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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों की समीक्षा

जन-जन को जोड़ें आजादी पर्व से आयोजन और प्रबंधन में कोई कमी न रहे भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि स्वतंत्रता दिवस केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यह हमारी राष्ट्रीय अस्मिता, स्वाभिमान और गौरव का प्रतीक है। यह अवसर हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग, बलिदान और योगदान को स्मरण करने तथा उनके दिखाए मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को स्वतंत्रता दिवस समारोह-2025 के आयोजन से जुड़ी तैयारियों की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में तय किया गया कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रदेश की जनता के नाम संदेश का सभी जिलों में होने वाले जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में लाईव प्रसारण किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की जनता के नाम संदेश का लाईव प्रसारण पूरा होने के बाद जिलास्तरीय कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपने संबोधन में जिले में संचालित फ्लैगशिप योजनाओं, विकास कार्यक्रमों, जिले में आए निवेश, कृषि एवं सिंचाई के क्षेत्र में हुए विकास और अन्य उल्लेखनीय गतिविधियों के बारे में भी नागरिकों को जानकारी देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य एवं जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन पूरे हर्ष उल्लास, गरिमा और जन सहभागिता के साथ हो। विशेष रूप से युवा वर्ग में देशभक्ति की भावना जागृत करने के उद्देश्य से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्यस्तरीय समारोह स्थल पर बैठक व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था एवं यातायात प्रबंधन से जुड़ी तैयारियों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि समारोह में लोकतंत्र सेनानियों, दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के सभी नागरिकों से अपील की कि वे स्वाधीनता दिवस समारोह में शामिल होकर देशभक्ति के संदेश का प्रसार करें। बैठक में उप मुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल, लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह, स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय श्री नीरज मंडलोई, अपर मुख्य सचिव श्री संजय कुमार शुक्ल, सचिव एवं आयुक्त जनसंपर्क डॉ. सुदाम खाड़े सहित अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में मंत्रीगण द्वारा राज्य एवं जिलास्तरीय स्वाधीनता दिवस समारोह में गरिमा के अनुरूप नवाचारों के संबंध में सुझाव भी दिए गए। अधिकारियों द्वारा समारोह के सुचारु आयोजन के लिए की जा रही व्यापक तैयारियों की सिलसिलेवार जानकारी दी गई।  

बेटी के लिए 25 हजार, बेटे के लिए 20 हजार – जानें योगी सरकार की खास स्कीम और आवेदन का तरीका

लखनऊ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक जनकल्याणकारी पहल की है। यह पहल गरीब और श्रमिक वर्ग के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना के अंतर्गत बेटी के जन्म पर 25 हजार और बेटे के जन्म पर 20 हजार की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। खास बात यह है कि इस योजना से दिव्यांग बालिकाओं को भी लाभ हो रहा। दिव्यांग बालिकाओं के जन्म पर सरकार 50 हजार की सावधि जमा भी कराती है। इस योजना ने हजारों श्रमिक परिवारों को आर्थिक राहत दी है। यदि आप या आपके जानने वाले इस योजना के पात्र हैं, तो तुरंत आवेदन करें और इसका लाभ उठाएं। क्या है मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना? मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना का उद्देश्य पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को संतान के जन्म पर आर्थिक राहत देना है। यह योजना खासकर उन मजदूर परिवारों के लिए लाभकारी है, जिनकी आय का मुख्य स्रोत रोजाना की मेहनत-मजदूरी है। योजना की मुख्य विशेषताएं बेटे के जन्म पर 20 हजार की सहायता राशि बेटी के जन्म पर 25 हजार की सहायता राशि दिव्यांग बालिका के लिए 50 हजार की सावधि जमा महिला श्रमिक को अस्पताल में प्रसव के बाद 3 महीने की न्यूनतम वेतन राशि और 1 हजार चिकित्सा बोनस बेटियों के लिए ज्यादा मदद क्यों? सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से बालिकाओं के जन्म को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। यही वजह है कि बेटे की तुलना में बेटी के जन्म पर 5 हजार अधिक रूपये दिए जाते हैं। यदि पहली या दूसरी संतान बेटी है, या कानूनी रूप से गोद ली गई बालिका है, तब भी 25 हजार की सावधि जमा का प्रावधान है। दिव्यांग बालिकाओं के लिए विशेष प्रावधान यदि जन्म से कोई बालिका दिव्यांग है, तो सरकार उसकी आर्थिक मदद के लिए 50 हजार की सावधि जमा करती है। यह राशि बालिका के 18 वर्ष की आयु तक अविवाहित रहने पर मिलती है।  योजना के लिए पात्रता शर्तें  श्रमिक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। पिछले 12 महीनों में कम से कम 90 दिन तक निर्माण कार्य किया होना अनिवार्य है। पंजीकरण शुल्क: 20 रूपये वार्षिक अंशदान: 20 रूपये   योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज़  आधार कार्ड पासपोर्ट साइज फोटो आवेदन कैसे करें: निकटतम जन सेवा केंद्र (CSC) से आवेदन करें या www.upbocw.in पर ऑनलाइन फॉर्म भरें