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केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर : लेवल 1 से 10 तक सरकारी कर्मचारियों की बढ़ेगी सैलरी

नई दिल्ली. केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी 8वें वेतन आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति और टर्म्स ऑफ रेफरेंस (टीओआर) को अंतिम रूप दिए जाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। 1.2 करोड़ से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी अपने वेतन और पेंशन में संशोधन का इंतजार कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में अप्रूव्ड 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) के 2027 के आसपास लागू होने की उम्मीद है। इससे पूरे भारत में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव होगा। हालांकि, आधिकारिक टर्म्स ऑफ रेफरेंस, अध्यक्ष और आयोग के सदस्यों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है। 8वां वेतन आयोग क्या है? वेतन आयोग भारत सरकार द्वारा केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे को संशोधित करने के लिए आयोजित एक आवधिक अभ्यास है। यह न केवल सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन और भत्तों को प्रभावित करता है, बल्कि पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों को भी प्रभावित करता है। 8वां वेतन आयोग 7वें सीपीसी की जगह लेगा, जिसे 2016 में लागू किया गया था। सीपीसी की सिफारिशों के मूल में पे मैट्रिक्स है, एक ऐसी सिस्टम जो सर्विस के स्तरों और सालों के आधार पर सैलरी तय करती है। फिटमेंट फैक्टर, जो नए मूल वेतन पर पहुंचने के लिए मौजूदा वेतन को गुणा करता है, को 2.57 (7वें सीपीसी के तहत) से बढ़ाकर 8वें सीपीसी के तहत 2.86 किए जाने की उम्मीद है। कितनी बढ़ सकती है सैलरी उदाहरण के लिए, वेतन लेवल 1 के कर्मचारी, जो वर्तमान में ₹18,000 का मूल वेतन कमा रहे हैं, उन्हें ₹51,480 तक का लाभ हो सकता है। वहीं, लेवल 2 के कर्मचारियों को ₹19,900 से ₹56,914 तक का लाभ हो सकता है। लेवल 3 के कर्मचारियों को ₹21,700 से बढ़कर ₹62,062 मिल सकते हैं। लेवल 6 पर, मूल वेतन ₹35,400 से बढ़कर ₹1 लाख से अधिक हो सकता है, जबकि एंट्री लेवल के IAS और IPS अधिकारियों सहित स्तर 10 के अधिकारियों को ₹56,100 से ₹1.6 लाख तक का लाभ हो सकता है। 8th Pay Commission: केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। 8वां वेतन आयोग जल्द लागू हो सकता है। जनवरी 2025 में इसे कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। ऐसी उम्मीद है कि ये 2026 या 2027 की शुरुआत में लागू कर दिया जाएगा। हालांकि अभी आयोग के सदस्य, चेयरमैन और उसकी टर्म्स ऑफ रेफरेंस का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन इसकी घोषणा से ही कर्मचारियों में सैलरी को लेकर चर्चा है। 8वें वेतन आयोग में नई सैलरी का कैलकुलेशन फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) के जरिये होगी। यहां जानिये अलग-अलग लेवल पर कितनी सैलरी बढ़ेगी। फिटमेंट फैक्टर क्या होता है? फिटमेंट फैक्टर वह मल्टीपल (multiplier) होता है जिसे मौजूदा बेसिक सैलरी में गुणा किया जाता है, ताकि नई सैलरी निकाली जा सके। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे बेसिक पे 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हुआ। 8वें वेतन आयोग में यह 2.86 होने की उम्मीद है, जिससे बेसिक पे में बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। यानी, अगर किसी की बेसिक सैलरी अभी 18,000 रुपये है, तो 2.86 के गुणा से यह बढ़कर 51,480 रुपये हो सकती है। हालांकि, नेट सैलरी इससे थोड़ी कम हो सकती है, क्योंकि PF, टैक्स जैसी कटौतियां भी होती हैं। अलग-अलग लेवल पर अनुमानित सैलरी बढ़ोतरी 8वें वेतन आयोग के तहत अलग-अलग लेवल पर कर्मचारियों की अनुमानित सैलरी में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। लेवल-1 पर काम करने वाले कर्मचारियों की मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, जो बढ़कर करीब 51,480 रुपये हो सकती है। यानी उन्हें 33,480 रुपये का अनुमानित इजाफा मिलेगा। लेवल-2 के कर्मचारियों की मौजूदा सैलरी 19,900 रुपये है, जो बढ़कर लगभग 56,914 रुपये हो सकती है। इस तरह, उनकी सैलरी में 37,014 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है। लेवल-3 में शामिल कर्मचारियों की वर्तमान सैलरी 21,700 रुपये है, जो नए आयोग में बढ़कर 62,062 रुपये हो सकती है। इसका मतलब है कि उन्हें 40,362 रुपये तक का फायदा मिलेगा। लेवल 4 से लेवल-6 – के सब-इंस्पेक्टर या जूनियर इंजीनियर जैसे कर्मचारियों की सैलरी 35,400 रुपये से बढ़कर लगभग 1,01,244 रुपये हो सकती है, यानी 65,844 रुपये की बढ़ोतरी। वहीं लेवल 7 से 10 तक औसत अधिकारियों की बेसिक सैलरी 56,100 रुपये से बढ़कर 1,60,446 रुपये हो सकती है। यानी उन्हें 1,04,346 रुपये का अनुमानित फायदा हो सकता है। इसमें  IAS, IPS जैसे ग्रुप के अधिकारी आते हैं। यह अनुमान फिटमेंट फैक्टर 2.86 के आधार पर लगाया गया है, और अंतिम फैसला सरकार की सिफारिशों के बाद तय होगा। कौन-कौन कर्मचारी किस लेवल में आते हैं? लेवल 1: चपरासी, अटेंडेंट, मल्टी-टास्किंग स्टाफ (MTS) लेवल 2: लोअर डिवीजन क्लर्क (LDC) लेवल 3: कांस्टेबल, ट्रेड स्टाफ लेवल 4: स्टेनोग्राफर ग्रेड D, जूनियर क्लर्क लेवल 5: सीनियर क्लर्क, तकनीकी सहायक लेवल 6: इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर, जूनियर इंजीनियर लेवल 7: अधीक्षक, सेक्शन ऑफिसर, असिस्टेंट इंजीनियर लेवल 8: सीनियर सेक्शन ऑफिसर, ऑडिट ऑफिसर लेवल 9: डिप्टी एसपी, अकाउंट्स ऑफिसर लेवल 10: IAS, IPS, IFS जैसे ग्रुप-A अधिकारी हालांकि ये सभी आंकड़े फिलहाल अनुमानित हैं, लेकिन सरकार की तरफ से जब 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें सार्वजनिक होंगी, तो स्थिति पूरी तरह साफ हो पाएगी।  

