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कलेक्टर ने तिरंगा यात्रा, स्वतंत्रता दिवस और योजनाओं की प्रगति की गई समीक्षा

महासमुंद : कलेक्टर ने ली समय-सीमा की बैठक समय-सीमा बैठक में कलेक्टर ने दिए निर्देश, महासमुंद में विकास कार्यों की हुई समीक्षा महासमुंद: कलेक्टर की अध्यक्षता में समय-सीमा की बैठक सम्पन्न, अधिकारियों को सौंपे गए आवश्यक निर्देश कलेक्टर ने तिरंगा यात्रा, स्वतंत्रता दिवस और योजनाओं की प्रगति की गई समीक्षा महासमुंद कलेक्टर विनय लंगेह ने आज सुबह 10 बजे कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में समय-सीमा की बैठक लेकर विभिन्न विभागीय योजनाओं, कार्यक्रमों और आगामी स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों की समीक्षा की। इस अवसर पर नवपदस्थ जिला पंचायत सीईओ हेमंत नंदनवार, अनुविभागीय अधिकारी, सभी विभाग के जिला अधिकारी उपस्थित रहे। वीसी के माध्यम से जनपद सीईओ, नगरीय निकायों के सीएमओ सहित सभी ब्लॉक स्तरीय संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। कलेक्टर लंगेह ने तिरंगा यात्रा की तैयारी की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष तिरंगा यात्रा हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता स्वतंत्रता का उत्सव स्वच्छता के संग थीम पर आयोजित किया जाएगा। यह अभियान तीन चरणों में आयोजित होगा, जो 15 अगस्त तक चलेगा। कलेक्टर ने कहा कि तिरंगा यात्रा की तैयारी हेतु सभी जनपद सीईओ को आवश्यक निर्देश दिए। इस अभियान में स्वयंसेवी संगठनों, स्वयं सहायता समूह और आम नागरिकों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से भी आजादी का महोत्सव मना सकते हैं। साथ ही कलेक्टर ने इस वर्ष मनाए जाने वाले स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों की समीक्षा करते हुए इसे रजत जयंती थीम के अनुरूप एवं गरिमापूर्ण आयोजन करने और पूर्व वर्षों की भांति अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपते हुए कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में लंगेह ने अटल मॉनिटरिंग पोर्टल में समय-सीमा में डेटा अपलोड करने, तथा ई-ऑफिस का अनिवार्य उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने 15 वर्ष से अधिक पुरानी शासकीय वाहनों की नीलामी हेतु संबंधित जानकारी प्रस्तुत करने को कहा। मुख्यमंत्री घोषणाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा करते हुए बसना एवं खल्लारी में प्रगति में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। पीएम जनमन योजना अंतर्गत निर्माणाधीन प्रधानमंत्री आवासों को 15 अगस्त तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। बहुद्देशीय केंद्रों की प्रगति की जानकारी भी ली गई। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत अब तक 87 प्रतिशत कार्ड बनाए जा चुके हैं, शेष शत-प्रतिशत लक्ष्य को जल्द पूर्ण करने हेतु स्वास्थ्य विभाग की टीम को बेहतर समन्वय के साथ कार्य करने को कहा गया। राशन कार्ड में मृत व्यक्तियों के नाम हटाने हेतु विशेष अभियान चलाने को कहा गया। कृषि विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि 66 हजार टन खाद में से 81 प्रतिशत खाद का वितरण किया जा चुका है। वहीं, मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहने व जरूरत पड़ने पर गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने आवारा पशुओं की समस्या को लेकर सख्त निर्देश देते हुए कहा कि पशु मालिकों पर अपने पशुओं को सड़क पर खुला छोड़ने पाए जाने पर जुर्माना लगाया जाए। पंचायत स्तर पर पशुओं को रखने की स्थानीय व्यवस्था की जाए। अब तक महासमुंद में 1500 रुपए, पिथौरा में 400, सरायपाली में 1400 एवं बसना में 500 रुपए की पेनाल्टी वसूली गई है तथा कुल 251 पशुओं को विस्थापित किया गया है। अनुविभागीय अधिकारियों को इस पर निजी रूप से मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए। बैठक में पेंशन प्रकरणों की समीक्षा की और सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को समय-सीमा में जानकारी भेजने के निर्देश दिए। बैठक में समय-सीमा में प्राप्त पत्रों की समीक्षा, जनशिकायत निवारण, एवं लोक सेवा गारंटी अधिनियम की प्रगति की भी समीक्षा की गई। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जनता से जुड़े प्रकरणों को समय पर और प्राथमिकता से हल किया जाए।

