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अपर मुख्य सचिव राजन बोले – बागवानी उत्पादों की वैल्यू चेन समय की सबसे बड़ी जरूरत

बागवानी उत्पादों के मूल्य संवर्धन के लिए राज्यस्तरीय वेबिनार आयोजित भोपाल प्रदेश में बागवानी उत्पादों की मूल्य श्रृंखला (वैल्यू चेन) को सशक्त बनाने के उद्देश्य से उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा “म.प्र. में क्लस्टर आधारित फल एवं सब्जी मूल्य श्रृंखला विकास एवं नवाचार और तकनीकी के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का रूपांतरण” विषय वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण अनुपम राजन की अध्यक्षता में आयोजित की गई। अपर मुख्य सचिव राजन ने कहा कि बागवानी उत्पादों की वैल्यू चैन विकसित करना समय की मांग है। मध्यप्रदेश उद्यानिकी क्षेत्र में समृद्ध राज्य है। प्रदेश के किसानों को उनके उत्पाद का वाजिब दाम मिल सके। इसके लिए उत्पादन से उपभोक्ता तक की प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाया जाना है। इसके लिए विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने किसानों, किसान संगठनों, खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों तथा रिसोर्स पर्सन तथा उद्यानिकी अमले के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता बताई। आयुक्त उद्यानिकी तथा खाद्य प्र-संस्करण श्रीमती प्रीति मैथिल ने कहा कि इस वेबिनार का मुख्य उद्देश्य, बागवानी उत्पादों की मूल्य श्रृंखला को सशक्त बनाना है, इससे किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि किसानों का कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) भी जागरूकता और सक्रियता के साथ अपनी भूमिका निर्वाहन करें। अपर संचालक उद्यानिकी के.एस. किराड़ ने कहा कि बागवानी किसानों को अधिक लाभ उपलब्ध कराने के लिए उत्पादों को नवीन तकनीक तथा नवाचार के माध्यम से प्रसंस्कृत कर मूल्य वर्धन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस काम में कृषक संगठन बेहतर भूमिका निभा सकते है। यह समूह विपणन भंडारण, प्रसंस्करण एवं निर्यात की दशा में सार्थक प्रयास कर सकते है। वेबिनार में कृषक संगठनों के प्रतिनिधि, खाद्य प्रसंस्करण उद्यमी, जिला रिसोर्स पर्सन, उद्यानिकी विभाग का मैदानी अमला सम्मिलित हुआ।

