News Aazad Bharat

बाढ़ से बेहाल यूपी के 17 जिले, 402 गांव डूबे – राहत के लिए 11 मंत्री पहुंचे ज़मीन पर

कानपुर उत्तर प्रदेश इन दिनों बाढ़ के विकराल संकट से जूझ रहा है. गंगा, यमुना और अन्य नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और इसकी चपेट में अब तक 17 जिलों के 402 गांव आ चुके हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद राहत कार्यों की मॉनिटरिंग शुरू कर दी है. अब उन्होंने अपने कैबिनेट के 11 मंत्रियों को सीधे ग्राउंड ज़ीरो पर भेजकर बाढ़ राहत की निगरानी का जिम्मा सौंपा है. ये सभी मंत्री प्रभावित जिलों में पहुंच चुके हैं और राहत शिविरों, बांधों और जलभराव वाले गांवों का दौरा कर रहे हैं. 17 जिले बाढ़ की चपेट में, हजारों परिवार विस्थापित राज्य सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में उत्तर प्रदेश के जिन जिलों में बाढ़ का सर्वाधिक असर दिख रहा है, उनमें कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाज़ीपुर, मीरजापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा और फतेहपुर शामिल हैं. इन जिलों की 37 तहसीलों के 402 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी के अनुसार, कुल 84,392 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिनमें से अब तक 47,906 पीड़ितों को राहत सहायता दी जा चुकी है. ये आंकड़े खुद में संकट की गंभीरता को बयां करते हैं. 11 मंत्री पहुंचे मोर्चे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी प्रभावित जिलों की सतत निगरानी के साथ ही अपने मंत्रियों को सीधे फील्ड में भेजा है. इनमें से कई मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में पहुंच चुके हैं और कई वहीं रात्रि विश्राम कर रहे हैं ताकि अगले दिन का दौरा भी निर्बाध रूप से हो सके. वाराणसी शहर दक्षिणी के विधायक एवं पूर्व मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने बाढ़ग्रस्त घरों तक स्वयं राहत सामग्री पहुंचाई। यहां जानिए कौन मंत्री किस जिले की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं: – नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ : प्रयागराज –  स्वतंत्र देव सिंह और संजय गंगवार : जालौन – स्वतंत्र देव सिंह और प्रतिभा शुक्ला : औरैया – रामकेश निषाद : हमीरपुर – जयवीर सिंह : आगरा – सुरेश खन्ना : वाराणसी – संजय निषाद : कानपुर देहात -धर्मवीर प्रजापति : इटावा – अजीत पाल : फतेहपुर – दयाशंकर सिंह 'दयालु' : बलिया 47 हजार से अधिक पीड़ितों को पहुंचाई गई मदद सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 493 नावों और मोटरबोट्स की मदद से राहत सामग्री बांटी जा चुकी है. 6,536 खाद्यान्न पैकेट और 76,632 लंच पैकेट वितरित किए गए हैं. इसके अतिरिक्त, बाढ़ के कारण संकट में आए 2,759 मवेशियों को भी सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है. बाढ़ की वजह से 343 मकानों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 327 मामलों में पीड़ितों को सहायता राशि दी जा चुकी है. इसके साथ ही 4,015 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि जलमग्न हुई है. 905 शरणालयों में 11 हजार से ज्यादा लोग ले रहे हैं आश्रय राज्य सरकार द्वारा बनाए गए 905 बाढ़ शरणालयों में फिलहाल 11,248 लोग अस्थायी रूप से रह रहे हैं. इन स्थानों पर भोजन, पीने का पानी, बिजली, शौचालय और चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था की गई है. 757 मेडिकल टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में लगाया गया है, जो शरणार्थियों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कर रही हैं. इसके अलावा 1,29,571 क्लोरीन टैबलेट और 37,089 ओआरएस पैकेट वितरित कर बाढ़ के बाद संभावित जलजनित बीमारियों से सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है. 500 क्विंटल भूसा और 29 लंगर, मवेशियों और लोगों दोनों की भूख का समाधान प्रभावित इलाकों में सिर्फ इंसानों की नहीं, मवेशियों की भूख का भी ध्यान रखा जा रहा है. अब तक 500 क्विंटल भूसा वितरित किया गया है. वहीं, पीड़ितों को गर्म और पौष्टिक भोजन मिले, इसके लिए 29 लंगर शिविर लगाए गए हैं जो दिन-रात काम कर रहे हैं. इसके अलावा 1,193 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं, जो पूरे समय इलाके की निगरानी कर रही हैं और जरूरत के अनुसार अलर्ट जारी कर रही हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोई भी पीड़ित मदद से वंचित न रह जाए. उनका स्पष्ट संदेश है आपदा राहत में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

