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एमपी भाजपा अध्यक्ष पद की कमान संभालते ही बोले खंडेलवाल – संगठन हित में करूंगा हर संभव प्रयास

देवास मध्य प्रदेश भाजपा के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल का शुक्रवार को भोपाल जाते समय देवास बाईपास पर कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। मीडिया से रूबरू हुए तो बोले, “जो जिम्मेदारी मुझे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से सौंपी गई है, उसे मैं पूरी निष्ठा से निभाऊंगा।” ग्राम बांगर से लेकर देवास बाईपास तक जगह-जगह कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं से उनका अभिनंदन किया। इस दौरान देवास विधायक गायत्री राजे पवार सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे। स्वागत समारोह में कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर था, जो हेमंत खंडेलवाल के नेतृत्व में पार्टी को और मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मीडिया से बातचीत में हेमंत खंडेलवाल ने कहा, “पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मुझे जो जिम्मेदारी सौंपी है, मैं उसे पूरी निष्ठा से निभाऊंगा। भाजपा का हर कार्यकर्ता पार्टी के लिए दिन-रात मेहनत करता है। मैं स्वयं को एक साधारण कार्यकर्ता मानता हूं और चाहता हूं कि हर कार्यकर्ता अपने आप में अध्यक्ष महसूस करे।” उन्होंने कार्यकर्ताओं के उत्साह की सराहना करते हुए कहा कि यह जोश और समर्पण ही पार्टी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। देवास विधानसभा के कार्यकर्ताओं ने भी हेमंत खंडेलवाल का जोरदार स्वागत किया। बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एकत्र हुए और नए प्रदेश अध्यक्ष के प्रति अपना समर्थन जताया। खंडेलवाल ने कार्यकर्ताओं का दिल से आभार व्यक्त करते हुए कहा, “मैं देवास विधानसभा के कार्यकर्ताओं का धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इस मौसम में भी इतने उत्साह से मेरा स्वागत किया। हर कार्यकर्ता को उचित अवसर दिया जाएगा।” उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और मुख्यमंत्री मोहन यादव के मार्गदर्शन में मध्य प्रदेश प्रगति के पथ पर अग्रसर है। भाजपा का लक्ष्य जनकल्याण के कार्यों को जन-जन तक पहुंचाना और पार्टी को और मजबूत करना है। खंडेलवाल ने कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर पार्टी के लिए काम करने और जनता की सेवा करने का आह्वान किया। इस स्वागत समारोह ने न केवल हेमंत खंडेलवाल के प्रति कार्यकर्ताओं का विश्वास दर्शाया, बल्कि भाजपा की एकता और संगठन शक्ति को भी उजागर किया।  

मॉल, कारखानों, बाजार में रात में काम कर सकेंगी महिलाएं, सरकार ने दी सशर्त मंजूरी; सुरक्षा की व्यवस्था नियोक्ता को करनी होगी