डॉ. यादव आज देंगे लाड़ली बहनों को रक्षाबंधन का खास शगुन, भरेगा दिलों में खुशियाँ

मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रदेश की सभी लाड़ली बहनों को आज देंगे रक्षाबंधन का शगुन रक्षाबंधन पर लाड़ली बहनों को आज मिलेगा मुख्यमंत्री डॉ. यादव का तोहफा डॉ. यादव आज देंगे लाड़ली बहनों को रक्षाबंधन का खास शगुन, भरेगा दिलों में खुशियाँ रक्षाबंधन पर सीएम डॉ. यादव का उपहार, सभी लाड़ली बहनों को मिलेगा शगुन 1.26 करोड़ बहनों के खातों में करेंगे 1859 करोड़ का अंतरण 07 अगस्त को प्रत्येक लाड़ली बहना के खाते में आएंगे 1500 रूपये राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ में होगा राज्यस्तरीय कार्यक्रम भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत् गुरूवार 07 अगस्त को राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ से प्रदेश की 1 करोड़ 26 लाख 89 हजार 823 लाड़ली बहनों के खातों में 1 हजार 859 करोड़ 1 लाख 32 हजार 350 रूपये की राशि का अंतरण करेंगे। इस बार लाड़ली बहनों को नियमित किश्त 1250 रूपये के अतिरिक्त रक्षाबंधन के शगुन के रूप में 250 रूपये भी दिये जाएंगे। इस प्रकार प्रत्येक लाड़ली बहना को रक्षाबंधन के पूर्व 1500 रूपये मिलेंगे। लाड़ली बहना योजना वर्ष 2023 से प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का मूल उद्देश्य महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण, उनके स्वास्थ्य और पोषण स्तर में सुधार और पारिवारिक निर्णयों में उनकी भूमिका को मजबूत करना है। योजना की पात्र महिलाएं (21 से 59 वर्ष आयु वर्ग की विवाहित, विधवा, तलाकशुदा एवं परित्याक्ता महिलाएं) को प्रतिमाह 1250 रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इस योजना में वित्त वर्ष 2025-26 में जुलाई 2025 तक 6198.88 करोड़ की राशि का व्यय किया गया है। 28 लाख से अधिक बहनों को 43.90 करोड़ रूपये की सहायता मुख्यमंत्री डॉ. यादव नरसिंहगढ़ में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के एलपीजी कनेक्शनधारी उपभोक्ताओं और गैर श्रेणी के अंतर्गत पंजीकृत लाड़ली बहनों और विशेष पिछड़ी जनजाति की आर्थिक सहायता योजना अंतर्गत पंजीकृत महिलाओं को गैस रिफिल की राशि भी प्रदाय करेंगे। योजना के तहत् मुख्यमंत्री डॉ. यादव 28 लाख से अधिक बहनों को गैस सिलेण्डर रिफिलिंग के लिये 43.90 करोड़ रूपये की सहायता राशि का सिंगल क्लिक से अंतरण करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव नरसिंहगढ़ में होने वाले रोड-शो में भी शामिल होंगे।  

श्रीकृष्ण पर्व पर होंगे प्रदेश में गरिमामय आयोजन: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्रदेश में धूमधाम से मनाई जाएगी जन्माष्टमी ओर बलराम जयंती : मुख्यमंत्री डॉ. यादव जन्माष्टमी और बलराम जयंती को लेकर सरकार तैयार, डॉ. यादव बोले- उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा श्रीकृष्ण पर्व पर होंगे प्रदेश में गरिमामय आयोजन: मुख्यमंत्री डॉ. यादव हलधर महोत्सव एवं लीला पुरुषोत्तम का प्रकटोत्सव आयोजन संबंधी समीक्षा भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि 14 अगस्त को बलराम जयंती और 16 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जाएगी। इस अवसर पर पूरे प्रदेश में बलराम एवं श्रीकृष्ण के प्रसंगों, उनके अवदान और लोक कल्याणकारी जीवनगाथा से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। विभिन्न चिन्हित मंदिरों में भक्तिमय कार्यक्रम होंगे। इन कार्यक्रमों में विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, विद्यालयों में स्थानीय साहित्य, सामाजिक एवं सांस्कृति संस्थाओं का सहयोग भी लिया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को मुख्यमंत्री निवास में हलधर महोत्सव एवं लीला पुरुषोत्तम का प्रकटोत्सव के संबंध में आवश्यक तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने श्रीकृष्ण पर्व के अंतर्गत प्रदेश में होने वाले कार्यक्रमों की तैयारियों की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रमों के व्यवस्थित आयोजन की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जाये। बैठक में बताया गया कि 14 अगस्त को बलराम जयंती और 16 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रदेश में अनेक स्थानों पर कार्यक्रम होंगे। इसके लिए गतिविधियों का कैलेंडर तैयार किया गया है। प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण के चरण जिन स्थानों पर पड़े और उनके जीवन के विशेष प्रसंग जहां घटित हुए, ऐसे सभी संबंधित स्थान पावन हैं। इस नाते इन स्थानों पर भी जन रुचि के अनुरूप प्रभावी कार्यक्रम होंगे। इन स्थानों में सांदीपनि आश्रम उज्जैन, नारायणा धाम, अमझेरा, जामगढ़, जानापाव आदि शामिल हैं। मुख्यमंत्री निवास में भी होगा विशेष कार्यक्रम भोपाल में आयोजित विशेष कार्यक्रम में अनेक जिलों के बालगोपाल भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप में एक मंच पर आएंगे। जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री निवास में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इन कार्यक्रमों के आयोजन से संस्कृति और पर्यटन विभाग के सौजन्य से विभिन्न कलाकार भी जुड़ेंगे। बैठक में आयुक्त एवं सचिव जनसंपर्क डॉ. सुदाम खाड़े, मुख्यमंत्री के सचिव एवं पर्यटन विकास निगम के निर्देशक इलैया राजा, मुख्यमंत्री के सांस्कृतिक सलाहकार श्रीराम तिवारी, संचालक संस्कृति एमपी नामदेव सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।  

