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पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के निधन पर उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने व्यक्त किया शोक

भोपाल पूर्व राज्यपाल एवं वरिष्ठ राजनेता श्री सत्यपाल मलिक के निधन पर उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि पूर्व राज्यपाल श्री मलिक के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने दिवंगत आत्मा को मोक्ष गति प्रदान करने तथा शोक संतप्त परिजनों एवं उनके अनुयायियों को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की समीक्षा: प्रदेश में चलेगा सोलर पंप स्थापित करने का सघन अभियान

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में किसानों के खेतों पर कुसुम योजना के अंतर्गत विभिन्न प्रावधानों का किसानों को लाभ दिलवाते हुए सोलर पंप स्थापना में पूर्ण सहयोग किया जाए। इसके लिए नवकरणीय ऊर्जा विभाग और सभी संबंधित एजेंसियां समन्वय से कार्य कर लक्ष्य पूर्ण करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समत्व भवन मुख्यमंत्री निवास में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। बैठक में नवीन और नवकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री राकेश शुक्ला की उपस्थित थे। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में इस वर्ष सोलर पंप स्थापित करने का अभियान प्रारंभ हो चुका है। इस कार्य की प्रगति की मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विस्तार पूर्वक समीक्षा की। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में आगामी वर्ष तक 10 लाख सोलर पंप स्थापित किए जाएंगे। चरणबद्ध रूप से यह कार्य किया जा रहा है। किसानों को खेतों में सोलर पंप की स्थापना से जहां सामान्य बिजली के उपयोग पर होने वाले अत्यधिक व्यय से मुक्ति मिलेगी वहीं इस नवाचार से अन्य किसान भी प्रेरित होंगे। यह कार्य प्रदेश में गति प्राप्त करेगा। इसके लिए किसानों में जागरूकता बढ़ाने के प्रयास भी किए जाएंगे। आने वाले समय में यह भी संभव होगा कि किसान उत्पादित ऊर्जा का विक्रय कर सकेंगे। बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन एवं संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।  

तनाव की नई लहर: ट्रंप-मेदवेदेव की बयानबाजी से न्यूक्लियर युद्ध का खतरा?

