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अवैध हथियारों पर मणिपुर पुलिस का शिकंजा, बड़ी संख्या में बरामदी

इंफाल मणिपुर में सुरक्षा बलों और पुलिस की टीम को अलग-अलग अभियानों में बड़ी कामयाबी मिली है। सुरक्षा बलों और पुलिस ने संयुक्त रूप से चलाए गए अभियान के दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद समेत संदिग्ध पदार्थ बरामद किया है। इसके अलावा, अलग-अलग मामलों में कई लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है। मणिपुर पुलिस के अनुसार, बिष्णुपुर जिले के मोइरांग पुलिस स्टेशन के अंतर्गत उयुंगमाखोंग क्षेत्र में 9 जुलाई को सुरक्षा बलों ने तलाशी और क्षेत्र नियंत्रण अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान एक एके-56 राइफल (खाली मैगजीन के साथ), एक .303 राइफल (खाली मैगजीन के साथ), एक डबल बैरल बंदूक (डीबीबीएल), .303 की 10 जिंदा गोलियां और 7.62 मिमी की 10 जिंदा गोलियां बरामद की गई हैं। इसके अलावा, फौगाकचाओ इकाई पुलिस स्टेशन के अंतर्गत दोपकोन और नगानुकोन गांवों के बीच के क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने 9 जुलाई को तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान एक .303 लाइट मशीन गन (एलएमजी), दो सिंगल बैरल बंदूकें, एक .303 खाली मैगजीन, 12 बोर के सात जिंदा कारतूस और चार आईईडी को बरामद किया है, जिनका वजन लगभग 3.9 किलोग्राम था। मणिपुर पुलिस ने बताया कि पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने हेरोइन और ब्राउन शुगर को बरामद किया है। मणिपुर पुलिस के मुताबिक, 9 जुलाई को मणिपुर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने तुपुल पुल पर चुराचांदपुर से कांगपोकपी की ओर आ रहे एक चार-पहिया वाहन को रोका। वाहन की तलाशी में 196 साबुन के डिब्बों में संदिग्ध हेरोइन और ब्राउन शुगर को बरामद किया है, जिसका वजन 2.193 किलोग्राम था। वाहन में सवार गिनमिनलेन हाओकिप (24 वर्षीय) और होलमिनलेन खोंगसाई (30 वर्षीय) को गिरफ्तार किया है। फिलहाल मामले में आगे की जांच जारी है। इससे पहले, 4 जुलाई को मणिपुर पुलिस, असम राइफल्स, भारतीय सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की संयुक्त टीमों ने मणिपुर के चार पहाड़ी जिलों में व्यापक तलाशी अभियान चलाया था। इस अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटकों को बरामद किया था।  