भोपाल मध्य प्रदेश में महिलाएं आगामी दिनों में शॉपिंग मॉल, बाजार और कारखानों में नाइट शिफ्ट कर सकेंगी। सरकार जल्द ही सशर्त मंजूरी दे सकती है। इस दौरान महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी संस्थान के मालिक की होगी। सरकार के इस फैसले से महिला कर्मचारियों की आर्थिक प्रगति होगी। साथ ही कारोबारियों और उद्योगपतियों को अपने यूनिट्स का कारोबार बढ़ने के लिए मदद मिल सकती है। शॉप में 10 से ज्यादा महिलाएं नियुक्त होनी चाहिए। मॉल, बाजार और कारखानों में महिलाएं रात की शिफ्ट में काम कर सकेंगी. राज्य सरकार ने महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दे दी है. राज्य सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. हालांकि नाइट शिफ्ट में काम की अनुमति शर्तों के साथ दी जाएगी. नाइट शिफ्ट में महिलाएं रात 9 से सुबह 7 बजे तक शॉप, शोरूम में काम कर सकेंगी. हालांकि काम करने के लिए महिला कर्मचारी की लिखित सहमति जरूरी होगी और सुरक्षा का जिम्मा फर्म का होगा. शॉप में 10 या ज्यादा महिलाएं होनी चाहिए नियुक्त दुकान और स्थापना अधिनियम, 1958 में किए गए संशोधन के आधार पर श्रम विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक महिलाएं काम कर सकेंगी। जहां महिलाएं रात में काम करेंगी, उस शॉप या शोरूम में कम से कम 10 या अधिक महिलाएं नियुक्त होनी चाहिए। कारखानों में एक-तिहाई कर्मचारी होना अनिवार्य कारखानों के मामले में भी इसी तरह की व्यवस्था रहेगी। कारखाना अधिनियम की शक्तियों का उपयोग करते हुए 26 जून 2016 के नियमों को समाप्त कर यह तय किया है कि महिलाएं चाहें तो रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी कारखाने या प्रोडक्शन यूनिट में काम कर सकती हैं। कारखानों और प्रोडक्शन यूनिट्स में महिलाओं के रात्रि शिफ्ट में काम करने के दौरान सुपरवाइजर, शिफ्ट इन-चार्ज, फोरमैन या अन्य सुपरवाइजर कर्मचारियों में कम से कम एक तिहाई महिला कर्मचारी होना चाहिए। फेडरेशन चेंबर ऑफ कॉमर्स ने कहा- सुरक्षा जरूरी फेडरेशन चेंबर ऑफ कॉमर्स भोपाल के प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश अग्रवाल ने सरकार के फैसले को लेकर कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सबसे जरूरी है। अगर वे रात में ड्यूटी करेंगी, तो उनके अनुसार पूरी व्यवस्था होना चाहिए। यदि रात में उन्हें छोड़ा जाना है, तो उन्हें घर तक सुरक्षित पहुंचाने की व्यवस्था अनिवार्य होनी चाहिए। इससे कारखानों, प्रोडक्शन यूनिट्स और दुकानों के संचालकों को तो लाभ होगा ही, साथ ही महिलाओं और उनके परिवारों को भी आर्थिक व सामाजिक संबल मिलेगा। नाइट शिफ्ट के पहले यह करनी होगी व्यवस्था     महिलाओं के रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक काम की अनुमति राज्य शासन ने शर्तों के साथ दी है. शॉप-शोरूम संचालक को कई व्यवस्थाएं करनी होंगी.     नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए महिला कर्मचारी की लिखित सहमति लेनी जरूरी होगी.     किसी भी महिला को मातृत्व लाभ से वंचित नहीं किया जा सकेगा.     महिला कर्मचारियों को रात में उनके घर से लाने-ले जाने के लिए परिवहन व्यवस्था करनी होगी.     जहां भी महिलाएं रात में काम करेंगी, वहां टायलेट, और विश्राम के अलग-अलग से कक्ष की सुविधा उपलब्ध करानी होगी.     कार्य स्थल और आसपास के स्थान पर प्रकाश की व्यवस्था हो और सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए.     नियोक्ता की जिम्मेदारी होगी कि कार्यस्थल पर इस तरह का माहौल होना चाहिए ताकि महिला को काम करने में असहजता महसूस न हो.     कार्यस्थल पर प्रवेश और बाहर निकलने के स्थान पर सुरक्षा गार्ड्स मौजूद होने चाहिए.     कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न निवारण अधिनियम के प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य होगा. 10 से ज्यादा महिला होना अनिवार्य जिस कार्य स्थल पर महिला नाइट शिफ्ट में काम करेंगी, वहां नाइट शिफ्ट में 10 या उससे अधिक महिलाएं नियुक्ति होनी चाहिए. कारखानों और प्रोडक्शन यूनिट्स में महिलाओं की नाइट शिफ्ट में काम करने के दौरान सुपरवाइजर, शिफ्ट इन चार्ज, फोरमैन और अन्य सुपरवाइजर कर्मचारियों में कम से कम एक तिहाई महिलाएं होनी चाहिए.     लाड़ली बहना की तरह स्कूली छात्रों के खातों में आएंगे पैसे, मोहन यादव ट्रांसफर करेंगे 235 करोड़     मोहन यादव करेंगे कर्मचारियों का 9 सालों का सपना पूरा, रिजर्वेशन पर होगा बड़ा फैसला राज्य सरकार ने कारखाना अधिनियम की शक्तियों का उपयोग करते हुए 26 जून 2016 को इस नियम को खत्म कर दिया था कि महिलाएं चाहें तो रात 8 से सुबह 6 बजे तक किसी कारखाने या प्रोडक्शन यूनिट में काम कर सकती हैं. 