वाशिंगटन  अमेरिका और रूस के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप  और रूस के पूर्व राष्ट्रपति व वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव के बीच सोशल मीडिया पर चल रही बयानबाज़ी अब  न्यूक्लियर सबमरीन की तैनाती तक पहुंच गई है। मुद्दा सिर्फ यूक्रेन युद्ध पर बातचीत का नहीं, बल्कि अब यह दोनों नेताओं की व्यक्तिगत रंजिश और सत्ता के प्रभाव क्षेत्र को लेकर सीधा टकराव बनता जा रहा है।   ट्रंप का अल्टीमेटम और मेदवेदेव की नाराज़गी डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को चेतावनी दी थी कि अगर 8 अगस्त तक  यूक्रेन के साथ युद्धविराम नहीं होता है, तो अमेरिका सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा। ट्रंप का कहना था कि रूस को अब 50 नहीं, बल्कि सिर्फ 10 से 12 दिन  ही दिए जाएंगे। इस पर  दिमित्री मेदवेदेव ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा: “ट्रंप रूस के साथ अल्टीमेटम का गेम खेल रहे हैं। उन्हें दो बातें याद रखनी चाहिए- रूस ना तो इज़रायल है और ना ही ईरान। हर नया अल्टीमेटम एक धमकी है और युद्ध की ओर एक और कदम है।” मेदवेदेव ने आगे चेताया कि यह विवाद रूस-यूक्रेन का नहीं बल्कि  अमेरिका और रूस के बीच सीधा टकराव  बनता जा रहा है। उन्होंने ट्रंप को ‘ स्लीपी जो ’ (जो बाइडेन का उपहास वाला नाम) की राह पर न चलने की सलाह दी।   ट्रंप की  न्यूक्लियर चेतावनी ट्रंप ने भी जवाब में कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि  “मेदवेदेव को बता दो, जो रूस का असफल पूर्व राष्ट्रपति है और खुद को अब भी राष्ट्रपति समझता है, कि वह खतरनाक जोन में जा रहा है।”इसके बाद ट्रंप ने 1 अगस्त को ऐलान किया कि उन्होंने  दो परमाणु पनडुब्बियां रणनीतिक स्थानों पर तैनात करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि मेदवेदेव के "मूर्खतापूर्ण बयानों" से स्थिति बिगड़ सकती है, और यह शब्दों की लड़ाई से आगे बढ़कर गंभीर परिणाम ला सकती है। मेदवेदेव का तीखा तंज और "डेड हैंड"   मेदवेदेव ने ट्रंप की चेतावनी पर कहा कि अमेरिका की प्रतिक्रिया दिखाती है कि रूस सही रास्ते पर है।  उन्होंने सोवियत युग की "डेड हैंड" प्रणाली का उल्लेख किया  कि एक ऐसी स्वचालित परमाणु हमला प्रणाली जो दुश्मन के पहले हमले के बाद सक्रिय हो जाती है। उन्होंने ट्रंप को तंज कसते हुए "Walking Dead" जैसे ज़ॉम्बी शो देखने की सलाह दी और अमेरिका के "घमंड" को रूस की अनदेखी नीति का जवाब बताया।   कौन हैं मेदवेदेव ? रूस के पूर्व राष्ट्रपति व वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष हैं दिमित्री मेदवेदेव 2008-2012  तक रूस के राष्ट्रपति रहे। पुतिन  ने उन्हें राष्ट्रपति बनाया था और खुद प्रधानमंत्री बने थे। दिमित्री मेदवेदेव अब रूसी सुरक्षा परिषद के डिप्टी चेयरमैन हैं। यूक्रेन युद्ध के बाद से  अमेरिका और नाटो के मुखर आलोचक बन चुके हैं। रूस बनाम अमेरिका: परमाणु शक्ति की होड़ फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के अनुसार: दुनिया में मौजूद करीब  12,241 परमाणु हथियारों में से  83% रूस और अमेरिका के पास हैं। जनवरी 2025 तक दोनों देशों की क्षमता अब भी दुनिया के लिए सबसे बड़ा परमाणु खतरा बनी हुई है। ट्रंप और मेदवेदेव के बीच यह टकराव अब केवल राजनीतिक नहीं रहा, यह वैश्विक सुरक्षा, रणनीतिक संतुलन और परमाणु हथियारों के खतरे का मामला बन गया है। सोशल मीडिया की बयानबाज़ी ने दोनों महाशक्तियों को एक बार फिर कोल्ड वॉर के दौर की याद दिला दी है।

मंदिर-मस्जिद विवाद पर कोर्ट की कार्रवाई स्थगित, 21 अगस्त को आएगा अगला अपडेट

संभल   चंदौसी की एक दीवानी अदालत ने मंगलवार को स्थानीय बार एसोसिएशन की हड़ताल के कारण शाही जामा मस्जिद-हरिहर मंदिर को लेकर जारी विवाद की सुनवाई 21 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी। यह मामला दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) आदित्य सिंह के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हुआ था। मुस्लिम पक्ष ने पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी कि यह मामला सुनवाई योग्य है या नहीं, लेकिन 19 मई को उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी और निचली अदालत को सुनवाई जारी रखने का निर्देश दिया था। हिंदू पक्ष की ओर से पेश हुए वकील  गोपाल शर्मा ने कहा कि आज बार एसोसिएशन की हड़ताल के कारण, अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 21 अगस्त तय की है। बारिश और वकीलों की हड़ताल के चलते टली सुनवाई मुस्लिम पक्ष के वकील शकील अहमद वारसी ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि बारिश के कारण बार एसोसिएशन हड़ताल पर है, जिसके कारण अगली तारीख दी गई है। यह विवाद पिछले वर्ष 19 नवंबर से शुरू हुआ, जब अधिवक्ता हरि शंकर जैन और विष्णु शंकर जैन सहित हिंदू याचिकाकर्ताओं ने संभल जिला अदालत में एक मुकदमा दायर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर के ऊपर किया गया था। सर्वे के बाद भड़की हिंसा में 4 की हो गई थी मौत बताया जा रहा है कि अदालत के आदेश पर उसी दिन (19 नवंबर) एक सर्वेक्षण किया गया, उसके बाद 24 नवंबर को एक और सर्वेक्षण किया गया। दूसरे सर्वेक्षण के कारण संभल में काफी अशांति फैल गई, जिसके परिणामस्वरूप 4 लोगों की मौत हो गई और 29 पुलिसकर्मी घायल हो गए। हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और मस्जिद समिति के प्रमुख जफर अली के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की है। साथ ही 2,750 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। 

