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रूस पर ट्रंप का प्रहार, 120 डॉलर तक पहुंच सकता है कच्चा तेल, जेब पर पड़ेगा असर!

नईदिल्ली  अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) यूक्रेन और रूस युद्ध (Ukraine-Russia War) को लेकर हर तरीके से रूस पर दबाव बना रहे हैं. अभी उन्‍होंने रूस के पास दो न्‍यूक्लियर पनडुब्‍बि‍यों को तैनात कर किया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ चुका है. वहीं उन्‍होंने भारत पर टैरिफ और जुर्माना लगाने का ऐलान किया था, क्‍योंकि भारत रूस से कच्‍चा तेल और हथियार खरीद रहा है और ट्रंप चाहते हैं कि भारत रूस से इम्‍पोर्ट बंद कर दे.  इतना ही नहीं ट्रंप रूस पर व्‍यापाक प्रतिबंध लगाने वाले हैं. जिसे लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप द्वारा रूस पर प्रतिबंध कच्‍चे तेल (Crude Oil) की कीमत में तेजी ला सकता है. यह कीमत 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है. ऑयल मार्केट एक्‍सपर्ट्स ने  बताया कि बढ़ते जियो-पॉलिटिकल तनाव, खासकर यूक्रेन युद्ध को लेकर ट्रंप द्वारा रूस को दी गई चेतावनी तेल आपूर्ति को झटका दे सकती है, जिसका असर लॉन्‍गटर्म में दिखाई देगा.  सितंबर-अक्‍टूबर में क्रूड ऑयल प्राइस कितना होगा?  वेंचुरा में कमोडिटीज और CRM प्रमुख, NS रामास्वामी ने कहा कि ब्रेंट ऑयल प्राइस अक्टूबर 2025 तक $76 प्रति बैरल टारगेट है, जो $69 के सपोर्ट लेवल से नीचे भारी गिरावट को छोड़कर, 2025 के अंत तक $82 तक पहुंच सकता है. WTI क्रूड सितंबर 2025 तक $69.65 से बढ़कर $76-79 तक पहुंच सकता है.  एक्‍सपर्ट ने कहा कि यह चिंता ट्रंप द्वारा रूस के साथ व्‍यापार जारी रखने वाले देशों पर नए प्रतिबंधों और 100 फीसदी टैरिफ ऐलान से पैदा हुआ है. ऐसे में रूसी तेल खरीदने वाले देश सीधे तौर पर प्रभावित हो सकते हैं.  भारत पर क्‍या होगा असर?  सीनियर एनर्जी एक्‍सपर्ट नरेंद्र तनेजा ने कहा कि रूस ग्‍लोबल इकोनॉमी में हर दिन 50 लाख बैरल तेल का निर्यात करता है. अगर यह आउटफ्लो ब्रेक होता है तो क्रूड ऑयल की कीमत 100 से 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है. चूंकि भारत रूस से 35 से 40 फीसदी तेल इम्‍पोर्ट करता है, इसलिए कीमत बढ़ने से भारत भी प्रभावित होगा. उन्‍होंने कहा कि 40 से ज्‍यादा देशों से आपूर्ति होने के कारण भारत को आपूर्ति में कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन कंज्‍यूमर प्राइस बढ़ सकती हैं.  भारत की रिफाइनरी कंपनियां रियायती रूसी तेल पर निर्भर हैं, जिसने 2022 से घरेलू महंगाई दर को संतुलित करने में मदद की है. अगर भारत की ये कंपनियां प्रतिबंध के बाद भी आयात करती हैं तो जुर्माने और उच्‍च टैरिफ का सामना कर सकती है, जिससे कई चीजें महंगी हो सकती हैं.  कौन-कौन सी चीजें महंगी हो सकती हैं?      सबसे पहले असर पेट्रोल-डीजल और LPG की कीमतों पर सीधा असर दिखाई देगा.      सब्ज़ी, फल, दूध, और फूड आइटम्स भी महंगे हो सकते हैं, क्‍योंकि क्रूड ऑयल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्ट कॉस्‍ट भी बढ़ेगा.      प्लास्टिक, केमिकल, सीमेंट, स्टील, और अन्य इंडस्ट्रीज में इनपुट कॉस्ट बढ़ने से कंस्‍ट्रक्‍शन, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और कपड़ा इंडस्‍ट्री पर असर पड़ेगा.      बस, ट्रक, ऑटो और टैक्सी का किराया बढ़ सकता है और ई-कॉमर्स डिलीवरी भी महंगी हो सकती है.  विशेषज्ञों का दावा है कि ग्‍लोबल मार्केट में पहले से ही कच्‍चे तेल उत्‍पादन की समस्‍या रही है, जिस कारण कई देशों में महंगाई बढ़ी हुई है. ऊपर से ये प्रतिबंध कीमतें और बढ़ा सकती हैं. अनुमान है कि कच्‍चे तेल की कीमतों में 2026 तक तेजी रह सकती है. 

