News Aazad Bharat

उपचारिका विदेह कुमारी पर मरीजों से अवैध वसूली आरोप मामले में किया निलंबित

लखनऊ मरीजों से अवैध वसूली के आरोपों में फर्रुखाबाद स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय में तैनात उपचारिका को निलंबित कर दिया गया है। जबकि कुशीनगर मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर पर प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप लगे हैं। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की गई है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मेडिकल संस्थान में डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए प्रमुख सचिव को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया है। फर्रुखाबाद स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय में तैनात उपचारिका विदेह कुमारी पर मरीजों से अवैध वसूली के आरोप लगे हैं। साथ ही अस्पताल में अराजकता फैलाने के भी आरोप हैं। शिकायतों का डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लिया। उपचारिका को निलंबित करते हुए बहराइच मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में तैनाती के आदेश दिए गए हैं। साथ ही प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा को निर्देश दिए हैं कि उपचारिका को आरोप पत्र देकर कठोर विभागीय कार्यवाही की जाए। कुशीनगर स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में आब्स एण्ड गायनी विभाग में सहायक आचार्य के पद पर तैनात डॉ. रूचिका सिंह पर प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को डॉ. रूचिका के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। आजमगढ़ सीएचसी में तैनात डॉ. सुरजीत सिंह द्वारा हरदोई के जिला चिकित्सालय में तैनाती के दौरान मरीजों से दुर्व्यवहार एवं दूसरी गंभीर शिकायतें मिली हैं। डॉ. सुरजीत पर विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की गई है। बहराइच की पीएचसी गंगवल में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. विकास वर्मा ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र-पयागपुर में गलत मेडिकल सर्टिफिकेट बनाया था। जांच के बाद डॉ. विकास की वेतन वृद्धि एक वर्ष के रोकते हुए परिनिन्दा का दंड दिया गया है। उधर, हमीरपुर मुख्य चिकित्साधिकारी, डॉ. गीतम सिंह ने महोबा में उप्र विधान परिषद की वित्तीय एवं प्रशासनिक विलम्ब समिति की दिनांक 25 अप्रैल 2025 की बैठक में सूचना सहित प्रतिभाग न किये जाने के आरोप लगे हैं। यह शासकीय व पदीय दायित्वों में लापरवाही एवं उदासीनता है। लिहाजा डॉ. गीतम से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। मरीजों से अभद्रता, स्पष्टीकरण तलब उधर, रायबरेली के खीरों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. इफ्तिखार अहमद पर महिला रोगियों से अभद्रता किये जाने के आरोप हैं। उच्च आदेशों की अवहेलना करने का भी इल्जाम है। लिहाजा डॉ. इफ्तिखार से स्पष्टीकरण मांगा गया है।  

कांवड़ यात्रा को लेकर गाजियाबाद में ट्रैफिक प्लान तैयार, कई रूट होंगे डायवर्ट, यात्रा को लेकर तैयारी तेज

