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आसिम मुनीर की भारत विरोधी रणनीति उजागर, पाक सेना ने किया खतरनाक प्लान का खुलासा

इस्लामाबाद  पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत को गीदड़ भभकी दी है। हाल ही में द इकोनॉमिस्ट को दिए एक इंटरव्यू के दौरान ISPR यानी इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन के प्रवक्ता जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि अगर कोई और सैन्य कार्रवाई पाकिस्तान के खिलाफ शुरू की गई, तो भारत में 'अंदर घुसकर' हमला किया जाएगा। भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इकोनॉमिस्ट से बातचीत में जनरल चौधरी ने कहा कि मुनीर 'भारत को बातचीत की टेबल' पर लाना चाहते हैं। चौधरी से भारत की तरफ से दी गई चेतावनी को लेकर भी सवाल किया गया, जिसमें भारत की तरफ से कहा गया था कि किसी भी तरह की आतंकवादी घटना होने पर भारत की तरफ से तत्काल सैन्य कार्रवाई की जाएगी। इसपर चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान अब भारत पर 'पूर्व से हमला करेगा।' उन्होंने कहा, 'हम पूर्व से शुरुआत करेंगे। उन लोगों को भी समझना होगा कि उनपर भी हर जगह से हमला हो सकता है।' हालांकि, इस दौरान उन्होंने स्पष्ट जानकारी नहीं दी। रिपोर्ट के अनुसार, सेना के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि 16 अप्रैल को मुनीर की तरफ से दिए गए भाषण में साफ नजर आता है कि वह भारत को लेकर क्या विचार रखते हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले तीन आतंकवादी ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं और इस हमले में उनकी संलिप्तता वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित कर ली गई है। शाह ने कहा, 'मैं सदन के माध्यम से, ‘ऑपेरशन महादेव’ की जानकारी पूरे देश को देना चाहता हूं। ‘ऑपेरशन महादेव’ में सुलेमान, अफगान और जिब्रान नाम के तीन आतंकवादी – सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में मारे गए।' गृह मंत्री के अनुसार, गत 22 अप्रैल को दिन में एक बजे पहलगाम की बैसरन घाटी में हमला हुआ था और वह शाम 5.30 बजे श्रीनगर पहुंच गए थे तथा 23 अप्रैल को एक सुरक्षा बैठक की गई और इसकी पुख्ता व्यवस्था की गई कि नृशंस हत्या करने वाले हत्यारे देश छोड़कर भागने न पाएं। उन्होंने बताया कि पूरी छानबीन एवं वैज्ञानिक तरीकों से यह पुष्टि की गई कि इन तीनों आतंकवादियों ने ही 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में 26 निर्दोष लोगों की जान ली थी।  

डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी: भारत पर भारी टैक्स लगा सकता हूं 24 घंटे में

वाशिंगटन  अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को धमकी दी है। इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा है कि अगले 24 घंटों में भारत पर लगे टैरिफ में भारी इजाफा कर सकते हैं। खास बात है कि अमेरिका ने पहले ही भारत पर 25 फीसदी टैरिफ का ऐलान किया है। साथ ही रूसी तेल खरीदने के चलते भारत पर जुर्माना भी लगाया है। बातचीत में ट्रंप ने कहा, 'भारत और अच्छा व्यापारी साथी नहीं है, क्योंकि वो हमारे साथ बहुत व्यापार करता है, लेकिन हम उनके साथ बिजनेस नहीं करते। ऐसे में हमने 25 फीसदी तय किया है, लेकिन मैं सोच रहा हूं कि मैं इस दर को अगले 24 घंटों में काफी ज्यादा बढ़ाने जा रहा हूं।' उन्होंने कहा, 'वो रूसी तेल खरीद रहे हैं और वॉर मशीन को बढ़ावा दे रहे हैं और अगर वो ऐसा करने वाले हैं, तो इस बात से मैं खुश नहीं हूं।' एक दिन पहले ही ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर कहा, 'भारत न सिर्फ रूस से भारी मात्रा में तेल खरीद रहा है, बल्कि मोटा मुनाफा कमाने के लिए खुले बाजार में बेच रहा है। उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि रूसी युद्ध मशीन के चलते यूक्रेन में कितने लोग मर रहे हैं।'  

ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों के कैरियर विकास को प्रोत्साहित करने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया: ऊर्जा मंत्री तोमर