शराब घोटाले में कार्रवाई तेज़, चैतन्य बघेल 14 दिन की रिमांड पर जेल भेजे गए

रायपुर छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की 14 इन की न्यायिक रिमांड अवधि समाप्त होने पर आज उन्हें विशेष कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। मामले में अब 18 अगस्त को सुनवाई होगी। बता दें कि ईडी ने 18 जुलाई की सुबह भिलाई स्थित बघेल निवास पर छापा मारकर चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन के दिन ही गिरफ्तार किया था। उन पर छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। मामले में पूछताछ के लिए कोर्ट ने उन्हें 5 दिन की रिमांड पर भेजा था। 22 जुलाई को सुनवाई के बाद कोर्ट ने उन्हें 4 अगस्त तक के लिए 14 दिन की न्यायायिक रिमांड में जेल भेज दिया था। रिमांड खत्म होने पर आज उन्हें दोबारा कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें फिर से 14 दिन की न्यायायिक रिमांड में जेल भेज दिया। अब चैतन्य बघेल को 18 अगस्त को कोर्ट में पेश किया जायेगा। ईडी ने किया बड़ा खुलासा 21 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) रायपुर जोनल कार्यालय की ओर से प्रेस नोट में दी गई जानकारी के अनुसार, ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया है। शराब घोटाले की जांच ईडी ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस घोटाले के कारण प्रदेश के खजाने को भारी नुकसान हुआ और करीब 2,500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (पीओसी) घोटाले से जुड़े लाभार्थियों की जेब में पहुंचाई गई। चैतन्य को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये नगद मिले ईडी की जांच से पता चला है कि चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये की पीओसी प्राप्त हुई थी। उन्होंने उक्त पीओसी को मिलाने के लिए अपनी रियल एस्टेट फर्मों का इस्तेमाल किया था। यह पता चला है कि उन्होंने पीओसी की उक्त नकद राशि का उपयोग अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के विकास में किया था। पीओसी का उपयोग उनके प्रोजेक्ट के ठेकेदार को नकद भुगतान, नकदी के खिलाफ बैंक प्रविष्टियों आदि के माध्यम से किया गया था। उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ भी मिलीभगत की और अपनी कंपनियों का उपयोग एक योजना तैयार करने के लिए किया जिसके अनुसार उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के कर्मचारियों के नाम पर अपने “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फ्लैटों की खरीद की आड़ में अप्रत्यक्ष रूप से 5 करोड़ रुपये प्राप्त किए। बैंकिंग ट्रेल है जो इंगित करता है कि लेन-देन की प्रासंगिक अवधि के दौरान, त्रिलोक सिंह ढिल्लों ने अपने बैंक खातों में शराब सिंडिकेट से भुगतान प्राप्त किया। 1000 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति का संचालन इसके अलावा, उन पर शराब घोटाले से उत्पन्न 1000 करोड़ रुपये से अधिक के पीओसी (POC) को संभालने का भी आरोप है। वह छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को पीओसी हस्तांतरित करने के लिए अनवर ढेबर और अन्य के साथ समन्वय करते थे। ईडी द्वारा की गई जांच से पता चला है कि इस शराब घोटाले से प्राप्त धनराशि को आगे निवेश के लिए बघेल परिवार के प्रमुख सहयोगियों को भी सौंप दिया गया था। इस धनराशि के अंतिम उपयोग की आगे जांच की जा रही है। पहले से कई बड़े चेहरे गिरफ्त में ईडी ने इससे पहले पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, ITS अरुण पति त्रिपाठी और पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक कवासी लखमा को इस मामले में गिरफ्तार किया था। फिलहाल, मामले में आगे की जांच जारी है।

