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धर्म परिवर्तन से वापसी: यूपी में 12 लोगों ने फिर अपनाया हिंदू धर्म, जलालुद्दीन बना केंद्र में

लखनऊ यूपी की राजधानी में कई तरह का प्रलोभन, लालच और डर दिखाकर हिंदू से मुस्लिम बने 12 लोगों की आज हिंदू धर्म में फिर से वापसी हुई। गोमती नगर, विशाल खंड- एक स्थित शिव भोला मंदिर में आयोजित इस कार्यक्रम में साधु-संतों ने वैदिक विधि- विधान के साथ इन सभी लोगों का शुद्धिकरण किया और हिंदू धर्म की वापसी की। इसके साथ ही इन्हें इनके मूल हिंदूनाम फिर से दिए गए। इस दौरान छांगुर बाबा की करतूतों को भी उजागर किया गया। बताया गया कि इकलौती लड़कियों और बेसहारा को लालच देकर टारगेट किया जाता है। विश्व हिंदू रक्षा परिषद के बैनर तले आयोजित घर वापसी के कार्यक्रम के दौरान वापस हिंदू धर्म में लौटने वाली सभी महिला और पुरुष काफी संतुष्ट दिखे। परिषद के लोगो ने शंखनाद करके अपनी खुशी का इजहार किया। इस दौरान मंदिर परिसर और आसपास भारी पुलिस बल मौजूद रहा। घर वापसी करने वालों में छह पुरुष और छह महिलाएं शामिल है।परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने बताया बलरामपुर के उतरौला मधुपुर गांव का रहने वाला छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन और इसके गुर्गे गरीब, बेसहारा, लाचार लोगों को कई तरह के प्रलोभान देकर हिंदू से मुसलमान बनवाते हैं। इन लोगों ने कई बच्चियों का निकाह तक करवा डाला। गोपाल राय ने आरोप लगाया कि यूपी में गज़वा-ए-हिंद का मजबूत चेहरा है छांगुर पीर, मोहम्मद अहमद खान व अब्दुल माबूद रज़ा उर्फ आकिब है। इन लोगो ने देश व विदेश में लगभग तीन हजार हिंदुओं का धर्मांतरण कराया है। जिसकी रिपोर्ट गोमती नगर सहित यूपी व अन्य राज्यों में पंजीकृत है । उन्होंने आरोप लगाया की इन मामलों की जांच कर रही एजंसियों की भूमिका संदिग्ध है । गोपाल राय बताते हैं कि कुछ लड़कियां जो अपने मां – बाप की इकलौती संतान है या कमजोर वर्ग की थी उन्हे टारगेट किया जाता है। उनको बहला फुसलाकर उनकी संपत्ति भी कब्जा कर ली जाती है। उन्होंने बताया की देश के कई प्रदेशों में धोखा धड़ी कर धर्म परिवर्तन कराने व सरकारी ज़मीनों, तालाब नजूल की जमीन पर कब्जा, फंडिग, घुसपैठ व कैंप बनाने के लिए सैकड़ों करोड़ हवाला के जरिये विदेशी फंडिग हो रही है। इस मौके पर संगठन के राष्ट्रीय महासचिव कुलदीप मिश्रा , प्रदेश संगठन मंत्री हिमांशु धवल, प्रदेश अध्यक्ष शिखर गुप्ता, बाबी गुप्ता, राजेश वर्मा, संग्राम सिंह, राजेश गुप्ता, कृष्णा पाण्डेय, पी. के पाण्डेय, पंकज सिंह, पंकज प्रधान, विवेक सिंह एडवोकेट, सरोज पाल सिंह, प्रवीन सिंह आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहें | इनकी हुई घर वापसी मांडवी शर्मा (औरैया) सोनू रानी (सहारनपुर) मालती (सिद्धार्थ नगर) रीना (मुरादाबाद) पल्लवी हरजीत कश्यप संचित गौतम राम, नरेश मौर्या( बलरामपुर) नरेंद्र मिश्रा हरजीत सिंह मूर्ति देवी  