महापौर का बयान: अनवर कादरी को पार्षद पद से हटाने की सिफारिश, परिषद में जाएगा प्रस्ताव

इंदौर  लव जिहाद के लिए फंडिंग के आरोपी पार्षद अनवर कादरी को हटाने का प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि अनवर कादरी को हटाने का प्रस्ताव एमआईसी में पारित करेंगे और उस प्रस्ताव को परिषद में रखने का निर्णय लिया है। जल्द अगली परिषद में हम दो-तिहाई बहुमत और जिन मुद्दों पर उनको हटाना जरूरी है उन पर चर्चा करेंगे। पार्षद अनवर कादरी को भी सुनवाई का मौका देंगे। पार्षदी समाप्त करने का प्रस्ताव अगली परिषद में लेकर आने का भी एमआईसी में शिकायत के आधार पर निर्णय लिया गया है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि अनवर कादरी जैसे पार्षद ने न केवल अपनी पार्षदी का, बल्कि इस निगम और शहर का मान कम करने का काम किया है। डिविजनल कमिश्नर को भी लिखा लेटर महापौर ने बताया कि कई प्रकरणों के कारण, कब्जों के कारण, लव जिहाद की फंडिंग करने के आरोपों के कारण फरार चल रहा है। इस पार्षद का पार्षद बने रहना न तो शहर हित में है न ही निगम हित में। हमने एक लेटर डिविजनल कमिश्नर को लिखा था कि वह धारा 19 के प्रावधान के तहत तत्काल कार्र‌वाई करें। वो अपनी कार्रवाई कर रहे होंगे। मैं मानता हूं कि वो कार्रवाई करेंगे, नहीं करेंगे तो इंदौर की जनता और हमारे पार्षद उनसे सवाल जरूर करेंगे, लेकिन जो काम हमारी सीमा में है हम वो करेंगे। जानलेवा हमले पर 14 साल पहले काटी एक साल की सजा 2011 में कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी, उसके भाई और एक अन्य आरोपी को जानलेवा हमले के मामले में अदालत ने एक-एक साल के कारावास की सजा सुनाई थी। यह हमला 6 मई 2009 को इंदौर के आजादनगर चौराहे के पास अनवर हुसैन पर किया गया था। अनवर हुसैन आरोपियों पर चल रहे एक अन्य मामले में गवाह था। पुलिस ने कादरी समेत कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। उनके पास से पिस्तौल, कट्टा, तलवार और चाकू बरामद किए गए थे। उज्जैन में डकैती का केस, इसी से मिला डकैत नाम अनवर कादरी पर 1996 में उज्जैन के महाकाल थाने में डकैती का केस दर्ज किया गया था। इसके बाद उसे अनवर डकैत के नाम से पहचाना जाने लगा। अनवर ने इंदौर में भी मारपीट, घर में घुसकर धमकाने जैसी कई घटनाओं को अंजाम दिया। अनवर कांग्रेस से तीन बार पार्षद रह चुका है। उसकी पत्नी दो बार पार्षद रही है। प्रमोद टंडन के शहर कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए अनवर को शहर कांग्रेस का महामंत्री भी नियुक्त किया गया था। उसने एक बार निर्दलीय चुनाव भी लड़ा था। ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे, जेल जाना पड़ा 28 अप्रैल 2025 को अनवर ने इंदौर के वार्ड 58 स्थित बड़वाली चौकी पर पहलगाम हमले के विरोध में पाकिस्तान और आतंकवाद का पुतला दहन किया था। कार्यक्रम के दौरान जैसे ही कादरी ने 'पाकिस्तान' शब्द बोला, वहां मौजूद उसके कुछ समर्थकों ने 'जिंदाबाद' के नारे लगा दिए। इस मौके पर बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल थे। घटना के वीडियो को लेकर बीजेपी विधायक गोलू शुक्ला ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इस पर अनवर कादरी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

बंगाल में वोटर वेरिफिकेशन का नया चरण, चुनाव आयोग ने SIR प्रक्रिया का आदेश जारी किया

