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नियमों में सख्ती: गणेश प्रतिमाएं सिर्फ तय मैदान में ही बिकेंगी, सड़क पर बिक्री पर रोक

रायपुर  राजधानी की सड़कों पर अक्सर त्योहारी सीजन में जाम की स्थिति बनती थी, जिससे निपटने के लिए निगम ने मुहीम शुरू कर दी है. इस बार गणेशोत्सव के लिए मूर्तियों की बिक्री सड़क किनारे नहीं होगी. जोन 5 और जोन 7 क्षेत्र में सड़क किनारे मूर्तियों की बिक्री करते पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. निगम ने लाखेनगर मैदान में मूर्तिकारों को मूर्तियां बेचने की अनुमति दी है. महापौर मीनल चौबे के निर्देश पर एमआईसी मेंबर दीपक जायसवाल ने जोन कमिश्नर खीरसागर नायक और राकेश शर्मा के अलावा अधिकारियों के साथ मूर्तिकारों की बैठक बुलाई. इनमें मूर्तिकार संघ के अध्यक्ष श्री शुद्ध प्रजापति, पदाधिकारी रवि प्रजापति, कुती प्रजापति और अरूण प्रजापति शामिल हुए. कुम्हार समाज के साथ ही मूर्तिकारों ने भी अपनी सहमति दे दी. बैठक में मूर्तिकारों को बताया गया कि सडक पर श्री गणेश मूर्ति का विक्रय करने के कारण शहर में यातायात व्यवस्था पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है. इसीलिए सभी जोनो में 1 स्थान निर्धारित कर वहा व्यवस्थित रूप से श्री गणेश मूतिर्यों का विक्रय करने की व्यवस्था देने प्रयास किया जा रहा है. इसी के चलते जोन 5 एवं जोन 7 के क्षेत्र के कुम्हार समाज के प्रतिनिधियों मूर्ति कलाकारो के लिए  ईदगाह भाठा, लाखे नगर मैदान के स्थल का श्रीगणेश उत्सव के पूर्व श्री गणेश की मूतिर्यों का विक्रय करने निर्धारण किया गया है.

स्वतंत्रता दिवस से पहले बड़ी घोषणा: यूपी-राजस्थान को जोड़ेगी नई वंदे भारत एक्सप्रेस

लखनऊ 15 अगस्त से पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को वंदे भारत की नई सौग़ात मिल सकती है। लखनऊ के गोमतीनगर स्टेशन से जयपुर के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन प्रस्तावित है। यह ट्रेन सुबह 5:50 बजे लखनऊ से रवाना होकर दोपहर 2 बजे जयपुर पहुंचेगी। वहीं, वापसी में ट्रेन दोपहर 3 बजे जयपुर से चलकर रात 11 बजे गोमतीनगर स्टेशन पर पहुंचेगी। आठ घंटे में तय करेगी सफर बताया जा रहा है कि हफ़्ते में 6 दिन वंदे भारत का संचालन होगा। आधुनिक सुविधाओं से लैस यह सेमी हाई-स्‍पीड ट्रेन दोनों राजधानियों के बीच का सफर आठ घंटे में तय करेगी। शनिवार के दिन इसका संचालन नहीं होगा। उस दिन ट्रेन की मेंटेनेंस की जाएगी। पूर्वोत्तर रेलवे ने लखनऊ-जयपुर वंदे भारत एक्‍सप्रेस का प्रस्‍ताव रेलवे बोर्ड को भेजा है। इस कदम से यात्रियों को तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का विकल्प मिलेगा। बता दें कि भारत में इस समय 70 से ज्‍यादा वंदे भारत एक्‍सप्रेस ट्रेनें विभिन्‍न रूटों पर चल रही हैं। जिनमें सेमी हाई स्‍पीड ट्रेनों को यात्रियों का भी खूब साथ मिल रहा है। जिसकी वजह से ज्‍यादातर रूट्स पर इन ट्रेनों की ऑक्‍यूपेंसी फुल है। जल्द ही नागपुर-पुणे, अमृतसर-कटरा और बेंगलुरु-बेलगावी के बीच भी वंदे भारत एक्‍सप्रेस चल सकती है।

चार साल बाद चीन जाएंगे पीएम मोदी, एससीओ समिट में करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व