 गाजियाबाद सावन महीने की शुरुआत के साथ ही कांवड़ यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं. हर साल लाखों श्रद्धालु शिवभक्ति में लीन होकर कांवड़ लेकर हरिद्वार से अपने-अपने शहरों की ओर निकलते हैं. इस दौरान सड़क पर भारी भीड़ होती है, जिसे देखते हुए ट्रैफिक और सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने सख्ती शुरू कर दी है. खासकर दिल्ली-मेरठ रोड पर नियम और कड़े किए जा रहे हैं. वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से जाना होगा अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के अनुसार, रूट डायवर्जन प्लान लागू होने के बाद दिल्ली से आने वाले वाहन चौधरी चरण सिंह मार्ग (रोड नंबर 58) का प्रयोग कर यूपी गेट (गाजीपुर बॉर्डर) होते हुए एनएच-9 से जा सकेंगे। वहीं, दिल्ली से जिन्हें हरिद्वार, अमरोहा, मुरादाबाद और लखनऊ आदि स्थानों पर जाना है, वे यूपी गेट से प्रवेश कर एनएच-9 का प्रयोग करते हुए डासना से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे होते हुए जा सकेंगे। इसके अलावा एनएच नौ के जरिये हापुड़ होते हुए मेरठ भी जा सकेंगे। वहीं, बुलंदशहर और हापुड़ की ओर से आने वाले वाहन लालकुआं से सीधे गाजियाबाद शहर की ओर न आकर एनएच-9 का प्रयोग करते हुए दिल्ली जा सकेंगे। जीटी रोड भी बंद होगा अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के मुताबिक, सावन के पहले सोमवार से जीटी रोड स्थित दूधेश्वरनाथ मंदिर के आसपास का मार्ग बंद करने की योजना है। अभी बनी योजना के अनुसार, चौधरी मोड़ से हापुड़ तिराहा या मेरठ तिराहा की ओर जाने वाले वाहन घंटाघर फ्लाईओवर से होकर भेजे जा सकते हैं।फ्लाईओवर के नीचे से किसी भी वाहन को जाने नहीं देने की योजना है। विजयनगर की तरफ से भी वाहन को गोशाला बैरियर से आगे दूधेश्वरनाथ की ओर नहीं भेजने की योजना है। हालांकि, यह व्यवस्था श्रद्धालुओं की भीड़ देखते हुए लागू की जाएगी। मेरठ तिराहे पर कंट्रोल रूम बनाया गया नगर निगम ने कांवड़ यात्रा की तैयारी शुरू कर दी है। मेरठ तिराहे पर कांवड़ यात्रा पर नजर रखने के लिए कंट्रोल रूम बना दिया है। 200 से ज्यादा स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। कैमरों को कंट्रोल रूम से जोड़कर कांवड़ यात्रा पर नजर रखी जाएगी। दस जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है। नगर आयुक्त ने तीन दिन पहले बैठक कर अधिकारियों को कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए। इसी क्रम में निगम के निर्माण विभाग ने मेरठ तिराहे पर कंट्रोल रूम बना दिया है। यह मुख्य कंट्रोल रूम है। कंट्रोल रूम से मेरठ रोड और जीटी रोड पर नजर रखी जाएगी। कैमरों को कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। नगर आयुक्त ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ मार्ग पर 24 घंटे सफाई व्यवस्था रहेगी। मेरठ रोड पर दस किलोमीटर तक अस्थाई प्रकाश व्यवस्था की जाएगी। पड़ोसी राज्यों और जनपदों के अधिकारी मौजूद रहे पुलिस लाइन में हुई समन्वयक बैठक में बताया गया कि तीन मुख्य कंट्रोल रूम, एक यातायात कंट्रोल रूम के अलावा 12 सब कंट्रोल रूम के जरिए पूरे कांवड़ मार्ग और यात्रा पर नजर रखी जाएगी। बैठक में पड़ोसी राज्यों और जनपदों के अधिकारी मौजूद रहे। 11 जुलाई से भारी वाहनों पर रोक प्रशासन ने फैसला लिया है कि 11 जुलाई से दिल्ली-मेरठ रोड पर भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रोक दी जाएगी. इस दौरान ट्रक, बड़े मालवाहक और दूसरे भारी वाहन इस रास्ते पर नहीं चल सकेंगे. ये कदम कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा और ट्रैफिक जाम से बचने के लिए उठाया गया है. वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू करने की तैयारी यात्रा के दौरान ट्रैफिक को सुचारु रखने के लिए वन-वे सिस्टम भी लागू किया जा सकता है. जानकारी के मुताबिक 22 जुलाई से लेकर 26 जुलाई के बीच किसी भी दिन यह व्यवस्था लागू की जा सकती है. इससे रास्ते में होने वाले जाम और टकराव की स्थिति से बचा जा सकेगा. इन रास्तों पर होगा डायवर्जन दिल्ली से मेरठ, गाजियाबाद होते हुए हरिद्वार जाने वाले रास्तों पर खास ध्यान दिया जा रहा है. जहां जरूरत होगी, वहां डायवर्जन लगाया जाएगा ताकि कांवड़ियों को बिना किसी रुकावट के रास्ता मिल सके. खबर है कि चौधरी मोड़ से हापुड़ तिराहा और मेरठ तिराहा जाने वाले वाहन घंटाघर फ्लाईओवर से होकर भेजे जाएंगे. साथ ही फ्लाइओवर के नीचे से किसी भी वाहन को जाने देने की अनुमति नहीं होगी. यात्रा के बीच में पड़ने वाली टूटी सड़को की मरम्मत शुरू कर दी गई है. पुलिस और ट्रैफिक विभाग के अधिकारी लगातार रूट प्लानिंग कर रहे हैं. कांवड़ियों की सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम सुरक्षा के साथ-साथ प्रशासन ने जगह-जगह आराम करने के लिए शिविर, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं की भी व्यवस्था की है. साथ ही मेडिकल टीम और वॉलंटियर्स को भी मुस्तैद रखा गया है ताकि किसी भी इमरजेंसी में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके. बता दें कि यह सारी तैयारी इस बार की कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए की जा रही है.