हिंदी माध्यम में प्रथम स्थान पर 2 लाख, द्वितीय पर 1 लाख 50 हजार, तृतीय पर 1 लाख रुपए और चतुर्थ स्थान पर 50 हजार रुपए का पुरस्कार

भाषाई बंधन से प्रतिभा नहीं होगी बाधित, चिकित्सा शिक्षा में हिंदी छात्रों को विशेष प्रोत्साहन : उप मुख्यमंत्री शुक्ल हिंदी में परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट: उप मुख्यमंत्री शुक्ल हिंदी माध्यम में प्रथम स्थान पर 2 लाख, द्वितीय पर 1 लाख 50 हजार, तृतीय पर 1 लाख रुपए और चतुर्थ स्थान पर 50 हजार रुपए का पुरस्कार भोपाल  उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा में भाषाई बंधन से प्रतिभा को बाधित नहीं होने देने के लिए मातृभाषा में उच्च शिक्षा के कई कोर्स के संचालन की व्यवस्था की है। प्रदेश में मातृभाषा हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई सफलतापूर्वक संचालित हो रही है। मध्यप्रदेश सरकार ने चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए हिंदी माध्यम से अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए विशेष प्रोत्साहन की व्यवस्था की है। यह योजना इसी दिशा में एक अतिरिक्त प्रेरणा प्रदान करने का कार्य करेगी। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सर्वसमावेशी शिक्षा के विजन और गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प से प्रेरित है। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बना, जहाँ हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई। वर्तमान में प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों में हिंदी माध्यम की पुस्तकें प्रथम वर्ष से लेकर अंतिम वर्ष तक पूरी संख्या में उपलब्ध हैं, जिससे हजारों छात्र लाभान्वित हो रहे हैं। उपमुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि यह योजना केवल परीक्षा उत्तीर्ण करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह उन विद्यार्थियों के लिए सम्मान और स्वाभिमान की पहचान है जो हिंदी माध्यम में दक्ष हैं और चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करना चाहते हैं। इस पहल से प्रदेश के ग्रामीण, अर्ध-शहरी एवं हिंदीभाषी क्षेत्रों के विद्यार्थियों को अपनी क्षमता सिद्ध करने का नया मंच प्राप्त होगा। मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा प्रदेश के सभी संबद्ध मेडिकल एवं डेंटल कॉलेजों को हिंदी माध्यम में परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। कॉलेज ऐसे विद्यार्थियों की सूची विश्वविद्यालय को भेजेंगे जो स्वेच्छा से हिंदी में परीक्षा देना चाहते हैं। कक्षाओं और प्रायोगिक सत्रों में उपयुक्त व्यवस्था के साथ हिंदी के परीक्षकों की अनुशंसा की जाएगी। हिंदी माध्यम को और अधिक सशक्त बनाने के लिये शिक्षकों को भी विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे वे विद्यार्थियों के साथ सुगमता से संवाद कर सकें और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकें। आवश्यकता पड़ने पर विद्यार्थियों के लिए समाधान कक्षाएं भी आयोजित की जाएंगी। योजना के तहत हिंदी में परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, हिंदी माध्यम में अध्ययन कर विश्वविद्यालय स्तर पर मेरिट प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को नकद पुरस्कार भी दिए जाएंगे। एमबीबीएस या बीडीएस डिग्री पाठ्यक्रम में हिंदी माध्यम से प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र को 2 लाख रुपए का पुरस्कार मिलेगा, द्वितीय स्थान पर 1 लाख 50 हजार रुपए, तृतीय स्थान पर 1 लाख रुपए तथा चतुर्थ स्थान पर 50 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। इसी प्रकार प्रत्येक वर्ष या प्रोफेशन में विश्वविद्यालय स्तर पर प्रथम से चतुर्थ स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को क्रमशः 1 लाख रुपए, 75 हजार रुपए, 50 हजार रुपए और 25 हजार रुपए की राशि से सम्मानित किया जाएगा।  

