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कांवड़ियों के स्वागत में उमड़ा भक्ति भाव: सीएम योगी ने की पुष्प वर्षा और पूजा अर्चना

गाजियाबाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को हरिद्वार दिल्ली राष्ट्रीय राज मार्ग पर कांवड़ यात्रा का हवाई निरीक्षण किया और यहां बाबा दूधेश्वरनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री ने हेलीकॉप्टर से चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग तथा मेरठ-मुजफ्फरनगर मार्ग का हवाई निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा भी की। मुख्यमंत्री ने मेरठ रेंज के अधिकारियों से कांवड़ यात्रा के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने हरिद्वार से कांवड़ लेकर आ रहे यात्रियों पर मेरठ में पुष्प वर्षा की। पुष्प वर्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कुछ कांवड़ियों से सीधी बात भी की। कांवड़ियों ने हर हर महादेव के नारे के साथ उनका अभिवादन किया। पुष्प वर्षा के दौरान हर हर महादेव के नारे दूर तक गूंजते रहे। जूना अखाड़ा के प्रवक्ता एवं श्रीदूधेश्वरनाथ मठ के श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मंदिर में पूजा-अर्चना करके आज से शुरु हो रहे श्रावण कावड़ मेला का शुभारंभ भी किया।सिद्धपीठ में यह मेला शिवरात्रि के जलाभिषेक तक चलेगा। 

टोल से अरबों की कमाई! भारत में किस राज्य का योगदान सबसे ज्यादा?

नई दिल्ली  जब भी आप अपनी गाड़ी से किसी राष्ट्रीय राजमार्ग या एक्सप्रेसवे पर निकलते हैं तो एक चीज का सामना जरूर करते हैं – टोल प्लाजा। यह सिर्फ एक टैक्स नहीं है बल्कि भारत सरकार की कमाई का एक बड़ा जरिया भी बन चुका है। अब सवाल ये उठता है कि देश में कुल कितने टोल प्लाजा हैं और इनसे हर दिन कितनी कमाई होती है? इस सवाल का जवाब जानकर आप चौंक सकते हैं। क्योंकि टोल टैक्स से हर दिन करोड़ों की कमाई हो रही है जो सीधे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में इस्तेमाल हो रही है। देश में कितने टोल प्लाजा हैं? सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जून 2025 तक देशभर में कुल 1,087 टोल प्लाजा सक्रिय हैं। ये टोल प्लाजा भारत के विशाल 1.5 लाख किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का हिस्सा हैं। हालांकि, इन सभी सड़कों पर टोल नहीं लिया जाता। वर्तमान में करीब 45,000 किलोमीटर सड़क नेटवर्क पर टोल वसूली होती है। पिछले कुछ वर्षों में टोल प्लाजा की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। पिछले 5 सालों में ही 457 नए टोल प्लाजा बनाए गए हैं। यह बढ़ोतरी न सिर्फ नए सड़कों के निर्माण का संकेत देती है बल्कि देशभर में फास्टैग टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग का भी परिणाम है। हर दिन कितनी होती है टोल से कमाई? अगर आप सोचते हैं कि टोल प्लाजा से मामूली कमाई होती होगी तो आप गलत हैं। लोकसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार, देश के 1,087 टोल प्लाजा से हर दिन औसतन 168.24 करोड़ रुपये की कमाई होती है। यह आंकड़ा सालाना आधार पर 61,408.15 करोड़ रुपये तक पहुंच जाता है। इस रकम का उपयोग सड़कों के रखरखाव, नए निर्माण और आधारभूत संरचना को मजबूत करने में किया जाता है। फास्टैग से बढ़ी टोल की वसूली फास्टैग सिस्टम लागू होने के बाद से टोल वसूली की प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता दोनों में बड़ा सुधार देखने को मिला है। अब टोल प्लाजा पर डिजिटल पेमेंट के माध्यम से न सिर्फ समय की बचत हो रही है बल्कि टोल चोरी जैसी समस्याओं पर भी प्रभावी तरीके से लगाम लगी है। इसका सीधा असर टोल संग्रह पर पड़ा है। अगर आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2019-20 में टोल वसूली जहां 27,504 करोड़ रुपये थी वहीं वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 55,882 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। यानी मात्र चार वर्षों में टोल से होने वाली कमाई लगभग दोगुनी हो चुकी है। पिछले पांच वर्षों में कुल टोल वसूली का आंकड़ा 1.93 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है, जो यह दर्शाता है कि फास्टैग ने किस तरह से देश के टोल सिस्टम को अधिक मजबूत और पारदर्शी बनाया है।   देश के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले टोल प्लाजा हर टोल प्लाजा से होने वाली कमाई समान नहीं होती। देश में कुछ ऐसे मार्ग हैं जहां से भारी संख्या में वाहन गुजरते हैं और इन मार्गों पर स्थित टोल प्लाजा सबसे अधिक कमाई करते हैं। इन रूट्स पर खासतौर से औद्योगिक ट्रैफिक, भारी वाणिज्यिक वाहन और हाई डिमांड यात्रा मार्ग होने के कारण टोल वसूली काफी अधिक होती है। सबसे ज्यादा कमाई करने वाले टोल प्लाजा में गुजरात के वडोदरा-भरूच खंड पर स्थित भरथना टोल प्लाजा पहले स्थान पर है, जिसने वर्ष 2023-24 में अकेले 472.65 करोड़ रुपये की कमाई की। इसके बाद राजस्थान का शाहजहांपुर टोल प्लाजा, पश्चिम बंगाल का जलाधुलागोरी टोल प्लाजा, उत्तर प्रदेश का बड़ाजोर टोल प्लाजा और हरियाणा का घरौंडा टोल प्लाजा क्रमशः दूसरे से पांचवें स्थान पर आते हैं। इन सभी टोल प्लाजा से प्रतिवर्ष सैकड़ों करोड़ रुपये की कमाई होती है जो देश के राजमार्गों के वित्तीय योगदान को दर्शाती है। टोल टैक्स से कैसे बदल रहा है भारत का रोड नेटवर्क? टोल वसूली से प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग केवल राजस्व जुटाने तक सीमित नहीं है बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य देश के सड़क बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना है। इस राशि का इस्तेमाल सड़कों के नियमित रखरखाव और मरम्मत, नई सड़कों और एक्सप्रेसवे के निर्माण, सड़क सुरक्षा में सुधार और डिजिटल टोलिंग सिस्टम को बढ़ावा देने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में किया जाता है। इससे न केवल देशभर में यात्रा अधिक सहज और सुरक्षित हुई है बल्कि फास्टैग जैसी तकनीकों के कारण यात्रियों का कीमती समय भी बच रहा है, जिससे सड़क परिवहन पहले से कहीं अधिक कुशल और तेज़ बन चुका है।  

छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा क्रांति: हर घर बनेगा बिजलीघर

रायपुर  छत्तीसगढ़ सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। उनकी यह पहल न केवल छत्तीसगढ़ को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, रोजगार सृजन और सतत विकास के बड़े लक्ष्यों को भी हासिल करेगी। साथ ही जीरो कार्बन एमिशन लक्ष्यों में योगदान सुनिश्चित होगा। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में घर-घर रूफटॉप सोलर पॉवर प्लांट स्थापित कर लोगों को प्रदूषण मुक्त, मुफ्त और निरंतर बिजली देने की परिकल्पना की गई है। इसके माध्यम से प्रत्येक उपभोक्ता को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाकर उनके मासिक खर्चों में भी उल्लेखनीय कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। हर नागरिक की होगी भागीदारी प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत पात्रता रखने वाले सभी नागरिक जिनके पास वैध बिजली कनेक्शन और उपयुक्त छत है, वे इस योजना में आवेदन कर सकते हैं। खास बात यह है कि योजना के अंतर्गत एक बार सोलर पैनल स्थापित होने के बाद उपभोक्ता को हर माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी। इससे न सिर्फ बिजली बिलों का झंझट समाप्त होगा, बल्कि यदि आवश्यकता से अधिक बिजली का उत्पादन होता है, तो उसे ग्रिड को बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी ली जा सकती है। मिलेगी डबल सब्सिडी  प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 1 किलोवॉट से 3 किलोवॉट तक के सौर संयंत्र लगाने पर प्रति वॉट 45 हजार रुपये से लेकर अधिकतम 1 लाख 8 हजार रुपये तक की सब्सिडी केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से दी जा रही है। इसमें राज्य सरकार ने भी अपनी हिस्सेदारी जोड़ दी है, जिससे उपभोक्ताओं को डबल सब्सिडी का सीधा लाभ मिलेगा। स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण छत्तीसगढ़ सरकार जीरो कार्बन एमिशन नीति को साकार रूप देने के लिए स्वच्छ ऊर्जा को प्राथमिकता दे रही है। छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 15 प्रतिशत ग्रीन एनर्जी का उत्पादन हो रहा है। इसे बढ़ाकर सरकार ने वर्ष 2047 तक 45 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आएगी। यह नीति न केवल वर्तमान, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी हरित और सतत भविष्य सुनिश्चित करेगी। बढ़ेंगे रोजगार के अवसर छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा क्रांति से रोजगार के नए अवसर भी बढ़ेगें। इससे सोलर पैनल के निर्माण, स्थापना, रखरखाव आदि जैसे क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर युवाओं के लिए रोजगार और स्व-रोजगार के अवसर बढ़ेगें। वहीं राज्य की आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। योजना के फायदे- केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से डबल सब्सिडी सीधे बैंक खाते में मिलेगा। एक बार सौर पैनल की स्थापना के बाद 20-25 वर्षों तक मुफ्त बिजली मिल सकेगी। लोगों को निरंतर विद्युत की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। बार-बार बिजली गुल होने की समस्या से मुक्ति मिलेगी। इसके अलावा बिजली बेचने से अतिरिक्त आमदनी होगी। साथ ही स्वच्छ, हरित और पर्यावरण हितैषी जीवनशैली को बढ़ावा मिलेगा।

