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दिल्ली समेत पूरे देश में बिजली बिल में बढ़ोतरी तय, सुप्रीम कोर्ट ने दी सशर्त अनुमति

नई दिल्ली  देश की राजधानी दिल्ली में बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में दिल्ली में बिजली की दरें बढ़ाने की अनुमति दे दी है। यह फैसला उन बकाया भुगतानों से जुड़ा है, जो बिजली वितरण कंपनियों को सरकार से मिलने थे। क्या हैं सुप्रीम कोर्ट की शर्तें? सुप्रीम कोर्ट ने बिजली की कीमतें बढ़ाने की मंजूरी देते हुए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें रखी हैं। कोर्ट ने कहा कि बढ़ोतरी Reasonable and Affordable होनी चाहिए। इसके अलावा कीमतें दिल्ली बिजली नियामक आयोग (DERC) द्वारा तय की गई सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने DERC को एक विस्तृत रोडमैप तैयार करने का निर्देश दिया है, जिसमें यह बताया जाए कि बिजली की दरें कैसे, कब और कितनी बढ़ाई जाएंगी। रिपोर्ट के अनुसार ये बढ़ी हुई दरें सभी तरह के उपभोक्ताओं – व्यक्तिगत, आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक  पर लागू होंगी। अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा असर सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सिर्फ दिल्ली तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर पूरे देश के अन्य राज्यों पर भी पड़ सकता है। दरअसल यह मामला बिजली वितरण कंपनियों के Regulatory assets के बकाया भुगतानों को लेकर था। कोर्ट ने सभी लंबित भुगतानों को अगले चार साल के भीतर चुकाने का निर्देश दिया है। इसका मतलब है कि जिन राज्यों में लंबे समय से ये भुगतान अटके हुए हैं, वहां भी आने वाले चार सालों में बिजली की दरें बढ़ सकती हैं। नियामक परिसंपत्तियों का मतलब उन बकाया भुगतानों से है, जो बिजली वितरण कंपनियां राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली सप्लाई के बदले मांगती हैं। 

इमरजेंसी मिशन बना काल: मेडिकल विमान क्रैश में किसी की नहीं बची जान

वाशिंगटन  अमेरिका के उत्तरी एरिजोना के नवाजो नेशन में मंगलवार को एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने और फिर उसमें आग लगने से चार लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने एक बयान में यह जानकारी दी। अधिकारियों के अनुसार, यह चिकित्सीय परिवहन विमान था जिसमें बीमार, घायल या जरूरतमंद मरीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता था। न्यू मेक्सिको के अल्बुर्क की सीएसआई विमानन कंपनी से संबंधित यह विमान चिनले के हवाई अड्डे के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस विमान में चिकित्साकर्मी सवार थे और वे एक मरीज को लेने अस्पताल जा रहे थे। संघीय विमानन प्रशासन के अधिकारियों ने एक ईमेल में बताया कि विमान दोपहर में हवाई अड्डे पर उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें बताया गया कि राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड और एफएए मामले की जांच कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना के कारण का पता नहीं चल पाया है। नवाजो नेशन के शीर्ष नेता बुउ न्यग्रेन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि इस हादसे के बारे में जानकर उन्हें दुख हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘ये वे लोग थे जिन्होंने दूसरों को बचाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया और नवाजो नेशन में उनकी कमी हमेशा खलेगी।''   

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वतंत्रता सेनानी सर सुरेंद्रनाथ बनर्जी को दी श्रद्धांजलि

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महान स्वतंत्रता सेनानी सर सुरेंद्रनाथ बनर्जी की 100वी पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वतंत्रता के लिए वैचारिक ज्योति प्रज्ज्वलित करने वाले सर बनर्जी ने इंडियन नेशनल एसोसिएशन की स्थापना सहित अनेक अभूतपूर्व कार्य किए। उनके प्रयासों से ब्रिटिश शासन की दमनकारी व्यवस्था बेनकाब हुई। सर बनर्जी का निधन 6 अगस्त 1925 को हुआ था।

कुबेरेश्वर धाम में फिर दो श्रद्धालुओं की मौत, कांवड़ यात्रा के दौरान कहर बरपा रही गर्मी

