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हीरो की तरह लौटे सिराज! ओवल टेस्ट में चमकने के बाद हैदराबाद में दिखा स्टार जैसा क्रेज

हैदराबाद भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज की इंग्लैंड के खिलाफ हाल में समाप्त हुई एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी को 2-2 से ड्रॉ कराने में अहम भूमिका रही। बुधवार को अपने गृह नगर हैदराबाद पहुंचने पर इंग्लैंड दौरे के इस हीरो का जोरदार स्वागत किया गया। सिराज ने पांच मैचों की श्रृंखला में सर्वाधिक 23 विकेट लिए। उन्होंने ओवल में खेले गए अंतिम टेस्ट मैच में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। उन्हें इस मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी चुना गया था। उन्होंने सभी पांच मैच खेले और 185.3 ओवर फेंके। इससे पहले मुंबई में भी फैंस ने स्टार गेंदबाज का स्वागत किया। हैदराबाद के 31 वर्ष के स्टार सिराज फील्डिंग कोच टी दिलीप के साथ सुबह-सुबह काले रंग की कैजुअल पोशाक में मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे, जहां प्रशंसकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। सिराज से सेल्फी और ऑटोग्राफ के लिए अनुरोध किए गए, लेकिन वह हैदराबाद के लिए उड़ान पकड़ने के लिए जल्दी से कार में सवार होकर वहां से निकल गए। हैदराबाद में प्रशंसक पहले ही उनके स्वागत के लिए तैयार थे। इस बीच हैदराबाद क्रिकेट संघ के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘‘हमने अभी तक उनसे बात नहीं की है। लेकिन हम निश्चित रूप से उनके लिए कुछ (सम्मान) योजना बनाएंगे, क्योंकि वह कुछ दिनों के लिए शहर में रह सकते हैं। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला में देश के लिए शानदार प्रदर्शन किया।’’ सिराज ने ओवल टेस्ट मैच में पहली पारी में चार और दूसरी पारी में पांच विकेट लिए थे। उनके इस शानदार प्रदर्शन से भारत ने 374 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहे इंग्लैंड को 367 रन पर आउट करके छह रन से अपनी सबसे करीबी जीत हासिल की थी।  

होटलों में परोसा जा रहा था नकली पनीर, राजधानी में छापे में खुला बड़ा फूड फ्रॉड

रायपुर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नकली पनीर बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है. यहां सस्ता और घटिया क्वालिटी का पाम ऑयल, फैट के डल्ले, और दूध पाउडर से नकली पनीर तैयार किया जा रहा था. यह फैक्ट्री शंकर नगर क्षेत्र में नाले के ऊपर चल रही थी. स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने छापा मारकर बड़ी मात्रा में नकली पनीर, कच्चा माल, थर्माकोल डिब्बे और पैकिंग सामग्री जब्त किया है. जानकारी के मुताबिक, रामानंद बाघ नामक व्यक्ति ने एनालॉग उत्पाद बनाने का लाइसेंस ले रखा था. जो मुनाफे के लिए  पाम ऑयल, फैट के डल्ले, और दूध पाउडर का उपयोग कर नकली पनीर तैयार करता था. यहां नियमों को भी अनदेखा किया जा रहा था. अस्वच्छ तरीके से स्टोर कर के पॉलीथिन में पैक कर के राजधानी के कई होटलों, ढाबों और ओडिशा तक भेजा जा रहा था. इसे बनाने में 180 रुपए की लागत आती थी, जिसे वह 250 रुपए में मार्केट में बेच देता था. फैक्ट्री संचालक रामानंद ने बताया कि 180 रुपए में एक किलो माल तैयार हो जाता है, जिसे वह होटल संचालकों और सप्लायर्स तक 240 से 250 रुपये प्रति किलो तक के दाम तक पहुंचाता है. फैक्ट्री से ये चीजें हुई जब्त स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा विभाग की संयुक्त टीम ने नकली पनीर की फैक्ट्री में छापा मरकर बड़ी मात्रा में नकली पनीर, कच्चा माल, थर्माकोल डिब्बे और पैकिंग सामग्री जब्त  किया। अधिकारियों ने कई सैंपल कलेक्ट किए हैं, जिन्हें जांच के लिए भेज दिया गया है.  रिपोर्ट आने के बाद संबंधित धाराओं में कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। संचालक से लाइसेंस व अन्य दस्तावेज भी मांगे गए हैं, जिसकी प्रारंभिक जांच में भारी अनियमितताएं पाई गई है. मौके पर सहायक आयुक्त भी पहुंचे, उन्होंने बताया कि खाद्य उत्पादों को नियमानुसार पैक किया जाना चाहिए, पैकिंग पर उसमें उपयोग की गई सामग्री, पोषण तत्वों की मात्रा, निर्माण व समाप्ति तिथि आदि अंकित होनी चाहिए. लेकिन यहां तो डल्ले बना कर खुली झिल्ली में माल पैक कर बेचा जा रहा था.

