता के रूप में नजर आ रहे हैं, जो इस बार शो को अलग रंग देने वाले हैं. इसके साथ ही संकेत मिल रहे हैं कि इस बार कंटेस्टेंट्स के एलिमिनेशन का निर्णय घरवाले खुद करेंगे, जिससे शो में नया और रोमांचक मोड़ देखने को मिलेगा. ‘बिग बॉस 19’ के एपिसोड सबसे पहले जिओ हॉटस्टार पर प्रसारित किए जाएंगे और इसके बाद कलर्स चैनल पर टेलीकास्ट होंगे. यह डिजिटल-फर्स्ट अप्रोच दर्शकों के लिए नया अनुभव लेकर आएगी. सलमान ने अपने प्रोमो में खुलासा किया कि शो का प्रीमियर 24 से होगा.

रिश्तों की आड़ में करोड़ों का खेल: रायपुर के डॉक्टर से 1.5 करोड़ की ठगी का खुलासा

रायपुर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. शंकर नगर के चिकित्सक डॉ. बी. बालाकृष्णा ने मनोज चांवला, उनकी पत्नी खुशबू चांवला और परिवार के अन्य सदस्यों पर 1.5 करोड़ रुपये की राशि गबन करने और अमानत में खयानत करने का आरोप लगाया है. इस मामले में सिविल लाइंस थाने में धारा 409, 120 बी, और 34 भादवि के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस के मुताबिक डॉ. बी. बालाकृष्णा, जो शंकरनगर के एचआईजी-18 में रहते हैं और एडवांस चेस्ट सेंटर नामक क्लीनिक संचालित करते हैं, ने अपने लिखित आवेदन में बताया कि वर्ष 2021 से मनोज चांवला (37 वर्ष, निवासी सेल टैक्स कॉलोनी, खम्हारडीह, रायपुर) का उनके क्लीनिक में इलाज के लिए आना-जाना था. कोविड काल में मनोज चांवला, उनके परिवार और दोस्तों का इलाज डॉ. बालाकृष्णा ने किया था. धीरे-धीरे परिचय बढ़ने के बाद मनोज चांवला, उनके भाई चेतन चांवला, पत्नी खुशबू चांवला, बहन नैना चांवला, और मां कांता चांवला नियमित रूप से क्लीनिक में आने लगे. क्लीनिक प्रबंधन का जिम्मा डॉ. बालाकृष्णा ने बताया कि उनके क्लीनिक में फार्मेसी और लैबोरेटरी का प्रबंधन करने के लिए काबिल लोगों की जरूरत थी. मनोज चांवला और उनके परिवार ने बार-बार अनुरोध कर इन कार्यों का जिम्मा लेने की पेशकश की. भरोसा होने पर डॉ. बालाकृष्णा ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंप दी. इस दौरान मनोज और उनके परिवार ने व्यवसाय को बढ़ाने में भी मदद की. 1.5 करोड़ की राशि गबन का आरोप डॉ. बालाकृष्णा ने अपने क्लीनिक को बड़े स्तर पर अस्पताल में बदलने की योजना बनाई थी, जिसके लिए उन्हें भारी धनराशि की जरूरत थी. इस योजना पर मनोज चांवला और उनके परिवार से चर्चा के दौरान, उन्होंने सुझाव दिया कि डॉ. बालाकृष्णा अपनी जमा राशि उन्हें सौंप दें, जिसे वे ट्रेडिंग व्यवसाय में निवेश करेंगे. उन्होंने वादा किया कि मूलधन सुरक्षित रहेगा और मुनाफा आपस में बांटा जाएगा. इस भरोसे पर डॉ. बालाकृष्णा ने मनोज चांवला और उनके परिवार को किस्तों में 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी.   हालांकि, जब वर्ष 2022 से डॉ. बालाकृष्णा ने अपनी राशि वापस मांगे, तो मनोज चांवला और उनके परिवार ने पैसे देने से साफ इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि कोई राशि उनके पास नहीं दी गई और वे इसे क्यों रखेंगे. डॉ. बालाकृष्णा के बार-बार अनुरोध पर मनोज चांवला और उनके परिवार ने 1 करोड़ रुपये वापस करने का समझौता किया, लेकिन शर्त रखी कि यह राशि व्यवसायिक और घरेलू कार्यों के लिए ली गई थी. समझौते में 15-15 लाख रुपये के 10 चेक देने की बात लिखी गई, जो अगस्त 2023 से नवंबर 2023 के बीच लिए गए दिखाए गए. यह समझौता 31 जून 2024 को तैयार किया गया था. समझौते में यह भी लिखा गया कि 22 मार्च 2025 तक 1 करोड़ रुपये नकद वापस कर दिए जाएंगे और डॉ. बालाकृष्णा उनके परिवार के खिलाफ कोई शिकायत या कानूनी कार्रवाई नहीं करेंगे.   