सीहोर कुबेरेश्वर धाम में चल रही कांवड़ यात्रा के दौरान बुधवार को दो और श्रद्धालुओं की मौत की खबर सामने आई है। मृतकों की पहचान चतुर सिंह 50 वर्ष पिता भूरा, निवासी पांचवल गुजरात और ईश्वर सिंह 65 वर्ष निवासी रोहतक हरियाणा के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, चतुर सिंह की मृत्यु कुबेरेश्वर धाम परिसर में अचानक खड़े-खड़े चक्कर आने और गिरने से हुई, वहीं ईश्वर सिंह होटल के सामने खड़े थे, जब वे अचानक गिर पड़े और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।   दो महिला श्रद्धालुओं की मौत इससे पहले मंगलवार को भी दो महिला श्रद्धालुओं की मौत हुई थी। अब उनकी पहचान जसवंती बेन 56 वर्ष पत्नी चंदू भाई निवासी ओम नगर, राजकोट गुजरात और संगीता गुप्ता 48 वर्ष पत्नी मनोज गुप्ता निवासी फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश के रूप में की गई है। चारों मौतों की वजह अत्यधिक भीड़, गर्मी और अव्यवस्था मानी जा रही है। श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में पहुंच गई है, जिसके चलते प्रशासन के लिए स्थिति संभालना चुनौतीपूर्ण बनता जा रहा है। इसके अलावा सुनीता 50 वर्ष निवासी जमनानगर हरियाणा घायल हो गई। निर्देश के बाद भी सिविल सर्जन गायब 6 अगस्त को निकलने वाली कांवड़ यात्रा में देशभर से लाखों लोग पहुंचे हैं, ऐसे में जिला अस्पताल में स्वास्थ्य अमला तो दूर, दो बजे सिविल सर्जन भी अस्पताल में नहीं मिले। अपनी मां का इलाज करने पहुंचे ईश्वर ने बताया कि वह इंदौर से आए हैं, लेकिन जिला अस्पताल में इलाज की सुविधा नहीं मिली। जब वह 2.30 बजे सिविल सर्जन को शिकायत करने पहुंचे तो पता चला कि वह अस्पताल में नहीं है।

अमेरिकी दबाव को भारत ने किया खारिज, रूस से दोस्ती में नहीं आएगी कोई रुकावट

वाशिंगटन  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत को  25% टैरिफ लगाने की धमकी  और रूस से तेल खरीद को लेकर  प्रतिबंधों की चेतावनी के बावजूद, भारत ने साफ किया है कि वह  रूस के साथ अपने रक्षा और रणनीतिक सहयोग को कमजोर नहीं होने देगा । मॉस्को में भारत के राजदूत विनय कुमार और रूस के उप रक्षा मंत्री कर्नल जनरल अलेक्जेंडर फोमिन के बीच हुई बैठक में दोनों देशों ने मजबूत रक्षा सहयोग की पुन: पुष्टि की। ट्रंप की सख्त भाषा: "भारत को कीमत चुकानी होगी" हाल ही में ट्रंप ने दो कड़े रुख अपनाए।    ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिया है कि यदि भारत रूस से तेल और हथियार खरीदना जारी रखता है, तो अमेरिका भारत से आयात होने वाले कई प्रमुख उत्पादों पर  25% आयात शुल्क (Tariff) लगा सकता है। ट्रंप ने यह भी दोहराया कि रूस से कच्चा तेल और रक्षा उपकरण खरीदने पर भारत को CAATSA के तहत सजा दी जा सकती है।  ट्रंप ने कहा कि "भारत अगर रूस को समर्थन देता है, तो उसे अमेरिका से व्यापार में इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।"    भारत का दो टूक जवाब  भारत ने दो टूक कहा है कि उसकी नीति "रणनीतिक स्वायत्तता"  पर आधारित है, और वह  किसी दबाव या धमकी के आगे नहीं झुकेगा। रूस से भारत की दोस्ती गहरी और पुरानी है और हमेशा रहेगी। भारत और रूस के संबंध ऐतिहासिक और विश्वसनीय रक्षा साझेदारी पर आधारित हैं। भारत रूस से Su-30MKI,  S-400 एयर डिफेंस सिस्टम, पनडुब्बी तकनीक, और ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली सहित कई सामरिक रक्षा सौदे कर चुका है। रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारत के राजदूत विनय कुमार और रूसी उप रक्षा मंत्री फोमिन की यह बैठक "पारंपरिक गर्मजोशी और दोस्ती के माहौल में" हुई जिसमे रक्षा क्षेत्र में सहयोग को और मज़बूत करने की रणनीति,  हथियार प्रणालियों के संयुक्त विकास और विनिर्माण पर चर्चा की गई तथा  भारत-रूस के बीच सैन्य-तकनीकी सहयोग को लंबी अवधि तक बनाए रखने का संकल्प लिया।   भारत की संतुलित नीति  अमेरिका और पश्चिमी देशों की नाराज़गी के बावजूद भारत ने रूस से रियायती दरों पर तेल आयात  करना जारी रखा। भारत संयुक्त राष्ट्र और अन्य मंचों पर  यूक्रेन युद्ध पर संतुलित रुख अपनाता रहा है।  विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत की यह रणनीति उसे बहुध्रुवीय वैश्विक शक्ति** के रूप में उभार रही है। भारत का मानना है कि रूस के साथ रक्षा संबंध राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करते हैं।रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता (Aatmanirbharta)  को बढ़ावा देते हैं और  पश्चिमी दबाव के बावजूद  वैश्विक स्तर पर स्वतंत्र कूटनीति को दर्शाते हैं।  

