कोरबा में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत खराब, मरीज को तिरपाल से ढक, खाट पर लिटा 7 किमी पैदल चले परिजन

कोरबा कोरबा जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत खराब है। मरीजों को न तो समय पर एंबुलेंस मिल रही है और न ही उपचार की सुविधा। कई स्थानों पर परिजनों के फोन करने के बाद भी ग्राम तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है। पाली विकासखंड के ब्लॉक मुख्यालय से लगभग 37 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत बारीउमराव के गांव जलहल में मरीज को खाट पर लिटाकर परिजनों को सात किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। जानकारी के मुताबिक, गांव जलहल में रहने वाली करसीला एक्का (37) पति रामधन एक्का मौसमी बीमारी की चपेट में आ गई। शरीर बुखार से तप रहा था। उसकी बिगड़ती तबीयत को देखते हुए रामधन एक्का ने एंबुलेंस को कॉल किया। लेकिन एबुंलेंस नहीं पहुंची। इस बीच झमाझम बारिश हो रही थी। परिजन आनन-फानन में बरसते बादल के बीच मरीज को खाट के सहारे ग्राम लीमगांव ले आए। इस दौरान बारिश से मरीज को बचाने के लिए खाट को तिरपाल से ढका और मरीज को छाता भी ओढ़ाया। मरीज को लेकर सड़क विहीन ग्राम से लीमगांव मुख्य मार्ग तक लगभग सात किलोमीटर पैदल चले। लीमगांव मुख्य मार्ग से निजी वाहन की मदद से पाली मुख्यालय के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अब महिला की तबीयत सामान्य बताई जा रही है, लेकिन इस दौरान परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि पाली विकासखंड के ग्राम जलजल से लीमगांव तक सड़क की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। गांव से मुख्य मार्ग की दूरी लगभग सात किलोमीटर है, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा सड़क निर्माण को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। इसकी वजह से काफी असुविधा हो रही है। इसकी शिकायत ब्लॉक मुख्यालय से लेकर जिला प्रशासन से कई बार की जा चुकी है।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मुख्यमंत्री का आभार जताया

एमसीबी/चिरमिरी मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने सुरजपुर जिले में हुए दोहरे हत्याकांड में पीड़ित प्रधान आरक्षक मोहम्मद तालिब के परिवार को आर्थिक सहायता स्वरूप 20 लाख रुपये राशि की स्वीकृति प्रदान की है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया है। जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा मानवीय संवेदनाओं को समझते हुए यह त्वरित सहायता दिया जाना न केवल पीड़ित परिवार के लिए राहतदायक है, बल्कि यह प्रशासन की संवेदनशीलता का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हमेशा अपने नागरिकों के साथ खड़ी है।   स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने मुख्यमंत्री की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे पीड़ित परिवार को नई आशा मिलेगी और समाज में न्याय व संवेदना की भावना और मजबूत होगी।

