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भोपाल गैस त्रासदी: गंभीर बीमार पीड़ितों की अनदेखी पर अब हाईकोर्ट करेगा सुनवाई

भोपाल  भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े एक अहम मामले की अब सुनवाई मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में होने जा रही है। यूनियन कार्बाइड गैस लीक से प्रभावित हजारों लोगों को गलत तरीके से मामूली चोट या अस्थायी विकलांगता बता कर मुआवजा कम दिए जाने का आरोप है। पीड़ित संगठनों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में की गई। अपील के बाद अब यह मामला जबलपुर हाईकोर्ट पहुंचा है। यहां इसकी सुनवाई 11 अगस्त को होगी। गंभीर पीड़ितों को मामूली घायल बताकर मुआवजा घटा भोपाल गैस पीड़ित महिला-पुरुष संघर्ष मोर्चा समेत कई संगठनों ने आरोप लगाया है कि हजारों पीड़ितों को, जिनकी सेहत पर गैस रिसाव का गहरा असर हुआ था, उन्हें जानबूझकर अस्थायी विकलांगता या मामूली चोट की श्रेणी में डाल दिया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि उन्हें नाममात्र का मुआवजा मिला। इससे न तो उनका इलाज ठीक से हो पाया और न ही वे अपनी पीड़ा के लिए न्याय पा सके। सुप्रीम कोर्ट ने कहा – हाईकोर्ट तय करे मामला पीड़ितों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। याचिका में मांग की गई थी कि केंद्र सरकार यह जांच कराए कि किन पीड़ितों को गलत तरीके से वर्गीकृत किया गया है। उन्हें उचित मुआवजे की श्रेणी में रखा जाए ताकि उनका इलाज और पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने कहा था कि हाईकोर्ट इस मुद्दे का फैसला तथ्यों के आधार पर करे। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि पीड़ितों को अपनी बात रखने का उचित मंच मिलना चाहिए। भोपाल गैस त्रासदी पीड़ित मुआवजा मामले पर एक नजर… भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े मामले की सुनवाई अब 11 अगस्त को जबलपुर हाईकोर्ट में होगी, जिसमें पीड़ितों को कम मुआवजा दिए जाने के आरोपों की जांच की जाएगी। गैस लीक से गंभीर रूप से प्रभावित लोगों को जानबूझकर मामूली चोट या अस्थायी विकलांगता की श्रेणी में डालकर उन्हें कम मुआवजा दिया गया, जिससे उनका इलाज और पुनर्वास प्रभावित हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच हाईकोर्ट को सौंपते हुए कहा कि पीड़ितों को न्याय पाने का उचित मंच मिलना चाहिए और उचित मुआवजा मिलना चाहिए। पीड़ित संगठनों का आरोप है कि कैंसर, किडनी फेलियर जैसे गंभीर मामलों वाले लोगों को भी मामूली चोट का शिकार बताया गया, जबकि उन्हें स्थायी विकलांगता की श्रेणी में होना चाहिए था। पीड़ित संगठनों ने सरकार की चूक और सिस्टम की बेरुखी को उजागर किया, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में मुआवजा अपर्याप्त होने पर जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर डाली थी। आज 6 अगस्त को यह मामला जबलपुर हाईकोर्ट की मुख्य पीठ में लिस्ट हुआ था, लेकिन चीफ जस्टिस की बेंच अनुपलब्ध होने के कारण जस्टिस अतुल श्रीधर की डिविजनल बेंच ने इसे अगली सुनवाई के लिए 11 अगस्त की तारीख दे दी है। अब इसी दिन यह तय होगा कि आगे केस की सुनवाई कैसे चलेगी। कैंसर और किडनी फेलियर के मरीज भी गिनाए गए मामूली पीड़ितों में! पीड़ित संगठनों ने अदालत को बताया कि उनके पास ऐसे दर्जनों मामलों के प्रमाण हैं। इनमें मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस के कारण कैंसर, किडनी फेलियर और अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को भी मामूली या अस्थायी चोट का पीड़ित बताया गया है। उनका कहना है कि इन्हें स्थायी विकलांगता की श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए था।   सरकार की चूक, सिस्टम की बेरुखी याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि जुलाई 2023 में जब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की सुधारात्मक याचिकाएं खारिज की थीं, तो यह स्पष्ट कर दिया गया था कि यदि मुआवजा अपर्याप्त है, तो इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की ही होगी। पीड़ित अब इस नई कानूनी लड़ाई में उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें देर से ही सही, लेकिन न्याय जरूर मिलेगा।