जेनिफर सायमंस बनीं दक्षिण अमेरिकी देश सूरीनाम की पहली महिला राष्ट्रपति

पारामरिबो दक्षिण अमेरिकी देश सूरीनाम में पहली बार महिला राष्ट्रपति बनी हैं। संसद ने (स्थानीय समयानुसार) को डॉक्टर जेनिफर गेर्लिंग्स-सिमंस को संकटग्रस्त देश की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में चुना। नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी का नेतृत्व करने वाली जेनिफर 16 जुलाई को राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी।  सूरीनाम की नेशनल असेंबली दो-तिहाई मतों से राष्ट्रपति का चुनाव करती है। जेनिफर, जो पहले कांग्रेसी थीं- ने निर्विरोध चुनाव जीता, क्योंकि उनकी पार्टी ने मई में हुए चुनाव के बाद देश के मौजूदा नेता को हटाने के उद्देश्य से एक गठबंधन बनाया था, जिसमें कोई स्पष्ट विजेता नहीं था। यह गठबंधन ऐसे समय में बना है, जब सूरीनाम को समुद्र के किनारे तेल मिलने की उम्मीद है और 2028 तक इसका उत्पादन शुरू हो सकता है।  पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में जिम्मेदारी और भी बढ़ी: जेनिफर राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद जेनिफर ने कहा, 'मुझे पता है कि राष्ट्रपति का पद बहुत बड़ा है, और इस तथ्य से जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है कि मैं इस पद पर देश की सेवा करने वाली पहली महिला हूं।' बता दें कि सूरीनाम 646,000 से अधिक लोगों वाला डच-भाषी देश है।  भ्रष्टाचार के मामलों से भरा रहा संतोखी का कार्यकाल  राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी का पांच साल का कार्यकाल भ्रष्टाचार के मामलों से भरा रहा है। उन्हें सूरीनाम की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मदद मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके चलते देश के सार्वजनिक कर्ज का बड़े पैमाने पर पुनर्गठन किया गया और सरकारी सब्सिडी में कटौती की गई। इससे आर्थिक हालात थोड़े सुधरे, लेकिन आम लोगों को बहुत मुश्किलें झेलनी पड़ीं और कई बार हिंसक प्रदर्शन भी हुए। जेनिफर की प्राथमिकता- देश की आर्थिक स्थिति सुधारना 71 वर्षीय जेनिफर और उनके साथी ग्रेगरी रुसलैंड ने रविवार को पत्रकार वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वे सबसे पहले देश की आर्थिक स्थिति को सुधारेंगे। उन्होंने खासतौर पर छोटे स्तर की सोने की खदानों से टैक्स वसूलने जैसे तरीकों से सरकारी कमाई बढ़ाने की बात कही है। तेल निकलने से पहले करना होगा चुनौतियों का सामना: रामौतारसिंह सूरीनाम के अर्थशास्त्रियों के संघ के पूर्व अध्यक्ष विंस्टन रामौतारसिंह ने कहा कि तेल निकलने से पहले के इन वर्षों में राष्ट्रपति को बहुत चुनौतियों का सामना करना होगा, क्योंकि देश को हर साल लगभग 400 मिलियन डॉलर का कर्ज और ब्याज चुकाना है। उन्होंने कहा, 'सूरीनाम के पास इतना पैसा नहीं है। पिछली सरकार ने ऋणों को पुनर्निर्धारित किया था, लेकिन वह सिर्फ एक अस्थायी रा

फ्रांस की खुफिया एजेंसियों का दावा चीन ने सुनियोजित अभियान चलाया, जिसका मकसद राफेल विमानों की छवि को खराब करना