मुख्यमंत्री ने किया 94234 विद्यार्थियों को लैपटॉप क्रय के लिए 235 करोड़ रुपए प्रोत्साहन राशि का अंतरण

सबको शिक्षा ही हमारा विकास मंत्र : मुख्यमंत्री डॉ. यादव हम बनायेंगे प्रदेश का नया और उज्जवल भविष्य मुख्यमंत्री ने किया 94234 विद्यार्थियों को लैपटॉप क्रय के लिए 235 करोड़ रुपए प्रोत्साहन राशि का अंतरण प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को अगले साल से दिए जाएंगे और अपडेटेड लैपटॉप 15 साल में 4 लाख 32 हजार से अधिक विद्यार्थियों को मिला प्रोत्साहन योजना का लाभ कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में हुआ प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रोत्साहन राशि अंतरण का राज्य स्तरीय समारोह भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि शिक्षा मनुष्य के समग्र विकास की धुरी है और ‘सबको शिक्षा’ ही राज्य सरकार का विकास मंत्र है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश के हर बच्चे तक शिक्षा का प्रकाश पहुंचाने के हरसंभव प्रयास किए हैं। केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि प्रतिभावान विद्यार्थियों को नई तकनीक और नई शिक्षा पद्धति से जोड़कर उनके उज्जवल भविष्य की नींव भी रखी जा रही है। प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लैपटॉप देकर हम प्रदेश का एक बेहतर और स्वर्णिम भविष्य गढ़ने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में लैपटॉप प्रोत्साहन राशि अंतरण के राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 में कक्षा 12वीं में 75 प्रतिशत या इससे अधिक अंक लाने वाले प्रदेश के 94,234 मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप क्रय करने के लिए 235 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अंतरित की। योजना के तहत लैपटॉप खरीदने के लिए प्रत्येक पात्र विद्यार्थी को 25-25 हजार रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए उनके बैंक खातों में सिंगल क्लिक के जरिए हस्तांतरित किये गये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अगले साल से प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रोत्साहन राशि के स्थान पर 25 हजार रुपए मूल्य के और अधिक गुणवत्ता वाले अपडेटेड लैपटॉप देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने मंच से 15 मेधावी विद्यार्थियों को लेपटॉप भी वितरित किए। मुख्यमंत्री ने खुद सेल्फी लेकर सभी बच्चों का उत्साहवर्धन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि प्रतिभाओं को सम्मान देना और स्वर्णिम भविष्य की संभावनों को पोषित करना और हर संभव सहायता करना प्रदेश सरकार का दायित्व है। योजना के अंतर्गत माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले जिन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए राशि दी गई है, उनमें 60 प्रतिशत छात्राएं और 40 प्रतिशत छात्र शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी बेटियां चुनौतियों को पार करते हुए हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। 