‘उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन’ के गठन के प्रस्ताव को अनुमोदित किया, सीएम योगी के नेतृत्व में ऐतिहासिक निर्णय

लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए ‘उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन’ के गठन के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया। इस मिशन का उद्देश्य न केवल राज्य के युवाओं को देश में रोजगार उपलब्ध कराना है, बल्कि उन्हें विदेशों में भी नियोजन के अवसर दिलाना है, वह भी अब सीधे राज्य सरकार के माध्यम से। कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार के इस निर्णय की जानकारी दी गई। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि बैठक में कुल 30 प्रस्तावों को अनुमोदन प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह दूरदर्शी पहल न केवल प्रदेश के युवाओं को सशक्त बनाएगी, बल्कि उत्तर प्रदेश को भारत का वैश्विक मानव संसाधन आपूर्ति केंद्र (ग्लोबल एचआर हब) बनाने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगी। यह मिशन राज्य सरकार के उस वादे की पुष्टि करता है, जिसमें कहा गया था, "हर हाथ को काम और हर हुनर को सम्मान।" कैबिनेट बैठक के बाद श्रम मंत्री अनिल राजभर ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक सेवायोजन विभाग केवल रोजगार मेलों और सेवायोजकों के माध्यम से राज्य के बेरोजगार युवाओं को अवसर दिला रहा था। अब, उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन के गठन के साथ हम देश और विदेश दोनों स्तरों पर अपने युवाओं को सीधी नौकरी दिला सकेंगे। मिशन का लक्ष्य एक वर्ष में देश में एक लाख और विदेशों में 25 से 30 हजार युवाओं को सेवायोजित करने का रखा गया है। उन्होंने बताया कि अब तक विदेशों में रोजगार के लिए राज्य को रिक्रूटिंग एजेंट (आरए) लाइसेंसधारी एजेंसियों पर निर्भर रहना पड़ता था। मिशन के गठन के साथ ही सरकार स्वयं आरए का लाइसेंस प्राप्त कर सकेगी, जिससे अब बेरोजगारों को सीधे विदेशों में रोजगार पर भेजा जा सकेगा। वैश्विक स्तर पर उत्तर प्रदेश की मैनपावर खासकर पैरा मेडिकल, नर्सिंग स्टाफ, ड्राइवर्स, कुशल श्रमिकों की मांग तेजी से बढ़ रही है। यह मिशन राज्य की उस क्षमता को दिशा और अवसर देने का माध्यम बनेगा। मिशन की प्रमुख गतिविधियां – देश-विदेश में रोजगार मांग का सर्वेक्षण। प्रतिष्ठित कंपनियों की सूची तैयार कर उनसे मांग एकत्र करना। स्किल गैप का आकलन और आवश्यक प्रशिक्षण भाषा प्रशिक्षण और प्रि-डिपार्चर ओरिएंटेशन। करियर काउंसलिंग और कैम्पस प्लेसमेंट। प्लेसमेंट के बाद सहायता व फॉलोअप सेवा। मिशन की संगठनात्मक संरचना – उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन का गठन एक उच्च स्तरीय संस्था के रूप में किया जा रहा है, जो सोसाइटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1860 के तहत पंजीकृत होगी। इसके संचालन के लिए 5 प्रमुख इकाइयां गठित की जाएंगी। शासी परिषद, राज्य संचालन समिति, राज्य कार्यकारिणी समिति, राज्य कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (एसपीएमयू) और जिला कार्यकारिणी समिति। इसके अलावा, योगी सरकार ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। अब महिलाओं को कुछ विशेष शर्तों के साथ खतरनाक श्रेणी के सभी 29 कारखानों में काम करने की अनुमति दी गई है। श्रम मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि अब तक देश में 29 प्रकार के खतरनाक कारखानों में महिलाओं का कार्य करना प्रतिबंधित था। 