लद्दाख में इसरो की अनोखी पहल: अब धरती पर होगा चंद्र-मार्स जीवन का परीक्षण

  नई दिल्ली भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण प्रयासों में एक महत्वपूर्ण छलांग लगाते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने लद्दाख की त्सो कार घाटी में हिमालयन आउटपोस्ट फॉर प्लैनेटरी एक्सप्लोरेशन (HOPE) की स्थापना की है. यह एक उच्च-ऊंचाई वाला, मंगल ग्रह जैसा वातावरण है, जिसे भविष्य के चंद्र और मंगल मिशनों के लिए जीवन-रक्षक प्रणालियों और तकनीकों का परीक्षण करने के लिए चुना गया है. इसरो के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन द्वारा 31 जुलाई को उद्घाटन किए गए इस HOPE स्टेशन का उपयोग भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए प्रणालियों का परीक्षण करने के लिए किया जाएगा. इस परियोजना का नेतृत्व इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र द्वारा किया जा रहा है, जिसे एक उद्योग भागीदार और शीर्ष अनुसंधान संस्थानों का समर्थन प्राप्त है. यह एनालॉग मिशन एक बढ़ते हुए अंतर्राष्ट्रीय आंदोलन का हिस्सा है जिसका उद्देश्य यह अध्ययन करना है कि पृथ्वी पर अन्य ग्रहों की कठोर परिस्थितियों की नकल करके मनुष्य अलौकिक वातावरण में कैसे जीवित रह सकते हैं और फल-फूल सकते हैं. त्सो कार घाटी को मंगल ग्रह से इसकी पर्यावरणीय समानताओं के कारण चुना गया था, जिनमें उच्च पराबैंगनी विकिरण, निम्न वायुमंडलीय दबाव, अत्यधिक ठंड और खारे पर्माफ्रॉस्ट शामिल हैं. HOPE सुविधा में दो जुड़ी हुई इकाइयाँ हैं. एक चालक दल के लिए आठ मीटर चौड़ा रहने का स्थान है, जबकि दूसरा पाँच मीटर का उपयोगिता मॉड्यूल है जिसमें उपकरण और सहायक प्रणालियाँ हैं. 1 से 10 अगस्त तक 10-दिवसीय परीक्षण मिशन आयोजित किया जा रहा है, जहाँ चालक दल के दो सदस्य अंदर रहेंगे और विभिन्न शारीरिक, मानसिक और कार्य-आधारित परीक्षणों में भाग लेंगे. IIT बॉम्बे, IIT हैदराबाद, IIST त्रिवेंद्रम, RGCB त्रिवेंद्रम और बेंगलुरु स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन जैसे संस्थानों के वैज्ञानिक कई प्रयोगों का नेतृत्व कर रहे हैं. वे अध्ययन कर रहे हैं कि अलगाव शरीर और मन को कैसे प्रभावित करता है, स्वास्थ्य-निगरानी उपकरणों का परीक्षण कर रहे हैं, और ग्रहों की सतहों पर काम करने और सूक्ष्मजीवों को इकट्ठा करने के तरीकों को आज़मा रहे हैं. परिणाम भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए सुरक्षा योजनाओं, उपकरणों और प्रणालियों को आकार देने में मदद करेंगे. इसरो का होप मिशन होप मिशन को “भविष्य का पूर्वाभ्यास” बताते हुए, डॉ. नारायणन ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है. होप मिशन के साथ ही, लद्दाख की ऊँचाई पर स्थित पुगा घाटी में हुए नए शोध ने पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के बारे में सुराग खोजे हैं. भारतीय वैज्ञानिकों ने पाया है कि घाटी के भूतापीय झरने पृथ्वी की प्रारंभिक परिस्थितियों की नकल कर सकते हैं और जीवन की शुरुआत से जुड़े कार्बनिक अणुओं को संरक्षित कर सकते हैं. बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान (बीएसआईपी) द्वारा किए गए एक अध्ययन में इस क्षेत्र के कैल्शियम कार्बोनेट निक्षेपों (ट्रैवर्टीन) में अमीनो अम्ल यौगिकों, वसा अम्लों, फॉर्मामाइड और सल्फर के अंश पाए गए हैं. प्रमुख शोधकर्ता डॉ. अमृतपाल सिंह चड्ढा के अनुसार, “पुगा घाटी का उच्च पराबैंगनी विकिरण और चरम परिस्थितियाँ प्रारंभिक पृथ्वी और संभवतः प्राचीन मंगल ग्रह की परिस्थितियों की नकल करती हैं.” एसीएस अर्थ एंड स्पेस केमिस्ट्री में प्रकाशित यह अध्ययन, वर्तमान में चल रहे होप मिशन के साथ मिलकर लद्दाख को भारत के बढ़ते अंतरिक्ष और खगोल जीव विज्ञान प्रयासों के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है.