उत्तर प्रदेश : हापुड़ में भयानक सड़क हादसा, एक ही बाइक पर सवार 5 की मौत

हापुड़ उत्तर प्रदेश के हापुड़ में बाइक सवार लोगों को अज्ञात वाहन ने जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में बाइक सवार सभी लोगों की मौत हो गई, इनमें चार बच्चे भी थे। बता दें, ये सभी बाइक सवार स्विमिंग करके वापस लौट रहे थे, तभी ये हादसा हुआ। हादसे के बाद परिवार में कोहराम मच गया। यह हादसा थाना हाफिजपुर क्षेत्र के नेशनल हाईवे पर हुआ। हादसे के बाद सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने अस्पताल पहुंचकर घटना के बारे में जानकारी ली। हादसे में मरने वालों को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल भेज दिया है। बता दें, घटना के तुरंत बाद मृतकों को निजी अस्पताल में ले जाया गया था। अब पुलिस अधिकारियों ने इस घटना के बारे में जानकारी लेने के बाद सभी मृतकों को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल में भेज दिया है। मृतकों की पहचान दानिश (उम्र 36, महिरा (उम्र 6 वर्ष), समायरा (उम्र 5 वर्ष, पुत्री दानिश), समर (उम्र 8 वर्ष), और माहिम (उम्र 8 वर्ष) के रूप में हुई है। ये पांचों एक ही बाइक से गुलावठी के गांव मिठ्ठेपुर गए थे। पांचों ने बाग स्थित स्वीमिंग पुल में स्नान किया और रात करीब साढ़े दस बजे वापस लौट रहे थे तभी हाफिजपुर थाना क्षेत्र में एक कैंटर ने बाइक में टक्कर मार दी। हादसा इतना भयानक था कि बाइक पर सवार सभी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। हाफिजपुर के एसएचओ आशीष पुंडीर ने बाइक चला रहे दानिश के नशे में होने की आशंका जताई है। पुलिस के मुताबिक इसी वजह से वह बाइक को नियंत्रित नहीं कर पाया। हालांकि इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगी। मौके पर पुलिस अधिकारियों की टीम मामले की जांच में जुटी हुई है।  