23 माओवादियों ने किया सरेंडर, इन पर था 1 करोड़ 18 लाख का इनाम

सुकमा  प्रदेश के माओवाद प्रभावित क्षेत्र में सरकार और प्रशासन की ओर से लगातार माओवाद को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके तहत माओवादियों का आत्मसर्पण करवाया जा रहा है। शनिवार को भी पीएलजीए बटालियन में सक्रिय 8 हार्डकोर समेत 23 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। जानकारी के अनुसार, माओवादी संगठन पीएलजीए बटालियन के 23 माओवादियों ने शनिवार को सरेंडर कर दिया है। इन सभी को मिलाकर इनके सिर पर 1 करोड़ 18 लाख का इनाम घोषित किया गया था। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में 8 महिला माओवादी भी शामिल है। बता दें कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी इलाके में होने वाली दर्जनों बड़ी माओवादी गतिविधियों में शामिल थे। सभी माओवादियों ने सरकार की नियद नेल्ला नार और शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर सरेंडरनियद नेल्ला नार और शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर सरेंडर नियद नेल्ला नार और शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर सरेंडर किया है। पुनर्वास नीति के तहत समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा माओवादियों ने एसपी अधीक्षक किरण चव्हाण और सीआरपीएफ डीआरजी आनंद सिंह समेत अधिकारियों के समक्ष सरेंडर किया है। अब इन माओवादियों को सरकार की पुनर्वास नीति के अनुसार समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। 37.50 लाख के इनामी 22 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण नारायणपुर जिले के अत्यंत संवेदनशील माड़ अंचल में चल रहे ‘माड़ बचाव’ अभियान से प्रेरित होकर शुक्रवार को 22 सक्रिय माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने की शपथ ली। आत्मसमर्पितों में 14 पुरुष व 8 महिलाएं शामिल हैं। इन पर 37 लाख 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण में शामिल ये माओवादी माड़ डिवीजन के कुतुल, नेलनार और इंद्रावती एरिया कमेटी में सक्रिय इन माओवादियों ने पुलिस अधीक्षक रोबिनसन गुड़िया के समक्ष आत्मसमर्पण किया। मुख्य आत्मसमर्पितों में 8 लाख का इनामी डीविजनल कमेटी सदस्य (डीवीसीएम) मनकू कुंजाम, पांच-पांच लाख के इनामी हिड़मे कुंजाम, पुन्ना लाल ओयाम और सनीराम कोर्राम शामिल हैं। आत्मसर्पित माओवादियों ने बताया कि माओवादी संगठन की अमानवीय, शोषणकारी विचारधारा, बाहरी नेतृत्व की ओर से भेदभाव और स्थानीय आदिवासियों पर हिंसा के चलते मोहभंग हुआ है। क्षेत्र में तेजी से हो रहे विकास कार्य, स्वास्थ्य, शिक्षा व पुनर्वास योजनाओं ने उन्हें मुख्यधारा की ओर लौटने के लिए प्रेरित किया।

रमोतिन ने स्वयं ट्रैक्टर चलाना सीखा और बनी सक्षम किसान

रायपुर : लखपति दीदी को किया गया सम्मानित, ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना ग्रामीण आजीविका मिशन की सफलता की मिसाल बनीं लखपति दीदी, रायपुर में हुआ सम्मानित रमोतिन ने स्वयं ट्रैक्टर चलाना सीखा और बनी सक्षम किसान रायपुर  मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने आज कार्यालय जिला पंचायत में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना अंतर्गत छुरिया विकासखंड के ग्राम सागर की लखपति दीदी श्रीमती रमोतिन ठाकुर को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। लखपति दीदी श्रीमती रमोतिन ठाकुर 11 जुलाई 2025 को रायपुर में आयोजित लखपति दीदी संवाद कार्यक्रम में शामिल होकर मेरी कहानी मेरी जुबानी के तहत अपनी सफलता की कहानी प्रस्तुतीकरण करेंगी। उल्लेखनीय है कि लखपति दीदी श्रीमती रमोतिन ठाकुर छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान अंतर्गत वीणा स्वसहायता समूह की सदस्य है। महिलाएं भी खेती-किसानी का कार्य कर सकती है, इसकी एक मिसाल है। एक गृहणी से एक सक्षम किसान बनने की उनकी कहानी रोचक है। उन्होंने बैंक से ऋण लेकर ट्रैक्टर खरीदने का निर्णय लिया। वाहन चालक को प्रतिमाह अधिक वेतन देना पड़ता था, इसलिए उन्होंने स्वयं ट्रैक्टर चलाना सीखा। उन्होंने अपनी 3 एकड़ बंजर भूमि को कृषि योग्य भूमि बनाया। जिससे उनकी आय दोगुनी हो गई। उनकी वार्षिक आय 1 लाख रूपए से अधिक है तथा वे एनआरएलएम की विभिन्न गतिविधियों से जुड़ी हुई है।