नई दिल्ली भारत और अन्य देशों में इस्तेमाल हो रहे फ्रांसीसी राफेल लड़ाकू विमान को लेकर एक बड़ा दावा सामने आया है. फ्रांस की खुफिया एजेंसियों का कहना है कि चीन ने एक सुनियोजित अभियान चलाया है, जिसका मकसद राफेल विमानों की छवि को खराब करना और उनके विदेशी सौदों को नुकसान पहुंचाना है. इस अभियान में झूठी खबरें, AI-जनरेटेड फर्जी फोटो, और सोशल मीडिया पर गुमराह करने वाली पोस्टें शामिल थीं. फ्रांस का दावा है कि इस तरह की गतिविधियों के पीछे चीन और पाकिस्तान की मिलीभगत हो सकती है. वहीं, चीन ने सभी आरोपों को खारिज किया है. चीन की कोशिश- राफेल की छवि खराब करना फ्रांसीसी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के विदेशों में स्थित दूतावासों के डिफेंस अटैशे ने दूसरे देशों के अधिकारियों से मुलाकात कर राफेल की आलोचना की और चीनी लड़ाकू विमानों को बेहतर विकल्प के रूप में पेश किया. इसका उद्देश्य था कि संभावित ग्राहक राफेल की जगह चीन के जेट खरीदें. पाकिस्तान का दावा, भारत का जवाब साफ नहीं मई 2025 में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने 5 भारतीय लड़ाकू विमान गिराए, जिनमें 3 राफेल भी शामिल थे. भारत ने इस दावे की पुष्टि नहीं की. भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल ने कहा कि नुकसान युद्ध का हिस्सा होता है, लेकिन राफेल को लेकर सीधे कुछ नहीं कहा. फ्रांस का जवाब- गलत जानकारी फैलाई गई राफेल बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन के CEO एरिक ट्रापिए ने पाकिस्तान के दावों को 'झूठा और गलत' बताया. फ्रांस का कहना है कि सोशल मीडिया पर राफेल का मलबा दिखाने वाली फर्जी तस्वीरें, AI से बने नकली वीडियो और हजारों नए अकाउंट्स के ज़रिए इस झूठ को फैलाया गया. फ्रांस की चिंता: सिर्फ विमान नहीं, राष्ट्रीय छवि निशाने पर फ्रांस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह हमला सिर्फ राफेल पर नहीं, बल्कि फ्रांस की टेक्नोलॉजी, विश्वसनीयता और रणनीतिक स्वतंत्रता पर है. यह हमला देश की औद्योगिक छवि और साझेदारी की साख को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया. चीन का जवाब- आरोप बेबुनियाद फ्रांस के आरोपों पर चीन के रक्षा मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी कि यह 'पूरी तरह झूठ और बेबुनियाद' हैं. चीन ने कहा कि वह हमेशा सैन्य निर्यात में जिम्मेदार और संतुलित नीति अपनाता है और शांति व स्थिरता में सहयोग करता है.  

भारी बारिश से चमोली में जनजीवन अस्त-व्यस्त, केदारनाथ यात्रा रोकी

चमोली चमोली जनपद में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बदरीनाथ हाईवे उमट्टा में पहाड़ी से मलबा आने के चलते बाधित है तो ज्योतिर्मठ क्षेत्र में 66 केवी की विद्युत लाइन पर फाल्ट आने से क्षेत्र में बिजली सप्लाई रात से ही ठप पड़ी है। उधर, भारी बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा रोक दी गई है। मौसम विभाग के भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी को देखते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर चमोली जनपद के सरकारी, अर्द्धसरकारी विद्यालयों में आज अवकाश घोषित कर दिया गया है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि पिटकुल की 66 केवी की विद्युत लाइन में फाल्ट आने से ज्योतिर्मठ क्षेत्र में विद्युत सप्लाई बाधित है। फाल्ट को ढूंढा जा रहा है। बदरीनाथ हाईवे पर सुबह नंदप्रयाग के पर्थाडीप में करीब एक घंटे तक मलबा आने से हाईवे बाधित रहा। मार्ग अब खुल गया है। उमट्टा में मलबा हटाने का काम जारी है। वहीं  केदारनाथ जा रहे यात्रियों को सोनप्रयाग और गौरीकुंड में रोका गया है। विकासनगर-कालसी-बड़कोट राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 50 सड़कें बंद प्रदेश में बारिश के बाद जगह-जगह मलबा आने से दो राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 50 सड़कें बंद हो गई हैं। इससे स्थानीय लोगों के साथ ही चारधाम आने वाले तीर्थयात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक देहरादून जिले में लखवाड़ बैंड के पास किलोमीटर 26 में मलबा आने से विकासनगर-कालसी-बड़कोट राष्ट्रीय राजमार्ग में वाहनों की आवाजाही बंद है। जिले में तीन ग्रामीण सड़के भी बंद हैं। इसके अलावा उत्तरकाशी जिले में ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग औजरी में बंद है। इस जिले में एक राज्यमार्ग और 11 ग्रामीण सड़के भी बंद हैं। रुद्रप्रयाग जिले में तीन ग्रामीण मार्ग, नैनीताल जिले में काठगोदाम-हैडाखान राज्यमार्ग, चमोली जिले में 13 ग्रामीण मार्ग, पिथौरागढ़ में सात, बागेश्वर में चार, पौड़ी में तीन और टिहरी जिले में दो ग्रामीण सड़के बंद हैं। राज्य में आपदा से 143 भवनों को हो चुका नुकसान राज्य में आपदा से 143 भवनों को नुकसान हो चुका है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून के बाद से 133 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। आठ मकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा और दो मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। इसके अलावा आपदा के कारण 21 लोगों की जान जा चुकी है और 11 घायल हुए। नौ लोग लापता है।

मुंबई में हुए 26/11 आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा ने सनसनीखेज खुलासे किए, कबूला ‘हां, मैं पाकिस्तानी आर्मी का एजेंट था…

