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तल्ख अंदाज में कहा- बार-बार समीक्षा के बाद भी कार्य पूर्ण नहीं हुआ तो रोका जाएगा वेतन

उत्तर बस्तर कांकेर : जनपद पंचायत स्तर के लंबित निर्माण कार्यों को लेकर कलेक्टर ने जताई नाराजगी उत्तर बस्तर कांकेर: लंबित निर्माण कार्यों पर कलेक्टर सख्त, जनपद पंचायतों को दी चेतावनी तल्ख अंदाज में कहा- बार-बार समीक्षा के बाद भी कार्य पूर्ण नहीं हुआ तो रोका जाएगा वेतन उत्तर बस्तर कांकेर  समय-सीमा की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने आज जिले की सभी जनपद पंचायतों में विभिन्न पुराने लंबित निर्माण कार्यों के संबंध में नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि या तो ये छोटे-मोटे कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करें, या फिर पूर्ण नहीं कर पाने की स्थिति में संबंधित विभाग को राशि वापस लौटा दें। उन्होंने तल्ख अंदाज में कहा कि प्रत्येक सप्ताह समीक्षा करने के बाद भी इन लंबित कार्यों में प्रगति नहीं आ रही है। ऐसे में संबंधित जनपद पंचायत के सीईओ का वेतन रोकने की कार्यवाही सख्ती से की जाएगी। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज सुबह 10.30 बजे से आयोजित समय-सीमा की बैठक में कलेक्टर ने सभी जनपद पंचायतों में आंगनबाड़ी एवं पीडीएस सेंटर भवन निर्माण सहित ग्राम पंचायतों में बनाए जा रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए सभी जनपद सीईओ को उक्ताशय के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को जेम पोर्टल के माध्यम से ही सभी प्रकार का क्रय नियमानुसार पूरी सतर्कता के साथ करने के लिए निर्देशित किया। इसमें किसी प्रकार की अनियमितता या लापरवाही वित्तीय नियमों के उल्लंघन के श्रेणी में आएगी, अतः सभी अधिकारी शासकीय निर्माण कार्यों से संबंधित सामग्री एवं अन्य उपकरणों का क्रय गंभीरता से करें। बैठक में कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को कहा कि ई-ऑफिस के माध्यम से ही सभी प्रकार की फाइलों एवं नस्तियों को मूव करें। उन्होंने अधीनस्थ कार्यालयों में भी ई-ऑफिस के माध्यम से सभी प्रकार के विभागीय दैनिक गतिविधियों का क्रियान्वयन करने हेतु निर्देशित किया। इसी तरह प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए इसके लाभ से आम जनता को अवगत कराने के निर्देश कार्यपालन अभियंता विद्युत विभाग को दिए। आकांक्षी जिला एवं ब्लॉक का अवॉर्ड कलेक्टर को सौंपा कांकेर जिले को संपूर्णता अभियान के तहत आकांक्षी जिला एवं ब्लॉक हेतु उत्कृष्ट कार्य के लिए रायपुर में आयोजित सम्मान समारोह में शनिवार 02 अगस्त को सम्मानित किया गया। कलेक्टर की ओर से जिला पंचायत के सीईओ हरेश मंडावी ने सम्मान ग्रहण किया था। आज आयोजित टीएल बैठक की शुरूआत में उक्त सम्मान को सीईओ ने कलेक्टर को भेंट किया। इस दौरान कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विभागों ने पूरी शिद्दत के साथ मेहनत व लगन से बेहतर कार्य किया, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने आगे भी शासन की योजनाओं का समुचित क्रियान्वयन करने के लिए सभी अधिकारियों को प्रोत्साहित किया। उल्लेखनीय है कि राज्य के आकांक्षी जिलों और आकांक्षी विकासखंडों में तीन महीनों तक संचालित संपूर्णता अभियान में निर्धारित संकेतकों को संतृप्त करने और लक्ष्यों को हासिल करने वाले जिलों और विकासखंडों को पुरस्कार प्रदान किए गए। संपूर्णता अभियान में कांकेर जिले को रजत पदक प्राप्त हुआ तथा आकांक्षी विकासखण्ड की श्रेणी में कोयलीबेड़ा ब्लॉक को स्वर्ण और दुर्गूकोंदल ब्लॉक को रजत पदक प्राप्त हुआ। बैठक में कलेक्टर ने विभागवार लंबित कार्यों की समीक्षा करते हुए जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने एलडब्ल्यूई सर्वे, नियद नेल्लानार योजना, ठोस अपशिष्ट पदार्थ प्रबंधन, प्रधानमंत्री आवास योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, सामाजिक अंकेक्षण, आयुष्मान भारत योजना, आयुष्मान वय वंदना योजना, पोषण पुनर्वास केन्द्र सहित विभिन्न प्रकरणों की विभागवार एवं योजनावार प्रगति की समीक्षा की। बस्तर विकास प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा हुई समय-सीमा बैठक के दौरान कलेक्टर क्षीरसागर ने बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अंतर्गत लंबित निर्माण कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने वर्ष 2020-21 से लंबित निर्माण कार्यों को लेकर असंतोष जाहिर करते हुए सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को शीघ्रता से पूर्ण कराने के निर्देश दिए। साथ ही पुराने कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूरा कराने और देवगुड़ी, घोटुल भवन, सामुदायिक भवन जैसे छोटे कार्यों को अविलंब निर्माण कराने सभी जनपद सीईओ को निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने विशेष केन्द्रीय सहायता मद अंतर्गत लंबित कार्यों की भी कार्यवार समीक्षा की। इस अवसर पर डीएफओ हेमचंद पहारे, अग्रवाल, अपर कलेक्टर जितेन्द्र कुर्रे एवं ए.एस. पैकरा सहित सभी अनुविभागीय अधिकारी तथा जिला स्तर के अधिकारीगण मौजूद रहे।