योगी सरकार का एक्शन मोड: कांवड़ पथ, रोजगार मिशन और JPNIC पर लिया गया बड़ा निर्णय

लखनऊ उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश के लिए कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगाई गई. बैठक में कुल 30 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें रोजगार मिशन, बुंदेलखंड के औद्योगिक विकास और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे लिंक जैसे बड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं. योगी कैबिनेट के अहम प्रस्तावों में चौधरी चरण सिंह कावंड मार्ग को भी मंजूरी दिया जाना शामिल रहा. इसके तहत मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद से होकर 111.490 KM लंबा कांवड़ मार्ग बनाया जाएगा. राज्‍य के वित्‍त मंत्री सुरेश खन्‍ना का कहना है कि ये फैसले राज्य के रोजगार, औद्योगिक विकास और बुनियादी ढांचे को नई दिशा देंगे. यूपी कैबिनेट मींटिंग में हुए फैसलों के बारे में जानते हैं.. यूपी रोजगार मिशन में लाखों को मिलेगा रोजगार यूपी कैबिनेट ने श्रम विभाग के दो प्रस्तावों को मंजूरी देते हुए ‘यूपी रोजगार मिशन’ के गठन को हरी झंडी दिखाई. इस मिशन के तहत एक वर्ष में 25,000 लोगों को विदेशों में रोजगार और 1 लाख लोगों को देश के अंदर रोजगार के मौके दिए जाएंगे. विदेशों में ड्राइवर, मिस्त्री और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में नौकरियां उपलब्ध होंगी. यह मिशन न केवल युवाओं को रोजगार देगा, बल्कि उनकी स्किल डेवलपमेंट पर भी ध्यान देगा.. इससे यूपी के युवा वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकें. महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया. अब सभी 29 कम खतरनाक कारखानों में महिला वर्करों को काम करने की अनुमति होगी. अभी सिर्फ 5% महिलाएं कारखानों में काम करती है, लेकिन इस फैसल से उनकी भागीदारी काफी बढ़ने की उम्मीद है.   बुंदेलखंड में आएगी औद्योगिक क्रांति बुंदेलखंड के विकास को गति देने के लिए कैबिनेट ने कई अहम फैसले लिए. इसके तहत बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (BIDA) को विकसित करने के लिए आवश्यक जमीन के अधिग्रहण में संशोधन को मंजूरी दी गई. इसके साथ ही बुंदेलखंड के लिए विशेष औद्योगिक प्रोत्साहन नीति को भी स्वीकृति मिली, जिसके तहत विभिन्न कंपनियों के निवेश प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई. नोएडा की तर्ज पर बुंदेलखंड में एक आधुनिक इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किया जाएगा, जो क्षेत्र में रोजगार और आर्थिक समृद्धि लाएगा. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे लिंक को मंजूरी कैबिनेट ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाले 49.96 किलोमीटर लंबे लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी दी. इस प्रोजेक्ट की लागत 4,776 करोड़ रुपये होगी. यह लिंक एक्सप्रेसवे यूपी के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों के बीच कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा, जिससे व्यापार, पर्यटन और आवागमन में आसानी होगी. JPNIC को LDA को सौंपा गया कैबिनेट ने समाजवादी पार्टी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) को लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को सौंपने का फैसला किया. JPNIC के संचालन के लिए बनी सोसाइटी को भंग कर दिया गया है. अब LDA इस प्रोजेक्ट का मेंटेनेंस और संचालन करेगा. लगभग 800 करोड़ रुपये की लागत से बना JPNIC लंबे समय से विवादों में घिरा था. वहीं, उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के कार्मिकों की अधिवर्षता आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. यह संस्थान, भाषा विभाग नियंत्रण अधीन स्वशाषी संस्थान है. संस्थान मे 4 कार्मिक कार्यरत हैं.

मुजफ्फरनगर में ‘पंडित जी ढाबा’ मामले में धार्मिक पहचान जांच को लेकर बढ़ा तनाव, पुलिस जांच में जुटी, केस दर्ज

