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कांग्रेस-टीएमसी के रवैये से विपक्ष में दरार, संसद चलाने की अपील भी न आई काम

नई दिल्ली. बिहार के SIR को लेकर संसद में हंगामा थमने के आसार नहीं हैं। अब एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विपक्षी गठबंधन INDIA के बड़े दलों ने छोटी पार्टियों की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें संसद चलने का तरीका खोजने की बात कही गई थी। हालांकि, किसी भी पार्टी ने इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। विपक्षी गठबंधन SIR पर चर्चा की मांग कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, INDIA गठबंधन के कुछ सदस्यों ने बड़े दलों से संसद चलने का तरीका खोजने की अपील की, लेकिन इस बात को खारिज कर दिया गया। सूत्रों के हवाले से बताया गया कि मंगलवार सुबह INDIA गठबंधन की बैठक में CPM के जॉन ब्रिटास, RSDP के एनके प्रेमचंद और IUML के ईटी मोहम्मद बशीर ने सुझाव दिया कि संसद सत्र खाली नहीं जाना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार, इन सांसदों की याचिका को कांग्रेस, द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल जैसे बड़ी पार्टियों की तरफ से खारिज कर दिया गया। बड़े दलों का मानना है कि मतदाता सूची समीक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा से सरकार को बचने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए। खबरें ये भी हैं कि विपक्ष ने आने वाले दिनों में ECI यानी भारत निर्वाचन आयोग के खिलाफ प्रदर्शन का कार्यक्रम तय किया है। 11 अगस्त को विपक्ष का मार्च पहले विपक्षी दलों ने 8 अगस्त को चुनाव आयोग तक मार्च का फैसला किया था, लेकिन झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन के कारण इसे बढ़ाकर 11 अगस्त कर दिया गया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की तरफ से दिए गए रात्रि भोज का कार्यक्रम 7 अगस्त को होने वाला है। इसके अलावा सोरेन के निधन के चलते कांग्रेस द्वारा मंगलवार को बेंगलुरु में किया जाने वाला विरोध प्रदर्शन अब आठ अगस्त को होगा। इस प्रदर्शन का नेतृत्व राहुल करेंगे। कांग्रेस का आरोप है कि 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बेंगलुरु की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई थी। निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में हेरफेर के आरोपों को खारिज किया है।

मकान निर्माण पर बढ़ा बोझ: LDA ने ‘चढ़ावे’ के नाम पर बढ़ाया शुल्क

लखनऊ राजधानी में अब मकान का नक्शा पास करना और महंगा हो जाएगा. पूरे लखनऊ शहर के लोगों को अब मकान का नक्शा पास कराते समय सुख-सुविधा शुल्क देना होगा. एलडीए ने इसकी दरें भी करीब तीन गुना बढ़कर 200 से 500 प्रति वर्ग मीटर कर दी है. यह शुल्क शहीद पथ, किसान पथ और ग्रीन कॉरिडोर के विकास के नाम पर देना होगा. पहले यह शहीद पथ और किसान पथ के अगल-बगल 250 मीटर के दायरे में मकान बनवाने वालों से ही लिया जाता था. ये फैसला मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में हुई एलडीए बोर्ड की बैठक में लिया गया. बैठक में यह भी तय किया गया कि सरकारी विभागों द्वारा बनाई गई 7:50 मीटर चौड़ी सड़क के किनारे भी मकान का नक्शा पास होगा, बस मार्ग 200 मीटर लंबा होना चाहिए. एलडीए की इस बैठक में दो और योजनाओं को भी मंजूरी मिली है, जिनमें बीकेटी में विकसित की जाने वाली नैमिष नगर योजना के साथ-साथ आगरा एक्सप्रेस-वे की वरुण विहार योजना शामिल है. वरुण विहार योजना को 2664 हेक्टेयर में विकसित किया जाएगा. साथ ही नैमिषनगर योजना को 1084 हेक्टेयर में पूरा करने की तैयारी है. इसके अलावा लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की बैठक में ऐशबाग, बसंतकुंज, विराजखंड, गोमतीनगर जैसे क्षेत्रों में भी विकास की योजनाओं पर चर्चा की गई. यहां के सेक्टर-4 में एलडीए की तरफ से सुख-सुविधाओं से लैस अपार्टमेंट बनाए जाएंगे.