नई दिल्ली  पीएम मोदी चीन दौरा 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन का दौरा करेंगे, जैसा कि बुधवार को बताया गया। शिखर सम्मेलन टियांजिन में आयोजित किया जाएगा, और यह दौरा 2019 के बाद मोदी की पहली चीन यात्रा है, और 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद पहली यात्रा है। यह उच्च-स्तरीय राजनयिक जुड़ाव दोनों एशियाई दिग्गजों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक संभावित सुधार का संकेत देता है, जो पूर्वी लद्दाख में घातक सीमा गतिरोध के बाद से तनावपूर्ण बने हुए हैं।   पूर्व चीनी सैनिक वांग छी को भारत छोड़ने का मिला नोटिस, परिवार ने लगाई मदद की गुहार यह दौरा पूर्वी लद्दाख और व्यापक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सीमा विवादों को लेकर भारत और चीन के बीच जारी तनाव की पृष्ठभूमि में हो रहा है। इस पर वैश्विक और क्षेत्रीय खिलाड़ी बारीकी से नजर रखे हुए हैं, खासकर क्योंकि दोनों एशियाई शक्तियां बहुपक्षीय मंचों के माध्यम से जुड़ाव करते हुए तनावपूर्ण संबंधों को प्रबंधित करने की कोशिश कर रही हैं। बीजिंग में आयोजित होने वाले शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में आठ सदस्य देशों के नेता शामिल होंगे, जिनमें रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और ईरान शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में पूर्ण सदस्यता प्राप्त की है। मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकात? पीएम मोदी का चीन दौरा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद पहली बार एक दुर्लभ व्यक्तिगत बैठक का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। जबकि दोनों नेता अन्य वैश्विक शिखर सम्मेलनों में एक-दूसरे से मिले हैं, तब से कोई औपचारिक द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई है। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन शिखर सम्मेलन के मौके पर पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बातचीत होने की संभावना है। भारत-चीन संबंध गलवान से धीरे-धीरे जुड़ाव तक मई 2020 के गलवान टकराव के बाद भारत-चीन संबंध बदतर हो गए हैं, जिसके दौरान 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे। चीन के भी सैनिक मारे गए, हालांकि संख्या का सार्वजनिक रूप से खुलासा नहीं किया गया है। हिंसक टकराव दशकों में द्विपक्षीय संबंधों में सबसे निचले बिंदु को चिह्नित करता है। तब से, दोनों पक्षों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव कम करने के लिए सैन्य और राजनयिक वार्ता की है। पिछले कुछ महीनों में, तनाव कम होने के संकेत मिले हैं: • भारत और चीन के बीच सीधी हवाई संपर्क फिर से खोलना • भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने का निर्णय • वीजा में ढील देने और सीमा पार नदियों पर जानकारी साझा करने के प्रस्ताव • भारत ने हाल ही में चीनी नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा बहाल करने की घोषणा की। एससीओ शिखर सम्मेलन 2025 सामरिक महत्व टियांजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन में सभी आठ सदस्य देशों – भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और ईरान के नेता शामिल होंगे, जो अभी पूर्ण सदस्य बना है। 2017 से सदस्य भारत ने इस मंच का इस्तेमाल सीमा पार आतंकवाद, विशेष रूप से पाकिस्तान से, के मुद्दों को उठाने और संप्रभुता का सम्मान करते हुए क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देने के लिए किया है, जो चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) की स्पष्ट निंदा है। आगामी शिखर सम्मेलन भारत की रणनीतिक कूटनीति पर ध्यान केंद्रित करता है, एससीओ जैसे बहुपक्षीय संरचनाओं के साथ सक्रिय जुड़ाव रखते हुए, क्वाड (भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका) जैसे अमेरिका के नेतृत्व वाले हिंद-प्रशांत समूहों के साथ संबंधों को मजबूत करता है। इसके बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर इस साल की शुरुआत में एससीओ रक्षा और विदेश मंत्रियों की बैठकों में सक्रिय रूप से भाग लेते रहे हैं। जयशंकर ने एक प्रारंभिक यात्रा पर बीजिंग में राष्ट्रपति शी से भी मुलाकात की, जिसमें संबंधों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए नेतृत्व के नेतृत्व वाले संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया। शिखर सम्मेलन में प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है जैसे: • क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग • अफगानिस्तान में स्थिरता की बहाली • बहुपक्षीय व्यापार और ऊर्जा सहयोग • एक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की ओर बढ़ना • यूरेशिया में संपर्क परियोजनाएं भारत के चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव, विशेष रूप से इसके पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) कॉरिडोर के विरोध को दोहराने की संभावना है, जिसमें संप्रभुता के मुद्दे उठाए गए हैं। पीएम मोदी का दौरा एक राजनयिक सफलता और चीन के साथ संबंधों को सामान्य करने के नए प्रयासों का संकेत देता है, भले ही भारत अपने रणनीतिक और क्षेत्रीय हितों की रक्षा करता रहे।