ओडिशा की टीम का अध्ययन दौरा, जगदलपुर के MRF और MRC सेंटर का किया निरीक्षण

जगदलपुर स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत अध्ययन एवं अवलोकन भ्रमण कार्यक्रम के तहत जिला परिषद सुंदरगढ़ ओडीशा की टीम ने सोमवार  को बस्तर जिले के बुरुंडवाड़ा सेमरा में स्थापित मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) और मटेरियल रिसाइक्लिंग सेंटर (एमआरसी) का भ्रमण कर कचरा प्रबंधन और प्रसंस्करण के बारे में विस्तृत जानकारी ली। इस दौरान जिला पंचायत बस्तर तथा नगरीय निकाय के अधिकारियों ने जिले में समुदाय की सहभागिता से चलाए जा रहे कचरा प्रबंधन सम्बन्धी पहल के बारे में विस्तारपूर्वक अवगत कराया।         इस अध्ययन भ्रमण के दौरान ओडीशा की टीम ने जिला प्रशासन बस्तर के द्वारा संचालित बुरुंडवाड़ा सेमरा एमआरएफ के माध्यम से जिले में कचरा संग्रहण और वर्गीकरण की व्यवस्थित प्रक्रिया को प्रत्यक्ष रूप से देखा। टीम ने यह अनुभव किया कि किस प्रकार स्रोत स्तर पर ही कचरे को अलग-अलग श्रेणियों (सूखा, प्लास्टिक आदि) में वर्गीकृत किया जाता है और फिर उसकी आगे की प्रक्रिया हेतु तैयार किया जाता है। इसके पश्चात टीम ने एमआरसी केंद्र का भी भ्रमण किया, जिसे सृष्टि वेस्ट मैनेजमेंट सर्विस द्वारा संचालित किया जा रहा है। यहां टीम ने जिला पंचायत बस्तर और स्थानीय निकायों से सहयोग प्राप्त ‘स्वच्छ केंद्र मॉडल’ के तहत अपनाई गई समेकित रिसाइक्लिंग प्रणाली के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उक्त टीम द्वारा विशेष रूप से यह देखा गया कि किस प्रकार से एमआरएफ और एमआरसी इकाइयों के बीच समन्वय स्थापित कर कचरे को पुनः उपयोगी सामग्री जैसे प्लास्टिक ग्रैन्यूल में बदलाव किया जा रहा है।          अपने अध्ययन भ्रमण के दौरान ओडीशा की टीम के सदस्यों ने कहा कि यह अवलोकन यात्रा सुंदरगढ़ जिले में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए उपयोगी रही। विशेष रूप से संग्रहण, वर्गीकरण और पुनःप्रक्रिया को एकीकृत करने की प्रक्रिया से जुड़े व्यावहारिक अनुभव इस क्षेत्र में सुधार के लिए सहायक सिद्ध होंगे।

जगदलपुर : पर्यटन को बढ़ावा देने एवं होम-स्टे के विकास हेतु ईच्छुक आवेदकों से 7 अगस्त तक मंगाये गए आवेदन