मौत की पटरी पर था सफर, किसान ने समय रहते रोकी ट्रेन, बच गई यात्रियों की जान

रतलाम. दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर मंगलवार सुबह बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया, जब 66 वर्षीय वृद्ध किसान ने रेलवे ट्रैक पर दरार देखी और लगभग आधा किलोमीटर दौड़ते हुए लूनी रिछा स्टेशन पहुंचकर स्टेशन अधीक्षक को जानकारी दी। उनकी सजगता से ट्रेनों का आवागमन समय रहते रोका गया। स्टेशन अधीक्षक इरफान अली ने बताया कि सुबह करीब 7:46 बजे रिछा गांव निवासी 66 वर्षीय किसान विक्रम सिंह खेत पर जा रहे थे, तभी अपलाइन ट्रैक में उन्हें काफी दरार नजर आई। उन्होंने कोई देरी नहीं की और भागते हुए स्टेशन पहुंचे। वहां मौजूद प्वाइंट मैन निलेश गुर्जर को पूरी बात बताई और दोनों तत्काल स्टेशन अधीक्षक के पास पहुंचे। किसान विक्रम सिंह ने बताया कि मैं रोज की तरह खेत पर जा रहा था, लेकिन आज जैसे ही ट्रैक पार करने लगा, तो कुछ अलग सा नजर आया। पास जाकर देखा तो पटरी में सीधी दरार थी। मैं घबराया नहीं और सूचना देने के लिए दौड़ पड़ा। स्टेशन अधीक्षक ने तत्काल प्वाइंटमैन को भेजा और दरार की पुष्टि होते ही रेल यातायात तत्काल बंद करवा दिया गया। ट्रेन आने वाली थी कुछ समय बाद ही डॉ. अंबेडकर नगर एक्सप्रेस (20156) दिल्ली की ओर से आने वाली थी, जिसे समय रहते रोक लिया गया। नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। करीब आधे घंटे तक इस रूट पर ट्रेनों की आवाजाही रोकी गई। पहले अस्थायी मरम्मत कर ट्रेनों को धीमी गति से निकाला गया और फिर करीब तीन घंटे की तकनीकी मरम्मत के बाद ट्रैक को पूरी तरह सुचारू किया गया। रेलवे ने किया सम्मानित किसान की साहसिक सतर्कता की जानकारी जब कोटा रेल मंडल तक पहुंची, तो अपर मंडल रेल प्रबंधक ने विक्रम सिंह को 2100 रुपये की पुरस्कार राशि देने के निर्देश दिए। स्टेशन अधीक्षक द्वारा उन्हें प्रमाण पत्र और राशि देकर सम्मानित किया गया। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अगर यह सूचना समय पर नहीं मिलती, तो बड़ा हादसा हो सकता था। विक्रम सिंह की सजगता ने सैकड़ों लोगों की जान बचा ली।

मंदिर प्रवेश पर सरकार की शर्त: सिर्फ सनातनी हिंदुओं को ही मिले अनुमति, सुप्रीम कोर्ट में रखी दलील