नई दिल्ली बिहार के बाद अब बंगाल में भी चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू कर दी है. चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस बारे में सूचित किया है और राज्य के निर्वाचन अधिकारियों से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है. बता दें कि बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम अपने अंतिम चरण में है. एसआईआर प्रक्रिया के तहत राज्य में 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी गई. इस प्रक्रिया के बाद बिहार में करीब 65 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटेंगे. इनमें ज्यादातर वे मतदाता हैं, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे. बाकी ऐसे वोटर हैं जो स्थायी रूप से किसी दूसरे राज्य में स्थानांतरित हो चुके हैं. कुछ ऐसे मतदाता भी हैं, जिनके नाम एक से ज्यादा निर्वाचन क्षेत्रों में दर्ज था. हालांकि, विपक्ष चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का विरोध कर रहा है और इसे बीजेपी के इशारे पर वोटों की चोरी करार दे रहा है.  बिहार में विशेष मतदाता सूची संशोधन (SIR) का पहला चरण पूरा बिहार में विशेष मतदाता सूची संशोधन (SIR) का पहला चरण पूरा हो चुका है, लेकिन इस दौरान राजनीतिक दलों की ओर से एक भी आपत्ति दर्ज या सुझाव नहीं मिला है. दूसरी ओर आम वोटरों ने मतदाता सूची को दुरुस्त करने में सक्रियता दिखाई और 1,927 मामले निर्वाचन आयोग के समक्ष दाखिल किए. ये मामले योग्य मतदाताओं को सूची में शामिल करने और अयोग्य मतदाताओं को हटाने से संबंधित हैं. जबकि 10,977 आवेदन फॉर्म-6 के तहत नए वोटर जोड़ने, हटाने और अन्य घोषणा पत्र से जुड़े हैं. बिहार में आम वोटरों ने मतदाता सूची को साफ-सुथरा करने में निभाई भूमिका बिहार में, राजनीतिक दलों की निष्क्रियता के बीच आम वोटरों ने मतदाता सूची को साफ-सुथरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आयोग को प्राप्त 1,927 शिकायतें और 10,977 आवेदन इस बात का प्रमाण हैं कि आम लोग अपने मताधिकार को लेकर सजग हैं. ये आवेदन मुख्य रूप से नए मतदाताओं को जोड़ने, गलत नाम हटाने और मतदाता सूची में सुधार से संबंधित हैं. राजनीतिक दलों की इस चुप्पी ने कई सवाल खड़े किए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि विपक्षी दलों के करीब 60,000 बूथ लेवल एजेंट्स शायद अब तक मतदाता सूची में आपत्तिजनक नाम ढूंढ नहीं पाए हैं. वहीं, चुनाव आयोग ने सभी दलों और नागरिकों से अपील की है कि वे मतदाता सूची को और सटीक बनाने में सहयोग करें. आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची को अंतिम रूप देने से पहले सभी पक्षों को पर्याप्त वक्त दिया जाएगा.

छत्तीसगढ़ में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज से खुला समृद्धि का नया द्वार