यूपी में बढ़ी कांग्रेस की हलचल, 8 से शुरू होगी ‘जय हिंद यात्रा’

लखनऊ  भाजपा के घर-घर तिरंगा अभियान के बीच कांग्रेस ने जय हिंद यात्रा निकालने का फैसला किया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में भी पार्टी अपनी सक्रियता बढ़ाएगी। प्रदेश में ब्लाक स्तर पर जाने की तैयारी में लगी कांग्रेस ने अगस्त महीने को कैश कराने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। कांग्रेस स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करते हुए अपने पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास करेगी। जय हिंद यात्रा की शुरुआत आठ अगस्त को लखनऊ में काकोरी के शहीद स्मारक से होगी। पार्टी मुख्यालय में गुरुवार को प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय जोनल समन्वयकों के साथ संगठन सृजन को लेकर बैठक करेंगे।   उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि अगस्त का महीना क्रांतिकारियों का महीना है। हमारे नेता महात्मा गांधी ने आठ अगस्त 1942 को अंग्रेजों भारत छोड़ो की घोषणा की थी। प्रदेश कांग्रेस आठ अगस्त को काकोरी स्थित शहीद स्मारक पर तिरंगा लहराने के साथ ही जय हिंद यात्रा की शुरुआत करेगी। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि 28 अगस्त तक 16 जिलों में जय हिंद यात्रा निकाली जाएगी। राय ने अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने पर भाजपा नेताओं के लोगों को स्वदेशी अपनाने का संकल्प दिलाने व बाढ़ के मुद्दे को लेकर सवाल भी उठाए। राय ने कहा कि आठ अगस्त, 1942 को महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ का नारा देकर अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत की थी। प्रदेश कांग्रेस हर वर्ष की तरह इस बार भी अगस्त माह में स्वतंत्रता सेनानियों व देश के लिए प्राणों की आहुति देने वाले बलिदानियों को नमन करेगी। लखनऊ से अभियान की शुरूआत के बाद नौ अगस्त को प्रयागराज, 10 अगस्त को आगरा व मुरादाबाद, 11 अगस्त को अयोध्या, 12 अगस्त को आजमगढ़, 14 अगस्त को मैनपुरी, 15 अगस्त को मऊ, 16 अगस्त को चंदौली व जौनपुर, 17 अगस्त को वाराणसी, 18 अगस्त को गाजीपुर व सीतापुर, 19 अगस्त को बलिया, 23 अगस्त को गोरखपुर व 28 अगस्त सैय्यद राजा चंदौली में जय हिंद यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा में वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे। राय ने स्वदेशी व बाढ़ के मुद्दे पर भाजपा पर हमला भी बोला। अजय राय ने कहा कि घर-घर तिरंगा फहराने की बात करने वाली भाजपा अमेरिका के ट्रैरिफ बढ़ाने पर अब स्वदेशी अपनाने की बात कह रही है। राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर अन्य बड़े नेता जनता को स्वदेशी अपनाने का संकल्प दिला रहे हैं। खुद प्रधानमंत्री विदेशी ब्रांड का चश्मा पहनते हैं। योगी व उनके मंत्री विदेशी कंपनियों की गाड़ियों से चलते हैं। आरोप लगाया कि भाजपा की आइटी टीम चीनी के बने कंप्यूटर व मोबाइल फोन इस्तेमाल करती है। चीन से व्यापार में भारत का घाटा 100 बिलियन डालर तक पहुंच गया है। प्रदेश में बाढ़ पीड़ितों को राहत नहीं पहुंचाई जा रही है। भाजपा के नेताओं ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अंग्रेजों का साथ दिया था। अब भाजपा भारत माता के सपूत बनने का नाटक करती है। अजय राय ने आरोप लगाया कि भाजपा के आइटी सेक्टर में चीन के बने कंप्यूटर व मोबाइल फोन इस्तेमाल हो रहा है। चीन के साथ व्यापार 100 बिलियन डालर का है और भाजपा देश को ठगने का काम कर रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस ने भाजपा के तिरंगा यात्रा के जवाब में प्रदेश में जय हिंद निकालने की योजना बना ली है। इस यात्रा में कांग्रेस के बड़े नेता भी शामिल होंगे।