भोपाल  ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि ऊर्जा विभाग द्वारा कर्मचारियों के कैरियर विकास को प्रोत्साहित करने और उनके हितों की रक्षा कर लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने ऐसे नियमित एवं संविदा कर्मचारियों को, जिनका चयन ऊर्जा विभाग की अन्य कंपनियों में हुआ है, बड़ी राहत प्रदान करते हुए उनके द्वारा निष्पादित बोंड की राशि भुगतान में शिथिलता दी है। ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने कहा है कि कर्मचारियों को समुचित अवसर प्रदान करने व ऊर्जा क्षेत्र में दक्षता एवं गुणवत्ता हासिल कर नए मानक स्थापित करने के उद्देश्य से यह राहत प्रदान की गई है। हॉट लाइन प्रशिक्षित कर्मियों को मिलेगी राहत एमपी ट्रांसको के मुख्य अभियंता श्री धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि कंपनी में कार्यरत ऐसे कर्मचारी जिन्होंने ट्रांसमिशन लाइन की हॉटलाइन मेंटेनेंस हेतु विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है, यदि उनका चयन राज्य की अन्य उत्तरवर्ती विद्युत कंपनियों में होता है, तो उन्हें बोंड की शर्तों में शिथिलता दी जाएगी। हाल ही में ऐसे 9 कर्मचारियों का चयन अन्य विद्युत कंपनियों में हुआ है, जिन्हें प्रशिक्षण के दौरान किए गए बोंड की राशि तथा अनिवार्य नोटिस अवधि से छूट दी गई है। यह निर्णय न केवल इन कर्मचारियों को लाभान्वित करेगा, बल्कि भविष्य में भी यही नीति प्रभावी रहेगी। किसी भी हॉटलाइन प्रशिक्षित नियमित या संविदा कर्मचारी के अन्य विद्युत कंपनियों में चयन की स्थिति में यह शिथिलता स्वतः लागू होगी।  

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पॉक्सो अधिनियम पर कार्यशाला का करेंगे शुभारंभ

भोपाल लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (पोक्सो अधिनियम) विषय पर जागरूकता और प्रशिक्षण के लिए मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा 7 अगस्त (गुरुवार) को एक दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर (मिंटो हॉल) में आयोजित इस कार्यशाला का शुभारंभ करेंगे। कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि के रूप में स्कूल शिक्षा मंत्री श्री राव उदय प्रताप सिंह, महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया तथा बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष श्री द्रविंद्र मोरे उपस्थित रहेंगे। कार्यशाला में पूरे प्रदेश से महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, पुलिस तथा जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पोक्सो अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना, बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों पर अधिकारियों को संवेदनशील बनाना और उन्हें विधिक जानकारी व प्रशिक्षण प्रदान करना है। कार्यशाला में बाल संरक्षण के क्षेत्र में नीति निर्धारण से लेकर ज़मीनी कार्यान्वयन तक की प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करने पर भी मंथन किया जाएगा।  

आजादी के जश्न में सफाई का संकल्प, स्टेशनों पर जागरूकता फैलाने उतरे कलाकार

जबलपुर आजादी का अमृत महोत्सव अब सफाई के संकल्प से भी जुड़ गया है। रेलवे द्वारा 1 अगस्त से 15 अगस्त तक देशभर में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। इस पहल को स्वतंत्रता दिवस की भावना से जोड़ा गया है, जिससे सफाई को केवल जिम्मेदारी नहीं, बल्कि जन-आंदोलन का रूप दिया जा सके। इस अभियान का फेज(1) 1 से 15 अगस्त तक चलेगा, जिसके बाद फेज(2) 16 अगस्त से अक्टूबर तक जारी रहेगा। इस दौरान रेलवे के अधिकारी, कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य मिलकर विभिन्न स्वच्छता गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं।   पश्चिम मध्य रेलवे के तीनों मंडलों जबलपुर, कटनी और सतना में सफाई की शुरुआत शपथ ग्रहण से हुई। मुख्य यांत्रिक इंजीनियर एम. विजय कुमार और मंडल रेल प्रबंधक कमल कुमार तलरेजा के निर्देशन में अभियान को सक्रिय रूप से लागू किया जा रहा है। स्टेशन परिसर, प्लेटफॉर्म, यार्ड और कोच डिपो में सफाई अभियान चलाया गया। श्रमदान, जागरूकता रैली, और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से यात्रियों को साफ-सफाई के प्रति सजग किया जा रहा है। नुक्कड़ नाटक-ट्रेनिंग से बढ़ाई जागरूकता स्टेशनों पर नुक्कड़ नाटकों का आयोजन कर आम जनता को यह संदेश दिया गया कि स्वच्छता केवल कर्मचारियों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। साथ ही, कर्मचारियों के लिए स्वच्छता पर वर्कशॉप्स और ट्रेनिंग सत्र आयोजित किए गए, जिससे वे सफाई को अधिक प्रभावी ढंग से लागू कर सकें।