डॉ. बालाकृष्णा ने जांच में पाया कि मनोज चांवला के खाते में पर्याप्त राशि नहीं थी और चेक केवल धोखे में रखने के लिए दिए गए थे. वर्तमान में मनोज चांवला और उनके परिवार ने 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वापस करने से साफ इंकार कर दिया है. डॉ. बालाकृष्णा ने बताया कि मनोज चांवला और उनके परिवार ने कई अन्य लोगों से भी करोड़ों रुपये लेकर धोखाधड़ी की है. सिविल लाइंस थाने में मनोज चांवला के खिलाफ पहले भी धोखाधड़ी का मामला दर्ज हो चुका है, जिसमें उनकी गिरफ्तारी हुई थी. वर्तमान में मनोज चांवला, खुशबू चांवला, और उनके परिवार के अन्य सदस्य हाउसिंग बोर्ड, फेस-1, डुप्लेक्स फ्लैट, कचना, रायपुर में रहते हैं.  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिबू सोरेन के निधन पर दु:ख व्यक्त किया

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिबू सोरेन के निधन पर गहन दु:ख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्व. सोरेन ने झारखंड राज्य के विकास और जनजातीय समुदाय के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बाबा महाकाल से दिवंगत की पुण्यात्मा की शांति एवं शोकाकुल परिजन और समर्थकों को यह दुःख सहन करने का संबल प्रदान करने के लिए प्रार्थना की है।  

सुविख्यात पार्श्व गायक किशोर कुमार ने जीवन के हर रंग से साक्षात्कार कराया : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश के गौरव, सुविख्यात पार्श्वगायक एवं अभिनेता किशोर कुमार की जयंती पर उनका पुण्य स्मरण किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जीवन के हर रंग से साक्षात्कार कराते खंडवा की माटी के लाल स्व. किशोर कुमार के कालजयी गीत और सदाबहार आवाज का जादू आज भी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किशोर कुमार ने आपातकाल के दौर में तत्कालीन निरंकुश सत्ता का प्रतिकार करते हुए राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पण दिखाया था।  

6 रन की सांस रोक देने वाली जीत: ओवल में भारत ने पलटा पासा, सीरीज हुई बराबर

ओवल  लंदन के ओवल क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए भारत-इंग्लैंड के बीच 5वें टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने शानदार जीत दर्ज की. इस जीत के साथ ही 5 मैचों की एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2025 का भी समापन हो गया है. ये सीरीज अब 2-2 की बराबरी पर खत्म हुई है. सीरीज का एक मैच ड्रॉ रहा था.  