12 प्रकार के कम खतरनाक कारखानों में पहले ही उन्हें कार्य की अनुमति दी गई थी, जबकि हाल ही में 4 और श्रेणियों को अनुमोदन प्रदान किया गया है। अब ताजा निर्णय में उन्हें सभी 29 कारखानों में काम की अनुमति दे दी गई है। कैबिनेट का यह फैसला तकनीकी विस्तार और उद्योगों की मांग के मद्देनजर लिया गया है। महिला श्रमिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही नियमों में संशोधन किया गया है। हमारी बहनें उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में सहभागी बनें, यही हमारा लक्ष्य है। योगी कैबिनेट ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को अनुमोदन प्रदान किया है। लगभग 49.96 किमी लंबा यह एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा, जिसे भविष्य में आठ लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा। इसका निर्माण ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) मॉडल पर किया जाएगा। परियोजना पर अनुमानित 4,775.84 करोड़ रुपए का व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इस लिंक एक्सप्रेसवे के माध्यम से लखनऊ, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गाजीपुर जैसे प्रमुख शहरों के बीच आवागमन और अधिक सुगम, त्वरित और बाधारहित हो सकेगा। खासकर राजधानी लखनऊ के भीतर होने वाले भारी यातायात दबाव को कम करने और यात्रा समय को घटाने में यह परियोजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने बताया कि प्रदेश में अब तक विकसित आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे आपस में मिलकर एक एक्सप्रेसवे ग्रिड तैयार कर रहे हैं। यह ग्रिड प्रदेश के किसी भी कोने तक यात्रा को तेज, सुरक्षित और निर्बाध बनाएगा।

यूपी में विकास को मिलेगी रफ्तार, नया एक्सप्रेसवे पूर्वांचल को जोड़ेगा दिल्ली से

लखनऊ उत्तर प्रदेश सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को अनुमोदन प्रदान किया है। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी' ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक में यह मंजूरी प्रदान की गयी है। लगभग 49.96 किमी लंबा यह एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा, जिसे भविष्य में आठ लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा। इसका निर्माण ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) मॉडल पर किया जाएगा।  लखनऊ में खत्म होगा जाम का झंझट  परियोजना पर अनुमानित 4775.84 करोड़ रुपये का व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इस लिंक एक्सप्रेसवे के माध्यम से लखनऊ, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गाजीपुर जैसे प्रमुख शहरों के बीच आवागमन और अधिक सुगम, त्वरित और बाधारहित हो सकेगा। उन्होने बताया कि खासकर राजधानी लखनऊ के भीतर होने वाले भारी यातायात दबाव को कम करने और यात्रा समय को घटाने में यह परियोजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।  'एक्सप्रेसवे ग्रिड तैयार कर रहे हैं लिंक एक्सप्रेसवे' औद्योगिक विकास मंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब तक विकसित आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे आपस में मिलकर एक एक्सप्रेसवे ग्रिड तैयार कर रहे हैं। यह ग्रिड प्रदेश के किसी भी कोने तक यात्रा को तेज, सुरक्षित और निर्बाध बनाएगा। 