15 साल पहले शुरू हुई इस योजना का लाभ अब तक 4 लाख 32 हजार से अधिक मेधावी विद्याथियों को मिल चुका है। इस दौरान राज्य सरकार ने विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरण पर 1080 करोड़ से अधिक की प्रोत्साहन राशि खर्च की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अब हमारे विद्यार्थी आधुनिक तकनीक से लैस होकर बेहतर तरीके से पढ़ाई कर सकेंगे। लैपटॉप सिर्फ एक उपकरण नहीं, बल्कि यह सुनहरे भविष्य की तैयारी का सशक्त माध्यम है। नई विधाएं, नए कौशल और नई सोच के साथ हमारे बच्चे अब प्रतिस्पर्धा की दौड़ में और भी आगे बढ़ सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार द्वारा विद्यार्थियों को कापी-किताबें, गणवेश, सायकिल और स्कूटी भी दिलाई गई है और अब हम लैपटॉप भी दे रहे हैं। यह कदम विद्यार्थियों को डिजिटल एवं आधुनिक शिक्षा से जोड़ने में बेहद मददगार सिद्ध होगा। शासकीय स्कूलों का परीक्षा परिणाम निजी स्कूलों से रहा अधिक मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार स्कूल शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है और शासकीय स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि इस वर्ष शासकीय स्कूलों में बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट 52 प्रतिशत और निजी स्कूलों में 48 प्रतिशत रहा है। वर्ष 2025 में सरकारी स्कूलों के लगभग 49 हजार और निजी स्कूलों के 44 हजार से अधिक विद्यार्थियों को प्रोत्साहन योजना के तहत लैपटॉप का लाभ मिला है। यह योजना 2009 में शुरू की गई थी, तब 85 प्रतिशत प्राप्तांक की सीमा तय की गई थी और मात्र 500 विद्यार्थियों को लैपटॉप राशि बांटी गई थी, लेकिन आज प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की संख्या 94 हजार 234 हो गई है। राज्य सरकार ने बोर्ड परीक्षा में 85 प्रतिशत से अधिक अंक लाने पर हाल ही में 15 हजार 600 मेधावी विद्यार्थियों को स्कूटी प्रदान की है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपनी मेहनत के लिए स्कूल में मिला पुरस्कार जीवन भर याद रहता है। पुरस्कार स्वरूप पुस्तकें भी दी जानी चाहिए, क्योंकि पुस्तकें मनुष्य की सबसे अच्छी साथी होती हैं। मेधावी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में भी सहयोग कर रही सरकार मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को स्कूल से आगे उच्च शिक्षा में भी सरकार पूर्ण सहयोग प्रदान कर रही है। मेधावी छात्र-छात्राओं की मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई की पूरी फीस सरकार की ओर से भरी जा रही है। अगर कोई विद्यार्थी नीट प्रवेश परीक्षा पास कर लेता है, तो उसकी चिकित्सा शिक्षा नि:शुल्क हो जाती है। पूरे कोर्स की करीब 80 लाख रुपये फीस राज्य सरकार भर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए अनेक निर्णय लिए हैं। नये मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं, इस वित्त वर्ष के अंत तक प्रदेश में 36 मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे। अगले 2 साल में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 50 तक पहुंचाने का हमारी सरकार का लक्ष्य है। विद्यार्थी किसी भी कोर्स की पढ़ाई करना चाहें, सरकार सदैव उनके साथ खडी है। मुख्यमंत्री ने आहवान किया कि प्रदेश के बच्चे खूब पढ़ें लिखें, आगे बढ़ें परन्तु अपने गृह प्रदेश से प्रेम करें और अपने लोगों की सेवा करने का जज्बा जरूर रखें। मातृ भूमि को हमेशा याद रखना चाहिए। सरकारी स्कूलों से निकल रहे गुदड़ी के लाल मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सीमित संसाधन होते हुए भी कई गुदड़ी के लाल सामने आए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वे स्वयं और मंत्रिमंडल के सभी साथियों ने सरकारी स्कूलों में ही प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की है। सरकारी स्कूलों से ही देश को गुदड़ी के लाल मिले हैं। सरकारी … Read more