MP में 35 हजार पैथोलॉजी लैब्स का संकट टला, निर्बाध संचालन का रास्ता खुला

भोपाल  मध्य प्रदेश में संचालित 35 हजार पैथोलॉजी लैब जो बंद होने की कगार पर खड़ी थीं, अब उनके निर्बाध संचालन का रास्ता खुल सकता है। मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेश शुक्ला ने यह कहा कि मध्यप्रदेश में पैथोलॉजी के सहज संचालन लिए जल्द ही नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। यह बात उन्होंने मेडिकल लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन माल्टा के साथ लगातार हो रही चर्चा के बाद कही है। कई महीनों की चर्चा का नतीजा इस बारे में जानकारी देते हुए माल्टा के प्रदेश सचिव संजय श्रीवास्तव ने बताया कि माल्टा के प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य मंत्री से संपर्क और उनके निर्देश के बाद उनके भोपाल स्थित आवास में विभाग के अधिकारियों से पैथालाजी संचालन के नियमों को लेकर कई महीने चर्चा की। एमपी की 35 हजार लैब बंद हो जाएंगी चर्चा के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि अगर पैथोलॉजी लैब का संचालन सिर्फ पैथोलॉजिस्ट को ही करने का नियम लागू किया गया तो मध्यप्रदेश की 35 हजार लैब बंद हो जाएंगी, क्योंकि इतनी संख्या में प्रदेश में पैथोलॉजिस्ट नहीं। इस नियम की वजह से लैब टेक्नीशियन की पढ़ाई करने वाले युवाओं का भविष्य भी अंधकारमय हो जाएगा। सरकारी अस्पतालों में टेक्नीशियन ही चला रहे लैब प्रदेश के सभी जिलों में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में टेक्नीशियन ही लैब का संचालन कर रहे हैं। कुछ जिलों में ही जिला मुख्यालय के अस्पतालों में पैथोलॉजिस्ट हैं जबकि कई जिलों में तो पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर भी नहीं है। यह होगा फायदा माल्टा ने यह सवाल भी उठाया था कि जब सरकारी अस्पतालों में टेक्नीशियन लैब को बेहतर ढंग से चला रहे हैं तो फिर किसी एक एमबीबीएस डॉक्टर के मार्गदर्शन में पैथोलॉजी लैब का संचालन होने में क्या परेशानी होगी। माल्टा ने यह मांग भी रखी कि मध्यप्रदेश में पैथालाजी संचालन के नियमों में उदारता जरूरी है। प्रदेश में ज्यादातर लैब का संचालन एमबीबीएस डॉक्टर के मार्गदर्शन में लैब टेक्नीशियन द्वारा किया जाता है, जो आगे भी जारी रह सकेगा। पैरामेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले उन हजारों छात्रों के सामने से संशय की स्थिति समाप्त हो जाएगी जो लैब टेक्नीशियन का कोर्स कर रहे हैं। ग्रामीण स्तरों तक निजी पैथालाजी लैब खोलना संभव हो सकेगा।