 नई दिल्ली 26/11 मुंबई आतंकी हमले में अहम भूमिका निभाने वाले तहव्वुर हुसैन राणा ने मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की पूछताछ में कई बड़े खुलासे किए हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की कस्टडी में हुई पूछताछ के दौरान राणा ने माना कि वह पाकिस्तानी सेना का भरोसेमंद एजेंट था, जिसे  खलीज युद्ध के दौरान सऊदी अरब भी भेजा गया था. राणा ने बताया कि लश्कर-ए-तैयबा सिर्फ एक आतंकी संगठन नहीं, बल्कि जासूसी नेटवर्क की तरह काम करता है. उसने यह भी कबूला कि उसका दोस्त और सहयोगी डेविड हेडली लश्कर के लिए कई बार ट्रेनिंग ले चुका था.   ISI ने की थी मदद राणा ने बताया कि मुंबई में अपने इमिग्रेशन फर्म का सेंटर खोलने का विचार उसका ही था, और उससे जुड़ी फाइनेंशियल डीलिंग को बिज़नेस खर्च बताया गया. लेकिन उसने यह भी स्वीकार किया कि 2008 में जब 26/11 हमला हुआ, तब वह मुंबई में मौजूद था और वह पूरी तरह से आतंकी साजिश का हिस्सा था. उसने कबूला कि उसने मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस जैसे स्थानों की रेकी की थी. पूछताछ में राणा ने यह भी माना कि इस हमले को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ मिलकर अंजाम दिया गया था. अब मुंबई पुलिस राणा को गिरफ्तार करने और अपनी हिरासत में लेने की तैयारी में है, ताकि जांच को और आगे बढ़ाया जा सके. हेडली का दोस्त था राणा तहव्वुर राणा आतंकी डेविड हेडली का करीबी दोस्त था जो 26 नवंबर 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में शामिल था. हेडली से पूछताछ के दौरान राणा का जिक्र किया था. इस हमले में 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने अरब सागर के रास्ते मुंबई पहुंचकर रेलवे स्टेशन, दो लग्जरी होटलों और एक यहूदी सेंटर पर हमला किया. करीब 60 घंटे तक चले इस हमले में 166 लोग मारे गए. राणा पर हेडली लश्कर-ए-तैयबा, हरकत-उल-जिहादी इस्लामी और पाकिस्तान के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप है 

पीएम मोदी का BRICS समिट में आतंकवाद पर करारा प्रहार, देखते रह गए बाकी देश

जोहान्सबर्ग जोहान्सबर्ग में आयोजित BRICS समिट 2025 में भारत के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले का मुद्दा छाया रहा। BRICS के सभी सदस्य देशों ने इस हमले की सख्त निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने का संकल्प दोहराया। रूस, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों ने भी भारत के साथ एकजुटता दिखाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। पीएम मोदी ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को जमकर लताड़ा है। आतंक को समर्थन देने वालों को मिले सजा : पीएम मोदी पीएम मोदी ने इस मंच से पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर हमला बोलते हुए कहा, आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है। आतंक को शह और समर्थन देने वालों को सजा मिलनी चाहिए। कोई भी देश या संस्था इस खतरे से अलग नहीं रह सकता। मोदी ने कहा कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर किया गया हमला कायरता की निशानी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलता रहेगा और आतंक को जड़ से खत्म करने के लिए हर संभव कदम उठाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में पहलगाम में अमानवीय और कायराना आतंकी हमला हुआ. यह मानवता पर हमला था. ब्रिक्स में पीस एंड सिक्योरिटी एंड रिफॉर्म ऑफ ग्लोबल गवर्नेंस सत्र के दौरान पीएम मोदी ने शांति और भाईचारे के प्रति भारत की प्रतिबद्धता जताते हुए पड़ोसी मुल्क पर निशाना साधते हुए कहा कि दोहरे मापदंडों की कोई जगह नहीं है. अगर कोई देश आतंकवाद का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन करता है तो उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. आतंकियों पर प्रतिबंध लगाने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आतंकवाद का समर्थन या इसकी मौन सहमति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पीएम मोदी ने सभी देशों से इस पर निर्णायक फैसला लेने को कहा है. उन्होंने कहा कि भारत महात्मा गांधी और गौतम बुद्ध से प्रेरित होकर शांति के मार्ग पर आगे बढ़ता रहेगा. फिर चाहे परिस्थितियां कितनी भी मुश्किल हो, शांति मानवता के कल्याण के लिए सबसे बेहतरीन मार्ग रहेगा. ब्रिक्स देशों ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की इतना ही नहीं ब्रिक्स समिट में शामिल नेताओं ने भी कड़े शब्दों में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की. इस दौरान आतंकवाद के हर प्रारूप से निपटने, सीमापार आतंकवाद, आतंकवाद के वित्तपोषण और आतंकियों को पनाह देने से निपटने पर प्रतिबद्धता जताई. आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेस नीति बनाने और इसके लिए दोहरे मानदंड को खारिज किया जाना चाहिए. ब्रिक्स देशों ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए संयुक्त बयान जारी किया. इस बयान में कहा गया कि हम 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई लोग घायल हो गए. हम आतंकवाद के लिए जीरो टॉलरेंस अपनाने का आग्रह करते हैं और आतंकवाद से निपटने के लिए दोहरे मापदंडों को खारिज करने का आग्रह करते हैं.

आसिम मुनीर का ढोंग- पाकिस्तान का दोगलापन, कारगिल युद्ध में मारे गए जिस जवान का शव लेने से किया था इनकार

