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छोटे वक्त की शादी, बड़ी एलिमनी की डिमांड – SC ने सुनाया सख्त फैसला

नई दिल्ली एक महिला की ओर दायर एलिमनी के केस में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है। चीफ जस्टिस बीआर गवई की अगुवाई वाली अदालत ने इस मामले में शख्स को आदेश दिया कि वह अपनी पूर्व पत्नी को एलिमनी के तौर पर मुंबई की हाईप्रोफाइल सोसायटी में स्थित फ्लैट दे दें। इसके साथ ही एलिमनी का केस अब बंद कर दिया जाए। इसके साथ ही बेंच ने महिला को भी सुनाया, जिसने मांग रखी थी कि उसे 12 करोड़ रुपये की रकम और मुंबई स्थित एक फ्लैट एलिमनी में दिया जाए। इस पर चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा कि आप दोनों की शादी ही 18 महीने चली और आप 18 करोड़ रुपये मांग रही हैं। इसका अर्थ हुआ कि आप शादी के प्रति एक महीने के बदले एक करोड़ चाहती हैं। जस्टिस गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने महिला की दलीलों पर कहा कि आपकी तो शादी ही बहुत कम समय चली। ऐसे में इतनी बड़ी डिमांड करना कैसे तार्किक है। चीफ जस्टिस गवई ने कहा कि जिस फ्लैट की मांग की जा रही है वह मुंबई की कल्पतरू सोसायटी में है, जो शहर का नामी हाउसिंग प्रोजेक्ट है। उन्होंने महिला से पूछा कि आप कितनी पढ़ी लिखी हैं। इस पर महिला ने बताया कि उसने एमबीए तक की पढ़ाई की है और पूर्व में आईटी सेक्टर में काम कर चुकी है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि आप बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहरों में नौकरी कर सकती हैं। फिर काम क्यों नहीं करती हैं? यही नहीं मुख्य न्यायाधीश ने शादी की कम अवधि का हवाला देते हुए कहा कि यह कुल 18 महीने ही चली और आप हर एक महीने के बाद 1 करोड़ की डिमांड कर रही हैं। शख्स की वकील माधवी दीवान ने कहा कि महिला 18 महीने की शादी के अंत के नतीजे में अनिश्चितकाल तक आर्थिक सहयोग नहीं मांग सकती। दीवान ने कहा कि वह पढ़ी लिखी हैं और काम कर सकती हैं। इसके बाद बेंच ने संबंधित व्यक्ति की इनकम टैक्स डिटेल भी मंगाई ताकि तय किया जा सके कि उसकी आर्थिक स्थिति कैसी है। वह एलिमनी के तौर पर कितनी रकम देने में सक्षम है। इसके साथ ही चीफ जस्टिस ने साफ कर दिया कि महिला ऐसी किसी संपत्ति में हक नहीं मांग सकती, जो उसके पूर्व के पति के नाम नहीं है बल्कि उसके पिता के नाम है। अंत में अदालत ने कहा कि महिला चाहे तो फ्लैट ले ले या फिर एकमुश्त 4 करोड़ रुपये की रकम लेकर समझौता करे। इसके अलावा चीफ जस्टिस ने यहां तक कहा कि जो लोग नौकरी करने के योग्य हैं, वे जानबूझकर बेरोजगारी का रास्ता नहीं ले सकते कि फिर उसकी आड़ में मोटा अमाउंट मांग लें। उन्होंने कहा कि आप पढ़ी लिखी हैं। आपको इस रकम के भरोसे नहीं रहना चाहिए। आपको खुद कमाना चाहिए और पूरी गरिमा के साथ जीवन निर्वाह करना चाहिए।  

मंत्री श्री पटेल ने म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार मंडल की बैठक ली