गांव के मरीजों को मिला डिजिटल इलाज का सहारा, जानें E-Sanjeevani से कैसे हो रहा फायदा

भोपाल भोपाल से ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी पहल की गई है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के उपमहानिदेशक (प्रशासन) जगदीश राजेश ने सोमवार को भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BMHRC) में तीन नई पहलों की शुरुआत की। इसमें सबसे अहम रही ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा की शुरुआत, जिससे दमोह, सिंगरौली और मंडला के मरीजों को अब विशेषज्ञ डॉक्टरों से सीधे ऑनलाइन परामर्श मिल सकेगा। क्या है ई-संजीवनी सेवा और कैसे मिलेगा फायदा? ई-संजीवनी सेवा एक ऑनलाइन टेलीपरामर्श सुविधा है, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से शुरू की गई है। इस सेवा के तहत अब इन जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत डॉक्टर, भोपाल स्थित BMHRC के विशेषज्ञों से सीधे सलाह ले सकेंगे।   विशेषज्ञ डॉक्टरों में शामिल होंगे     जनरल मेडिसिन     स्त्री रोग     गैस्ट्रो मेडिसिन     क्रिटिकल केयर इससे मरीजों को भोपाल या जिला अस्पताल तक बार-बार आने की जरूरत नहीं होगी, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी। ग्रामीण मरीजों के लिए क्यों है ये सेवा उपयोगी? BMHRC की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव के अनुसार, यह सेवा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बेहद लाभकारी होगी। इससे दूरदराज के मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा और इलाज की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। साथ ही, यह सेवा स्वास्थ्य सुविधाओं को सुलभ, सस्ती और तेज बनाएगी। नवनियुक्त कर्मचारियों के लिए ट्रेनिंग और हिंदी टाइपिंग का शुभारंभ ICMR उपमहानिदेशक ने BMHRC में दो अन्य पहलों का भी उद्घाटन किया 1. ओरिएंटेशन प्रोग्राम     यह प्रशिक्षण ICMR के नवनियुक्त तकनीकी कर्मचारियों के लिए है।     इसमें प्रशासनिक कौशल, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और नेतृत्व क्षमता जैसे विषयों पर फोकस किया गया। 2. हिंदी टाइपिंग प्रशिक्षण     4 से 8 अगस्त तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में 15 कर्मचारियों को राजभाषा विभाग द्वारा हिंदी प्रशासनिक कार्यों में दक्ष बनाया जाएगा।     प्रशिक्षण का नेतृत्व श्री घनश्याम नामदेव करेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में 7 अगस्त को पॉक्सो कार्यशाला, बाल अधिकारों पर होगा फोकस

भोपाल  लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (पोक्सो अधिनियम) विषय पर जागरूकता और प्रशिक्षण के लिए मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा 7 अगस्त (गुरुवार) को एक दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर (मिंटो हॉल) में आयोजित इस कार्यशाला का शुभारंभ करेंगे। कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि के रूप में स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह, महिला एवं बाल विकास मंत्री सुनिर्मला भूरिया तथा बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष द्रविंद्र मोरे उपस्थित रहेंगे। कार्यशाला में पूरे प्रदेश से महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, पुलिस तथा जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पोक्सो अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना, बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों पर अधिकारियों को संवेदनशील बनाना और उन्हें विधिक जानकारी व प्रशिक्षण प्रदान करना है। कार्यशाला में बाल संरक्षण के क्षेत्र में नीति निर्धारण से लेकर ज़मीनी कार्यान्वयन तक की प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करने पर भी मंथन किया जाएगा।  

इंदौर की तरक्की पर सीएम का दावा, सिंघार ने पूछा- करोड़ों का निवेश आया कैसे? PM 25 को धार में रखेंगे नींव