जगदलपुर भारत सरकार द्वारा आदिवासी क्षेत्रो में स्वदेश दर्शन 2.0 योजना एवं प्रधानमंत्री जनजाती उत्कर्ष ग्राम अभियान के तहत् होम-स्टे के विकास तथा बस्तर जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं स्थानीय व्यक्तियों को स्वरोजगार व आय के साधन उपलब्ध कराने हेतु पर्यटन क्षेत्र के समीप आदिवासी ग्रामों में होम-स्टे संचालन हेतु इच्छुक अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों से 07 अगस्त 2025 तक आवेदन आमंत्रित किया गया है। चयनित व्यक्तियों को होम-स्टे हेतु नये कमरे बनाने हेतु 5 लाख रूपए तक एवं पूर्व से संचालित होम-स्टे में सुधार हेतु 3 लाख रूपये तक की सहायता प्रदाय की जाएगी। होम-स्टे हेतु प्रस्तावित भूमि संबंधित व्यक्ति के कब्जे व भू-स्वामित्व का होना अनिवार्य है। पूर्व में होम-स्टे संचालनकर्ता, महिलाओं व पर्यटन क्षेत्र में पूर्व से जुड़े व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी। अधिक जानकारी के लिए कार्यालय कलेक्टर बस्तर के सामान्य शाखा से संपर्क कर सकते हैं।

भाजपा सांसद थके–हारे 110 किमी कांवड़ यात्रा के बाद व्हीलचेयर से संसद पहुँचे, पैर खराब

नई दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मनोज तिवारी कांवड़ यात्रा संपन्न करके वापस आ गए हैं। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली सीट से तीसरी बार के सांसद मनोज तिवारी ने सुल्तागंज से गंगाजल भरकर बाबा वैद्यनाथ को जल चढ़ाया। नंगे पैर 110 किलोमीटर पैदल यात्रा की वजह से मनोज तिवारी के दोनों पैरों का बुरा हाल हो गया है। पैर में छालों की वजह से उन्हें व्हील चेयर पर बैठकर संसद जाना पड़ा। मनोज तिवारी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मनोज तिवारी ने पिछले दिनों बताया था कि 30 साल बाद कांवड़ यात्रा पर निकले हैं। भोजपुरी गानों के मशहूर गायक मनोज तिवारी पहले भी कई बार बाबा धाम कांवड़ लेकर जा चुके हैं। लेकिन राजनीति में सक्रियता के बाद वह समय नहीं निकाल पाते थे। इस बार उन्होंने बाबा को पैदल जाकर गंगाजल चढ़ाने का फैसला किया। सुल्तानगंज में गंगा स्नान के बाद वह पैदल बाबा धाम तक गए। इस दौरान वह भजन गाते रहे और बोल-बम करते हुए आगे बढ़ते रहे। 3 अगस्त को मनोज तिवारी ने दिल्ली वापस आकर अपनी तस्वीरें साझा कीं, जिसमें उनके पैरों में पट्टियां बंधी दिख रही हैं। सांसद ने लिखा, 'जय भोलेनाथ.. जय वैद्यनाथ। मैं अर्धरात्रि दिल्ली पहुंच गया था। 110 KM पैदल…नंगे पांव… कांवड़ संभाल के चल पड़ा.. जिस शक्ति ने चलाया, पहुंचाया, वो महादेव ही थे।' तिवारी ने कहा कि दिल्ली मुख्यमंत्री रेखा गुप्चा जी ने फोन पर उनका हालचाल लिया। तिवारी ने कहा कि पैर में छाले पड़े हैं पर दिव्यता का अनुभव कर रहा हूं। पूर्व भाजपा अध्यक्ष संसद की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए सोमवार को और मंगलवार को व्हीलचेयर से पहुंचे। सीढ़ियों तक व्हीलचेयर से लाए गए तिवारी बड़ी मुश्किल से सहारा लेकर चलते हुए दिखाई दिए। भाजपा और अन्य दलों के भी कई नेताओं ने तिवारी के पास आकर उनका हाल चाल लिया।  

30 मई 2019 से अब तक यानी 2258 दिन तक गृह मंत्रालय की कमान, अमित शाह ने नया रिकार्ड बनाया