बेलथंगडी में मास मर्डर की गुत्थी उलझी, पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल

बेलथंगडी  कर्नाटक के बेलथंगडी से सामने आए चौंकाने वाले खुलासों ने कथित सामूहिक हत्याओं को लेकर एक बार फिर जन आक्रोश को भड़का दिया है. यह प्रतिक्रिया आजतक की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के बाद सामने आई है, जिसमें पुलिस रिकॉर्ड को साजिश के तहत मिटाने का दावा किया गया है. आजतक को मिले आरटीआई दस्तावेजों से पता चला है कि बेलथंगडी पुलिस ने 2000 से 2015 के बीच 'Unnatural Death Register – UDR' में दर्ज सभी एंट्रीज हटा दीं. यह वही अवधि है, जिसमें कई संदिग्ध और बिना रिपोर्ट की गई मौतों के आरोप सामने आए थे. अब, RTI कार्यकर्ता जयंत ने विशेष जांच दल (SIT) को एक औपचारिक शिकायत सौंपी है, जिसमें उन्होंने एक नाबालिग लड़की के शव को अवैध रूप से दफनाए जाने की घटना को स्वयं देखने का दावा किया है. जयंत का आरोप है कि घटना के दौरान कानूनी प्रक्रियाओं का खुला उल्लंघन किया गया और मौके पर कई अधिकारी मौजूद थे. उम्मीद की जा रही है कि SIT जल्द ही इस मामले में FIR दर्ज कर खुदाई (exhumation) की प्रक्रिया शुरू करेगी. RTI के माध्यम से लंबे समय से पुलिस की कार्यप्रणाली की जांच कर रहे जयंत ने बताया कि उन्होंने पहले बेलथंगडी पुलिस स्टेशन से गुमशुदा व्यक्तियों से संबंधित डेटा और उनकी तस्वीरों की मांग की थी. लेकिन पुलिस की प्रतिक्रिया चौंकाने वाली थी. उन्होंने कहा कि सभी दस्तावेज, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, दीवारों पर लगे पोस्टर, नोटिस और अज्ञात शवों की पहचान के लिए उपयोग की गई तस्वीरें 'सामान्य प्रशासनिक आदेशों' के तहत नष्ट कर दी गई हैं. जयंत ने कहा, '2 अगस्त को मैंने SIT में एक शिकायत दर्ज कराई है. यह शिकायत उस घटना पर आधारित है जिसे मैंने अपनी आंखों से देखा था. मैंने उस समय वहां मौजूद सभी लोगों के नाम बताए हैं, जिनमें अधिकारी भी शामिल हैं. जब उस लड़की का शव मिला था, तब सभी कानूनी प्रक्रियाओं का घोर उल्लंघन किया गया. उन्होंने शव को ऐसे दफनाया जैसे कोई कुत्ते को दफनाता है. वह मंजर कई साल से मुझे डरावने सपने की तरह सताता रहा है. दो साल पहले ही मैंने कहा था कि अगर कभी ईमानदार अधिकारी इस मामले की जांच संभालेंगे, तो मैं पूरी सच्चाई सामने लाऊंगा. अब वह समय आ गया है, इसलिए मैंने यह शिकायत दर्ज करवाई है. इस कदम के पीछे न तो कोई मुझे उकसा रहा है और न ही कोई मुझे प्रभावित कर रहा है.' उन्होंने कहा, 'एक RTI कार्यकर्ता के रूप में, मैंने बेलथंगडी पुलिस स्टेशन में एक आवेदन दायर कर सभी गुमशुदगी की शिकायतों और उनसे संबंधित तस्वीरों का रिकॉर्ड मांगा था. लेकिन अपने जवाब में पुलिस ने दावा किया कि गुमशुदगी से जुड़ी सभी शिकायतों के रिकॉर्ड नष्ट कर दिए गए हैं. आज के डिजिटल युग में, बिना डेटा को डिजिटाइज किए इस तरह जानकारी को नष्ट कैसे किया जा सकता है?' जयंत ने कहा, 'अगर कहीं से कंकाल मिलते हैं, तो सरकार उनकी पहचान कैसे करेगी जब संबंधित दस्तावेज पहले ही नष्ट कर दिए गए हैं? इस सबके पीछे कौन लोग हैं? कौन इस पूरे मामले को दबा रहा है और किसके प्रभाव में यह सब हो रहा है? जब कंप्यूटराइज्ड बैकअप मौजूद होता है, तो बिना बैकअप लिए सब कुछ नष्ट करने का दावा कैसे किया जा सकता है? इन सभी पहलुओं की गहराई से और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.' कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के बेलथंगडी पुलिस की लगातार आलोचना हो रही है, क्योंकि उन्होंने 2000 से 2015 के बीच दर्ज अज्ञात मौतों से जुड़े अहम रिकॉर्ड नष्ट किए जाने की बात स्वीकार की है. यह वही अवधि है जिसमें एक व्हिसलब्लोअर ने धर्मस्थल में सामूहिक दफन की घटनाएं होने का गंभीर आरोप लगाया है.