मुकाबले में भारत ने इंग्लिश टीम को जीत के लिए 374 रनों का टारगेट दिया. भारतीय टीम ने जहां अपनी पहली पारी में 224 रन बनाए, वहीं इंग्लैंड की पहली इनिंग्स 247 रन पर सिमटी. यानी मेजबान इंग्लैंड को पहली पारी के आधार पर 23 रनों की मामूली बढ़त मिली. इसके बााद भारतीय टीम ने अपनी दूसरी पारी में 396 रन स्कोर किए. ओवल टेस्ट मैच में पांचवें दिन के खेल से जुड़े अपडेट्स के लिए इस पेज को रिफ्रेश करते रहिए… भारतीय टीम के लिए ओवल टेस्ट मैच काफी महत्वपूर्ण है. शुभमन गिल की अगुवाई में भारतीय टीम पांच मैचों की टेस्ट सीरीज को तभी बराबर कर पाएगी, जब वो इस टेस्ट मैच में जीत दर्ज करेगी. अगर यह मुकाबला ड्रॉ पर छूटा या इंग्लिश टीम ने जीत हासिल की तो भारत के हाथ से सीरीज निकल जाएगा. इंग्लैंड की दूसरी पारी का हाल रनचेज में इंग्लैंड की ओर से हैरी ब्रूक और जो रूट ने शतकीय पारियां खेलीं. ब्रूक ने 98 गेंदों का सामना करते हुए 111 रन बनाए, जिसमें 14 चौके और 2 छक्के शामिल रहे. वहीं जो रूट ने 12 चौके की मदद से 152 गेंदों पर 105 रन बनाए. रूट और ब्रूक के बीच चौथे विकेट के लिए 195 रनों की पार्टनरशिप हुई, जिसने इस मुकाबले में इंग्लैंड की वापसी कराई. सलामी बल्लेबाज बेन डकेट ने भी 54 रनों की उपयोगी इनिंग्स खेली.  मैच में ट्विस्ट चौथे दिन के खेल के तीसरे सेशन में आया, जब जैकब बेथेल और जो रूट को तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा ने बैक टू बैक ओवर्स में पवेलियन भेजा. जब इंग्लैंड पर प्रेशर पूरी तरह बन चुका था तभी खराब रोशनी के चलते खेल को रोकना पड़ा. कुछ देर बाद बारिश भी आ गई, जिसके कारण चौथे दिन का खेल समय से पहले समाप्त करने की घोषणा की गई. भारत की दूसरी पारी: यशस्वी की सेंचुरी, टंग का 'पंजा' दूसरी पारी में भारतीय टीम की ओर से सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने शानदार 118 रन बनाए. यशस्वी ने इस दौरान 164 गेंदों का सामना किया और 14 चौके के अलावा दो छक्के जड़े. नाइटवॉचमैन आकाश दीप (66 रन), वॉशिंगटन सुंदर (53 रन) और रवींद्र जडेजा (53 रन) ने भी अर्धशतकीय योगदान दिया, जिसके कारण भारतीय टीम अच्छे स्कोर तक पहुंच सकी. इंग्लिश टीम की तरफ से तेज गेंदबाज जोश टंग ने पांच विकेट चटकाए. जबकि फास्ट बॉलर गस एटकिंसन को भी तीन सफलताएं नसीब हुईं. एक अन्य तेज गेंदबाज  जेमी ओवर्टन ने दो विकेट झटके.

MP हाउसिंग बोर्ड की प्रॉपर्टी अब डिजिटल! 80 लाख दस्तावेज डिजीलॉकर में होंगे संरक्षित

भोपाल  मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड से जुड़ी 80 लाख प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट अब डिजी लॉकर पर भी मिलेंगे। ऐसे में अब डॉक्यूमेंट आग लगने या चोरी होने पर भी सुरक्षित रहेंगे। अभी 75 हजार आवंटियों की प्रॉपर्टी को सुरक्षित किया गया है। हाउसिंग बोर्ड ने अपने आवंटियों की प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज सुरक्षित करने के लिए डिजिटाइजेशन का काम करीब पूरा कर लिया है। अब तक बोर्ड 75 हजार से ज्यादा आवंटियों की 80 लाख संपत्तियों के दस्तावेज और नस्तियां ऑनलाइन कर चुका है 80 लाख प्रॉपर्टी दस्तावेज और नस्तियां 8 महीने तक स्केन करके ऑनलाइन किए गए हैं। इस डॉक्यूमेंट को हाउसिंग बोर्ड ने डिजी लॉकर एप पर भी अपलोड कर दिया है। यानी, किसी आवंटी को अपने डॉक्यूमेंट की जरूरत है या देखना है तो वह अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से लॉगिन करके अपने दस्तावेज डिजी लॉकर पर देख सकता है। कुल 101 तहत के डॉक्यूमेंट ऑनलाइन डिजी लॉकर पर मप्र शासन के 101 तरह के दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध हैं। उनमें अब हाउसिंग बोर्ड