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जनऔषधियों की कीमतों में कटौती पर मुख्यमंत्री साय ने जताया आभार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनहितैषी निर्णय से लाखों लोगों को मिलेगा राहत – मुख्यमंत्री साय रायपुर,  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्र सरकार द्वारा 37 आवश्यक औषधियों के मूल्य में 10 से 15 प्रतिशत तक की कमी किए जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि स्वस्थ भारत ही विकसित भारत की आधारशिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का यह निर्णय उनके दूरदर्शी और जनकल्याणकारी नेतृत्व की सशक्त अभिव्यक्ति है। यह निर्णय हृदय रोग, मधुमेह, संक्रमण, बुखार और दर्द जैसी आम लेकिन गंभीर बीमारियों से जूझ रहे नागरिकों को बड़ी राहत देगा। उन्होंने कहा कि इस मूल्य कटौती से पैरासिटामोल, एटोरवास्टेटिन, एमोक्सिसिलिन जैसी जीवनरक्षक दवाएं अब और अधिक सुलभ और सस्ती हो सकेंगी। छत्तीसगढ़ जैसे आदिवासी और ग्रामीण बहुल राज्य में यह निर्णय गरीबों, श्रमिकों, किसानों, महिलाओं और वृद्धजनों के स्वास्थ्य हेतु अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री साय ने यह भी उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के केंद्रों के विस्तार, आयुष्मान भारत योजना के प्रभावी क्रियान्वयन और प्राथमिक से लेकर उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की सहज उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि केंद्र सरकार का निर्णय केवल औषधियों की कीमत घटाने का नहीं, बल्कि आमजन के जीवन स्तर को सशक्त बनाने का भी कदम है।

मुख्यमंत्री साय दिव्य शिव महापुराण कथा के समापन समारोह में वर्चुअली हुए शामिल

  भगवान मधेश्वर की पावन धरा के विकास हेतु मिलेंगे 10 करोड़ रुपये, तीर्थ पर्यटन को मिलेगा नया आयाम श्रीरामलला दर्शन योजना और तीर्थदर्शन योजना से श्रद्धालुओं को मिल रहा आध्यात्मिक लाभ रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पवित्र श्रावण मास के चौथे सोमवार के शुभ अवसर पर रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखंड अंतर्गत मयाली में विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ के समीप आयोजित दिव्य शिव महापुराण कथा के समापन समारोह को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित किया। श्रावण मास की इस सात दिवसीय दिव्य कथा श्रृंखला का आयोजन 28 जुलाई से 4 अगस्त 2025 तक महामधेश्वर धाम समिति द्वारा किया गया, जिसमें अयोध्या के प्रसिद्ध कथावाचक पूज्य श्री देवकीनंदन जी महाराज ने शिव महापुराण की अमृतमयी वाणी से हजारों श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। मुख्यमंत्री ने व्यासपीठ से जुड़े सभी संतजनों को प्रणाम करते हुए समिति को भव्य आयोजन के लिए बधाई एवं आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिव और शक्ति छत्तीसगढ़ के कण-कण में समाए हैं और प्रदेश को आध्यात्मिक ऊर्जा इन्हीं  देवस्थलों से प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि मधेश्वर महादेव धाम के विकास के लिए केंद्र सरकार से ₹10 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है, तथा राज्य सरकार तीव्र गति से अधोसंरचना विकास और श्रद्धालु सुविधाओं के लिए कार्य कर रही  है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में विराजित भगवान शिव के प्रमुख स्थलों का उल्लेख करते हुए कहा कि मयाली में मधेश्वर पहाड़, कवर्धा में बाबा भोरमदेव, राजिम में कुलेश्वर महादेव, गरियाबंद में भूतेश्वर महादेव और जांजगीर-चांपा के खरौद में लक्ष्मणेश्वर महादेव के रूप में भगवान शिव विभिन्न रूपों में श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सम्पूर्ण प्रदेश शिवमय है। श्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पाँच प्रमुख शक्तिपीठों के विकास के लिए शक्ति कॉरिडोर योजना प्रारंभ की गई है। इसमें डोंगरगढ़ की बमलेश्वरी देवी, रतनपुर की महामाया देवी, चंद्रपुर की चंद्रहासिनी माता, दंतेवाड़ा की दंतेश्वरी देवी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में तीर्थ पर्यटन को नई दिशा दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने श्री रामलला दर्शन योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के दर्शन का लाभ प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीराम के प्रति श्रद्धा से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनी है। इसी क्रम में पुनः प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत राज्य के वृद्ध श्रद्धालुओं को देश के 19 प्रमुख तीर्थ स्थलों के दर्शन कराए जा रहे हैं, जिससे उन्हें जीवन में आध्यात्मिक संतोष और आस्था का अनुभव हो रहा है। समापन अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हुए प्रार्थना की कि बाबा भोलेनाथ की कृपा सदैव सभी श्रद्धालुओं पर बनी रहे। उन्होंने महामधेश्वर धाम समिति को आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी और कहा कि प्रदेश सरकार श्रद्धा, संस्कृति और विकास के समन्वय से छत्तीसगढ़ को नया धार्मिक एवं पर्यटन गंतव्य बनाएगी।