अरुण साव बोले – गुणवत्तापूर्ण निर्माण सामग्रियों के चयन के लिए मानकों की जानकारी जरूरी

  रायपुर उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव आज भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं के लिए आयोजित क्षमता निर्माण कार्यक्रम में शामिल हुए। भारतीय मानक ब्यूरो के रायपुर कार्यालय द्वारा रायपुर के नवीन विश्राम भवन में 6 अगस्त और 7 अगस्त को दो दिवसीय इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। देशभर से आए विषय विशेषज्ञ कार्यक्रम में अभियंताओं को अलग-अलग तरह के निर्माण कार्यों में प्रयुक्त सामग्रियों और कार्यों के नए मानकों की जानकारी दे रहे हैं। लोक निर्माण विभाग के विभिन्न जिलों के अभियंता इसमें हिस्सा ले रहे हैं जिनमें अधीक्षण अभियंता, कार्यपालन अभियंता और सहायक अभियंता शामिल हैं। उप मुख्यमंत्री  अरुण साव ने क्षमता निर्माण कार्यक्रम में कहा कि लगातार बदल रही तकनीकों, जरूरतों और अनुसंधानों के बीच नए मानकों और नवाचारों से अपडेट रहना जरूरी है। एक इंजीनियर के रूप में सम-सामयिक तकनीकी पहलुओं और उनके नवीन मापदंडों की जानकारी आवश्यक है। अलग-अलग तरह के निर्माण कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने में इनकी अच्छी जानकारी काफी मददगार होती है। उन्होंने भारतीय मानक ब्यूरो को क्षमता निर्माण कार्यक्रम के आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि इससे हमारे अभियंताओं की दक्षता और क्षमता बढ़ेगी। उप मुख्यमंत्री साव ने अभियंताओं को संबोधित करते हुए कहा कि निर्माण उद्योग में अलग-अलग कंपनियों और आपूर्तिकर्ताओं की भिन्न-भिन्न गुणवत्ता और कीमत वाली सामग्री मौजूद हैं। गुणवत्ता और मानकों की अच्छी जानकारी रहने से आप सही सामग्रियों का चयन कर सकते हैं। आपके पर्यवेक्षण में हो रहे कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी आपकी है। इसके लिए निर्माण कार्यों में मानकों के अनुरूप प्रमाणित सामग्रियों का उपयोग करें। साव ने दो दिनों तक चलने वाले इस क्षमता निर्माण कार्यक्रम का पूरा लाभ लेते हुए अपनी जानकारियों को अपडेट करने को कहा। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं को कार्यस्थल पर प्रभावी कार्य संपादन में सहायता मिलेगी। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता वी.के. भतपहरी ने कहा कि देश-दुनिया में प्रचलित मानकों और मापदंडों से विभाग के अभियंताओं को अवगत कराने भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि हर अभियंता को मानकों की पूरी जानकारी रखने के साथ ही फील्ड में इनका कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराना चाहिए। उन्होंने मानकों और मापदंडों का पालन कर राज्य में हो रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बढ़ाने को कहा। भारतीय मानक ब्यूरो के क्षेत्रीय निदेशक श्री सुमन कुमार गुप्ता और वैज्ञानिक श्रीमती मधुरिमा माधव ने भी प्रतिभागी अभियंताओं को संबोधित किया। भारतीय मानक ब्यूरो के रायपुर कार्यालय के संयुक्त निदेशक फालेन्द्र कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद थे। सिविल और इलेक्ट्रिकल कार्यों तथा सामग्रियों के मानकों की दी जा रही जानकारी भारतीय मानक ब्यूरो के विशेषज्ञ दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम में लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं को अलग-अलग सत्रों में सिविल और इलेक्ट्किल कार्यों के मानकों की जानकारी दे रहे हैं। सिविल कार्यों में रिसोर्स पर्सन के रूप में भारतीय मानक ब्यूरो के विशेषज्ञ डी.एस. धपोला, डॉ. आदित्य प्रताप सान्याल, डॉ. आर.पी. देवांगन, डॉ. प्रवीण निगम और डॉ. ललित कुमार गुप्ता नए मानकों और मापदंडों की जानकारी दे रहे हैं। वहीं इलेक्ट्रिकल कार्यों में सर्वश्री बाबुल चक्रवर्ती, उमा शंकर, सुहासकृष्णन के.वी. और भावना कस्तुरिया मानकों की जानकारी दे रहे हैं।