मुजफ्फरनगर  दिल्ली-देहरादून हाईवे पर स्थित ‘पंडित जी शुद्ध वैष्णो भोजनालय’ (ढाबा) पर धार्मिक पहचान के नाम पर कथित अपमानजनक व्यवहार और मारपीट के मामले ने जिले में साम्प्रदायिक तनाव को हवा दे दी है। एक ओर जहां होटल के मैनेजर ने होटल संचालक व अन्य पर बंधक बनाकर मारपीट का आरोप लगाया, वहीं दूसरी ओर एक कर्मचारी की पैंट उतरवाकर धार्मिक पहचान जांचने का मामला भी सामने आया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। होटल मैनेजर ने दी तहरीर, पांच पर केस दर्ज नई मंडी कोतवाली पुलिस ने होटल मैनेजर धर्मेन्द्र भारद्वाज की तहरीर पर होटल मालकिन दीक्षा शर्मा निवासी भोला झाल (थाना जानी, मेरठ), संचालक सनव्वर निवासी खतौली, उसके दो बेटे जुबेर व आदिल खान तथा एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। धर्मेन्द्र ने आरोप लगाया कि स्वामी यशवीर महाराज द्वारा ढाबे पर चेकिंग के बाद जब उन्होंने होटल संचालक के बारे में बताया, तो उनके साथ मारपीट की गई और बंधक बना लिया गया।   छह लोगों को नोटिस न्यू मंडी थाना प्रभारी दिनेश चंद भागल ने बताया कि स्वामी यशवीर महाराज की टीम से जुड़े छह लोगों को तीन दिन के भीतर पूछताछ के लिए थाने में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है. ये लोग जिला प्रशासन की अनुमति के बिना कांवड़ यात्रा मार्ग पर ढाबों के मालिकों की पहचान से संबंधित दस्तावेजों की जांच कर रहे थे. उन्होंने कहा, वीडियो में दिखने वाले अन्य लोगों को भी नोटिस भेजे जा सकते हैं. हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और सभी कानूनी पहलुओं की जांच की जा रही है. पुलिस के अनुसार जिन छह लोगों की पहचान की गई है, उनमें सुमित बहरागी, रोहित, विवेक, सुमित, सनी और राकेश. ये सभी बघरा स्थित स्वामी यशवीर के आश्रम से जुड़े हुए हैं.  पंडित जी वैष्णो ढाबे के एक कर्मचारियों ने तो स्वामी यशवीर जी महाराज की टीम पर पहचान के नाम पर जबरन पेंट उतारने की कोशिश का आरोप भी लगाया था. हालांकि इस आरोप को यशवीर महाराज के द्वारा एक सिरे से नकार दिया गया था धर्मेंद्र के साथ मारपीट का आरोप  इसी बीच पुलिस ने एक अन्य मामले में एफआईआर दर्ज की है, जिसमें पंडित जी वैष्णो ढाबा के संचालक सनव्वर , उसका बेटा आदिल, जुबैर और दो अन्य लोगों के खिलाफ उनके पूर्व मैनेजर धर्मेंद्र के साथ मारपीट करने का आरोप है. एफआईआर धर्मेंद्र की शिकायत पर दर्ज की गई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने इस बात का खुलासा किया था कि हिंदू नाम वाले इस ढाबे को एक मुस्लिम चला रहा है, इसी वजह से उन पर हमला किया गया. रविवार को हुआ था बवाल  स्थानीय लोगों के अनुसार, स्वामी यशवीर ने रविवार को कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों के मालिकों की पहचान जांचने का अभियान शुरू किया था. उनका दावा था कि यह तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है. पिछले साल सितंबर में उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया था कि यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को मालिक, संचालक और प्रबंधक का नाम और पता स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा. अब उत्तराखंड सरकार ने भी इस वर्ष कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को अपने खाद्य लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाणपत्र सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने का आदेश दिया है, जिस पर एक बार फिर भाजपा और विपक्ष आमने-सामने हैं. सपा ने उठाया सवाल, भाजपा ने दिया जवाब  मुरादाबाद के पूर्व सपा सांसद एसटी हसन ने बुधवार को उत्तराखंड में कांवड़ मार्ग पर ढाबा मालिकों की कथित धार्मिक जांच की निंदा करते हुए इसे आतंकवाद का एक रूप बताया. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कुछ वीडियो में लोगों को उनकी धार्मिक पहचान साबित करने के लिए मजबूर करते हुए देखा गया है. हसन ने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य सरकार इन कृत्यों को चुपचाप समर्थन दे रही है. भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में यह व्यवहार शर्मनाक है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए. इसका जवाब देते हुए बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, जहां तक हसन के बयान का सवाल है, मैं पूछना चाहता हूं कि वे ऐसे लोगों के साथ क्यों खड़े होना चाहते हैं जो अपने नाम छिपाते हैं? वे अपना एंटी-मोदी चश्मा उतारें, तभी उन्हें देश की सही तस्वीर नजर आएगी. ओवैसी ने भी उठाए सवाल  AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले पर सवाल उठाया कि मुजफ्फरनगर बाइपास के पास कई होटल सालों से चल रहे हैं. क्या कांवड़ यात्रा अभी शुरू हुई है? ये तो पहले भी शांतिपूर्वक निकलती रही है. अब अचानक यह सब क्यों हो रहा है? अब होटल मालिकों से आधार कार्ड मांगा जा रहा है, दुकानदारों से पैंट उतारने को कहा जा रहा है.ओवैसी ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, पुलिस का काम है उन लोगों को गिरफ्तार करना जो दुकानदारों को परेशान कर रहे हैं. मगर यहां तो खुद प्रशासन ही तमाशा बना रहा है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. कोई कैसे किसी होटल में घुसकर मालिक से उसका धर्म पूछ सकता है? यह सरासर गलत है. सरकार इस पर चुप क्यों है? ओवैसी का यह बयान ऐसे समय आया है जब कांवड़ यात्रा के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा कई तरह के निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन विपक्ष लगातार इन निर्देशों को लेकर राज्य सरकार पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगा रहा है.