निर्माण श्रमिकों के कल्याण के महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए भोपाल  श्रम मंत्री एवं भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मण्डल के अध्यक्ष श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल की 40वीं बैठक मंगलवार को होटल पलाश में ली। बैठक में श्रम मंत्री श्री पटेल ने मंडल के कार्यों की समीक्षा करते हुए, 39वीं बैठक में किए गए निर्णयों के पालन प्रतिवेदन का अवलोकन किया, जिसे बोर्ड सदस्यों ने अनुमोदित किया। बैठक में बोर्ड द्वारा संचालित गतिविधियों, आगामी दिनों में किए जाने वाले बोर्ड के कार्यों और श्रमिक कल्याण के लिए मण्डल द्वारा प्रस्तुत एजेंडा पर बिंदुवार चर्चा की गई। बैठक में मंडल द्वारा संचालित योजनाओं, निर्माण श्रमिकों के कल्याण हेतु प्रस्ताव, बजट आंवटन एवं बजट अनुमोदन, श्रमोदय विद्यालय एवं आई.टी.आई. के विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में मुख्यमंत्री जनकल्याण (शिक्षा प्रोत्साहन) योजना के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिक की संतानों को प्रथम किश्त आंवटन के बाद पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु होने अथवा 60 वर्ष आयु होने के बाद भी शेष शैक्षणिक सत्रों के लिये संपूर्ण राशि का भुगतान निरंतर किए जाने के संबंध में निर्णय लिया गया। इस निर्णय से पात्र विद्यार्थी की शिक्षा पूर्ण की जा सकेगी। बैठक में मंडल के वार्षिक प्रतिवेदन को भी अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया गया, साथ ही बोर्ड बैठक में श्रमिक कल्याण से सम्बंधित विवाह सहायता योजना, श्रमोदय विद्यालय, श्रमिक रैन बसेरा सहित अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में सचिव, श्रम विभाग श्री रघुराज राजेंद्रन, सचिव, म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्डल श्री बसंत कुर्रे, मण्डल के अशासकीय एवं शासकीय सदस्यों सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।  

अपर कलेक्टर ने एमसीबी में की जनसुनवाई, समस्याओं के गंभीर निराकरण पर दिया जोर

एमसीबी: अपर कलेक्टर ने जनसुनवाई में सुनीं शिकायतें, त्वरित समाधान के दिए निर्देश अपर कलेक्टर ने एमसीबी में की जनसुनवाई, समस्याओं के गंभीर निराकरण पर दिया जोर कलेक्टर जनदर्शन में 19 आवेदन हुए प्राप्त एमसीबी  कलेक्टर डी. राहुल वेंकट के निर्देशन में अपर कलेक्टर अनिल कुमार सिदार ने आज कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनदर्शन के माध्यम से आम नागरिकों की समस्याओं को सुना। जिले के ग्रामीण जन और नागरिकों ने जनदर्शन में अपनी छोटी-बड़ी समस्याओं को सीधे अपर कलेक्टर के समक्ष रखा। अपर कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को प्राप्त सभी आवेदनों को प्राथमिकता के साथ शीघ्रता से समय-सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। आज की जनदर्शन में कुल 19 आवेदन प्राप्त हुए। इस जनदर्शन में आवेदक तारा देवी निवासी नागपुर, नागपुर में बस स्टॉप पर गुण्डागर्दी एवं जबरन वसूली की शिकायत के संबंध में, अंजना श्रीवास निवासी बरौता , समस्त पालकगण निवासी डिहुली शिक्षक की कमी के संबंध में, मोहम्मद हबीब खान निवासी जनकपुर पार्षदों द्वारा दिये गये शिकायत के संबंध में, रघुनाथ पोद्दार निवासी मनेन्द्रगढ़ भूमि के संबंध में, कृष्ण कुमार कश्यप निवासी झगराखाण्ड़ मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा नसबंदी ऑपरेशन असफल होने एवं प्रोत्साहन राशि के संबंध में, उजित नारायण सिंह निवासी रामगढ़ अतिक्रमण हटाने के संबंध में, फूलमनी निवासी सेंधा सीमांकन न करने के संबंध में, विकास सरकार निवासी गिद्धडांड नक्शा खसरा के संबंध में, समस्त ग्रामवासी निवासी डांडहसवाही पिछले कई वर्षाे से दिए जा रहे आवेदन का सुनवाई न होने के संबंध में, कुबेर सिंह निवासी डांडहसवाही सचिव का स्थानांतरण किए जाने के संबंध में, अजय कुुमार खोंगापानी नया पोल लगवाने के संबंध में, सत्या, सरिता, माया निवासी पेन्ड्री स्थगन आदेश को हटाने के संबंध में, मुकेश कुमार रौतिया निवासी खोंगापानी बिजली पोल क्षतिग्रस्त हो जाने के सूचना के संबंध में, कमला पाव निवासी सिरौली जाति प्रमाण पत्र फार्म पर पटवारी का हस्ताक्षर करवाने के संबंध में, मनीष सिंह निवासी खोंगापानी जल कनेक्शन उपलब्ध न होने के संबंध में एवं बीपीएल तथा एपीएल राशन कार्ड नहीं बनाने के कारण आम जनता को हो रही असुविधा के संबंध में, जगजीवन सिंह निवासी दुधांसी भूमि के संबंध में, सरपंच निवासी चैनपुर भूमि के संबंध में, अपनी शिकायत लेकर उपस्थित हुए थे। अपर कलेक्टर ने प्राप्त सभी आवेदनों को पूरी गंभीरता से सुनते हुए संबंधित विभागों को उचित कार्यवाही करते हुए त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए।