पहली पत्नी को फोन पर छोड़ा, दूसरी से की शादी — पुलिस में शिकायत दर्ज

कांकेर छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में पहली बार तीन तलाक का आपराधिक मामला सामने आया है. पीड़ित महिला, परिजनों और मुस्लिम समाज कांकेर ने इसकी शिकायत कांकेर कोतवाली में दर्ज कराई है. मामला गरियाबंद जिले के इरफान वारसी नामक व्यक्ति से जुड़ा है, जिसने मोबाइल फोन पर अपनी पत्नी को तीन बार “तलाक” कहकर विवाह तोड़ दिया और फिर दूसरी शादी कर ली. पीड़िता के भाई गफ्फार मेमन ने बताया कि उनकी बहन का विवाह 9 मार्च 2017 को गरियाबंद निवासी इरफान वारसी के साथ मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार हुआ था. शादी के बाद से ही पति, सास और ननदों द्वारा लगातार प्रताड़ित किए जाने के कारण पीड़िता अपने मायके कांकेर में रह रही थी. इसी बीच पति ने दूसरी शादी कर ली और मोबाइल फोन पर पीड़िता को “तलाक-तलाक-तलाक” कहकर संबंध खत्म करने की बात कही. पीड़िता ने तलाक की मोबाइल रिकॉर्डिंग भी पुलिस को सौंपी है. इस मामले को लेकर मुस्लिम समाज ने भी थाने में आवेदन देते हुए कहा कि यह निंदनीय अपराध है. वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पारित तीन तलाक कानून के तहत ऐसा करना संगीन अपराध है और इस्लामिक कानून में भी इसे गलत माना गया है. समाज ने आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. कांकेर एसडीओपी मोहाशिन खान ने बताया कि पीड़ित महिला, परिजनों और मुस्लिम समाज ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है. पूरे मामले की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

US में नई सॉलिसिटर जनरल मथुरा श्रीधरन को बिंदी लगाने पर ट्रोल किया गया, भारतीय समुदाय ने किया समर्थन

वाशिंगटन अमेरिका में बढ़ता गन कल्चर पहले ही चिंता का विषय बना हुआ है और अब वहां नफरती सोच भी पनप रही है. भारतीय मूल की महिला मथुरा श्रीधरन को अमेरिका में सिर्फ इस वजह से ट्रोल किया जा रहा है कि बिंदी लगाती हैं और उन्हें ओहियो स्टेट का सॉलिसिटर जनरल चुना गया है. ओहियो के अटॉर्नी जनरल डेव योस्ट ने बीती 31 जुलाई को श्रीधरन की नियुक्ति की थी.  ओहियो की सॉलिसिटर जनरल चुनी गईं इसके बाद से मथुरा श्रीधरन के खिलाफ नस्लवादी और अपमानजनक टिप्पणियों की बाढ़ सी आ गई है. ट्रोल सवाल कर रहे हैं कि यह पद किसी अमेरिकी को क्यों नहीं मिला. ओहियो के अटॉर्नी योस्ट ने कहा कि मथुरा श्रीधरन 12वीं सॉलिसिटर जनरल के लिए उनकी पसंद हैं. एक्स पर उनकी नियुक्ति का ऐलान करते हुए अटॉर्नी जनरल ने कहा कि वह बहुत प्रतिभाशाली हैं और बेतहर ढंग से राज्य की सेवा करेंगी. डेव योस्ट ने लिखा, 'मथुरा बहुत प्रतिभाशाली हैं. उन्होंने पिछले साल SCOTUS में अपनी बहस जीती थी. जिन दोनों SGs (फ्लावर्स और गेसर) के अधीन उन्होंने काम किया था, उन्होंने उनकी सिफ़ारिश की थी. जब मैंने उन्हें पहली बार नियुक्त किया था, तब मैंने उनसे कहा था कि मुझे उनसे बहस करने की ज़रूरत है. उन्हें प्रमोट करने को लेकर उत्साहित हूं. वह ओहायो की अच्छी सेवा करेंगी.' बिंदी लगाने को लेकर ट्रोलिंग  रिपोर्ट के मुताबिक सॉलिसिटर जनरल के पद पर पहुंचने के बावजूद भी श्रीधरन को भारतीय होने और बिंदी लगाने के कारण नस्लवादी ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा. एक रिप्लाई में ट्रोल ने लिखा, 'आप किसी ऐसे व्यक्ति को क्यों चुनेंगे जो अमेरिकी नहीं है, इतने अहम रोल के लिए?' कुछ लोग उनके बिंदी के लाल रंग पर भी सवाल उठा रहे हैं तो कुछ ट्रोल उनकी योग्यता को लेकर भी बयानबाजी कर रहे हैं. इस ट्रोलिंग के बाद ओहायो के अटॉर्नी जनरल डेव योस्ट ने ट्रोल्स को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने साफ किया है कि कुछ लोगों को गलतफहमी है कि मथुरा अमेरिकी नहीं हैं, लेकिन वह पूरी तरह से अमेरिकी नागरिक हैं. उनकी शादी भी एक अमेरिकी नागरिक से हुई है. योस्ट ने आगे लिखा, 'अगर उनका नाम या रंग से आपको दिक्कत है, तो समस्या उनसे या उनकी नियुक्ति से नहीं बल्कि आपके सोच में है.  कौन हैं मथुरा श्रीधरन? मथुरा श्रीधरन एक भारतीय मूल के अमेरिकी वकील हैं जो वर्तमान में ओहियो के अटॉर्नी जनरल कार्यालय में डिप्टी सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्यरत हैं. उन्हें राज्य के अटॉर्नी जनरल डेव योस्ट ने 12वें सॉलिसिटर जनरल के रूप में प्रमोट किया है. इससे पहले, श्रीधरन दो साल से राज्य के अटॉर्नी जनरल कार्यालय में ओहियो के दसवें कमांडमेंट सेंटर की डायरेक्टर के रूप में भी काम कर चुकी हैं. फेडरल सोसायटी की वेबसाइट के मुताबिक ओहियो सॉलिसिटर कार्यालय में शामिल होने से पहले, श्रीधरन ने सेकंड सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय के जज स्टीवन जे मेनाशी और न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के लिए अमेरिकी जिला न्यायालय के जज डेबोरा ए बैट्स के लिए क्लर्क के तौर पर काम किया था. श्रीधरन ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान में साइंस ग्रेजुएट किया है और प्रतिष्ठित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से स्नातक की उपाधि हासिल की और 2008 में इकोनॉमिक्स का भी पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने एमआईटी से इन्हीं विषयों में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री भी हासिल की. साल 2015 में, श्रीधरन ने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ में कानून की पढ़ाई की और 2018 में ग्रेजुएशन की है.