नई दिल्ली. बांके बिहारी मंदिर के मैनैजमेंट के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति पर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सहमति जताई है। इसके साथ ही यूपी सरकार ने यह मांग भी रखी है कि इस समिति का नेतृत्व करने वाले सेवानिवृत्त जज सनातनी हिंदू होने चाहिए। इसका अर्थ हुआ कि किसी अन्य पंथ या मजहब को मानने वाले को समिति के मुखिया के तौर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह समिति तब तक मंदिर का प्रबंधन करेगी, जब तक इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से मंदिर में कॉरि़डोर निर्माण और अन्य सुविधाओं के लिए यूपी सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश पर फैसला नहीं हो जाता। यूपी सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जयमाला बागची की बेंच से कहा है कि हमें अंतरिम समिति के गठन से कोई आपत्ति नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का प्रस्ताव है कि हाई कोर्ट के किसी रिटायर्ड जज को समिति का मुखिया बना दिया जाए। इस पर यूपी सरकार का कहना है कि हमें सभी शर्तें स्वीकार हैं, लेकिन पैनल का हेड उसी व्यक्ति को बनाया जाए, जो आस्था से सनातनी हिंदू हो। इस समिति के मुखिया के पास मंदिर के प्रशासन का जिम्मा होगा। इसके अलावा मंदिर के फंड का भी वह मैनेजमेंट कर सकेगा और उसके विकास पर उसे खर्च करने की अनुमति देगा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंदिर के लिए बांके बिहारी कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव रखा है। इसके लिए सरकार की ओर से फंडिंग की जाएगी। इसके अलावा आधा हिस्सा मंदिर ट्रस्ट से भी लेने की तैयारी है। इसके लिए अध्यादेश लाया गया है और मंदिर प्रशासन ने इसे ही चुनौती दी है। वहीं यूपी सरकार का कहना है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाने के लिए भी ऐसी ही नीति का पालन किया गया था। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम समिति की बात रखी है, जो अध्यादेश की वैधता पर फैसले तक काम करेगी। इस पर सरकार ने कहा कि हम समिति के लिए तैयार हैं, लेकिन उसका मुखिया ऐसा शख्स होना चाहिए, जो खुद एक सनातनी हिंदू हो। ऐसा इसलिए ताकि श्री बांके बिहारी जी महाराज की गरिमा और पवित्रता बनी रह सके।