राज्यपाल पटेल ने कहा- योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हो

भोपाल  राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना के प्रत्येक चरण के क्रियान्वयन में गंभीरता रखें। पात्र हितग्राही को योजना का लाभ दिया जाए। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय हो। विभागीय अधिकारी समय-समय पर हितग्राहियों से संवाद करें। उनके घर जाकर योजना से मिल रहे लाभों की वास्तविक जानकारी लें। हितग्राहियों की कठिनाईयों को गंभीरतापूर्वक सुनकर समाधान करें। राज्यपाल श्री पटेल पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अंतर्गत संचालित मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना की समीक्षा कर रहे थे। राजभवन के जवाहर खण्ड सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में पशुपालन एवं डेयरी विभाग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लखन पटेल भी मौजूद रहे। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना अति पिछड़ी जनजातियों के कल्याण की महत्वाकांक्षी योजना है। यह बैगा, भारिया और सहारिया जनजातियों के जीवन स्तर को बेहतर करने वाली योजना है। पशुपालन विभाग पात्र और गरीब हितग्राहियों के लिए विशेष संवेदनशील रहे। उनके लिए हमेशा मदद के भाव के साथ काम करें। राज्यपाल श्री पटेल ने बैठक में मुख्यमंत्री दुधारू पशु योजना के विगत तीन वर्षों के क्रियान्वयन की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने योजना के क्रियान्वयन से हितग्राहियों के जीवन स्तर में हुए सुधार की जानकारी ली। योजना के प्रगति प्रतिवेदन की समीक्षा के दौरान हितग्राही चयन, पशु प्रदाय, आय, लक्ष्य एवं पूर्ति संबंधी जरूरी निर्देश दिए। पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लखन पटेल ने कहा कि योजना की सफलता के लिए सतत मॉनिटरिंग आवश्यक है। विभाग इसके लिए आवश्यक व्यवस्था बनाएं। जनजातीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री दीपक खांडेकर ने योजना के तहत् हितग्राही को जरूरी प्रशिक्षण प्रदाय, पशु की देखभाल आदि पर चर्चा की। पशुपालन एवं डेयरी प्रमुख सचिव श्री उमाकांत उमराव ने योजना की पात्रता, मूल्यांकन, आगामी लक्ष्य, प्रशिक्षण और प्रबंधन आदि बिन्दुओं पर जानकारी दी। बैठक में राज्यपाल के प्रमुख सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के सचिव डॉ. सत्येन्द्र सिंह, संचालक डॉ. पी.एस. पटेल, प्रबंध संचालक डॉ. सत्यनिधि शुक्ला, डॉ. संजय गोवानी, महाप्रबंधक श्री असीम निगम सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।  