परिवहन विभाग और तेल कंपनियों की संयुक्त बैठक में बनी कार्ययोजना

रायपुर : पेट्रोल पंपों में स्थापित होंगे प्रदूषण जांच केन्द्र रायपुर के पेट्रोल पंपों पर शुरू होगी प्रदूषण जांच सेवा, जल्द स्थापित होंगे केंद्र परिवहन विभाग और तेल कंपनियों की संयुक्त बैठक में बनी कार्ययोजना रायपुर राज्य में वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण को प्रभावी बनाने की दिशा में परिवहन विभाग ने एक अहम पहल की है। आगामी दिनों में 56 पेट्रोल पंपों में प्रदूषण जांच केन्द्र की स्थापना की जाएगी। परिवहन विभाग के सचिव एवं परिवहन आयुक्त एस. प्रकाश (भाप्रसे) तथा अपर परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर (भापुसे) की उपस्थिति में पेट्रोलियम कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित कर पेट्रोल पंपों में प्रदूषण जांच केन्द्र स्थापित करने की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में एचपीसीएल ने बताया कि रायपुर स्थित सेंट्रल जेल के पास उनके पेट्रोल पंप में पीयूसी सेंटर की शुरुआत हो चुकी है और आगामी दिनों में 50 आउटलेट्स में सेंटर स्थापित करने का लक्ष्य है। वहीं जियो पेट्रोलियम ने धमतरी और रायपुर के पंपों में केंद्र प्रारंभ कर दिए हैं तथा इस तिमाही में 6 नए केंद्र खोलने की योजना है। इंडियन ऑयल कंपनी ने जानकारी दी कि रायपुर-बिलासपुर मार्ग स्थित जय-जवान पेट्रोल पंप में पीयूसी सेंटर शुरू किया गया है। परिवहन आयुक्त ने निर्देश दिए कि पीयूसी सेंटरों की उपलब्धता की जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक वाहन मालिक प्रदूषण जांच करवा सकें और पर्यावरण संरक्षण में सहयोग दें। बैठक में उप परिवहन आयुक्त मनोज कुमार धु्रव, एआरटीओ सुयुगेश्वरी वर्मा तथा तेल कंपनियों के प्रतिनिधि इंडियन ऑयल से विशाल राणा, एचपीसीएल से राकेश जोशी एवं नितिन श्रीवास्तव, और जियो पेट्रोलियम से शिखर श्रीवास्तव उपस्थित थे।

बरसात में बिखरी बस्तर की सुंदरता, पर्यटकों को मान सम्मोहित कर रहे चित्रकोट जलप्रपात और तीरथगढ़ जलप्रपात

जगदलपुर मानसून की फुहारों के साथ ही बस्तर की धरती ने हरियाली की चादर ओढ़ ली है। प्रकृति ने जैसे अपना श्रृंगार कर लिया हो। हर ओर हरियाली, शीतल बयार और गगनभेदी जलप्रपातों की गूंज इस अंचल को एक जीवंत चित्रपटल में बदल देती है। इन्हीं में से दो प्रमुख आकर्षण हैं चित्रकोट जलप्रपात और तीरथगढ़ जलप्रपात, जो इस समय पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। जगदलपुर से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित चित्रकोट जलप्रपात, जिसे भारत का “मिनी नियाग्रा” कहा जाता है और कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के भीतर स्थित तीरथगढ़ जलप्रपात, जिसे “बस्तर की जान” कहा जाता है, दोनों ही बरसात के मौसम में अपनी अद्भुत छटा बिखेरते हैं। बारिश के दौरान इन झरनों का जलस्तर बढ़ जाता है और गिरती हुई धाराओं की गूंज, चारों ओर फैली हरियाली और प्रकृति का सुरम्य वातावरण पर्यटकों को मान सम्मोहित कर लेता है। देश-विदेश से आने वाले सैलानी इन प्राकृतिक चमत्कारों का दीदार करने बस्तर पहुंचते हैं। ये नज़ारे इतने मोहक होते हैं कि कोई भी उन्हें देखकर मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह सकता।