एनीमिया मुक्त भारत की ओर कदम, दंतेवाड़ा में स्वास्थ्य मंत्री ने किया रथ का शुभारंभ

रायपुर, प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बुधवार को दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय स्थित कलेक्टरेट परिसर से “एनीमिया मुक्त रथ” को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। यह रथ जिले में एनीमिया की रोकथाम एवं जन जागरूकता के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है, जो ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जाकर लोगों को एनीमिया के लक्षण, कारण, बचाव एवं उपचार की जानकारी देगा। इस अवसर पर अध्यक्ष सीजीएमएससी दीपक महस्के, विधायक चैतराम अटामी, जिला पंचायत अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी, स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया, आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं प्रियंका शुक्ला, कलेक्टर कुणाल दुदावत, जिला पंचायत सीईओ जयंत नाहटा तथा स्वास्थ्य एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाने पर चर्चा, मंत्री परमार ने की बैठक की अगुवाई

भोपाल  उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार की अध्यक्षता में बुधवार को विधानसभा स्थित समिति कक्ष में तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक हुई। बैठक में विधायक सर्वश्री हरिबब्बू राय, इंजीनियर श्री नरेंद्र प्रजापति, श्री अशोक रोहाणी, डॉ तेज बहादुर चौहान, डॉ राजेंद्र पाण्डेय (राजू भैया), प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार श्री मनीष सिंह, संचालक कौशल विकास श्री गिरीश शर्मा और आयुक्त तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार श्री अवधेश शर्मा सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में शासकीय योजनाओं, गतिविधियों एवं कार्यक्रमों के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं कार्यक्रमों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करने के सुझाव विधायकों ने दिये। विधायकों ने स्थानीय उद्योग जगत की मांग एवं स्थानीय रोजगार की संभावनाओं के अनुरूप संस्थान एवं पाठ्क्रमों के संचालन के सम्बन्ध में भी महत्वपूर्ण परामर्श दिए। इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक एवं आईटीआई संस्थानों में अधिकाधिक सीट भरने के लिए आवश्यक सुझाव भी विधायकों ने दिए। तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री परमार ने विधायकगणों से प्राप्त विभिन्न सुझावों के अनुरूप आवश्यक कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वयन के लिए सम्बंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में पिछली बैठक का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक एवं आईटीआई महाविद्यालयों में प्रवेश का अद्यतन परिदृश्य, तकनीकी शिक्षा, कौशल एवं रोजगार संचालनालय अंतर्गत संचालित विभिन्न शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं ग्लोबल स्किल्स पार्क की गतिविधियों, संस्थान एवं पाठ्यक्रम, विभिन्न छात्रवृत्ति, पदपूर्ति की प्रकिया एवं भर्तियों की अद्यतन स्थिति, विभागीय कार्यों एवं नवाचारों पर क्रियान्वयन, संकल्प पत्र के अनुरूप विभागीय क्रियान्वयन की प्रगति, विभिन्न बोर्ड अंतर्गत संचालित योजनाओं, विभिन्न इंटर्नशिप योजनाओं, स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन, रोजगार मेला एवं विद्यार्थियों के अध्ययन-अध्यापन और रोजगार से जुड़े विविध विषयों पर सार्थक चर्चा हुई। स्थानीय एवं उद्योग जगत की मांग एवं आवश्यकतानुरूप संस्थान एवं पाठ्यक्रमों पर भी विस्तृत चर्चा की गई।  