यमन में समुद्री त्रासदी: डूबती नाव ने छीनी 68 ज़िंदगियाँ, सैकड़ों परिजनों की उम्मीदें टूटी

यमन खाड़ी में बेस देश यमन से एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। यहां रविवार को तड़के समुद्र तट के पास 154 प्रवासियों से भरी नाव पलटने से उसमें सवार 68 प्रवासियों की मौत हो गई। स्थानीय अधिकारी ने बताया कि सभी प्रवासी इथियोपिया से थे, जो यमन होते हुए सऊदी अरब में रोजगार की तलाश में निकले थे। वहीं संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी ने बताया कि इस घटना में 74 अन्य लोग लापता हैं जिनकी तलाश की जा रही है। हादसा यमन के अबयान प्रांत के अपतटीय क्षेत्र में हुआ है। हादसे के बाद अभी तक केवल 10 लोगों को बचाया जा सका है, जिनमें नौ इथियोपियाई और एक यमनी नागरिक शामिल हैं. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने इस घटना को हाल के वर्षों की सबसे भीषण त्रासदियों में से एक करार दिया है. बचावकर्मी शवों की तलाश और संभावित जिंदा बचे लोगों को खोजने में लगातार जुटे हैं. यह सवाल बार-बार उठता जा रहा है कि अफ्रीका के लोग क्यों यमन जैसे संघर्षग्रस्त देश का रास्ता चुनते हैं? इसका उत्तर केवल आर्थिक नहीं बल्कि सामाजिक और राजनीतिक भी है. गरीबी और बेरोजगारी से जूझते देश इथियोपिया और सोमालिया जैसे देशों में गरीबी, बेरोजगारी और अस्थिरता लोगों को मजबूर करती है कि वे जोखिम भरा समुद्री सफर तय करें. यमन, भले ही खुद गृहयुद्ध से जूझ रहा हो, फिर भी प्रवासियों के लिए खाड़ी देशों तक पहुंचने का रास्ता बना हुआ है. अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन के अनुसार, 2024 में अब तक 60,000 से अधिक प्रवासियों ने यमन के रास्ते यात्रा की है, जबकि 2023 में यह संख्या 97,200 थी. यह गिरावट मुख्यतः समुद्री मार्गों पर सुरक्षा गश्त में बढ़ोतरी के कारण देखी जा रही है. प्रवासियों की सुरक्षा अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं. 2023 में इस रास्ते पर 558 लोगों की मौत हुई थी और पिछले दस वर्षों में 2,082 से अधिक प्रवासी लापता हो चुके हैं. इन आंकड़ों में 693 की डूबने से मौत की पुष्टि की गई है. यह आंकड़े केवल संख्याएं नहीं हैं, बल्कि उन हज़ारों परिवारों की कहानियां हैं जो अपनों की खोज में दर-दर भटकते हैं. प्रवासियों को न केवल समुद्र की लहरों का सामना करना पड़ता है, बल्कि यमन पहुंचने के बाद उन्हें नजरबंदी, दुर्व्यवहार और अमानवीय स्थितियों में रहना पड़ता है. IOM ने पहले ही चेताया था कि यमन का रास्ता दुनिया के सबसे खतरनाक प्रवासन मार्गों में से एक है. इसके बावजूद, जोखिम के बावजूद प्रवासी लगातार इस मार्ग को चुनते हैं. यमन में मानवीय संकट और राजनीतिक पृष्ठभूमि यमन 2014 से ही गृहयुद्ध की चपेट में है. हूती विद्रोहियों और यमन की अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार के बीच हुए युद्ध ने देश को बर्बादी की कगार पर पहुंचा दिया है. हालांकि, अप्रैल 2022 में एक युद्धविराम समझौता हुआ था, जिससे हिंसा में कुछ कमी आई, लेकिन देश अब भी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से अस्थिर है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में यमन में लगभग 380,000 प्रवासी और शरणार्थी मौजूद हैं. इनमें से कई सुरक्षा की तलाश में हैं, जबकि कुछ खाड़ी देशों तक पहुंचने के लिए यमन का इस्तेमाल कर रहे हैं.