ओडिशा में ग्रेनाइट खदान हादसा: छह की मौत, तीन घायल, सीएम नायडू ने कहा- बेहद दुखद

बल्लीकुरवा आंध्र प्रदेश के बापटला जिले में रविवार सुबह एक दुखद हादसा हो गया, जब एक भारी ग्रेनाइट की चट्टान खदान में काम कर रहे मजदूरों पर गिर गई। इस हादसे में छह प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हादसा कैसे हुआ? पुलिस के अनुसार, सुबह करीब 10:30 बजे 10 से 15 मजदूर खदान में काम कर रहे थे, तभी अचानक एक विशाल चट्टान उन पर गिर पड़ी।  पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में लगता है कि बारिश या पानी के रिसाव की वजह से चट्टान कमजोर हो गई थी, जिससे वह गिर गई। पुलिस अधिकारी ने कहा, 'घटना के समय कोई ब्लास्ट या भूकंप जैसी गतिविधि नहीं हुई थी। पूरी जांच के लिए फॉरेंसिक टीम मौके पर भेजी गई है।' सभी मजदूर ओडिशा के रहने वाले जानकारी के मुताबिक, इस हादसे में मारे गए और घायल हुए सभी मजदूर ओडिशा से आए हुए थे और खदान में काम कर रहे थे। वहीं इस घटना के बाद घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्थानीय लोग और मजदूर संगठनों ने सरकार से मृतकों के परिवारों को मुआवजा और घायल मजदूरों को पूरी मदद देने की मांग की है। राहत और बचाव कार्य जारी हादसे के बाद पुलिस और खनन विभाग की टीमें मौके पर पहुंच गईं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालने के प्रयास किए गए। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जताया दुख आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया। उन्होंने एक बयान में कहा, 'मैंने अधिकारियों से बात की है और घायलों को बेहतर से बेहतर इलाज देने के निर्देश दिए हैं। हादसे की पूरी जांच कराई जाएगी।' वाईएसआरसीपी प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने जताई संवेदना पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी प्रमुख वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने भी हादसे पर दुख जताया। उन्होंने कहा, 'यह बहुत ही दिल तोड़ देने वाली घटना है। ये मजदूर अपने परिवारों के लिए मेहनत कर रहे थे, और ऐसे में उनकी जान जाना बेहद दुखद है।' उन्होंने सरकार से मांग की कि घायलों को तुरंत इलाज मिले और मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाए।  

SSC घोटाले का विरोध तेज़: देशभर में प्रदर्शन, परीक्षा रद्द करने की मांग