पाकिस्तान में मानसून की मार, जनजीवन अस्त-व्यस्त, बाढ़ को लेकर रेड अलर्ट

नई दिल्ली पाकिस्तान में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने कई क्षेत्रों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है। ये चेतावनी ऐसे समय में जारी की गई है जब 5 से 8 अगस्त तक पाकिस्तान के ऊपरी और मध्य भागों में तीव्र मानसून के प्रभाव की आशंका है। इसके अलावा उत्तरी पाकिस्तान पर मानसूनी धाराओं और पश्चिमी द्रोणिका के प्रभाव से भारी बारिश होने की संभावना है। भारी बारिश के कारण पाकिस्तान में बाढ़ का अलर्ट भारी बारिश की वजह से सिंधु, चिनाब और रावी सहित पाकिस्तान की सभी प्रमुख नदियों में जल स्तर बढ़ने की संभावना है, जबकि रावी और चिनाब की सहायक नदियों में बाढ़ की संभावना जताई गई है। दूसरी तरफ, तरबेला, गुड्डू और सुक्कुर बैराज में बाढ़ फिलहाल निम्न स्तर पर है, लेकिन लगातार बारिश चश्मा और ताउंसा को भी निम्न बाढ़ स्तर की ओर धकेल सकती है। इसके अलावा, नौशेरा में काबुल नदी, स्वात नदी और पंजकोरा और उनसे जुड़ी धाराओं और नालों में लगातार बारिश के कारण जल स्तर में वृद्धि देखी जा सकती है। बारिश से बढ़ सकता है बाधों का जल स्तर मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में, हुंजा, शिगर और घांचे जिलों में जलधाराओं के नेटवर्क में पानी का प्रवाह सहायक नदियों के साथ संभावित बाढ़ का कारण बन सकता है। साथ ही बांधों में मौजूदा भंडारण से संकेत मिलता है कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में तरबेला जलाशय 94% पर है और भारी बारिश के कारण इसका जल स्तर बढ़ने की संभावना है। एनडीएमए लोगों के सतर्क रहने की चेतावनी दी एनडीएमए ने नदियों और नालों के पास रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा है, क्योंकि रात में भारी बारिश के कारण अचानक जल स्तर बढ़ सकता है। बारिश के कारण अबतक कितना नुकसान? एनडीएमए की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 26 जून से अब तक मूसलाधार मानसूनी बारिश के कारण 140 बच्चों सहित कम से कम 299 लोगों की जान चली गई और 715 अन्य घायल हो गए। रिपोर्ट की मानें तो बारिश के कारण होने वाली घटनाओं में 715 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 239 बच्चे, 204 महिलाएं और 272 पुरुष शामिल हैं। अबतक, अचानक आई बाढ़ और भारी बारिश के कारण कुल 1,676 घर क्षतिग्रस्त हो गए और 428 जानवर मारे गए। इस बाढ़ के कारण कई क्षेत्रों में व्यापक विनाश हुआ है और स्थानीय समुदायों को भारी नुकसान पहुंचा है।

मलेरिया एवं एनीमिया उन्मूलन अभियानों के सफल क्रियान्वयन के लिए विभागीय प्रयासों के साथ-साथ सामुदायिक सहभागिता भी जरूरी: स्वास्थ्य मंत्री

