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एशिया कप 2025 के लिए अफगानिस्तान की स्क्वॉड जारी, स्टार खिलाड़ियों की वापसी

नई दिल्ली एशिया कप 2025 के लिए अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी एसीबी ने अपनी 22 सदस्यीय प्रिलिमनरी टीम का ऐलान कर दिया है। इन्हीं में से फाइनल 15 का चयन होगा। अफगानिस्तान की टीम को एशिया कप से पहले टी20 ट्राई सीरीज भी खेलनी है। इसके लिए भी ये टीम चुनी गई है। राशिद खान को टीम की कप्तानी मिली है। वहीं, रहमनुल्लाह गुरबाज को वाइस कैप्टन चुना गया है। एशिया कप अगले महीने से खेला जाना है, जबकि ट्राई सीरीज अफगानिस्तान को इसी महीने खेलनी है। पाकिस्तान और यूएई के के साथ अफगानिस्तान को टी20 ट्राई सीरीज खेलनी है। हालांकि, इससे पहले अफगानिस्तान की ये 22 सदस्यीय टीम यूएई में दो सप्ताह ट्रेनिंग कैंप में भाग लेगी। ये एशिया कप की तैयारी का एक हिस्सा भी है। इस कैंप के बाद एशिया कप और त्रिकोणीय सीरीज के लिए टीम को 15 खिलाड़ियों तक सीमित कर दिया जाएगा। अफगानिस्तान की टीम एशिया कप 2025 के ग्रुप बी में है, जिसमें उनके साथ हॉन्ग कॉन्ग, बांग्लादेश और श्रीलंका की टीम है। अफगानिस्तान को एशिया कप में अपने सभी मुकाबले अबू धाबी में खेलने हैं। 9 सितंबर को हॉन्ग कॉन्ग, 16 सितंबर को बांग्लादेश और 18 सितंबर को श्रीलंका से अफगानिस्तान को ग्रुप स्टेज के मैचों में भिड़ना है। स्पिन हैवी साइड अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने चुनी है, क्योंकि यूएई में स्पिनरों को अच्छी खासी मदद मिलती है। राशिद खान और गुरबाज के साथ-साथ मोहम्मद नबी भी टीम का हिस्सा हैं और स्पिन की दुनिया में कमाल करते आ रहे अल्लाह गजनफर और नूर अहमद भी टीम का हिस्सा हैं। अफगानिस्तान की प्रारंभिक टीम राशिद खान (कप्तान), रहमानुल्लाह गुरबाज (विकेटकीपर), सेदिकुल्लाह अटल, वफीउल्लाह तारखिल, इब्राहिम जादरान, दरविश रसूली, मोहम्मद इशाक, मोहम्मद नबी, नांग्याल खरोती, शराफुद्दीन अशरफ, करीम जनत, अजमतुल्लाह उमरजई, गुलबदीन नायब, मुजीब जादरान, अल्लाह गजनफर, नूर अहमद, फजलहक फारूकी, नवीन उल हक, फरीद मलिक, सलीम सफी, अब्दुल्ला अहमदजई और बशीर अहमद  

उद्योगों को बढ़ावा: यूपी में फुटवियर यूनिट्स को ज़मीन, बिजली और पूंजी पर बड़ी छूट