ममता बनर्जी का तीखा संदेश: बंगाली भाषा के लिए लड़ाई आखिरी सांस तक जारी रहेगी

कोलकाता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को झारग्राम में एक विशाल विरोध रैली का नेतृत्व किया और राज्य के बाहर बांग्ला भाषी प्रवासियों पर कथित हमलों की निंदा की। बांग्ला भाषा और पहचान को ‘कभी दबाया नहीं जा सकता’ के संदेश के साथ निकाली गई रैली का नेतृत्व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो बनर्जी ने किया। उन्होंने कहा कि भले ही आप मुझे गिरफ्तार करने या मुझे गोली मारने आएं, मैं बंगाली भाषा के अपमान के खिलाफ विरोध करती रहूंगी। उन्होंने कहा कि अगर आप बांग्ला भाषा और बंगाल के लोगों पर हमला करेंगे, तो मैं भाजपा को दुनिया के सामने बेनकाब कर दूंगी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने झारग्राम रैली में दावा किया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को पिछले दरवाजे से लाने के लिए की जा रही है। असम सरकार को पश्चिम बंगाल के लोगों को एनआरसी नोटिस भेजने का क्या अधिकार है। भाजपा नेता लोगों से उनकी पहचान साबित करने के लिए जन्म प्रमाण पत्र मांग रहे हैं, लेकिन क्या उनके पास खुद के दस्तावेज हैं। विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के नाम पर एक भी मतदाता को मतदाता सूची से बाहर नहीं किया जाना चाहिए। ममता बनर्जी ने आदिवासी बहुल क्षेत्र में लगभग तीन किलोमीटर की पदयात्रा की, जिसमें तृणमूल नेता, सांस्कृतिक हस्तियां और नागरिक शामिल हुए। उनके हाथों में तख्तियां थी जिनपर बंगाल का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और बंगाल, मेरी मां, जैसे नारे लिखे थे। यह विरोध प्रदर्शन देश के विभिन्न हिस्सों में बांग्ला भाषी प्रवासियों के कथित उत्पीड़न के मद्देनजर आयोजित किया गया। वहीं, ममता बनर्जी ने मतदाता सूची तैयार करने में कथित चूक को लेकर राज्य सरकार के चार अधिकारियों और एक डेटा एंट्री ऑपरेटर को निलंबित करने पर बुधवार को चुनाव आयोग (ईसी) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने इस कदम की वैधता पर सवाल उठाया और चुनाव आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया। बनर्जी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है। एक जनसभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा, "अधिकारियों को कल निलंबन नोटिस दिया गया था। क्या अभी तक चुनावों की घोषणा भी हुई है? कौन सा कानून उन्हें इस समय निलंबित करने की अनुमति देता है? आप सभी की सुरक्षा करना हमारी ज़िम्मेदारी है। हम ऐसा करेंगे। हम उन्हें निलंबित नहीं करेंगे।" तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने चुनाव आयोग पर सरकारी अधिकारियों को धमकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि उनका प्रशासन अपने कर्मचारियों के साथ खड़ा रहेगा।  