रायपुर: पचरीघाट के पास बैराज निर्माण को मिली 64.75 करोड़ की पुनरीक्षित स्वीकृति

रायपुर राज्य शासन द्वारा बिलासपुर जिले के विकासखण्ड बिल्हा में स्थित अरपा नदी पर पचरीघाट के पास बैराज निर्माण कार्य के लिए 64 करोड़ 75 लाख की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। यह परियोजना जल संरक्षण, पेयजल आपूर्ति तथा भू-जल संवर्धन के उद्देश्य से प्रस्तावित की गई है। निर्माण कार्य प्रारंभ करने से पूर्व योजना की तकनीकी स्वीकृति, विभागीय नियमों के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार प्रदान की जाएगी। सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूर्ण करने के पश्चात कार्य प्रारंभ किया जाएगा तथा कार्य पूर्ण होने के उपरांत योजना का पूर्णता प्रमाण-पत्र शासन को सौंपा जाएगा। इस योजना के अंतर्गत समस्त कार्यों का क्रियान्वयन बजट शीर्ष ष्लघु सिंचाई पर पूंजी परिव्ययष् के अंतर्गत किया जाएगा। योजना हेतु वित्त विभाग द्वारा भी अपनी सहमति प्रदान कर दी गई है। राज्य शासन द्वारा मुख्य अभियंता को यह निर्देशित किया गया है कि वे कार्य पर नियमित नियंत्रण रखें तथा वित्तीय नियमों का पूर्णतः पालन सुनिश्चित करें। निर्माण कार्य की गुणवत्ता, मितव्ययता एवं समयबद्धता को प्राथमिकता से पूर्ण कराएं। किसी भी प्रकार की लागत वृद्धि स्वीकार्य नहीं होगी। जल संसाधन विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि राज्य के जल संसाधनों का समुचित दोहन कर आमजन को अधिकतम लाभ प्रदान किया जा सके।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जाति और धर्म आधारित आदेश पर नाराज, अधिकारी सस्पेंड

लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंचायती राज विभाग के उस आदेश पर कड़ी नाराजगी जताई है, जिसमें ग्राम सभा की जमीन से अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई को खास जाति (यादव) और धर्म (मुस्लिम) से जोड़कर निर्देशित किया गया था। मुख्यमंत्री ने इस आदेश को ‘भेदभावपूर्ण और अस्वीकार्य’ बताते हुए इसे तुरंत रद्द करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीर प्रशासनिक चूक मानते हुए संबंधित संयुक्त निदेशक एस.एन. सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इस तरह की भाषा और सोच न सिर्फ शासन की नीति के खिलाफ है, बल्कि समाज में विभाजन पैदा करने वाली है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई पूरी तरह से निष्पक्ष, तथ्यों और कानून के अनुसार होनी चाहिए, न कि जाति या धर्म के आधार पर। उन्होंने यह भी कहा कि आगे से ऐसी गलती न हो, इसका सख्त ख्याल रखा जाए। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि सरकार समरसता, सामाजिक न्याय और सभी के समान अधिकारों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकारी नीतियां किसी भी व्यक्ति, समुदाय या वर्ग के प्रति पूर्वाग्रह पर आधारित नहीं हो सकतीं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार की नीति संविधान और न्याय की मूल भावना पर आधारित है, न कि किसी भेदभाव पर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को सहारनपुर में एक कार्यक्रम के दौरान विपक्षी दलों को भी घेरा। उन्होंने कहा, “सनातन धर्म के बढ़ते गौरव से कांग्रेस और सपा परेशान हैं। पहले की सरकारें आतंकियों को संरक्षण देती थीं और सनातन धर्म की परंपराओं को कमजोर करने का प्रयास करती थीं, लेकिन अब भारत अपनी आध्यात्मिक विरासत के साथ विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार ने सहारनपुर क्षेत्र की उपेक्षा को समाप्त कर दिया है और विकास तथा सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में एक नया अध्याय शुरू किया है। इस पूरे मामले से सरकार का यह संदेश साफ है कि जाति और धर्म के आधार पर किसी भी प्रकार की प्रशासनिक कार्रवाई न तो स्वीकार की जाएगी और न ही उसे बर्दाश्त किया जाएगा।  