रणनीतिक खनिजों की खोज में छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक छलांग:छत्तीसगढ़ में निकेल-क्रोमियम-PGE की पुष्टि रायपुर  खनिज विकास के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है। मेसर्स डेक्कन गोल्ड माइनिंग लिमिटेड (DGML) ने राज्य में हाल ही में प्राप्त संयुक्त अनुज्ञा क्षेत्र में निकल (Nickel), क्रोमियम (Chromium) और प्लेटिनम समूह के तत्वों (PGEs) की खोज की है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि छत्तीसगढ़ में रणनीतिक एवं महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और उनके सतत विकास के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। यह खोज महासमुंद जिले के भालुकोना–जामनीडीह निकल, क्रोमियम और PGE ब्लॉक में हुई है, जो लगभग 3000 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इस क्षेत्र का प्रारंभिक अन्वेषण भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) द्वारा G4 स्तर पर किया गया था, जिसमें इन खनिजों की उपस्थिति की संभावना प्रकट हुई थी। इस आधार पर, छत्तीसगढ़ शासन के खनिज साधन विभाग के अंतर्गत भूविज्ञान एवं खनिकर्म संचालनालय (DGM) ने विस्तृत भू-वैज्ञानिक आंकड़ों का संकलन कर ब्लॉक की ई-नीलामी प्रक्रिया संपन्न कराई। दिनांक 6 मार्च 2023 को ब्लॉक का सफलतापूर्वक नीलामीकरण हुआ, जिसमें DGML ने 21%  सबसे ऊँची बोली लगाकर इसे हासिल किया। इसके पश्चात DGM छत्तीसगढ़ द्वारा अन्वेषण कार्यों को शीघ्र गति देने हेतु तकनीकी मार्गदर्शन और निरंतर सहयोग प्रदान किया गया। आवश्यक वन और पर्यावरणीय स्वीकृतियाँ प्राप्त होने के बाद, DGML ने अन्वेषण कार्यों की शुरुआत की, जिनमें विस्तृत भू-वैज्ञानिक मानचित्रण, रॉक चिप सैम्पलिंग, ड्रोन आधारित मैग्नेटिक सर्वेक्षण तथा इंड्यूस्ड पोलराइजेशन (IP) सर्वेक्षण शामिल हैं। प्रारंभिक परिणाम उत्साहजनक रहे हैं। अब तक लगभग 700 मीटर लंबी खनिजीकृत पट्टी की पहचान की गई है, जो संभावित मैफिक-अल्ट्रामैफिक चट्टान संरचनाओं में स्थित है। भूभौतिकीय सर्वेक्षणों से प्राप्त संकेतों के अनुसार 300 मीटर गहराई तक सल्फाइड खनिजों की उपस्थिति दर्ज की गई है, जो इस ब्लॉक की समृद्ध खनिज क्षमता को रेखांकित करती है। भालुकोना ब्लॉक के समीप ही स्थित केलवरडबरी निकल, क्रोमियम एवं PGE ब्लॉक पूर्व में मेसर्स वेदांता लिमिटेड को नीलामी के माध्यम से प्रदान किया गया था। इन दोनों ब्लॉकों के संयुक्त विकास से महासमुंद क्षेत्र को देश के रणनीतिक खनिजों के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किए जाने की संभावनाएँ सशक्त हुई हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक खोज राज्य और देश के लिए अत्यावश्यक खनिज संसाधनों को सुरक्षित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन की भावना को सशक्त करती है और रणनीतिक क्षेत्रों में सतत एवं आत्मनिर्भर विकास को प्रोत्साहित करती है। छत्तीसगढ़ शासन वैज्ञानिक एवं विस्तृत खनिज अन्वेषण तथा विकास को पूर्ण समर्थन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य शासन द्वारा रणनीतिक एवं महत्वपूर्ण खनिजों की खोज को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है, जिसका प्रमाण 2024-25 के अन्वेषण प्रस्तावों में परिलक्षित होता है, जहां 50% से अधिक प्रस्ताव इन्हीं खनिजों पर केंद्रित हैं। अब तक राज्य द्वारा 51 खनिज ब्लॉकों की सफल नीलामी की जा चुकी है, जिनमें ग्रेफाइट, निकल, क्रोमियम, PGEs, लिथियम, ग्लॉकोनाइट, फॉस्फोराइट एवं ग्रेफाइट-वैनाडियम जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण खनिज शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 6 टिन ब्लॉकों को भारत सरकार के खनिज मंत्रालय को आगामी नीलामी हेतु सौंपा गया है। इस दिशा में योजनाबद्ध एवं संस्थागत प्रयासों को गति देने के लिए DGM, छत्तीसगढ़ ने एक क्रिटिकल मिनरल सेल (Critical Mineral Cell) का गठन किया है, जो शोध, शैक्षणिक एवं पेशेवर संस्थानों के साथ सहभागिता बढ़ाकर खनिज अन्वेषण एवं परिशोधन को प्रोत्साहित कर रहा है। इस संदर्भ में खनिज संसाधन विभाग के सचिव, श्री पी. दयानंद, ने कहा कि यह खोज केवल एक वैज्ञानिक सफलता नहीं, बल्कि एक रणनीतिक छलांग है। बढ़ती वैश्विक मांग के मद्देनज़र, हरित ऊर्जा एवं हाई-टेक तकनीकों के लिए आवश्यक खनिज — जैसे निकेल और प्लेटिनम समूह के तत्व — भविष्य की तकनीकों की रीढ़ हैं। छत्तीसगढ़ भारत के रणनीतिक खनिज मानचित्र में एक केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए कटिबद्ध है और हम इसके लिए आवश्यक संस्थागत और संचालनात्मक सहयोग सुनिश्चित कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ की खनिज समृद्धि की स्थिति को और मजबूत करती है, बल्कि आधुनिक तकनीक, राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों में उपयोगी खनिजों की खोज की दिशा में अद्भुत संभावनाओं की नींव भी रखती है।

