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बीजापुर के जंगलों में एनकाउंटर, सुरक्षाबलों ने इलाके को लिया घेरे में

बीजापुर जिले के गंगालुर थाना क्षेत्र में आज सुबह से सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक नक्सली को मार गिराया है। मौके से एक नक्सली का शव और हथियार भी बरामद किये जाने की खबर है। सूत्रों के अनुसार, मुठभेड़ गंगालुर क्षेत्र के जंगलों में हो रही है और अभी भी रुक-रुक कर फायरिंग जारी है। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। घटना की पुष्टि फिलहाल अधिकारिक तौर पर नहीं की गई है। खबर लिखे जाने तक मुठभेड़ के संबंध में पूरी जानकारी नहीं आ सकी थी।

स्वामी प्रसाद मौर्य को थप्पड़ मारने की हिमाकत, रायबरेली में दो युवक भीड़ के गुस्से का शिकार

रायबरेली यूपी के रायबरेली में आज अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य का स्वागत करने के बहाने आए दो युवकों ने उन पर थप्पड़ जड़ दिए। इससे नाराज कार्यकर्ताओें ने आरोपी युवकों को दौड़ा कर पीटा। पुलिस को मामला शांत कराने में पसीने छूट गए। काफी देर तक मौके पर अफरातफरी का माहौल रहा। अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य बुधवार को फतेहपुर जा रहे थे। इस दौरान वह रायबरेली में रुके। शहर के सारस चौराहे पर कार्यकर्ता उनका स्वागत कर रहे थे। इसी दौरान दो युवकों ने मौर्य के थप्पड़ जड़ दिए। इससे नाराज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आरोपी युवकों को दौड़ा दौड़ा कर पीट दिया। इस दौरान पुलिस को मामला शांत कराने में छूटे पसीने। काफी देर तक मौके पर अफरातफरी का माहौल रहा। पुलिस आरोपी युवकों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।  

पूर्व क्रिकेटर बोले- सिराज की गेंदबाज़ी में कपिल देव जैसी धार, टीम इंडिया काबिल-ए-तारीफ

नई दिल्ली पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह ने तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज की जमकर तारीफ की है। ओवल टेस्ट में हैदराबाद के इस तेज गेंदबाज के मैच जिताऊ प्रदर्शन से गदगद योगराज सिंह ने उनकी तुलना महान कपिल देव से की है। उन्होंने शुभमन गिल की कप्तानी की भी दिल से तारीफ की है। योगराज ने कहा कि गिल को देखकर लगा जैसे कोई अनुभवी कप्तान मोर्चा संभाल रहा हो जबकि यह उनकी बतौर कप्तान पहली ही सीरीज थी। मोहम्मद सिराज ने ओवल टेस्ट की पहली पारी में 4 और दूसरी पारी में 5 विकेट हासिल किए थे। मैच के आखिरी दिन इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन की जरूरत थी। भारत ने 374 रन का लक्ष्य दिया था। आखिरी दिन सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने इंग्लैंड के जबड़े से जीत छीनकर सीरीज को 2-2 से बराबरी पर खत्म किया। प्रसिद्ध ने पहली और दूसरी दोनों ही पारियों में 4-4 विकेट हासिल किए थे। योगराज सिंह ने कहा, ‘हमारे खिलाड़ियों ने जिस तरह का खेल दिखाया उसे देखना अद्भुत था। मोहम्मद सिराज ने जिस तरह की गेंदबाजी की, उसने मुझे कपिल देव की याद दिलाई। शुभमन गिल की कप्तानी परिपक्व दिखी। ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगा कि वह पहली बार कप्तानी कर रहे थे।’ शुभमन गिल की कप्तानी में 1-2 से पिछड़ने के बावजूद भारतीय टीम ने चौथे टेस्ट को ड्रॉ कराया और आखिरी टेस्ट में 6 रन से रोमांचक जीत दर्ज की। लीड्स में खेले पहले टेस्ट में भारतीय टीम को हार मिली थी। एजबेस्टन में खेले दूसरे टेस्ट में टीम ने वापसी करते हुए इंग्लैंड को 336 रन के विशाल अंतर से हराया। हालांकि, लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट में भारत को 22 रन से हार का सामना करना पड़ा था। मैनचेस्टर टेस्ट ड्रॉ रहा था। ओवल में खेले गए पांचवें और आखिरी टेस्ट में भारत ने 6 रन से जीत दर्ज की।  