स्थानीय उद्यमियों के लिए वरदान बनी रैम्प योजना, जिला कार्यशाला में मिली नई दिशा

रैम्प योजना अंतर्गत उद्यमियों के लिए जिला स्तरीय कार्यशाला का सफल आयोजन रैम्प योजना के तहत जिला स्तरीय कार्यशाला सम्पन्न, उद्यमियों को मिला मार्गदर्शन स्थानीय उद्यमियों के लिए वरदान बनी रैम्प योजना, जिला कार्यशाला में मिली नई दिशा बिलासपुर विश्व बैंक समर्थित भारत सरकार की योजना रैम्प  अंतर्गत प्रार्थना भवन खारंग जल संसाधन परिसर बिलासपुर में उद्योग एवं बैंकर्स कनेक्ट कार्यक्रम’’ का आयोजन जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र बिलासपुर के तत्वाधान में आयोजित किया गया।  कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य एमएसएमई को हरित बनाने में सहायता करना ऋण तक पहुंच को सुगम बनाना बाजार तक पहुंच बनाना विलंबित भुगतान के मुद्दों का समाधान करना एवं इस संबंध में भागीदारों के साथ चर्चा परिचर्चा कर समाधान करना मुख्य उद्देश्य है। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र बिलासपुर के मुख्य महाप्रबंधक श्री सी.आर.टेकाम के द्वारा प्रतिभागियों को कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराते हुए नवीन उद्यम स्थापना के संबंध में औद्योगिक नीति 2024-30 के अंतर्गत प्रावधान, अनुदान, रियायतें छूट एवं अन्य सुविधाओं के संबंध में जानकारी दी गई। इस अवसर पर रैम्प योजना एवं पीएमएफएमई योजनाओं का राज्य स्तर से आये श्री योगेश शर्मा एवं श्री भूषण के द्वारा विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए बैंकर्स से यथासंभव सहयोग करने का आग्रह किया गया। कार्यशाला में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमी, पीएमएफएमई व पीएमईजीपी योजना के हितग्राही व जिले के प्रमुख बैंकों जैसे भारतीय स्टेट बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैक सहित अन्य बैंकों के अधिकारियों ने भाग लेकर उपस्थित उद्यमियों को विभिन्न वित्तीय योजनाओं, ऋण सुविधाओं के लाभों की जानकारी दी गई।     कार्यक्रम का अध्यक्षता कर रहे क्षेत्रीय प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक शाखा के द्वारा अपने उद्बोधन में ऋण हेतु किये गये आवेदनों पर सकारात्मक विचार एवं सहयोग करने का आश्वासन दिया गया, प्रतिभागियों के द्वारा किये गये प्रश्नों के उत्तर से प्रतिभागी आश्वस्त हुए। इसी कड़ी में लीड बैंक अधिकारी श्री दिनेश उरांव के द्वारा विभिन्न बैंक शाखाओं में शासकीय योजनाओं के लंबित प्रकरणों पर स्वीकृति एवं वितरित करने में विभागीय अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर लक्ष्य पूर्ति करने में कटिबद्ध होना बताया गया। सफल उद्यमी के रूप में मेसर्स रानीसती उद्योग औ.क्षे. तिफरा के इकाई स्वामी श्री पुरूषोत्तम अग्रवाल के द्वारा अपने उद्बोधन में छोटे एवं कम लागत से उत्पादन प्रारंभ करके बड़े उद्योग तक पहुंचने में आने वाली चुनौतियों एवं उनके समाधान की जानकारी दी गयी।      कार्यक्रम में लगभग 50 प्रतिभागी शामिल हुए एवं उनके जानकारी प्राप्त करने की उत्सुकता और उत्तर प्रतिउत्तर से कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम में विभागीय अधिकारी श्री एल.के.लाकरा महाप्रबंधक, श्री सी.डी. प्रसाद महाप्रबंधक, श्री संतोष धुर्वे महाप्रबंधक, श्री सत्येंद्र वर्मा प्रबंधक, श्री सुनील पाण्डेय प्रबंधक, श्री ए.श्रीधर राव प्रबंधक, श्रीमती रेवती झलरिया प्रबंधक, श्रीमती आरती झलरिया प्रबंधक, एवं अन्य कर्मचारियों के साथ जिले में नियुक्त डीआरपी उपस्थित रहे।