उद्यानकी फसल उगाने वाले कृषक अपने खेत के चारो ओर गेलनवाईज जाली लगवा सकते, ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित

जानवरों से फसल की सुरक्षा के लिये खेत पर जाली लगाने का आधा खर्च सरकार वहन करेगी फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए खेतों पर जाली लगाने का आधा खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी उद्यानकी फसल उगाने वाले कृषक अपने खेत के चारो ओर गेलनवाईज जाली लगवा सकते, ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित  भोपाल  फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए खेतों पर जाली लगाने का आधा खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी। अब राष्ट्रीय बागवानी एकीकृत विकास कार्यक्रम के तहत उद्यानकी फसल उगाने वाले कृषक अपने खेत के चारो ओर गेलनवाईज जाली लगवा सकते है। उद्यानकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा इच्छुक किसानों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गए हैं। आयुक्त उद्यानकी के अनुसार उद्यानकी फसलों में सब्जी, फल, फूल एवं मसालों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा क्षति पहुंचाई जाती है इससे बचाव के लिये यह योजना लागू की गई है। विभाग द्वारा किसानों को जाली लगाने में आने वाला खर्च का आधा (50 प्रतिशत) अनुदान प्रदान किया जाएगा। जाली लगाने का खर्चा 300 रुपये प्रति रनिंग मीटर आता है यानि एक हजार रनिंग मीटर का खर्चा तीन लाख रुपये है इसमें डेढ़ लाख रुपये राज्य सरकार देगी तथा शेष डेढ़ लाख रूपये किसान वहन करेगा।  

राजीव कुमार टंडन होंगे मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष

भोपाल  राज्य शासन द्वारा मानव अधिकार आयोग के सदस्य राजीव कुमार टंडन को अपने पद के साथ आगामी आदेश तक मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष के रूप में प्राधिकृत किया गया है। राज्य शासन द्वारा 4 जुलाई 2025 शुक्रवार को आदेश जारी कर दिये गये हैं।

मुरैना जिले के पहाड़गढ़ वितरण केन्द्र में 5 एमवीए क्षमता का नया 33/11 केवी उपकेंद्र ऊर्जीकृत

मुरैना ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि मुरैना जिले केसबलगढ़ बिजली संभाग के पहाड़गढ़ वितरण केन्द्र के अंतर्गत ग्राम कोटसिरथरा में 5 एमवीए क्षमता का नया 33/11 केवी उपकेंद्र ऊर्जीकृत किया गया है। रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) योजना के तहत इस नए 33/11 केवी उपकेंद्र की स्थापना से पहाड़गढ़  के कोटसिरथरा ग्रामा के सैकड़ों उपभोक्ताओं को निर्बाध तथा गुणवत्तापूर्ण सतत बिजली सप्लाई मिलेगी। मंत्री तोमर ने कहा है कि सभी श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को निर्बाध एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार कृत संकल्पित है और इस दिशा में निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नवीन 5 एमवीए 33/11 केवी उपकेंद्र स्थापित होने से एक ओर जहॉं विद्युत वितरण प्रणाली मजबूत होगी वहीं दूसरी ओर विद्युत हानियां कम होकर प्रणाली की क्षमता वृद्धि से उपभोक्ताओं को पर्याप्त वोल्टेज पर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी।  

संसदीय राजभाषा समिति ने मध्यप्रदेश में हिंदी से एमबीबीएस कोर्स संचालन की सराहना की