गाजा में जलती ज़िंदगी: नेतन्याहू का ऐलान- जब तक लक्ष्य नहीं पूरा, युद्ध जारी रहेगा

इजरायल इजरायल-हमास संघर्ष एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। इजरायल के प्रधानमंत्री   बेंजामिन नेतन्याहू  ने गाजा पट्टी पर पूर्ण सैन्य नियंत्रण स्थापित करने और हमास के पूरे सैन्य ढांचे को जड़ से खत्म करने का स्पष्ट आदेश दे दिया है। इस फैसले से हमास के साथ चल रही सीजफायर बातचीत एक बार फिर अंधेरे में जाती दिख रही है, जबकि गाजा के हालात लगातार मानवीय त्रासदी की ओर बढ़ रहे हैं।   गाजा पर 'फुल कैप्चर' को कैबिनेट की मंजूरी  इजरायली मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने गाजा के  राफाह, बेत हनून और बेत लाहिया  जैसे इलाकों में सक्रिय  हमास के बचे हुए आतंकी ठिकानों को खत्म करने के लिए  गोलानी ब्रिगेड  को पहले ही अप्रैल 2025 में निर्देश दे दिया था। अब उन्होंने गाजा में पूर्ण सैन्य कब्जे का रोडमैप साफ करते हुए  कैबिनेट से इसकी मंजूरी भी ले ली है।रिपोर्टों में यह भी खुलासा हुआ है कि नेतन्याहू ने कैबिनेट बैठकों से इतर अपनी निजी बातचीत में 'गाजा पर कब्जा' जैसे शब्दों का उपयोग किया है, जिससे यह साफ है कि वे अब किसी भी आधे-अधूरे समाधान के पक्ष में नहीं हैं।   गाजा में भूख, कुपोषण और बर्बादी  नेतन्याहू की योजना सामने आने के साथ ही गाजा पट्टी में मानवीय स्थिति तेजी से भयावह  होती जा रही है। सैटेलाइट तस्वीरों में दिखाई दे रहा है कि कैसे बच्चे भूख से बिलख रहे हैं, लोग  कूड़े में भोजन तलाशने  को मजबूर हैं, और भोजन वितरण केंद्रों पर अफरा-तफरी जैसी स्थिति बन चुकी है। इजरायल की ओर से हाल ही में बंधकों की तस्वीरें शेयर की गईं, ताकि यह दिखाया जा सके कि हमास अब भी कई नागरिकों को बंदी बनाए हुए है। 70% गाजा पर इजरायल का नियंत्रण  इजरायली सेना के अनुसार, गाजा के लगभग 70 प्रतिशत हिस्से पर सेना का नियंत्रण स्थापित हो चुका है।  गोलानी ब्रिगेड जैसे विशेष दस्ते हमास के हथियार भंडार और सुरंग नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटे हैं। इनमें वे सुरंगें भी शामिल हैं जिनमें ईरान से आए हथियार, क्रूड रॉकेट टेक्नोलॉजी और स्मगल किए गए विस्फोटक रखे गए हैं। इजरायल का कहना है कि हमास इन सुरंगों से लड़ाई जारी रखते हुए स्थानीय नागरिकों को ढाल के रूप में इस्तेमाल करता है, जिससे युद्ध और जटिल हो जाता है। सीजफायर की उम्मीद विफल  हमास ने मई 2025 में अमेरिका के मध्यस्थ स्टीव विटकॉफ  की प्रस्तावित योजना को मंजूरी दी थी, जिसमें 10 बंधकों की रिहाई के बदले 70 दिनों का युद्धविराम प्रस्तावित था। लेकिन नेतन्याहू ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि  जब तक हमास पूरी तरह से हथियार नहीं डालता और गाजा छोड़ता नहीं, तब तक युद्धविराम नहीं होगा। इसके बाद जुलाई 2025 में नेतन्याहू ने दोहराया कि युद्धविराम का कोई रास्ता तभी खुलेगा, जब हमास अपनी सैन्य ताकत खत्म करेगा । हमास ने इसे नकार दिया, और इसी वजह से मार्च 2025 के बाद से कोई भी बड़ा युद्धविराम संभव नहीं हो सका है।   हमास को कहां से मिलती है ताकत?  इजरायल के मुताबिक, हमास को हथियार, प्रशिक्षण और फंडिंग की मदद ईरान, हिजबुल्लाह (लेबनान) और कतर से मिलती है। यही वजह है कि इजरायल इन देशों को भी गाजा में हिंसा को बढ़ावा देने वाला  मानता है। गाजा के भीतर चल रहे सैन्य अभियानों में कई  आतंकी ठिकाने नष्ट,  हथियार बरामद और सुरंगें खत्म की जा चुकी हैं।