अब आसमान से तय होगा इंदौर-भोपाल का सफर, हेलीकॉप्टर सेवा के लिए प्रक्रिया शुरू

इंदौर अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड (AICTSL) की बोर्ड बैठक का आयोजन बुधवार को महापौर और बोर्ड अध्यक्ष पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में शहर के सार्वजनिक परिवहन को पर्यावरण अनुकूल और यात्रियों के लिए अधिक सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसमें एक बड़ी घोषणा भी की गई, जिसमें बताया गया कि इंदौर से भोपाल के बीच अब हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने पर भी विचार किया जा रहा है। जिसके लिए AICTSL एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मंगाने का निर्णय भी लिया गया है। हेलीकॉप्टर सेवा पर मिलने वाले प्रस्तावों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। रक्षाबंधन पर महिलाओं को मिलेगी मुफ्त यात्रा सुविधा महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बोर्ड बैठक में एक और महत्वपूर्ण घोषणा की। इसमें उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन पर्व के उपलक्ष्य में महिला यात्रियों को शहर में संचालित सभी बसों में नि:शुल्क यात्रा की सौगात दी जाएगी। इसे उन्होंने माताओं और बहनों को रक्षाबंधन का उपहार बताया। बैठक में संभागायुक्त एवं बोर्ड उपाध्यक्ष दीपक सिंह, कलेक्टर एवं निदेशक आशीष सिंह, नगर निगम कमिश्नर एवं प्रबंध निदेशक शिवम वर्मा, आईडीए सीईओ रामप्रकाश अहिरवार, AICTSL सीईओ दिव्यांक सिंह सहित अन्य कई वरिष्ठ अफसर मौजूद थे।  50 नई इलेक्ट्रिक बसें चलाएंगे इंदौर में ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने की दिशा में इस माह 50 नई इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतरेंगी। वर्तमान में शहर में बीआरटीएस कॉरिडोर पर 30 और अन्य मार्गों पर 50 इलेक्ट्रिक बसें संचालित हो रही हैं। इसके साथ ही केंद्र सरकार की पीएम ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में इंदौर को 150 इलेक्ट्रिक बसों की सौगात मिलने जा रही है। इन बसों के संचालन के लिए आईएसबीटी नायता मुंडला और देवास नाका पर दो नए इलेक्ट्रिक बस डिपो तैयार किए जाएंगे, जिसकी वित्तीय सहायता केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी। इंटरसिटी इलेक्ट्रिक बस सेवा का होगा शुभारंभ इंदौर से आसपास के शहरों के लिए जल्द ही 26 इंटरसिटी इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। ये बसें इंदौर से उज्जैन, भोपाल, खरगोन, सेंधवा, खंडवा, बुरहानपुर, रतलाम, धार-मांडव और महेश्वर तक चलेंगी। निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। पीपीपी मॉडल पर भविष्य की इलेक्ट्रिक बसों के लिए ऑपर्च्युनिटी चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे। नई एसी लग्जरी बस सेवाएं भी होंगी शुरू महापौर ने बताया कि पूर्व में की गई निविदा प्रक्रिया के आधार पर अब इंदौर से कोटा, मंदसौर होते हुए नीमच, जीरापुर और सोयत कला तक एसी बस सेवा भी प्रारंभ की जाएगी। पूर्व में आमंत्रित निविदा प्रक्रिया में कोई बोलीदाता न मिलने के कारण अब निगम स्वयं डबल डेकर बसें खरीदेगा। राष्ट्रीय स्तर पर जुड़ने की तैयारी, फिर से होंगी निविदाएं इंदौर को राष्ट्रीय मार्गों से जोड़ने के लिए कई शहरों के लिए फिर से निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। जिसमें राजकोट (वाया सूरत), रायपुर (वाया नागपुर), जयपुर, ग्वालियर, कानपुर (वाया झांसी), अहमदाबाद, उदयपुर, पुणे, मुंबई, अयोध्या, वाराणसी, नई दिल्ली, दमोह, बांसवाड़ा, भुसावल और शहडोल शामिल है। ई-बाइक से लास्ट माइल कनेक्टिविटी को मिलेगी मजबूती मौजूदा माय बाइक प्रोजेक्ट के तहत शहर में 1500 साइकिलें सफलतापूर्वक संचालित हो रही हैं। भविष्य में ई-बाइक सेवा भी शुरू करने पर विचार किया गया। AICTSL को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास AICTSL ने एबी रोड पर 42 यूनिपोल पर विज्ञापन के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं। जल्द ही डिपो पर भी यूनिपोल लगाए जाएंगे और उन पर विज्ञापन के लिए बोली प्रक्रिया शुरू होगी।