अजय देवगन ने वत्सल सेठ को दी जन्मदिन की बधाई, ‘टार्जन: द वंडर कार’ की दिलाई याद

मुंबई,  बॉलीवुड के सुपरस्टार अजय देवगन ने अभिनेता वत्सल सेठ को उनके 45वें जन्मदिन पर उन्हें मजेदार तरीके से बधाई दी। अजय देवगन ने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी शेयर की, जिसमें उन्होंने वत्सल को फिल्म ‘टार्जन: द वंडर कार’ की याद दिलाते हुए विश किया। बता दें कि ‘टार्जन: द वंडर कार’ 2004 में रिलीज हुई थी और इसमें अजय और वत्सल ने साथ में काम किया था। अजय देवगन ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में एक फोटो पोस्ट की, जिसमें वे, वत्सल और अभिनेत्री काजोल एक साथ नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर में वत्सल की पत्नी इशिता दत्ता भी दिखाई दे रही हैं। इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए अजय ने एक मजेदार कैप्शन लिखा। उन्होंने लिखा, “जब भी आपको मेरी जरूरत हो, एक पर्पल कार को ढूंढना… जन्मदिन मुबारक हो वत्सल सेठ।” उनके पोस्ट में पर्पल कार का मतलब फिल्म ‘टार्जन: द वंडर कार’ की मशहूर पर्पल कार से है, जो फिल्म का एक अहम हिस्सा थी। इस फिल्म में वत्सल शेठ और अजय देवगन के अलावा, आयशा टाकिया, फरीदा जलाल, अमरीश पुरी, सदाशिव अमरापुरकर, गुलशन ग्रोवर, राजपाल यादव, मुकेश तिवारी, सिकंदर खरबंदा, और शक्ति कपूर अहम रोल में थे। फिल्म की कहानी देवेन चौधरी नामक एक ऑटोमोबाइल इंजीनियर पर आधारित है, जो अपनी मां सुहासिनी और बेटे राज के साथ रहता है। देवेन ने एक कार डिजाइन की, जिसे उसने डीसी नाम दिया। उसके पास एक पुरानी मॉरिस माइनर कार भी है, जिसे वह ‘टार्जन’ कहता है, जो उसके दिवंगत पिता से मिली थी। यह कार एक खास सजावट की वजह से टार्जन के किरदार से जुड़ी हुई है। देवेन अपनी कार के डिजाइन को लेकर एक निजी कंपनी ‘फोरफॉक्स’ के साथ काम करता है, लेकिन कंपनी के कार्यकारी राकेश कपूर और उसके साथी डिजाइन चुरा लेते हैं और इसे अपने नाम पर रजिस्टर करवा लेते हैं। देवेन पुलिस में शिकायत करता है, लेकिन पुलिस अधिकारी संजय शर्मा उसके खिलाफ हो जाता है, और उसे चुप कर दिया जाता है, जिसके कारण देवेन की मौत हो जाती है। बारह साल बाद, उसका बेटा राज, जो अब बड़ा हो चुका है, कॉलेज जाता है और इस दौरान उसकी नजर अपने पिता की पुरानी कार ‘टार्जन’ पर पड़ती है, जिसे वह 5000 रुपए में खरीदता है और उसे नया डिजाइन देने का काम शुरू करता है। पिता के सपने को पूरा करने के लिए वह नए डिजाइन द्वारा तैयार की गई कार को ‘डीसी’ नाम देता है। देवेन की आत्मा इस कार के जरिए अपने दुश्मनों से बदला लेने लगती है। इस फिल्म का निर्देशन अब्बास-मस्तान ने किया था।  

01 लाख 24 हजार 701 स्‍मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को मिला 20 प्रतिशत छूट का लाभ