लाहौर  पाकिस्तान का दोहरा चेहरा एक बार फिर बेनकाब हुआ है। दरअसल, बात शनिवार की है, जब मुल्क के सेना प्रमुख आसिम मुनीर समेत कई बड़े अधिकारियों ने कैप्टन करनाल शेर खान शहीद को श्रद्धांजलि दी। खबरें हैं कि यह वही कैप्टन खान हैं, जिनका शव पाकिस्तान ने स्वीकार तक करने से इनकार कर दिया था। पाकिस्तानी सेना के प्रमुख कैप्टन खान को करगिल युद्ध के दौरान दिए गए योगदान को याद कर रहे थे। मुनीर समेत बड़े सैन्य अधिकारियों ने 26 वें शहीद दिवस पर कैप्टन खान को याद किया। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जब द्रास सब सेक्टर में टाइगर हिल में कैप्टन खान का शव मिला था, तो पाकिस्तान ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। खास बात है कि भारतीय दूतावास की एक पुरानी विज्ञप्ति से पता चला है कि पाकिस्तान ने करगिल की हिमाकत में मुल्क के नियमित सैनिकों के शामिल होने से इनकार किया था। इसके तहत ही पाकिस्तान ने भारत की तरफ से जानकारी दिए जाने के बाद भी खान को पहचानने से मना कर दिया था। रिपोर्ट में वॉशिंगटन में भारतीय दूतावास की तरफ से 15 जुलाई 1999 में जारी की गई विज्ञप्ति के हवाले से यह बात कही गई है। खबर है कि भारत ने 12 जुलाई को पाकिस्तान से संपर्क किया था और कहा था कि वह पाकिस्तान सेना को शव सौंपना चाहते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, दूतावास ने बयान दिया था, 'यह साफ है कि पाकिस्तान इन शवों की पहचान के बारे में जानता है, लेकिन वह इसे स्वीकार नहीं करना चाहता है। क्यों कि इससे उनकी सेना के करगिल में शामिल होने का पर्दाफाश हो जाएगा। ऐसा करने से वो अपने सैनिकों को परिवारों के प्रति और हर जगह सशस्त्र बलों की परंपराओं का अपमान कर रहे हैं।' कब माना पाकिस्तान खबर है कि 13 जुलाई को ICRC यानी इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रॉस ने भारत से संपर्क किया और कहा कि पाकिस्तान ने उनसे भारत से बातचीत करने का अनुरोध किया है, ताकि दो अधिकारियों के शव उन्हें सौंपे जा सकें। तब दूतावास ने बयान जारी किया था, 'पाकिस्तान के पास जानकारी होने के बाद भी उनकी तरफ से किए गए अनुरोध में दो अधिकारियों के नाम और पहचान नहीं बताए गए हैं। इसका कारण स्पष्ट है। पाकिस्तानी अधिकारियों को एहसास हो गया है कि अगर वो इन दो अधिकारियों की पहचान मान लेते हैं, तो उनका झूठ पकड़ा जाएगा कि पाकिस्तानी सेना करगिल में शामिल नहीं थी।' भारतीय सेना के अफसर की इंसानियत को सलाम  पाकिस्तान की सेना ने आज कैप्टन कर्नल शेर खान को उनकी 26वीं शहादत के मौके पर श्रद्धांजलि दी है। कैप्टन कर्नल शेर खान, पाकिस्तानी सेना के वही जवान हैं, जिनकी बहादुरी के कायल भारत के अधिकारी हो गये थे और पाकिस्तानी सेना से उन्हें सम्मानित करने की सिफारिश की थी। पाकिस्तान के फील्ड मार्शल सैयद असीम मुनीर, संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष, वायु सेना प्रमुख, नौसेना प्रमुख और पाकिस्तान के सशस्त्र बल कैप्टन कर्नल शेर खान शहीद को उनकी 26वीं शहादत के मौके पर श्रद्धांजलि दी है। भारतीय अधिकारी की सिफारिश पर उन्हें पाकिस्तानी सेना का सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-हैदर दिया गया था। पाकिस्तानी सेना के कैप्टन कर्नल शेर खान की वीरता को उस समय सम्मान मिला, जब भारतीय सेना के ब्रिगेडियर एम. पी. एस. बजवा ने खुद एक सिफारिश-पत्र उनके शव के साथ उनके कपड़ों की जेब में रखकर लौटाया था, ताकि पाकिस्तान सरकार को उनकी वीरता का पता चल सके कारगिल युद्ध में हार के बाद पाकिस्तान ने अपने मरे हुए सैनिकों को कारगिल की ही पहाड़ी पर छोड़ दिया था। युद्ध में मारे गये कैप्टन खान को भी शुरू में उनके देश ने छोड़ दिया था। क्योंकि पाकिस्तान शुरू में ये मानने के लिए तैयार नहीं था कि कारगिल में पाकिस्तानी सैनिक लड़ रहे हैं। लेकिन फिर पाकिस्तान ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान सेना के जवान ही कारगिल में लड़ रहे हैं, तो उसके बाद कर्नल शेर खान को निशान-ए-हैदर दिया गया। ब्रिगेडियर एम.पी.एस. बाजवा, जो उस वक्त 192 माउंटेन ब्रिगेड की कमान संभाल रहे थे, उन्होंने ही कर्नल शेर खान को सम्मानित करने की सिफारिश की थी। कारगिल युद्ध में टाइगर हिल की लड़ाई दिप्रिंट की एक रिपोर्ट में बात करते हुए ब्रिगेडियर बाजवा ने कहा था कि "उनकी ब्रिगेड को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण टाइगर हिल पर कब्जा करने का काम सौंपा गया था। उन्होंने यह जिम्मेदारी 18 ग्रेनेडियर्स को सौंपी, जो पहले टोलोलिंग की लड़ाई में शामिल थी और जिसमें लगभग 60 लोग हताहत हुए थे और 8वीं बटालियन सिख रेजिमेंट, जो पहले से ही टाइगर हिल के आस-पास के मजबूत बेस में थी, वो पहले की झड़पों में लगभग 25 लोग खो चुकी थी।" उन्होंने कहा कि "मैंने 18 ग्रेनेडियर्स को उनकी घातक प्लाटून और दक्षिण-पश्चिम और पूर्व की अन्य कंपनियों के साथ टाइगर हिल टॉप पर कब्ज़ा करने का काम सौंपा था। मैंने 8 सिख के कमांडिंग ऑफिसर को चेतावनी दी थी कि वे टाइगर हिल टॉप पर किसी भी तरह के जवाबी हमले को रोकने के लिए दक्षिण-पश्चिमी रिज लाइन पर दो अधिकारियों के साथ लगभग 50 कर्मियों को तैनात रखें।" 4 जुलाई 1999 को 18 ग्रेनेडियर्स के कैप्टन बलवान सिंह के नेतृत्व में घातक प्लाटून टाइगर हिल टॉप पर कब्जा करने में कामयाब रही, लेकिन लड़ाई उसके बाद भी जारी थी और 18 ग्रेनेडियर्स के अन्य सैनिकों को प्लाटून का समर्थन करने के लिए भेजा गया था। ब्रिगेडियर बाजवा ने कहा कि "इस बीच, दक्षिण-पश्चिमी रिज लाइन से संभावित जवाबी हमले की आशंका के चलते, मैंने 8 सिख रेजिमंट को, जिसमें 52 सैनिक थे, उन्हें कब्जा करने का आदेश दिया।" कर्नल शेर खान के लिए सम्मान की सिफारिश इस दौरान कैप्टन शेर खान, जिनकी पोस्टिंग कारगिल के टाइगर हिल और बटलिक सेक्टर के बीच थी, उन्होंने अपने आखिरी दम तक अदम्य साहस और नेतृत्व का परिचय दिया। जब भारतीय सेना ने उनकी चौकी पर कब्जा किया, तो पता चला कि वे आखिरी सांस तक अपने साथियों के साथ मोर्चे पर डटे रहे। इस वीरता ने ब्रिगेडियर बजवा के मन एक दुश्मन सैनिक के लिए सम्मान पैदा कर दिया और उन्होंने अपने 'दुश्मन' की बहादुरी को … Read more