मध्य प्रदेश में विज्ञान बना बदलाव की गाड़ी, ‘साइंस ऑन व्हील्स’ से टूट रही रूढ़ियां, संवर रहा भविष्य

शहडोल मध्यप्रदेश के जनजातीय जिलों में अब विज्ञान केवल किताबों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों को रोकने का मजबूत हथियार बन चुका है। शहडोल जिले के शिक्षक संतोष कुमार मिश्रा की अनोखी पहल 'साइंस ऑन व्हील्स' (Science on Wheels) न सिर्फ ग्रामीण बच्चों में वैज्ञानिक सोच जगा रही है, बल्कि समाज में गहराई से जमी कुप्रथाओं के खिलाफ जागरूकता की अलख भी जगा रही है। शहडोल जिला, जहां आज भी कई ग्रामीण इलाकों में झाड़-फूंक, दागना और बाल विवाह जैसी परंपराएं प्रचलित हैं, वहां शिक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने ‘साइंस ऑन व्हील्स’ की शुरुआत की। इस पहल का मकसद था विज्ञान को कक्षा की चारदीवारी से बाहर निकालकर गांव-गांव तक पहुंचाना।   ‘साइंस ऑन व्हील्स’ के अंतर्गत एक चलती-फिरती साइंस वैन के ज़रिए स्कूल, खेत, गांव और छात्रावासों में जाकर विज्ञान की बेसिक और दिलचस्प जानकारी दी जाती है। इसमें बच्चों को विज्ञान के प्रयोग करवाए जाते हैं और उन्हें साइंस एंबेस्डर बनाया जाता है, ताकि वे अपने घर और समाज में वैज्ञानिक सोच फैला सकें। इस पहल की सबसे खास बात यह रही कि इसने बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा दिया। जब ग्रामीण इलाकों की बच्चियों ने इन विज्ञान गतिविधियों में हिस्सा लेना शुरू किया, तो अभिभावकों को भी यह समझ में आने लगा कि उनकी बेटियां भी होशियार हैं। परिणामस्वरूप कई बच्चियों का बाल विवाह टला और वे स्कूल में बने रहने लगीं। ‘साइंस ऑन व्हील्स’ सिर्फ पढ़ाई का जरिया नहीं रहा, बल्कि यह बेटियों को आत्मविश्वासी, जागरूक और स्वतंत्र सोच वाला नागरिक बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ है। अभिभावकों के साथ संवाद कर उन्हें बेटियों की शिक्षा के प्रति जागरूक किया गया। साथ ही उन्हें यह बताया गया कि झाड़-फूंक, दागना जैसी परंपराएं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से गलत हैं और इनसे दूर रहना चाहिए।

बाघों की सुरक्षा बनाम गांवों का अस्तित्व: क्या खाली कराए जाएंगे जंगल के किनारे बसे गांव?