नई दिल्ली  केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नया रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर लिया है। वह इस पद पर सबसे लंबे समय तक रहने वाले नेता बन गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी दिग्गज लालकृष्ण आडवाणी के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। खास बात है कि उन्होंने यह उपलब्धि 5 अगस्त को हासिल की है। इसी दिन उन्होंने संसद में जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने का ऐलान किया था। अमित शाह भारत के गृहमंत्री पद पर 2 हजार 258 दिनों से हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में 30 मई 2019 को यह पद पहली बार संभाला था। इसके बाद 2024 में NDA सरकार बनने के बाद भी वह इस पद पर काबिज हुए। इस पद पर आडवाणी के बाद कांग्रेस दिग्गज गोविंद वल्लभ पंत सबसे ज्यादा समय तक रहे हैं। एक ओर जहां आडवाणी ने 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक कुल 2 हजार 256 दिन गृहमंत्री के तौर पर सेवाएं दीं। वहीं, पंत 10 जनवरी 1955 से 7 मार्च 1961 तक इस पद पर रहे। यानी कुल 6 साल 56 दिन तक वह गृहमंत्री रहे। खास बात है कि शाह देश के पहले सहकारिता मंत्री भी हैं। इससे पहले वह गुजरात के गृहमंत्री भी रह चुके हैं। पीएम मोदी ने की तारीफ मंगलवार को प्रधानमंत्री ने NDA सांसदों के साथ बैठक में गृह मंत्री अमित शाह की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि वह अब सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले केंद्रीय गृह मंत्री बन गए हैं। पीएम ने भाषण में कहा कि पांच अगस्त एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि इसी दिन पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया था। उन्होंने कहा कि NDA सरकार ने संविधान का सही अर्थों में पालन किया है। खास बात है कि मंगलवार को भाजपा की अगुवाई वाली NDA सरकार ने जून 2024 में सरकार बनने के बाद से संसद के सत्रों के दौरान इस तरह की यह दूसरी बैठक की है।  

लाल निशान पर बाजार बंद, अमेरिकी टैरिफ ने बढ़ाई निवेशकों की चिंता

मुंबई  भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में बंद हुआ। दिन के अंत में सेंसेक्स 308.47 अंक या 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,710.25 और निफ्टी 73.20 अंक या 0.30 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 24,649.55 पर था। लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी गिरावट हुई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 225.50 अंक या 0.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,206.85 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 28.85 अंक या 0.16 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 17,864.55 पर था। निफ्टी में आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, एफएमसीजी, रियल्टी, मीडिया और एनर्जी इंडेक्स लाल निशान में थे, जबकि मेटल, ऑटो और कमोडिटी इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। सेंसेक्स पैक में टाइटन, मारुति सुजुकी, ट्रेंट, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, टेक महिंद्रा, एसबीआई, एलएंडटी, एचसीएल टेक और एक्सिस बैंक टॉप गेनर्स थे। रिलायंस, इन्फोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, इटरनल (जोमैटो), बीईएल, एचडीएफसी बैंक, पावर ग्रिड और आईटीसी टॉप लूजर्स थे। जानकारों के मुताबिक, बाजार के गिरने की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर और टैरिफ लगाए जाने की धमकी को माना जा रहा है। आशिका इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपने नोट में कहा, "क्षेत्रवार रुझान मिले-जुले रहे, ऑटो और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में अपेक्षाकृत मजबूती देखी गई, जबकि ज्यादातर अन्य क्षेत्र नुकसान में रहे। खास तौर पर, तेल और गैस, फार्मा, निर्माण और उपभोक्ता वस्तुओं में भारी गिरावट देखी गई।" नोट में आगे कहा कि मौद्रिक नीति से पहले बाजार में निवेशकों के बीच सर्तकता देखी गई। सत्र के दूसरे भाग में बैंकिंग शेयरों में बिकवाली हुई। बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई थी। सुबह करीब 9 बजकर 58 मिनट पर सेंसेक्स 384.11 अंक या 0.47 प्रतिशत की गिरावट के बाद 80,634.61 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी 113.80 अंक या 0.46 प्रतिशत की गिरावट के बाद 24,608.95 पर था।

नापाक याराना फिर याद दिलाया गया! टैरिफ विवाद पर भारत की सैन्य प्रतिक्रिया ने अमेरिका को घेरा