पिता की जान बचाने पहुंचे पुलिसकर्मी को बेटों ने पीट-पीटकर मार डाला

तमिलनाडु दो बेटों और उनके पिता के बीच जारी हिंसक घरेलू विवाद को शांत कराने के चक्कर में तमिलनाडु में एक पुलिसकर्मी को अपनी ही जान गंवानी पड़ गई। इस घटना के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। फिलहाल, पुलिस तीन आरोपियों की तलाश कर रही है। वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपये मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने का ऐलान किया है। घटना तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले के उडुमलपेल के पास सोमवार रात की है। यहां कथित तौर पर शराब के नशे में दो युवकों और उनके पिता के बीच झगड़ा हो रहा था। रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस सूत्रों और चश्मदीदों ने बताया कि रात में गश्त कर रहे एसएसआई शानमुगावेल इस मारपीट की जानकारी मिलने के बाद तुरंत मौके पर पहुंच गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना कुडिमंगलम की एक निजी संपत्ति में हुई है, जिसके मालिक स्थानीय AIADMK विधायक हैं। यहां काम करने वाले मूर्ति और उसके बेटे थंगापांडियन और मणिकंदन के बीच झगड़ा हो रहा था। खबर है कि इस दौरान दोनों बेटे अपने पिता के साथ मारपीट कर रहे थे। तब पुलिसकर्मी ने झगड़ा शांत कराने की कोशिश की और घायल पिता को अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था की। इस दौरान छिपे हुए मणिकंदन ने थंगापांडियन के साथ बातचीत करते हुए कथित तौर पर एसएसआई पर हमला कर दिया। इसके बाद खबर है कि पिता और दूसरा बेटा भी मारपीट में शआमिल हो गए। इस दौरान तीनों पुलिसकर्मी के पीछे दौड़ पड़े और पीट-पीट कर मार डाला। अचानक हुए इस हमले में पुलिसकर्मी का ड्राइवर बचकर निकलने में सफल रहा। फिलहाल, तीनों आरोपी फरार हैं और पुलिस तलाश कर रही है। सीएम स्टालिन ने घटना पर शोक जताया है। फिलहाल, इस पर राज्य के प्रमुख विपक्षी दल AIADMK की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। खास बात है कि यह घटना ऐसे समय पर हुई है, जब राज्य में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। भारतीय जनता पार्टी नेता नारायण तिरुपति ने इस हमले पर हैरानी जताई। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को निजी दुश्मनी कहकर खत्म नहीं किया जा सकता।  

बच्चों ने रक्षासूत्रों में पिरोई देशभक्ति : सीमाओं पर तैनात जवानों के लिए खास पहल

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से उनके निवास कार्यालय में भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री साय को भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदेश भर में चलाए गए 'एक राखी सैनिक भाइयों के नाम' अभियान की जानकारी दी।  मुख्यमंत्री को प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ द्वारा रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में हमारे देश की सीमा पर तैनात सैनिक भाईयों के सम्मान में "एक राखी सैनिक भाईओं के नाम' अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के सभी 33 जिलों के बुलबुल, गाइड और रेंजर बहनों द्वारा हस्त निर्मित राखियां सैनिक भाईयों के लिए प्राप्त हुई है। ये राखियां हमारे सैनिक भाइयों को प्रेषित की जाएंगी।  मुख्यमंत्री साय ने भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ के अभियान 'एक राखी सैनिक भाइयों के नाम' की सराहना करते हुए कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि इस अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के बच्चे देश की रक्षा में सीमा पर डटे जवानों को रक्षासूत्र भेज रहे हैं। इस पहल से बच्चों में देशभक्ति की भावना बढ़ेगी और हमारे जवानों को भी भावनात्मक संबल मिलेगा । इस अवसर पर भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ के राज्य मुख्य आयुक्त डॉ. सोमनाथ यादव, लक्ष्मी वर्मा, मुरली शर्मा,  कैलाश सोनी, समीर शेख सहित अन्य गणमान्य जन उपस्थित थे।