लखनऊ योगी सरकार ने फुटवियर और लेदर इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए पहली बार “यूपी फुटवियर नीति” तैयार की है। इस नीति के तहत ज़मीन, बिजली और पूंजी निवेश पर भारी छूट दी जाएगी। 150-200 करोड़ तक के निवेश पर कंपनियों को 30-50% पूंजी सब्सिडी मिलेगी। बुलंदशहर व अन्य ज़िलों में ज़मीन पर 35%, बिजली दरों पर 50% तक छूट दी जाएगी। मशीनरी पर GST की आंशिक वापसी होगी और 200 नए औद्योगिक क्लस्टर विकसित होंगे। 700 करोड़ से अधिक निवेश सीएम योगी ने यह सुझाव दिया कि यदि डिजाइन, अनुसंधान, उत्पादन के साथ-साथ प्रशिक्षण को एकीकृत किया जाए तो यह क्षेत्र न केवल बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित कर सकता है। सरकार का लक्ष्य 10 लाख से अधिक रोजगार उपलब्ध कराना है। 700 करोड़ से अधिक निवेश और यूपी को फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है। योगी ने फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स जैसी अधोसंरचना सुविधाओं की स्थापना की आवश्यकता पर बल दिया है। विशेष प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए सीएम योगी ने कहा कि इस नीति के तहत न केवल लेदर और नॉन-लेदर फुटवियर निर्माण इकाइयों को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि मशीनरी निर्माण, विशेष रूप से चमड़ा सिलाई, कटिंग, मोल्डिंग और नॉन-लेदर सेफ्टी शूज़ बनाने वाली तकनीकों से संबंधित इकाइयों को भी समर्थन मिलना चाहिए। हील्स, थ्रेड्स, टैग्स, इनसोल, लेस, केमिकल्स,लेबल्स के निर्माण को भी विशेष प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।

भारतीय सर्राफा बाजार में सोने की कीमत में भारी उछाल, 22 कैरेट गोल्ड का रेट भी 1 लाख के पार

मुंबई  भारतीय सर्राफा बाजार में आज (बुधवार), 6 अगस्त को सोना-चांदी की कीमतों में उछाल देखने को मिला है. 24 कैरेट का 10 ग्राम शुद्ध सोना 98 हजार रुपये के पार है तो वहीं, 999 शुद्धता वाली चांदी की कीमत 1 लाख 13 हजार रुपये किलो से अधिक है. आज क्या है सोने का रेट? इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की आधिकारिक वेबसाइट ibjarates.com के अनुसार, सर्राफा बाजार में 6 अगस्त 2025 की सुबह 999 शुद्धता वाले 24 कैरेट सोने का रेट 100672 रुपये प्रति 10 ग्राम जबकि 999 शुद्धता वाली चांदी की कीमत 113576 रुपये प्रति किलो है.

