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उत्तर प्रदेश के 22 पीसीएस अधिकारियों को आईएएस सेवा में किया पदोन्नत, आदेश जारी

लखनऊ उत्तर प्रदेश के 22 पीसीएस अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) काडर में पदोन्नति दे दी गई है। केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की अधिसूचना के क्रम में इस संबंध में उत्तर प्रदेश के नियुक्ति विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। जारी आदेश के अनुसार, सहारनपुर के अपर आयुक्त भानु प्रताप यादव, यूपीएसएसएससी के परीक्षा नियंत्रक विधान जायसवाल, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के सचिव राजेश कुमार सिंह, सिद्धार्थनगर के सीडीओ बलराम सिंह, यीडा के विशेष कार्याधिकारी शैलेंद्र कुमार भाटिया, यूपीपीएससी के उप सचिव देवी प्रसाद पाल, मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की सचिव अंजू लता, दिव्यांगजन सशक्तीकरण निदेशालय के संयुक्त निदेशक जयनाथ यादव, अपर निदेशक (प्रशासन) कृषि तथा अपर मेला अधिकारी कुंभ मेला दयानंद प्रसाद को पदोन्नति दी गई है। इसी तरह से यूपीपीएससी के उप सचिव विनोद कुमार गौड़ व विवेक कुमार श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक मंडी परिषद सचिन कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व हाथरस बसंत अग्रवाल, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वाराणसी वंदिता श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अयोध्या महेंद्र कुमार सिंह,, अपर जिलाधिकारी प्रशासन बिजनौर विनय कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन मुरादाबाद गुलाब चंद्र, सदस्य वक्फ न्याायधिकरण लखनऊ राम सुरेश वर्मा , अपर जिलाधिकारी प्रशासन गाजियाबाद रण विजय सिंह, अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति) गौतमबुद्धनगर राजेश कुमार, उप निदेशक मंडी योगेंद्र कुमार और अपर निदेशक चिकित्सा शिक्षा निदेशालय नीलम को भी आईएएस काडर में पदोन्नति दे दे गई है। इन सभी अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ वेतनमान में तत्काल कार्यभार ग्रहण करने के लिए कहा गया है।

छांगुर बाबा को बताया जल्लाद, CM योगी बोले– कानून ने दिखाया अपना असर

आजमगढ़ आजमगढ़ पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने अवैध धर्मांतरण रैकेट के सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- अभी आपने देखा होगा कि कैसे बलरामपुर में समाज विरोधी, राष्ट्रद्रोही कार्यो में लिप्त तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई की गई. आपने देखा होगा कैसे एक जल्लाद को हमने गिरफ्तार किया, जो हिंदू बहन-बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करता था, उनकी सौदेबाजी करता था.  सीएम योगी ने धर्मांतरण मामले में बोलते हुए आगे कहा कि अब ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्ती की जा रही है. हम समाज को टूटने नहीं देंगे. राष्ट्र विरोधी, समाज विरोधी तत्वों को चकनाचूर कर के रहेंगे. कानून के तहत इनको कड़ी से कड़ी सजा दिलाएंगे. साथ ही धरती माता की रक्षा भी करेंगे.  दरअसल, सीएम योगी वृक्षारोपण कार्यक्रम में शामिल होने आजमगढ़ पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि धरती मां के स्वास्थ्य की रक्षा करेंगे और मां की स्मृतियों को भी जीवंत बनाएंगे. यह वृक्षारोपण अभियान इसी का परिणाम है. आपको बता दें कि धर्मांतरण का रैकेट चलाने वाला जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पुलिस की गिरफ्त में है. उसके खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन जारी है. बीते दिन बलरामपुर में स्थित उसकी अवैध आलीशान कोठी पर बुलडोजर चला और अब ED भी बाबा पर शिकंजा कसने की तैयारी में है.  आजमगढ़ में बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश में वन माफिया, खनन माफिया के द्वारा अव्यवस्था फैलाई गई थी, विकास नहीं होता था, न वनाच्छादन होता था, हमने जो अभियान 8 वर्ष पहले शुरू किया था, वो अबतक 204 करोड़ पेड़ लगाने तक पहुंच चुका है. अबतक 8 वर्ष में 204 करोड़ वृक्षारोपण किया गया है. पिछली सरकार ने आजमगढ़ के सामने पहचान का संकट खड़ा कर दिया था. आज आजमगढ़ का नौजवान कहीं जाता है तो देखने वालों की आंखे चमक जाती हैं. 