मुंबई में बड़ा ड्रग्स केस, 2.5 करोड़ की हेरोइन के साथ इंजीनियर पकड़ा गया

मुंबई मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए शहर में सक्रिय दो अलग-अलग ड्रग रैकेट्स का भंडाफोड़ किया है। क्राइम ब्रांच की इस कार्रवाई में कुल 2.5 करोड़ रुपए की नशीली दवाएं बरामद की गई हैं, जिसमें एमडी, चरस और हेरोइन शामिल हैं। एक इंजीनियर समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक्स सेल (एएनसी) की आजाद मैदान यूनिट ने पहले अभियान में अंधेरी के लोखंडवाला इलाके में रहने वाले एक इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियर एस खान (40) को गिरफ्तार किया। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि खान अपने फ्लैट से ड्रग्स बेचता है। इसी सूचना के आधार पर छापेमारी की गई, जिसमें उसके घर से 1.25 करोड़ रुपये मूल्य की एमडी ड्रग्स और चरस तथा 18 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। जांच में यह सामने आया कि एस. खान पिछले चार वर्षों से अपने फ्लैट को ड्रग्स की तस्करी का अड्डा बनाए हुए था। एएनसी अब यह पता लगाने में जुटी है कि खान यह नशीली सामग्री कहां से मंगवाता था और उसके पीछे कौन-कौन लोग जुड़े हैं। एएनसी की कांदिवली यूनिट ने दूसरे अभियान में अंधेरी के वर्सोवा जेट्टी इलाके में जाल बिछाकर फैजान इरफान गौड़ (31) को गिरफ्तार किया। गौड़ के पास से 306 ग्राम हेरोइन बरामद की गई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 1.22 करोड़ रुपये आंकी गई है। पुलिस ने गौड़ के मोबाइल फोन को भी जब्त कर लिया है और उसकी कॉल डिटेल्स व सोशल मीडिया चैट्स की जांच की जा रही है। शुरुआती जांच में यह संकेत मिले हैं कि आरोपी एक अंतरराज्यीय ड्रग नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। पुलिस अब इस नेटवर्क के मुख्य सप्लायर तक पहुंचने की कोशिश में लगी है। इससे पहले, 20 जून को मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल (एएनसी) की घाटकोपर यूनिट ने तीन ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया था। तस्करों के कब्जे से 1.18 किलोग्राम मेथमफेटामाइन (एमडी) ड्रग्स बरामद की गई थी, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 2.03 करोड़ रुपए से अधिक आंकी गई थी। मुंबई पुलिस की ड्रग तस्करी के खिलाफ कार्रवाई निरंतर जारी है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस तरह की गतिविधियों की सूचना तुरंत दें ताकि शहर को सुरक्षित बनाया जा सके।  

सुब्बा रेड्डी के खिलाफ ईडी का शिकंजा, बेंगलुरु में पांच जगहों पर एक साथ कार्रवाई

बेंगलुरु प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कर्नाटक के विधायक एसएन सुब्बा रेड्डी और उनके परिजनों के खिलाफ विदेशी संपत्तियों को कथित तौर पर छुपाने को लेकर जांच शुरू कर दी है। फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (एफईएमए) की धारा 37 के तहत ईडी ने बेंगलुरु के 5 अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की। विधायक सुब्बा रेड्डी के आवास, उनके व्यावसायिक प्रतिष्ठान और करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर ईडी तलाशी अभियान चला रही है। यह छापेमारी कथित तौर पर उनके और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा विदेशों में अघोषित संपत्ति रखने और अवैध निवेश के आरोपों के आधार पर की जा रही है। ईडी के मुताबिक, एसएन सुब्बा रेड्डी और उनके परिजनों पर विदेशी खातों में भारी राशि जमा कराने समेत मलेशिया, हांगकांग और जर्मनी में अचल संपत्तियों में निवेश करने के आरोप हैं। कथित तौर पर इन संपत्तियों और निवेशों को भारतीय अधिकारियों से छुपाया गया, जो फेमा कानून का स्पष्ट उल्लंघन है। ईडी उनकी अवैध विदेशी संपत्ति की जांच कर रही है। कर्नाटक के अलावा, हरियाणा में भी ईडी की टीमें सक्रिय हैं। ईडी ने हरियाणा में प्रोबो ऐप संचालित करने वाली कंपनी पर शिकंजा कसते हुए 284 करोड़ रुपए की संपत्ति फ्रीज कर दी है। गुरुग्राम और जिंद में ईडी ने प्रोबो मीडिया टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड और इसके प्रमोटर्स सचिन सुभाषचंद्र गुप्ता और आशीष गर्ग के ठिकानों पर छापेमारी की। पीएमएलए के तहत यह कार्रवाई की गई। ईडी की जांच का मुख्य उद्देश्य कंपनी की ऐप और वेबसाइट प्रोबो के माध्यम से पूरे भारत में चल रही अवैध सट्टेबाजी और जुए की गतिविधियों पर अंकुश लगाना है। बता दें कि प्रोबो ऐप और वेबसाइट को ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के रूप में पेश किया जाता है, लेकिन वास्तव में यह लोगों को ‘हां या ना’ जैसे सवालों पर पैसे लगाने के लिए प्रेरित करता है, जो जुए और सट्टेबाजी का एक रूप है। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें साधारण सवालों के जवाब देकर पैसे कमाने का प्रलोभन दिया गया, लेकिन यह वास्तव में एक सट्टेबाजी योजना थी। इस स्कीम में लोग अधिक मुनाफे की उम्मीद में बार-बार पैसे लगाते रहे और अंततः अपनी रकम गंवा बैठे।  