रिश्तों की आड़ में करोड़ों का खेल: रायपुर के डॉक्टर से 1.5 करोड़ की ठगी का खुलासा

रायपुर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. शंकर नगर के चिकित्सक डॉ. बी. बालाकृष्णा ने मनोज चांवला, उनकी पत्नी खुशबू चांवला और परिवार के अन्य सदस्यों पर 1.5 करोड़ रुपये की राशि गबन करने और अमानत में खयानत करने का आरोप लगाया है. इस मामले में सिविल लाइंस थाने में धारा 409, 120 बी, और 34 भादवि के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस के मुताबिक डॉ. बी. बालाकृष्णा, जो शंकरनगर के एचआईजी-18 में रहते हैं और एडवांस चेस्ट सेंटर नामक क्लीनिक संचालित करते हैं, ने अपने लिखित आवेदन में बताया कि वर्ष 2021 से मनोज चांवला (37 वर्ष, निवासी सेल टैक्स कॉलोनी, खम्हारडीह, रायपुर) का उनके क्लीनिक में इलाज के लिए आना-जाना था. कोविड काल में मनोज चांवला, उनके परिवार और दोस्तों का इलाज डॉ. बालाकृष्णा ने किया था. धीरे-धीरे परिचय बढ़ने के बाद मनोज चांवला, उनके भाई चेतन चांवला, पत्नी खुशबू चांवला, बहन नैना चांवला, और मां कांता चांवला नियमित रूप से क्लीनिक में आने लगे. क्लीनिक प्रबंधन का जिम्मा डॉ. बालाकृष्णा ने बताया कि उनके क्लीनिक में फार्मेसी और लैबोरेटरी का प्रबंधन करने के लिए काबिल लोगों की जरूरत थी. मनोज चांवला और उनके परिवार ने बार-बार अनुरोध कर इन कार्यों का जिम्मा लेने की पेशकश की. भरोसा होने पर डॉ. बालाकृष्णा ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंप दी. इस दौरान मनोज और उनके परिवार ने व्यवसाय को बढ़ाने में भी मदद की. 1.5 करोड़ की राशि गबन का आरोप डॉ. बालाकृष्णा ने अपने क्लीनिक को बड़े स्तर पर अस्पताल में बदलने की योजना बनाई थी, जिसके लिए उन्हें भारी धनराशि की जरूरत थी. इस योजना पर मनोज चांवला और उनके परिवार से चर्चा के दौरान, उन्होंने सुझाव दिया कि डॉ. बालाकृष्णा अपनी जमा राशि उन्हें सौंप दें, जिसे वे ट्रेडिंग व्यवसाय में निवेश करेंगे. उन्होंने वादा किया कि मूलधन सुरक्षित रहेगा और मुनाफा आपस में बांटा जाएगा. इस भरोसे पर डॉ. बालाकृष्णा ने मनोज चांवला और उनके परिवार को किस्तों में 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी.   