नई दिल्ली देशभर में बड़ी संख्या में छात्र और शिक्षक कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की परीक्षा के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह विरोध मुख्य रूप से हाल ही में हुई सिलेक्शन पोस्ट फेज-13 परीक्षा में हुई भारी अनियमितताओं के कारण हो रहा है। छात्रों का गुस्सा दिल्ली के जंतर-मंतर से लेकर पटना और जयपुर तक फैल चुका है, जहाँ वे 'दिल्ली चलो' आंदोलन के तहत अपनी आवाज उठा रहे हैं। विरोध की मुख्य वजह क्या है? इस विरोध की मुख्य वजह परीक्षा में हुई धांधली और तकनीकी खामियां हैं। छात्रों की प्रमुख शिकायतें इस प्रकार हैं: गलत परीक्षा केंद्र: कई छात्रों को उनके गृह नगर से 400-500 किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए, जिससे उन्हें यात्रा और सुरक्षा संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ा। नए वेंडर की विफलता: छात्रों का आरोप है कि नए वेंडर एडुक्विटी की वजह से सर्वर क्रैश, बायोमेट्रिक सत्यापन में विफलता और सिस्टम हैंग होने जैसी गंभीर तकनीकी समस्याएं आईं। आरोप है कि यह वही वेंडर है, जिसे पहले व्यापम घोटाले में अनियमितताओं के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया था। अचानक परीक्षा रद्द: कई जगहों पर बिना किसी ठोस कारण के परीक्षा अचानक रद्द कर दी गई, जिससे छात्रों का समय और पैसा बर्बाद हुआ। खराब व्यवस्था: कई परीक्षा केंद्रों पर बिजली की कटौती, खराब बैठने की व्यवस्था और असुरक्षित परिसर जैसी बुनियादी समस्याएं भी थीं। पुलिस कार्रवाई और छात्रों का आक्रोश 31 जुलाई 2025 को 'दिल्ली चलो' आंदोलन के तहत हजारों छात्र और प्रसिद्ध शिक्षक जैसे नीतू मैम, अभिनय शर्मा और राजट यादव दिल्ली में इकट्ठा हुए। वे शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और हिरासत में लेने जैसी कार्रवाई की। छात्रों ने इस घटना को "लोकतंत्र की हत्या" बताया। छात्रों और शिक्षकों की प्रमुख मांगें प्रदर्शनकारी सरकार और एसएससी से निम्नलिखित मांगें कर रहे हैं: उच्च-स्तरीय जांच: नए वेंडर एडुक्विटी की नियुक्ति की निष्पक्ष और उच्च-स्तरीय जांच की जाए। वेंडर को हटाया जाए: एडुक्विटी का कॉन्ट्रैक्ट तुरंत रद्द किया जाए और एसएससी अपनी खुद की एक मजबूत तकनीकी प्रणाली विकसित करे। पारदर्शी केंद्र आवंटन: परीक्षा केंद्र छात्रों के गृह नगर या पास के शहरों में आवंटित किए जाएं। तुरंत समाधान: तकनीकी खामियों और अन्य समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाए।