500 के नोटों पर नहीं लगेगा ब्रेक, केंद्र ने बताया सप्लाई जारी रहेगी

नई दिल्ली  केंद्र सरकार ने मंगलवार को दोहराया कि 500 रुपए के नोटों की सप्लाई बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं है और एटीएम से 100 रुपए और 200 रुपए के नोटों के साथ-साथ 500 रुपए के नोट भी निकलते रहेंगे। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि किसी विशेष मूल्यवर्ग के नोटों की छपाई का निर्णय सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के परामर्श से लेती है ताकि जनता की लेन-देन संबंधी मांगों को पूरा करने के लिए मूल्यवर्ग मिश्रण बनाए रखा जा सके। राज्य मंत्री ने कहा, "आरबीआई ने सूचित किया है कि बार-बार इस्तेमाल होने वाले बैंक नोटों तक जनता की पहुंच बढ़ाने के अपने प्रयास के तहत, 28 अप्रैल, 2025 को 'एटीएम के माध्यम से 100 रुपए और 200 रुपए के बैंक नोटों का वितरण' शीर्षक से एक परिपत्र जारी किया गया है, जिसमें सभी बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों (डब्ल्यूएलएओ) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि उनके एटीएम नियमित रूप से 100 रुपए और 200 रुपए के बैंक नोट वितरित करें।" लगभग 75 प्रतिशत एटीएम 30 सितंबर तक कम से कम एक कैसेट से 100 रुपए या 200 रुपए के बैंक नोट वितरित करेंगे। इसके अलावा, लगभग 90 प्रतिशत एटीएम 31 मार्च, 2026 तक कम से कम एक कैसेट से 100 रुपए या 200 रुपए के बैंक नोट वितरित करेंगे। रविवार को सरकार ने एक वॉट्सऐप मैसेज को 'असत्य' करार दिया, जिसमें दावा किया गया था कि आरबीआई ने बैंकों को 30 सितंबर तक एटीएम के माध्यम से 500 रुपए के नोट जारी करना बंद करने का आदेश दिया है। सरकार ने कहा कि ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है। इस भ्रामक संदेश में यह भी दावा किया गया था कि 90 प्रतिशत एटीएम 31 मार्च, 2026 तक 500 रुपए के नोट जारी करना बंद कर देंगे और 75 प्रतिशत एटीएम 30 सितंबर तक ऐसा कर देंगे। इसके अतिरिक्त, इसमें लोगों को अपने 500 रुपए के नोट समाप्त करने की सलाह दी गई थी और यह भी कहा गया था कि भविष्य में एटीएम के माध्यम से केवल 100 और 200 रुपए के नोट ही उपलब्ध होंगे। इस मैसेज पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रेस सूचना ब्यूरो की फैक्ट चेक यूनिट ने कहा कि आरबीआई ने ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है और 500 रुपए के नोट अभी भी वैध मुद्रा हैं। एक्स पर एक पोस्ट में कहा गया कि व्यापक रूप से साझा किया जा रहा यह दावा असत्य है और लोगों को ऐसी झूठी सूचनाओं पर विश्वास न करने की सलाह दी गई। फैक्ट चेक यूनिट ने आधिकारिक स्रोतों से किसी भी फाइनेंशियल अपडेट की पुष्टि करने के महत्व पर जोर दिया और आगाह किया कि ऐसे संदेशों का उद्देश्य धोखा देना होता है।