भोपाल  मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपने कार्यक्षेत्र के अंतर्गत 01 लाख 24 हजार 701 स्‍मार्ट मीटर उपभोक्‍ताओं को उनके मासिक विद्युत बिल में सोलर ऑवर (टाइम ऑफ डे) छूट का लाभ देते हुए जुलाई 2025 में कुल 1 करोड़ 8 लाख 59 हजार 082 रूपये की रियायत दी है। दिन के टैरिफ में स्‍मार्ट मीटर उपभोक्‍ताओं के लिए यह सभी छूट अथवा प्रोत्साहन की गणना सरकारी सब्सिडी (यदि कोई हो) को छोड़कर की जा रही है। स्‍मार्ट मीटर उपभोक्‍ताओं, जिनमें घरेलू, गैर घरेलू, सार्वजनिक जल कार्य और स्ट्रीट लाइट और निम्‍नदाब औद्योगिक उपभोक्‍ता शामिल हैं, के लिए 'सोलर ऑवर' सुबह 9  बजे से शाम 5  बजे तक की अवधि के दौरान उपभोग की गई ऊर्जा के लिए ऊर्जा प्रभार की सामान्य दर पर  20 प्रतिशत की छूट, 10  किलोवाट तक स्वीकृत लोड/अनुबंध मांग वाले उपभोक्‍ताओं को, दी जा रही है। कंपनी के प्रबंध संचालक श्री क्षितिज सिंघल ने बताया है कि कंपनी ने स्मार्ट मीटरिंग पहल में माह जुलाई 2025 के दौरान 1 लाख 24 हजार 701 उपभोक्ताओं को यह छूट दी है। कंपनी कार्यक्षेत्र के भोपाल में कुल 1 लाख 16 हजार 736 स्‍मार्ट मीटर उपभोक्‍ताओं ने 1 करोड़ 44 हजार तथा ग्‍वालियर में कुल 7 हजार 965  स्‍मार्ट मीटर उपभोक्‍ताओं ने कुल 8 लाख 14 हजार रूपये की बिजली बिल में छूट का लाभ उठाया है। कंपनी द्वारा स्‍मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को उनकी खपत के आधार पर सोलर ऑवर छूट के तहत 50 रूपये से लेकर 12 हजार 160 रूपये तक की छूट दी गई है। प्रबंध संचालक ने आमजन एवं उपभोक्‍ताओं से अपील की है कि वे अपने परिसर में स्‍मार्ट मीटर लगाने में सहयोग करें और स्‍मार्ट मीटर लगवाने से न घबराएं। स्‍मार्ट मीटर उनके लिए हर तरह से फायदेमंद है और स्‍मार्ट मीटर की सटीक रीडिंग और बिलिंग के साथ ही कार्यप्रणाली में भी किसी प्रकार की गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है। कंपनी ने भोपाल क्षेत्रांतर्गत कुल 1 लाख 16 हजार 736 उपभोक्ताओं में हरदा सर्किल के कुल 7 उपभोक्‍ताओं को 2 हजार 174 रूपए, राजगढ़ के 26 उपभोक्‍ताओं को 4 हजार 706 रूपए, भोपाल ग्रामीण के 6 हजार 970 उपभोक्‍ताओं को 5 लाख 11 हजार 994 रूपए, रायसेन के 15 उपभोक्‍ताओं को 12 हजार 074 रूपए, बैतूल के 63 उपभोक्‍ताओं को 21 हजार 312 रूपए, विदिशा के 966 उपभोक्‍ताओं को 58 हजार 532 रूपए, सीहोर के 2 हजार 418 उपभोक्‍ताओं को 1 लाख 50 हजार 892 रूपए, नर्मदापुरम के 18 हजार 091 उपभोक्‍ताओं को 14 लाख 17 हजार 160 रूपए और भोपाल शहर वृत्‍त के 88 हजार 180 उपभोक्‍ताओं को 78 लाख 65 हजार 444 रूपए की दिन के टैरिफ में छूट दी है। इसी प्रकार कंपनी ने ग्‍वालियर क्षेत्रांतर्गत कुल 7 हजार 965 स्‍मार्ट मीटर उपभोक्‍ताओं में शिवपुरी सर्किल के कुल 3 उपभोक्‍ताओं को 644 रूपए, मुरैना के 2 उपभोक्‍ताओं को 1,095 रूपए, अशोक नगर के 4 उपभोक्‍ताओं को 1,906 रूपए, दतिया के 6 उपभोक्‍ताओं को 2,152 रूपए, गुना के 90 उपभोक्‍ताओं को 6,738 रूपए, ग्‍वालियर ग्रामीण के 2,208 उपभोक्‍ताओं को 1 लाख 92 हजार 432 रूपए और ग्‍वालियर शहर वृत्‍त के 5,652 उपभोक्‍ताओं को 6 लाख 9 हजार 819 रूपए की दिन के टैरिफ में छूट दी है।  उल्‍लेखनीय है कि स्मार्ट मीटर से बिजली उपभोक्‍ताओं को ऊर्जा की खपत को ट्रैक करने और ऊर्जा की बचत करने में मदद मिलती है। स्‍मार्ट मीटर बिजली की खपत को सटीक रूप से मापता है, जिससे बिल में कोई गलती नहीं होती। ऐप के जरिए मोबाइल पर रियल-टाइम डेटा देखकर ऊर्जा की खपत को नियंत्रित किया जा सकता है। उपभोक्‍ताओं को ऊर्जा की गुणवत्ता के बारे में जानकारी मिलती है, जिससे ऊर्जा की खपत को बेहतर बनाया जा सकता है। उपभोक्‍ता ऊर्जा की खपत को ऑनलाइन मोबाइल एप के द्वारा किसी भी समय कहीं से भी देख सकते हैं। स्‍मार्ट मीटर ऊर्जा की खपत को कम करने में सहायक होकर पर्यावरण पर पड़ने वाला प्रभाव को भी कम करता है। 