साज़िश या मजबूरी? बच्चा लेकर पहुंची महिला, राजा रघुवंशी के घर से भागा भाई सचिन

इंदौर मेघालय में हनीमून के दौरान जिस रजा रघुवंशी की हत्या कर दी गई, उसके घर अब एक नई मुश्किल आ पड़ी है। राजा के बड़े भाई सचिन रघुवंशी की एक कथित पत्नी सामने आ गई है, जिसका दावा है कि वह उसके बच्चे की मां है। महिला का आरोप है कि सचिन ने मंदिर में उसके साथ शादी की थी और दोनों का एक बच्चा भी है। महिला मंगलवार को अपने बच्चे को लेकर सचिन के घर पहुंच गई और गेट पर खड़ी हो गई। लेकिन सचिन अपनी गाड़ी में बैठकर भाग निकला। रघुवंशी परिवार का गेट पीटती रही महिला खुद को सचिन की पहली पत्नी बताने वाली महिला रोते हुए बच्चे को गोद में लेकर लगातार गेट पीटती रही। लेकिन अंदर से कोई बाहर नहीं आया। बताया जा रहा है कि जब सचिन ने उसे पत्नी मानने से इनकार किया तो उसने दुष्कर्म का आरोप लगाया था और दोनों के बीच कानूनी जंग चल रही है। महिला का दावा है कि कोर्ट के आदेश पर डीएनए की जांच की गई थी और वह सचिन के डीएनए से मैच हो गई है। ऐसे में वह चाहती है कि सचिन अब उसे और अपने बच्चे को स्वीकार करे। 'बच्चे को देखकर भी नहीं पिघला और भाग निकला सचिन' सचिन के घर के बाहर महिला ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, 'जब मैं यहां पहुंची तो सचिन सामने ही खड़ा था। मैंने बच्चे से कहा कि देखो कि पापा खड़े हैं। उसने हमसे कोई बात नहीं की और देखते ही भाग गया। कैसा पिता है, उसे थोड़ा भी दर्द नहीं है कि बच्चे को सामने दिखकर पिघल जाए। उसे देखकर लगा ही नहीं कि उसे कुछ दर्द है बच्चे को लेकर या मेरे साथ इतना गलत किया है। मैं कितनी खराब तरह से अपनी जिंदगी जी रही हूं।' महिला बोली मेरे पास सारे सबूत उधर, सचिन ने कहा कि उन्हें महिला ब्लैकमेल कर रही है। इस पर कथित पत्नी ने कहा, 'बच्चा है क्या, क्या नासमझ है जो मैं उसे ब्लैकमेल करुंगी। बच्चा पैदा नहीं करना था। बच्चे की डीएनए रिपोर्ट आ चुकी है। अब वह यही कह सकते हैं कि मैं ब्लैकमेल कर रही हूं। औरत पर तो यही इल्जाम लगा सकते हैं वो पैसे वाले हैं। वो मुझे गलत साबित करने के लिए कितनी भी नीचता कर सकते हैं। मेरे पास फोटो, वीडियो, बच्चे की डीएनए रिपोर्ट सबकुछ है।' 'आज नहीं तो कल गेट तो खोलना पड़ेगा' महिला ने कहा कि सचिन की मां ने अंदर से गेट बंद कर दिया है, लेकिन वह गेट खुलने के इंतजार में खड़ी रहेगी। उसने कहा, 'मैं यहीं रहूंगी, कहां जाऊं। आज नहीं तो कल उन्हें गेट तो खोलना पड़ेगा। सचिन को लेकर मैं क्या बोलूं, उसको जरा सा दर्द नहीं बच्चे को लेकर।'

कौशल से समृद्धि की ओर – युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर मुख्यमंत्री साय का विशेष जोर