शतरंज: चेन्नई में शह और मात के खेल में उतरेंगे 19 ग्रैंड मास्टर्स

चेन्नई भारत के प्रमुख क्लासिकल शतरंज टूर्नामेंट क्वांटबॉक्स चेन्नई ग्रैंडमास्टर्स का तीसरा संस्करण बुधवार से शुरू हो रहा है। देश के सबसे मजबूत क्लासिकल इवेंट माने जाने वाले इस टूर्नामेंट में विश्व स्तरीय खिलाड़ी शामिल होंगे। इनमें अर्जुन एरिगेसी, अनीश गिरी, विदित गुजराती, निहाल सरीन, हरिका द्रोणावल्ली और वैशाली रामबाबू जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। इस टूर्नामेंट से फिडे सर्किट पॉइंट मिलेंगे जो 2026 कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जगह पक्की करने के लिए जरूरी हैं। 15 अगस्त तक चलने वाले टूर्नामेंट में 19 शीर्ष ग्रैंडमास्टर शामिल होंगे जो अब तक की सर्वाधिक एक करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि और महत्वपूर्ण फिडे सर्किट पॉइंट्स के लिए चुनौती पेश करेंगे। मास्टर्स चैंपियन को 25 लाख रुपये जबकि चैलेंजर्स चैंपियन को 7 लाख रुपये और 2026 मास्टर्स में जगह मिलेगी। गुकेश, अरविंद बने थे चैंपियन : 2023 का पहला संस्करण ग्रैंडमास्टर गुकेश डी के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। उन्हें जीत से फिडे सर्किट पॉइंट्स मिले जिससे उन्हें कैंडीडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने में मदद मिली और उन्होंने अंततः विश्व चैंपियन बन गए। 2024 में अरविंद चिदंबरम ने रोमांचक टाईब्रेक में का खिताबी जीत हासिल की। जिन खिलाड़ियों के साथ उन्होंने बराबरी की, उनमें से एक, अर्जुन एरिगेसी, इस साल शीर्ष दावेदार के रूप में वापसी कर रहे हैं।  कुल 20 खिलाड़ी : इस संस्करण में 20 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं जो 10-10 खिलाड़ियों वाले दो वर्गों में बांटे गए हैं : मास्टर्स और चैलेंजर्स। मास्टर्स वर्ग में दस में पांच भारतीय ग्रैंडमास्टर्स हैं। चैलेंजर्स में भी आठ भारतीय ग्रैंड मास्टर्स शामिल हैं। पिछले संस्करणों में सात-सात दौर के मुकाबले खेले गए थे क्योंकि उनमें आठ-आठ खिलाड़ी थे। इस बार नौ दौर के मुकाबले खेले जाएंगे। दोनों वर्गों 10-खिलाड़ियों के राउंड-रॉबिन टूर्नामेंट के रूप में खेले जाएंगे जो क्लासिकल समय नियंत्रण के तहत होंगे।  