उमरिया मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में इजाफा तो हो रहा है, लेकिन उनके प्राकृतिक आवास यानी जंगल सिकुड़ते जा रहे हैं। कारण है जंगल के भीतर बसे सैकड़ों गांव, जो न सिर्फ जगह घेर रहे हैं, बल्कि जंगल के संतुलन को भी प्रभावित कर रहे हैं। अब तक राज्य के टाइगर रिजर्व क्षेत्रों से 200 से अधिक गांवों को विस्थापित किया जा चुका है। बावजूद इसके, इतने ही गांव अभी भी जंगलों के भीतर बसे हुए हैं। इनके कारण बाघों को उनके लिए जरूरी क्षेत्रफल नहीं मिल पा रहा है। साथ ही, इन गांवों की वजह से घास के मैदान विकसित नहीं हो पा रहे हैं, जो शाकाहारी वन्य जीवों के लिए जरूरी हैं।   घास के मैदान क्यों जरूरी हैं? जंगल के अंदर जब घास के मैदान नहीं बनते, तो शाकाहारी प्राणियों की संख्या कम हो जाती है, जिससे बाघ जंगल के कोर जोन से बाहर आकर गांवों की ओर बढ़ते हैं। वहां वे मवेशियों का शिकार करते हैं, जिससे मानव-पशु संघर्ष बढ़ता है। वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट डॉ. राकेश शुक्ला के अनुसार, जब तक जंगल के अंदर बसे गांवों को पूरी तरह से हटाया नहीं जाता, तब तक बाघों को उनका आवश्यक क्षेत्र नहीं मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी हाल ही में यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार विस्थापन प्रक्रिया को तेज करेगी और इसके लिए धन की कोई कमी नहीं होगी। सबसे ज्यादा प्रभावित टाइगर रिजर्व पन्ना टाइगर रिजर्व में सबसे ज्यादा गांव बसे हैं। बांधवगढ़ के कोर जोन में 10 गांव हैं। पेंच टाइगर रिजर्व में 44, संजय टाइगर रिजर्व में 34, वीरांगना रानी दुर्गावती में 81 और कान्हा में 8 गांव अब भी मौजूद हैं। क्या कहते हैं आंकड़े? प्रदेश में 9 टाइगर रिजर्व हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश की कोर और बफर जोन में गांव बसे हैं। उदाहरण के तौर पर, बांधवगढ़ में 165, कान्हा में 129, पेंच में 123 और सतपुड़ा में 62 बाघ हैं। 

मौसम विभाग की बड़ी चेतावनी: कई राज्यों में 12 अगस्त तक भारी बारिश का खतरा

उत्तराखंड उत्तराखंड में इस समय मौसम लगातार खराब बना हुआ है और स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 6 से 12 अगस्त तक राज्य के सभी जिलों के लिए भारी से अत्यंत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इसके अलावा कई जगहों पर गर्जना और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना भी जताई गई है। अगले सात दिनों का मौसम पूर्वानुमान 6 अगस्त: सभी जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश के साथ कहीं-कहीं अत्यंत भारी बारिश की संभावना है। गरज-चमक और तेज बारिश के दौर भी रहेंगे। 7 अगस्त: देहरादून, पौड़ी, बागेश्वर, चम्पावत और नैनीताल जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। पूरे राज्य में गरज-चमक और बिजली गिरने की संभावना है। 8 अगस्त: उत्तरकाशी, देहरादून, पौड़ी, बागेश्वर, चम्पावत और नैनीताल में भारी बारिश हो सकती है। तेज बारिश के साथ बिजली गिरने के भी आसार हैं।   9 अगस्त: देहरादून और बागेश्वर में भारी बारिश की चेतावनी है। बाकी जिलों में भी गरज और तेज बारिश के दौर रहेंगे। 10 अगस्त: उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और बागेश्वर जिलों में भारी बारिश की संभावना है। पूरे राज्य में आकाशीय बिजली और तेज बारिश की चेतावनी जारी की गई है। 11 और 12 अगस्त: सभी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ गरज और बौछारें पड़ने की संभावना है। मौसम विभाग की चेतावनी IMD ने बताया है कि भारी बारिश से राज्य में भूस्खलन, नदियों का जलस्तर बढ़ना, सड़कों के अवरुद्ध होने, और निचले इलाकों में जलभराव जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं। हाल ही में धराली और हरिद्वार में ऐसे हालात देखे जा चुके हैं। लोगों के लिए जरूरी सलाह     नदी और नालों के किनारे जाने से बचें।     पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा न करें।     मौसम की अपडेट पर नज़र रखें और अफवाहों से दूर रहें।     बच्चे और बुजुर्ग घरों में सुरक्षित रहें।     किसान फसलों को बचाने के लिए तिरपाल आदि का उपयोग करें।     मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर रखें।     किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन या स्थानीय अधिकारियों से तुरंत संपर्क करें। प्रशासन सतर्क रक्षाबंधन और स्वतंत्रता दिवस जैसे त्योहारों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था को बढ़ा दिया है। आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा गया है और संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त निगरानी की जा रही है।