भोपाल विधानसभा में मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि विकास को लेकर मध्य प्रदेश से नहीं बल्कि देश को देखकर बात करनी होगी। उत्तर प्रदेश नहीं बल्कि पूरा देश लाभान्वित होना चाहिए। बिजली, सड़क आखिरी महत्व तक का और प्रवासियों की मानसिकता उनके काम करने का तरीका मध्य प्रदेश अनुकूल है।  फालतू के कानून खत्म मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी सरकार में कारखाने में हड़ताल नहीं हुई। मध्य प्रदेश में चाहे कांग्रेस की सरकार हो या बीजेपी की। परमात्मा की कृपा से इंदौर की गति जेट विमान की तरह चल रही है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर चारों टाउन बड़ी-बड़ी स्थिति में बड़ी-बड़ी संभावनाएं रखते हैं। हमने मेट्रोपॉलिटन इलाका पांच पांच शहरों को मिलाकर बनाया है। मास्टर प्लान को लेकर झगड़ा लैंड यूज का होता है। हम क्षेत्र आधार विकास को लेकर योजना पर काम कर रहे हैं। यह आगामी समय में 10-12 जिलों का नया मॉडल बनेगा। हम फालतू के कानून खत्म करते हुए नई विचारधारा नए कानून की ओर बढ़ रहे हैं। हम योजनाओं का सरलीकरण कर रहे हैं। धार में भूमिपूजन करेंगे PM मोदी सीएम डॉ. मोहन यादव ने आगे कहा कि GIS के लिए भोपाल का चयन किया है। GIS के लिए पीएम मोदी रात रुके। कोयंबटूर में वहां के नेता प्रतिपक्ष ने उद्योग को लेकर आंदोलन कर दिया था। मैंने कहा…कंपनियां वहां भी करें, और एमपी में भी काम करें। स्विट्जरलैंड के व्यापारी मोटा अनाज कोदू कुटकी खरीदने को तैयार है। हमारा माल दुनिया खरीद रही। पर्यटन के कई आयामों से रोजगार दिए जा रहे। इंजीनियरिंग कॉलेज में ही IT पार्क बना रहे। पढ़ाई के साथ काम भी एक ही कैंपस में मिल जाएगा।” सीएम ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 अगस्त को धार में पीएम मित्रा पार्क का भूमि-पूजन करेंगे / सीएम के वक्तव्य पर उमंग सिंघार मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के वक्तव्य पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने पूछा, “मध्य प्रदेश मेकिंग मध्य प्रदेश कब बनेगा? मुख्यमंत्री का आभार आपने आंकड़े गिनाए। करोड़ों का निवेश आया। लेकिन कैसे आया यह समझ ही नहीं आया। किसानों की जमीनों को लेकर मुआवजा दे नहीं पा रहे। 120 इंडस्ट्रियल पार्क बना रहे हैं। उद्योगपति को क्यों नहीं बोलते कि वह डेवलपमेंट करें। सरकार जनता के पैसे से इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कर रही है। सरकार को विचार करना चाहिए।” उमंग सिंघार ने आगे कहा, “बेरोजगारों को आप आकाशी रोजगार कह रहे हो। मध्य प्रदेश के सालों से बेरोजगार पड़े युवाओं की रोजगार नहीं दे पा रहे हैं।हम सफेद प्याज की खेती को बढ़ावा नहीं दे पा रहे। चावल को लेकर मध्यप्रदेश कहा हैं? सोयाबीन के प्लांट बंद पड़े हैं। देश का सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक राज्य की आज हालत खराब है। इस पर सरकार ने कुछ नहीं किया।” “IT सेक्टर की बात करते हैं..लेकिन IT मध्यप्रदेश नहीं आता। बड़ी कंपनियां बंद हो रही हैं, सिर्फ 11 बची है। नाम कहें तो गिना सकता हूं। पॉलिसी में खराबी है न। मांडू के पर्यटन की बात करते हैं। तालाब सूखे पड़े हैं..पर्यटन नहीं आता। पर्यावरण में घोटाला हो रहा है। मुख्यमंत्री के पास रिपोर्ट पेंडिंग पड़ी है। मेडिकल टूरिज्म की बात करते हैं आप। लेकिन लोग प्रदेश से बाहर जाते हैं..ये क्या है मेडिकल टूरिज्म? भावनाएं अच्छी है आपकी लेकिन आपकी भावनाएं लोगों तक नहीं पहुंच पाती। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आपने समूह की बात की लेकिन यहां भ्रष्टाचार हो रहा है।”

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा लौटेगा? सुप्रीम कोर्ट में 8 अगस्त को हो सकती है बड़ी बहस