IFS अधिकारी अरुण प्रसाद के इस्तीफे को केंद्र सरकार की लगी मोहर

रायपुर  केंद्र सरकार ने 2006 बैच के IFS अधिकारी अरुण प्रसाद के इस्तीफे को मंजूरी दे दी है. भारत सरकार की स्वीकृति के बाद उनका इस्तीफा स्वीकार हो गया है. बता दें कि आईएफएस अरुण दंतेवाड़ा और राजनांदगांव के डीएफओ रह चुके हैं. वर्तमान में वे राज्य पर्यावरण संरक्षण मंडल के सदस्य सचिव के पद पर पदस्थ थे. चर्चा है कि अरुण प्रसाद अब निजी क्षेत्र की ओर रुख कर सकते हैं. वे किसी बड़ी निजी कंपनी से जुड़ने जा रहे हैं, जहां उन्हें प्रशासनिक और रणनीतिक सलाहकार की भूमिका मिल सकती है. रमन सरकार की तीसरी पारी में अरुण प्रसाद काफी प्रभावशाली रहे. वहीं कांग्रेस सरकार में वे सीएसआईडीसी के एमडी रहने के साथ ही पौल्यूशन बोर्ड के मेम्बर सिकरेट्री रहे. विष्णुदेव सरकार में भी वे वही हैसियत रखते थे. अरुण प्रसाद लगातार तीसरी सरकार में पौल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मेम्बर सिकरेट्री हैं. तमिलनाडु के रहने वाले हैं अरुण प्रसाद अरुण प्रसाद मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले हैं और वे 2006 बैच के IFS अधिकारी हैं. वे वर्तमान में मुख्य वन संरक्षक (C.C.F.) के स्तर के अधिकारी हैं. उनकी कार्यशैली को प्रभावशाली और अनुशासित माना जाता रहा है. उन्होंने दंतेवाड़ा और राजनांदगांव जिलों में डीएफओ के रूप में सेवा दी है और जंगलों के संरक्षण में अहम भूमिका निभाई है. CSIDC और मंडी बोर्ड में भी निभा चुके हैं बड़ी जिम्मेदारी IFS अरुण प्रसाद ने छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध निदेशक (MD) के रूप में लंबी सेवा दी. इसके अलावा वे मंडी बोर्ड के एमडी भी रहे. दोनों जिम्मेदारियों में उनके कार्यकाल को प्रभावशाली और नीति-निर्माण में सक्रिय माना गया.