प्रशासनिक कार्यों को नई रफ्तार, PM मोदी ने किया कर्तव्य भवन-3 का शुभारंभ

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर नवनिर्मित कर्तव्य भवन का उद्घाटन किया। विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक साथ लाकर कर्तव्य भवन में शिफ्ट किया जाएगा जिससे दक्षता, नवाचार और सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। इसमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय/विभाग और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के कार्यालय होंगे। सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत केंद्रीय मंत्रालयों व विभागों के लिए ऐसे कुल 10 भवनों का निर्माण होना है। इनमें से कर्तव्य भवन-3 बनकर तैयार हो गया है, इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। साथ ही वह शाम छह बजे कर्तव्य पथ पर एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे। परियोजना पूरी होने के बाद किराये के तौर पर खर्च होने वाले 1500 करोड़ रुपये की बचत होगी। कर्तव्य भवन में क्या है खास लगभग 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले इस अत्याधुनिक कार्यालय परिसर में दो बेसमेंट और सात मंजिलें (भूतल+6 मंजिल) हैं। वर्तमान में, कई प्रमुख मंत्रालय 1950 और 1970 के दशक के बीच निर्मित शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन जैसी पुरानी इमारतों से काम करते हैं, जो 1950-70 के दशक में बनाई गई थीं।  भवन में सुरक्षित और आईटी-सक्षम कार्यस्थल, स्मार्ट एंट्री सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और कमांड सेंटर, सोलर पैनल, सौर वॉटर हीटर और ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन जैसी सुविधाएं हैं। यह पर्यावरण के अनुकूल निर्माण को भी बढ़ावा देता है, जिसमें अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग, ठोस कचरा प्रबंधन प्रणाली शामिल हैं। इमारत को ठंडा रखने और बाहरी ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए इसमें कांच की विशेष खिड़कियां लगाई गई हैं। 30 फीसदी कम ऊर्जा का खपत कर्तव्य भवन को 30 प्रतिशत कम ऊर्जा खपत के लिए तैयार किया गया है। ऊर्जा की बचत करने वाली एलईडी लाइटें, जरूरत न होने पर लाइटें बंद करने वाले सेंसर, बिजली बचाने वाली स्मार्ट लिफ्ट्स और बिजली के उपयोग को प्रबंधित करने की एक उन्नत प्रणाली लगाई गई है। जल्द ही अन्य भवन भी हो जाएंगे पूरी तरह तैयार शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को नवनिर्मित कर्तव्य भवन-3 के सभागार में पत्रकारों से चर्चा में बताया कि अगले महीने तक कर्तव्य भवन-1 और कर्तव्य भवन-2 भी बनकर तैयार जाएंगे। दोनों का काम लगभग अंतिम चरण में है। प्रस्तावित अन्य सात भवन भी अप्रैल 2027 तक बनकर तैयार हो जाएंगे। इस परियोजना पर करीब 1000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मंत्रालयों के लिए बनाए जा रहे इन भवनों में तकनीक, सुरक्षा व पर्यावरण अनुकूलता का पूरा ख्याल रखा गया है। पूरे भवन की निगरानी के लिए एक कमांड सीसीटीवी सेंटर भी बनाया गया है,जहां से परिसर व अंदर के गलियारों पर पैनी नजर रखी जाएगी। खास बात यह है कि केंद्रीय मंत्रालयों व विभागों के लिए नवनिर्मित इन नए भवनों को पहले कामन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (सीसीएस) नाम दिया गया था। इन कर्तव्य भवनों को मेट्रो लाइन से जोड़ने के लिए इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन से एक नई लाइन बनाने का प्रस्ताव किया गया है। मौजूदा भवन हैं 75 साल पुराने मंत्री खट्टर ने एक सवाल के जवाब में बताया कि मंत्रालयों के नए और अत्याधुनिक भवनों को बनाने की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि जो मौजूदा भवन हैं वह 1950 से 1970 के बीच बनाए गए थे। ये सभी पुराने हो गए है, इनका सालाना रखरखाव काफी महंगा हो गया था। गौरतलब है कि मौजूदा समय में केंद्र सरकार के पास करीब 55 मंत्रालय और 93 विभाग मौजूद है। ये अभी नार्थ और साउथ ब्लाक के साथ कृषि भवन, शास्त्री भवन, उद्योग व निर्माण भवन आदि शामिल है। नार्थ और साउथ ब्लाक होगा पूरा खाली कर्तव्य भवनों के तैयार होते ही नार्थ और साउथ ब्लाक में मौजूद सभी मंत्रालयों को वहां से स्थानांतरित कर दिया जाएगा। दोनों ही ब्लाक को खाली कराकर इनमें भारत संग्रहालय बनाया जाएगा। इस दौरान ढांचे के साथ किसी तरह का छेड़छाड़ किए बगैर इसमें महाभारत काल से लेकर देश के आज तक के इतिहास, कला व संस्कृति आदि को प्रदर्शित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने बताया कि सेंट्रल विस्टा परियोजना का यह काम दिसंबर 2031 तक पूरा कर लिया जाएगा। इनमें ही प्रधानमंत्री के लिए नए आवास व कार्यालय भी बनाए जा रहे है। इसके लिए भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कर्तव्य भवन-3 : एक नजर में ⦁ कुल क्षेत्रफल- 1.50 लाख वर्ग मीटर ⦁ भूतल क्षेत्रफल- 40 हजार वर्ग मीटर ⦁ कुल तल- दो भूतल सहित कुल दस तल ⦁ पार्किंग क्षमता- 600 कारों की ⦁ बैठने की व्यवस्था- वर्क हाल और केबिन ⦁ कॉमन सुविधा- योगा, क्रेच,मेडिकल रूम, कैफे, मल्टीपरपज हॉल ⦁ 24 मुख्य कांफ्रेंस हाल, क्षमता- प्रत्येक में 45 व्यक्तियों के बैठने की ⦁ 26 छोटे कांफ्रेंस हाल, क्षमता-प्रत्येक में 25 व्यक्तियों के बैठने की ⦁ 67 मीटिंग रूम या वर्क हाल, प्रत्येक की क्षमता नौ लोगों की ⦁ लिफ्ट- 27, सेंट्रलाइज एयर कंडीशन, स्वचालित सीढियां- दो जल्द ही टूटेंगे कृषि, उद्योग, निर्माण और शास्त्री भवन सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत जल्द ही कृषि भवन, उद्योग भवन, शास्त्री भवन और निर्माण भवन टूटेंगे। इनमें मौजूद सभी मंत्रालयों को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन दौरान कुछ मंत्रालय अगले दो साल के लिए किराए भवन में भी शिफ्ट हो रहे है। माना जा रहा है कि जैसे ही नए कर्तव्य भवनों का निर्माण होगा, वैसे-वैसे इन सभी मंत्रालयों और विभागों को इनमें शिफ्ट किया जाएगा।  