टूरिज्म बूस्ट! इंदौर-गोवा के बीच विंटर से शुरू होगी वीकली डायरेक्ट फ्लाइट

इंदौर इंदौर से गोवा जाने वाले यात्रियों को विंटर सीजन से सीधी उड़ान की सुविधा मिलने जा रही है। इंडिगो विमान कंपनी ने 26 अक्टूबर से सीधी उड़ान की घोषणा करते हुए बुकिंग शुरू की है। यह उड़ान सप्ताह में एक दिन सिर्फ रविवार को संचालित होगी। इस उड़ान के शुरू होने के साथ ही गोवा जाने वाले यात्रियों को अतिरिक्त विकल्प मिलेगा। देशभर के एयरपोर्ट के साथ ही इंदौर एयरपोर्ट पर विंटर सीजन की शुरुआत 27 अक्टूबर से हो रही है। इसकी शुरुआत के साथ ही इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट से विमान कंपनियों ने नई उड़ानों को शुरू करने की तैयारी शुरू कर दी है। इंडिगों विमान कंपनी ने विंटर सीजन में जम्मू उड़ान के बाद अब गोवा के लिए 26 अक्टूबर से उड़ान शुरू करने की घोषणा की है।   वीकेंड पर गोवा जाने वाले यात्रियों को होगा फायदा यह उडा़न इंदौर से सुबह गोवा जाएगी और दोपहर में वापस आएगी। वीकेंड पर जाने वाले यात्रियों को इसका फायदा होगा। ट्रेवल एजेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष हेमेंद्र सिंह जादौन का कहना है कि गोवा के लिए साप्ताहिक उड़ान शुरू होने से यात्रियों को फायदा होगा। अतिरिक्त उड़ान विकल्प मिलने से यात्री आसानी से यात्रा कर सकेंगे। यह उडा़न सुबह 10.35 बजे गोवा पहुंचाएगी, इससे चेकइन के लिए यात्रियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। वहीं गोवा से वापस आने वाले यात्रियों को भी सुबह 11 बजे उड़ान मिलने से फायदा होगा। तीन कैटेगरी में होगी बुकिंग इंडिगो विमान कंपनी द्वारा शुरू की जा रही साप्ताहिक उड़ान का फेयर साढ़े दस हजार रुपये के करीब आ रहा है। विमान कंपनी ने तीन कैटेगरी में बुकिंग शुरू की है। सेल फेयर, फ्लेक्सी प्लस फेयर और सुपर फेयर में यह बुकिंग की जा रही है। यात्री अपनी सुविधा के अनुसार बुकिंग करवा सकेंगे। दोनों एयरपोर्ट के लिए उड़ाने संचालित वर्तमान में इंदौर से गोवा के दोनों एयरपोर्ट के लिए एक-एक उड़ाना संचालित हो रही है। यह उड़ाने नियमित संचालित होती है। इंडिगो कंपनी की उड़ान इंदौर से दोपहर 12.30 बजे रवाना होती है और साउथ गोवा के डोबोलिम एयरपोर्ट जाती है। वहीं एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान इंदौर से दोपहर 12.20 बजे रवाना होती है और नार्थ गोवा के मनोहर पर्रिकर एयरपोर्ट जाती है। यह रहेगा शेड्यूल इंदौर से गोवा – फ्लाईट 6ई 314 इंदौर से सुबह 8.55 बजे रवाना होगी और सुबह 10.35 बजे गोवा पहुंचेगी। गोवा से इंदौर – फ्लाईट 6ई 6738 गोवा से सुबह 11.05 बजे रवाना होगी और दोपहर 12.45 बजे इंदौर पहुंचेगी।