नई दिल्ली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तीखे बोल और भारत पर लगाए गए टैरिफ के बाद दोनों देशों में जारी तनातनी के बीच भारतीय सेना ने अमेरिका को आईना दिखाया है और 54 साल पुराना वाकया याद दिलाया है। दरअसल, भारतीय सेना ने मंगलवार को 1971 में प्रकाशित एक अखबार की क्लिप शेयर कर अमेरिका पर तंज कसा है। इस क्लिप में दिखाया गया है कि अमेरिका कैसे दशकों से पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है। यह पोस्ट इसलिए अहम है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से भारत के तेल खरीदने पर भारतीय सामानों पर और अधिक टैरिफ लगाने की धमकी दी है। एक दिन पहले ट्रंप ने कहा था कि वह भारत से आने वाले सामानों पर टैरिफ में भारी बढ़ोतरी करेंगे क्योंकि भारत रूस से तेल खरीदकर उसकी मदद कर रहा है लेकिन अमेरिका खुद भूल गया कि उसका अतीत कैसा रहा है। भारतीय सेना की पूर्वी कमान ने क्या लिखा? इसी संदर्भ में ट्रंप सरकार को आईना दिखाते हुए भारतीय सेना की पूर्वी कमान ने 5 अगस्त, 1971 को प्रकाशित अखबार की एक क्लिप साझा की है। उस क्लिप में तत्कालीन रक्षामंत्री विद्याचरण शुक्ला द्वारा राज्यसभा में दिए गए बयान का जिक्र है। तब शुक्ला ने नाटो शक्तियों द्वारा पाकिस्तानी सेना को संभावित हथियारों की सप्लाई को लेकर संसद में बयान दिया था। इसमें दिखाया गया है कि कैसे अमेरिका 1971 के युद्ध की तैयारी के लिए दशकों से पाकिस्तान को हथियारों की सप्लाई कर रहा था। सेना ने पोस्ट के साथ कैप्शन लिखा है, “आज का दिन, युद्ध की तैयारी का वह साल – 5 अगस्त, 1971।” तब के रक्षा मंत्री ने संसद में दिया था बयान शुक्ला ने तब राज्यसभा में दिए अपने बयान में बताया था कि कैसे बांग्लादेश में इस्लामाबाद के सशस्त्र आक्रमण की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति को लेकर नाटो और सोवियत संघ से संपर्क किया गया था। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि सोवियत संघ और फ्रांसीसी सरकार ने पाकिस्तान को हथियार देने से इनकार कर दिया था, लेकिन अमेरिका ने पाकिस्तान को अपना समर्थन जारी रखा था। इसमें यह भी कहा गया है कि तब अमेरिका और चीन दोनों ने पाकिस्तान को औने-पौने दामों पर हथियार बेचे थे। इससे यह संकेत मिलता है कि पाकिस्तान ने 1971 में भारत के साथ युद्ध दोनों देशों द्वारा उपलब्ध कराए गए हथियारों से लड़ा था। इसमें एक रिपोर्ट का हवाला भी दिया गया है कि अमेरिका से पाकिस्तान को 1954 के बाद से करीब दो अरब डॉलर के हथियारों की आपूर्ति की गई है। पाकिस्तान पर मेहरबान ट्रंप बता दें कि अमेरिका अभी भी पाकिस्तान पर मेहरबान और नरम है क्योंकि उस पर लगाए गए टैरिफ इसी बात का संकेत देते हैं। हाल ही में अमेरिका ने जो टैरिफ लगाए हैं, उनमें पाकिस्तान को बड़ी छूट दी गई है। ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान पर टैरिफ 29 प्रतिशत से घटकर 19 प्रतिशत कर दिया है। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को चेतावनी देते हुए कहा कि वह रूस से तेल खरीदने की वजह से भारत पर अमेरिकी शुल्क में खासी बढ़ोतरी करने जा रहे हैं। ट्रंप ने भारत पर भारी मात्रा में रूस से तेल खरीदने और उसे बड़े मुनाफे पर बेचने का आरोप लगाया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर लिखा, "भारत रूस से भारी मात्रा में तेल सिर्फ खरीद ही नहीं रहा है, बल्कि उस तेल के बड़े हिस्से को खुले बाजार में ऊंचे दामों पर बेचकर भारी मुनाफा भी कमा रहा है।" भारत पर बिदक रहे ट्रंप इसके साथ ही ट्रंप ने कहा, "उसे (भारत को) इस बात की कोई परवाह नहीं है कि यूक्रेन में रूस की युद्ध मशीन कितने लोगों की जान ले रही है। इसी वजह से मैं भारत से अमेरिका को दिए जाने वाले शुल्क को काफी बढ़ाने जा रहा हूं।" ट्रंप ने पिछले हफ्ते भारतीय आयात पर 25 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाने के साथ ही रूस से तेल एवं गैस खरीदने पर जुर्माना लगाने की भी घोषणा की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने रूस से सैन्य उपकरण और कच्चा तेल खरीदने के लिए भारत पर जुर्माना लगाने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में आई अधिसूचना में इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया था।  