हिंसक वन्यप्राणियों द्वारा जनहानि, फसल हानि के प्रकरणों का संवेदनशीलता से करें निराकरण : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री श्री साय ने वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के कार्यों की समीक्षा की रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हिंसक वन्यप्राणियों द्वारा जनहानि, पशुहानि एवं फसल क्षति के प्रकरणों में त्वरित, नियमानुसार एवं संवेदनशीलता से क्षतिपूर्ति सहायता प्रदान की जाए। वनांचल में निवासरत लोगों को कई बार वन्यप्राणियों के हमलों से अपनों को खोने की पीड़ा सहनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में प्रभावितों के दुख-दर्द का मानवीय दृष्टिकोण से शीघ्र निराकरण किया जाना आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री साय आज मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हाथी-मानव द्वंद्व और अन्य हिंसक वन्यप्राणियों द्वारा जनहानि, पशुहानि एवं फसल क्षति की घटनाएं राज्य के वनांचल क्षेत्रों में चुनौती बनकर उभर रही हैं। ऐसी स्थितियों में शासन की जिम्मेदारी है कि पीड़ितों को शीघ्र एवं न्यायसंगत सहायता उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी संबंधित प्रकरणों का नियमानुसार त्वरित निराकरण सुनिश्चित किया जाए।  मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जंगली हाथियों द्वारा धान जैसी प्रमुख फसल के अतिरिक्त गन्ना, केला, पपीता एवं कटहल जैसी नगदी फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचाया जाता है, जिससे किसानों को आर्थिक ही नहीं, मानसिक रूप से भी दोहरी मार झेलनी पड़ती है। बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में प्रदत्त व्यक्तिगत वनाधिकार पट्टों की अद्यतन स्थिति की भी जानकारी ली। बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि शासन द्वारा प्रदत्त सहायता समय पर प्रभावितों तक पहुंचे, इसके लिए विभागीय समन्वय को और अधिक मजबूत किया जाए। जनहानि, स्थायी अपंगता, पशुहानि, मकान क्षति तथा फसल हानि के लिए दी जाने वाली क्षतिपूर्ति दरों में वृद्धि किए जाने का प्रस्ताव भी बैठक में प्रस्तुत किया गया। बैठक में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली फसल क्षति के आरबीसी के प्रावधानों के अंतर्गत दी जाने वाली सहायता राशि पर भी चर्चा की गई। बैठक मे मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव (वन) श्रीमती ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, कृषि विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री अविनाश चंपावत, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी सचिव श्री अंकित आनंद, सचिव (वन) श्री अमरनाथ प्रसाद, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री सुधीर अग्रवाल, अपर मुख्य वन संरक्षक श्री प्रेम कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