पटियाला में संकट की आहट, सतर्क रहने की अपील

पटियाला हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी बारिश के कारण जहां पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है, वहीं पटियाला में भी खतरे की घंटी बज चुकी है। दरअसल, घग्गर नदी में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और पिछले 24 घंटों में यह तेजी से बढ़ा है। इसी को देखते हुए पटियाला प्रशासन ने घग्गर नदी के आसपास बसे एक दर्जन से अधिक गांवों के लिए एडवाइजरी जारी की है और लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। नदी का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच चुका है, जिस कारण राजपुरा, घनौर और अन्य आसपास के इलाकों के लोगों से नदी की ओर न जाने की अपील की गई है। इस दौरान पटियाला की उपायुक्त (डीसी) प्रीति यादव ने नागरिकों से सतर्क रहने, अफवाहें न फैलाने और पानी से संबंधित किसी भी आपात स्थिति की तुरंत सूचना जिला कंट्रोल रूम के नंबर 0175-2350550 पर देने की अपील की है। दूसरी ओर, पहाड़ी और मैदानी इलाकों में बारिश के चलते ब्यास और सतलुज नदियों में भी जलस्तर बढ़ रहा है। हरीके हेड से लेकर हुसैनीवाला हेड तक 20,000 से 25,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। हुसैनीवाला हेड पर तीन से चार गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है, जो फाजिल्का की ओर जाएगा। इधर, कांगड़ा और होशियारपुर जिले के तलवाड़ा में ब्यास नदी पर बने पोंग डैम का जलस्तर भी केवल 24 घंटे में तीन फीट तक बढ़ गया है। बुधवार शाम पांच बजे यहां भी डैम के गेट खोलने की तैयारी है। प्रशासन ने निचले इलाकों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। 

बिजली संकट पर सख्त हुए योगी, अफसरों को दी सुधार की अंतिम चेतावनी

लखनऊ बिजली की आंख मिचौली से खफा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजली अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग और अनावश्यक कटौती किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जाएगी। विद्युत आपूर्ति के लिए व्यवस्था में सुधार करना ही होगा वरना कार्रवाई के लिए तैयार रहें। मुख्यमंत्री योगी ने यहां ऊर्जा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रदेश में बिजली व्यवस्था अब केवल तकनीकी या प्रशासनिक विषय नहीं, बल्कि जनता के भरोसे और शासन की संवेदनशीलता का पैमाना बन चुकी है। सीएम ने शिकायतों पर जताई नाराजगी  बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि जून 2025 में उत्तर प्रदेश ने रिकॉर्ड 31,486 मेगावाट की अधिकतम बिजली मांग सफलतापूर्वक पूरी की। इस अवधि में 16,930 मिलियन यूनिट बिजली की आपूर्ति की गई। लगातार बढ़ रही उमस (ह्यूमिडिटी) और तापमान ने खपत को अप्रत्याशित रूप से बढ़ाया, इसके बावजूद शहरी क्षेत्रों में औसतन 24 घंटे, तहसील स्तर पर 21.5 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे तक बिजली उपलब्ध कराई गई। मुख्यमंत्री ने ट्रिपिंग की लगातार आ रही शिकायतों पर गहरी नाराजगी जताई और निर्देश दिया कि प्रत्येक फीडर की तकनीकी जांच हो, कमजोर स्थानों की पहचान कर तुरंत सुधार कराया जाए।  ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता तुरंत बढ़ाई जाएः योगी  सीएम ने कहा कि जहाँ ज़रूरत हो, वहां ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता तुरंत बढ़ाई जाए ताकि ओवरलोडिंग की स्थिति न बने। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि फील्ड से प्राप्त वास्तविक शिकायतों का समाधान समयबद्ध ढंग से हो, ताकि जनता को राहत मिले। उन्होंने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से कहा कि संसाधनों की कोई कमी नहीं है, सरकार ने बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण को मजबूत करने के लिए रिकॉर्ड बजट उपलब्ध कराया है। ऐसे में किसी स्तर पर लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों से उनके क्षेत्रों की आपूर्ति की स्थिति जानने के बाद मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाए।  बिलिंग व्यवस्था पर ये बोले सीएम योगी  बिलिंग व्यवस्था पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘हर उपभोक्ता को हर महीने सही समय पर स्पष्ट और सटीक बिल मिलना चाहिए। फॉल्स या ओवरबिलिंग जैसी शिकायतें जन विश्वास को तोड़ती हैं और विभाग की साख को नुकसान पहुंचाती हैं। यह किसी भी स्थिति में नहीं होना चाहिए। बिलिंग एफिशिएंसी बढ़ाई जाए। उन्हें जानकारी दी गई कि अब तक 31 लाख उपभोक्ता स्माटर् मीटर से जोड़े जा चुके हैं और इस प्रक्रिया को ब्लॉक स्तर तक ले जाने का कार्य तेज़ी से जारी है। योगी ने तकनीकी और वाणिज्यिक हानियों (लाइन लॉस) को चरणबद्ध रूप से नीचे लाने का लक्ष्य तय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर डिस्कॉम को अपने स्तर पर ठोस रणनीति बनाकर काम करना होगा। साथ ही, जहां आवश्यक हो, पारेषण व वितरण प्रणाली के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया भी गति पकड़े।  