सीएम साय की अध्यक्षता में कैबिनेट, हुआ 12 अहम फैसले

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए – 1-    मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य पुलिस सेवा संवर्ग के उचित प्रबंधन हेतु अर्हकारी सेवा अवधि पूर्ण कर चुके वर्ष 2005, 2006, 2007, 2008 तथा 2009 बैच के अधिकारियों को वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान प्रदान किये जाने हेतु 30 सांख्येतर पद निर्मित कर वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान प्रदान करने का निर्णय लिया गया। 2-    मंत्रिपरिषद द्वारा जनजातीय समूहों एवं अन्य वंचित वर्गों के गरीब युवा, महिलाओं एवं तृतीय लिंग के लोगों के संस्थागत विकास के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए छत्तीसगढ़ शासन एवं पैन आईआईटी एलुमनी रीच फॉर इंडिया फाउंडेशन (PanIIT) के मध्य एक गैर-लाभकारी संयुक्त उद्यम कंपनी के गठन को मंजूरी प्रदान की गई। इस ज्वाइंट वेंचर कंपनी के माध्यम से अनुसूचित जनजाति एवं अन्य वंचित समुदायों के गरीब युवाओं, महिलाओं एवं तृतीय लिंग के लोगों को संस्थागत व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं ग्रामीण उद्यमिता के माध्यम से सशक्त एवं विकसित किया जाएगा। छत्तीसगढ़ शासन एवं पैन आईआईटी का ज्वाइंट वेंचर वंचित समुदायों के विकास के लिए आदिवासी उपयोजना, अनुसूचित जाति उपयोजना आदि के अप्रयुक्त फंड का अभिसरण कर आजीविका एवं सामाजिक आर्थिक बदलाव के लिए कार्य करेगा। कौशल विकास कार्यक्रमों के प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण का कार्य पैन आईआईटी द्वारा किया जाएगा। प्रशिक्षित युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कौशल के साथ फॉरेन लैग्वेज सिखाने का कार्य किया जाएगा। पैन आईआईटी द्वारा प्रशिक्षण देने के लिए जिला प्रशासन एवं विभागों द्वारा आवश्यक शासकीय भवनों का पहचान किया जाएगा एवं उसे ज्वाइंट वेेन्चर कंपनी को हस्तांतरित किया जाएगा। पैनआईआईटी, आईआईटी के पूर्व छात्रों द्वारा बनाई गई सोसायटी है जो राज्य सरकारों के साथ गैर लाभकारी संयुक्त उपक्रम बनाकर, राष्ट्रनिर्माण मिशन, व्यवसायिक, आजीविका शिक्षा व्यवस्था एवं ग्रामीण उद्यमिता के माध्यम से वंचित समुदायों के आय में सुधार लाने का कार्य करती है। 3-    मंत्रिपरिषद द्वारा पुराने वाहनों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम तथा वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान अधिनियम-1991 में संशोधन विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। 4-    मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ मोटरयान नियम-1994 के नियम, 55 में संशोधन का अनुमोदन किया गया। जिसके तहत वाहन स्वामी अपने पुराने वाहन के फैंसी या च्वाइस नंबर को नए या किसी अन्य राज्य से लाए गए उसी श्रेणी के वाहन में उपयोग कर सकेंगे, इसके लिए आवश्यक शुल्क का भुगतान करना होगा। यदि पुराना नंबर सामान्य नंबर था तो छत्तीसगढ़ मोटरयान नियम 1994 के नियम 55(2)(ग) के अनुसार आवश्यक शुल्क भरने के बाद इसका उपयोग संभव होगा। यह सुविधा केवल नए वाहन के पंजीयन या अन्य राज्य से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर आए वाहनों पर लागू होगी, पहले से राज्य में पंजीकृत वाहनों पर नहीं। शासकीय वाहनों के लिए भी यह सुविधा मिलेगी, इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा। 5-    छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। 6-    मंत्रिपरिषद ने राज्य के युवाओं को स्टार्टअप और नवाचार के जरिए सशक्त बनाने के लिए छात्र स्टार्ट-अप और नवाचार नीति लागू करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस नीति का उद्देश्य छात्र-केंद्रित नवाचार और इन्क्यूबेशन सिस्टम बनाना, साथ ही बौद्धिक संपदा जागरूकता बढ़ाना है। जनजातीय क्षेत्रों में नवाचार केंद्र स्थापित करना और कृषि, हरित ऊर्जा, स्वास्थ्य व विनिर्माण जैसे क्षेत्रों पर खास ध्यान देना भी इस नीति के प्रमुख उद्देश्य हैं। इस नीति का लक्ष्य है राज्य के 100 तकनीकी संस्थानों के 50 हजार छात्रों तक पहुंच बनाना, 500 प्रोटोटाइप्स का समर्थन करना, 500 बौद्धिक संपदा अधिकार फाइल करना और 150 स्टार्टअप्स को इन्क्यूबेट करना। इससे युवाओं को नई सोच और तकनीक विकसित करने में मदद मिलेगी। 7-    छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारूप पर अनुमोदन किया गया। 8-    मंत्रिपरिषद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर छत्तीसगढ़ राजधानी क्षेत्र (State Capital Region) के विकास के लिए संबंधित प्राधिकरण की स्थापना हेतु विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। रायपुर, दुर्ग-भिलाई और नया रायपुर अटल नगर में तेजी से बढ़ती आबादी और शहरीकरण को देखते हुए इस क्षेत्र के सुव्यवस्थित और योजनाबद्ध विकास के लिए यह प्राधिकरण कार्य करेगा। यह प्राधिकरण राजधानी क्षेत्र के लिए योजना बनाना, निवेश को बढ़ावा देना, विभिन्न सरकारी और निजी संगठनों के बीच समन्वय तथा शहर के विस्तार को सही ढंग से नियंत्रित करने का काम करेगा। 2031 तक इस क्षेत्र में लगभग 50 लाख लोग रहने की संभावना है, इसलिए भूमि का प्रभावी उपयोग और पर्यावरण की रक्षा करते हुए शहरी विकास सुनिश्चित करना जरूरी है। इस तरह राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों को बेहतर, सतत और सुव्यवस्थित बनाने में मदद करेगा। 9-    छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इससे अंतर्राज्यीय लेनदेन में इनपुट सेवा वितरक के नियम और अधिक प्रभावी तथा केंद्र सरकार के वित्त अधिनियम, 2025 के संशोधनों के अनुरूप यह होगा। 10-    मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य के छोटे और मध्यम व्यापारियों को प्रोत्साहित करने तथा न्यायालयों में लंबित कर संबंधी मामलों को शीघ्र निपटाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए छत्तीसगढ़ बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति के निपटान (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया है। 11-    मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक 2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इससे नक्शा बंटवारे और अभिलेखों के अद्यतनीकरण में सहूलियत होगी अवैध प्लाटिंग पर रोक लगेगी, जियो-रेफरेंस मैप से भविष्य में कानूनी विवाद कम होंगे। नामांतरण की प्रक्रिया आसान होगी। भूमि धारक की मृत्यु पर संयुक्त खाताधारकों और वारिसों को नामांतरण में सहूलियत होगी। भवन या भूखंड का हस्तांतरण भूमि के अनुपात में हो सकेगा। औद्योगिक नीति, आवास योजना और नगरीय विकास की प्रक्रियाएं सरल होंगी। 12-    मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय अधिनियम, 2004 में संशोधन विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