रूस-यूक्रेन ड्रोन जंग हुई और खतरनाक, दोनों ओर से भारी हमला

रूस रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष में ड्रोन हमलों का सिलसिला और तेज हो गया है। ताजा हमले में यूक्रेनी ड्रोन ने रूस के काला सागर तट पर स्थित प्रसिद्ध रिसॉर्ट शहर सोची के पास एक तेल डिपो को निशाना बनाया, जिससे वहां भीषण आग लग गई। क्रास्नोडार क्षेत्र के गवर्नर वेनियामिन कोंड्राटयेव  ने बताया कि ड्रोन के मलबे के गिरने से तेल डिपो के ईंधन टैंक में आग लगी। आग पर काबू पाने के लिए 120 से अधिक दमकलकर्मियों को लगाया गया है। सोशल मीडिया पर शेयर हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि तेल डिपो से काले धुएं का विशाल गुबार उठ रहा है।  सोची एयरपोर्ट पर उड़ानें रोकी गईं इस घटना के बाद रूस के नागरिक उड्डयन विभाग रोसावियात्सिया ने एहतियातन सोची एयरपोर्ट पर सभी उड़ानों का संचालन अस्थायी रूप से रोक दिया है। इसी बीच वोरोनिश  क्षेत्र में एक अन्य ड्रोन हमले में चार लोग घायल हुए हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि रविवार रात तक रूस और काला सागर के ऊपर से कुल 93 यूक्रेनी ड्रोन  मार गिराए गए। यूक्रेन पर रूस का जवाबी हमला यूक्रेनी वायु सेना ने बताया कि रूस ने भी जवाबी कार्रवाई में यूक्रेन पर 76 ड्रोन और 7 मिसाइलें दागीं। दक्षिणी यूक्रेन के माइकोलाइव शहर में एक आवासीय इलाके पर मिसाइल हमला हुआ, जिसमें सात लोग घायल हुए हैं। यूक्रेनी आपातकालीन सेवाओं ने इस हमले की पुष्टि की है। सोची रूस का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है और ऐसे में ड्रोन हमले से वहां अफरा-तफरी मच गई है। यूक्रेन के ड्रोन हमलों से रूस की ऊर्जा संरचना पर लगातार खतरा बना हुआ है।    

नौकरानी से दुष्कर्म मामले में उम्रकैद: पूर्व प्रधानमंत्री के पोते प्रज्वल की पहचान बनी कैदी नंबर 15528