संभल में शाही जामा मस्जिद-हरिहर मंदिर विवाद में कोर्ट का फैसला, मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज

संभल उत्तर प्रदेश के संभल जनपद के चंदौसी क्षेत्र में स्थित शाही जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर के बीच लंबे समय से चला आ रहा भूमि विवाद एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस मामले में कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए सर्वे आदेश को वैध ठहराया है। शाही जामा मस्जिद-हरिहर मंदिर मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है, जिससे अब क्षेत्र का पुनः सर्वे कराने का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई 2025 को निर्धारित की है।   22 लोगों को बनाया गया है नामजद आरोपी इसके साथ ही 2,750 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जांच के लिए गठित एसआईटी ने इस मामले में 1,100 पन्नों की एक विस्तृत चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है। इस चार्जशीट में कुल 22 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क को इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है, जबकि सुहैल इकबाल को चार्जशीट से बाहर रखा गया है। विवाद की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन और पुलिस लगातार सतर्कता बनाए हुए है। वहीं शाही जामा मस्जिद को लेकर कोर्ट के आगामी आदेश के तहत सर्वे की तैयारियां चल रही हैं, ताकि पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से पूरी की जा सके। यह मामला धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से अत्यधिक संवेदनशील है, इसलिए जिला प्रशासन मामले को लेकर कोई कोताही बरतने के मूड में नहीं है। वहीं इस मामले को लेकर आगे होने वाली कोर्ट की सुनवाई और सर्वे की प्रक्रिया पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

उत्तर प्रदेश पुलिस महकमे में फेरबदल, मुथा अशोक की गोरखपुर में बड़ी नियुक्ति

लखनऊ  योगी आदित्यनाथ सरकार आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर जारी रखे है। गृह विभाग ने गुरुवार को तीन आईपीएस अधिकारियों की तबादला सूची जारी की है। इनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि गोरखपुर के एडीजी जोन भी हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के एडीजी मुथा अशोक जैन को एडीजी गोरखपुर जोन के पद पर स्थानांतरित किया गया है। डीजी पद पर प्रोन्नत गोरखपुर जोन डॉ केएस प्रताप कुमार को पुलिस महानिदेशक एवं सीएमडी उत्तर प्रदेश पुलिस आवास निगम का पद स‍ंभालने के लिए भेजा गया है। पुलिस महानिदेशक एवं सीएमडी उत्तर प्रदेश पुलिस आवास निगम पीसी मीणा को पुलिस महानिदेशक कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवायें के पद पर ट्रांसफर किया गया है।