महाराष्ट्र के हिंगोली में चिंता बढ़ाने वाला खुलासा, हजारों महिलाओं में दिखे कैंसर के संकेत,स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप

 हिंगोली  महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में 14,500 महिलाओं में कैंसर जैसे लक्षण पाए गए हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबितकर ने गुरुवार को विधानसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की संजीवनी स्कीम के तहत स्क्रीनिंग के दौरान इन महिलाओं के बारे में यह जानकारी मिली। प्रकाश आबितकर ने अपने एक लिखित जवाब में विधानसभा में बताया कि 8 मार्च को महिला दिवस से सर्वे की शुरुआत की गई थी। इसके तहत कुल 2,92,996 महिलाओं के बीच जाकर सर्वे किया गया। इस सर्वे के दौरान महिलाओं से कुछ सवाल पूछे गए, जिनके उन्होंने जवाब दिया। इन जवाबों के आधार पर ही यह पता चला है कि करीब 14,500 महिलाओं में कैंसर जैसे लक्षण हैं। उन्होंने कहा, 'कुल 14,542 महिलाओं में से तीन को गर्भाशय का कैंसर पाया गया है। इसके अलावा एक महिला को स्तन कैंसर है और 8 को माउथ कैंसर है। यह जानकारी जिला कलेक्टर की ओर से कैंसर को लेकर चलाए गए जागरूकता अभियान में सामने आई है। यह अभियान इसलिए चलाया गया है ताकि कैंसर की जानकारी शुरुआती स्टेज में ही पता चल सके और फिर उन लोगों का इलाज कराया जा सके।' हालांकि स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि महिलाओं के लिए अलग से किसी कैंसर अस्पताल के निर्माण का प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने यह जरूर कहा कि ग्रामीण इलाकों में स्क्रीनिंग की व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा ताकि पता चल सके कि महिलाओं में कैंसर की क्या स्थिति है। जिला अस्पतालों में भी इसकी जांच की सुविधा दी जा रही है। इसके लिए टाटा मेमोरियल अस्पताल से करार हुआ है। टाटा मेमोरियल अस्पताल की ओर से एक टीम महीने में दो बार अस्पतालों में जाएगी और वहां कैंप लगाकर जांच करेगी। यही नहीं निचले स्तर पर जांच के लिए कैंसर योद्धाओं को ट्रेनिंग भी टीम की ओर से दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य के 8 जिला अस्पतालों में डे-केयर कीमोथेरेपी सेंटर भी शुरू किए गए हैं। इसके अलावा ऐसे सेंटर्स को राज्य के अन्य जिलों में भी स्थापित करने की तैयारी है।