राखी पर सीएम मोहन यादव की सौगात, लाड़ली बहनों को 250 रुपये शगुन का ऐलान

भोपाल रक्षाबंधन पर मध्यप्रदेश की 1.26 करोड़ से अधिक लाड़ली बहनों को बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है। राखी पर सीएम डॉ. मोहन यादव बहनों को 250-250 रुपये का विशेष शगुन देंगे। यह शगुन लाड़ली बहना योजना के 1250 रुपये के अतिरिक्त होंगे। सीएम डॉ. यादव बहनों को यह राशि 7 अगस्त को राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ से दोपहर करीब 2:45 पर जारी करेंगे। मध्यप्रदेश सरकार महिलाओं को अपना मान-सम्मान मानती है। इसलिए वह उनके सल्याण के लिए लगातार काम कर रही है। सीएम डॉ. मोहन यादव खुद इस बात को कई बार कह चुके हैं कि उनकी सरकार महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पित है। गौरतलब है कि इस बार राखी पर लाड़ली बहनों को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की तरफ से शगुन का उपहार मिलेगा। सीएम डॉ. यादव ने हाल ही में इस बात पर विशेष जोर दिया था कि 7 अगस्त को लाड़ली बहनों के खातों में 250 रुपये की अतिरिक्त राशि रक्षाबंधन के शगुन के रूप में दी जाएगी। उन्होंने कहा है कि यह शगुन रक्षाबंधन पर भाई की तरफ से छोटा सा उपहार स्वरूप है। 250 रुपये की यह राशि हर महीने मिलने वाली 1250 रुपये से अतिरिक्त होगी। सीएम डॉ. मोहन यादव का कहना है कि महिलाएं मेरी बहने हैं यह मेरा मान है, सम्मान है, बहनों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आए इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार कृत संकल्पित है। इस तरह लगातार बढ़ती जाएगी राशि बता दें, मध्यप्रदेश सरकार की लाड़ली बहना योजना के तहत बहनों को जारी की जाने वाली राशि में चरणबद्ध रूप से बढ़ोतरी होगी। साल 2028 तक महिलाओं को तीन हजार रुपये हर महीने मिलने लगेंगे। इस योजना के तहत महिला सशक्तिकरण और उनके कल्याण के लिए सरकार हर महीने 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा उनके खातों में ट्रांसफर कर रही है। प्रदेश सरकार दीपावली के बाद आने वाली भाईदूज पर सभी लाड़ली बहनों को 1250 रुपये से बढ़ाकर हर महीने 1500 रुपये देगी। पीएम मोदी के विजन को साकार कर रहे सीएम डॉ. यादव मध्यप्रदेश सरकार बहन-बेटियों के सशक्तिकरण के ‍लिए स्व-सहायता समूहों का संचालन, नौकरियों, स्थानीय-नगरीय निकायों और पंचायतों में आरक्षण उपलब्ध करवा रही है। सीएम डॉ. मोहन यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इरादों को साकार करने में अथक मेहनत कर रहे हैं। सीएम डॉ. यादव का कहना है कि जैसे मोदी सरकार लोकसभा-विधानसभा में बहनों को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है, उसी तरह हमारी सरकार भी महिलाओं के रोजगार और उनकी आर्थिक तरक्की के लिए संकल्पित है।

पीएम सूर्य घर योजना का लाभ बढ़ाने सरकार का कदम, वेन्डर्स होंगे स्किल्ड

भोपाल मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में वेन्डर्स की क्षमता संवर्धन और सोलर रूफटॉप की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये प्रशिक्षण आयोजित कर रहा है। प्रशिक्षण वसुधा फाउन्डेशन के सहयोग से आयोजित किये जायेंगे। प्रदेश के 10 शहरों में अलग-अलग दिनांकों में प्रशिक्षण होंगे। मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम से प्राप्त जानकारी अनुसार 11 अगस्त को भोपाल, 13 को इंदौर, 18 को जबलपुर, 20 को ग्वालियर, 22 को सागर, 25 को उज्जैन, 27 को रीवा, 29 को मुरैना, एक सितम्बर को नर्मदापुरम और 4 सितम्बर को शहडोल में निर्धारित स्थानों पर प्रशिक्षण होगा। सभी जिलों के अक्षय ऊर्जा अधिकारियों को भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रशिक्षण आयोजित करने के निर्देश दिये गये हैं।