मुख्यमंत्री योगी बोले – पौधरोपण अभियान अपनी मां के नाम कृतज्ञता ज्ञापित करने का मौका

अयोध्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पौधरोपण अभियान अपनी मां के नाम कृतज्ञता ज्ञापित करने का मौका देता है। इसलिए इसे एक पेड़ मां के नाम अभियान नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि आज के दिन पौधरोपण कर इनकी सुरक्षा के लिए और संरक्षण के लिए काम करें। मुख्यमंत्री योगी बुधवार को अयोध्या में सोलर सिटी के पास दशरथ पथ पर जनसभा को संबोधित कर रहे थे। पौधरोपण महा अभियान का शुभारंभ करने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को एक दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पहले संकट मोचन हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन किया और प्रदेश की सुख-शांति की कामना की। इसके बाद सीएम योगी ने श्रीरामलला के दरबार में हाजिरी लगाई, आरती की और सीएम ने दर्शन-पूजन के उपरांत निकलते समय आमजन का अभिवादन भी स्वीकार किया। वहीं मंदिर परिसर की परिक्रमा कर राम मंदिर निर्माण की प्रगति का जायजा लिया और राम दरबार में भी दर्शन पूजन किये। मुख्यमंत्री ने अपने दौरे की शुरुआत संकट मोचन हनुमानगढ़ी मंदिर से की। उन्होंने यहां विधिवत पूजा-अर्चना करते हुए प्रदेशवासियों के सुखमय जीवन की प्रार्थना की। यहां से निकल कर मुख्यमंत्री ने श्रीरामलला के दर्शन किए। उन्होंने श्रीरामलला की आरती उतारी और मंदिर की परिक्रमा की इसके साथ ही उन्होंने राम दरबार में भी दर्शन पूजन किये। इस अवसर पर उन्होंने मंदिर निर्माण की प्रगति की जानकारी भी ली। राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने उन्हें निर्माण कार्यों की वर्तमान स्थिति और आगामी योजनाओं से अवगत कराया। इससे पहले मुख्यमंत्री के अयोध्या आगमन पर महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पर उन्हें स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने उनका भव्य स्वागत किया। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी का जुलाई महीने में पहले अयोध्या दौरा है। इससे पहले वह 5 जून को राम दरबार के उद्घाटन के अवसर पर यहां आए थे।

Apple कंपनी ने भारतीय मूल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सबिह खान को COO बनाया