17 सूत्रीय मांगों पर माने मंत्री, तहसीलदार-नायब तहसीलदारों ने रोकी हड़ताल

रायपुर 17 सूत्रीय मांगों को लेकर 28 जुलाई से आंदोलन कर रहे तहसीलदार-नायाब तहसीलदारों ने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल को स्थगित कर दिया है. राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा से मुलाकात के बाद आज संघ ने अपना आंदोलन खत्म कर लिया है. रुका हुआ काम जल्द पूरा होगा : मंत्री टंकराम वर्मा खेल मंत्री टंक राम वर्मा ने बातचीत के दौरान बताया कि तहसीलदारों से चर्चा हो चुकी है और उनकी हड़ताल समाप्त हो गई है. उन्होंने कहा कि तहसीलदारों की कुछ प्रमुख मांगें थीं, जिन पर सहमति बन गई है. अन्य मांगों पर भी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. मंत्री वर्मा ने स्पष्ट किया कि रुके हुए कार्यों को जल्द ही पूरा किया जाएगा. मंत्री के आश्वासन के बाद हड़ताल की खत्म तहसीलदार संघ के प्रांताध्यक्ष कृष्ण कुमार लहरे ने बताया कि प्रमुख मांगों पर राजस्व मंत्री ने त्वरित गति से विचार करने की बात कही है. मंत्री ने ये आश्वासन दिया है कि जल्द ही हमारी मांगों पर विचार किया जाएगा. इसलिए प्रदेश की जनता की हितों को ध्यान में रखते हुए हड़ताल को स्थगित कर दिया गया है. बता दें कि छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले प्रदेशभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार 28 जुलाई से अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं. सभी तहसीलों में स्वीकृत सेटअप की पदस्थापना सभी तहसीलों में कंप्यूटर ऑपरेटर, WBN. KGO. नायब नाजिर, माल जमादार भृत्य, वाहन चालक. आदेशिका वाहक राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों की पदस्थापना की जाए. यदि संभव न हो तो संबंधित तहसील को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित समय-सीमा की बाध्यता से मुक्त किया जाए. तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति प्रक्रिया सीधी भर्ती और पदोन्नति का अनुपात पूर्व की भांति 50:50 रखा जाए और पूर्व में की गई घोषणा का तत्काल क्रियान्वयन किया जाए. नायब तहसीलदार पद को राजपत्रित करने की मांग इस आशय की पूर्व घोषणा का तत्काल क्रियान्वयन किया जाए. ग्रेड पे में शीघ्र सुधार तहसीलदार और नायब तहसीलदार के लंबित ग्रेड पे सुधार को शीघ्र किया जाए. शासकीय वाहन की उपलब्धता सभी तहसीलों में कार्यवाही, प्रोटोकॉल एवं लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी हेतु शासकीय वाहन व चालक की व्यवस्था हो या वाहन भत्ता प्रदान किया जाए. निलंबन से बहाली बिना वैध प्रक्रिया, नियमित आदेश या अभियोजन कार्रवाई से प्रभावित तहसीलदारों/नायब तहसीलदारों को 15 दिवस में जांच पूर्ण कर बहाल किया जाए. न्यायालयीन प्रकरणों में आदेशों का पालन न्यायालयीन मामलों को जनशिकायत/जनशिकायत प्रणाली में स्वीकार न किया जाए. न्यायालयीन आदेशों पर FIR नहीं न्यायाधीश प्रोटेक्शन act 1985 के सन्दर्भ में शासन दवारा जारी आदेश 2024 का कड़ाई से पालन किया जाये…. हर वो मामला जिसमे अपील का प्रावधान सहिता में निहित हैं तो किसी भी अन्य न्यायालय में परिवाद पेश ना कि जा सके जिससे FIR कि स्थिति ना बने (केवल न्यायालयीन प्रकरण के सन्दर्भ में) न्यायालय में उपस्थिति के लिए व्यवस्था न्यायालयीन कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रोटोकॉल ड्यूटी से पृथक व्यवस्था की जाए. मानदेय भुगतान एवं नियुक्ति आउटसोर्सिंग के माध्यम से स्टाफ की नियुक्ति के लिए तहसीलदार को अधिकृत किया जाए. प्रशिक्षित ऑपरेटर की नियुक्ति Agristack, स्वामित्व योजना, e-Court. भू-अभिलेख जैसे तकनीकी कार्यों के लिए प्रशिक्षित ऑपरेटर नियुक्त किए जाएं. SLR/ASLR की बहाली तहसीलदारों की पर्याप्त संख्या को देखते हुए SLR/ASLR को पुनः भू अभिलेखीय कार्यों के लिए बहाल किया जाए. व्यक्तिगत मोबाइल नंबर की गोपनीयता TI की भांति पदेन शासकीय मोबाइल नंबर और डिवाइस प्रदान किया जाए. राजस्व न्यायालयों की सुरक्षा हेतु सुरक्षाकर्मी प्रत्येक तहसील में सुरक्षा कर्मी की तैनाती एवं फील्ड भ्रमण हेतु वाहन उपलब्ध कराया जाए. सड़क दुर्घटना में मुआवजा की व्यवस्था सड़क दुर्घटना में तहसीलदारों के माध्यम से आर्थिक सहायता राशि 25000 तत्काल मौके पर देने की मांग आती है. परंतु तत्काल में राशि उपलब्ध नहीं होती है. उक्त राशि मौके पर दिए जाने के संबंध में शासन से स्पस्ट गाइडलाइन्स जारी हो. इसके अलावा भी अन्य कई घटनाओं में तहसीलदारों से ही मौके पर मुआवजा राशि की अपेक्षा की जाती है. उसके सम्बन्ध में भी गाइडलाइन्स स्पष्ट जारी हो. संघ की मान्यता प्रदेश के समस्त तहसीलदार नायब तहसीलदार संघ के सदस्य है. अतः शासन के समक्ष मांगें प्रस्तुत करने व समाधान के लिए वार्ता एवं पत्राचार में संघ को की मान्यता दी जाए. विशेषज्ञ कमिटी का गठन प्रदेश में राजस्व न्यायालय के संदर्भ में सलाह व अपनी समस्याओं को प्रस्तुत किये जाने के लिए राजस्व न्यायालय सुदृणीकरण तहत विशेषज्ञ कमेटी/परिषद का गठन किया जाए.