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट 8 अगस्त (शुक्रवार) को उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के निर्देश देने की मांग की गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने इस याचिका को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) वीआर गवई के समक्ष उठाया और आग्रह किया कि इसे निर्धारित तिथि (8 अगस्त) की सूची से हटाया न जाए। न्यायमूर्ति गवई ने यह अनुरोध स्वीकार कर लिया। यह मामला अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण से संबंधित है, जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्राप्त था। यह याचिका उस पुराने केस से जुड़ी एक मिक्स्ड एप्लिकेशन के रूप में दायर की गई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2023 में अपने ऐतिहासिक फैसले में अनुच्छेद 370 को हटाने को वैध ठहराया था। हालांकि, उस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की संवैधानिक वैधता पर कोई टिप्पणी नहीं की थी, क्योंकि सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि राज्य का दर्जा "शीघ्र" बहाल किया जाएगा। कोर्ट ने उस समय कहा था- “राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाना चाहिए” लेकिन कोई ठोस समयसीमा तय नहीं की गई थी। ताजा याचिका कॉलेज शिक्षक जाहूर अहमद भट और सामाजिक कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद मलिक द्वारा दायर की गई है। यह याचिका एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड इजाज मकबूल के माध्यम से दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आए लगभग 11 महीने बीत चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जबकि क्षेत्र में विधानसभा चुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो चुके हैं। इधर सोमवार को हुई उच्चस्तरीय बैठकों से यह अटकलें तेज हो गई हैं कि केंद्र सरकार राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया जल्द शुरू कर सकती है। रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बीच हुई अलग-अलग मुलाकातों और मंगलवार सुबह एनडीए सांसदों की बैठक ने इन अटकलों को और हवा दी है। सोमवार को संसद भवन परिसर में हुई एक और अहम बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आईबी प्रमुख तपन कुमार डेका और गृह सचिव गोविंद मोहन शामिल हुए। हालांकि इस बैठक से जुड़ी कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है। अब निगाहें 8 अगस्त की सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह स्पष्ट हो सकता है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने के लिए क्या रोडमैप तय करती है।  

भारतीय सेना की दो-टूक: अमेरिका ने किया भरोसे का उल्लंघन, क्या रिश्तों में आएगी दरार?

नई दिल्ली   भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना की पूर्वी कमान ने एक पुरानी खबर को साझा कर अमेरिका को उसकी दशकों पुरानी नीति याद दिलाई है. सेना ने पांच अगस्त 1971 को प्रकाशित एक समाचार लेख को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया है. इसमें बताया गया था कि अमेरिका ने 1954 से 1971 तक पाकिस्तान को दो अरब डॉलर (लगभग 17,500 करोड़ रुपये) के हथियार भेजे थे. इस पोस्ट को ‘This Day That Year’ कैप्शन के साथ शेयर किया गया, जिसमें हैशटैग #KnowFacts का इस्तेमाल किया गया. यह कदम भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव और व्यापारिक मुद्दों के साथ-साथ भारत-रूस संबंधों पर डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियों के बीच आया है. यह लेख 1971 के उस समय का है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था. उस साल दिसंबर में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़ा, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का जन्म हुआ. भारतीय सेना की इस पोस्ट को मौजूदा हालात में अमेरिका की नीतियों पर एक तीखा कटाक्ष माना जा रहा है. 1971 में अमेरिका ने पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति जारी रखी थी, भले ही उसने भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए हथियारों पर प्रतिबंध की घोषणा की थी. इस दौरान अमेरिका ने पाकिस्तान को टैंक, जेट विमान और अन्य सैन्य उपकरण दिए. ये हथियार बाद में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान इस्तेमाल हुए. भारतीय सेना की इस पोस्ट का समय महत्वपूर्ण है. हाल ही में अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा है. भारत-अमेरिका रिश्तों में तनाव डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-रूस संबंधों पर टिप्पणी करते हुए भारत की विदेश नीति पर सवाल उठाए हैं. इसके जवाब में भारत ने साफ किया है कि वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों को प्राथमिकता देता है. भारतीय सेना की यह पोस्ट न केवल ऐतिहासिक तथ्यों को उजागर करती है, बल्कि यह भी संदेश देती है कि भारत अमेरिका की दोहरी नीति को भूला नहीं है. 1971 के युद्ध में अमेरिका ने पाकिस्तान का समर्थन किया था और अपने विमानवाहक पोत USS एंटरप्राइज को हिंद महासागर में तैनात किया था, जिसे भारत के खिलाफ एक चेतावनी माना गया. इस दौरान भारत ने सोवियत संघ के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत किया, जिसने युद्ध में भारत को कूटनीतिक और सैन्य सहायता प्रदान की. भारतीय सेना की यह पोस्ट उस समय की याद दिलाती है, जब अमेरिका की नीतियों ने भारत के लिए चुनौतियां खड़ी की थीं. वर्तमान में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग बढ़ा है, लेकिन पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति का मुद्दा समय-समय पर विवाद का कारण बनता रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह पोस्ट भारत का एक रणनीतिक संदेश है, जिसमें वह अमेरिका को उसकी पुरानी नीतियों के प्रति आगाह कर रहा है. यह कदम भारत-अमेरिका संबंधों में नई तल्खी ला सकता है, खासकर तब जब भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठा रहा है.