मुरादाबाद आईफोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी ऐपल में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। कंपनी ने भारतीय मूल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सबिह खान को चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) बनाया है। वह जेफ विलियम्स की जगह लेंगे जो लगभग 30 साल की सर्विस के बाद इसी साल रिटायर होने जा रहे हैं। विलियम्स अभी कुछ समय तक टिम कुक को रिपोर्ट करते रहेंगे। वह ऐपल की डिजाइन टीम और हेल्थ से जुड़े कामों को भी देखेंगे। सबिह खान का जन्म 1966 में उत्तर प्रदेश की पीतल नगरी मुरादाबाद में हुआ था। स्कूली दिनों में ही वह सिंगापुर चले गए थे। कुछ समय बाद ही वह अमेरिका चले गए। Tufts University से इकनॉमिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री लेने के बाद उन्होंने Rensselaer Polytechnic Institute (RPI) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री ली। ऐपल में आने से पहले सबिह खान जीई प्लास्टिक्स में काम करते थे। वहां वह एप्लिकेशन डेवलपमेंट इंजीनियर और टेक्निकल लीडर थे। सफलता की सीढ़ियां सबिह खान ने 1995 में ऐपल के प्रोक्योरमेंट ग्रुप को ज्वाइन किया था। धीरे-धीरे वह आगे बढ़ते गए और 2019 में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट बने। पिछले छह साल में उन्होंने ऐपल की ग्लोबल सप्लाई चेन को संभाला है। इसमें प्लानिंग, खरीदारी, मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स और प्रोडक्ट को पूरा करना शामिल है। सबिह खान ने ऐपल के सप्लायर रिस्पॉन्सिबिलिटी प्रोग्राम को भी देखा है। यह प्रोग्राम कर्मचारियों की सुरक्षा, शिक्षा और पर्यावरण की देखभाल पर ध्यान देता है। टिम कुक ने सबिह खान के बारे में कहा कि वह एक शानदार रणनीतिकार हैं। वह ऐपल की सप्लाई चेन के मुख्य आर्किटेक्ट रहे हैं। सबिह ने ऐपल की सप्लाई चेन को बनाने और मजबूत करने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने एडवांस मैन्युफैक्चरिंग में नई टेक्नोलॉजी को लाने में मदद की है। उन्होंने अमेरिका में ऐपल की मौजूदगी को बढ़ाया है। साथ ही, उन्होंने पर्यावरण के लक्ष्यों को भी आगे बढ़ाया है। ऐपल ने अपने कार्बन फुटप्रिंट को 60 प्रतिशत से ज्यादा कम कर दिया है। कुक ने क्या कहा कुक ने यह भी कहा, 'सबिह की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह दिल से और ईमानदारी से काम करते हैं। मुझे पता है कि वे एक बेहतरीन चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर बनेंगे।' सबिह खान ने ऐपल की ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग पहल को आगे बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने सप्लायरों के साथ मिलकर पर्यावरण पर पड़ने वाले बुरे असर को कम करने के लिए काम किया है। उनकी वजह से ऐपल ग्लोबल चुनौतियों का सामना करने में सक्षम रहा है।  

ED ने छांगुर बाबा के अवैध धर्मांतरण मामले में FIR दर्ज, होगी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच

बलरामपुर  बलरामपुर से धर्मांतरण का रैकेट चलाने वाला जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पुलिस की गिरफ्त में है. उसके खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन जारी है. बीते दिन उसकी अवैध आलीशान कोठी पर बुलडोजर चला. अब प्रवर्तन निदेशालय यानी ED भी छांगुर बाबा पर शिकंजा कसने की तैयारी में है.    दरअसल, ED ने जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के अवैध धर्मांतरण मामले में FIR दर्ज की है. ED धर्मांतरण केस में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करेगी. ED की लखनऊ यूनिट ने देर शाम केस दर्ज किया है. बहुत जल्द ED इस केस से जुड़े आरोपियों से पूछताछ करेगी. धर्मांतरण के विदेशी कनेक्शन और मनी ट्रेल की भी जांच की जाएगी.  मालूम हो कि छांगुर बाबा से जुड़े मामले में अब 100 करोड़ से ज्यादा की फंडिंग की बात सामने आई है. जिसके बाद केस में ED की एंट्री हुई. धर्मांतरण केस में छांगुर एंड कंपनी को कहां-कहां से और कैसे-कैसे फंडिंग हुई, इसकी जांच ED करेगी.  गौरतलब है कि बीते दिनों यूपी सहित दूसरे राज्यों में फैले अवैध धर्मांतरण रैकेट का खुलासा हुआ. इस रैकेट का मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा है, जिसे यूपी एसटीएफ ने महिला साथी के साथ गिरफ्तार किया है. जांच में पता चला है कि यह रैकेट जाति के आधार पर धर्म बदलवाने के लिए रेट फिक्स करता था. इतना ही नहीं नाबालिगों और प्रेम जाल में फंसाकर भी लोगों का धर्मांतरण कराया गया. कुछ पीड़ित सामने आकर अपनी आपबीती बयां कर चुके हैं.  हाल ही में लखनऊ में 12 लोगों ने इस्लाम धर्म से हिंदू धर्म में वापसी की थी. इनमें कुछ लोगों ने आरोप लगाया था कि बलरामपुर के रहने वाले जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ने पैसों का लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन कराया. तब से ही छांगुर बाबा यूपी ATS और STF की जांच के दायरे में आ गया था. लखनऊ के ही एक होटल से छांगुर बाबा को गिरफ्तार किया गया. सीएम योगी आदित्यनाथ का कड़ा संदेश इस कार्रवाई के दौरान में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कड़ा संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में शांति, सौहार्द और महिलाओं की सुरक्षा को भंग करने वालों के लिए कोई स्थान नहीं है। मतांतरण कराने और विदेशी फंडिंग के मामले में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने जलालुद्दीन, नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन और इसकी पत्नी नीतू नवीन रोहरा उर्फ नसरीन समेत अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इनकी गिरफ्तारी के बाद जिला प्रशासन ने अतिक्रमण कर बनाई गई कोठी को गिराने की प्रक्रिया शुरू की। सोमवार देर शाम तहसीलदार सत्यपाल प्रजापति और कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अवधेश राज सिंह मय फोर्स जाकर कोठी पर तीन नोटिस चस्पा की। तीनों पर अलग-अलग तिथियां अंकित हैं। नीतू के नाम से जारी नोटिस में कहा गया है कि गाटा संख्या 337/370 के संपूर्ण रकबा 0.0060 हेक्टेयर से अतिक्रमण की गई जमीन सात दिन में स्वयं खाली कर लें। अन्यथा इस अतिक्रमण को नियमानुसार बलपूर्वक हटवा दिया जाएगा। यह आदेश न्यायालय तहसीलदार उतरौला न्यायिक ने 15 मई, 2025 को दिया था। इसी आदेश के अनुपालन में 17 व 26 मई और छह जून, 2025 की तिथि में जारी नोटिस को कोठी की दीवार पर एक ही दिन में चस्पा की गई। जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने बताया कि सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाए गए भवन को गिराने की कार्रवाई की जा रही है। जलालुद्दीन व उसके करीबियों की अन्य संपत्तियों की जांच जारी है। अवैध मतांतरण कराने का गरोह चलाने वाले आरोपित जलालुद्दीन के विरुद्ध कार्रवाई के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बहन-बेटियों की गरिमा और सुरक्षा के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपित जलालुद्दीन की गतिविधियां समाज विरोधी ही नहीं, बल्कि राष्ट्र विरोधी भी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार कानून-व्यवस्था को लेकर किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतेगी। आरोपित और उसके गिरोह से जुड़े सभी अपराधियों की संपत्तियां जब्त की जाएंगी और उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। राज्य में शांति, सौहार्द और महिलाओं की सुरक्षा को भंग करने वालों के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्हें कानून के अनुसार ऐसी सजा दी जाएगी, जो समाज के लिए एक उदाहरण बने।   

योगी सरकार पौधरोपण अभियान के लिए 52.43 करोड़ पौधे तैयार किए, नागरिकों की सहभागिता से इस पहल को को जनांदोलन बनाया जाए