कृषि विज्ञान केन्द्र में मासिक कार्यशाला आयोजित

 बिलासपुर, कृषि विज्ञान केन्द्र, बिलासपुर में आज बिलासपुर जिले के मैदानी स्तर के वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारियों व ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के साथ केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. अरूण कुमार त्रिपाठी के मार्गदर्शन में मासिक कार्यशाला सम्पन्न हुई। इस अवसर पर कृषि विभाग के उप संचालक पी.डी. हथेस्वर, उप संचालक उद्यानिकी, बिलासपुर कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. शिल्पा कौशिक, श्रीमती हेमकांति बंजारे, डॉ. अमित शुक्ला, डॉ. एकता ताम्रकार, इंजी. पंकज मिंज, डॉ. निवेदिता पाठक, उक, डॉ. स्वाति शर्मा उपस्थित थे।        उप संचालक कृषि श्री हथेस्वर ने उपस्थित अधिकारियों से वर्तमान समय में ज्यादा बारिश के कारण उत्पन्न जल भराव की स्थिति की सतत् निरीक्षण कर धान एवं अन्य दलहन तिलहन फसलों पर होने वाले दुष्प्रभावों से बचाव के लिए किसानों को सलाह देने का निर्देश दिया। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष अब तक विगत वर्ष की तुलना में बिलासपुर जिले में 28 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हुई है, जिससे दलहन एवं तिलहनी फसलों की बोनी का कार्य पिछड़ गया है, विगत 10 दिन से लगातार वर्षा होने के कारण धान के खेतों में भी ज्यादा जलभराव होने के कारण रोपा बहने तथा सब्जी वर्गीय फसलों के सड़ने तथा अनेक रोगों का प्रकोप होने की आशंका है। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. त्रिपाठी ने उपस्थित अधिकारियों से आग्रह किया कि धान की सीधी बोनी (उन्नत खुर्रा बोनी) करने वाले किसान वर्षा कम होने तथा उपयुक्त दशा में खरपतवार तथा पोषक तत्वों का प्रबंधन करें। डी.ए.पी. उर्वरक उपलब्ध न हो पाने की स्थिति में सिंगल सुपर फास्फेट या एन.पी. के. 12:32:16 उर्वरकों का प्रयोग करें। मस्तूरी विकासखंड में कुल 51 हजार हेक्टेयर धान के क्षेत्रफल में से 37 हजार हे. में उन्नत खुर्रा बोनी (DSR) तकनीक से धान की बोनी की गई है, जिसमें जमीन में वर्षा जल का अन्तःस्पंदन  ज्यादा होगा, मृदा संरचना में सुधार होगा तथा भू-जल स्तर में भी बढ़ोतरी होगी। जिले के कृषि विकास अधिकारियों द्वारा कपास, अरहर एवं धान की खेती में किसानों को आने वाली समस्याओं की जानकारी दी गई। वैज्ञानिक डॉ. अमित शुक्ला ने सब्जी वर्गीय फसलों की खेती में समुचित जल निकास सुनिश्चित करने की सलाह दी तथा खेतों में उंची मेढ़ बनाकर उसमें मिर्च, टमाटर, बैगन फसलों के रोपण की सलाह दी। श्रीमती हेमकांति बंजारे ने धान में खरपतवार नियंत्रण के बारे में जानकारी दी। जैसे पोस्ट इमरजेन्स (बुआई के बाद) फिनाक्सीप्रॉप इथाइल (250 मिली) (मेटसल्फ्यूरान मिथालक्लोडिनोफॉप इथाइल) 8 मिली/एकड़ छिड़काव करने से सकरी व चैड़ी पत्तियों वाले खरपतवारों को नियंत्रित किया जा सकता है। कुछ क्षेत्रों जहां पर मोथा खरपतवार ज्यादा पाया जाता है वहां पर पिनॉक्सीसुलम साइहेलोब्यूटाइल के मिश्रण को 1 ली./ एकड़ के दर से छिड़काव करें। कृषकों को खरपतवार नाशकों के उपयोग के लिए नफ्लेटफेन नोजल का प्रयोग करने की सलाह दी गई। डॉ. स्वाति शर्मा द्वारा धान नर्सरी में लगने वाले तना छेदक के नियंत्रण हेतु क्लोरट्रीनीलीपॉल (0.5 ml) या कार्टाफ हाईड्रोक्लोराइड 4G की 1 किग्रा प्रति 100 वर्गमी की दर से भुरकाव करें। सब्जियों में लगने वाले चुसक कीटों के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोरपीड 200 SL 0.5 मिली/लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। डॉ. निवेदिता पाठक द्वारा पोषण वाटिका में बेल वाली अन्य सब्जियों के बीज उपचारित करके लगाने की सलाह के साथ कद्दूवर्गीय सब्जियों के सहारा के लिए खूटा की व्यवस्था करने की सलाह दी। इंजी. पंकज मिंज द्वारा द्वारा खेती में मशीनीकरण हेतु छोटे-छोटे उपकरण जैसे खरपतवार नियंत्रण के लिए पावर वीडर, सब्जी बीज लगाने के लिए हस्त चलित डिबलर उपयोग करने की सलाह दी। अंत में डॉ. निवेदिता पाठक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यशाला को समाप्त किया गया।