गुलामी की प्रतीक संरचना हटाई गई, सीएम फडणवीस ने किया सिंदूर ब्रिज का लोकार्पण

मुंबई महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को मुंबई में ‘सिंदूर ब्रिज’ का उद्घाटन किया। यह ब्रिज पहले कार्नैक ब्रिज के नाम से जाना जाता था। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा भी मौजूद थे। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने ‘सिंदूर ब्रिज’ के उद्घाटन के बाद मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, “आज बहुत खुशी की बात है कि मुंबई में ‘सिंदूर ब्रिज’ का उद्घाटन हो रहा है। हम सभी जानते हैं कि पुराना कार्नैक ब्रिज बहुत जर्जर हालत में था, इसलिए उसे तोड़ दिया गया था और उसकी जगह एक नया ब्रिज बनाया गया है।” उन्होंने कहा, “कार्नैक ब्रिज का नाम सिंदूर ब्रिज इसलिए किया गया क्योंकि ये ब्रिटिश गवर्नर के नाम पर पड़ा था, जिन्होंने हिंदुस्तानियों पर बहुत अत्याचार किया था, खासकर सतारा के प्रताप सिंह राजे और नागपुर के उद्धव राजे को अलग-अलग षड्यंत्र में फंसाने का प्रयास किया। इतना ही नहीं, कई लोगों को जान से मारने का काम उन्होंने किया, इसलिए हमने अत्याचारी गवर्नर का नाम बदलकर सिंदूर का नाम देने का निर्णय लिया। हम सभी जानते हैं कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतवासियों के मन में बसा हुआ है। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पहली बार अपनी ताकत को दिखाया और पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को खत्म करने का काम किया।” सीएम देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री के बयान का जिक्र करते हुए कहा, “पीएम मोदी ने बार-बार यह कहा है कि स्वतंत्रता के अमृतकाल में गुलामियों की निशानी को मिटाकर हमें अपनी निशानियों को तरजीह देनी है। इसी सिलसिले को जारी रखते हुए ये निर्णय लिया गया है।” बता दें कि यह पुल दक्षिण मुंबई के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ता है। इस ब्रिज का नाम बंबई प्रांत के पूर्व गवर्नर जेम्स रिवेट कार्नैक के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने 1839 से 1841 तक इस पद पर कार्य किया था। अब इस पुल का नाम बदलकर (ऑपरेशन सिंदूर पर) ‘सिंदूर ब्रिज’ कर दिया गया है।  

शांति वार्ता के बीच रूस का वार, कीव पर मिसाइल और ड्रोन से हमला

ब्लूमबर्ग इटली की राजधानी रोम में जब विश्व के नेता यूक्रेन के युद्ध के बाद पुनर्निर्माण को लेकर चर्चा करने इकट्ठा हुए, उसी वक्त रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव समेत कई इलाकों पर भीषण हवाई हमला कर दिया। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बताया कि लगभग 400 ड्रोन और 18 मिसाइलें दागीं गईं, जिनमें बैलिस्टिक मिसाइलें भी शामिल थीं। हमले में दो लोगों की मौत हो गई और 16 घायल हुए। ज़ेलेंस्की ने इस हमले को “रूस की ओर से आतंकवाद की स्पष्ट बढ़ोतरी” बताया। यह हमला करीब 10 घंटे तक चला और लगातार दूसरी रात रूस की ओर से हमला किया गया। यह हमला दर्शाता है कि रूस फिलहाल युद्धविराम की बात करने के मूड में नहीं है। ट्रंप ने की पुतिन की आलोचना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आलोचना करते हुए कहा कि “वह बहुत ज्यादा लोगों की जान ले रहा है” और इसी कारण अमेरिका यूक्रेन को फिर से हथियार भेजेगा। ट्रंप ने यह बयान ऐसे समय दिया है जब वह लगातार युद्ध रोकने की कोशिश कर रहे हैं। 20 जनवरी को राष्ट्रपति बनने के बाद से वो करीब 6 नाकाम कोशिशें कर चुके हैं। रोम सम्मेलन का एजेंडा रोम में चल रहे चौथे यूक्रेन पुनर्निर्माण सम्मेलन में अब चर्चा का केंद्र ‘पुनर्निर्माण कैसे हो’ नहीं, बल्कि ‘यूक्रेन को जिंदा कैसे रखा जाए’ रहा। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने सम्मेलन की मेजबानी की, मेलोनी को ट्रंप की करीबी माना जाता है। उनके साथ फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, और अमेरिकी विशेष दूत कीथ केलीग भी हिस्सा ले रहे हैं। यूक्रेन के लिए 100 अरब यूरो का फंड यूरोपीय संघ अब यूक्रेन के लिए 100 अरब यूरो (लगभग ₹9 लाख करोड़) का विशेष सहायता फंड बनाने पर विचार कर रहा है, जिसे 2028 से लागू किया जा सकता है। यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस श्मिहाल ने बताया कि 2026 तक देश को $40 अरब से ज्यादा के बजट घाटे का सामना करना होगा, जिसे बाहरी मदद से ही पूरा किया जा सकता है। रूस पर अमेरिका की सख्ती अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच कुआलालंपुर में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की बैठक के दौरान बातचीत तय है। दूसरी तरफ अमेरिकी संसद में इस महीने रूस पर नई सख्त पाबंदियां लगाने के लिए वोटिंग हो सकती है। जेलेंस्की ने भी अमेरिका से रूस पर कड़े प्रतिबंधों की मांग की है।  