कौशल प्रशिक्षण को रोजगार से जोड़ें, युवाओं को बनाएं आत्मनिर्भर – मुख्यमंत्री श्री साय रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर में कौशल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि युवाओं के कौशल प्रशिक्षण को सीधे रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल प्रशिक्षण देना नहीं, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना है। इसके लिए विभाग द्वारा निरंतर नवाचार और प्रभावी कार्ययोजना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने बैठक में विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए वर्ष 2025–26 के लिए जिलेवार प्रशिक्षण उपलब्धि और आबंटित बजट पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0, और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने ‘नियद नेल्ला नार’ योजना के तहत आत्मसमर्पित माओवादियों को दिए जा रहे प्रशिक्षण के सम्बन्ध में जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि अब तक 549 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जबकि पुनर्वास केंद्रों में 382 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इसी क्रम में पीएम जनमन योजना के तहत अत्यंत पिछड़ी जनजाति (PVTG) के युवाओं को दिए जा रहे कोर्सवार प्रशिक्षण की भी समीक्षा की गई। बैठक में विभागीय उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया गया कि 1 जुलाई 2025 से मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत चेहरा-आधारित स्कैनिंग प्रणाली द्वारा प्रशिक्षणार्थियों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है, जिससे पारदर्शिता और निगरानी में सुधार हुआ है। बैठक में विभाग द्वारा निजी संस्थाओं के साथ किए गए एमओयू की जानकारी भी साझा की गई, जिनमें नांदी फाउंडेशन और महिंद्रा एंड महिंद्रा संस्थानों से किए गए समझौते शामिल हैं। इन संस्थानों के माध्यम से राज्य में गुणवत्ता आधारित प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है। बैठक में ‘कौशल तिहार 2025’ के आयोजन की रूपरेखा भी प्रस्तुत की गई, जिसका उद्देश्य युवाओं में कौशल के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह प्रतियोगिता जिला और राज्य स्तरीय दो चरणों में आयोजित की जाएगी, जिसमें दो आयु वर्ग – 22 वर्ष से कम एवं 22 वर्ष से अधिक – के प्रतिभागी भाग लेंगे। प्रतियोगिता में 10 प्रमुख ट्रेड ऑटोमोबाइल टेक्नोलॉजी, ब्रिकलेइंग, रिन्युएबल एनर्जी हेल्थ एंड सोशल केयर, प्लंबिंग एंड हीटिंग, इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलेशंस, इलेक्ट्रॉनिक्स फील्ड टेक्नीशियन, कंप्यूटर, मोबाइल फोन टेक्नीशियन, ग्राफिक डिजाइन टेक्नोलॉजी/डेस्कटॉप पब्लिशिंग तथा रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडीशनिंग शामिल है।जिला स्तर पर प्रत्येक ट्रेड और आयु वर्ग से दो विजेताओं का चयन किया जाएगा, जो राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे। राज्य स्तर के विजेताओं को पुरस्कार, ट्रॉफी और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। उन्हें इंडिया स्किल्स 2025 की क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जाएगा, जहाँ से चयनित प्रतिभागी ‘वर्ल्ड स्किल्स 2026’, शंघाई (चीन) में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कौशल विकास योजनाओं को युवाओं की आजीविका, आत्मनिर्भरता और भविष्य के निर्माण से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने इस दिशा में सतत प्रयास करने के निर्देश दिए। बैठक में वन एवं कौशल विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, कौशल विकास विभाग के सचिव श्री एस. भारतीदासन तथा छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास अभिकरण (CSDA) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दयाराम के सहित अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान का चांद पर पहुंचने का सपना – क्या ये हकीकत बनेगा?