आम आदमी पार्टी का ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने किया प्रदर्शन

एमसीबी/मनेंद्रगढ़ आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष रमाशंकर मिश्रा ने बताया कि, युक्तियुक्तकरण के खिलाफ आम आदमी पार्टी द्वारा आज 11 जुलाई 2025 को मनेंद्रगढ़-चिरमिरि-भरतपुर जिले के भरतपुर ब्लॉक में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार शिक्षा नीति के मोर्चे पर विफल रही है। युक्तियुक्तकरण के नाम पर हज़ारों स्कूलों को बंद कर देने के बाद कई स्कूल शिक्षक विहीन हो गए हैं। 63 हजार शिक्षकों के पदों को भरने में नाकाम रही है सरकार,नाकामी छुपाने 10 हजार स्कूल बंद कर दिया गया ताकि छत्तीसगढ़ के युवाओं को नौकरी नहीं देना पड़े इसलिए युक्तियुक्तकरण किया गया है। युवाओं और छात्रों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आम आदमी पार्टी विरोध जताती है। रमाशंकर मिश्रा ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने युक्तियुक्तकरण के तहत स्कूलों को आपस में मिलाया गया, शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया और कई छोटे स्कूलों को बंद किया गया। लेकिन वास्तविकता में इसके नतीजे कई जगहों पर नकारात्मक साबित हुए।    युक्तियुक्तकरण के तहत जब दो स्कूलों को मिलाया गया, तो कई छात्रों को अब 3-5 किमी दूर स्कूल जाना पड़ रहा है। इससे खासकर बालिकाओं की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ा है। जहाँ एक ओर शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया, वहीं कई स्कूल ऐसे रह गए जहाँ विषय विशेषज्ञ शिक्षक ही नहीं हैं।      रमाशंकर मिश्रा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा की बदहाल व्यवस्था देख लीजिये की बच्चों को पढ़ाई लिखाई छोड़कर प्रदर्शन करना पड़ रहा है? बस्तर, सरगुजा, कांकेर जैसे आदिवासी बहुल इलाकों में छात्र संख्या में गिरावट और स्कूल से ड्रॉपआउट दर में इज़ाफ़ा देखा गया है।दंतेवाड़ा में एक स्कूल को 7 किमी दूर स्थानांतरित किया गया, जिससे बच्चे आना बंद कर दिए हैं! गांव के एक स्कूल में तो शिक्षक ना होने के कारण बच्चों ने खुद स्कूल में ताला लगा दिया। आम आदमी पार्टी राज्य सरकार से मांग करती है कि, इस युक्तियुक्तकरण को सरकार तुरंत रद्द करे और यदि निर्धारित समय सीमा में शिक्षा में सुधार नहीं होता है तो पूरे छत्तीसगढ़ में प्रभावित जनता के साथ मिलकर इससे भी बड़ा आंदोलन किया जायेगा।    इस दौरान कोरबा लोकसभा उपाध्यक्ष, कृषि स्थायी समिति सभापति व जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सुखमंती सिंह, मनमोहन सांधे, रज्जू सिंह, गुलाबिया सिंह, अन्नू ध्रुव, लीलावती सिंह, राजीव गुप्ता, राजेन्द्र सिंह, हरिशंकर सिंह, रामनारायण बैगा, बैजनाथ यादव, अजय कुशवाहा, रामप्रवेश साहू सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।