हाईकोर्ट की चेतावनी: बिलासपुर-रायपुर हाईवे की मरम्मत में लापरवाही नहीं चलेगी

बिलासपुर बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे की बदहाली को लेकर मंगलवार को सुनवाई हुई. नेशनल हाईवे के प्रोजेक्ट मैनेजर कोर्ट के आदेशानुसार सड़क मार्ग से होते हुए व्यक्तिगत रूप से हुए कोर्ट में उपस्थित हुए. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मैनेजर को 3 सप्ताह में शपथपत्र में यह बताने को कहा कि नेशनल हाईवे कब तक सुधार देंगे. बता दें कि सोमवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने नेशनल हाइवे की खराब सड़कों की मरम्मत नहीं किए जाने को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया की थी. चीफ जस्टिस ने नेशनल हाईवे के प्रोजेक्ट मैनेजर को नोटिस जारी कर इसी सड़क मार्ग से होते हुए कोर्ट में तलब किया था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि, बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाइवे प्रदेश का महत्वपूर्ण हाइवे है. यह प्रदेश की राजधानी और न्यायधानी को सीधे तौर पर आपस में जोड़‌ता है. बिलासपुर और आसपास के जिलों तथा सरगुजा संभाग जाने के लिए बस्तर संभाग और रायपुर संभाग के लोग इस सड़क का इस्तेमाल करते हैं. महात्वपूर्ण सड़क होने के बावजूद इसके रखरखाव में नेशनल हाईवे अथॉरिटी लगाकर लापरवाही बरत रही है. कोर्ट ने एनएच के वकील से पूछा था कि आप तो अक्सर रायपुर जाते होंगे. आपने इस सड़क की स्थिति देखी होगी. नेशनल हाईवे वाले जो थोड़ा बहुत मेंटेनेंस करते हैं, सड़क पर स्टॉपर लगते है वे बेतरतीब, लावारिस हालत में सड़क पर पड़े हैं और हादसों का कारण बन रहे हैं.