हालांकि, जब वर्ष 2022 से डॉ. बालाकृष्णा ने अपनी राशि वापस मांगे, तो मनोज चांवला और उनके परिवार ने पैसे देने से साफ इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि कोई राशि उनके पास नहीं दी गई और वे इसे क्यों रखेंगे. डॉ. बालाकृष्णा के बार-बार अनुरोध पर मनोज चांवला और उनके परिवार ने 1 करोड़ रुपये वापस करने का समझौता किया, लेकिन शर्त रखी कि यह राशि व्यवसायिक और घरेलू कार्यों के लिए ली गई थी. समझौते में 15-15 लाख रुपये के 10 चेक देने की बात लिखी गई, जो अगस्त 2023 से नवंबर 2023 के बीच लिए गए दिखाए गए. यह समझौता 31 जून 2024 को तैयार किया गया था. समझौते में यह भी लिखा गया कि 22 मार्च 2025 तक 1 करोड़ रुपये नकद वापस कर दिए जाएंगे और डॉ. बालाकृष्णा उनके परिवार के खिलाफ कोई शिकायत या कानूनी कार्रवाई नहीं करेंगे.   डॉ. बालाकृष्णा ने जांच में पाया कि मनोज चांवला के खाते में पर्याप्त राशि नहीं थी और चेक केवल धोखे में रखने के लिए दिए गए थे. वर्तमान में मनोज चांवला और उनके परिवार ने 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वापस करने से साफ इंकार कर दिया है. डॉ. बालाकृष्णा ने बताया कि मनोज चांवला और उनके परिवार ने कई अन्य लोगों से भी करोड़ों रुपये लेकर धोखाधड़ी की है. सिविल लाइंस थाने में मनोज चांवला के खिलाफ पहले भी धोखाधड़ी का मामला दर्ज हो चुका है, जिसमें उनकी गिरफ्तारी हुई थी. वर्तमान में मनोज चांवला, खुशबू चांवला, और उनके परिवार के अन्य सदस्य हाउसिंग बोर्ड, फेस-1, डुप्लेक्स फ्लैट, कचना, रायपुर में रहते हैं.  

भीषण सड़क हादसा: दर्शन के लिए निकले भाजयुमो नेता की पुल से गिरने से मौत, तीन गंभीर

गरियाबंद छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर पुल के नीचे गिर गई. इस भीषण हादसे में भाजपा मंडल अध्यक्ष समेत दो लोगों की मौत हो गई है. हादसे के वक्त कार में 5 लोग सवार थे. सभी बिलाईगढ़ भटगांव से भूतेश्वरनाथ मंदिर जा रहे थे. इस दौरान उनकी कार फिंगेश्वर सरगी नाला पर हादसे का शिकार हो गई. हादसे में तीन लोग घायल हैं, जिनका इलाज जारी है. घटना फिंगेश्वर थाना क्षेत्र की है. जानकारी के मुताबिक, बिलाईगढ़ के भटगांव थाना क्षेत्र के 5 लोग गरियाबंद के भूतेश्वरनाथ मंदिर में दर्शन के लिए आ रहे थे. फिंगेश्वर सरगी नाला पार के दौरान कार चला रहे पंकज को झपकी आ गई. कार पत्थर से टकराकर पुल से नाले में जा गिरी. दर्दनाक हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई, जिनकी पहचान लोकेश साहू और पंकज दास (भाजपा मंडल अध्यक्ष) के रूप में हुई है. वहीं हादसे में घायल 3 युवकों का इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुल में रेलिंग नही होने से यहां आए दिन यहां हादसे हो रहे हैं. इसके बावजूद प्रशासन इसपर कोई सुध नही ले रहा है. फिलहाल फिंगेश्वर पुलिस हादसे की जांच में जुट गई है. 

शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शिक्षा विभाग मनेन्द्रगढ़ में साहित्यिक समागम

तुलसीदास व प्रेमचंद जयंती मनाकर दी महान साहित्यकारों को श्रद्धांजलि तुलसीदास और प्रेमचंद जयंती पर साहित्य साधकों ने दी श्रद्धांजलि, याद किए अमर रचनाकार शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शिक्षा विभाग मनेन्द्रगढ़ में साहित्यिक समागम मनेन्द्रगढ़  साहित्य जगत की दो महान विभूतियों—गोस्वामी तुलसीदास और मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, शिक्षा विभाग मनेन्द्रगढ़ में एक भव्य साहित्यिक आयोजन संपन्न हुआ। इस अवसर पर विद्यालय परिवार ने श्रद्धा, सम्मान और प्रेरणा के साथ इन दोनों महापुरुषों को स्मरण किया और उनके कृतित्व व व्यक्तित्व पर विस्तृत चर्चा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्राचार्य  सत्येन्द्र सिंह ने की। इस अवसर पर विशेष रूप से श्रीमती अर्चना वैष्णव, राजीव सोनी, टी. विजय गोपाल राव, रामरक्षा द्विवेदी, जसवंत डहरिया, श्रीमती अंजली सिंह, एवं श्रीमती कंचन त्रिपाठी उपस्थित रहे। साहित्य से संस्कार तक की प्रेरणा-कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई। तत्पश्चात विद्यालय प्राचार्य  सत्येन्द्र सिंह ने गोस्वामी तुलसीदास की साहित्यिक विरासत पर प्रकाश डालते हुए कहा—"तुलसीदास न केवल एक कवि थे, बल्कि भारतीय समाज की आध्यात्मिक चेतना के मार्गदर्शक भी थे। रामचरितमानस के माध्यम से उन्होंने धर्म, भक्ति, मर्यादा और नैतिकता को जन-जन तक पहुँचाया।"उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे तुलसीदास जैसे संत कवियों के आदर्शों को आत्मसात करें। वहीं व्याख्याता श्रीमती अर्चना वैष्णव ने मुंशी प्रेमचंद के यथार्थवादी साहित्य पर बोलते हुए कहा कि "प्रेमचंद ने कलम से क्रांति की, उन्होंने किसानों, मजदूरों और आम जनजीवन की पीड़ा को शब्दों में ढालकर साहित्य को जनमुखी बनाया। ‘गोदान’, ‘निर्मला’ जैसी रचनाएँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं।" साहित्यिक प्रस्तुतियाँ और प्रेरक वक्तव्य छात्राओं द्वारा तुलसीदास जी की चौपाइयों का वाचन, प्रेमचंद की कहानियों पर लघुनाटिका, और भजन प्रस्तुति ने माहौल को पूरी तरह भक्ति और प्रेरणा से भर दिया। शिक्षकों द्वारा दोनों साहित्यकारों की रचनाओं से प्रेरित संस्मरण भी साझा किए गए। टी. विजय गोपाल राव एवं रामरक्षा द्विवेदी ने कहा कि"भविष्य के नागरिकों को तुलसी और प्रेमचंद जैसे चरित्र निर्माताओं से प्रेरणा लेनी चाहिए।" वहीं  राजीव सोनी और श्रीमती अंजली सिंह ने बच्चों से आग्रह किया कि वे साहित्य को केवल विषय न मानें, बल्कि जीवन-दर्शन के रूप में अपनाएं। सम्मान और समापन अंत में प्राचार्य श्री सिंह द्वारा सभी प्रतिभागी छात्राओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

किसानों को राहत: पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी, हजारों को मिला लाभ