फिलिस्तीन की अर्थव्यवस्था विदेशी नोटों पर निर्भर, खुद की मुद्रा नहीं

तेल अवीव फिलिस्तीन बीते 77 सालों से जंग का मैदान बना हुआ है। 7 अक्तूबर 2027 से तो फिलिस्तीन के एक हिस्से गाजा पर इजरायल के जोरदार हमले जारी हैं और यह इलाका लगभग बर्बाद हो चुका है। इसके अलावा फिलिस्तीन के ही एक हिस्से वेस्ट बैंक की भी हालत खराब है। यही नहीं फिलिस्तीन दुनिया का ऐसा मुल्क है, जिसके पास अपनी कोई करेंसी तक नहीं है। यह स्थिति आज से नहीं है बल्कि 70 सालों से अधिक समय से बनी हुई है। फिलहाल फिलिस्तीन की कोई करेंसी नहीं है और उसका कामकाज इजरायल समेत तीन देशों के नोटों से चलता है। शेयर बाजार, अर्थव्यवस्था, केंद्रीय बैंक जैसी कोई व्यवस्था फिलिस्तीन के पास नहीं है। हालांकि फिलिस्तीन मौद्रिक प्राधिकरण उसके आर्थिक मामलों को देखता है। यह 1994 में स्थापित किया गया था और इसका मुख्यालय रामल्ला में है। इसी साल यानी 1994 में ही तय पेरिस प्रोटोकॉल के तहत फिलिस्तीन के पास अपनी कोई मुद्रा जारी करने का अधिकार नहीं है। इस तरह फिलिस्तीन में इजरायली करेंसी शेकेल का इस्तेमाल होता है। इसके अलावा अमेरिकी डॉलर और जॉर्डन की करेंसी दीनार का भी यहां इस्तेमाल होता है। खासतौर पर गाजा इलाके में तो इजरायल की करेंसी ही प्रयोग की जाती है। इसके अलावा वेस्ट बैंक में जॉर्डन का दीनार चलता है। अब अमेरिकी डॉलर की बात करें तो इसका इस्तेमाल विदेशी चीजों के आयात में होता है। इसका मैनेजमेंट और भंडारण का काम PMA यानी फिलिस्तीन मौद्रिक प्राधिकरण के पास है। दरअसल 1918 तक फिलिस्तीन पर ऑटोमन साम्राज्य का शासन चलता था। इसके बाद यह ब्रिटिश शासन के अधीन गया तो फिलिस्तीन पाउंड शुरू किया गया। यह 1 नवंबर 1927 से 14 मई, 1948 तक चला। इजरायल भी 1948 में ही अस्तित्व में आया था। उसके गठन के बाद फिलिस्तीन और इजरायल की एक साझा करेंसी 1952 तक रही। फिर फिलिस्तीन की करेंसी को समाप्त कर दिया गया। इसके अलावा इजरायली करेंसी को मान्यता है और उसे कई देश स्वीकार करते हैं।  