रायपुर, प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बुधवार को दंतेवाड़ा  जिला मुख्यालय स्थित कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक ली। बैठक की शुरुआत में उन्होंने मलेरिया मुक्त अभियान पर विशेष जोर देते हुए कहा कि बस्तर संभाग में मलेरिया नियंत्रण के प्रयासों को और अधिक सघन एवं क्षेत्रीय डाटा आधारित बनाना जरूरी है। मंत्री ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और सिविल सर्जनों को निर्देश दिया कि वे अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि मलेरिया उन्मूलन के लिए छोटी-छोटी बातों पर भी गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि यही सतर्कताएं मिलकर बड़े परिणाम देती हैं। मंत्री श्री जायसवाल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि डीडीटी का छिड़काव स्कूलों, आंगनवाडि़यों, आश्रम शालाओं एवं पोटाकेबिनों में मिशन मोड में किया जाए, ताकि मलेरिया की रोकथाम प्रभावी ढंग से हो सके। साथ ही, सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे मच्छरदानी के उपयोग को लेकर अधिक से अधिक जन जागरूकता फैलाएं। बैठक के दौरान मंत्री ने पारंपरिक उपायों की चर्चा करते हुए कहा कि गांवों में नीम की पत्तियों और गोबर के कंडे जलाकर मच्छरों को भगाने की परंपरा रही है, जिसे भी अपनाया जा सकता है। उन्होंने इन उपायों को भी समुदाय में पुनर्जीवित करने की बात कही। स्वास्थ्य मंत्री ने चिरायु कार्यक्रम के संदर्भ में कहा कि स्वास्थ्य विभाग के मैदानी चिकित्सा कर्मचारियों कार्यकर्ताओं की कार्यक्षमता का सही उपयोग सुनिश्चित करें। सभी स्वास्थ्य अभियानों में अन्य विभाग के समन्वय के साथ-साथ अधिकारियों जनप्रतिनिधियों आमजनों की भागीदारी भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि बस्तर जैसे अंचल में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदाय किया जाना एक सही मायने में स्वयं के लिए उपलब्धि है। चूंकि चिकित्सकीय पेशा  को ईश्वरीय दर्जा दिया जाता है। अतः इसी सिद्धांत को सर्वोपरि रख कर हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम उत्तम से उत्तम जनसेवा कर इसे सार्थक बनाये। फिर चाहे वह राज्य एवं केन्द्र सरकार की मलेरिया, एनीमिया, क्षय रोग, उन्मूलन योजना, मातृ शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम, आरोग्य मेला जैसे अभियान हो हर अभियान को मिशन मोड में पूरा करें। ताकि स्वास्थ्य संबंधित गुणवत्ता सेवा में हमारा प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी हो। बैठक में स्वास्थ्य सचिव श्री अमित कटारिया एवं आयुक्त सह संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला द्वारा बस्तर संभाग के कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा जिलों में संचालित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रदर्शन पर समीक्षा करते हुए मंत्री जी को अवगत कराया गया। ये जानकारी दी गई कि राज्य शासन द्वारा स्वास्थ्य संबंधी सभी कार्यक्रमों की क्रियान्वयन की लगातार मॉनिटरिंग की जाती है साथ ही इसके क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की समस्याओं दिक्कतों पर तुरंत कार्यवाही की जाती है। इस दौरान कहा गया कि शासन का उद्देश्य है कि मलेरिया को पूरी तरह समाप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि यह तभी संभव है जब जिला, विकासखंड और ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य अमला पूरी सक्रियता के साथ कार्य करे।   मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और खंड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे स्वयं फील्ड में जाकर मलेरिया अभियान की निगरानी करें। आरडी किट से जांच के दौरान यदि कोई व्यक्ति मलेरिया पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसे दवा की पूरी खुराक दी जाए। साथ ही मितानिनों द्वारा दी गई दवाओं का रैफर जमा किया जाए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि मरीज ने दवा पूरी कर ली है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “मलेरिया से किसी भी स्थिति में मृत्यु नहीं होनी चाहिए। इस दौरान बैठक में अध्यक्ष सीजीएमएससी श्री दीपक महस्के, विधायक श्री चैतराम अटामी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नंदलाल मुड़ामी, कलेक्टर कुणाल दादावत, संचालक महामारी नियंत्रण श्री एसके पाम्भोेई, जिला पंचायत सीईओ श्री जयंत नाहटा तथा स्वास्थ्य एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