सेंचुरियन हो या मुंबई, जब टेस्ट मुकाबलों ने दिल जीत लिया

नई दिल्ली भारत और इंग्लैंड के बीच एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के लिए खेली गई पांच मैच की सीरीज 2-2 से बराबर रही जिससे कड़े मुकाबले वाली सीरीज की लंबी सूची में एक और चमकदार पन्ना जुड़ गया। ऐसा पहली बार नहीं हुआ जबकि कोई टेस्ट सीरीज रोमांच के चरम पर समाप्त हुई हो। इससे पहले भी कई बार ऐसा हुआ है। पिछले डेढ़ दशक में हुए कुछ यादगार मुकाबलों का संकलन किया है, जिनमें टेस्ट क्रिकेट के उतार-चढ़ाव देखे गए। इस लिस्ट में भारत की 5 टेस्ट सीरीज शामिल है। आईए एक नजर डालते हैं पूरी लिस्ट पर- भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2020-21 संभवतः यह क्रिकेट के इतिहास की सर्वश्रेष्ठ सीरीज में से एक थी, जिसमें भारत ने अपने कुछ प्रमुख खिलाड़ियों के चोटिल होने और कुछ कड़ी चुनौतियों से पार पाकर ऑस्ट्रेलिया पर 2-1 से जीत दर्ज की। एडिलेड में 36 रन के अपने न्यूनतम स्कोर पर आउट होने से लेकर गाबा में तीन विकेट की जीत तक, कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे के नेतृत्व में भारत ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को उसकी धरती पर ही धूल चटा दी थी। भारत बनाम श्रीलंका, 2015 इस सीरीज से ही नए कप्तान विराट कोहली के नेतृत्व में अगले दशक के लिए टेस्ट क्रिकेट में भारत के दमदार प्रदर्शन की शुरुआत की। गॉल में श्रीलंका ने भारत को 63 रन से हरा दिया। लेकिन भारत ने कोलंबो में अगले दो मैचों (पी सारा ओवल और एसएससी) में कोहली के कभी हार न मानने वाले रवैये को अपनाया तथा 278 और 117 रन से जीत हासिल करके सीरीज 2-1 से अपने नाम कर दी। भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका 2010-11 यह आखिरी टेस्ट सीरीज थी जिसमें सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की मशहूर तिकड़ी ने अपना प्रभाव छोड़ा था। सेंचुरियन में पारी और 25 रन से मिली करारी हार के बाद भारत ने डरबन टेस्ट में जोरदार वापसी करते हुए 85 रन से जीत हासिल की, जहां लक्ष्मण ने डेल स्टेन और मोर्ने मोर्केल की आक्रामक जोड़ी के सामने 96 रन की पारी खेली थी। केपटाउन में अंतिम टेस्ट में भारत को मैच बचाने के लिए पूरे पांचवें दिन बल्लेबाजी करनी थी और वह गौतम गंभीर (184 गेंदों पर 68 रन), द्रविड़ (112 गेंदों पर 31 रन), तेंदुलकर (91 गेंदों पर नाबाद 14 रन) और लक्ष्मण (67 गेंदों पर नाबाद 32 रन) की बदौलत ऐसा करने में सफल रहा। भारत बनाम इंग्लैंड, 2011-12 अहमदाबाद में इंग्लैंड को नौ विकेट से हराने के बाद भारत चार मैचों की सीरीज में अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा था लेकिन केविन पीटरसन के शतक से प्रेरित होकर एलिस्टेयर कुक के नेतृत्व में इंग्लैंड ने मुंबई में भारत को 10 विकेट से हराया और फिर ईडन गार्डन्स में सात विकेट से जीत हासिल की। नागपुर में इंग्लैंड ने चौथा टेस्ट आसानी से ड्रॉ कराकर सीरीज 2-1 से जीत ली। जो रूट ने उस टेस्ट में डेब्यू किया था। ऑस्ट्रेलिया बनाम दक्षिण अफ्रीका, 2016-17 यह दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों के बीच की जंग थी। दक्षिण अफ्रीका के पास कगिसो रबाडा और वर्नोन फिलैंडर थे, जबकि ऑस्ट्रेलिया के पास मिशेल स्टार्क और जोश हेजलवुड जैसे गेंदबाज थे। दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों ने इस मुकाबले में बाजी मारी क्योंकि उन्होंने पर्थ और होबार्ट में अपनी टीम को जीत दिलाई जबकि ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट मैच जीता था। यह 2008 के बाद ऑस्ट्रेलिया की घरेलू सीरीज में पहली हार थी। न्यूजीलैंड बनाम पाकिस्तान 2017-18 जैसे ही न्यूज़ीलैंड ने अबू धाबी में कदम रखा, पाकिस्तान की अपने मजबूत स्पिन आक्रमण के कारण 3-0 से जीत की भविष्यवाणी की जाने लगी। लेकिन कीवी टीम ने पहला टेस्ट चार रन के मामूली अंतर से जीत लिया, जबकि पाकिस्तान ने दुबई में पारी और 16 रन से जीत हासिल की। लेकिन अबू धाबी में, कीवी टीम ने ऑफ स्पिनर विलियम सोमरविले के सात विकेटों की बदौलत 123 रन से जीत हासिल की और सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली। भारत बनाम इंग्लैंड 2021-22 यह सीरीज कोविड-19 महामारी के कारण खाली स्टेडियमों में खेली गई थी। नॉटिंघम में ड्रॉ के बाद लॉर्ड्स में भारत ने 151 रन से जीत हासिल की लेकिन इंग्लैंड ने लीड्स में पारी और 76 रन से जीत हासिल करके हिसाब बराबर कर दिया था। भारत ने ओवल में चौथा टेस्ट 157 रन से जीता था, लेकिन सितंबर 2021 में मेहमान टीम के सदस्यों के कोविड पॉजिटिव पाए जाने के कारण दौरे को स्थगित कर दिया गया था। उस समय भारत पांच मैचों की सीरीज में 2-1 से आगे चल रहा था, लेकिन इंग्लैंड ने जुलाई 2022 में बर्मिंघम में खेले गए पांचवें टेस्ट में 378 रन से जीत हासिल करके सीरीज को बराबर कर दिया था।  