अयोध्या में प्रसाद की दुकानों पर अचानक छापेमारी करेंगे नागा साधु, निर्वाणी अखाड़ा ने बनाई टीम

अयोध्या अयोध्या में मिलावटखोरी के खिलाफ नागा साधु खुद मैदान में उतर आए हैं. निर्वाणी अखाड़े ने 'पहचान अभियान' के तहत दुकानों पर औचक छापेमारी शुरू करने का ऐलान किया है. नागा साधु द्वारा प्रसाद की कड़ी जांच होगी, जिसमें 4 लोगों की टीम बनाई गई है.  दरअसल, सावन के पावन महीने और झूला मेले से पहले अखाड़े ने सख्त कदम उठाए हैं. नागा साधुओं और व्यापारी नेताओं की संयुक्त टीम बनाई गई है, जो कभी भी, कहीं भी दुकानों पर पहुंचकर प्रसाद की गुणवत्ता की जांच करेगी. अगर मिलावट या ठगी पकड़ी गई, तो सख्त कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी.  देशी घी के नाम पर ठगी, अब होगी नकेल हनुमानगढ़ी में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद देशी घी के लड्डू चढ़ाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन कई दुकानदारों ने देशी घी के नाम पर सस्ते तेल से लड्डू बनाकर श्रद्धालुओं की भावनाओं से खिलवाड़ करना शुरू कर दिया. इस धोखाधड़ी पर अब सीधी नजर होगी.  बताया जाता है कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद से हनुमानगढ़ी में उच्च गुणवत्ता युक्त प्रसाद (लड्डूओं) का भोग लगाने और प्रसाद चढ़ाने की कवायद शुरू हुई थी। इसके कारण ही निर्वाणी अखाड़ा हनुमानगढ़ी की बैठक में व्यापारियों को बुलाकर देशी घी के लड्डू बेचने का निर्देश दिया गया। व्यापारियों ने इसे मान भी लिया लेकिन ठगी शुरू हो गई। अधिकतर व्यापारियों ने देशी घी के नाम पर लड्डू का रेट तो बढ़ा दिए लेकिन सस्ते ब्रांड के तेल का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी दुर्व्यवस्था पर अंकुश के लिए एक जुलाई से प्रसाद के डिब्बे पर व्यापारी व प्रतिष्ठान का नाम व मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से अंकित करने का निर्देश निर्वाणी अखाड़ा ने दिया है। इससे मिलावटखोरी व ठगी करने वाले व्यापारी चिह्नित हो जाएंगे। सावन माह में कांवड़ियों के आगमन और झूला मेला को देखते हुए अखाड़े के निर्णय का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए अखाड़े के नागा साधुओं व व्यापारी नेताओं की संयुक्त टीम गठित की गई है जो आकस्मिक निरीक्षण करके प्रसाद की गुणवत्ता की जांच करेगी और कार्यवाही के लिए भी अपनी संस्तुति प्रदान करेगी। हनुमानगढ़ी की सागरिया पट्टी महंत ज्ञानदास के उत्तराधिकारी महंत संजय दास ने बताया कि प्रसाद में मिलावट की शिकायतों को देखते हुए संत समाज और व्यापारियों ने संयुक्त रूप से निर्णय लिया है कि एक जुलाई से प्रसाद के डिब्बे पर व्यापारी अपना और अपनी दुकान का नाम और फोन नंबर अंकित करें। यही प्रसाद मंदिर में चढ़ाया जा सकेगा। व्यापारी नेता पंकज गुप्ता ने बताया कि सभी को अवगत करा दिया गया है। गड़बड़ी करने वाले खुद जिम्मेदार होंगे। प्रसाद के डिब्बे पर नाम और मोबाइल नंबर अनिवार्य  हर प्रसाद के डिब्बे पर दुकान और व्यापारी का नाम और मोबाइल नंबर लिखना अनिवार्य कर दिया गया है. जिससे ठगी करने वालों की तुरंत पहचान हो सके. जो व्यापारी नियम तोड़ेंगे, वे खुद जिम्मेदार माने जाएंगे.  महंत संजय दास की सख्त चेतावनी हनुमानगढ़ी के महंत संजय दास ने कहा अब किसी को श्रद्धालुओं के साथ धोखा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. नागा साधु खुद दुकान-दुकान घूमेंगे और जो दोषी मिलेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. साथ ही फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट को भी यह सूचना दी जाएगी जिससे वो इस पर उचित एक्शन लें.   