NIA को मिली बड़ी सफलता, खालिस्तानी आतंकी हैप्पी पासिया लाया जा रहा भारत

नई दिल्ली राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को एक बड़ी कामयाबी मिली है. खालिस्तानी आतंकी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया को अमेरिका के सैक्रामेंटो में गिरफ्तार कर लिया गया है. उस पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था. सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय एजेंसियां जल्द ही उसे भारत लाने की प्रक्रिया पूरी कर रही हैं. हैप्पी पासिया को 17 अप्रैल को अमेरिका में एफबीआई और इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) की संयुक्त कार्रवाई में हिरासत में लिया गया था. वह अब दिल्ली हवाई अड्डे के रास्ते भारत लाया जा रहा है. हैप्पी पासिया पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के साथ मिलकर पंजाब में कई आतंकी वारदातों को अंजाम देने का आरोप है. पंजाब पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ लगातार खुफिया जानकारी साझा कर उसकी गतिविधियों पर नजर रखी थी. एनआईए ने चंडीगढ़ में सितंबर 2024 में हुए ग्रेनेड हमले के सिलसिले में उस पर 5 लाख रुपये का इनाम रखा था. यह हमला एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी के घर पर किया गया था. हैप्पी पासिया की आतंकी गतिविधियों का सिलसिला लंबा है. वह 2023 से 2025 के बीच पंजाब में 16 से अधिक आतंकी घटनाओं में शामिल रहा, जिनमें 14 ग्रेनेड हमले, एक IED विस्फोट और एक रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) हमला शामिल है. इनमें से कई हमले पुलिस स्टेशनों, धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक हस्तियों के घरों को निशाना बनाकर किए गए. कुछ प्रमुख घटनाएं 27 नवंबर, 2024: गुरबख्श नगर की बंद पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमला. 2 दिसंबर, 2024: SBS नगर के काठगढ़ थाने पर ग्रेनेड विस्फोट, जिसमें तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया गया. 4 दिसंबर, 2024: मजीठा थाने पर ग्रेनेड हमला, जिसे पुलिस ने टायर फटने की घटना बताने की कोशिश की. पूर्व विधायक बिक्रम मजीठिया ने इसे आतंकी हमला करार दिया. 13 दिसंबर, 2024: अलीवाल बटाला थाने पर ग्रेनेड विस्फोट, जिसकी जिम्मेदारी हैप्पी पासिया ने ली. 17 दिसंबर, 2024: इस्लामाबाद थाने पर ग्रेनेड हमला. शुरू में पुलिस ने इसे नकारा, लेकिन DGP पंजाब ने इसे आतंकी घटना माना. 16 जनवरी, 2025: जैंतीपुर गांव में शराब कारोबारी अमनदीप जैंतीपुरिया के घर पर ग्रेनेड हमला. 19 जनवरी, 2025: गुमटाला चौकी पर विस्फोट, जिसकी जिम्मेदारी BKI ने ली. 3 फरवरी, 2025: फतेहगढ़ चूड़ियां रोड पर बंद पुलिस चौकी पर लो-इंटेंसिटी विस्फोट. 14 फरवरी, 2025: डेरा बाबा नानक में पुलिसकर्मी के घर पर लो-इंटेंसिटी धमाका. 15 मार्च, 2025: ठाकुरद्वारा मंदिर पर हमला, जिसमें आरोपी गुरसिदक सिंह मुठभेड़ में मारा गया. अमृतसर का रहने वाला पासिया हैप्पी पासिया अमृतसर के पासिया गांव का रहने वाला है. उसने शुरू में जग्गू भगवानपुरिया गैंग के साथ काम किया और बाद में पाकिस्तान स्थित BKI आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा के साथ जुड़ गया. दोनों ने मिलकर पंजाब में आतंक और उगाही का नेटवर्क खड़ा किया, जिसमें शराब ठेकेदारों, कारोबारियों और हिंदू नेताओं को निशाना बनाया गया. सूत्रों के अनुसार हैप्पी पासिया ISI के शीर्ष अधिकारियों के संपर्क में था और खालिस्तानी समूहों से उसे पूरा समर्थन मिल रहा था. वह 2018 में दुबई गया, 2019 में भारत लौटा, फिर 2020 में यूके और 2021 में मेक्सिको के रास्ते अवैध रूप से अमेरिका पहुंचा. उसने बर्नर फोन और एन्क्रिप्टेड ऐप्स का इस्तेमाल कर अपनी गतिविधियों को छिपाया. NIA ने उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत चार्जशीट दाखिल की है.हैप्पी पासिया की गिरफ्तारी को पंजाब पुलिस ने ISI समर्थित आतंकी नेटवर्क के खिलाफ बड़ी सफलता बताया है. अब भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण प्रक्रिया तेजी से चल रही है. यह कदम भारत-अमेरिका आतंकवाद विरोधी सहयोग को और मजबूत करता है.