पूर्व CM भूपेश बघेल को सुप्रीम कोर्ट से झटका, हाईकोर्ट जाने का दिया निर्देश

 रायपुर / नई दिल्ली  सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आपराधिक मामलों में राहत पाने के लिए प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा सीधे उसके पास आने की प्रथा की निंदा की।अदालत ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल को केंद्रीय जांच एजेंसियों की ओर से की जा रही जांच के सिलसिले में हाई कोर्ट जाने को कहा। 'हाईकोर्ट क्यों नहीं गए?' ये मामले छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले और अन्य केस से संबंधित हैं। जस्टिस सूर्यकांत और जायमाल्या बागची की पीठ ने पूछा कि प्राथमिकी, गिरफ्तारी और रिमांड तथा मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रविधानों के खिलाफ उनकी याचिकाओं पर शीर्ष अदालत को क्यों विचार करना चाहिए? पीठ ने सवालिया लहजे में पूछा, "याचिकाकर्ता हाई कोर्ट क्यों नहीं गए। वह भी संवैधानिक न्यायालय है और इस मुद्दे पर फैसला सुना सकता है। यही वह समस्या है, जिसका हम सामना कर रहे हैं। हाई कोर्ट इस मुद्दे पर फैसला क्यों नहीं कर सकता, अन्यथा उन अदालतों का क्या फायदा?" शीर्ष अदालत ने ये भी पूछा कि याचिकाकर्ता हाईकोर्ट क्यों नहीं गए, जो खुद भी एक संवैधानिक न्यायालय है और ऐसे मामलों पर फैसला कर सकता है। पीठ ने कहा, ‘‘हम इसी समस्या को झेल रहे हैं। उच्च न्यायालय इस मामले का फैसला क्यों नहीं कर सकता? अगर ऐसा नहीं होगा तो फिर उन अदालतों का क्या मतलब है? यह एक नया चलन बन गया है- जैसे ही कोई संपन्न व्यक्ति उच्चतम न्यायालय आता है, हम अपने निर्देशों को बदलने लगते हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो आम लोगों और उनके साधारण वकीलों के लिए उच्चतम न्यायालयों में कोई जगह नहीं बचेगी।’’ SC क्यों पहुंचे थे पिता-पुत्र? भूपेश बघेल और चैतन्य बघेल ने अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर जांच एजेंसियों की कार्रवाई और पीएमएलए के प्रावधानों को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक एम. सिंघवी ने कहा, "गिरफ्तारी का यह सिलसिला पूरे देश में देखा जा रहा है और प्रवर्तन निदेशालय जैसी जांच एजेंसियां टुकड़ों में आरोपपत्र दाखिल कर रही हैं, किसी को भी फंसा रही हैं और सभी को गिरफ्तार कर रही हैं।” ईडी पर क्या-क्या आरोप? पूर्व मुख्यमंत्री की तरफ से पैरवी कर रहे कपिल सिब्बल ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं चल सकता। लोगों का नाम प्राथमिकी या शुरुआती आरोपपत्रों में नहीं होता, लेकिन अचानक उनके नाम पूरक आरोपपत्र में आ जाते हैं और उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है।’’ बघेल के बेटे की ओर से पेश सिंघवी ने कहा कि उनके मुवक्किल का नाम दो-तीन आरोपपत्रों में नहीं था, लेकिन मार्च में उनके घर पर अचानक छापा मारा गया और बाद में एक पूरक आरोपपत्र में उनका नाम आने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। ED SC के फैसले का उल्लंघन कर रहा: सिब्बल सिब्बल ने दलील दी कि ईडी शीर्ष अदालत द्वारा 2022 के फैसले में निर्धारित कानून का उल्लंघन कर रहा है, जिसमें गिरफ्तारी के उसके अधिकार को बरकरार रखा गया था। कपिल सिब्बल ने कहा कि इसलिए याचिका में पीएमएलए की धारा 50 और 63 की वैधता को चुनौती दी गई है। ये धाराएं अधिकारियों को किसी भी व्यक्ति को तलब करने, दस्तावेज मंगवाने, जांच के दौरान बयान दर्ज करने और झूठा बयान देने पर सजा देने का अधिकार देती हैं। हाई कोर्ट जाने का आदेश पीठ ने पूछा कि अगर ईडी कानून का पालन नहीं कर रहा था या प्रक्रिया से भटक रहा था, तो क्या कोई इसे अदालत के संज्ञान में लेकर आया या जांच एजेंसियों की कार्रवाई को चुनौती दी। पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत पहले भी कह चुकी है कि आरोपपत्र दाखिल होने के बाद आगे की जांच केवल अदालत की अनुमति से ही हो सकती है। पीठ ने कहा, ‘‘ऐसे कई मामले होते हैं जहां कानून वैध होता है, लेकिन उस पर की गई कार्रवाई अवैध हो सकती है।’’ अदालत ने दोनों याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे अपने मामले से जुड़े सभी तथ्य उच्च न्यायालय के समक्ष रखें। पीएमएलए की धाराओं 50 और 63 को चुनौती देने के संबंध में पीठ ने कहा कि दोनों याचिकाकर्ता इस मुद्दे पर नई रिट याचिकाएं दाखिल कर सकते हैं, और न्यायालय उन पर सुनवाई लंबित मामलों के साथ करेगा। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने उन्हें उच्च न्यायालय जाने की अनुमति दी और उच्च न्यायालय से कहा कि वह उनकी याचिकाओं पर जल्दी सुनवाई करे।  