कुत्तों का बढ़ता खतरा! अमेठी में आधे साल में 18 हजार से ज्यादा लोग घायल

अमेठी उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में भीषण गर्मी के बीच आवारा कुत्तों का आतंक लोगों के लिए नई मुसीबत बन गया है। शहर की गलियों से लेकर गांव की पगडंडियों तक कुत्तों के झुंड राहगीरों पर हमला कर रहे हैं। जनवरी से जून माह के बीच 18 हजार से ज्यादा ‘डॉग बाइट’ के मामले काफी डराने वाले हैं। लोग प्रशासनिक व्यवस्था से भी नाखुश हैं। जिला अस्पताल में हर दिन 8 से 10 लोग कुत्तों के काटने की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। गर्मी बढ़ने के साथ इन कुत्तों का व्यवहार और आक्रामक हो रहा है, जिससे लोगों में दहशत है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अंशुमान सिंह ने बताया कि 1 जनवरी से 30 जून तक जिले में 18,907 लोग कुत्तों के हमले का शिकार हुए हैं। इस दौरान अस्पताल में 18,907 एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगाए गए। उन्होंने कहा कि कुत्ते के काटने पर समय रहते इंजेक्शन लगवाने से रेबीज से बचाव संभव है। जिला अस्पताल में एंटी-रेबीज इंजेक्शन की पर्याप्त व्यवस्था है, लेकिन बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। स्थानीय निवासी सतीश श्रीवास्तव ने बताया कि आवारा कुत्तों का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। बच्चे, बुजुर्ग और राहगीर हर दिन इनके निशाने पर हैं। उन्होंने प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि न तो गांवों में और न ही शहर में कुत्तों को पकड़ने की कोई व्यवस्था है। स्थानीय लोग थोड़े नाराज भी हैं। आरोप है कि बड़े शहरों में आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए पशु नियंत्रण टीमें और स्टेरलाइजेशन कार्यक्रम हैं, लेकिन अमेठी में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं दिखती। वहीं, लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि कुत्तों को पकड़ने और उनके टीकाकरण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। यह समस्या केवल अमेठी तक सीमित नहीं है, बल्कि कई छोटे शहरों और कस्बों में भी ऐसी स्थिति है।  

यूपी में औद्योगिक विकास को मिलेगी रफ्तार, इंटीग्रेटेड क्लस्टर्स बदलेंगे तस्वीर

लखनऊ उत्तर प्रदेश अब सिर्फ एक बड़ा उपभोक्ता राज्य नहीं, बल्कि भारत के सबसे बड़े औद्योगिक और लॉजिस्टिक हब के रूप में खुद को स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग एंड लॉजिस्टिक्स क्लस्टर्स (आईएमएलसी) की परिकल्पना को साकार रूप देना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा राज्य के 26 जिलों में 27 आईएमएलसी विकसित किए जा रहे हैं, जो राज्य की औद्योगिक प्रगति में मील का पत्थर साबित होंगे। यूपीडा के इस बड़े प्रयास से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, बल्कि भारत के औद्योगिक भविष्य में उत्तर प्रदेश एक निर्णायक भूमिका निभाएगा। योगी सरकार की स्पष्ट औद्योगिक नीति और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर फोकस के चलते इन क्लस्टर्स में निवेश के लिए देश-विदेश के उद्योगपतियों और डेवलपर्स को आमंत्रित किया जा रहा है। यूपीडा ने इन आईएमएलसी में रक्षा उद्योग, भारी विनिर्माण इकाइयों और लॉजिस्टिक्स कंपनियों के लिए विशेष रूप से अनुकूल प्लॉट्स उपलब्ध कराए हैं। इसके साथ ही, पीपीपी मोड पर इंडस्ट्रियल पार्क्स के विकास हेतु एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) और भू-आवंटन के लिए भी आवेदन मांगे गए हैं। इन लॉजिस्टिक्स क्लस्टर्स की सबसे बड़ी खासियत है, इनकी रणनीतिक अवस्थिति। सभी आईएमएलसी नोड्स प्रमुख एक्सप्रेसवेज के किनारे स्थित हैं और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) से एक किमी के दायरे में आते हैं। इससे न केवल प्रदेश के अंदर बल्कि देश के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों से त्वरित और सुगम संपर्क सुनिश्चित होगा। वहीं, प्रमुख कनेक्टिविटी लाभ में एक्सप्रेसवे से प्रत्यक्ष जुड़ाव, रेलवे और हवाई संपर्क की सुविधा, ईस्टर्न और वेस्टर्न डीएफसी तक आसान पहुंच और मल्टी सिटी कनेक्टिविटी के लिए उपयुक्त नेटवर्क शामिल हैं। प्रत्येक आईएमएलसी नोड में आधुनिक और समर्पित बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। इनमें चौड़ी आंतरिक सड़कों का निर्माण, 24×7 विद्युत आपूर्ति व्यवस्था, आंतरिक स्ट्रीट लाइटिंग, डेडिकेटेड जल आपूर्ति एवं जल निकासी प्रणाली, पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त हरित क्षेत्र, पारदर्शी ऑनलाइन भू-आवंटन प्रणाली और निवेशकों के लिए केंद्रीकृत सेवाएं सम्मिलित हैं। आईएमएलसी के विकास से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में संतुलित औद्योगिक विस्तार होगा। इससे उन जिलों को भी मुख्यधारा से जोड़ा जा सकेगा, जो अब तक औद्योगिक विकास में पिछड़े हुए थे। इन क्लस्टर्स के माध्यम से लाखों लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकेंगे। इस पहल के माध्यम से सरकार का लक्ष्य है कि क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिले और शहरी केंद्रों के पास उद्योगों को कुशल श्रम बल सुलभ हो। इसके साथ ही, लॉजिस्टिक और सप्लाई चेन नेटवर्क को अधिक सक्षम बनाना भी मुख्य उद्देश्य है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पष्ट सोच, मजबूत इच्छाशक्ति और “नए उत्तर प्रदेश” की परिकल्पना के चलते आज प्रदेश का औद्योगिक मानचित्र तेजी से विस्तार पा रहा है। आईएमएलसी परियोजना, डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, मेगा फूड पार्क्स, मेडिकल डिवाइसेज पार्क और टेक्सटाइल हब जैसी योजनाओं से प्रदेश का आर्थिक आधार अभूतपूर्व रूप से मजबूत हो रहा है।  