भी आ गया है। चोरी होने, आग लगने या किसी प्राकृतिक आपदा में डॉक्यूमेंट गायब होने की समस्या अब खत्म हो जाएगी। बोर्ड से किसी भी तरह की प्रॉपर्टी खरीदने वाले लोग अब बिना ऑफिस के चक्कर लगाए 30-40 साल पुरानी प्रॉपर्टी के भी पेपर ऑनलाइन देख सकते हैं। बोर्ड अपने डेढ़ लाख से ज्यादा आवंटियों के लेजर (खाता) पहले ही ऑनलाइन कर चुका है। बोर्ड के डिप्टी कमिश्नर एवं चीफ आईटी ऑफिसर एमके साहू ने बताया कि पूरे डॉक्यूमेंट्स को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लाने में करीब 8 महीने लगे हैं। अभी भी टीम काम कर रही है। इससे आवंटियों को बड़ा फायदा मिलेगा। डिजिटलाइजेशन से ये फायदा     चोरी होने, आग लगने या किसी भी प्राकृतिक आपदा में दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे।     आवंटी को अपने किसी भी डॉक्यूमेंट की जानकारी के लिए बोर्ड के लोकल ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने होंगे।     किसी कानूनी विवाद की स्थिति में आवंटी के पास सभी पेपर उसके मोबाइल में मौजूद रहेंगे।     30-40 सल पुराने दस्तावेज ढूंढने में कोई परेशानी नहीं होगी।     नामांतरण और हस्तांतरण जैसी प्रक्रिया में फाइल न मिलने जैसी समस्या दूर होगी। काम आसान होगा।     जो जानकारी आरटीआई के तहत मांगी जाती थी वो ऑनलाइन मिल जाएगी।     प्रॉपर्टी के एग्रीमेंट पेपर, लीज एग्रीमेंट, पेमेंट की रसीद जैसे पेपर ऑनलाइन अपलोड होंगे।     50 साल बाद भी नामांतरण-हस्तांतरण के लिए दस्तावेज ढूंढने नहीं पड़ेंगे। प्रॉपर्टी की खरीद-बेच में पारदर्शिता आएगी। 40 साल पुराने डॉक्यूमेंट भी ऑनलाइन हाउसिंग बोर्ड अपने डेढ़ लाख से ज्यादा आवंटियों के 30 से 40 साल पुराने दस्तावेज भी ऑनलाइन कर रहा है। बोर्ड की वेबसाइट पर आवंटी अपने 40 साल पुराने पेपर भी घर बैठे देख सकता है। 75 हजार लोगों का प्रॉपर्टी दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड हो गया है और बाकी लोगों के डॉक्यूमेंट की स्कैनिंग फेज वाइज चल रही है। सभी 15 सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हाउसिंग बोर्ड ने संपत्ति के नामांतरण, हस्तांतरण, एनओसी जैसी अपनी सभी 15 सुविधाएं ऑनलाइन कर दी हैं। इन सुविधाओं के लिए पहले आवंटी को बोर्ड के कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते थे। अब सभी प्रकार की राशि ऑनलाइन ही जमा हो रही हैं। रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस द्वारा सूचना दी जाती है। हर पेमेंट की डिटेल ऑटो मोड में ऑनलाइन अपडेट होती है। कमिश्नर बोले-डेटा और दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे हाउसिंग बोर्ड के कमिश्नर डॉ. राहुल हरिदास फटिंग ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड में प्रॉपर्टी बुक करने से लेकर पेमेंट तक सभी काम ऑनलाइन होता है। डिजिटल होते जमाने में आवंटियों की सुविधा और पारदर्शिता के लिए डिजिटलाइजेशन का काम भी तेजी से किया जा रहा है। हमारा उद्देश्य है कि सभी आवंटी घर बैठे अपने सभी डॉक्यूमेंट एक्सेस कर पाएं। साथ ही उनका दस्तावेज सुरक्षित रहे।

UP में शराब की दुकान खोलने का क्रेज, एक ठेके के लिए 265 आवेदन – ये हैं लाइसेंस के नियम और फायदे