बड़ी खबर: आयुष्मान योजना पर संकट, IMA ने दी 7 अगस्त से सेवाएं रोकने की धमकी

नई दिल्ली  बीजेपी सरकार के शासन वाले हरियाणा में एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है, जो लाखों आयुष्मान कार्डधारकों के लिए गंभीर परेशानी का सबब बन सकता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 7 अगस्त तक निजी अस्पतालों का बकाया भुगतान नहीं किया गया, तो वे आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज बंद कर देंगे। इस फैसले से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच संकट में पड़ सकती है। आइए जानते हैं इस गंभीर हालात के पीछे की असली वजहें और इसका प्रभाव। आयुष्मान भारत योजना पर संकट क्यों? हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना ने गरीबों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को गंभीर बीमारियों के इलाज में राहत दी है। योजना के तहत कार्डधारकों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलता है, जो सरकारी और निजी दोनों तरह के अस्पतालों में उपलब्ध है। लेकिन अब लगभग 500 करोड़ रुपये के बकाए के कारण निजी अस्पताल इस सेवा को जारी रखने में असमर्थता जता रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने स्पष्ट किया है कि अगर यह बकाया राशि जल्द न चुकाई गई, तो वे योजना के अंतर्गत इलाज देना बंद कर देंगे। मरीजों को हो सकता है बड़ा नुकसान हरियाणा में लगभग 650 निजी अस्पताल इस योजना के अंतर्गत सेवाएं प्रदान करते हैं और 5 लाख से अधिक कार्डधारक इससे लाभान्वित हैं। लेकिन बकाया भुगतान रोकने से अस्पतालों के हाथ-पांव फूल सकते हैं, जिससे कैंसर, हृदय रोग, किडनी जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज कर रहे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की स्वास्थ्य सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। IMA ने सरकार से आयुष्मान योजना के लिए बजट को मौजूदा 800 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2000 करोड़ रुपये करने की मांग की है, ताकि भविष्य में बकाया भुगतान जैसी समस्या दोबारा न आए। दूसरी ओर हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री ने इस विवाद में हस्तक्षेप करते हुए आश्वासन दिया है कि सरकार जल्द से जल्द बकाया राशि का भुगतान करेगी और योजना को बिना बाधा के जारी रखा जाएगा।