 अयोध्या  उत्तर प्रदेश में 9 जुलाई को इतिहास रचने का दावा किया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 'एक पेड़ मां के नाम 2.0' अभियान के तहत पूरे प्रदेश में एक ही दिन में 37 करोड़ पौधों का रोपण किया जाएगा. यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर शुरू किया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या और आजमगढ़ में पौधरोपण कर इस महाअभियान का शुभारंभ करेंगे. इसी दिन प्रदेश के सभी मंत्री, जनप्रतिनिधि और अधिकारी अपने-अपने जिलों में पौधरोपण कर इस ऐतिहासिक प्रयास का हिस्सा बनेंगे. प्रदेश सरकार द्वारा इस अभियान के लिए 52.43 करोड़ पौधे तैयार किए गए हैं. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सभी विभागों और नागरिकों की सहभागिता से इस पहल को जनांदोलन बनाया जाए. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बाराबंकी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मेरठ और ब्रजेश पाठक लखनऊ में पौधरोपण करेंगे. वहीं, वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना अयोध्या और आजमगढ़ में सीएम के साथ मौजूद रहेंगे. सभी 18 मंडलों में चलेगा अभियान पौधरोपण महाभियान प्रदेश के सभी 18 मंडलों में एक साथ संचालित किया जाएगा. लखनऊ मंडल में सर्वाधिक पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए सभी मंडलों में विभागीय समन्वय, नोडल अधिकारियों की तैनाती और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की गई है. वन विभाग लगाएगा सबसे अधिक पौधे महाअभियान में वन, वन्यजीव एवं पर्यावरण विभाग प्रमुख भूमिका निभा रहा है. विभाग की ओर से 14 करोड़ से अधिक पौधों का रोपण किया जाएगा, जो इस अभियान का सबसे बड़ा हिस्सा होगा. इसके लिए विभाग ने नर्सरियों में पौधों की पर्याप्त व्यवस्था पहले ही कर ली है. थीम आधारित ‘हरियाली वन’ की स्थापना होगी पौधरोपण अभियान के दौरान थीम आधारित विशेष वन क्षेत्रों की भी स्थापना की जाएगी. इनमें शामिल हैं.अटल वन (पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में), शौर्य वन (सैनिकों की वीरता को समर्पित), एकता वन (राष्ट्रीय एकता के प्रतीक), त्रिवेणी वन (पवित्र नदियों के संगम की प्रेरणा से) इन स्थलों पर विशेष देखरेख और जनभागीदारी के साथ पौधरोपण किया जाएगा ताकि ये स्थान भविष्य में पर्यावरणीय पर्यटन और जनजागरूकता के केंद्र बन सकें. गरीबों को जोड़ेगी 'सहजन भंडारा योजना' अभियान में गरीब और पिछड़े वर्गों की भागीदारी बढ़ाने के लिए 'सहजन भंडारा योजना' चलाई जा रही है. इसके अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना और जीरो पॉवर्टी कार्यक्रम के लाभार्थियों द्वारा सहजन के दो-दो पौधे रोपे जाएंगे. इस कदम से पर्यावरणीय संवेदनशीलता के साथ सामाजिक समावेशिता को भी बल मिलेगा. नदियों के किनारे 3.5 करोड़ पौधों से हरियाली का घेरा अभियान के तहत प्रदेश की 13 प्रमुख नदियों, जिनमें गंगा, यमुना, सरयू, राप्ती, घाघरा आदि शामिल हैं, के किनारे 21313.52 हेक्टेयर भूमि पर 3.56 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे. इसका उद्देश्य न केवल हरियाली बढ़ाना है, बल्कि नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों का संरक्षण भी करना है. एक्सप्रेसवे और सड़कों पर भी होगा वृक्षारोपण प्रदेश के प्रमुख एक्सप्रेसवे और सड़क मार्गों के किनारे भी विशेष वृक्षारोपण किया जाएगा. इसके तहत 1.14 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे, जिससे न केवल सौंदर्य बढ़ेगा बल्कि वायु प्रदूषण भी नियंत्रित होगा. 2.50 लाख पौधे विशेष रूप से एक्सप्रेसवे के किनारे लगाए जाएंगे. तैयारियों को मिला अंतिम रूप मुख्यमंत्री के निर्देश पर नामित नोडल अधिकारियों में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अफसरों ने अपने-अपने जिलों में पहुंचकर तैयारियों का निरीक्षण किया और कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया. अभियान के तहत मुख्यमंत्री जनसंवाद करेंगे और पर्यावरणीय प्रयासों में सहभागी सात किसानों को कार्बन क्रेडिट के तहत चेक भी सौंपेंगे. यह पहल ना सिर्फ हरियाली बढ़ाएगी, बल्कि हर नागरिक को प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का अवसर भी देगी.

गुरु पूर्णिमा पर खास अंदाज़ में दिखेंगे सीएम योगी, निभाएंगे गुरु और शिष्य दोनों की भूमिका