लखनऊ  देश में शराब की बिक्री लगातार बढ़ रही है, राज्य सरकारों की इससे झोली भरती है, अप्लीकेशन फीस, लाइसेंस चार्ज और फिर हर बोतल पर कमीशन यानी TAX से सरकार को मोटी कमाई होती है. राज्य सरकारें अपने हिसाब से आबकारी नीतियों पर बदलाव करती रहती हैं, ताकि पारदर्शिता के साथ-साथ सरकार की आय भी बढ़ती रहे.   इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की आबकारी नीति वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कई महत्वपूर्ण बदलावों के साथ लागू की गई है. उत्तर प्रदेश सरकार की मानें तो नई आबकारी नीति 2025-26 का उद्देश्य राजस्व बढ़ाना, शराब व्यापार में पारदर्शिता लाना और मिलावट को रोकना है. ई-लॉटरी के माध्यम से लाइसेंस आवंटन प्रक्रिया को निष्पक्ष और आसान बनाया गया है.  अगर उत्तर प्रदेश में आप शराब की दुकान का लाइसेंस लेना चाहते हैं तो आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसकी पूरी जानकारी आपको आबकारी विभाग की वेबसाइट या जिला आबकारी विभाग से मिल जाएगी. लाइसेंस के लिए आवेदन उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (www.upexcise.in) पर ऑनलाइन जमा करना होगा.  एक अनुमान के मुताबिक वित्त-वर्ष 2024-25 के दौरान उत्तर प्रदेश में करीब 12533 शराब और बीयर दुकानें थीं. इनमें अंग्रेजी शराब की 6,563 और बीयर की 5970 दुकानें थीं. कंपोजिट दुकानों को लेकर आबकारी विभाग ने अंग्रेजी शराब और बीयर की दुकानों की कुल संख्या 9,362 कर दी है. अब आइए बताते हैं, आप कैसे उत्तर प्रदेश में शराब और बीयर की दुकान खोल सकते हैं…  सरकार का दावा है कि शराब की दुकान का लाइसेंस प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाया गया है. उत्तर प्रदेश आबकारी नीति 2025-26 के अनुसार कंपोजिट दुकानों पर अंग्रेजी शराब, बीयर और वाइन की बिक्री एक साथ की जा सकेगी. यानी सूबे में कुल शराब की दुकानों की संख्या में जो कमी आई है, उसकी ये वजह है. पहले अंग्रेजी शराब, बीयर और वाइन की अलग-अलग दुकानें होती थीं, जिसे अब एकसाथ खोलने की अनुमति दे दी गई है, जिससे दुकानों की संख्या घटी है, यानी दुकानें बंद नहीं हुई हैं, विलय कर दिया गया है.   ई-लॉटरी सिस्टम से लाइसेंस का वितरण उत्तर प्रदेश में शराब (देशी, विदेशी, बीयर) और भांग की दुकानों के लाइसेंस अब ई-लॉटरी के माध्यम से आवंटित किए जा रहे हैं. पुराने लाइसेंस का नवीनीकरण (रिन्यूवल) इस बार नहीं होगा. हालांकि, वित्तीय वर्ष 2026-27 में लाइसेंस रिन्यूवल का विकल्प उपलब्ध होगा. एक व्यक्ति, फर्म या कंपनी पूरे प्रदेश में अधिकतम दो दुकानों का लाइसेंस प्राप्त कर सकती है. एक व्यक्ति को दो से अधिक दुकानों का लाइसेंस नहीं मिलेगा, जिससे शराब व्यापार में एकाधिकार (मोनोपॉली) को रोका जा सके. कंपोजिट दुकान किसे कहते हैं? इस आर्टिकल में ऊपर कंपोजिट दुकानों का जिक्र है. दरअसल सूबे की सरकार ने पहली बार 'कंपोजिट शॉप्स' का नया विकल्प दिया है. जहां एक ही दुकान पर देशी शराब, विदेशी शराब, बीयर और वाइन बेची जा सकती है. इससे पहले बीयर की दुकानें अलग थीं. अभी भी इन दुकानों पर शराब पीने की अनुमति नहीं होगी. हालांकि ग्राहकों को शराब पीने की सुविधा देने के लिए कंपोजिट दुकानों को मॉडल शॉप में परिवर्तित किया जा सकेगा. इसके लिए अलग से शुल्क देना पड़ेगा. मॉल या मल्टीप्लेक्स में प्रीमियम दुकानें खोलने की अनुमति नहीं है. लेकिन हवाई अड्डों, मेट्रो और रेलवे स्टेशनों पर अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) के साथ खोली जा सकती हैं.  