पावरलिफ्टिंग चैंपियन नमी पारेख का सम्मान, मुख्यमंत्री साय से की मुलाकात

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से उनके निवास कार्यालय में एशियन अफ्रीकन पैसिफिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता नमी राय पारेख ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री साय को रायपुर निवासी नमी राय पारेख ने बताया कि 05 से 13 जुलाई तक जापान के हिमेजी में एशियन पॉवरलिफ्टिंग एसोसिएशन द्वारा एशियन अफ्रीकन पैसिफिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। इस चैंपियनशिप में उन्होंने 57 किलोग्राम डेडलिफ्ट वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नमी राय पारेख को एशियन अफ्रीकन पैसिफिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि आपने अपनी मेहनत और समर्पण से छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। प्रदेश की बेटियों को आपकी उत्कृष्ट उपलब्धि से प्रेरणा मिलेगी। इस अवसर पर अंजय शुक्ला, अंजिनेश शुक्ला, सनी पारेख सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: एल्विश यादव के खिलाफ ट्रायल पर रोक, सरकार और शिकायतकर्ता से जवाब तलब

 नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर एल्विश यादव को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ चल रही सांप के जहर से जुड़ी आपराधिक कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगा दी है। एल्विश यादव ने इस मामले में चार्जशीट और मुकदमे की प्रक्रिया को चुनौती दी थी। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। अब अगली सुनवाई तक निचली अदालत में मामले की सुनवाई नहीं होगी। क्या है मामला? नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव समेत कुछ लोगों पर सांप का जहर पार्टी में इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया था। आरोप था कि उन्होंने एक पार्टी में अवैध तरीके से सांपों और जहर का इस्तेमाल किया था। इस मामले में वन विभाग और पुलिस की जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की गई थी। एल्विश यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उनके खिलाफ गलत और बिना सबूत के आरोप लगाए गए हैं। उनका कहना है कि वे निर्दोष हैं और उन्हें झूठा फंसाया गया है। यूपी सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने मामले में अपने खिलाफ आरोपपत्र और आपराधिक कार्यवाही को चुनौती देने वाली एल्विश यादव की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता को नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ यादव की अपील पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। आरोपपत्र में विदेशियों समेत अन्य लोगों की तरफ से रेव पार्टियों में मनोरंजन के लिए साँप के जहर का सेवन करने का आरोप लगाया गया है। पिछले साल मार्च में नोएडा पुलिस ने किया था गिरफ्तार एल्विश यादव को पिछले साल मार्च में नोएडा पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया था। मामले में उनके वकील ने उच्च न्यायालय में तर्क दिया था कि आवेदक और सह-आरोपी के बीच कोई कारणात्मक संबंध स्थापित नहीं होने के अलावा, उसके पास से कोई सांप, मादक या मनोविकारजनक पदार्थ बरामद नहीं हुआ था। वकील ने आगे कहा था कि हालांकि सूचना देने वाला अब पशु कल्याण अधिकारी नहीं है, फिर भी उसने खुद को पशु कल्याण अधिकारी बताते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। एल्विश यादव को एक जाने-माने प्रभावशाली व्यक्ति और टेलीविजन पर कई रियलिटी शो में दिखाई देने वाला व्यक्ति बताते हुए वकील ने कहा था कि एफआईआर में उनकी संलिप्तता ने मीडिया का बहुत ध्यान आकर्षित किया है।