धर्म परिवर्तन से वापसी: यूपी में 12 लोगों ने फिर अपनाया हिंदू धर्म, जलालुद्दीन बना केंद्र में

लखनऊ यूपी की राजधानी में कई तरह का प्रलोभन, लालच और डर दिखाकर हिंदू से मुस्लिम बने 12 लोगों की आज हिंदू धर्म में फिर से वापसी हुई। गोमती नगर, विशाल खंड- एक स्थित शिव भोला मंदिर में आयोजित इस कार्यक्रम में साधु-संतों ने वैदिक विधि- विधान के साथ इन सभी लोगों का शुद्धिकरण किया और हिंदू धर्म की वापसी की। इसके साथ ही इन्हें इनके मूल हिंदूनाम फिर से दिए गए। इस दौरान छांगुर बाबा की करतूतों को भी उजागर किया गया। बताया गया कि इकलौती लड़कियों और बेसहारा को लालच देकर टारगेट किया जाता है। विश्व हिंदू रक्षा परिषद के बैनर तले आयोजित घर वापसी के कार्यक्रम के दौरान वापस हिंदू धर्म में लौटने वाली सभी महिला और पुरुष काफी संतुष्ट दिखे। परिषद के लोगो ने शंखनाद करके अपनी खुशी का इजहार किया। इस दौरान मंदिर परिसर और आसपास भारी पुलिस बल मौजूद रहा। घर वापसी करने वालों में छह पुरुष और छह महिलाएं शामिल है।परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने बताया बलरामपुर के उतरौला मधुपुर गांव का रहने वाला छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन और इसके गुर्गे गरीब, बेसहारा, लाचार लोगों को कई तरह के प्रलोभान देकर हिंदू से मुसलमान बनवाते हैं। इन लोगों ने कई बच्चियों का निकाह तक करवा डाला। गोपाल राय ने आरोप लगाया कि यूपी में गज़वा-ए-हिंद का मजबूत चेहरा है छांगुर पीर, मोहम्मद अहमद खान व अब्दुल माबूद रज़ा उर्फ आकिब है। इन लोगो ने देश व विदेश में लगभग तीन हजार हिंदुओं का धर्मांतरण कराया है। जिसकी रिपोर्ट गोमती नगर सहित यूपी व अन्य राज्यों में पंजीकृत है । उन्होंने आरोप लगाया की इन मामलों की जांच कर रही एजंसियों की भूमिका संदिग्ध है । गोपाल राय बताते हैं कि कुछ लड़कियां जो अपने मां – बाप की इकलौती संतान है या कमजोर वर्ग की थी उन्हे टारगेट किया जाता है। उनको बहला फुसलाकर उनकी संपत्ति भी कब्जा कर ली जाती है। उन्होंने बताया की देश के कई प्रदेशों में धोखा धड़ी कर धर्म परिवर्तन कराने व सरकारी ज़मीनों, तालाब नजूल की जमीन पर कब्जा, फंडिग, घुसपैठ व कैंप बनाने के लिए सैकड़ों करोड़ हवाला के जरिये विदेशी फंडिग हो रही है। इस मौके पर संगठन के राष्ट्रीय महासचिव कुलदीप मिश्रा , प्रदेश संगठन मंत्री हिमांशु धवल, प्रदेश अध्यक्ष शिखर गुप्ता, बाबी गुप्ता, राजेश वर्मा, संग्राम सिंह, राजेश गुप्ता, कृष्णा पाण्डेय, पी. के पाण्डेय, पंकज सिंह, पंकज प्रधान, विवेक सिंह एडवोकेट, सरोज पाल सिंह, प्रवीन सिंह आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहें | इनकी हुई घर वापसी मांडवी शर्मा (औरैया) सोनू रानी (सहारनपुर) मालती (सिद्धार्थ नगर) रीना (मुरादाबाद) पल्लवी हरजीत कश्यप संचित गौतम राम, नरेश मौर्या( बलरामपुर) नरेंद्र मिश्रा हरजीत सिंह मूर्ति देवी  