प्रोसेसिंग शुल्क यानी आवदेन शुल्क (ये रकम वापस नहीं की जाएगी): देशी शराब की दुकान: 65,000 रुपये कंपोजिट दुकान: 90,000 रुपये मॉडल शॉप: 1,00,000 रुपये भांग की दुकान: 25,000 रुपये उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में आबकारी नीति 2025-26 के तहत करीब 1,987.19 करोड़ रुपये प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में जमा हुए थे. यह शुल्क गैर-वापसी योग्य है, यानी ये वापस नहीं किए गए. सरकार को केवल अप्लीकेशन से करीब 2000 करोड़ रुपये की कमाई हुई. बता दें, यूपी आबकारी विभाग चार श्रेणियों में 27,308 शराब की दुकानों के लिए ऑनलाइन लॉटरी आयोजित की थी, लॉटरी में 2 लाख से ज्यादा आवेदन आए थे, जिनमें औसतन प्रति दुकान के लिए 15 आवेदक थे. सबसे ज्यादा आवेदन मिश्रित शराब (Composite Liquor) की दुकानों के लिए मिले, ग्रेटर नोएडा में एक दुकान के लिए 265 आवेदन प्राप्त मिले. राज्य में 1 अप्रैल 2025 से नई आबकारी नीति लागू हो गई है.  अगर आप उत्तर प्रदेश में कंपोजिट दुकान के लिए आवेदन करते हैं, तो आपको कुल 90,000 रुपये प्रोसेसिंग शुल्क या आवेदन शुल्क के तौर जमा करना होगा, और ये किसी भी स्थिति में वापस नहीं किया जाएगा. भले ही आपका आवेदन अस्वीकार हो जाए, आप लॉटरी में चयनित न हों, या आप बाद में प्रक्रिया से हट जाएं. इसलिए नई आबकारी नीति को देखते हुए कह सकते हैं, अब केवल गंभीर आवेदक ही प्रक्रिया में भाग लें, और लाइसेंस मिले या ना मिले आवेदन शुल्क के तौर पर 25 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक चुकाने ही पड़ेंगे.  लाइसेंस पाने की योग्यता  आवेदक कम से कम 21 वर्ष का भारतीय नागरिक होना चाहिए. एक व्यक्ति केवल एक आवेदन कर सकता है, लेकिन विभिन्न दुकानों के लिए आवेदन संभव है. आवेदक का आपराधिक रिकॉर्ड साफ होना चाहिए. परिवार (पति/पत्नी, आश्रित पुत्र, अविवाहित पुत्रियां, आश्रित माता-पिता) के सदस्यों को अलग-अलग आवेदन करने की अनुमति है.  आवेदन के लिए ये दस्तावेज जरूरी- पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी) आयकर रिटर्न (पिछले तीन वर्ष का) शपथ पत्र (ई-लॉटरी आवेदन के साथ) प्रोसेसिंग शुल्क का भुगतान रसीद अन्य दस्तावेज- निवास प्रमाण पत्र और बैंक विवरण.  सभी पात्र आवेदनों की जांच जिला आबकारी अधिकारी द्वारा की जाती है. लॉटरी माध्यम से चयन के बाद आवेदकों को ईमेल और SMS के माध्यम से सूचित किया जाता है. परिणाम आबकारी विभाग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होते हैं.  नई आबकारी नीति में ये बदलाव भी: – चयन के बाद, लाइसेंस शुल्क (254-260 रुपये प्रति लीटर) और अन्य शुल्क जमा करना होगा. – देशी शराब अब एसेप्टिक ब्रिक पैक (टेट्रा पैक) में उपलब्ध होगी, जिससे मिलावट की संभावना कम होगी.  – सूबे के प्रत्येक जिले में फल आधारित शराब (फ्रूट वाइन) की एक दुकान होगी. मंडल मुख्यालयों पर लाइसेंस शुल्क 50,000 रुपये और अन्य जिला मुख्यालयों पर 30,000 रुपये है.  – सभी दुकानों पर दो CCTV कैमरे और जियो-फेंसिंग अनिवार्य होगी. … Read more