जडेजा-सुंदर को क्यों घसीटा?’ बेन स्टोक्स पर सचिन ने तोड़ी चुप्पी

नई दिल्ली भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैच की सीरीज का चौथा मुकाबला ही इकलौता ऐसा मैच रहा जिसका कोई परिणाम नहीं निकला। मैनचेस्टर में खेला गया टेस्ट ड्रॉ हुआ था और उसके आखिरी सेशन में 'हैंडशेक कंट्रोवर्सी' की काफी चर्चा रही। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने उस समय मैच को ड्रॉ मानकर जल्दी समाप्त करने की पैंतरेबाजी चली जब रविंद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर दोनों ही अपने-अपने शतक के करीब थे। स्टोक्स ने मैच ड्रॉ की पेशकश करते हुए जडेजा की तरफ हाथ बढ़ाया लेकिन भारतीय ऑलराउंडर ने इससे साफ इनकार कर दिया। इससे चिढ़े स्टोक्स और इंग्लैंड के बाकी खिलाड़ियों ने मजाक उड़ाने के अंदाज में जडेजा पर खूब टिप्पणियां भी की थी और ताना मारे थे। इस मुद्दे पर क्रिकेट जगत की राय बंटी हुई दिखी थी। ज्यादातर पूर्व क्रिकेटरों और एक्सपर्ट्स ने बेन स्टोक्स की हरकत की आलोचना की थी लेकिन डेल स्टेन जैसे कुछ पूर्व क्रिकेटरों ने स्टोक्स का समर्थन किया था। सीरीज खत्म होने पर महान सचिन तेंदुलकर ने भी हैंडशेक कंट्रोवर्सी पर खुलकर अपनी बात रखी है। बेन स्टोक्स ने जिस अंदाज में जडेजा और सुंदर के सामने पेशकश रखी, उसकी तेंदुलकर ने आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह सुंदर और जडेजा का सिरदर्द थोड़े है कि वे इसे सुनिश्चित करें कि पांचवें टेस्ट के लिए इंग्लैंड के गेंदबाजों को भरपूर आराम मिले। सचिन ने भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का रिव्यू किया है। उन्होंने इससे जुड़ा वीडियो रेडिट पर पोस्ट किया है। उसमें वह हैंडशेक कंट्रोवर्सी पर कहते हैं, ‘वॉशिंगटन ने शतक बनाया और जडेजा ने शतक बनाया। यह सही भावना क्यों नहीं है? वे ड्रॉ के लिए खेल रहे थे।’ उन्होंने आगे कहा, ‘सीरीज जीवंत था तो उन्हें क्यों मानना चाहिए (और हाथ मिलाना चाहिए) और इंग्लैंड के गेंदबाजों और फील्डरों को आराम देना चाहिए? अगर इंग्लैंड हैरी ब्रूक को गेंद थमाना चाहता था तो यह बेन स्टोक्स का फैसला था। यह भारत की समस्या नहीं थी। मेरे लिए, यह ठीक था। वे ड्रॉ के लिए खेल रहे थे, अपने शतकों के लिए नहीं। जब वे बल्लेबाजी के लिए आए तब अगर वे आउट हो गए होते तो हम हार सकते थे। जब वे बल्लेबाजी करने आए तब हैरी ब्रूक बोलिंग नहीं कर रहे थे, क्या वह कर रहे थे? इसलिए, पांचवें टेस्ट के लिए इंग्लैंड के गेंदबाज क्यों तरोताजा रहने चाहिए? क्या आपके पास इसका जवाब है? नहीं!’ सचिन तेंदुलकर ने कहा, 'मैं पूरी तरह भारतीय टीम के साथ हूं। चाहे गंबीर हों या शुभमन या जडेजा या वॉशिंगटन, जिसने भी फैसला लिया। मैं शत प्रतिशत उनके साथ हूं। आखिरी टेस्ट में जब रनों को रफ्तार की जरूरत थी, सुंदर ने शानदार ढंग से उसे अंजाम दिया। क्या उन्होंने नहीं किया? जब क्रीज पर डटे रहने की जरूरत थी, उसने चौथे टेस्ट में यह किया। और जब बेरहमी से और तेजी से रन की जरूरत थी, उसने पांचवें टेस्ट में ऐसा ही किया। शानदार।'  