हाईकोर्ट जज नियुक्ति पर विवाद: आरती अरुण साठे के चयन पर विपक्ष की आपत्ति, भाजपा ने दी सफाई

मुंबई बॉम्बे हाई कोर्ट में अधिवक्ता और भाजपा की पूर्व प्रवक्ता आरती अरुण साठे की बतौर न्यायाधीश नियुक्ति को लेकर देश में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष ने इस पर गहरी आपत्ति जताते हुए न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने स्पष्ट किया है कि आरती साठे ने पार्टी से पिछले वर्ष ही इस्तीफा दे दिया था। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 28 जुलाई 2025 को आरती साठे को बॉम्बे हाई कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी। कॉलेजियम में शामिल चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बी.आर. गवई ने यह निर्णय लिया था। कॉलेजियम के अनुसार, उनकी नियुक्ति योग्यता, अनुभव और पेशेवर दक्षता के आधार पर की गई है। विपक्ष ने क्या कहा? विपक्षी दलों ने आरती साठे की नियुक्ति को “राजनीतिक पूर्वाग्रह” से प्रेरित बताया है। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा, “एक राजनीतिक पार्टी की पूर्व प्रवक्ता अगर न्यायपालिका में बैठेंगी, तो आम नागरिक कैसे निष्पक्ष न्याय की उम्मीद कर सकता है?” कुछ नेताओं ने यह भी मांग की है कि इस नियुक्ति की नैतिक जांच की जाए। भाजपा की प्रतिक्रिया भाजपा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, “आरती साठे एक योग्य और प्रतिष्ठित अधिवक्ता हैं, और उन्होंने पार्टी से पिछले वर्ष त्यागपत्र दे दिया था। उनकी नियुक्ति पूरी तरह से संवैधानिक प्रक्रिया और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की अनुशंसा के आधार पर की गई है।” आरती साठे का प्रोफाइल आरती अरुण साठे एक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कर, वित्तीय और वाणिज्यिक मामलों में विशेष अनुभव हासिल किया है। वे पूर्व में भाजपा की प्रवक्ता रही हैं लेकिन उन्होंने 2024 में पार्टी पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके समर्थकों का कहना है कि उनकी नियुक्ति योग्यता और पेशेवर दक्षता के आधार पर हुई है, न कि किसी राजनीतिक प्रभाव के चलते। निष्कर्ष: आरती साठे की नियुक्ति पर राजनीतिक बयानबाज़ी तेज है, लेकिन कानूनी प्रक्रिया और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के चलते यह नियुक्ति फिलहाल आगे बढ़ती दिख रही है। देखना यह होगा कि क्या भविष्य में इस पर न्यायिक या संवैधानिक बहस और तेज होती है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की ‘कृष्णायन’ की प्रशंसा, बताया श्रीकृष्ण जीवन प्रसंगों का सुंदर चित्रण

भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के प्रसंगों की कृष्णायन" में प्रस्तुति सराहनीय : मुख्यमंत्री डॉ. यादव कृष्णायन में श्रीकृष्ण के जीवन की प्रेरक झलकियाँ, डॉ. यादव ने की सराहना "मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की 'कृष्णायन' की प्रशंसा, बताया श्रीकृष्ण जीवन प्रसंगों का सुंदर चित्रण विधानसभा के मानसरोवर सभागार में कलाकारों ने दिखाए भगवान के जीवन के प्रसंग भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और उनके योगदान को रेखांकित करने के लिए "कृष्णायन" जैसी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां प्रभावशाली माध्यम हैं। इस प्रस्तुति में शामिल कलाकारों ने सराहनीय प्रदर्शन किया है। प्रदेश के ऐसे स्थानों जिनसे भगवान श्रीकृष्ण का संबंध है, उनके महत्व को भी ऐसी सांस्कृतिक प्रस्तुति से समझा जा सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बुधवार शाम विधानसभा परिसर स्थित मानसरोवर सभाकक्ष में कृष्णायन की प्रस्तुति देखी। इसमें भगवान कृष्ण की जीवन की संपूर्ण कथा को सांगीतिक रूप से प्रस्तुत किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस प्रस्तुति के कलाकारों को एक लाख 11 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान कृष्ण ने जहां सांदीपनि आश्रम उज्जैन में शिक्षा ग्रहण की वहीं अमझेरा में विवाह संबंध, नारायणा धाम से सुदामा के साथ मैत्री और जानापाव में सुदर्शन चक्र प्राप्त करने के प्रसंग जन रूचि के हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने "कृष्णायन" के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के विभिन्न पक्षों की जानकारी वाद्य यंत्रों, ध्वनि, प्रकाश और आतिशबाजी के साथ रोचक ढंग से मंच पर प्रस्तुत किये जाने की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलाकारों को सम्मानित भी किया। मध्यप्रदेश बन सकता है, दूसरा वृंदावन: स्पीकर तोमर इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मध्यप्रदेश के साथ भगवान कृष्ण का गहरा संबंध रहा है जिसे जन-जन तक पहुंचाया जाए तो मध्यप्रदेश दूसरा वृंदावन बन जाएगा। स्पीकर तोमर ने भजनों और गीतों के साथ की गई सुंदर प्रस्तुति के लिए समस्त कलाकारों को बधाई दी। कार्यक्रम में संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, बैतूल विधायक हेमन्त खण्डेलवाल, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और मंत्री गण, विधायक गण सहित अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे। इन कलाकारों ने दी प्रस्तुति कृष्णायन प्रस्तुति में निर्देशक और प्रमुख कलाकार मोहित शेवानी के साथ ही अभिषेक बरथरे, शुभम, अंतिका विश्वकर्मा, श्रीजा उपाध्याय, हिमांशु पवार, विजय गौर, स्वप्निल, अनानंद, करन, दिव्यांश, राहुल, दिव्या, धनीराम, पंकज और ओमी शामिल थे।  

रायपुर : मुख्यमंत्री से एशियन अफ्रीकन पैसिफिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता सुनमी राय पारेख ने की मुलाकात

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से उनके निवास कार्यालय में एशियन अफ्रीकन पैसिफिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता सुनमी राय पारेख ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री साय को रायपुर निवासी सुनमी राय पारेख ने बताया कि 05 से 13 जुलाई तक जापान के हिमेजी में एशियन पॉवरलिफ्टिंग एसोसिएशन द्वारा एशियन अफ्रीकन पैसिफिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। इस चैंपियनशिप में उन्होंने 57 किलोग्राम डेडलिफ्ट वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया है।  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुनमी राय पारेख को एशियन अफ्रीकन पैसिफिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि आपने अपनी मेहनत और समर्पण से छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। प्रदेश की बेटियों को आपकी उत्कृष्ट उपलब्धि से प्रेरणा मिलेगी। इस अवसर पर अंजय शुक्ला, अंजिनेश शुक्ला, सनी पारेख सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