अब 100 यूनिट तक ही आधा बिल: सरकार ने योजना में की कटौती

रायपुर छत्तीसगढ़ में हाफ बिजली बिल योजना को हाफ से भी हाफ कर दिया गया है. योजना का लाभ अब सिर्फ 100 यूनिट तक की खपत पर ही मिलेगा. राज्य सरकार की ओर एक व्यापक दिशा-निर्देश योजना को लेकर जारी कर दिया गया. दरअसल राज्य में हाफ बिजली योजना राज्य के उपभोक्ताओं को बिजली बिल में दी जानी वाली एक बड़ी राहत है. इस योजना के तहत अभी तक 400 यूनिट तक खपत में कुल बिल आधा देना पड़ता था. लेकिन योजना में सरकार की ओर से एक संशोधन कर दिया गया. संशोधन के बाद अब उपभोक्ताओं को हाफ बिजली बिल योजना का लाभ 100 यूनिट तक की खपत पर ही मिलेगा. इससे अधिक पर नहीं. ऊर्जा विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, अब तक इस योजना के अंतर्गत 400 यूनिट तक की मासिक खपत पर बिजली बिल की कुल देय राशि (एनर्जी चार्ज, फिक्स्ड चार्ज और वैरिएबल कॉस्ट एडजस्टमेंट) में 50% की रियायत दी जाती थी. नए आदेश में इसे संशोधित कर 100 यूनिट तक सीमित कर दिया गया है. नए नियमों के तहत अब योजना का लाभ केवल उन उपभोक्ताओं को मिलेगा जिनकी मासिक खपत अधिकतम 100 यूनिट है. इस तरह से किसी माह उपभोक्ता की खपत 100 यूनिट से अधिक होती है, तो उस माह योजना का लाभ नहीं मिलेगा. इसके लिए भी उपभोक्ता के बिजली बिल 6 माह से अधिक बकाया नहीं होने चाहिए. वहीं पहले की तरह एकल बत्ती योजना के पात्र उपभोक्ताओं को 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली और 30 से 100 यूनिट तक की खपत पर 50% छूट जारी रहेगी. सौर ऊर्जा को भी प्रोत्साहन इस योजना को केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना से भी जोड़ा गया है. केंद्र सरकार 1kW, 2kW, और 3kW या उससे अधिक क्षमता के सोलर रूफटॉप सिस्टम पर क्रमशः 30,000, 60,000 और अधिकतम 78,000 रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है. राज्य सरकार अतिरिक्त रूप से 1kW के लिए 15,000 रुपए और 2kW या उससे अधिक के लिए अधिकतम 30,000 रुपए की सब्सिडी देगी. यह संशोधन घरेलू उपभोक्ताओं को ऊर्जा की बचत और सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. राज्य सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक उपभोक्ता “हाफ बिजली” से “मुफ्त बिजली” की ओर अग्रसर हों. ऊर्जा विभाग द्वारा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु पूर्व में गठित समिति यथावत कार्यरत रहेगी, तथा अनुदान एवं अन्य वित्तीय प्रावधान पहले की तरह लागू रहेंगे.