‘नोटिस निकाल देना’: CJI की टिप्पणी से हड़कंप, वरिष्ठ वकीलों की पैरवी पर लगी लगाम

नई दिल्ली देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस बीआर गवई ने बुधवार को कहा कि अगले सोमवार (11 अगस्त) से कोर्ट संख्या 1 में कोई भी वरिष्ठ वकील मौखिक रूप से मामलों का उल्लेख नहीं कर सकेंगे। सीजेआई गवई ने यह पाबंदी तब लगाई, जब वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी आज एक मामले का मौखिक उल्लेख करने के लिए उनकी अदालत में खड़े हुए थे। कोर्टरूम में सिंघवी के खड़ा होते और मामले का उल्लेख करने की मांग करते ही सीजेआई ने कहा कि जूनियर्स को भी मौका दिया जाना चाहिए। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश गवई ने कोर्ट मास्टर को इस संबंध में एक नोटिस जारी करने का भी निर्देश दिया। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस गवई ने कहा, "नोटिस निकाल देना… अब से किसी भी वरिष्ठ वकील को मामले का मौखिक उल्लेख करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सोमवार से किसी भी नामित वरिष्ठ वकील को मामलों का उल्लेख करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जूनियर वकीलों को ऐसा करने का अवसर दिया जाना चाहिए।" अगले सोमवार से होगा नियम प्रभावी सीजेआई ने कहा कि वह इस नियम को अगले सोमवार से प्रभावी कर रहे हैं, ताकि सभी को तब तक इसकी सूचना मिल सके। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "वरिष्ठ अधिवक्ताओं से बहुत बड़ी मांग है कि किसी भी मामले का उल्लेख अब वरिष्ठ अधिवक्ताओं द्वारा नहीं किया जाए।" सिंघवी बोले- समान रूप से हो लागू दरअसल, जब सिंघवी कोर्ट नंबर 1 यानी सीजेआई की अदालत में किसी मामले का मौखिक उल्लेख करने के लिए उठे, तो सीजेआई गवई ने उनसे कहा, "एक बड़ी मांग है, हमें वरिष्ठ वकीलों द्वारा मौखिक उल्लेख करना बंद करना चाहिए।" इस पर सिंघवी ने कहा, "मैं इसके लिए पूरी तरह से तैयार हूं, अगर इसे समान रूप से लागू किया जाता है।" इस पर CJI ने कहा, “हम इसे लागू करेंगे। किसी भी वरिष्ठ वकील को उल्लेख करने की अनुमति नहीं होगी। जूनियर को मौका देना चाहिए। सोमवार से, कोर्ट नंबर 1 में, किसी भी वरिष्ठ वकील को मामलों का उल्लेख करने की अनुमति नहीं होगी। कोई नामित वरिष्ठ वकील नहीं। सोमवार से हम इसका पालन करेंगे। ताकि किसी को अचरज न हो।” लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, उसी दौरान सिंघवी ने सुझाव दिया, "इसे सभी अदालतों में एक समान लागू किया जा सकता है।" इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह इसे केवल अपनी पीठ में ही लागू कर सकते हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "कम से कम कोर्ट नंबर 1 में तो इसकी अनुमति नहीं होगी। जूनियर्स को अवसर मिलने चाहिए।"  