भोपाल संसदीय राजभाषा समिति ने मध्यप्रदेश में हिंदी माध्यम से संचालित चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था की सराहना की है। समिति ने इस पहल को भारतीय भाषाओं में तकनीकी व उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में ठोस कदम बताया और सुदृढ़ीकरण के लिए सुझाव दिए। संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष श्री भर्तृहरि महताब (सांसद, लोकसभा, कटक – ओडिशा) की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में सम्पन्न हुई। समिति ने संकाय सदस्यों एवं विद्यार्थियों से संवाद कर हिंदी माध्यम में अध्ययन से जुड़े अनुभव एवं पुस्तकों की गुणवत्ता पर फीडबैक प्राप्त किया। समिति ने सुझाव दिया कि प्रारंभिक स्तर पर आने वाली चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सतत निगरानी, चरणबद्ध समीक्षा तथा फीडबैक आधारित सुधारात्मक पहल अपनाई जानी चाहिए। बैठक में संसदीय राजभाषा समिति के सदस्य श्री उज्ज्वल रमण सिंह (सांसद, लोकसभा, इलाहाबाद – उत्तर प्रदेश), श्री शंकर लालवानी (सांसद, लोकसभा, इंदौर – मध्यप्रदेश), डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी (सांसद, राज्यसभा, मध्यप्रदेश), डॉ. अनिल सुखदेवराव बोंडे (सांसद, राज्यसभा, महाराष्ट्र), श्री हरिभाई पटेल (सांसद, लोकसभा, मेहसाणा – गुजरात), श्री कुलदीप इंदौरा (सांसद, लोकसभा, गंगानगर – राजस्थान) और श्री जियाउर्रहमान (सांसद, लोकसभा, संभल – उत्तर प्रदेश) उपस्थित रहे। समिति सचिव श्री प्रेमनारायण, हिंदी अधिकारी श्री मनोज कुमार और रिपोर्टर श्री मोहम्मद आरिफ़ भी बैठक में सम्मिलित हुए। गांधी चिकित्सा महाविद्यालय की स्वशासी समिति के अध्यक्ष श्री मयंक अग्रवाल और महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. कविता एन. सिंह ने समिति का स्वागत किया। उन्होंने प्रदेश में हिंदी माध्यम से मेडिकल शिक्षा की प्रगति पर प्रस्तुति दी। बताया गया कि प्रदेश के समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों के विषय विशेषज्ञों के सहयोग से एमबीबीएस पाठ्यक्रम के सभी 15 विषयों की पुस्तकों का हिंदी में सफलतापूर्वक अनुवाद एवं संपादन किया गया है।  