EC की SIR ड्राफ्ट लिस्ट पर बवाल: 65 लाख लोगों को क्यों हटाया? SC ने मांगा जवाब

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को निर्वाचन आयोग से बिहार में मतदाता सूची मसौदा से बाहर किए गए लगभग 65 लाख मतदाताओं का विवरण नौ अगस्त यानी शनिवार तक प्रस्तुत करने को कहा है। जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने निर्वाचन आयोग के वकील से कहा कि वे हटाए गए 65 लाख मतदाताओं का विवरण प्रस्तुत करें और इसकी एक प्रति गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ADR) को भी दें। यह विवरण पहले ही राजनीतिक दलों के साथ साझा किया जा चुका है। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का निर्देश देने वाले निर्वाचन आयोग के 24 जून के आदेश को चुनौती देने वाले एनजीओ ने एक नया आवेदन दायर कर निर्वाचन आयोग को लगभग 65 लाख हटाए गए मतदाताओं के नाम प्रकाशित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। याचिका में ADR ने कहा था कि जिनके नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं, उनके विवरण में यह भी उल्लेख हो कि वे (मतदाता) मृत हैं, स्थायी रूप से पलायन कर गए हैं या किसी अन्य कारण से उनके नाम पर विचार नहीं किया गया है। प्रशांत भूषण से क्या बोला कोर्ट? हालांकि, पीठ ने ADR की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण से कहा कि नाम हटाने का कारण बाद में बताया जाएगा क्योंकि अभी यह केवल एक मसौदा सूची है। इस पर भूषण ने दलील दी कि कुछ राजनीतिक दलों को हटाए गए मतदाताओं की सूची दी गई है, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया है कि उक्त मतदाता मर चुका है या पलायन कर गया है। प्रभावित हर मतदाता से संपर्क करेंगे: SC पीठ ने निर्वाचन आयोग के वकील से कहा, ‘‘हम प्रभावित होने वाले हर मतदाता से संपर्क करेंगे और आवश्यक जानकारी प्राप्त करेंगे। आप (निर्वाचन आयोग) शनिवार तक जवाब दाखिल करें और मिस्टर भूषण को इसे देखने दें, फिर हम देखेंगे कि क्या खुलासा होता है और क्या नहीं।’’ भूषण ने आरोप लगाया कि गणना फॉर्म भरने वाले 75 प्रतिशत मतदाताओं ने 11 दस्तावेजों की सूची में उल्लिखित कोई भी सहायक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं दिए हैं और उनके नाम निर्वाचन आयोग के बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) की सिफारिश पर शामिल किए गए थे। पीठ ने कहा कि वह 12 अगस्त को निर्वाचन आयोग के 24 जून के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू कर रही है और एनजीओ उस दिन ये दावे कर सकता है। निर्वाचन आयोग को कानून के अनुसार कार्य करने वाला एक संवैधानिक प्राधिकारी बताते हुए शीर्ष अदालत ने 29 जुलाई को कहा था कि अगर बिहार में मतदाता सूची की एसआईआर में ‘‘बड़े पैमाने पर नाम हटाए गए’’ हैं, तो वह तुरंत हस्तक्षेप करेगी। पीठ ने बिहार में निर्वाचन आयोग की एसआईआर प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार करने के लिए समयसीमा तय की थी और कहा था कि इस मुद्दे पर सुनवाई 12 और 13 अगस्त को होगी।  

दो दिल, एक कहानी और एक सौतन! मोहब्बत में आई दरार की दर्दनाक दास्तां

नई दिल्ली  दिल्ली के मधु विहार इलाके से रिश्तों को शर्मसार कर देने वाला एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 19 साल के युवक ने अपने ट्रांसजेंडर पार्टनर की निर्मम हत्या कर दी। हत्या के पीछे पैसों का लेनदेन और धोखे का शक बताया जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में आरोपी युवक और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया है। प्यार के रिश्ते में आया पैसों का विवाद यह घटना रेहान और करण नाम के दो युवकों के बीच की है। रेहान (19) और करण (ट्रांसजेंडर) बीते चार महीनों से मधु विहार इलाके में लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे थे। उनका रिश्ता एक आम दोस्ती से बढ़कर था लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनके रिश्ते में पैसों को लेकर तकरार शुरू हो गई थी। रेहान बार-बार करण से पैसे ऐंठने लगा था जिससे करण ने उससे दूरी बनाना शुरू कर दी। रेहान को यह दूरी बर्दाश्त नहीं हुई और उसे लगा कि करण उसे धोखा दे रहा है।   झाड़ियों में मिला शव धोखे के शक में रेहान ने अपने 20 साल के दोस्त मोहम्मद सर्वर के साथ मिलकर करण की हत्या की साजिश रची। 3-4 अगस्त की रात रेहान और सर्वर बहाने से करण को टेल्को टी-पॉइंट पर ले गए। वहां दोनों ने मिलकर करण पर चाकू से ताबड़तोड़ वार किए और उसकी हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों मौके से फरार हो गए। पुलिस को किसी राहगीर ने सूचना दी कि झाड़ियों में एक युवक का शव पड़ा है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।   पुलिस ने 12 घंटे में सुलझाया मामला क्राइम ब्रांच ने कुछ ही घंटों में इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया। पुलिस ने ट्रांसयमुना से लेकर गाजियाबाद तक कई जगहों पर छापेमारी की लेकिन आरोपी फरार थे। आखिरकार पुलिस को जानकारी मिली कि दोनों पूर्वी दिल्ली इलाके में आने वाले हैं। क्राइम ब्रांच की टीम ने बीती रात 12:45 बजे शकरपुर फ्लाईओवर के पास से दोनों आरोपियों रेहान और मोहम्मद सर्वर को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।   