बेंगलुरु पूर्व JDS सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना बेंगलुरू की अग्रहारा सेंट्रल जेल में कैदी नंबर 15528 बन गए हैं। रेवन्ना ने शनिवार को जेल में अपनी पहली रात बिताई। बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट ने शनिवार को प्रज्वल रेवन्ना को नौकरानी से रेप केस में उम्र कैद की सजा सुनाई। सांसदों/विधायकों की स्पेशल कोर्ट के जज संतोष गजानन भट ने रेवन्ना पर 11.50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। इसमें से 11.25 लाख रुपए पीड़ित को दिए जाएंगे। जेल अधिकारियों ने बताया कि सजा सुनाए जाने के बाद शाम को रेवन्ना का मेडिकल चेकअप करवाया गया। इस दौरान वह मेडिकल स्टाफ के सामने रोता रहा। हालांकि, इस दौरान उसने किसी से कोई बात नहीं की। मेडिकल चेकअप के बाद उसे जेल लाया गया, जहां उसे कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया। फार्महाउस में काम करने वाली 47 साल की महिला ने FIR दर्ज कराई थी रेवन्ना के परिवार के फार्महाउस में काम करने वाली 47 साल की महिला ने पिछले साल अप्रैल में रेवन्ना ​​​​​​के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। इसमें रेवन्ना पर 2021 से कई बार रेप करने और किसी को भी घटना के बारे में बताने पर वीडियो लीक करने की धमकी देने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने 18 जुलाई को इस मामले की सुनवाई पूरी की थी। रेवन्ना के खिलाफ रेप, ताक-झांक, आपराधिक धमकी और अश्लील तस्वीरें लीक करने सहित कई धाराओं के तहत आरोप तय किए थे। उसके खिलाफ रेप के कुल 4 मामले दर्ज हैं। इनमें से यह पहला केस है, जिसमें उसे दोषी ठहराया गया है। रेवन्ना के 2 हजार से ज्यादा वीडियो क्लिप सामने आए थे पिछले साल, रेवन्ना के सोशल मीडिया पर 2,000 से ज्यादा अश्लील वीडियो क्लिप सामने आए थे। 2024 के लोकसभा चुनावों में रेवन्ना ने कर्नाटक की हासन संसदीय सीट पर दूसरी बार चुनाव लड़ा था, लेकिन वह अपनी सांसदी नहीं बचा सका। उसके खिलाफ दर्ज मामलों के बाद JDS ने उसे पार्टी से निलंबित भी कर दिया था। प्रज्वल रेवन्ना पर पुलिस-डॉक्टर-कार्यकर्ता-मेड समेत 50 से रेप का आरोप, सिर्फ 4 विक्टिम सामने आईं प्रज्वल रेवन्ना, हासन से सांसद और कर्नाटक की सबसे ताकतवर पॉलिटिकल फैमिली से उभरता लीडर। दादा एचडी देवगौड़ा राज्यसभा सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री, पिता एचडी रेवन्ना विधायक और पूर्व मंत्री, चाचा एचडी कुमारस्वामी विधायक और पूर्व CM, भाई सूरज MLC। 24 अप्रैल, 2024 की सुबह इस परिवार की छवि पर सबसे बड़ा धब्बा लगा।

रूस : कामचटका में तेज़ भूकंप से दहशत, कुरील आइलैंड के पास कंपन, खतरे में तीन जिले

 कामचटका पिछले हफ्ते इसी इलाके में 8.8 तीव्रता का भीषण भूकंप आया था, जिसके बाद अमेरिका, रूस और जापान सहित कई देशों में सुनामी की चेतावनियां जारी की थीं. लगातार आ रहे इन भूकंपों से आसपास के देशों में दहशत का माहौल है और विशेषज्ञ स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.7 मापी गई रूस के पूर्वी क्षेत्र में स्थित कुरील द्वीप के पास कामचटका क्षेत्र में रविवार को एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.7 मापी गई है. भूकंप के बाद रूस में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है. कई देशों में सुनामी की चेतावनी जारी पिछले सप्ताह इसी क्षेत्र में 8.8 तीव्रता का भीषण भूकंप आया था, जिसके बाद अमेरिका, रूस और जापान सहित कई देशों में सुनामी की चेतावनी जारी की थीं. बार-बार आ रहे भूकंपों से आसपास के देशों में दहशत फैल गई है और विशेषज्ञ हालात पर लगातार निगरानी रख रहे हैं. भूकंप के बाद तीन जिलों में सुनामी की संभावना रूस के आपातकालीन सेवा मंत्रालय ने चेतावनी जारी की है कि कामचटका प्रायद्वीप में आए भूकंप के बाद तीन जिलों में सुनामी की संभावना है. मंत्रालय ने स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने और समुद्र तटीय क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है.  