सहारा बाजार की बड़ी नीलामी जल्द, LDA करेगा सीधी बिक्री – 12 दिन पहले लिया था नियंत्रण

लखनऊ  यूपी की राजधानी लखनऊ के पॉश इलाके गोमती नगर स्थित विभूति खण्ड के पॉलीटेक्निक चौराहे के पास बने सहारा बाजार को LDA अब नीलामी के जरिए बेचने जा रहा है। इस प्रापर्टी की नीलामी दो दिन बाद शुरू हो जाएगी। इसे एकमुश्त एक ही व्यक्ति को बेचा जाएगा। यहां करीब 4741 वर्गमीटर क्षेत्रफल में फैले इस परिसर में लगभग 150 दुकानें बनी हुई हैं, लेकिन इनमें से फिलहाल सिर्फ 11 दुकानें ही संचालित हैं। जो इसे खरीदेगा वह इसे तोड़कर दोबारा यहां कॉम्प्लेक्स बना सकेगा।   12 दिन पहले LDA ने लिया कब्जा एलडीए ने बताया कि यह भूखंड 9 जनवरी 1987 में सहारा इंडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड को 30 सालों की लीज पर आवंटित किया गया था, जिसकी अवधि 9 जनवरी 2017 को समाप्त हो गई है। लीज खत्म हो जाने के बाद संस्था ने इस रिनिवल नहीं करवाया। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने लीज निरस्त कर दी और फिर प्रवेश का आदेश दिया है। इसके बाद एलडीए की प्रवर्तन, अभियंत्रण और संपत्ति अनुभाग की टीम ने 12 दिन पहले इस पर कब्जा कर लिया। सहारा ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी, लेकिन मंगलवार को हुई सुनवाई में कोई राहत नहीं मिली। बनी है 150 दुकानें, गलत तरीके से बेचा अपर सचिव ने बताया कि कॉम्पलेक्स में लगभग 150 दुकानें निर्मित हैं, जिनमें से सिर्फ 11 दुकानें ही संचालित हैं। कब्जा लिये जाने से पूर्व स्थल पर मुनादी कराते हुए दुकानदारों को जगह खाली करने का समय दिया गया था। जिसकी मियाद पूरी होने पर एलडीए के अभियंत्रण, प्रवर्तन व सम्पत्ति अनुभाग की संयुक्त टीम इसे अपने कब्जे में लिया था।   एलडीए ने यह भी खुलासा किया कि सहारा इंडिया ने इस भूखंड को खुद का बताकर कई लोगों को दुकानें बेच दी थीं, जबकि जमीन लीज पर थी। जब एलडीए ने कब्जा लिया, उस दौरान कई लोग सेल डीड लेकर पहुंचे, जिनमें सहारा द्वारा खुद को ‘मालिक’ बताकर दुकानें बेची गई थीं। इन मामलों में भविष्य में विवाद की स्थिति में मिल-बैठकर सुलझाने का उल्लेख भी सेल डीड में किया गया था। उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने कहा है कि जो भी वैध रूप से दुकानें ले चुके हैं, उन्हें प्राधिकरण की ओर से राहत दी जाएगी। अपर सचिव वर्मा ने बताया कि ऐसे लोगों को तीन विकल्प दिए जा रहे हैं, ताकि उनके साथ कोई अन्याय न हो।