CM योगी का बड़ा एक्शन प्लान: मंडलवार संवाद से खत्म होगी अफसरशाही की मनमानी

लखनऊ  उत्तर प्रदेश में जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों के बीच लगातार बढ़ रही खटपट अब सरकार के लिए सिरदर्द बन गई है। विधायकों और मंत्रियों की शिकायतों के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'मंडलवार संवाद' नामक नई पहल की शुरुआत की है। इस पहल के जरिए जनप्रतिनिधियों और अफसरों को एक मंच पर लाकर समन्वय स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। पिछले कुछ महीनों में कई मंत्री और विधायक अधिकारियों की मनमानी और असहयोग रवैये के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं। ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा और राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला जैसे कई नेताओं ने सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जताई है। दो साल से चल रहा था विवाद, अब सामने आए खुलकर आरोप सूत्रों के अनुसार, पिछले दो वर्षों से विधायकों और अधिकारियों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई थी। अब, 2026 में होने वाले पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए ये विवाद सतह पर आ गया है। भाजपा के एक विधायक का कहना है, “हम जनता के प्रति जवाबदेह हैं, लेकिन अधिकारी हमारी बात सुनने को तैयार नहीं।” अधिकारियों की सफाई: जनप्रतिनिधि डालते हैं अनुचित दबाव दूसरी ओर, सचिवालय कर्मचारी संघ के सदस्य और कई अधिकारी यह कहते नजर आ रहे हैं कि जनप्रतिनिधि अक्सर नियमों से परे जाकर दबाव बनाते हैं। मुख्यमंत्री ने पहले ही अधिकारियों से कहा था कि वे बेवजह के दबाव में आए बिना काम करें। CM ने दी कड़ी हिदायतें, डीएम-एसडीएम के हुए तबादले सीएम योगी ने मंत्रियों और विधायकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए संबंधित जिलों में अफसरों के तबादले किए हैं। मंत्री प्रतिभा शुक्ला के अनुसार, “योगी जी ने हमारी बात सुनी और संबंधित अफसरों को बदला गया। उम्मीद है अब चीजें सुधरेंगी।” अधिकारियों ने फोन उठाना हंद कर दिया…ऊर्जा मंत्री खुलेआम जता चुके हैं नाराजगी गौरतलब है कि हाल ही में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने अपने कार्यालय के एक्स अकाउंट पर लिखा था- 'अधिकारियों ने फोन उठाना पूरी तरह से बंद कर दिया है। स्थिति पहले से ही खराब थी, और अब यह और भी बदतर हो गई है।' शर्मा ने अपनी बात रखने के लिए बिजली उपभोक्ता और विभाग के एक अधिकारी के बीच बातचीत का एक ऑडियो क्लिप अपलोड किया। मंत्री गोपाल गुप्‍ता नंदी ने CM योगी को लिखी थी चिट्ठी वहीं बुनियादी ढांचा और उद्योग मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी द्वारा मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र वायरल हो गया था। इसमें उन्होंने अपने विभाग के अधिकारियों पर दो वर्षों से अधिक समय से निर्देशों का पालन नहीं करने के साथ-साथ मनमाने ढंग से काम करने और कुछ के प्रति तरजीही व्यवहार दिखाने का आरोप लगाया था।