बेंजामिन नेतन्याहू के बेटे ने उठाया तख्तापलट का मुद्दा, ट्वीट से गरमाया माहौल

तेल अवीव इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के बेटे ने एक ऐसा ट्वीट किया है, जिससे देश में हलचल मच गई है। इजरायली पीएम के बेटे ने याएर नेतन्याहू ने एक ट्वीट किया, जिसमें दावा किया गया कि सेना प्रमुख एयाल जामिर देश में तख्तापलट करने की योजना बना रहे थे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि गाजा पर इजरायल के पूर्ण नियंत्रण का भी उन्होंने विरोध किया है। दरअसल जामिर ने कहा था कि गाजा पर पूरी तरह नियंत्रण करने का प्लान इजरायल डिफेंस फोर्सेज को फंसाने का एक जाल है। हिब्रू मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार नेतन्याहू जूनियर की पोस्ट पर विवाद छिड़ गया है। याएर नेतन्याहू के पास कोई सरकारी पद नहीं है। ऐसे में उनकी तरफ से सेना प्रमुख पर तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप लगाने से गहरा विवाद हो गया है। उन्होंने कहा कि जामिर चाहते थे कि विद्रोह कर दिया जाए और इजरायल में सैन्य तख्तापलट हो जाए। वहीं सेना प्रमुख एयाल जामिर ने ऐसे आरोपों का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि ऐसा कैसे आप कह सकते हैं। आपको इससे क्या मिलेगा? आप मेरे ऊपर हमले क्यों कर रहे हैं। आखिर जंग के बीच ऐसा करने का क्या मकसद है। अब इस मामले में बेंजामिन नेतन्याहू का भी जवाब आया है। उन्होंने सेना प्रमुख को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया में अपना पद छोड़ने की धमकी न दें। मैं हर बार आपकी ऐसी धमकी को स्वीकार नहीं कर सकता। यदि हम आपके प्लान को स्वीकार नहीं करेंगे तो आपको जाना होगा। मेरा बेटा 33 साल का है और वह अब बड़ा हो गया है। दरअसल खबरें आती रही हैं कि जामिर की इजरायली कैबिनेट के कई मंत्रियों से असहमति रही है। गाजा पर पूरी तरह कब्जा करने के प्लान का भी विरोध करते रहे हैं। उन्होंने मंगलवार को भी कहा था कि यदि हमने गाजा पर फुल कंट्रोल की कोशिश की तो हमास की कैद में रखे गए 20 बंधकों को नुकसान होगा, जो फिलहाल जीवित हैं और रिहाई का इंतजार कर रहे हैं। दरअसल मंगलवार को बेंजामिन नेतन्याहू कैबिनेट की मीटिंग थी। तीन घंटे चली इस मीटिंग में सेना की राय और कब्जे के प्लान पर चर्चा हुई। अब इसे लेकर वोटिंग कराने की तैयारी है। नेतन्याहू कब्जे के प्लान पर आगे बढ़ने की बात कर रहे हैं। यह मांग इजरायल में लंबे समय से होती रही है। इस पर जामिर का कहना था कि आप गाजा में एक जाल बिछा रहे हैं। इससे बंधकों की जिंदगी पर खतरा होगा और सेना को भी इससे बड़ा नुकसान होने की आशंका है।  

पानी-पानी हुआ सिंधु डेल्टा: 80% जलाशय सूखे, 12 लाख विस्थापन की त्रासदी, कौन है जिम्मेदार?