मुख्यमंत्री को स्व-सहायता समूह की बहनों ने बांधीं बांस से बनी राखियां

मुख्यमंत्री डॉ. यादव "एफ.पी.ओ. डायरेक्टर समिट-2025" में हुए शामिल भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाकर स्वर्णिम मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए संकल्पित है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत@2047 के संकल्प में मध्यप्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसी लक्ष्य की पूर्ति और प्रदेश के विकास के लिए राज्य सरकार ने सभी क्षेत्रों में कार्य प्रारंभ किए हैं। प्रदेश के औद्योगिकीकरण में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़कर लगभग 55 लाख हेक्टेयर हो गया है। किसानों को बिजली बिल से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से सिंचाई के लिए 32 लाख सोलर पंप बांटने का कार्य प्रारंभ हो चुका है। प्रदेश में खेती का दायरा लगातार बढ़ रहा है। राज्य की कृषि उत्पादकता अच्छी है और अब हम फूड प्रोसेसिंग में अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) केवल किसानों से फसल खरीदने तक सीमित न रहें, बल्कि अनाज और अन्य उत्पादों की प्रोसेसिंग कर उसे बाजार में बेचें, जिससे एफपीओ से जुड़े किसान सदस्यों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को राज्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्था में 'समृद्ध एफपीओ-आत्मनिर्भर किसान-विकसित भारत' संकल्प के अंतर्गत एफपीओ फेडरेशन मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित "एफ.पी.ओ. डायरेक्टर समिट-2025" को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में रतलाम जिले से आई स्व-सहायता समूह की बहनों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव की कलाई पर बांस से बनी राखियां बांधीं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में आए किसानों को स्वतंत्रता दिवस, जन्माष्टमी और श्री बलराम जयंती की शुभकामनाएं दीं। फूड प्रोसेसिंग को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 95 प्रतिशत करने का लक्ष्य मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने फूड प्रोसेसिंग को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 95 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ किसानों को फूड प्रोसेसिंग से जोड़ा जा रहा है। मालवा अंचल में आलू चिप्स निर्माण के लिए बड़ा उद्योग स्थापित किया जा रहा है। प्रदेश के औद्योगिकरण में एफपीओ की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। एफपीओ केवल फूड प्रोसेसिंग ही न करें, बल्कि वेयर हाउसिंग और लॉजिस्टिक्स में भी योगदान दें। एफपीओ के माध्यम से किसान अपने उत्पादों का दायरा बढ़ाएं। सरकार सभी प्रकार के उद्योगों को बिजली, पानी और जमीन देकर हर संभव सहयोग प्रदान कर रही है। रोजगार आधारित उद्योग लगाने पर सरकार द्वारा उद्योगों में नियोजित महिला कर्मचारी को उनके मासिक वेतन में 6000 रुपए और पुरूष कर्मचारी को पांच हजार रूपए अनुदान, 10 वर्ष तक दिया जाएगा। विश्व में मध्यप्रदेश के जैविक कपास की विशेष मांग मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज उत्पादन बढ़ाने के लिए फसलों में रासायनिक दवाओं के उपयोग की चुनौतियां आ रही हैं। प्रदेश में पारंपरिक खेती का दायरा कम हुआ है। पहले जहां चावल उत्पादन नहीं होता था, वहां अब चावल की खेती बढ़ रही है। इसी प्रकार कपास का रकबा कम हो रहा है। पहले मालवा और निमाड़ अंचल का कपास उत्पादन में विशेष स्थान था। मध्यप्रदेश में उच्च गुणवत्ता का जैविक कपास होता है। दुनिया में धागा और कपड़ा बनाने के लिए चीन के कपास को पसंद नहीं किया जाता, मध्यप्रदेश के कपास की विशेष मांग है। चीन और वियतनाम अपने कपास को मध्यप्रदेश के कपास के नाम से बेच रहे हैं। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार किसान संगठनों का सहयोग लेगी मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गतिविधियों के संचालन में राज्य सरकार, भारतीय किसान संघ और मालवम फेडरेशन जैसे संगठनों की सहायता लेगी। राज्य सरकार ने किसानों को गेहूं का प्रति क्विंटल दाम 2600 रुपए कर दिया है। तुअर दाल पर टैक्स हटाया है। किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मोटा अनाज (कोदो-कुटकी) खरीदने की भी व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दूध उत्पादन को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। राज्य सरकार ने पशुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना शुरू की है। पात्र हितग्राहियों को सब्सिडी पर गाय-भैंस जैसे दुधारू पशु उपलब्ध कराए जा रहे हैं। फूड प्रोसेसिंग के साथ प्रदेश में मिल्क प्रोसेसिंग और मिल्क प्रोडक्ट के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है – मंत्री श्री कंषाना कृषि मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना ने कहा कि मध्य प्रदेश कृषि प्रधान राज्य है। जब प्रदेश का किसान समृद्ध होगा, तो देश समृद्ध होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में किसानों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध है, लेकिन डीएपी की थोड़ी कमी है, जिसकी व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश में 14 लाख मैट्रिक टन यूरिया और 12 लाख मैट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है। सरकार 10 लाख मैट्रिक टन यूरिया किसानों को बांट चुकी है। किसानों पर भगवान श्रीराम की कृपा है। प्रदेश में पर्याप्त वर्षा हो रही है। बाढ़-बारिश से हुए नुकसान के लिए राज्य सरकार किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करेगी।  