योगी आदित्यनाथ का ऐतिहासिक कीर्तिमान: यूपी की सत्ता में सबसे लंबे समय तक रहने वाले सीएम बने

लखनऊ  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक नया इतिहास रच दिया है। वे अब राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने वाले नेता बन गए हैं। उन्होंने इस मामले में प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत का रिकॉर्ड पीछे छोड़ दिया है। अब तक योगी आदित्यनाथ 8 साल और 132 दिन तक मुख्यमंत्री पद पर रह चुके हैं, जबकि गोविंद बल्लभ पंत ने कुल 8 साल और 127 दिन (स्वतंत्रता से पहले और बाद को मिलाकर) तक यह जिम्मेदारी निभाई थी। 19 मार्च 2017 को ली थी मुख्यमंत्री पद की शपथ मिली जानकारी के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। फिर 2022 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को दोबारा बहुमत मिला और वे लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। वे पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने यूपी में पूरा कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा सीएम पद संभाला है। योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक सफर योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के 22वें मुख्यमंत्री हैं। वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हैं और साथ ही गोरखनाथ मठ के महंत (मुख्य पुजारी) भी हैं। उन्होंने 1998 में सिर्फ 26 साल की उम्र में गोरखपुर से लोकसभा चुनाव जीता और संसद पहुंचे। वे लगातार पांच बार गोरखपुर से सांसद चुने गए। 2017 के चुनाव से सीएम बनने तक 2017 के विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ भाजपा के सबसे चर्चित और लोकप्रिय चेहरों में शामिल थे। चुनाव में पार्टी को भारी बहुमत मिला और उन्हें मुख्यमंत्री चुना गया। इसके बाद 2022 में एक बार फिर भाजपा को जीत मिली और वे फिर से मुख्यमंत्री बने।   अब अगला चुनाव 2027 में उत्तर प्रदेश में अगला विधानसभा चुनाव 2027 में होगा। अगर योगी आदित्यनाथ तब तक मुख्यमंत्री बने रहते हैं, तो उनका कार्यकाल और भी लंबा हो जाएगा और यह रिकॉर्ड और मजबूत होगा।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पूर्व राज्यपाल स्व. चांडी की जयंती पर किया नमन