हरदा जिले के 652 विद्यार्थियों के खाते में लेपटॉप की राशि अंतरित

विद्यार्थी समाज एवं राष्ट्र के पुनउर्त्थान के लिये पढ़ाई करें : मंत्री सारंग मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा है कि विद्यार्थी समाज एवं राष्ट्र के पुनउर्त्थान के लिये अध्ययन करें हरदा जिले के 652 विद्यार्थियों के खाते में लेपटॉप की राशि अंतरित भोपाल खेल एवं युवा कल्याण मंत्री और हरदा जिले के प्रभारी मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा है कि विद्यार्थी समाज एवं राष्ट्र के पुनउर्त्थान के लिये अध्ययन करें। मंत्री सारंग ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में अनेक विकास कार्य किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि यह बड़ी प्रसन्नता की बात है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष लेपटॉप प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है। यह हमारी बेहतर शिक्षा और व्यवस्था का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर मध्यप्रदेश को स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाना है। मंत्री सारंग शुक्रवार को हरदा जिले के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में आयोजित जिला स्तरीय लेपटॉप वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। हरदा जिले के 652 विद्यार्थियों के खाते में लेपटॉप की राशि अंतरित की गई। मंत्री सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश निरन्तर विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य देश को विश्व में बेहतर बना सकते हैं। विद्यार्थी पढ़ाई कर देश के विकास में योगदान दें। उन्होंने कहा कि पढ़ाई केवल पैसा कमाने, घर एवं कॅरियर बनाने के लिये नहीं बल्कि देश और समाज के पुनउर्त्थान के लिये करें। मंत्री सारंग ने जिला स्तरीय कार्यक्रम में प्रतीक स्वरूप जिले के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने बच्चों से चर्चा भी की। कार्यक्रम में विधायक डॉ. रामकिशोर दोगने, जिला पंचायत अध्यक्ष गजेन्द्र शाह, उपाध्यक्ष दर्शन सिंह गेहलोत, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती भारती राजू कमेड़िया, उपाध्यक्ष नगर पालिका हरदा अंशुल गोयल, जिला अध्यक्ष राजेश वर्मा, पूर्व कृषि मंत्री कमल पटेल, पूर्व विधायक संजय शाह और बाल अधिकार आयोग सदस्य अनुराग पाण्डे उपस्थित थे। हरदा एवं टिमरनी के इंडोर स्टेडियम का किया लोकार्पण मंत्री सारंग ने कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा निर्मित हरदा एवं टिमरनी के इंडोर स्टेडियम का लोकार्पण भी किया। प्रत्येक इंडोर स्टेडियम की लागत 1.69 करोड़ रूपये है। मंत्री सारंग ने कहा कि इन इंडोर स्टेडियम से खिलाड़ियों को बेडमिंटन, टेबल टेनिस, बास्केटबॉल, जिम, जिम्नास्टिक जैसी सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। मंत्री सारंग ने कहा कि स्टेडियम से खिलाड़ी अपनी प्रतिभा को निखार कर क्षेत्र का गौरव बढ़ा सकेंगे। इस अवसर पर मंत्री सारंग ने नगर पालिका द्वारा क्रय की गई टोईंग वेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस वेन की कीमत 29.44 लाख रूपये है। उन्होंने कहा कि इस वेन के माध्यम से हरदा शहर की यातायात व्यवस्था सुचारू हो सकेगी। मंत्री सारंग ने जिले के प्रवास के दौरान प्राचीन गंजालेश्वर महादेव मंदिर में पूजन-अर्चन कर आशीर्वाद भी प्राप्त किया। उन्होंने मंदिर प्रांगण में पौधरोपण कर हरियाली संवर्धन का संकल्प भी दिलवाया।  

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने की जनसुनवाई

भोपाल  राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री हंसराज गंगाराम अहीर एवं आयोग के सदस्य श्री भुवन भूषण कमल ने शुक्रवार को प्रदेश की पिछड़ा वर्ग सूची में सम्मिलित 32 जातियों को मध्यप्रदेश राज्य की केन्द्रीय सूची में सम्मिलित करने के लिए राजकीय अतिथि गृह (वीआईपी गेस्ट हाउस) भोपाल में जनसुनवाई की। जिसमें इन जातियों के प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश राज्य की पिछड़ा वर्ग की केन्द्रीय सूची में सम्मिलित होने के लिये अपना पक्ष प्रस्तुत किया। सचिव राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने बताया कि वर्तमान स्थिति में केन्द्रीय पिछड़ा वर्ग की केन्द्रीय सूची में मध्यप्रदेश राज्य के लिए 68 जातियां सम्मिलित हैं। जबकि मध्यप्रदेश शासन की सामाजिक तथा शैक्षणिक रूप से पिछड़ी जाति की सूची में 94 जाति/उपजाति/वर्ग समूह सम्मिलित हैं। ज्ञातब्य है कि मध्यप्रदेश शासन, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकीय विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद से इन 32 जाति/उपजाति/वर्ग समूह के सामाजिक, शैक्षणिक एवं सेवा में पिछड़ेपन के आंकड़े एकत्रित करने के लिए सर्वे कार्य कराया गया है। फील्ड सर्वे के उपरांत मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा इन जातियों के आकड़े शासन को प्रस्तुत किए गये है। इन आंकड़ों का अध्ययन करने के लिये जनसुनवाई का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग के अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया, सदस्य श्री सीताराम यादव, विभागीय प्रमुख सचिव डॉ. ई. रमेश कुमार, अपर सचिव श्री अनुराग चौधरी, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण आयुक्त श्री सौरभ के. सुमन मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सचिव डॉ. देवेश कुमार मिश्रा सम्मिलित रहें।