कराची पड़ोसी देश पाकिस्तान इन दिनों एक कुदरती कहर की मार झेल रहा है। देश के दक्षिणी हिस्से में सिंधु डेल्टा उजड़ चुका है। हालात ये हैं कि वहां से लोगों का पलायन जारी है और बसे-बसाए करीब 40 गांव वीरान पड़ गए हैं और इसी के साथ सिन्धु डेल्टा में एक बसी बसाई सभ्यता उजड़ चुकी है। दरअसल, ये दर्दनाक कहानी है सिंध प्रांत के दक्षिणी छोर पर अरब सागर से सटे सिंधु डेल्टा में बसे उन गांवों की जहां के लोग परंपरागत रूप से खेतीबारी करने और मछली पकड़ने का काम करते थे लेकिन हाल के कुछ वर्षों में समुद्री जल ने वहां अतिक्रमण किया है और सबकुछ नष्ट कर दिया है। अब इन गांवों से करीब 12 लाख लोग पलायन कर चुके हैं। उनमें से अधिकांश कराची में आकर बसे हैं। पिछले दिनों कराची पलायन करने वाले हबीबुल्लाह खट्टी खारो चान कस्बे के अपने पुश्तैनी गांव मीरबहार में अपनी मां की कब्र पर उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे थे, क्योंकि उनका गांव अब समंदर की आगोश में समाता जा रहा है। जहां उनकी मां की कब्र है, वहां अब समुद्री नमक का साम्राज्य है। जब वह अपनी मां की कब्र पर पहुंचे तो उनके पैरों पर नमक की मोटी चादर चढ़ चुकी थी। यह गांव सिंधु डेल्टा में उस जगह से करीब 15 किलोमीटर दूर है, जहां सिंधु नदी अरब सागर में मिलती है। डेल्टा से करीब 12 लाख लोग पलायन कर चुके हबीबुल्लाह के मुताबिक, खारो चान में 40 गांव हुआ करते थे लेकिन बढ़ते समुद्री जल के कारण अब अधिकांश लुप्त हो चुके हैं। जनगणना के आंकड़ों के अनुसार उस कस्बे की आबादी 1981 में 26000 के करीब थी जो 2023 में घटकर 11,000 रह गई है। हबीबुल्लाह खट्टी अब अपने परिवार के साथ कराची में बसने जा रहे हैं। उनकी तरह इस डेल्टा से करीब 12 लाख लोगों ने पलायन किया है। थिंक टैंक जिन्ना इन्स्टीट्यूट द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो दशकों में सिंधु डेल्टा से करीब 12 लाख लोग पलायन कर चुके हैं। पानी का बहाव 80 फीसदी कम गया यूएस-पाकिस्तान सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज़ इन वॉटर द्वारा 2018 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, सिंचाई नहरों, जलविद्युत बांधों और हिमनदों व बर्फ पिघलने पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के कारण 1950 के दशक से अब तक सिंधु डेल्टा में पानी का बहाव 80 फीसदी कम हो चुका है। इस कारण से डेल्टा में समुद्री जल का विनाशकारी प्रवेश हुआ है और आसपास के गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1990 के बाद से डेल्टा के पानी की लवणता लगभग 70% बढ़ गई है, जिससे वहां फसलें उगाना अब असंभव हो गया है और झींगा मछली और केकड़े की प्रजाति नष्ट हो चुकी है। भारत ने भी सिंधु जल समझौता स्थगित किया तिब्बत से शुरू होकर, सिंधु नदी पूरे पाकिस्तान में बहने से पहले कश्मीर से होकर बहती है। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया है। इसकी वजह से भी सिंदु में पानी का बहाव कम हो गया है। यह नदी और इसकी सहायक नदियाँ देश के लगभग 80% कृषि भूमि की सिंचाई करती हैं और लाखों लोगों की आजीविका का साधन हैं। सिंधु नदी द्वारा समुद्र में मिलने से पहले दोनों छोरे पर जमा किए गए समृद्ध तलछट से निर्मित यह डेल्टा कभी खेती, मछली पकड़ने, मैंग्रोव और वन्यजीवों के लिए आदर्श हुआ करता था।  