गोरखपुर सनातन विचार दर्शन एवं संस्कृति में गुरु-शिष्य के रिश्ते को प्रतिष्ठित करने वाले पावन पर्व गुरु पूर्णिमा गोरक्षपीठ के लिए विशेष होती है। यह वह अवसर होता है, जब गोरक्षपीठाधीश्वर नाथपंथ के आदिगुरु महायोगी गोरखनाथ सहित पीठ के अपने पूर्ववर्ती गुरुजनों की पूजन-स्तुति करते हैं और तदुपरांत अपने शिष्यों और गोरक्षपीठ के श्रद्धालुओं को स्नेहाशीष से अभिसिंचित करते हैं। गोरक्षपीठ की इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए वर्तमान पीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरु पूर्णिमा (10 जुलाई, गुरुवार) पर शिष्य और गुरु दोनों भूमिकाओं में दिखेंगे। यूं तो गोरक्षपीठ, गोरखनाथ मंदिर में धर्म-अध्यात्म की मंगलध्वनि अहर्निश गुंजायमान रहती है, पर गुरु पूर्णिमा का पर्व यहां बेहद खास होता है। इस दिन के विशेष आयोजन में सहभागी बनने की गोरक्षपीठ के श्रद्धालुओं की उत्कंठा प्रबल होती है। नाथपंथ मुख्यतः गुरुगम्य मार्ग है। इस लिहाज से गोरक्षपीठ और गुरु पूर्णिमा का अटूट नाता है। गुरु-शिष्य परंपरा इस पीठ के मूल में है। गुरु परंपरा से ही नाथ परंपरा आगे बढ़ी है। यही वजह है कि गोरक्षपीठ, गुरु परंपरा के प्रतीक के तौर पर पूरी दुनिया में प्रतिष्ठित है। हर काल में इस परंपरा को कायम रख पीठ ने कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया है। शिवावतार भगवान गोरखनाथ ने योग को लोक कल्याण का माध्यम बनाया तो उनके अनुगामी नाथपंथ के मनीषियों ने लोक कल्याणकारी अभियान को गति दी। उल्लेखनीय है कि सनातन संस्कृति गुरु को गोविंद (भगवान) से भी ऊंचे स्थान पर प्रतिष्ठित करती है। गुरु का ध्येय समग्र रूप में लोक कल्याण होता है और इसकी दीक्षा भी वह अपने शिष्य को देता है। गुरु परंपरा के आईने में देखें तो नाथपंथ की विश्व प्रसिद्ध गोरक्षपीठ बेमिसाल है। पीढ़ी दर पीढ़ी गोरक्षपीठाधीश्वरों ने अपने गुरु से प्राप्त लोक कल्याण की परंपरा को विस्तारित किया है। वर्तमान पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ इसे निरंतर ऊंचाई प्रदान कर रहे हैं। गुरु परंपरा के लोक कल्याणकारी कार्यों के अनुगमन में गोरक्षपीठ की गत-सद्यः तीन पीढ़ियां तो कीर्तिमान रचती नजर आती हैं। गोरखनाथ मंदिर के वर्तमान स्वरूप के शिल्पी ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज ने लोक कल्याण के लिए शिक्षा को सबसे सशक्त माध्यम बनाते हुए 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की। उदात्तमना ब्रह्मलीन महंत जी ने गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए अपने दो महाविद्यालय भी दान में दे दिए थे। उनके समय में ही लोगों को हानिरहित व सहजता से उपलब्ध चिकित्सा सुविधा हेतु मंदिर परिसर में एक आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र की भी स्थापना हुई थी। अपने गुरु द्वारा शुरू किए गए इन प्रकल्पों को अपने समय में उनके शिष्य ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महाराज ने विस्तार दिया। शिक्षा, चिकित्सा, योग सहित सेवा के सभी प्रकल्पों को नया आयाम दिया। ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महाराज के शिष्य एवं वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक कल्याण के लिए अपने दादागुरु द्वारा रोपे और अपने गुरु द्वारा सींचे गए पौधे को वटवृक्ष सरीखा बना दिया है। किराए के एक कमरे में शुरू शिक्षा का प्रकल्प दर्जनों संस्थानों के साथ ही विश्वविद्यालय तक विस्तारित हो चुका है। इलाज के लिए गोरक्षपीठ की तरफ से संचालित गुरु श्री गोरक्षनाथ चिकित्सालय की ख्याति पूरे पूर्वांचल में है। गोरक्षपीठ से योग के प्रसार को लगातार गति मिली है। पीठ की गुरु परंपरा में लोक कल्याण के मिले मंत्र की सिद्धि योगी आदित्यनाथ की मुख्यमंत्री की भूमिका में भी नजर आती है। मुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद की तमाम व्यस्तताओं के बावजूद गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ हर गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु का आशीर्वाद लेने और शिष्यों को आशीर्वाद देने के लिए गोरखनाथ मंदिर जरूर पहुंचते हैं। इसी क्रम में इस बार भी गुरुवार को वह गुरु पूर्णिमा पूजा के लिए मंदिर में मौजूद रहेंगे।  