सत्येंद्र जैन को राहत के बाद AAP का BJP पर हमला, सौरभ बोले- ‘अब दोषियों पर हो केस’

नई दिल्ली सीबीआई कोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन को एक मामले में क्लीन चिट दी. इसके बाद, मंगलवार को आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर तीखा हमला किया. दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सत्येंद्र जैन को अभी आधा न्याय मिला है, और पूरा न्याय तब मिलेगा जब उन पर झूठे आरोप लगाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि सत्येंद्र जैन पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता, साथ ही एलजी और सीबीआई के अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए. ‘AAP को बदनाम करने के लिए की थी झूठी शिकायत’ सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि विजेंद्र गुप्ता पहले झूठी शिकायतें दर्ज कराते हैं, जिन्हें एलजी द्वारा सीबीआई को भेजा जाता है. इन शिकायतों में कोई ठोस आधार नहीं होता, फिर भी सत्येंद्र जैन के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जाते हैं. इसके बाद, बिना किसी सबूत के, सीबीआई जांच शुरू करती है, जिससे सत्येंद्र जैन और उनके परिवार के साथ आम आदमी पार्टी को लगातार परेशान किया जाता है. क्या इस प्रकार के उत्पीड़न के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए? अदालत द्वारा इस मामले को बंद करने से यह स्पष्ट हो गया है कि विजेंद्र गुप्ता ने केवल सत्येंद्र जैन और “आप” को बदनाम करने के उद्देश्य से झूठी शिकायत की थी. ‘कुछ भी नहीं है शिकायत में’ सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उनके अनुसार, कानून में जहां भी अन्याय होता है, उसकी भरपाई का प्रावधान होना चाहिए. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने एक झूठी शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद, बीजेपी द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल ने उस शिकायत को सीबीआई को जांच के लिए भेज दिया, जबकि शिकायत में कोई ठोस तथ्य नहीं थे. इसके बावजूद, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन का नाम शिकायत में शामिल किया गया. ‘सत्येंद्र जैन के परिवार का हुआ उत्पीड़न ‘ सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी साहब उस शिकायत को जांच के लिए आगे बढ़ाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सत्येंद्र जैन के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया जाता है. इसके बाद, उनके घर पर सीबीआई द्वारा छापेमारी की जाती है और उनकी बदनामी की जाती है. इस प्रक्रिया में सत्येंद्र जैन के परिवार और बच्चों का उत्पीड़न होता है. हम यह जानना चाहते हैं कि क्या इस सामाजिक नुकसान की भरपाई के लिए कानून में कोई प्रावधान मौजूद है. क्या अब विजेंद्र गुप्ता और एलजी साहब के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए? क्या उन सीबीआई अधिकारियों पर भी मुकदमा नहीं चलाना चाहिए, जिन्होंने बिना किसी ठोस आधार के सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया? सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सीबीआई यह कह सकती थी कि बिना किसी नाम के मुकदमा दर्ज किया जाएगा, जिसके बाद वह अपनी जांच शुरू करती. लेकिन जब भ्रष्टाचार के कोई ठोस सबूत नहीं हैं, तो यह कैसे संभव है कि कोई यह दावा करे कि सत्येंद्र जैन ने भ्रष्टाचार किया है और सीबीआई को इसकी जांच करनी चाहिए. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह स्पष्ट है कि बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने सत्येंद्र जैन को बदनाम करने के उद्देश्य से यह शिकायत की थी. उनका मानना है कि एलजी, विजेंद्र गुप्ता और सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए. यदि इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो यह कानून का अपवाद होगा.