घरेलू विवाद में हिंसक वारदात, ओडिशा में पति ने की पत्नी और लिव-इन पार्टनर पर निर्मम क्रूरता

जाजपुर ओडिशा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। आरोप हैं कि एक शख्स ने अलग रह रही पत्नी और उसके लिव इन पार्टनर पर जानलेवा हमला किया है। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपी की तलाश जारी है। खबर है कि एक ओर जहां महिला का गला रेता गया है। वहीं, उनके साथी के गुप्तांगों को काट दिया।  घटना राज्य के जाजपुर में मालाहाट गांव की है। रिपोर्ट में पुलिस को हवाले से बताया गया है कि आरोपी की पहचान मनोज कुमार मोहंती के रूप में हुई है। जरादा गांव के मनोज ने अलग रह रही पत्नी और उसके साथी प्रशांत नाथ पर हमला कर दिया था। इसमें दोनों को गंभीर चोट आई हैं। पुलिस का कहना है कि महिला का गला रेता गया है और उसके साथी के गुप्तांगों पर धारदार हथियार चलाए गए हैं। क्या था मामला रिपोर्ट के अनुसार, महिला करीब एक साल पहले ससुराल कथित तौर पर छोड़कर आ गई थी और प्रशांत के साथ रह रही थी। इसके चलते ही महिला का विवाद पहले पति के परिवार के साथ हुआ। महिला का दावा है कि पति उसके साथ मारपीट करता था और महीनों तक सहन करने के बाद वह घर से भाग निकली। रिपोर्ट के अनुसार, महिला ने बताया है कि उसे और प्रशांत को मालाहाट के पास परिवार से सुलह करने के नाम पर बुलाया गया था। महिला का दावा है कि उनपर हमला कर दिया गया। उन्होंने बताया, 'उन लोगों ने हमें मालाहाट के पास साथीपुर पुल पर बुलाया। हमारे पहुंचने के साथ ही मेरे देवर और ससुर ने हमें बांध दिया। उन लोगों हमारी गर्दन काट दी और नीचे पटक दिया।' खबर है कि स्थानीय लोगों ने शोर सुनकर और घायल दंपति को देखकर बचाया और अस्पताल पहुंचाया।

छात्राओं के साथ अमानवीय व्यवहार, पीरियड चेक के नाम पर प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप

प्रिसिंपल ने पीरियड चेक करने के लिए नाबालिग छात्राओं के उतरवाए कपड़े, स्कूल में बवाल  स्कूल में शर्मनाक हरकत: पीरियड चेक करने के नाम पर छात्राओं से कपड़े उतरवाए, प्रिंसिपल पर आरोप नाबालिग छात्राओं के कपड़े उतरवाने का आरोप, स्कूल में पीरियड जांच को लेकर मचा बवाल छात्राओं के साथ अमानवीय व्यवहार, पीरियड चेक के नाम पर प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप मुंबई  महाराष्ट्र के एक स्कूल से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां कक्षा 5 से 10 तक की नाबालिग लड़कियों को कथित तौर पर कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया. शिक्षिकाओं ने छात्राओं की जांच की कि कहीं वे मासिक धर्म से तो नहीं गुज़र रही हैं. स्कूल में हुई छात्रों के साथ इस घटना के बाद अभिभावकों में गुस्सा है. स्कूल के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करा दी गई है. यह घटना मंगलवार को हुई जब प्रिंसिपल ने कई छात्राओं, जिनमें ज़्यादातर कक्षा 5 से 10 की छात्राएं थीं. छात्राओं को स्कूल हॉल में बुलाया और उन्हें बाथरूम के फर्श पर मिले खून के धब्बों की तस्वीरें दिखाईं, बताया जा रहा है कि ये तस्वीरें हाउसकीपिंग स्टाफ़ ने ली थीं. महाराष्ट्र पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल और एक चपरासी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य के खिलाफ मामला चल रहा है." इसके बाद प्रिंसिपल ने छात्राओं को दो समूहों में बांटने का आदेश दिया. एक वे जो मासिक धर्म से गुज़र रही थीं और दूसरी वे जो नहीं थीं. एक महिला चपरासी को 10 से 12 साल की कुछ लड़कियों की जांच करने के लिए कहा गया, जिन्होंने कहा कि उन्हें मासिक धर्म नहीं हो रहा है. जांच के दौरान चपरासी ने उनके अंतर्वस्त्रों को छुआ और एक लड़की को सैनिटरी नैपकिन इस्तेमाल करते हुए पाया, लेकिन वह उन लड़कियों के समूह में शामिल थी जिन्होंने कहा कि उन्हें मासिक धर्म नहीं हो रहा है. इसके बाद, प्रिंसिपल ने उसे अन्य छात्राओं और कर्मचारियों के सामने डांटकर अपमानित किया. पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज अपने बच्चों से घटना के बारे में जानने के बाद, गुस्साए अभिभावक स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिए जमा हो गए. बुधवार को उन्होंने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत स्कूल के प्रिंसिपल, एक चपरासी, दो शिक्षकों और दो ट्रस्टियों सहित छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. स्कूल के प्रिंसिपल और चपरासी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि पुलिस अन्य चार की जांच कर रही है.