वक्फ बोर्ड ने पंजीकृत की 5000 संपत्तियाँ, किराया बढ़ाने की योजना पर काम शुरू

रायपुर छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड की स्थिति पर एक पुरानी कहावत “आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया” पूरी तरह से लागू होती है। राजधानी रायपुर में बैजनाथ पारा में एक दुकान का किराया मात्र 80 पैसे है, जबकि इस किराए के लिए बोर्ड को दो रुपये की रसीद काटनी पड़ती है। यह किराया 1980 में बढ़ा था और तब से अब तक 45 वर्षों से यही किराया चल रहा है। इससे पहले यह किराया 35 पैसे था। वक्फ बोर्ड के पोर्टल पर प्रदेशभर में लगभग पांच हजार संपत्तियां पंजीकृत हैं। इन संपत्तियों से 200 करोड़ रुपये सालाना किराया मिलना चाहिए, लेकिन वर्तमान में केवल पांच लाख रुपये ही प्राप्त हो रहे हैं। किराया बढ़ाने के लिए बोर्ड ने दो बार नोटिस भेजा है, लेकिन दुकानदारों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। यदि तीसरे नोटिस के बाद भी कोई उत्तर नहीं मिलता है, तो दुकानों को सील करने की कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम ने बताया कि प्रदेश में 100 रुपये से 500 रुपये तक किराये वाली लगभग 700 दुकानें हैं। इनमें रायपुर में टिकरापारा सहित अन्य क्षेत्रों में 200 से अधिक दुकानें शामिल हैं। वहीं, बाजार में 200 वर्गफीट की दुकानों का किराया 25,000 से 35,000 तक है। पहले 23 हजार, अब मिल रहा पांच लाख किराया डॉ. सलीम ने बताया कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का किराया संशोधित करने की योजना बनाई जा रही है। कुछ जिलों में किराया संशोधन किया गया है, जिससे बोर्ड की आय में वृद्धि हुई है। बिलासपुर में 70 से अधिक दुकानों का किराया वक्फ बोर्ड को मात्र 23,000 रुपये मिल रहा था, लेकिन अब यह राशि बढ़कर पांच लाख से अधिक हो गई है। बोर्ड का उद्देश्य समाज के जरूरतमंद लोगों की मदद करना है, विशेषकर कमजोर वर्ग के बच्चों की शिक्षा और अन्य खर्चों का वहन करना है। उन्होंने कहा कि हम दुकानदारों को प्रेरित कर रहे हैं कि वे एक बच्चे को गोद लें और उनकी शिक्षा का खर्च उठाएं। बोर्ड की संपत्ति पर कुछ परिवारों का ही कब्जा बोर्ड की दुकानों का किराया बहुत कम होने के कारण कुछ लोग इसका दुरुपयोग कर रहे हैं। कई लोग अपनी खुद की दुकानों के साथ-साथ बोर्ड की दुकानों को किराए पर लेकर मुनाफा कमा रहे हैं। डॉ. सलीम ने बताया कि बोर्ड की संपत्तियों पर मौलाना, मौलवी और मुल्तवियों के परिवारों का कब्जा है, जिससे बोर्ड अपने उद्देश्यों को पूरा नहीं कर पा रहा है।     बोर्ड की आय बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है ताकि समाज के कल्याण के लिए स्कूल और अस्पतालों का निर्माण किया जा सके। -डॉ. सलीम राज अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड

मुख्यमंत्री डॉ. यादव से पर्यावरण प्रेमियों ने की भेंट

मुख्यमंत्री डॉ. यादव से पर्यावरण प्रेमियों ने की भेंट बाजारों में वस्त्र के झोले वितरित करने के प्रकल्प की दी जानकारी भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से बुधवार की शाम मुख्यमंत्री निवास में पॉलिथीन मुक्त बिट्टन मार्केट समूह की सदस्यों ने भेंट की। ग्रुप की पर्यावरण प्रेमी महिला सदस्यों ने श्रीमती सीमा सिंह जादौन ने नेतृत्व में भेंट कर जानकारी दी कि बाजारों में ग्रुप की सदस्य वस्त्र के झोले वितरित करने का कार्य गत कई वर्ष से कर रही हैं। इन प्रयासों में सफलता भी मिली है। हजारों नागरिक पॉलीथिन के स्थान पर कपड़े के झोलों का उपयोग करने के प्रति जागरूक हो रहे हैं। मुख्यमंत्री यादव ने इस सामाजिक प्रकल्प की सराहना की। मुख्यमंत्री डॉ यादव से भेंट करने वाली पर्यावरण प्रेमी महिला समाज सेवियों में श्रीमती समता अग्रवाल , सुश्री रुचिका सचदेवा और अल्पना गुप्ता शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को संस्था द्वारा तैयार करवाए गए कपड़े के झोले भेंट भी किए गए।  