पीएम किसान सम्मान निधि योजनांतर्गत 20वीं किस्त की राशि का हुआ अंतरण, जिले के 28 हजार से अधिक किसानों को मिला लाभ पीएम किसान योजना: जिले के 28 हजार से ज्यादा किसानों के खातों में पहुंची 20वीं किस्त किसानों को राहत: पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी, हजारों को मिला लाभ एमसीबी  जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत किसानों को 20वीं किस्त की राशि का अंतरण 2 अगस्त को प्रातः 11 बजे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कर कमलों से वाराणसी, उत्तर प्रदेश से वेबकास्ट के माध्यम से किया गया। यह राशि डीबीटी प्रणाली के अंतर्गत सीधे पात्र किसानों के बैंक खातों में अंतरित की गई। इस अवसर पर जिले में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन उप संचालक कृषि श्री इन्द्रासन सिंह पैकरा के मार्गदर्शन में कार्यालय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के सभागार में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती सुखमंती सिंह सभापति कृषि स्थायी समिति जिला पंचायत, श्री रामजीत लकड़ा जिला पंचायत सदस्य तथा श्री रविशंकर वैश्य सभापति कृषि स्थायी समिति जनपद पंचायत मनेंद्रगढ़ उपस्थित रहे। श्रीमती सुखमंती सिंह ने अपने संबोधन में किसानों को राष्ट्र की रीढ़ बताते हुए उन्हें पालनहार का दर्जा प्रदान किया और कहा कि शासन की विभिन्न किसान हितैषी योजनाओं का लाभ प्रत्येक कृषक तक समय पर पहुंचे, यह हम सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए। उप संचालक कृषि श्री पैकरा ने जानकारी दी कि जिले के कुल 28477 कृषकों को इस 20वीं किस्त के रूप में 5 करोड़ 89 लाख रुपये की राशि अंतरित की गई है। साथ ही उन्होंने अपील की कि कोई भी पात्र किसान इस योजना के लाभ से वंचित न रहे, इसके लिए सभी कृषक समय पर एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन कराएं और अनिवार्य रूप से ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण करें। जिले के कई लाभान्वित किसानों ने इस योजना से प्राप्त राशि को खेती के कार्यों में उपयोगी बताते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रति आभार व्यक्त किया और योजना को किसानों के लिए संजीवनी बताया। कार्यक्रम में कृषि विभाग के उप संचालक, अनुविभागीय कृषि अधिकारी, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी और जिले के अनेक कृषक गण उपस्थित रहे।