MP में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को नया जीवन! इन शहरों में सबसे पहले चलेंगी सरकारी बसें

भोपाल  मध्य प्रदेश में सरकारी बस सेवा शुरू करने के लिए सरकार ने कदम बढ़ा दिए। प्रदेश के अंदर और दूसरे राज्यों तक सरकारी बसों को दौड़ाने के लिए सरकार ने कंपनियों के गठन का अहम चरण पूरा कर लिया। मप्र यात्री परिवहन एवं अधोसंरचना लिमिटेड नाम से राज्य स्तरीय होल्डिंग कंपनी बनाई है। इसकी 7 सहायक कंपनियों का भी पुनर्गठन किया। ये वे कंपनियां हैं, जो अभी भोपाल, इंदौर, उज्जैन (Ujjain), जबलपुर, सागर, रीवा और ग्वालियर में सिटी बस कंपनी के तौर पर काम कर रही है। इनके शेयर होल्डिंग में बदलाव किया गया है। सबसे पहले इंदौर और उज्जैन संभाग में शुरू होगी सरकारी लोक परिवहन सेवा सरकारी लोक परिवहन सेवा सबसे पहले इंदौर (Indore)-उज्जैन संभाग में शुरू होगी। यहां रूट के निर्धारण व ट्रैफिक दबाव संबंधी सर्वे लगभग अंतिम दौर (Survey Complete) में है। वहीं, जबलपुर-सागर संभाग में भी सर्वे शुरू हो गया है। अगले चरण में भोपाल, नर्मदापुरम, रीवा, शहडोल, ग्वालियर, चंबल संभाग में मार्ग निर्धारण सर्वे होंगे। बता दें, अप्रेल में सीएम ने मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा योजना को मंजूरी दी थी। सीएम अध्यक्ष, परिवहन मंत्री और सीएस उपाध्यक्ष प्रदेशस्तरीय होल्डिंग कंपनी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री, उपाध्यक्ष परिवहन मंत्री और मुख्य सचिव होेंगे। कंपनियों में आइएएस स्तर के अफसर सीईओ होंगे। ये कंपनियां परिवहन विभाग के अधीन होंगी। हर जिले में दफ्तर होंगे। मॉडर्न बस स्टैंड, क्विक रिस्पांस पोर्टल, कैशलैस किराया सिस्टम होगा।