नई दिल्ली  आतंकवाद से जूझ रहा और IMF से कर्ज के भरोसे चल रहा पाकिस्तान अब चांद पर जाने के ख्वाब देख रहा है। खबर है कि पाकिस्तान ने साल 2035 तक चांद पर रोवर पहुंचाने की योजना बनाई है। खास बात है कि चांद पर लैंडिंग की उपलब्धि भारत दो साल पहले ही हासिल कर चुका है। जबकि, कहा जाता है कि पाकिस्तान ने भारत की तुलना में करीब 10 साल पहले ही अपना स्पेस प्रोग्राम शुरू कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के मंत्री एहसान इकबाल ने 2035 तक पाकिस्तान के रोवर को चांद पर भेजने की बात कही है। बीजिंग में चीनी अधिकारियों के साथ बैठक में इकबाल ने पाकिस्तान के स्पेस और न्यूक्लियर प्रोग्राम में कमियों को भरने में चीन पर काफी निर्भर होने के संकेत दिए हैं। खबर है कि पाकिस्तान के SUPARCO यानी स्पेश एंड अपर एटमॉस्पियर रिसर्च कमीशन को यह मिशन सौंपा गया है। खास बात है कि अब तक SUPARCO ने अपने दम पर और खासतौर से चीन की मदद के बगैर कोई भी अंतरिक्ष मिशन या सैटेलाइट लॉन्च नहीं किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन साल 2028 के Chang'e-8 मिशन के तहत चांद पर जाने की तैयारी कर रहा है, जिसमें पाकिस्तान 35 किग्रा के रोवर देने वाला है। चीन इस मिशन के जरिए चांद के साउथ पोल की जानकारी जुटाना चाहता है। खास बात है कि भारत ने साल 2023 में चंद्रयान-3 के जरिए चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग कर कीर्तिमान स्थापित किया था। रिपोर्ट के अनुसार, SUPARCO पहले ही सरकारी फंडिंग में कमी के चलते काम ठीक से नहीं कर पा रही है। वहीं, यहां नेतृत्व से जुड़े मुद्दे भी शामिल हैं। इसके अलावा पाकिस्तान सैटेलाइट लॉन्च के लिए काफी ज्यादा चीन पर निर्भर है। साथ ही पाकिस्तान में कुछ ही विश्वविद्यालय हैं, जहां अंतरिक्ष संबंधी शिक्षा दी जाती है।  

सीएम भजनलाल शर्मा और दिया कुमारी ने आंगनबाड़ी बहनों संग बांधा भाईचारे का बंधन

जयपुर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को जयपुर के बिड़ला सभागार में ‘आंगनबाड़ी बहन सम्मान समारोह’ को संबोधित किया। इससे पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी और आंगनबाडी बहनों से राखी बंधवाई। इस दौरान शर्मा ने डीबीटी के माध्यम से प्रदेश की 1 लाख 21 हजार आंगनबाड़ी बहनों को राखी के उपहार स्वरूप 501-501 रुपये की राशि हस्तांतरित की। कार्यक्रम में आंगनबाड़ी बहनों को छाता एवं मिठाई भी उपहार स्वरुप भेंट किए गए। समारोह में मुख्यमंत्री ने कुपोषित बच्चों के लिए दूध की मात्रा 15 ग्राम से बढ़ाकर 25 ग्राम करते हुए दूध युक्त बालाहार प्रीमिक्स पैकेट का शुभारंभ भी किया। समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी बहनों को पोषण शपथ भी दिलवाई।