पाकिस्तान में सिंधु आपदा: डूबता डेल्टा, उजड़ते गांव, लाखों विस्थापित

कराची.  पड़ोसी देश पाकिस्तान इन दिनों एक कुदरती कहर की मार झेल रहा है। देश के दक्षिणी हिस्से में सिंधु डेल्टा उजड़ चुका है। हालात ये हैं कि वहां से लोगों का पलायन जारी है और बसे-बसाए करीब 40 गांव वीरान पड़ गए हैं और इसी के साथ सिन्धु डेल्टा में एक बसी बसाई सभ्यता उजड़ चुकी है। दरअसल, ये दर्दनाक कहानी है सिंध प्रांत के दक्षिणी छोर पर अरब सागर से सटे सिंधु डेल्टा में बसे उन गांवों की जहां के लोग परंपरागत रूप से खेतीबारी करने और मछली पकड़ने का काम करते थे लेकिन हाल के कुछ वर्षों में समुद्री जल ने वहां अतिक्रमण किया है और सबकुछ नष्ट कर दिया है। अब इन गांवों से करीब 12 लाख लोग पलायन कर चुके हैं। उनमें से अधिकांश कराची में आकर बसे हैं। पिछले दिनों कराची पलायन करने वाले हबीबुल्लाह खट्टी खारो चान कस्बे के अपने पुश्तैनी गांव मीरबहार में अपनी मां की कब्र पर उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे थे, क्योंकि उनका गांव अब समंदर की आगोश में समाता जा रहा है। जहां उनकी मां की कब्र है, वहां अब समुद्री नमक का साम्राज्य है। जब वह अपनी मां की कब्र पर पहुंचे तो उनके पैरों पर नमक की मोटी चादर चढ़ चुकी थी। यह गांव सिंधु डेल्टा में उस जगह से करीब 15 किलोमीटर दूर है, जहां सिंधु नदी अरब सागर में मिलती है। डेल्टा से करीब 12 लाख लोग पलायन कर चुके हबीबुल्लाह के मुताबिक, खारो चान में 40 गांव हुआ करते थे लेकिन बढ़ते समुद्री जल के कारण अब अधिकांश लुप्त हो चुके हैं। जनगणना के आंकड़ों के अनुसार उस कस्बे की आबादी 1981 में 26000 के करीब थी जो 2023 में घटकर 11,000 रह गई है। हबीबुल्लाह खट्टी अब अपने परिवार के साथ कराची में बसने जा रहे हैं। उनकी तरह इस डेल्टा से करीब 12 लाख लोगों ने पलायन किया है। थिंक टैंक जिन्ना इन्स्टीट्यूट द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो दशकों में सिंधु डेल्टा से करीब 12 लाख लोग पलायन कर चुके हैं। पानी का बहाव 80 फीसदी कम गया यूएस-पाकिस्तान सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज़ इन वॉटर द्वारा 2018 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, सिंचाई नहरों, जलविद्युत बांधों और हिमनदों व बर्फ पिघलने पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के कारण 1950 के दशक से अब तक सिंधु डेल्टा में पानी का बहाव 80 फीसदी कम हो चुका है। इस कारण से डेल्टा में समुद्री जल का विनाशकारी प्रवेश हुआ है और आसपास के गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1990 के बाद से डेल्टा के पानी की लवणता लगभग 70% बढ़ गई है, जिससे वहां फसलें उगाना अब असंभव हो गया है और झींगा मछली और केकड़े की प्रजाति नष्ट हो चुकी है। भारत ने भी सिंधु जल समझौता स्थगित किया तिब्बत से शुरू होकर, सिंधु नदी पूरे पाकिस्तान में बहने से पहले कश्मीर से होकर बहती है। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया है। इसकी वजह से भी सिंदु में पानी का बहाव कम हो गया है। यह नदी और इसकी सहायक नदियाँ देश के लगभग 80% कृषि भूमि की सिंचाई करती हैं और लाखों लोगों की आजीविका का साधन हैं। सिंधु नदी द्वारा समुद्र में मिलने से पहले दोनों छोरे पर जमा किए गए समृद्ध तलछट से निर्मित यह डेल्टा कभी खेती, मछली पकड़ने, मैंग्रोव और वन्यजीवों के लिए आदर्श हुआ करता था।

उत्तराखंड में फिर फटा कहर का बादल, उत्तरकाशी के बाद अब पौड़ी में तबाही

पौड़ी. उत्‍तराखंड पर आपदा की दोहरी मारी पड़ी है। उत्‍तरकाशी के बाद अब पौड़ी में बादल फटने की घटना सामने आई है। जानकारी के मुताबिक ग्राम सारसों चौथान थलीसैण विकास खंड में बादल फटा है। यह सड़क के किनारे नेपाली मजदूरों का टेंट लगा हुआ था। अचानक बादल फटने की घटना में 3-4 नेपाली मलबे में दब गए। गांव वालों ने बमुश्किल मबले से निकाल कर उनकी जान बचाई। स्कूल में ग्राम वासियों ने उनकी रहने की व्यवस्था कर दी है। इनमें कुछ लोगों को गहरी चोटें आई हैं। बचाव कार्य अभी भी जारी है। वहीं कुछ मजदूरों के अभी भी मलबे में दबे होने कि आशंका है।

सेंट्रल विस्टा में नया अध्याय: प्रधानमंत्री मोदी करेंगे ‘कर्तव्य भवन’ का लोकार्पण