एसी कोच में भी सुरक्षित नहीं यात्री, मंडोर एक्सप्रेस में चोरी की वारदात से हड़कंप

जोधपुर मंडोर एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। दिल्ली से जोधपुर आ रही इस ट्रेन में बीती रात अज्ञात चोरों ने दो विदेशी पर्यटकों और चार स्थानीय यात्रियों के बैग चोरी कर लिए। यह वारदात जयपुर से जोधपुर के बीच की बताई जा रही है। पीड़ित विदेशी पर्यटकों के मुताबिक जैसे ही ट्रेन जयपुर से आगे बढ़ी, उन्होंने देखा कि उनकी सीटों के पास रखे बैग गायब हैं। चोरी गए बैगों में लगभग दो लाख रुपये नकद, एप्पल एयरपॉड्स की एक जोड़ी, एक एप्पल पेंसिल और कुछ जरूरी दस्तावेज थे। घटना की जानकारी तुरंत ट्रेन के टीटीई और सुरक्षाकर्मियों को दी गई। साथ ही एसी कोच में सफर कर रहे अन्य स्थानीय यात्रियों ने भी अपने सामान चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई। जोधपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचते ही पीड़ित यात्रियों ने जीआरपी थाने में एफआईआर दर्ज करवाई। जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने जांच शुरू कर दी है। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक विकास खेड़ा भी स्टेशन पहुंचे और पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि चोरों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। चोरी की यह घटना तब हुई जब ट्रेन के फर्स्ट एसी कोच में जीआरपी के कांस्टेबल मौजूद थे, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठते हैं। जोधपुर जीआरपी थाने में पांच जीरो नंबर एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिन्हें आगे की कार्रवाई के लिए जयपुर जीआरपी को भेजा गया है, क्योंकि चोरी की वारदात जयपुर जीआरपी के क्षेत्राधिकार में आती है। अब जयपुर जीआरपी इस मामले की जांच आगे बढ़ाएगी।

कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स की जीत: दिल्ली हाईकोर्ट का सातवां वेतनमान लागू करने का आदेश

नई दिल्ली दिल्ली हाईकोर्ट ने कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स को महत्वपूर्ण राहत प्रदान की है. कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम के कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स को सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन देने का आदेश दिया है. इस निर्णय का लाभ एमसीडी के लगभग ढाई हजार कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स को मिलेगा. जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस मधु जैन की बेंच ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि समान कार्य करने वाले व्यक्तियों को समान वेतन मिलना चाहिए. यह निर्णय समान कार्य के लिए समान वेतन के संवैधानिक सिद्धांत पर आधारित है. बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण निर्णय जगजीत सिंह बनाम पंजाब राज्य का उल्लेख करते हुए कहा कि एक ही कार्य करने वाले दो कर्मचारियों को भिन्न-भिन्न वेतन देना मानव गरिमा के खिलाफ है. बेंच ने यह प्रश्न उठाया कि जब निगम के स्कूल में नियमित और कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स समान कार्य कर रहे हैं, तो उनके वेतन में भिन्नता क्यों होनी चाहिए. यह स्पष्ट है कि वे समान वेतन पाने के हकदार हैं. कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स इसके हकदार यह मामला प्रारंभ में शहनाज परवीन और अन्य द्वारा दिल्ली नगर निगम के खिलाफ केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में दायर किया गया था. कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स ने वकील अनुज अग्रवाल के माध्यम से यह मांग की थी कि उन्हें सातवें वेतन आयोग के अनुसार न्यूनतम वेतनमान दिया जाए. कैट ने इस मांग को स्वीकार कर लिया, लेकिन एमसीडी ने इसके आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी. हाईकोर्ट ने एमसीडी की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि समान कार्य के लिए समान वेतन का प्रश्न है, और अनुबंध पर कार्यरत शिक्षक इसके हकदार हैं. ‘ब्याज सहित भुगतान करना होगा’ कैट ने 21 मई को दिए गए आदेश में स्पष्ट किया था कि शिक्षकों को एक जनवरी 2016 से नियमित शिक्षकों के समान वेतन दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही, महंगाई भत्ता और अन्य लाभ भी प्रदान किए जाने की आवश्यकता है. यदि तीन महीने के भीतर यह भुगतान नहीं किया जाता है, तो एमसीडी को इस पर ब्याज का भुगतान भी करना होगा. हाईकोर्ट ने भी इस आदेश को बनाए रखा है.