शराब घोटाले में कार्रवाई तेज़, चैतन्य बघेल 14 दिन की रिमांड पर जेल भेजे गए

रायपुर छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की 14 इन की न्यायिक रिमांड अवधि समाप्त होने पर आज उन्हें विशेष कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। मामले में अब 18 अगस्त को सुनवाई होगी। बता दें कि ईडी ने 18 जुलाई की सुबह भिलाई स्थित बघेल निवास पर छापा मारकर चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन के दिन ही गिरफ्तार किया था। उन पर छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। मामले में पूछताछ के लिए कोर्ट ने उन्हें 5 दिन की रिमांड पर भेजा था। 22 जुलाई को सुनवाई के बाद कोर्ट ने उन्हें 4 अगस्त तक के लिए 14 दिन की न्यायायिक रिमांड में जेल भेज दिया था। रिमांड खत्म होने पर आज उन्हें दोबारा कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें फिर से 14 दिन की न्यायायिक रिमांड में जेल भेज दिया। अब चैतन्य बघेल को 18 अगस्त को कोर्ट में पेश किया जायेगा। ईडी ने किया बड़ा खुलासा 21 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) रायपुर जोनल कार्यालय की ओर से प्रेस नोट में दी गई जानकारी के अनुसार, ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया है। शराब घोटाले की जांच ईडी ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस घोटाले के कारण प्रदेश के खजाने को भारी नुकसान हुआ और करीब 2,500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (पीओसी) घोटाले से जुड़े लाभार्थियों की जेब में पहुंचाई गई। चैतन्य को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये नगद मिले ईडी की जांच से पता चला है कि चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये की पीओसी प्राप्त हुई थी। उन्होंने उक्त पीओसी को मिलाने के लिए अपनी रियल एस्टेट फर्मों का इस्तेमाल किया था। यह पता चला है कि उन्होंने पीओसी की उक्त नकद राशि का उपयोग अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के विकास में किया था। पीओसी का उपयोग उनके प्रोजेक्ट के ठेकेदार को नकद भुगतान, नकदी के खिलाफ बैंक प्रविष्टियों आदि के माध्यम से किया गया था। उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ भी मिलीभगत की और अपनी कंपनियों का उपयोग एक योजना तैयार करने के लिए किया जिसके अनुसार उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के कर्मचारियों के नाम पर अपने “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फ्लैटों की खरीद की आड़ में अप्रत्यक्ष रूप से 5 करोड़ रुपये प्राप्त किए। बैंकिंग ट्रेल है जो इंगित करता है कि लेन-देन की प्रासंगिक अवधि के दौरान, त्रिलोक सिंह ढिल्लों ने अपने बैंक खातों में शराब सिंडिकेट से भुगतान प्राप्त किया। 1000 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति का संचालन इसके अलावा, उन पर शराब घोटाले से उत्पन्न 1000 करोड़ रुपये से अधिक के पीओसी (POC) को संभालने का भी आरोप है। वह छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को पीओसी हस्तांतरित करने के लिए अनवर ढेबर और अन्य के साथ समन्वय करते थे। ईडी द्वारा की गई जांच से पता चला है कि इस शराब घोटाले से प्राप्त धनराशि को आगे निवेश के लिए बघेल परिवार के प्रमुख सहयोगियों को भी सौंप दिया गया था। इस धनराशि के अंतिम उपयोग की आगे जांच की जा रही है। पहले से कई बड़े चेहरे गिरफ्त में ईडी ने इससे पहले पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, ITS अरुण पति त्रिपाठी और पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक कवासी लखमा को इस मामले में गिरफ्तार किया था। फिलहाल, मामले में आगे की जांच जारी है।

पहली पत्नी को फोन पर छोड़ा, दूसरी से की शादी — पुलिस में शिकायत दर्ज

कांकेर छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में पहली बार तीन तलाक का आपराधिक मामला सामने आया है. पीड़ित महिला, परिजनों और मुस्लिम समाज कांकेर ने इसकी शिकायत कांकेर कोतवाली में दर्ज कराई है. मामला गरियाबंद जिले के इरफान वारसी नामक व्यक्ति से जुड़ा है, जिसने मोबाइल फोन पर अपनी पत्नी को तीन बार “तलाक” कहकर विवाह तोड़ दिया और फिर दूसरी शादी कर ली. पीड़िता के भाई गफ्फार मेमन ने बताया कि उनकी बहन का विवाह 9 मार्च 2017 को गरियाबंद निवासी इरफान वारसी के साथ मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार हुआ था. शादी के बाद से ही पति, सास और ननदों द्वारा लगातार प्रताड़ित किए जाने के कारण पीड़िता अपने मायके कांकेर में रह रही थी. इसी बीच पति ने दूसरी शादी कर ली और मोबाइल फोन पर पीड़िता को “तलाक-तलाक-तलाक” कहकर संबंध खत्म करने की बात कही. पीड़िता ने तलाक की मोबाइल रिकॉर्डिंग भी पुलिस को सौंपी है. इस मामले को लेकर मुस्लिम समाज ने भी थाने में आवेदन देते हुए कहा कि यह निंदनीय अपराध है. वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पारित तीन तलाक कानून के तहत ऐसा करना संगीन अपराध है और इस्लामिक कानून में भी इसे गलत माना गया है. समाज ने आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. कांकेर एसडीओपी मोहाशिन खान ने बताया कि पीड़ित महिला, परिजनों और मुस्लिम समाज ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है. पूरे मामले की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.