कल प्रत्येक लाड़ली बहना के खाते में आएंगे 1500 रूपये

राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ में होगा राज्यस्तरीय कार्यक्रम भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत् गुरूवार 07 अगस्त को राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ से प्रदेश की 1 करोड़ 26 लाख 89 हजार 823 लाड़ली बहनों के खातों में 1 हजार 859 करोड़ 1 लाख 32 हजार 350 रूपये की राशि का अंतरण करेंगे। इस बार लाड़ली बहनों को नियमित किश्त 1250 रूपये के अतिरिक्त रक्षाबंधन के शगुन के रूप में 250 रूपये भी दिये जाएंगे। इस प्रकार प्रत्येक लाड़ली बहना को रक्षाबंधन के पूर्व 1500 रूपये मिलेंगे। लाड़ली बहना योजना वर्ष 2023 से प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का मूल उद्देश्य महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण, उनके स्वास्थ्य और पोषण स्तर में सुधार और पारिवारिक निर्णयों में उनकी भूमिका को मजबूत करना है। योजना की पात्र महिलाएं (21 से 59 वर्ष आयु वर्ग की विवाहित, विधवा, तलाकशुदा एवं परित्याक्ता महिलाएं) को प्रतिमाह 1250 रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इस योजना में वित्त वर्ष 2025-26 में जुलाई 2025 तक 6198.88 करोड़ की राशि का व्यय किया गया है। 28 लाख से अधिक बहनों को 43.90 करोड़ रूपये की सहायता मुख्यमंत्री डॉ. यादव नरसिंहगढ़ में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के एलपीजी कनेक्शनधारी उपभोक्ताओं और गैर श्रेणी के अंतर्गत पंजीकृत लाड़ली बहनों और विशेष पिछड़ी जनजाति की आर्थिक सहायता योजना अंतर्गत पंजीकृत महिलाओं को गैस रिफिल की राशि भी प्रदाय करेंगे। योजना के तहत् मुख्यमंत्री डॉ. यादव 28 लाख से अधिक बहनों को गैस सिलेण्डर रिफिलिंग के लिये 43.90 करोड़ रूपये की सहायता राशि का सिंगल क्लिक से अंतरण करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव नरसिंहगढ़ में होने वाले रोड-शो में भी शामिल होंगे।  

एनटीपीसी में सुरक्षा पर सवाल: हादसे में मजदूर की मौत, चार की हालत नाजुक

बिलासपुर सीपत स्थित एनटीपीसी प्लांट में बुधवार को एक बड़ा हादसा हो गया। इस घटना में 5 मजदुर गंभीर रुप से घायल हो गए है। हादसे के बाद सभी मजदुरों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनमें से एक की इलाज के दौरान मौत हो गई है। हादसे के बाद एनटीपीसी में अपना तफरी का माहौल बन गया था। हालांकि, पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और हालात पर काबू पाया। मामला सीपत थाना क्षेत्र का है। शुरूआती जानकारी के मुताबिक, प्लांट के यूनिट-5 में चल रहे एनुअल मेंटेनेंस कार्य के दौरान प्री-एयर हीटर प्लेटफॉर्म अचानक टूट गया, जिससे वहां काम कर रहे मजदूर नीचे गिर पड़े। इस हादसे में कुल 5 मजदूर घायल हुए हैं। इनमें से 3 मजदूरों का इलाज एनटीपीसी के अस्पताल में जारी है, जबकि गंभीर रूप से घायल 2 मजदूरों को बिलासपुर के सिम्स अस्पताल लाया गया। इलाज के दौरान इनमें से एक मजदूर श्याम साहू की मौत हो गई, जो सीपत के पोड़ी इलाके का रहने वाला था। हादसे की वजह और मेंटेनेंस में हुई लापरवाही की जांच की जा रही है। स्थानीय लोगों और मजदूर संगठनों ने इस हादसे पर गहरी नाराज़गी जताई है और एनटीपीसी प्रबंधन से जवाब मांगा है। कई घंटे बीत जाने के बाद भी NTPC प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। न ही घायलों और मृतकों की संख्या को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी सामने आई है।