हूती ‘अपने कर्मों की भारी कीमत चुकाते रहेंगे, ‘यमन का अंजाम भी तेहरान जैसा ही होगा: नेतन्याहू

यरुशलम इजरायल ने यमन में हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले तीन प्रमुख बंदरगाहों- हुदैदाह, रस ईसा और सैफ- पर हवाई हमले किए हैं. इन हमलों से पहले इजरायली सेना ने इन क्षेत्रों के नागरिकों को तत्काल निकासी के आदेश जारी किए थे और हवाई हमलों की चेतावनी दी थी. इजरायल के रक्षा मंत्री इस्राइल काट्ज ने सोशल मीडिया पर हमलों की पुष्टि करते हुए बताया कि निशाना बनाए गए ठिकानों में एक पावर स्टेशन और 'गैलेक्सी लीडर' नामक एक कमर्शियल शिप भी शामिल है. दो साल पहले इस जहाज को हूती विद्रोहियों ने अपने कब्जे में ले लिया था. इजरायल की मानें तो इसका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्गों पर जहाजों की निगरानी के लिए किया जा रहा था. 'अपने कर्मों की कीमत चुकाते रहेंगे हूती' हूती-नियंत्रित यमन की मीडिया ने पुष्टि की है कि हवाई हमले हुदैदाह बंदरगाह पर हुए, लेकिन क्षति या हताहतों की कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है. इस्राइल काट्ज ने बताया कि यह कार्रवाई 'ऑपरेशन ब्लैक फ्लैग' का हिस्सा है और चेतावनी दी कि हूती 'अपने कर्मों की भारी कीमत चुकाते रहेंगे.' उन्होंने एक्स पर कहा, 'यमन का अंजाम भी तेहरान जैसा ही होगा. जो भी इजरायल को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, उसे जवाब मिलेगा. जो इजरायल पर हाथ उठाएगा, उसका हाथ काट दिया जाएगा.' 'इजरायली नागरिकों पर हमलों के जवाब में की कार्रवाई'   इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से ईरान समर्थित हूती विद्रोही गाजा के फिलिस्तीनियों के समर्थन में इजरायल पर लगातार मिसाइल हमले कर रहे हैं और लाल सागर में कमर्शियल जहाजों को निशाना बना रहे हैं. इजरायली वायु सेना ने बयान में कहा कि यह ताजा हवाई हमला 'हूतियों की ओर से इजरायल और उसके नागरिकों पर बार-बार किए गए हमलों' की प्रतिक्रिया में किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि हमलों में वे बंदरगाह टारगेट किए गए हैं जिनका इस्तेमाल 'ईरानी शासन से हथियारों की सप्लाई और आतंकवादी साजिशों को अंजाम देने' के लिए किया जा रहा था. जहाज गैलेक्सी लीडर को हूतियों से मुक्‍त कराएगा इजरायल इजरायल ने यमन के हूती नियंत्रित क्षेत्रों में तीन बंदरगाहों और एक बिजली संयंत्र पर हमले किए हैं। इजरायली रक्षा मंत्री ने बताया है कि उनकी आर्मी ने कार्गो जहाज गैलेक्सी लीडर को भी टारगेट किया है। हूतियों ने 2023 में लाल सागर में गैलेक्सी लीडर नाम के जहाज को उस वक्त हाईजैक कर लिया था, जब वह भारत की ओर आ रहा था। इजरायल का कहना है कि गैलेक्सी लीडर पर हूतियों ने रडार सिस्टम लगा रखा है और इसका इस्तेमाल समुद्री जहाजों की निगरानी के लिए हो रहा है। हालांकि इजरायल ने ये साफ नहीं किया है कि हमलों में जहाज को कितना नुकसान हुआ है या वह इसे छुड़ाने की कोशिश कर रहे हैं। अक्टूबर, 2023 में गाजा में इजरायल के हमलों के खिलाफ हूतियों ने लाल सागर में हमले शुरू किए थे। हूतियों ने नवंबर, 2023 में तुर्की के कोरफेज से भारत के पिपावाव की ओर आ रहे गैलेक्सी लीडर पर हमला करते हुए इसे अपने नियंत्रण में ले लिया था। इसके बाद हूती इस जहाज को यमन के तट पर ले गए थे। बीते 20 महीने ये यह जहाज हूतियों के नियंत्रण में है। ब्रिटिश कंपनी का है जहाज बहामास के झंडे वाला कार्गो जहाज गैलेक्सी लीडर सीधे इजरायलियों के स्वामित्व या संचालन में नहीं था। यह इजरायली नागरिक रामी उंगर की हिस्सादारी वाली ब्रिटिश कंपनी से एक जापानी कंपनी को पट्टे पर दिया गया था। यह जहाज यूके-पंजीकृत कंपनी रेकार कैरियर्स के स्वामित्व में था। इस कंपनी में इजरायली नागरिकों की हिस्सेदारी के चलते इसे निशाना बनाया गया। गैलेक्सी लीडर पर जिस दिन हमला किया गया, वह तुर्की के बंदरगाह से निकलकर भारत की ओर चला था। जहाज पर यूक्रेनियन, बुल्गारियाई, फिलिपिनो और मैक्सिकन सहित विभिन्न राष्ट्रीयताओं के 25 चालक दल के सदस्य सवार थे। इस जहाज पर कोई भी इजरायली नागरिक नहीं था लेकिन हूतियों ने सभी क्रू सदस्यों को बंधक बना लिया था। 14 महीने बाद हुई क्रू की रिहाई हूतियों ने जहाज को अगवा करने के करीब 14 महीने बाद इसी साल जनवरी में चालक दल को रिहा किया था। यह रिहाई गाजा में इस साल के शुरू में हुए युद्धविराम समझौते के समर्थन में की गई थी। गाजा में इस साल के शुरू में हुए सीजफायर के बाद हूतियों ने क्रू को छोड़ दिया था लेकिन जहाज को अपने कब्जे में रखा है। इजरायल ने ये भी कहा है कि यमन में हालिया हमले तब शुरू किए गए, जब रविवार को लाइबेरिया के झंडे वाला एक जहाज लाल सागर में हमले का शिकार हुआ। हमले के बाद इसमें आग लग गई, जिससे चालक दल को जहाज छोड़ना पड़ा। हूतियों ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन इजरायल ने यमन में हमले किए हैं।