बीमार शिक्षकों के लिए सहारा बनी ‘जीवन दान योजना’, इलाज में मिलेगी आर्थिक सहायता

लखनऊ उत्तर प्रदेश के लाखों शिक्षकों के लिए राहत की खबर है। अब गंभीर बीमारी की स्थिति में उन्हें आर्थिक मदद मिल सकेगी। इसके लिए टीचर्स सेल्फ केयर टीम (TSCT) ने ‘जीवन दान योजना’ की शुरुआत की है, जिसके तहत जरूरतमंद शिक्षकों को पांच लाख रुपये तक की सहायता मिलेगी। यह योजना शिक्षकों द्वारा शिक्षकों के लिए शुरू की गई है और पूरी तरह से स्वैच्छिक है। उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के लिए एक बड़ी पहल की गई है। प्रदेश की चार लाख सदस्यीय संस्था टीचर्स सेल्फ केयर टीम (TSCT) ने ‘गंभीर बीमारी के लिए जीवन दान योजना’ शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य जरूरतमंद शिक्षकों को गंभीर बीमारियों की स्थिति में आर्थिक सहायता देना है। इस योजना के तहत शिक्षक सदस्य 10 अगस्त तक 200 रुपये की राशि जमा करेंगे, जो कि एक कोष (कार्पस फंड) में संचित होगी। इस फंड से किसी भी सदस्य को गंभीर बीमारी के दौरान अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में अधिकतम पांच लाख रुपये तक की सहायता राशि दी जाएगी। योजना पूरी तरह ऐच्छिक है। इसमें भाग लेना या न लेना पूरी तरह शिक्षक की मर्जी पर निर्भर है और इसका असर संस्था की अन्य योजनाओं पर नहीं पड़ेगा। संस्था के संस्थापक अध्यक्ष विवेकानंद आर्य ने बताया कि यह योजना शिक्षकों की आपसी सहायता की भावना को मजबूत करती है। इस योजना के लिए कुछ शर्तें भी तय की गई हैं- सहायता केवल तभी दी जाएगी जब इलाज का खर्च 2 लाख रुपये से अधिक हो। केवल अस्पताल में भर्ती होने पर ही यह सहायता मान्य होगी। योजना में केवल एलोपैथिक इलाज को मान्यता दी गई है। एक सदस्य को दो वर्षों में केवल एक बार सहायता दी जाएगी। लॉक-इन पीरियड सामान्य शिक्षकों के लिए 18 माह और शिक्षामित्र व अनुदेशकों के लिए 17 माह तय किया गया है, जिसे जुलाई से 18 माह किया जाएगा। इसमें यह भी तय किया गया है कि यदि किसी शिक्षक के पास मेडिकल इंश्योरेंस है, तो पहले उसे उसी सीमा तक सहायता दी जाएगी। इंश्योरेंस की सीमा से अधिक खर्च होने पर संस्था की योजना के तहत पूरी सहायता दी जाएगी।