कांस्टेबल भर्ती घोटाले को लेकर बवाल, कांग्रेस विधायकों ने पहन ली पुलिस वर्दी, बताया व्यापमं-2

भोपाल. मध्य प्रदेश विधानसभा में चल रहे मानसून सत्र के दौरान बुधवार को कांग्रेस विधायक पुलिस के वेश में पहुंचे। सभी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले का विरोध कर रहे थे। सभी ने विधानसभा में प्रदर्शन किया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस घोटाले को व्यापमं पार्ट-2 बताया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने पुलिस की प्रतीकात्मक वर्दी पहनकर प्रदर्शन किया और जोरदार नारेबाजी की। सिंघार ने आरोप लगाया कि यह घोटाले की निष्पक्ष न्यायिक जांच कर दोषियों को सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने सरकार पर भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया।

पाकिस्तानी खतरे को लेकर CDS की चेतावनी: सेना को 365 दिन सतर्क रहने के निर्देश

नई दिल्ली चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने एक बार फिर पाकिस्तान की ओर से होने वाले हमले के लेकर भारतीय सेना (Indian Army) को अलर्ट किया है। CDS अनिल चौहान ने कहा कि हमें 24×7 और 365 दिन चौंकन्ना रहने होंगे। सीडीएस ने यह भी कहा कि भारतीय सेना के पास अत्यधिक दूरी पर स्थित स्थिर और गतिशील दोनों लक्ष्यों को भेदने की क्षमता होनी चाहिए। दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के ‘पूर्ण-आयामी प्रतिरोध सिद्धांत’ को चुनौती देने की जरूरत है। सीडीएस ने इस बात पर भी जोर दिया कि आतंकवादी पाकिस्तान के किसी भी हिस्से में छिप नहीं सकते। वार्षिक ‘ट्राइडेंट’ व्याख्यान श्रृंखला के उद्घाटन सत्र में उन्होंने दोहराया कि सैन्य तैयारी अत्यंत उच्च स्तर की होनी चाहिए, चौबीसों घंटे और साल के 365 दिन तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने जवानों से कहा कि युद्ध और शांति के बीच बहुत कम अंतर है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि आज के समय में यह अंतर धुंधला हो रहा है और वे एक दूसरे में विलीन हो रहे हैं। सीडीएस ने कहा, ‘हमें अपरंपरागत और परमाणु क्षेत्रों के बीच पारंपरिक अभियानों के लिए अधिक स्थान बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान की धरती पर कहीं भी छिप नहीं सकते। जनरल अनिल चौहान ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय सेना के पास अत्यधिक दूरी पर स्थित स्थिर और गतिशील दोनों लक्ष्यों को भेदने की क्षमता होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली किसी भी हिंसात्मक कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा। चाहे वह राज्य के अंदर से किया जाए या राज्य के बाहर से किया जाए, और यह पहला मानदंड है, जो हमें समझना होगा। यह हम सभी के लिए नया मानदंड है। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि एक और सैन्य मानक यह है कि अब परमाणु नीति पर अधिक निर्भरता होगी, जो पारंपरिक सैन्य अभियानों की बुनियाद बन गई है। उन्होंने कहा कि एक और मानक यह होगा कि भारत को अपने विरोधियों के मुकाबले तकनीकी रूप से आगे रहना होगा।