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वतंत्रता सेनानी एवं मध्यप्रदेश के पूर्व राज्यपाल स्व. के.एम. चांडी की जयंती पर नमन कर पुष्पांजलि अर्पित की है। उन्होंने कहा कि श्री चांडी ने देश की आज़ादी के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और स्वतंत्र भारत के निर्माण में उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्व. श्री के.एम. चांडी न केवल एक समर्पित स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि एक कुशल प्रशासक और जनसेवक भी रहे। उनके नेतृत्व और मूल्यों से आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा लेंगी।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. श्रीमती स्वराज की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्व केन्द्रीय विदेश मंत्री स्व. श्रीमती सुषमा स्वराज ‘दीदी’ की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्व. सुषमा दीदी का बहुआयामी व्यक्तित्व, ओजस्वी वाणी, गहन चिंतन और राष्ट्र के प्रति उनका अटूट समर्पण हम सभी के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेगा। उन्होंने कहा कि जनसेवा और कर्तव्यनिष्ठा की प्रतिमूर्ति सुषमा जी ने भारतीय राजनीति को नई दिशा दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सुषमा जी ने केन्द्रीय विदेश मंत्री के रूप में जिस संवेदनशीलता और तत्परता से देशवासियों की सहायता की, वह आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है। उनके कुशल नेतृत्व और मातृवत स्नेह से भरी राजनीति आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन करती रहेंगी।  

PWD अफसर होश में रहो! बिना बुलाए पुल उद्घाटन पर दयाशंकर सिंह का तीखा वार

लखनऊ  यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने अपने निर्वाचन क्षेत्र बलिया में एक नवनिर्मित पुल को जनता के लिए बिना बताए खोलने पर पीडब्ल्यूडी के एक इंजीनियर को जमकर फटकार लगाई. दयाशंकर ने मौके पर मौजूद अधिशासी अभियंता को फटकार लगाते हुए कहा, "ज्यादा दिमाग न खराब हो. मैं यहां का विधायक और मंत्री हूं. आपने मुझे बिना बताए पुल खोल दिया. मुझे पता है कि आप किसके इशारे पर काम कर रहे हैं." हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन वह संभवतः इंजीनियर पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के रसड़ा विधायक उमाशंकर सिंह के इशारे पर काम करने का आरोप लगा रहे थे. मंत्री ने कहा, "क्या आप यहां से चुनाव लड़ रहे हैं? क्या बसपा आपको टिकट दे रही है? हो सकता है कि विधायक आपको टिकट दिलाने में मदद कर रहे हों."   उन्होंने बाद में पत्रकारों को बताया कि अधिशासी अभियंता ने पहले बार-बार अनुरोध के बावजूद पुल न खोलने के लिए औपचारिक परीक्षण और प्रशासनिक स्वीकृति के अभाव का हवाला दिया था. लेकिन मंगलवार को अचानक, लोक निर्माण विभाग के मामलों में दखल देने वाले और जिनकी बातों में ये इंजीनियर चलते हैं, किसी ऐसे व्यक्ति के प्रभाव में आकर, बिना हमारी अनुमति या सूचना के पुल खोल दिया गया- ताकि हमें श्रेय न मिले.   मंत्री ने आगे कहा, "इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी जाएगी. उन्होंने इलाके में लोक निर्माण विभाग की विश्वसनीयता पर भी चिंता जताई और कहा, "2015 से, पूर्व भुगतान के बावजूद यहां एक नाली तक नहीं बनी है. इस सरकार में कोई अधिकारी इतना शक्तिशाली कैसे हो सकता है? वह मंत्री, विधायक और यहां तक कि नगर पालिका अध्यक्ष की भी अनदेखी कर रहा है. ज़रूर कोई उच्च सुरक्षा वाला होगा." बता दें कि मंत्री दयाशंकर सिंह बीती रात को बलिया के कटहल नाले पर बने पुल का निरीक्षण करने पहुंचे थे. तभी उन्हें पता चला कि बिना उद्घाटन के ही इसे जनता के लिए खोल दिया गया. इस बात से वो मौके पर मौजूद इंजीनियर के ऊपर उखड़ गए.  वहीं, पूरे मामले में पीडब्ल्यूडी के एक्सइन ने कहा कि पुल का उद्घाटन नहीं हुआ है, केवल पुल और सड़क को चालू किया गया है, जिससे कि आवागमान सुचारु रूप से हो सके. चूंकि, बाढ़ आई हुई है और कटहल नाला भरा हुआ है, पुराना पुल जो था उसके एप्रोच की मिट्टी सरक रही थी. पुल पर खतरा हो सकता था. इसलिए पुराने पुल को बंद करके नए पुल को चालू कर दिया गया ताकि कोई हादसा न हो.