‘नियद नेल्ला नार’: सुकमा में विकास और विश्वास की मिसाल

आत्मसमर्पित माओवादियों को मिल रहा नया जीवन कौशल विकास प्रशिक्षण से बदल रही है बस्तर के युवाओं और महिलाओं की जिंदगी राज्य सरकार की माओवादी आत्मसमर्पण राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 ला रही रंग रायपुर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू माओवादी आत्मसमर्पण राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 और बस्तर संभाग के अंदरूनी गांवों के समग्र विकास के लिए विशेष रूप से संचालित ‘नियद नेल्ला नार’  योजना ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और विश्वास का नया मार्ग प्रशस्त किया है। इस योजना के कन्वर्जेंस के माध्यम से जिला प्रशासन सुकमा द्वारा आत्मसमर्पित माओवादियों को कौशल प्रशिक्षण, पुनर्वास एवं स्वरोजगार से जोड़कर समाज की मुख्यधारा में सफलतापूर्वक जोड़ा जा रहा है। कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव के मार्गदर्शन में चल रहे इस कार्यक्रम के अंतर्गत लाइवलीहुड कॉलेज एवं ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में विभिन्न ट्रेड में नि:शुल्क प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि आत्मसमर्पित युवा और महिलाएं आर्थिक रूप से स्वावलंबी होकर समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें। पुनर्वास केंद्र बना नई राह की शुरुआत कोंटा विकासखंड की अनीता सोड़ी जैसी आत्मसमर्पित महिलाओं के जीवन में यह योजना नई दिशा लेकर आई है। अनीता बताती हैं कि पुनर्वास केंद्र ने हमें यह एहसास कराया कि शांति और सम्मान से भी जीवन जीया जा सकता है। सिलाई, कृषि समेत अन्य आजीविका प्रशिक्षणों ने हमारा आत्मविश्वास बढ़ाया है। अब मैं स्वयं का सिलाई कार्य प्रारंभ कर परिवार को बेहतर भविष्य देना चाहती हूं। अनीता के साथ सुश्री वेट्टी कन्नी, हड़मे माड़वी, कड़ती विज्जे समेत 6 आत्मसमर्पित महिलाएं लाइवलीहुड कॉलेज सुकमा में चल रहे एक माह के सिलाई प्रशिक्षण में हिस्सा ले रही हैं। ‘सक्षम योजना’ के अंतर्गत उन्हें 40 हजार से 2 लाख रुपये तक का ऋण 3% ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाएगा तथा निःशुल्क सिलाई मशीन एवं प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे। लाइवलीहुड कॉलेज में संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम में 30 किशोरी बालिकाएं एवं महिलाएं हिस्सा ले रही हैं। इन्हें ब्लाउज, ड्रेस, स्कूल यूनिफॉर्म एवं शर्ट-पैंट की सिलाई की ट्रेंनिग दी जा रही है। साथ ही नोनी सुरक्षा योजना, महतारी वंदन योजना, सक्षम योजना, एवं महिला ऋण योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ने की पहल भी की जा रही है, जिससे महिला सशक्तिकरण को नई गति मिल रही है। नियद नेल्ला नार योजना से बस्तर में विकास और विश्वास की बहार बह रही है। अब तक 79 आत्मसमर्पित माओवादियों को सिलाई, कृषि-नर्सरी, वाहन-चालन, राजमिस्त्री एवं उद्यमिता जैसे ट्रेड्स में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आगामी सप्ताह से 30 युवा राजमिस्त्री प्रशिक्षण के लिए आरसेटी में प्रशिक्षण लेंगे। पुनर्वास केंद्र सुकमा में वर्तमान में 42 प्रशिक्षणार्थी (21 महिलाएं) निवासरत हैं जिन्हें क्रमशः कौशल प्रशिक्षण से जोड़ा जा रहा है। योजना के कन्वर्जेंस से युवाओं को मुख्यमंत्री कौशल विकास, सक्षम, पीएम स्वनिधि, स्टार्टअप, कृषि उद्यमिता और महिला ऋण योजनाओं से जोड़कर स्वरोजगार की राह दिखाई जा रही है जो बस्तर के अंदरूनी गांवों में रोजगार, सम्मान तथा विकास के नए युग का सूत्रपात कर रही है। छत्तीसगढ़ सरकार की दूरदर्शी नीति और ‘नियद नेल्ला नार’ योजना ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब सरकार संवेदना, अवसर और कौशल के साथ लोगों तक पहुँचती है तो बदलाव सिर्फ संभव ही नहीं बल्कि सुनिश्चित होता है। बस्तर की यह परिवर्तन यात्रा आने वाले समय में शांति, विकास और समृद्धि की स्थायी नींव तैयार करेगी।