हंसीका मोटवानी का वैवाहिक जीवन खत्म! सोहेल खतुरिया से अलग होने की अटकलें तेज

मुंबई एक्ट्रेस हंसीका मोटवानी इन दिनों चर्चा में बनी हुई हैं. पिछले कुछ दिनों से एक्ट्रेस और उनके पति सोहेल खतुरिया  को लेकर खबरें आ रही हैं कि दोनों अलग होने वाले हैं और तलाक लेने जा रहे हैं. वहीं, अब खबर है कि दोनों अलग रह रहते हैं. खबरों की मानें, तो सोहेल खतुरिया अपने पेरेंट्स के साथ रह रहे हैं. तो वहीं, हंसीका मोटवानी अपनी मम्मी के यहां रह रही हैं. शादी के बाद दोनों एक्ट्रेस अपने पति के साथ उनकी जॉइंट फैमिली में रह रहीं थीं, लेकिन एडजस्ट नहीं कर पाईं. जिसके बाद सोहेल ने उसी बिल्डिंग में दूसरा फ्लैट ले लिया था. उसके बाद भी दोनों के बीच गड़बड़ का दौर जारी था. बता दें कि हंसीका मोटवानी ने अब तक इन अफवाहों पर न कुछ कहा है न ही कोई रिएक्शन दिया है. हालांकि एक्ट्रेस के पति सोहेल खतुरिया ने एक न्यूज पोर्टल को मैसेज कर कहा कि इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है. वहीं, कुछ दिनों पहले ही हंसीका को मुंबई में स्पॉट किया गया था. वर्कफ्रंट की बात करें, तो हंसीका मोटवानी ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपने करियर की शुरुआत किया था. उन्होंने कोई मिल गया में काम किया था. फिल्म में उनके काम को पसंद भी किया गया. इसके बाद इन्होंने काफी सारी फिल्मों में काम किया है. वहीं, उनके पति सोहेल खतुरिया की बात करें तो ये पेशे से करोड़पति बिजनेसमैन हैं. दोनों ने जयपुर के मुंडोटा फोर्ट और पैलेस में शादी रचाई थी.

केन्द्रीय मंत्री शिवराज ने जाना बाढ़ पीड़ितों का हाल, मूंग खरीदी केंद्र पर मारी अचानक दस्तक

रायसेन  केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान  दिन अपने संसदीय क्षेत्र रायसेन पहुंचे। उन्होंने जिले के सिलवानी तहसील में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया गया। इस दौरान उन्होंने बाढ़ से फसलों, मकानों आदि को हुई क्षति का जायजा लिया। साथ ही पीड़ितों से मिलकर उनका दुख-दर्द साझा किया। केन्द्रीय मंत्री चौहान ने बाढ़ प्रभावितों से कहा कि यह दुख, तकलीफ की घड़ी है। माताएं-बहनें, किसान आंखों में आंसू मत लाना, मुसीबत की इस घड़ी से सरकार बाहर निकालेगी। केन्द्र और प्रदेश सरकार बाढ़ प्रभावितों के साथ है उनकी हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि वह किसान हैं और किसानों के दर्द को भली-भांति जानते हैं। किसानों की सेवा भगवान की पूजा चौहान ने कहा कि किसानों की सेवा उनके लिए भगवान की पूजा है। बाढ़ से हुई क्षति का सर्वे कर आंकलन किया जाएगा और सर्वे पूरा होने पर सूची पंचायत में लगाई जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सर्वे कार्य ईमानदारी से किया जाए। साथ ही राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। केन्द्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि क्षेत्र में खाद की शिकायत प्राप्त होने पर अकेले सिलवानी के लिए 600 मीट्रिक टन खाद का आवंटन कराया है। इससे जरूरत हो वहां किसानों को सरलता से खाद मिले। साथ ही पूरे रायसेन जिले के लिए 2500 मीट्रिक टन खाद का आवंटन कराया गया है। जिले में कहीं भी नकली खाद बेची जाती है तो दोषियों को जेल भेजा जाएगा। मूंग खरीदी में किसानों को ना हो परेशानी शिवराज सिंह ने कहा कि भारत सरकार समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी की जा रही है। उपार्जन केन्द्रों पर केवल किसानों की मूंग ही खरीदी जाए। कुछ जगह सर्वेयर की शिकायतें प्राप्त हुई हैं, इसकी जांच कराई जाएगी। मूंग उपार्जन कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप कराया जाए। इस दौरान पूर्व केबीनेट मंत्री रामपाल सिंह, स्थानीय जनप्रतिनिधि, राकेश शर्मा और अधिकारी भी उपस्थित रहे। बम्होरी में मूंग उपार्जन केन्द्र का किया निरीक्षण केन्द्रीय मंत्री चौहान ने बम्होरी में समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी केन्द्र का भी निरीक्षण किया। उन्होंने यहां मूंग विक्रय हेतु आए किसानों से संवाद कर व्यवस्थाओं तथा उपार्जन कार्य की जानकारी ली। केन्द्रीय मंत्री ने केन्द्र प्रभारी और अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि मूंग उपार्जन कार्य पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से हो। किसानों को मूंग विक्रय के लिए अधिक इंतजार ना करना पड़े। मूंग उपार्जन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अनियमितता मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