उत्तर प्रदेश: बिजली के तारों से चिंगारी गिरने के कारण गैस पाइप में आग लगी

बरेली (उप्र) बरेली में नैनीताल राजमार्ग पर बिजली की लाइन से चिंगारी गिरने के कारण सड़क किनारे रखे प्लास्टिक गैस पाइप में आग लग गई। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि यह घटना मंगलवार रात करीब साढ़े 10 बजे की है जब बिजली के तारों से निकली चिंगारी सड़क किनारे रखे प्लास्टिक पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) पाइप और केबल के ढेर पर गिर गई। उसने बताया कि वहां रखी सामग्री ने तुरंत आग पकड़ ली और विकराल लपटें उठने लगीं। बरेली के अपर पुलिस अधीक्षक (यातायात) अकमल खान ने बताया कि एहतियात के तौर पर नैनीताल राजमार्ग पर दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही तुरंत रोक दी गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि करीब आधे घंटे तक वाहनों की आवाजाही बाधित रही, जिससे वहां जाम लग गया। खान ने बताया कि दमकल की कई गाड़ियों को मौके पर भेजा गया और एक घंटे से अधिक समय तक आग बुझाने का कार्य जारी रहा। अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ''आग संभवत: बिजली के तारों से चिंगारी निकलने के कारण लगी। अग्निशमन विभाग द्वारा मामले की गहन जांच की जाएगी।'' मौके पर पहुंचे पाइप बिछाने वाली कंपनी के अधिकारी अभिषेक ने बताया कि पाइप नई गैस लाइन डालने के लिए रखे गए थे जिनकी कीमत लाखों रुपये है। उन्होंने कहा, ''आग में पाइप व केबल का पूरा भंडार जलकर खाक हो गया, जिससे कंपनी को भारी नुकसान हुआ।'' अधिकारियों ने बताया कि घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।   

संभल में मुहर्रम जुलूस के दौरान नाबालिगों के ताजिया ले जाने पर रोक: पुलिस

संभल (उप्र) संभल पुलिस ने सुरक्षा कारणों और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की आवश्यकता का हवाला देते हुए मुहर्रम जुलूस के दौरान नाबालिगों के ताजिया और अलम ले जाने पर रोक लगा दी है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अपर पुलिस अधीक्षक (उत्तर) राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि मुहर्रम जुलूस के साथ जाने वाले स्वयंसेवकों के साथ एक बैठक आयोजित की गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी दिशा-निर्देशों और सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाए। श्रीवास्तव ने कहा, ''यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि नाबालिग बच्चों को ताजिया या अलम ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।'' उन्होंने कहा, ''ऐसी घटनाएं पहले भी हुई हैं जब अलम ऊपर से गुजर रहे बिजली के तारों को छू गए थे और इस कारण उन्हें करंट लग गया था। ऐसे जोखिमों को ध्यान में रखते हुए केवल वयस्कों को ही उन्हें ले जाने की अनुमति दी जाएगी।'' अधिकारी ने बताया कि नाबालिग जुलूस का हिस्सा हो सकते हैं, लेकिन उन्हें ताजिया या अलम नहीं पकड़नी चाहिए। श्रीवास्तव ने इस बात पर भी जोर दिया कि ताजिया की ऊंचाई 10 फुट से अधिक नहीं होनी चाहिए और जुलूस केवल पारंपरिक मार्गों से ही निकलने चाहिए। उन्होंने कहा, ''सभी स्वयंसेवकों ने इन नियमों का पालन करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।'' जुलूसों के दौरान तेज आवाज में ढोल-ताशा बजाने संबंधी चिंताओं पर श्रीवास्तव ने कहा, ''मुहर्रम शोक का अवसर है। ढोल-ताशा केवल परंपरा के अनुसार ही बजाए जाने चाहिए। खासकर दूसरे समुदायों के अराधना स्थलों के पास अनावश्यक शोर नहीं होना चाहिए।''  