संसद में बिहार की मतदाता सूची पर नहीं हो रही चर्चा, विपक्ष नाराज़: खरगे का बयान

नई दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को कहा कि विपक्षी पार्टियां बिहार में चल रही 'विशेष गहन पुनरीक्षण' (एसआईआर) यानी मतदाता सूची की विशेष गहन समीक्षा पर संसद में चर्चा की मांग कर रही हैं, लेकिन सरकार इस पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है। खरगे ने चेतावनी दी कि अगर सरकार इस मुद्दे पर चर्चा से इनकार करती है, तो इसे ऐसा माना जाएगा कि वह लोकतंत्र और संविधान को नहीं मानती। उन्होंने कहा, 'एसआईआर पर चर्चा बेहद जरूरी है ताकि हर भारतीय नागरिक के मतदान के अधिकारों की रक्षा की जा सके।' क्या है एसआईआर? विशेष गहन पुनरीक्षण एक प्रक्रिया है जिसमें चुनाव आयोग मतदाता सूची को दोबारा जांचेगा, ताकि उसमें किसी भी तरह की गलती, दोहराव या अपात्र नामों को हटाया जा सके और नए योग्य मतदाताओं को जोड़ा जा सके। विपक्ष की क्या है चिंता? विपक्षी दलों का कहना है कि बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है, और इससे कई लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा सकते हैं, जिससे उनके वोट देने का अधिकार छिन सकता है। इसी वजह से वे इस पर संसद में खुली बहस चाहते हैं। खरगे ने यह भी कहा कि, 'अगर सरकार वाकई में लोकतांत्रिक मूल्यों को मानती है, तो उसे एसआईआर पर खुलकर चर्चा करनी चाहिए।' सरकार की चुप्पी पर खरगे का सवाल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के अनुसार, केंद्र सरकार एसआईआर पर चर्चा से बच रही है, जिससे शक पैदा होता है कि वह जानबूझकर इस मुद्दे को नजरअंदाज कर रही है।

हथियार लाइसेंस के जरिए बढ़ेगी सुरक्षा, असमिया मूल के नागरिकों को मिलेगा लाभ

गुवाहाटी असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा अपनी मुखर राय और सख्त फैसलों के लिए चर्चित रहे हैं। अब उन्होंने ऐसा ही एक फैसला और लिया है, जिसकी देश भर में चर्चा हो रही है। इसके तहत असम के मूल निवासियों को शस्त्र लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री का कहना है कि सुरक्षा के लिए ऐसा करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मूल असमिया लोगों को सुरक्षा के लिए प्रैक्टिकल तरीके अपनाने होंगे। असम सरकार ‘संवेदनशील क्षेत्रों’ में रहने वाले मूलनिवासी लोगों को शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करने की सुविधा देने के उद्देश्य से एक पोर्टल लॉन्च करने वाली है। यह जानकारी मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई स्तरों पर जांच और सत्यापन के बाद ही लाइसेंस दिया जाएगा। सरमा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘एक समर्पित पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से ऐसे मूलनिवासी लोग शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेंगे, जो अपने जीवन को खतरा महसूस करते हैं और संवेदनशील क्षेत्रों में रहते हैं।’ मुख्यमंत्री के अनुसार ऐसे व्यक्ति जो असम के ‘मूल निवासी या भारतीय नागरिक’ हैं और जो अपने निवास क्षेत्र की संवेदनशीलता के कारण ‘अपने जीवन और सुरक्षा को लेकर वास्तविक खतरा महसूस करते हैं’, वे आवेदन के पात्र होंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा ऐसे लोग जो जिला प्रशासन द्वारा अधिसूचित या अधिकृत सुरक्षा एजेंसियों के आंकलन के अनुसार ‘अत्यधिक संवेदनशील या दूरदराज क्षेत्रों’ में निवास करते हैं, वे भी शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं। मुख्यमंत्री के अनुसार लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में सुरक्षा संबंधी गहन आकलन, सत्यापन, वैधानिक अनुपालन, गैर-हस्तांतरणीय शर्तें, समय-समय पर समीक्षा, निगरानी और रिपोर्टिंग आदि शामिल होंगे। राज्य मंत्रिमंडल ने 28 मई को निर्णय लिया था कि ‘संवेदनशील और दूरदराज’ क्षेत्रों में रहने वाले मूलनिवासी लोगों को शस्त्र लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे ताकि उनमें सुरक्षा की भावना उत्पन्न की जा सके। मुख्यमंत्री ने बताया था कि कुछ ऐसे संवेदनशील क्षेत्र धुबरी, मोरीगांव, बारपेटा, नागांव, दक्षिण सालमारा-मनकाचर, रुपाही, धिंग और जानिया हैं। इन क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी अपेक्षाकृत अधिक है। मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया था कि असम आंदोलन (1979 से 1985) के समय से ही इन क्षेत्रों में रहने वाले मूलनिवासी लोग अपनी सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस की मांग करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा था ‘असमिया लोग अब केवल आंदोलन से नहीं, बल्कि व्यावहारिक कदम उठाकर ही अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।’  