सांसद बना लुटेरों का निशाना: दिल्ली में मॉर्निंग वॉक के दौरान चेन स्नैचिंग

नई दिल्ली दिल्ली के उच्च सुरक्षा वाले चाणक्यपुरी क्षेत्र में एक गंभीर घटना घटित हुई है, जिसमें सांसद सुध की कीमती चेन लूट ली गई. सांसद सुधा जो तमिलनाडु भवन में निवास करती हैं, आज सुबह अपनी सुबह की सैर पर निकली थीं, तभी यह घटना हुई. घटना के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए मामला दर्ज किया और जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस संवेदनशील क्षेत्र में हुई इस वारदात ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और पुलिस सभी पहलुओं की गहन जांच कर रही है. आर. सुधा, जो तमिलनाडु के मयिलादुथुराई लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं, ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर एक घटना की जानकारी दी है. पत्र में उन्होंने बताया कि चाणक्यपुरी क्षेत्र में पोलैंड दूतावास के निकट आज सुबह उनकी सोने की चेन छीन ली गई, जिसके दौरान उन्हें चोटें भी आईं. आर. सुधा ने गृह मंत्री से अनुरोध किया है कि वे अधिकारियों को निर्देश दें कि अपराधी का पता लगाकर उसे गिरफ्तार किया जाए. सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक विस्तृत पोस्ट के माध्यम से दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर बीजेपी सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि दिल्ली में चेन और मोबाइल स्नैचिंग की घटनाएं इतनी सामान्य हो गई हैं कि लोग अब FIR दर्ज कराने की भी जहमत नहीं उठाते, क्योंकि उन्हें पता है कि यह प्रक्रिया समय की बर्बादी है. सौरभ भारद्वाज ने अपने एक्स हैंडल पर जानकारी दी कि दिल्ली में एक महिला सांसद के साथ सुबह 6 बजे चेन स्नैचिंग की घटना हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, बाइक पर सवार बदमाशों ने उनकी सोने की चेन खींचकर मौके से फरार हो गए. सौरभ भारद्वाज ने यह भी कहा कि दिल्ली के लोग अच्छी तरह जानते हैं कि पुलिस में FIR दर्ज कराने का कोई फायदा नहीं है, यह केवल समय की बर्बादी साबित होती है. नेता ने कहा कि इस स्थिति के लिए केवल पुलिस को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. दिल्ली पुलिस में हजारों पद खाली हैं, और सरकार नई भर्तियों में रुचि नहीं दिखा रही है. जो पुलिसकर्मी हैं, वे VIP सुरक्षा और आम आदमी पार्टी के सदस्यों को फंसाने में व्यस्त हैं. पुलिस का राजनीतिकरण हो चुका है, और उनका मूल्यांकन कार्य के बजाय राजनीतिक गतिविधियों के आधार पर किया जाता है, जिसके अनुसार उन्हें पदस्थापित किया जाता है. सौरभ भारद्वाज ने यह भी बताया कि दिल्ली की महिलाएं अब सुबह की सैर पर चेन पहनकर नहीं निकलतीं, क्योंकि वे मानती हैं कि सुरक्षित रहने के लिए चेन को घर पर ही रखना बेहतर है. चूंकि ये नेता तमिलनाडु से हैं, इसलिए उन्हें दिल्ली की पुलिस व्यवस्था की वास्तविकता का सही अंदाजा नहीं है.