मायावती ने प्राथमिक विद्यालयों को विलय करने के कदम की आलोचना की

लखनऊ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने बेसिक शिक्षा परिषद के तहत प्राथमिक विद्यालयों का विलय करने या उन्हें समेकित करने के उत्तर प्रदेश सरकार के कदम की बुधवार को कड़ी आलोचना की। मायावती ने आरोप लगाया कि इस फैसले से गरीब बच्चों को नुकसान होगा। मायावती ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में इस निर्णय को ‘अनुचित, गै़र-ज़रूरी एवं गरीब-विरोधी'' करार दिया और कहा कि इस कदम से आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के करोड़ों बच्चे अपने घरों के पास सुलभ और सस्ती शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के युग्मन/एकीकरण की आड़ में बहुत सारे विद्यालयों को बंद करने वाला जो फैसला लिया गया है वह गरीब बच्चों के हित में नहीं है। उन्होंने इस निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि सरकार अपना यह फैसला वापस नहीं लेती है तो राज्य में बसपा की सरकार बनने पर इस फैसले को रद्द करके पुनः पुरानी व्यवस्था बहाल की जायेगी। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि उम्मीद है कि राज्य सरकार गरीबों व आमजन की शिक्षा के व्यापक हित के मद्देनजर इस फैसले को बदलने के बारे में जरूर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने शैक्षणिक संसाधनों को युक्तिसंगत बनाने और कम नामांकन, शिक्षकों की कमी और बुनियादी ढांचे के दोहराव जैसे मुद्दों को दूर करने के प्रशासनिक प्रयास के तहत स्कूल विलय नीति शुरू की है। अधिकारियों का दावा है कि इस कदम का उद्देश्य छोटे और कम नामांकित विद्यालयों को समेकित करना और उनका विलय नजदीकी संस्थानों में करना है।  

उत्तर प्रदेश में सीआरआई निधि से होगा 10 सेतुओं का निर्माण

लखनऊ उत्तर प्रदेश को बेहतर सड़क सम्पर्क वाला राज्य बनाने की दिशा में एक अहम कदम के तहत राज्य में केंद्रीय सड़क एवं अवसंरचना (सीआरआई) निधि से 10 पुलों का निर्माण कराया जाएगा। राज्य सरकार के एक बयान के मुताबिक लोकनिर्माण विभाग ने इसके लिए एक खाका तैयार किया है, जिसके मुताबिक सेतु बनाने की 10 परियोजनाओं को 1,111 करोड़ की लागत से पूरा करने की तैयारी है। बयान के अनुसार इस योजना के जरिए जिन सेतुओं का निर्माण होना प्रस्तावित है, उसमें मुख्य रूप से रेल ओवहरेड ब्रिज (आरओबी) और रेल अंडर ब्रिज (आरयूबी) प्रस्तावित हैं। बयान के अनुसार इन पुलों का निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम की देखरेख में पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही सीआरआई कोष के इस्तेमाल से मार्गों के निर्माण, चौड़ीकरण और उनके सुदृढ़ीकरण के कामों को भी पूरा करने की तैयारी है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में 1,111 करोड़ की लागत से 10 सेतुओं के निर्माण को स्वीकृति दी थी जिस पर मौजूदा वित्तीय वर्ष में काम होना प्रस्तावित है। इनमें से हर पुल के निर्माण में 50 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि खर्च की जाएगी। इनके पूरा होने से कनेक्टिविटी में विस्तार के साथ ही उचित यातायात प्रबंधन में भी मदद मिलेगी।