नई दिल्ली प्रधानमंत्री मोदी आज दिल्ली के कर्तव्य पथ पर स्थित कर्तव्य भवन का उद्घाटन करेंगे. केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय और विभाग, जो वर्तमान में विभिन्न भवनों में फैले हुए हैं, जल्द ही कर्तव्य पथ के दोनों ओर बन रहे नए कर्तव्य भवनों में समाहित होंगे. सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत इस नई इमारत में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास, एमएसएमई, पेट्रोलियम मंत्रालय और कई अन्य प्रमुख मंत्रालयों के कार्यालय स्थापित किए जाएंगे. जनसभा को संबोधित करेंगे PM मोदी कर्तव्य भवन-3 का निर्माण पूरा हो चुका है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 6 अगस्त को दोपहर 12.15 बजे करेंगे. इसके साथ ही, वह शाम 6 बजे कर्तव्य पथ पर एक सार्वजनिक सभा को भी संबोधित करेंगे, जिसमें मंत्रालयों के अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहेंगे. शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जानकारी दी कि पहले मंत्रालयों की इमारतें अव्यवस्थित तरीके से बनाई गई थीं, जबकि अब सेंट्रल विस्टा को एक संगठित और आधुनिक योजना के तहत विकसित किया जा रहा है. इस परियोजना के तहत अब तक तीन कर्तव्य भवन पूर्ण हो चुके हैं, और कुल मिलाकर दस भवनों का निर्माण किया जाएगा. अन्य सात भवन भी अप्रैल 2027 तक बनकर तैयार हो जाएंगे काम अब अंतिम चरण में पहुँच चुका है. प्रस्तावित अन्य सात भवन अप्रैल 2027 तक तैयार हो जाएंगे. इन भवनों का निर्माण मंत्रालयों के लिए किया जा रहा है, जिसमें तकनीकी, सुरक्षा और पर्यावरण अनुकूलता का विशेष ध्यान रखा गया है. पूरे परिसर की निगरानी के लिए एक कमांड सीसीटीवी सेंटर स्थापित किया गया है, जिससे परिसर और अंदर के गलियारों पर सतत निगरानी रखी जाएगी. केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के लिए बनाए गए नए भवनों को पहले कामन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (सीसीएस) का नाम दिया गया था. इन भवनों को मेट्रो लाइन से जोड़ने के उद्देश्य से इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन से एक नई लाइन बनाने का प्रस्ताव रखा गया है. क्यों बनाया गया आधुनिक भवन केंद्रीय मंत्री ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि मंत्रालयों के नए और आधुनिक भवनों की आवश्यकता इसलिए महसूस हुई, क्योंकि मौजूदा भवन 1950 से 1970 के बीच बने थे और अब पुराने हो चुके हैं. इन भवनों का वार्षिक रखरखाव काफी महंगा हो गया है. वर्तमान में केंद्र सरकार के पास लगभग 55 मंत्रालय और 93 विभाग हैं, जिनमें नॉर्थ और साउथ ब्लॉक के साथ-साथ कृषि भवन, शास्त्री भवन, उद्योग और निर्माण भवन भी शामिल हैं. गृह व विदेश मंत्रालय सहित कुल सात विभाग होंगे कर्तव्य भवन-3 में शिफ्ट नवनिर्मित कर्तव्य भवन-3 में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों को स्थान दिया गया है, जिनमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण कार्य मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय शामिल हैं. अगले महीने तक तैयार होने वाले कर्तव्य भवन-1 में वित्त मंत्रालय का स्थानांतरण किया जाएगा. इस भवन में एक प्रिंटिंग प्रेस भी स्थापित किया जा रहा है, जिससे वित्त मंत्रालय अपने बजट का प्रकाशन स्वयं कर सकेगा. इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, पहले से ही आवश्यक स्थान आवंटित किया गया है. जब कर्तव्य भवनों का निर्माण पूरा हो जाएगा, तब नार्थ और साउथ ब्लाक में स्थित सभी मंत्रालयों को वहां से स्थानांतरित कर दिया जाएगा. इसके बाद, दोनों ब्लाक को खाली करके इनमें युगे-युगीन भारत संग्रहालय की स्थापना की जाएगी. सेंट्रल विस्टा परियोजना का काम दिसंबर 2031 होगा पूरा इस परियोजना के तहत महाभारत काल से लेकर वर्तमान समय तक के इतिहास, कला और संस्कृति को बिना ढांचे में किसी प्रकार के परिवर्तन के प्रदर्शित किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने जानकारी दी कि सेंट्रल विस्टा परियोजना का कार्य दिसंबर 2031 तक पूरा कर लिया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री के लिए नए आवास और कार्यालय भी शामिल हैं. इसके लिए आवश्यक प्रक्रियाएं भी आरंभ कर दी गई हैं. कर्तव्य भवन-3: एक नजर में कुल क्षेत्रफल 1.50 लाख वर्ग मीटर है, जिसमें भूतल क्षेत्रफल 40 हजार वर्ग मीटर है. इस भवन में दो भूतल सहित कुल दस तल हैं, जिनमें दोनों भूतल पार्किंग के लिए निर्धारित हैं, जिसमें 600 कारों की पार्किंग क्षमता है. बैठने की व्यवस्था में वर्क हाल और केबिन शामिल हैं. कॉमन सुविधाओं में योगा, क्रेच, मेडिकल रूम, कैफे और मल्टीपरपज हाल उपलब्ध हैं. इसके अलावा, 24 मुख्य कांफ्रेंस हाल हैं, जिनमें प्रत्येक में 45 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है, और 26 छोटे कांफ्रेंस हाल हैं, जिनकी क्षमता 25 व्यक्तियों की है. इसके साथ ही, 67 मीटिंग रूम या वर्क हाल हैं, जिनमें प्रत्येक में नौ लोगों के बैठने की व्यवस्था है. भवन में 27 लिफ्ट, केंद्रीकृत एयर कंडीशनिंग और दो स्वचालित सीढ़ियां भी हैं. क्या है सेंट्रल विस्टा? कर्म पथ के दोनों किनारों पर विस्तारित क्षेत्र को सेंट्रल विस्टा के नाम से जाना जाता है. यह क्षेत्र राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट के निकट प्रिंसेस पार्क तक फैला हुआ है. इसमें संसद भवन, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक, उपराष्ट्रपति निवास, राष्ट्रीय संग्रहालय और अभिलेखागार जैसी कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक इमारतें शामिल हैं. सरकार इस पूरे इलाके को और अधिक सुरक्षित, टिकाऊ और आधुनिक बनाने के लिए ‘सेंट्रल विस्टा री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट’ पर काम कर रही है.