उत्तराखंड में विवाह और लिव-इन को लेकर मची खलबली, 2 लाख शादियों के पीछे क्या है राज?

देहरादून  उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत 27 जुलाई, 2025 को समाप्त होने वाली छह महीने के पंजीकरण की समयसीमा खत्म होने जा रही है. ऐसे में शादी, तलाक और लिव इन रिलेशनशिप के पंजीकरण को लेकर हड़बड़ी मची है. राज्य में 27 जनवरी को लागू हुए यूसीसी के तहत 26 मार्च, 2010 से लेकर यूसीसी लागू होने तक की सभी शादियां, तलाक और लिव इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य कर दिया है. इस कानून का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करना है, जिसमें लैंगिक समानता, बहुविवाह पर रोक और लिव- रिलेशनशिप में पारदर्शिता जैसे प्रावधान शामिल हैं. सूत्रों का कहना है कि 27 जनवरी को यूसीसी लागू होने के बाद से अब तक दो लाख से अधिक शादियां और 90 लिव इन रिलेशनशिप के आवेदनों का पंजीकरण हो चुका है. कानून कहता है कि 26 मार्च, 2010 से लेकर यूसीसी के लागू होने तक के सभी विवाह, तलाक और लिव इन रिलेशनशिप को यूसीसी के लागू होने के छह महीने के भीतर पंजीकृत करना अनिवार्य है. लिव इन रिलेशनशिप को रजिस्टर्ड कराने में लोग अभी भी ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इस प्रावधान को उत्तराखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. इस मुद्दे पर केंद्र सरकार का रुख जानने के लिए अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी. अधिकारियों के मुताबिक, दर्ज हुए 90 लिव इन में से 72 फीसदी में बच्चे हैं, जिन्हें शादीशुदा जोड़ों के बच्चों जैसे ही समान अधिकार मिलेंगे. यूसीसी का लक्ष्य महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार देना है. यह कानून बहुविवाह और निकाह हलाला जैसी प्रथाओं पर रोक लगाता है. इससे लिव इन में रहने वाली महिलाओं को भी सुरक्षा मिलेगी. यदि उन्हें छोड़ दिया जाता है तो वे गुजारा भत्ता का दावा कर सकेंगी. लिव इन रिलेशनशिप दर्ज न करने पर जेल और जुर्माना हो सकता है. बता दें कि 27 जनवरी को उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू कर दिया गया था. यूनिफॉर्म सिविल कोड वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है. उत्तराखंड यूसीसी में शादी, तलाक, उत्तराधिकार, लिव इन के लिए कानून हैं.