उत्तर प्रदेश : हापुड़ में भयानक सड़क हादसा, एक ही बाइक पर सवार 5 की मौत

हापुड़ उत्तर प्रदेश के हापुड़ में बाइक सवार लोगों को अज्ञात वाहन ने जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में बाइक सवार सभी लोगों की मौत हो गई, इनमें चार बच्चे भी थे। बता दें, ये सभी बाइक सवार स्विमिंग करके वापस लौट रहे थे, तभी ये हादसा हुआ। हादसे के बाद परिवार में कोहराम मच गया। यह हादसा थाना हाफिजपुर क्षेत्र के नेशनल हाईवे पर हुआ। हादसे के बाद सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने अस्पताल पहुंचकर घटना के बारे में जानकारी ली। हादसे में मरने वालों को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल भेज दिया है। बता दें, घटना के तुरंत बाद मृतकों को निजी अस्पताल में ले जाया गया था। अब पुलिस अधिकारियों ने इस घटना के बारे में जानकारी लेने के बाद सभी मृतकों को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल में भेज दिया है। मृतकों की पहचान दानिश (उम्र 36, महिरा (उम्र 6 वर्ष), समायरा (उम्र 5 वर्ष, पुत्री दानिश), समर (उम्र 8 वर्ष), और माहिम (उम्र 8 वर्ष) के रूप में हुई है। ये पांचों एक ही बाइक से गुलावठी के गांव मिठ्ठेपुर गए थे। पांचों ने बाग स्थित स्वीमिंग पुल में स्नान किया और रात करीब साढ़े दस बजे वापस लौट रहे थे तभी हाफिजपुर थाना क्षेत्र में एक कैंटर ने बाइक में टक्कर मार दी। हादसा इतना भयानक था कि बाइक पर सवार सभी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। हाफिजपुर के एसएचओ आशीष पुंडीर ने बाइक चला रहे दानिश के नशे में होने की आशंका जताई है। पुलिस के मुताबिक इसी वजह से वह बाइक को नियंत्रित नहीं कर पाया। हालांकि इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगी। मौके पर पुलिस अधिकारियों की टीम मामले की जांच में जुटी हुई है।