सतना कलेक्टर ने पेश की मिसाल, साइकिल से दफ्तर जाकर दिया सादगी का संदेश

सतना  मध्य प्रदेश के सतना जिले में मंगलवार को एक अनोखा नजारा दिखा। कलेक्टर समेत कई अधिकारी साइकिल लेकर निकले। करीब 3 किलोमीटर साइकिल चलाकर कलेक्टर अपने ऑफिस पहुंचे को यहां काम करने वाले लोग भी हैरान हो गए। रोज सरकारी गाड़ी से आने वाले कलेक्टर आज अचानक साइकिल से कैसे ऑफिस पहुंच गए। दरअसल, कमिश्नर बीएस जामोद के अपील के बाद सतना जिले में हर मंगलवार को ‘ साइकिल डे ’ के रूप में मनाने की अनूठी पहल की गई है। इस पहल की शुरुआत मंगलवार को देखने को मिली है। जब कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस सहित प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी साइकिल से दफ्तर पहुंचे। सुबह कलेक्टर अपने बंगले से संयुक्त कलेक्ट्रेट तक की करीब तीन किलोमीटर की दूरी 25 मिनट में साइकिल से तय की है। उनके साथ एसडीएम सिटी राहुल सलाडिया, तहसीलदार रघुराज नगर सौरभ मिश्रा सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी साइकिल चलाते नजर आए। पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों की रक्षा रीवा संभाग के कमिश्नर ने एक अभिनव पहल शुरू की है। इस अभियान का मकसद वायु प्रदूषण में कमी, ईंधन की बचत, और स्वास्थ्य लाभ जैसे बहुआयामी उद्देश्यों को हासिल करना है। गाड़ियों से निकलने वाले धुएं में कमी आने से न केवल वायु प्रदूषण घटेगा, बल्कि शहर का पर्यावरण भी स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक बनेगा। साइकिल चलाना एक बेहतरीन व्यायाम है, जो न केवल शरीर को तंदरुस्त रखता है, बल्कि मानसिक रूप से भी ऊर्जा प्रदान करता है। साथ ही, यह निजी आर्थिक बचत और राष्ट्रीय संसाधनों के संरक्षण में भी सहायक है। महिला कर्मचारियों के लिए ई स्कूटी की सुविधा कमिश्नर द्वारा दी गई गाइडलाइन में महिला अधिकारियों और कर्मचारियों को ई-स्कूटी या सार्वजनिक परिवहन से कार्यालय आने का विकल्प भी दिया गया है। इसके अलावा फील्ड विजिट के लिए पूल गाड़ी प्रणाली अपनाने की सलाह दी गई है। जिससे 2-3 अधिकारी मिलकर एक ही वाहन से क्षेत्रीय निरीक्षण कर सकें। इससे समन्वय बेहतर होगा और योजनाओं का त्वरित समाधान भी संभव होगा। साइकिल चलाने में आनंद आया कलेक्टर सतीश कुमार एस ने बताया कि यह एक अच्छी पहल है। स्वास्थ्य और फिटनेस के हिसाब से यह एक अच्छा माध्यम भी है। इसमें हम पर्यावरण के साथ साथ खुद के स्वास्थ्य को भी अच्छा रख सकते हैं। साइकिल से चलने में एक तरह से प्रदूषण में कमी आएगी। आज करीब तीन किलोमीटर साइकिल चलाकर टीम के साथ पहुंचा तो एक अलग ही आनंद महसूस कर रहा हूं।

नहर लाइनिंग और चैनल निर्माण के लिए रायपुर को 3.55 करोड़ की स्वीकृति

रायपुर छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग ने  मनेन्द्रगढ़-भरतपुर-चिरमिरी जिला के मनेन्द्रगढ़ विकासखंड में गुडरू व्यपवर्तन नहर की लाईनिंग एवं आर.सी.सी. चैनल निर्मार्ण हेतु 3 करोड़ 54 लाख 80 हजार रुपये  की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। इस योजना के पूर्ण होने पर 486 हेक्टेयर खरीफ एवं 243 हेक्टेयर रबी सहित कुल 729 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे क्षेत्रीय किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। यह कार्य अनुसूचित जनजाति उपयोजना के अंतर्गत लघु सिंचाई योजना के मद से क्रियान्वित किया जाएगा, जिसके लिए वित्त विभाग द्वारा पूर्व में सहमति प्रदान की जा चुकी है। राज्य शासन द्वारा यह निर्देश दिया गया है कि स्वीकृत कार्य को निर्धारित समय सीमा के भीतर ही पूर्ण कराएं। कार्य प्रारंभ करने से पहले तकनीकी स्वीकृति प्राप्त की जाएगी और निर्माण कार्य की ड्रॉइंग एवं डिज़ाइन की स्वीकृति भी सक्षम अधिकारी से लिया जाना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही निविदा प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक हो, यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है। निर्माण कार्य केवल उसी स्थिति में प्रारंभ किया जाएगा जब कम से कम 75 प्रतिशत भूमि बाधा रहित रूप से उपलब्ध हो। यदि भू-अर्जन की आवश्यकता हो, तो उसे स्वीकृत राशि की सीमा के भीतर ही पूरा किया जाएगा और किसी अन्य मद की बचत राशि से भू-अर्जन नहीं किया जाएगा। यदि प्रस्तावित क्षेत्र में भू-अर्जन नहीं है तो निर्माण केवल शासकीय भूमि पर किया जाएगा, जिसके लिए भूमि का आबंटन सक्षम अधिकारी से कराया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। कार्य पूर्ण होने के बाद योजना का पूर्णता प्रमाण पत्र शासन को प्रस्तुत करना भी अनिवार्य होगा। इस निर्णय से मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र की कृषि व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और किसानों को सिंचाई की स्थायी सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि की संभावना है।