पूर्व उपमुख्यमंत्री के घर चोरी, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

सरगुजा छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता टीएस सिंहदेव के घर को चोरों ने निशाना बनाया है. चोरों ने आंगन में लगी पीतल से बनी हाथी की मूर्ती पर हाथ साफ कर के फरार हो गए हैं. कोतवाली पुलिस ने शिकायत के बाद मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक, पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंघदेव के कोठीघर कैंपस में मंगलवार रात को चोरो ने धावा बोल दिया. चोरों ने बरामदे में लगी 15 किलो वजनी पीतल से बनी हाथी की मूर्ति को चोरी कर लिया और फरार हो गए. घटना के बाद थाने में इसकी शिकायत की गई है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.   घटना का CCTV फुटेज पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के घर चोरी की घटना का एक्सक्लूसिव सीसीटीवी फुटेज लल्लूराम डॉट कॉम के पास आया है. इस फुटेज में चोर उनके बंगले में प्रवेश करते नजर आ रहा है. बताया जा रहा है कि घटना के दौरान केवल सुरक्षाकर्मी और नौकर मौजूद थे. घर के रिनोवेशन के दौरान ऐसी दो मूर्तियां बरामदे में लगाई गई थी, जिसमें से एक पर चोरों ने हाथ साफ किया है.

ऑपरेशन सिंदूर से झटका खाने के बाद मसूद अजहर की नई चाल, जैश को दोबारा खड़ा करने की मुहिम

नई दिल्ली कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सैन्य बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर के कुल 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर उसे जमींदोज कर दिया था। इसमें कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर स्थित हेडक्वार्टर भी शामिल था। अब खबर है कि इस आतंकी संगठन का मुखिया मसूद अजहर ने उसे हेडक्वार्टर को फिर से खड़ा करने की मुहिम छेड़ी है और इसके लिए ऑनलाइन चंदा जुटा रहा है। एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जमात की ओर से पोस्ट कर यह दावा किया गया है कि पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित सुभान अल्लाह मस्जिद का फिर से पुनर्निर्माण किया जा रहा है। सुभान अल्लाह मस्जिद की जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर था। पोस्ट में कहा गया कि इसके लिए सब एक होकर काम करें, पैसे जमा करें। पोस्ट में यह भी कहा गया है कि किसने कितना चंदा दिया, इसका किसी को भी पता नहीं चलना चाहिए। शहीद मस्जिदें फिर से मुस्कुराएंगी, मसूद का दावा मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जैश सरगना मसूद अजहर ने इस पोस्ट में कहा कि इस कैंपेन से जमीन के कई हिस्से जन्नत बन जाएंगे, शहीद मस्जिदें फिर से मुस्कुराएंगी और रौनक लौट आएगी। पोस्ट में ये भी कहा गया है कि जो दीवाने ‘जेहाद' की राह में तरस रहे हैं, उनके लिए भी अब नए रास्ते खुलेंगे। मसूद अजहर का भीख मांगने का यह कैम्पेन आज से ही शुरू हुआ है। 15 एकड़ क्षेत्र में फैला है आतंक का मरकज बता दें कि पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों द्वारा 26 पर्यटकों की धर्म पूछकर की गई हत्या के बाद भारतीय सेना ने 6 और 7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था। 22 मिनट के इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के ठिकाने बर्बाद कर दिए थे। इसमें सबसे अहम सुभान अल्लाह मस्जिद था। पाकिस्तान पंजाब प्रांत के बहाबलपुर में स्थित यह मस्जिद जैश-ए-मोहम्मद का सबसे महत्वपूर्ण आतंकी केंद्र था, जो 15 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यह पुलवामा हमले जैसे आतंकी हमलों की योजना और प्रशिक्षण का गढ़ रहा है।