महंगाई भत्ते में 3% इजाफा तय, रक्षाबंधन के बाद सैलरी में आएगा जबरदस्त उछाल

नईदिल्ली  देश के 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए खुशखबरी है। जुलाई 2025 से 3 फीसदी डीए बढ़ाया जा सकता है, जिसके बाद डीए 55% से बढ़कर 58% पहुंच सकता है।यह अनुमान श्रम मंत्रालय द्वारा अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के जनवरी से जून के आंकड़ों से लगाया गया है। इसका लाभ 50 लाख कर्मचारियों और 67 लाख पेंशनरों को मिलेगा।इससे पहले जनवरी 2025 में मोदी सरकार ने 2% डीए की बढ़ोतरी की थी, जिससे DA 53% से बढ़कर 55% हो गया था। DA Hike 2025 : 3 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ना तय     महंगाई भत्ते में वृद्धि की गणना औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) के आधार पर की जाती है, जिसे श्रम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले श्रम ब्यूरो द्वारा मासिक रूप से जारी किया जाता है।     जनवरी से जून तक के AICPI इंडेक्स का अंक 145 पर पहुंचा गया, जिससे डीए स्कोर 58.18% के आसपास आ गया ,जो 3 % वृद्धि की ओर संकेत दे रहा है। संभावना है कि जुलाई 2025 से केन्द्र सरकार 3% डीए बढ़ा सकती है जिसके बाद डीए 58% पहुंच सकता है।     इसका ऐलान दिवाली के आसपास (अक्टूबर नवंबर) होने की उम्मीद है,क्योंकि श्रम मंत्रालय द्वारा जनवरी से जून के AICPI IW इंडेक्स जारी करने के बाद अब फाइल वित्त मंत्रालय को भेजी जाएगी, जहां से प्रस्ताव को कैबिनेट बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। यहां से हरी झंड़ी मिलते ही वित्त मंत्रालय द्वारा आदेश जारी किए जाएंगे और लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।नई दरें जुलाई 2025 से लागू होंगी ,ऐसे में 2 से 3 महीने के एरियर मिलना भी तय है। केन्द्र सरकार द्वारा साल में 2 बार बढ़ाया जाता है महंगाई भत्ता     केन्द्र सरकार द्वारा महंगाई की दर को देखते हुए हर साल 2 बार जनवरी और जुलाई में केन्द्रीय कर्मचारियों व पेंशनरों का महंगाई भत्ता/महंगाई राहत की दरों में संशोधन किया जाता है, जो अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक इंडेक्स के छमाही आंकड़ों पर निर्भर करता है। यह आंकड़े जनवरी से जून और जुलाई से दिसंबर के बीच जारी किए जाते है।     7वें वेतन आयोग के तहत आने वाले कर्मचारियों पेंशनरों का जनवरी 2025 से 2% डीए बढ़ाया गया था, जिसका ऐलान मार्च में हुआ था, जिसके बाद डीए 53% से बढ़कर 55% पहुंच गया है और अब जुलाई 2025 से फिर डीए की दरों में बदलाव होना है जो जनवरी से जून के छमाही आंकड़ों पर निर्भर करेगा। आईए जानते है कैसे होती है महंगाई भत्ते की गणना     केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते की गणना करने का एक फॉर्मूला है। फॉर्मूला है: 7वां सीपीसी डीए% = [{पिछले 12 महीनों के लिए एआईसीपीआई-आईडब्ल्यू (आधार वर्ष 2001=100) का 12 महीने का औसत – 261.42}/261.42×100]     यह फॉर्मूला उन केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर लागू होगा जिन्हें सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वेतन मिलता है। डीए%= (392.83-261.42)/261.42×100 = 50.26     पिछले 12 महीनों का औसत सीपीआई-आईडब्ल्यू 392.83 है। फॉर्मूले के मुताबिक, डीए मूल वेतन का 50.28 फीसदी आ रहा है। इसलिए, केंद्र सरकार महंगाई भत्ते को 50% (दशमलव बिंदुओं को नजरअंदाज करते हुए) तक बढ़ा सकती है।  

इस रक्षाबंधन पर विशेष खगोलीय योग, 1930 के बाद पहली बार 9 अगस्त को बन रहा दुर्लभ महासंयोग