यूपी में खुशखबरी, योगी सरकार ने बांटा ₹10,000 का बोनस – जानें कौन हुआ लाभांवित

लखनऊ महाकुंभ 2025 में ड्यूटी करने वाले परिवहन निगम के ड्राइवरों व कंडक्टरों को 10-10 हजार रुपये का बोनस उनके बैंक खाते में भेजा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ समापन पर बोनस देने का एलान किया था। कुल 24 करोड़ 71 लाख की राशि प्रदेश सरकार ने परिवहन निगम के ड्राइवरों व कंडक्टरों को मिला है। इसमें 11786 ड्राइवर व 12285 कंडक्टर सहित कुल 24071 कर्मचारी शामिल हैं। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने मुख्यमंत्री का आभार व धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि इससे परिवहन निगम के ड्राइवरों व कंडक्टरों में उत्साहवर्धन होगा। महाकुंभ में आगरा क्षेत्र से 1385, गाजियाबाद से 1469, मेरठ से 1413, सहारनपुर से 994, अलीगढ़ से 1284, मुरादाबाद से 1358, बरेली से 1149, हरदोई से 1803, इटावा से 1235, कानपुर से 1387, झांसी से 574, लखनऊ से 2162, अयोध्या से 725, प्रयागराज से 1522, आजमगढ़ से 1163, गोरखपुर से 1424, वाराणसी से 1116, चित्रकूट से 927 व देवीपाटन मंडल से 981 की ड्यूटी लगाई गई थी।  

यूपी में ‘मैं हिंदू हूं’ पोस्टर से नया बवाल, कांवड़ यात्रा से पहले बढ़ा नेम प्लेट विवाद

लखनऊ यूपी में कांवड़ मार्ग पर नेम प्लेट और पहचान अभियान के बाद नया विवाद शुरू हो गया है। पहले सभी दुकानदारों को नेम प्लेट लगाने का आदेश हुआ। इसके बाद हिंदूवादी संगठनों ने दुकानो पर छापेमारी करते हुए पहचान अभियान चलाया गया। दोनों पर रोक लगी तो अब मैं हिंदू हूं के पोस्टर लगाए जा रहे हैं। यह पोस्टर हिंदू महासभा के लोगों ने बरेली-बदायूं मार्ग पर स्थित ढाबों, होटलों और खाने-पीने की चीजें बेचने वाले ठेलों पर लगाया है। महासभा का दावा है कि इससे कोई धर्म छिपाकर दुकानें नहीं चला पाएगा। हम लोग हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे। अब किसी कांवड़िए का व्रत खंडित नहीं होगा। हिंदू महासभा की इस कार्यवाही को मुस्लिम दुकानदारों ने गलत बताया है। इसे समाज को बांटने वाला और भेदभाव वाली राजनीति कहा है। इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की साजिश कहा है। दुकानों पर पोस्टर लगाने निकले हिंदू महासभा के मंडल उपाध्यक्ष पंकज पाठक का कहना है कि दुकानदारों ने अपनी मर्जी से अपने ठेलों और दुकानों के आगे पोस्टर लगवाए हैं। यूपी की योगी सरकार पिछले साल कांवड़ यात्रा मार्ग में आने वाली सभी दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के निर्देश दिए थे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। इसके बाद इस साल यशवीर महाराज के कार्यकर्ताओं ने दुकानों पर पहचान अभियान चलाया। हिंदू नाम से दुकान चलाने वाले कई दुकानदारों की पहचान की। एक दुकानदार का पैंट उतरवाकर चेकिंग का प्रयास भी किया गया। इसे लेकर काफी हंगामा भी मचा। अब मैं हिंदू हूं वाले पोस्टर से हंगामा मचने की आशंका है। सावन की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है। इस दौरान बरेली समेत पश्चिमी यूपी में लाखों कांवड़िए भगवान शिव को जल अर्पित करने शिवालयों तक जाएंगे। इसे देखते हुए हिंदू महासभा ने यह अभियान शुरू किया है। महासभा का कहना है कि हमने कावड़ियों की आस्था की रक्षा और कावड़ खंडित न होने का संकल्प लिया है। सावन में बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, पीलीभीत, रामपुर सहित आसपास के जिलों से लाखों कांवड़िए जलाभिषेक के लिए आते हैं। हिंदू महासभा के लोग कांवड़ मार्ग पर दुकानदारों का आधार कार्ड से पहचान कर रहे हैं। इसके बाद दुकान पर मैं हिंदू हूं का पोस्टर चस्पा कर रहे हैं। पंकज पाठक ने कहा कि कांवड़िए दूर-दराज से नंगे पैर कावड़ लेकर आते हैं। ऐसी स्थिति में कोई कट्टरपंथी अगर होटल या ढाबे पर हिंदू नाम लगाकर धोखा दे सकता है। उनके खाने में कुछ अशुद्ध परोस सकता है, जिससे कावड़ यात्रा खंडित हो सकती है। इसी को रोकने के लिए यह सब किया जा रहा है।  