डिफेंस डिलीवरी में स्पेन की तेजी: भारत को समय से दो महीने पहले मिले सभी C-295 विमान

लंदन भारत को स्पेन से मिलने वाला 16 एयरबस सी-295 सैन्य परिवहन विमानों का अंतिम विमान शनिवार को मिल गया। यह देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण साबित होगा। सी-295 पांच से दस टन क्षमता वाला परिवहन विमान है। यह आधुनिक तकनीक से लैस है। यह वायु सेना के पुराने एवरो विमानों का स्थान लेगा। इसकी डिलीवरी समय से दो महीने पहले की गई है। स्पेन में भारतीय राजदूत दिनेश के पटनायक ने वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सेविले में एयरबस डिफेंस एंड स्पेस असेंबली लाइन पर 16 एयरबस सी-295 सैन्य परिवहन विमानों में से अंतिम विमान प्राप्त किया। 11 घंटे तक की उड़ान क्षमता वाला है विमान 11 घंटे तक की उड़ान क्षमता वाला यह विमान एक बहुमुखी सामरिक परिवहन विमान है। भारत ने सितंबर 2021 में वायु सेना के लिए 56 सी-295 एमडब्ल्यू परिवहन विमानों की खरीद के लिए एयरबस डिफेंस एंड स्पेस स्पेन के साथ अनुबंध किया था। कुल 56 विमानों की डिलीवरी की जानी है, जिनमें से 16 विमानों की डिलीवरी सीधे एयरबस द्वारा स्पेन से की जानी थी और शेष 40 का निर्माण भारत में किया जाएगा। स्पेन ने शनिवार को 16 विमानों में से अंतिम विमान सौंपकर उस प्रतिबद्धता को पूरा किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और स्पेन के समकक्ष पेड्रो सांचेज ने पिछले साल अक्टूबर में गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) परिसर में सी-295 विमानों के निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट काम्प्लेक्स का संयुक्त उद्घाटन किया था। टीएएसएल भारत में इन 40 विमानों को बनाने के लिए जिम्मेदार है। यह भारत में सैन्य विमानों के लिए पहला निजी क्षेत्र का फाइनल असेंबली लाइन (एफएएल) बन गई है। यह पूरी पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में शामिल होगा, जिसमें निर्माण से असेंबली, परीक्षण, डिलीवरी और विमान के पूरे जीवनचक्र के रखरखाव तक का कार्य शामिल होगा। टाटा के अलावा, भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड जैसी अग्रणी रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां, साथ ही निजी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम भी इस कार्यक्रम में योगदान देंगे।  

राष्ट्रपति भवन में PM मोदी और द्रौपदी मुर्मू की मुलाकात, जानिए अंदरूनी चर्चा का एजेंडा

नई दिल्ली रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक राष्ट्रपति भवन पहुंचे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब देश में नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। चुनाव आयोग ने 1 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी, जिससे यह मुलाकात और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। चुनाव आयोग ने 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीख घोषित की है। इस चुनाव से पहले राजनीतिक हलकों में चर्चा जोरों पर है। 7 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा, और प्रत्याशी 21 अगस्त तक अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं। नामांकन पत्रों की जांच 22 अगस्त को की जाएगी। इस चुनाव के लिए सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है।   पीएम मोदी और राष्ट्रपति की मुलाकात राष्ट्रपति भवन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक फोटो शेयर करते हुए यह जानकारी दी कि पीएम मोदी ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। हालांकि, बैठक के दौरान हुई चर्चा के बारे में तत्काल कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई थी, लेकिन अब मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि यह मुलाकात कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर आधारित थी। बिहार विधानसभा चुनाव पर चर्चा प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के बीच इस मुलाकात में एक और अहम मुद्दा उठाया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मुलाकात में बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण अभ्यास पर चर्चा की गई। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर संसद में लगातार गतिरोध बना रहा था, और यह मुलाकात इसी पृष्ठभूमि में हुई। बिहार विधानसभा चुनाव में वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण हमेशा एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। वोटरों के नामों का सही तरीके से पंजीकरण और वोटिंग प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर विपक्षी दलों ने कई बार सवाल उठाए हैं। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बीच एक विस्तृत चर्चा हुई, जिससे आगे आने वाली चुनाव प्रक्रिया को और ज्यादा पारदर्शी बनाने के संकेत मिल रहे हैं।