क्या ट्रंप की नीति से अमेरिका खुद फंसेगा जाल में? भारत नहीं, खुद पर पड़ेगा असर

नई दिल्ली प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की सदस्य शामिका रवि ने कहा है कि अमेरिका की तरफ से टैरिफ में किसी भी तरह की वृद्धि का बोझ कम आया वाले अमेरिकी परिवारों पर पड़ेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि भारत एक अच्छा व्यापारिक साझेदार नहीं रहा। उन्होंने एलान किया कि वह अगले 24 घंटों में भारत पर टैरिफ में काफी वृद्धि करेंगे। ट्रंप का टैरिफ वास्तव में वैश्विक बाजारों में उपलब्ध सस्ते सामानों पर एक कर है, जिसका बोझ कम आय वाले अमेरिकी परिवारों पर पड़ेगा। रवि ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'ये टैरिफ अंतत: कम आय वाले अमेरिकी परिवारों से वहां की सरकार को हस्तांतरित होते हैं।'   भारत पर 25 फीसदी टैरिफ एक अगस्त को ट्रंप ने पारस्परिक टैरिफ दरों में संशोधन शीर्षक से एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें भारत के लिए 25 प्रतिशत की भारी वृद्धि सहित पांच दर्जन से अधिक देशों के लिए टैरिफ बढ़ा दिया गया था। हालांकि, कार्यकारी आदेश में उस जुर्माने का उल्लेख नहीं था, जो ट्रंप ने कहा था कि भारत को रूसी सैन्य उपकरण और ऊर्जा की खरीद के कारण चुकाना होगा। पिछले हफ्ते, ट्रंप ने भारत और रूस के घनिष्ठ संबंधों पर तीखा हमला करते हुए दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मृत बताया था। इस टिप्पणी ने नई दिल्ली को यह कहने के लिए प्रेरित किया कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है भारत की जीडीपी पर नहीं पड़ेगा असर     उद्योग संगठन पीएचडीसीसीआई के एक अध्ययन के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर घोषित 25 प्रतिशत टैरिफ का देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर प्रभाव नगण्य रहेगा। संगठन ने कहा कि इसकी वजह यह है कि इससे अमेरिका को केवल 8.1 अरब डॉलर का निर्यात प्रभावित होगा। अमेरिका द्वारा घोषित टैरिफ गुरुवार से प्रभावी होने की संभावना है।     पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) द्वारा जारी इस शोध पत्र में अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए कई उपायों की भी सिफारिश की गई है। पीएचडीसीसीआई के प्रेसिडेंट हेमंत जैन ने कहा, 'हमारा विश्लेषण दर्शाता है कि अमेरिका द्वारा भारत पर घोषित 25 प्रतिशत टैरिफ के परिणामस्वरूप भारत के कुल वैश्विक व्यापारिक निर्यात पर केवल 1.87 प्रतिशत और भारत के सकल घरेलू उत्पाद पर बहुत मामूली 0.19 प्रतिशत का प्रभाव पड़ेगा।'     अध्ययन में कहा गया है कि 2024-25 में भारत ने अमेरिका को 86.5 अरब डॉलर (भारत के कुल वैश्विक निर्यात का 1.87 प्रतिशत) का निर्यात किया था और जिस तरह के टैरिफ का एलान किया गया है, उससे 8.1 अरब डॉलर का निर्यात प्रभावित होगा। टैरिफ का असर जिन सेक्टर के निर्यात पर पड़ेगा, उसमें इंजीनियरिंग सामान पर 1.8 अरब डॉलर का, रत्न एवं आभूषण पर 93.2 करोड़ डॉलर का और सिले-सिलाए कपड़ों पर 50 करोड़ डॉलर का असर पड़ेगा।