ग्वालियर भाई-बहन का त्योहार रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा नौ अगस्त शनिवार को मनाया जायेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार पूर्णिमा को 95 वर्ष बाद दुर्लभ महासंयोग बन रहा है। यह संयोग वर्ष 1930 के समान है। नक्षत्र, पूर्णिमा संयोग, राखी बांधने का समय लगभग समान है। इन योग में लक्ष्मी नारायणजी की पूजा करने और राखी बांधने से दोगुना फल मिलेगा। ज्योतिषाचार्य सुनील चौपड़ा ने बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार, आठ अगस्त को दोपहर दो बजकर 12 मिनट पर सावन महीने की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी। वहीं नौ अगस्त को दोपहर एक बजकर 24 मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी।   हालांकि आठ अगस्त को भद्रा दोपहर दो बजकर 12 मिनट से नौ अगस्त को देर रात एक बजकर 52 मिनट तक है। नौ अगस्त को राखी का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा का कोई साया नही है, क्योंकि भद्रा में कोई शुभ कार्य नही किया जाता है। रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा किसी भी मांगलिक या शुभ काम को करने से पहले भद्रा काल अवश्य देखा जाता है, जिससे उस काम में किसी भी प्रकार के अशुभ परिणाम सामने न आए। ऐसे में रक्षाबंधन में भद्रा का जरूर ध्यान रखा जाता है। इस साल बहनें बिना कोई विचार किए भाइयों को राखी बांध सकती है। पंचांग के अनुसार, इस साल भद्रा आठ अगस्त को दोपहर दो बजकर 12 मिनट से आरंभ हो रही है, जो नौ अगस्त को तड़के एक बजकर 52 मिनट तक रहेगा।। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाईयों के कलाई में बिना किसी भद्रा के राखी बांध सकती हैं। इस दिन सुबह पांच बजकर 35 मिनट से दोपहर एक बजकर 24 मिनट तक राखी बांधने का सबसे अच्छा मुहूर्त है। ब्रह्म मुहूर्त- सुबह चार बजकर 22 मिनट से पांच बजकर चार मिनट तक अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 17 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। नौ अगस्त की सुबह पांच बजकर 47 मिनट से दोपहर एक बजकर 24 मिनट बजे तक। इसमें अपराह्न काल, यानी दिन का तीसरा हिस्सा, सबसे शुभ माना गया है। रक्षा बंधन शुभ योग रक्षा बंधन के दिन सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है। सौभाग्य योग का समापन 10 अगस्त को देर रात दो बजकर 15 मिनट पर होगा। इसके बाद शोभन योग का निर्माण होगा। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग सुबह पांच बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर दो बजकर 23 मिनट तक है। इसके साथ ही श्रवण नक्षत्र मुहूर्त दोपहर दो बजकर 23 मिनट तक है, जबकि करण, बव और बालव हैं। इन योग में राखी का त्योहार मनाया जाएगा। साल 1930 का पंचांग वैदिक पंचांग गणना के अनुसार, साल 1930 में शनिवार नौ अगस्त के दिन राखी का त्योहार मनाया गया था। इस दिन पूर्णिमा का संयोग शाम चार बजकर 27 मिनट तक था। वहीं पूर्णिमा तिथि की शुरुआत दोपहर दो बजकर सात मिनट पर शुरू हुआ था। इस प्रकार महज पांच मिनट का अतंर पूर्णिमा तिथि में है। सौभाग्य योग का संयोग 10 अगस्त को सुबह पांच बजकर 21 मिनट पर हुआ था। श्रवण नक्षत्र शाम चार बजकर 41 मिनट तक था। वहीं बव और बालव करण के संयोग थे। कुल मिलाकर कहें तो 95 साल बाद राखी का त्योहार समान दिन और समय, नक्षत्र और योग में मनाया जाएगा। 

मध्‍य प्रदेश में अवैध खनन का खुलासा, विधायक संजय पाठक की कंपनियों पर 443 करोड़ का जुर्माना

भोपाल जबलपुर के सिहोरा तहसील के अलग-अलग गांवों में लौह अयस्क खदानों से अवैध उत्खनन के मामले में पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक संजय पाठक से जुड़ी कंपनियों से 443 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली होगी। आशुतोष मनु दीक्षित की शिकायत पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल ने जांच दल बनाया था, जिसने 443 करोड़ रुपये से अधिक की राशि और जीएसटी वसूलने का प्रतिवेदन दिया है। यह बात मुख्यमंत्री मोहन यादव की ओर से सदन में जवाब देने के लिए अधिकृत सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप ने मंगलवार को कांग्रेस विधायक अभिजीत शाह के प्रश्न के लिखित में उत्तर में दी। शाह ने आनंद माइनिंग कार्पोरेशन, निर्मला मिनरल्स एवं पैसिफिक एक्सपोर्ट द्वारा स्वीकृत मात्रा से अधिक उत्खनन करने से शासन को एक हजार करोड़ रुपये जमा नहीं करने संबंधी आशुतोष मनु दीक्षित की शिकायत पर कार्रवाई को लेकर सवाल किया था।   इसके लिखित जवाब में मंत्री ने बताया कि 23 अप्रैल 2025 को शिकायत की जांच करने के लिए दल गठित किया था। छह जून को जांच दल द्वारा सौंपे जांच प्रतिवेदन में 443 करोड़ रुपये से अधिक की राशि और जीएसटी की वसूली की बात कही गई है। अभी कार्रवाई चल रही है इसलिए वसूली नहीं हुई है।