वरुण धवन ने ‘बॉर्डर 2’ का अमृतसर शेड्यूल पूरा किया, पार्टी का वीडियो किया शेयर

मुंबई, अभिनेता वरुण धवन ने अपकमिंग वॉर ड्रामा फिल्म ‘बॉर्डर-2’ की अमृतसर की शूटिंग खत्म कर ली है। बुधवार को मेकर्स ने सोशल मीडिया पर अमृतसर सेट से रैप-अप पार्टी की कई तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए। वीडियो में निर्माता भूषण कुमार, अभिनेत्री मेधा राणा और वरुण धवन नजर आ रहे हैं, वहीं अभिनेता वरुण धवन केक काटते हुए कह रहे हैं, “शूटिंग खत्म हुई, भारत माता की जय।” फिल्म ‘बॉर्डर-2’ में अभिनेत्री मेधा राणा वरुण संग खास रोल में नजर आएंगी। वहीं, कुछ समय पहले निर्माता भूषण कुमार ने फिल्म में अभिनेत्री के चुनाव को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा, “हमें फिल्म में एक ऐसी लड़की चाहिए थी जो स्वाभाविक रूप से उस क्षेत्र की भाषा, भाव और असली माहौल को फिल्म में सही तरीके से दिखा सके। वहीं, मेधा भी हमारी उम्मीदों पर खरी उतरीं। उन्होंने अपनी काबिलियत से सबको प्रभावित किया, खासकर क्षेत्र की बोली, बोलने के तरीके और अभिनय में भावों की गहराई ने सभी को चौंका दिया। हमें पूरा विश्वास है कि मेधा इस रोल में बिल्कुल परफेक्ट हैं।” प्रोड्यूसर निधि दत्त ने भी फिल्म में मेधा के अभिनय की तारीफ की थी, जिसमें उन्होंने कहा, “फिल्म में निर्देशक से लेकर सभी कलाकारों का चुनाव इस वजह से किया गया है ताकि एक ऐसी कहानी दिखाई जा सके, जो सच्ची और प्रेरणादायक लगे। मेधा राणा और वरुण साथ मिलकर फिल्म में एक नई ताजगी लेकर आएंगे, यह जोड़ी कहानी को और भी खूबसूरत बना देगी।” यह फिल्म मेधा के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि वह एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं। फिल्म ‘बॉर्डर 2’ के निर्देशक अनुराग सिंह हैं और इसका निर्माण गुलशन कुमार और टी-सीरीज के बैनर तले हो रहा है। ‘बॉर्डर 2’ जेपी दत्ता की 1997 की ब्लॉकबस्टर ‘बॉर्डर’ का सीक्वल है, जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित फिल्म थी। उसमें सनी देओल, सुनील शेट्टी, जैकी श्रॉफ, अक्षय खन्ना, सुदेश बेरी, पुनीत इस्सर, कुलभूषण खरबंदा, तब्बू, राखी गुलजार, पूजा भट्ट और शरबानी मुखर्जी लीड रोल में थे। वहीं ‘बॉर्डर 2’ में सनी देओल, दिलजीत दोसांझ, वरुण धवन और अहान शेट्टी भी हैं। यह फिल्म 23 जनवरी, 2026 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।  

मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ बन रहा टेक्नोलॉजी हब : नवा रायपुर में कामन फैसिलिटी सेंटर की स्थापना को मिली मंजूरी

इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में आत्मनिर्भर बनेगा राज्य, युवाओं को मिलेगा नवाचार और रोजगार का नया मंच रायपुर छत्तीसगढ़ को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बड़ी  उपलब्धि मिली है। अब राज्य को इलेक्ट्रॉनिक्स टेस्टिंग या प्रोटोटाइपिंग के लिए बेंगलुरु, पुणे या नोएडा जैसे शहरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने नवा रायपुर में कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC) की स्थापना को मंजूरी प्रदान की है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की दूरदृष्टि और आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री ओपी चौधरी के मार्गदर्शन में तैयार इस परियोजना से राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री, स्टार्टअप और युवाओं के लिए नया युग प्रारंभ होगा। यह परियोजना छत्तीसगढ़ की उद्योग नीति के अनुरूप निवेशकों को आकर्षक प्रोत्साहन भी प्रदान करेगी। कॉमन फैसिलिटी सेंटर नवा रायपुर अटल नगर के सेक्टर-22 में 3.23 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा। इस परियोजना की कुल लागत 108.43 करोड़ रुपये है, जिसमें से 75.00 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता भारत सरकार के MeitY मंत्रालय द्वारा EMC 2.0 योजना के अंतर्गत स्वीकृत की गई है। शेष 33.43 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा वहन किए जाएंगे तथा भूमि की उपलब्धता नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण (NRANVP) द्वारा सुनिश्चित की जा रही है। यह कॉमन फैसिलिटी सेंटर इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बढ़ावा देने हेतु एक साझा एवं अनुकूल वातावरण निर्मित करेगा, जहां प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCB) प्रोटोटाइपिंग, 3D प्रिंटिंग, EMC परीक्षण और वुड वर्कशॉप जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह केंद्र अर्धचालक (सेमीकंडक्टर), माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स, एलईडी लैंप, सोलर चार्ज कंट्रोलर, इलेक्ट्रिक वाहन (EV) समाधान, ऑटोमेशन समाधान और SCADA पैनल जैसी इलेक्ट्रॉनिक्स आधारित उत्पादन इकाइयों को विशेष लैब और परीक्षण सुविधाएं प्रदान करेगा। यह सेंटर क्षेत्र के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन केंद्र के रूप में कार्य करेगा। उदाहरण के तौर पर, एक छोटी एलईडी लाइट निर्माण इकाई अपने उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों की जांच के लिए CFC की परीक्षण लैब का उपयोग कर सकेगी। इसी प्रकार, एक स्टार्टअप जो सोलर चार्ज कंट्रोलर डिज़ाइन कर रहा है, वह बड़े पैमाने पर उत्पादन से पूर्व अपने डिज़ाइन को इस केंद्र की प्रोटोटाइपिंग सुविधा में परख सकेगा। एक इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) घटक निर्माता अपने उत्पादों की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक संगतता (EMC) का परीक्षण कर सकता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी प्रणालियाँ सुचारू रूप से कार्य कर रही हैं। साथ ही, 3D प्रिंटिंग सुविधा कंपनियों को विशेष जिग्स या कस्टम एन्क्लोज़र बनाने में सहायता करेगी, जबकि PCB प्रोटोटाइपिंग सेवा सर्किट बोर्डों के त्वरित विकास और परीक्षण में मदद करेगी, जिससे उत्पाद निर्माण की गति तेज होगी। इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पहले से ही कई आकर्षक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इस कॉमन फैसिलिटी सेंटर की स्थापना को राज्य की उद्योग नीति के तहत मिलने वाले प्रोत्साहनों से और भी बल मिलेगा, जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में बाहरी और स्थानीय निवेश को गति मिलेगी। नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण (NRANVP) द्वारा संचालित यह परियोजना राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण एवं निवेश को प्रोत्साहित करेगी। इसके माध्यम से राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस परियोजना को टेक्नोलॉजी क्रांति की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह पहल राज्य को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से समृद्ध बनाएगी। उन्होंने कहा कि इससे न केवल नवाचार और स्टार्टअप को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि उद्योगों को विश्वस्तरीय परीक्षण और प्रोटोटाइपिंग सुविधाएं भी सुलभ होंगी, जिससे छत्तीसगढ़ इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में एक पावरहाउस बनकर उभरेगा। आवास और पर्यावरण मंत्री श्री ओपी चौधरी ने इस अवसर पर कहा कि कॉमन फैसिलिटी सेंटर जैसी परियोजनाएं छत्तीसगढ़ के तकनीकी बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगी। इससे स्थानीय स्टार्टअप्स, युवाओं और उद्यमियों को अत्याधुनिक संसाधन मिलेंगे, जो पहले बड़े शहरों तक ही सीमित थे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में यह पहल डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को अग्रणी बनाएगी।