ब्लैकबोर्ड की जगह हाईटेक क्लासरूम, यूपी की शिक्षा व्यवस्था में आई बड़ी क्रांति

लखनऊ अब परिषदीय विद्यालयों की कक्षाओं में ब्लैकबोर्ड नहीं दिखेंगे। उनकी जगह हर कमरे में गुणवत्ता वाले ग्रीन और व्हाइट बोर्ड लगाए जाएंगे। यह बदलाव सिर्फ पढ़ाई के माध्यम को रंगीन और साफ नहीं बनाएगा, बल्कि सरकारी स्कूलों की पुरानी तस्वीर भी बदलेगा। प्रदेश के सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में इस बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। हालांकि कुछ विद्यालयों में ब्लैकबोर्ड को पहले ही हटाया जा चुका है। अब इसे हर विद्यालय में बदला जाएगा। दरअसल, वर्ष 2025-26 के लिए प्रदेश के सभी परिषदीय स्कूलों को ‘कंपोजिट स्कूल ग्रांट’ के तहत 246 करोड़ 51 लाख 75 हजार रुपये की पहली किस्त जारी कर दी गई है। यह पूरी राशि सभी जिलों के लिए जारी हुई है। बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इससे स्कूलों में जरूरी बुनियादी सुधार कराना है। स्कूलों को मिलने वाली इस ग्रांट का हिसाब अब सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रहेगा। हर विद्यालय की दीवार पर वर्षवार और मदवार तरीके से पेंट कर यह बताया जाएगा कि कितना पैसा आया और कहां खर्च हुआ। यानी गांव के लोगों को भी यह आसानी से पता चलेगा कि स्कूल में क्या-क्या काम हुआ है। शिक्षक इसे पारदर्शिता और जनजागरूकता की दिशा में अहम कदम मान रहे हैं। ग्रांट का कम से कम 10 प्रतिशत हिस्सा स्कूलों की साफ-सफाई पर खर्च करना होगा। शिक्षकों को मिले टैबलेट के लिए सिम और इंटरनेट खर्च अब ग्रांट से ही जिला स्तर पर चुकाया जाएगा। जिन स्कूलों में 250 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं, वहां आरओ वाटर कूलर के लिए 75 हजार से 1 लाख रुपये तक की राशि अलग से दी जाएगी। हर स्कूल में मेडिकल किट रखना भी अनिवार्य होगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने मंगलवार को सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस रकम के सही उपयोग के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूलों की दीवारों पर खर्च का ब्यौरा पेंट कराना अनिवार्य है ताकि पारदर्शिता बनी रहे और समुदाय की भागीदारी बढ़े। कुछ शिक्षकों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि जब स्कूल के बाहर ही पेंटिंग के जरिये पता चल जाएगा कि कितना पैसा आया और कैसे खर्च हुआ, तो गांव के लोगों में स्कूल के प्रति भरोसा भी बढ़ेगा और जागरूकता भी।