राजनीति के पंडित थे पूर्व मुख्यमंत्री श्रद्धेय द्वारका प्रसाद मिश्र : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

पूर्व मुख्यमंत्री स्व. मिश्र की जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री स्व. द्वारका प्रसाद मिश्र की जयंती पर मंगलवार को विधानसभा के सेंट्रल हॉल में उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के विकास में श्रद्धेय द्वारका प्रसाद मिश्र का योगदान सदैव याद किया जाएगा। उन्हें राजनीति का पंडित कहा जाता था। पूर्व मुख्यमंत्री पंडित मिश्र ने तत्कालीन राजनीतिक परिस्थितियों के साथ अपने दल का नेतृत्व किया और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विधानसभा परिसर में मीडिया से चर्चा में कहा कि प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्रियों को पुष्पांजलि अर्पित करने की परंपरा शुरू करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर बधाई के पात्र हैं। इस परंपरा से प्रदेश की सेवा करने वाले तत्कालीन स्वनामधन्य महापुरुषों के कल्याणकारी कार्यों को नमन किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, नेता प्रतिपक्ष श्री उमंग सिंह सिंघार सहित मंत्री परिषद् के सदस्य उपस्थित थे।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा पूर्व राज्यपाल श्री मलिक के निधन पर शोक व्यक्त

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्व राज्यपाल एवं वरिष्ठ नेता श्री सत्यपाल मलिक के असामयिक निधन पर गहन दु:ख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बाबा महाकाल से स्व. श्री मलिक की पुण्यात्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शोकाकुल परिवारजनों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं।  

पहलगाम आतंकी हमला: फिलीपींस ने जताई कड़ी आपत्ति, भारत के साथ एकजुटता जाहिर की

नई दिल्ली फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की। साथ ही उन्होंने आतंक के खिलाफ भारत के साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि मैं आतंकवाद के खिलाफ व्यापक लड़ाई में भारत के साथ हमारी एकजुटता का संदेश लेकर आया हूं। फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, "मैं इस साल की शुरुआत में पहलगाम में हुए दुखद हमले और आतंकवाद के खिलाफ व्यापक लड़ाई में भारत के साथ हमारी एकजुटता का संदेश लेकर आया हूं। इन चुनौतियों के बावजूद मैं प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में 2047 तक भारत के उल्लेखनीय परिवर्तन और 'विकसित भारत' बनने की अथक यात्रा के लिए बधाई देता हूं।" प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ समर्थन जताने के लिए राष्ट्रपति मार्कोस का आभार व्यक्त किया। पीएम मोदी ने कहा, "हम पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने के लिए और आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में हमारे साथ खड़े रहने के लिए फिलीपींस सरकार और राष्ट्रपति का आभार व्यक्त करते हैं।" बता दें कि फिलीपींस के राष्ट्रपति पांच दिवसीय भारत दौरे पर हैं। फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर का मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया। इसके बाद उन्होंने कहा कि यह राजकीय यात्रा भारत और फिलीपींस के बीच बढ़ती साझेदारी की पुष्टि करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर फिलीपींस के राष्ट्रपति सोमवार को भारत की पांच दिवसीय राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे हैं। राष्ट्रपति मार्कोस ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "यह यात्रा उस गठबंधन और साझेदारी की दोबारा पुष्टि है, जिसे हम मजबूत कर रहे हैं। पहले हमें एशिया-प्रशांत क्षेत्र कहा जाता था, अब हमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र कहा जाता है, जो राजनीति, व्यापार और अर्थव्यवस्था की वैश्विक प्रकृति के कारण उस समझ का सही विकास है।"