किसानों को निर्धारित दर 266 रुपए में दिलाई यूरिया खाद

उत्तर बस्तर कांकेर  कलेक्टर नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर के निर्देशानुसार तथा उप संचालक कृषि जितेंद्र कोमरा के मार्गदर्शन में खरीफ सीजन में किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद, बीज और कीटनाशक उपलब्ध कराने जिला स्तर पर टीम गठित की गई है। इसी क्रम में सोमवार को भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के कोरर के निजी कृषि दुकानों में छापेमारी की बड़ी कार्यवाही कर कालाबाजारी पर नकेल कसा गया। सहायक संचालक कृषि सुधीर ददोरिया और गुंजन सिंग भदौरिया के नेतृत्व में खाद बीज निरीक्षक अमिनेश गावड़े, कृषि अधिकारी किरण भंडारी, प्रवीण कवाची, आशीष साहू ने कोरर में संचालित निजी कृषि केंद्रों में दबिश दी। इस दौरान दुकानों में लगे पीओएस मशीनों और स्टॉक का भौतिक सत्यापन किया गया, जिसमें जांच में गड़बड़ियां पाई गई। किसानों ने की थी शिकायत   वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी भानुप्रतापपुर ने बताया कि किसानों को कोरर क्षेत्र के निजी कृषि केंद्र पर दो से तीन गुना अधिक कीमत पर रासायनिक खाद बिक्री करने की शिकायत दूरभाष के माध्यम से की गई थी। इस पर कृषि विभाग की टीम ने कार्यवाही करते हुए कोरर बाजार दिवस के दिन निजी कृषि सेवा केंद्र विजय ट्रेंड्स खाद गोदाम का निरीक्षण किया। गोदाम में मौजूदा स्टॉक में दो सौ बोरी यूरिया खाद उपलब्ध पाया गया। किसानों ने शिकायत थी कि एक बोरी यूरिया पांच से छै सौ रुपए में बेचा जा रहा है, जिस पर कृषि विभाग द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए खाद खरीदने आए किसानों को शासन द्वारा निर्धारत दर में यूरिया 266 रुपए पचास पैसा, डीएपी 1350 रुपए, पोटाश 1535 रुपए और एसएसपी राखड़ खाद 495 रुपए की दर से किसानों को उपलब्ध कराई गई।       खाद खरीदने आए 27 किसानों को 79 बोरी यूरिया खाद शासकीय दर 266 रुपए पचास पैसा के दर से दिलवाई गई। कृषि विभाग द्वारा कार्यवाही कर निजी कृषि दुकान संचालकों को सख्त निर्देश देते हुए कहा गया कि किसानों के साथ लूट और काला बाजारी, जमाखोरी बर्दास्त नहीं की जाएगी। किसानों को समझाईश दिया गया कि निजी कृषि दुकान संचालकों द्वारा अधिक दर पर रासायनिक खाद बेचे जाने पर कृषि विभाग के अधिकारियों को तत्काल सूचना दिया, ताकि अविलंब कार्यवाही की जा सके।    

विद्यालयों में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के साथ हरित पर्यावरण और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर रहेगा फोकस

अम्बिकापुर नवीन शैक्षणिक सत्र 2025-26 के शुभारंभ पर सरगुजा जिले के कलेक्टर विलास भोसकर ने जिले के समस्त शासकीय विद्यालयों में पालक-शिक्षक बैठक आयोजित करने हेतु प्रेरक पत्र जारी किया है। इस वर्ष यह बैठक 6 अगस्त 2025, बुधवार को विद्यालय स्तर पर आयोजित की जा रही है, जिसका उद्देश्य पालकों और शिक्षकों के बीच संवाद, सहयोग और समन्वय को बढ़ाना है। कलेक्टर ने अपने पत्र में कहा है कि पालक-शिक्षक बैठकों से बच्चों के शिक्षा, संस्कार और पोषण जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर ठोस चर्चा का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने सभी पालकों और शिक्षकों से अपील की है कि वे बैठक में सक्रिय सहभागिता दें और अपने पाल्यों के सर्वांगीण विकास के लिए सार्थक सुझाव रखें। बैठक के दौरान शासन द्वारा संचालित विद्यार्थी हितैषी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी तथा बच्चों की शिक्षा, पोषण एवं व्यक्तिगत विकास से संबंधित विषयों पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान का आयोजन भी किया जाएगा। इसमें प्रत्येक पालक एवं शिक्षक से अपील की है कि वे विद्यालय परिसर में एक पौधा अपनी माँ के सम्मान में रोपित करें तथा उसके संरक्षण का संकल्प लें। यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा, बल्कि विद्यार्थियों में प्रकृति और परिवार के प्रति भावनात्मक जुड़ाव भी विकसित करेगा। कलेक्टर ने पत्र में सरगुजा की प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं और ऐतिहासिक धरोहरों की चर्चा करते हुए कहा कि यह जिला छत्तीसगढ़ महतारी के मुकुटस्वरूप “स्वर्ग-जया” की भांति है। उन्होंने जिलेवासियों से अपील की है कि वे इसे और अधिक गौरवशाली बनाएं और भावी पीढ़ी को संस्कारित, सक्षम एवं स्वावलंबी बनाकर विकसित भारत के निर्माण में भागीदार बनें।