भारत रत्न से सम्मानित होंगे तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा, चीन को फिर लगेगी मिर्ची

 नई दिल्ली  तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा इन दिनों लगातार चर्चा में हैं। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में 90वां जन्मदिन मनाते हुए दलाई लामा ने अपने उत्तराधिकारी पर बड़ा एलान कर दिया, जिसके बाद चीन की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आना स्वाभाविक था। वहीं, अब दलाई लामा को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देने की तैयारी हो रही है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सांसदों के ऑल पार्टी फोरम ने दलाई लामा को भारत रत्न देने का सुझाव दिया है। यही नहीं, 80 सांसदों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं। इसे जल्द ही प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के पास भेजा जा सकता है। सांसद फोरम ने CTA से की मुलाकात तिब्बत पर बनी सर्वदलीय भारतीय संसदीय मंच (All Party Indian Parliamentary Forum on Tibet) ने संयोजक भर्तृहरि महताब की अगवाई में कई बार केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (CTA) से मुलाकात की है। वहीं, राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार भी इस पहले में अहम भूमिका निभा रहे हैं। सुजीत कुमार ने इकोनॉमिक टाइम्स से बातचीत के दौरान कहा-     80 सांसदों ने एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। अभी 20 अन्य सांसदों के साइन करवाना बाकी है। 100 सांसदों के हस्ताक्षर होने के बाद इस प्रस्ताव को जमा किया जाएगा। चीन को दिया करारा जवाब दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर चीन की टिप्पणी का जवाब देते हुए सुजीत कुमार ने कहा कि चीन को दलाई लामा का उत्तराधिकारी चुनने का कोई अधिकार नहीं है। फोरम ने तिब्बत का मुद्दा अलग-अलग मंचों पर उठाने का फैसला किया है। संसद में भी इसपर बात की जाएगी। उत्तराधिकारी पर चीन की बढ़ी चिंता बता दें कि 2 जुलाई को दलाई लामा ने अपने उत्तराधिकारी की घोषणा करते हुए यह अधिकार गादेन फोडरंग ट्र्स्ट को सौंपा है, जिसकी स्थापना खुद दलाई लामा ने की थी। मगर, चीन ने उनके इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। चीन का कहना है कि दलाई लामा का उत्तराधिकारी चुनना उनका आंतरिक मामला है और यह फैसला चीन की सरकार करेगी। अखबार से बातचीत में फोरम के पूर्व संयोजक और राज्यसभा सांसद सुजित कुमार ने कहा कि समूह दलाई लामा के लिए भारत रत्न की मांग कर रहा है। उन्होंने जानकारी दी, 'इसकी मांग कर रहे मेमोरेंडम पर 80 से ज्यादा सांसदों से हस्ताक्षर मिल गए हैं और जैसे ही 100 सांसदों के दस्तखत मिल जाएंगे, तो इसे जमा कर दिया जाएगा।' उन्होंने यह भी कहा है कि दलाई लामा का उत्तराधिकारी चुनने में चीन की कोई भूमिका नहीं है। साथ ही फोरम ने संसद समेत कई मंचों पर तिब्बत से जुड़े मुद्दे उठाने का फैसला किया है। खास बात है कि इस फोरम के 6 सांसद दिसंबर 2021 में हुई निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में शामिल हुए थे। खबर है कि तब चीनी दूतावास ने सांसदों को पत्र लिखा था, जिसमें तिब्बती ताकतों को समर्थन देने से बचने की बात कही गई थी। कौन चुनेगा उत्तराधिकारी तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने बुधवार को कहा था कि दलाई लामा संस्था जारी रहेगी और केवल ‘गादेन फोडरंग ट्रस्ट’ को ही उनके उत्तराधिकारी को मान्यता देने का अधिकार होगा। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने गुरुवार को कहा कि अगले दलाई लामा पर फैसला सिर्फ स्थापित संस्था और दलाई लामा लेंगे। उन्होंने कहा कि इस फैसले में कोई और शामिल नहीं होगा। चीन को लगी मिर्ची चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने रीजीजू की टिप्पणियों को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए यहां प्रेस वार्ता में कहा कि भारत को 14वें दलाई लामा की चीन विरोधी अलगाववादी प्रकृति के प्रति स्पष्ट होना चाहिए और 'शिजांग' (तिब्बत) से संबंधित मुद्दों पर अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करना चाहिए। चीन तिब्बत का उल्लेख 'शिजांग' के नाम से करता है। माओ ने कहा कि भारत को अपने शब्दों और कार्यों में सावधानी बरतनी चाहिए, शिजांग से संबंधित मुद्दों पर चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करना चाहिए और चीन-भारत संबंधों के सुधार और विकास को प्रभावित करने वाले मुद्दों से बचना चाहिए। माओ ने चीन के इस रुख को दोहराया कि दलाई लामा और तिब्बती बौद्ध धर्म के दूसरे सबसे बड़े धर्म गुरु 'पंचेन लामा' के उत्तराधिकारी के लिए घरेलू प्रक्रिया, ‘स्वर्ण कलश’ से निकाले गए भाग्य पत्र और केंद्र सरकार की मंजूरी के अनुरूप कठोर धार्मिक अनुष्ठानों और ऐतिहासिक परंपराओं के अनुसार होना चाहिए।