मुख्यमंत्री साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने पुरस्कार के लिए चयनित नगरीय निकायों को दी बधाई

रायपुर, स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 में छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है। नई दिल्ली में आगामी 17 जुलाई को आयोजित होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह में राज्य के सात नगरीय निकायों को स्वच्छता के मानकों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु इन पुरस्कारों को प्रदान करेंगी। इस अवसर पर केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल तथा केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू भी उपस्थित रहेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह में छत्तीसगढ़ के तीन नगरीय निकायों को प्रेसिडेंट्स अवार्ड प्रदान करेंगी। स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए बिलासपुर नगर निगम को तीन लाख से दस लाख आबादी वाले (Big Cities) शहरों की श्रेणी में, कुम्हारी नगर पालिका को 20 हजार से 50 हजार आबादी वाले (Small Cities) शहरों की श्रेणी में तथा बिल्हा नगर पंचायत को 20 हजार से कम आबादी वाले (Very Small Cities) शहरों की श्रेणी में यह सम्मान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, रायपुर नगर निगम को स्वच्छता के क्षेत्र में राज्य स्तर पर श्रेष्ठ कार्यों के लिए केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा मिनिस्ट्रियल अवार्ड (Ministerial Award) प्रदान किया जाएगा। स्वच्छता के क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन करने वाले शहरों को पहचान देने हेतु इस वर्ष सुपर स्वच्छता लीग (एसएसएल) नामक एक विशेष श्रेणी की शुरुआत की गई है। इस लीग में वे शहर शामिल किए गए हैं, जो पिछले तीन वर्षों में कम से कम एक बार शीर्ष तीन में स्थान प्राप्त कर चुके हैं तथा वर्तमान वर्ष में अपनी संबंधित जनसंख्या श्रेणी में शीर्ष 200 में बने हुए हैं। इस नवीन श्रेणी में छत्तीसगढ़ के तीन नगरीय निकायों का चयन हुआ है – अंबिकापुर नगर निगम (50 हजार से तीन लाख आबादी वाले शहरों की श्रेणी), पाटन नगर पंचायत तथा बिश्रामपुर नगर पंचायत (20 हजार से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी) को एसएसएल के लिए चयनित किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने स्वच्छ सर्वेक्षण में राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए चयनित सातों नगरीय निकायों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग तथा स्थानीय निकायों द्वारा सतत किए जा रहे प्रयासों का यह उत्कृष्ट परिणाम है। उन्होंने आशा जताई कि आने वाले समय में राज्य के और भी अधिक नगरीय निकाय स्वच्छता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित होंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शहरी सरकारों से लेकर राज्य और केंद्र सरकार तक, सभी मिलकर शहरों को स्वच्छ, सुंदर और सुविधासंपन्न बनाने हेतु अनेक नवाचारों के साथ निरंतर कार्य कर रहे हैं।  "छत्तीसगढ़ के सात नगरीय निकायों का स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 में राष्ट्रीय स्तर पर चयन होना पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। यह हमारे नगरीय प्रशासन, स्थानीय निकायों और नागरिकों के सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है। बिलासपुर, कुम्हारी, बिल्हा, रायपुर, अंबिकापुर, पाटन और बिश्रामपुर जैसे शहरों ने स्वच्छता के क्षेत्र में जो उदाहरण प्रस्तुत किया है, वह अन्य निकायों के लिए भी प्रेरणा बनेगा। मैं सभी विजेता नगरीय निकायों को बधाई देता हूँ और विश्वास जताता हूं कि छत्तीसगढ़ स्वच्छता के इस अभियान में देश का अग्रणी राज्य बना रहेगा।" – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री साय बोले – जीवन में सफलता के लिए शिक्षा है मजबूत आधार

छत्तीसगढ़ ने शिक्षा के क्षेत्र में हासिल किया नया मुकाम : नई शिक्षा नीति से बदली तस्वीर, छत्तीसगढ़ में स्थानीय भाषाओं में मिल रही शिक्षा रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित पीएसवाय उत्कृष्टता सम्मान समारोह में विभिन्न विधाओं के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने सभी सम्मानित शिक्षकों, विद्यार्थियों और संस्थाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र सेवा का मार्ग है। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है, और यही किसी भी राष्ट्र की प्रगति की नींव होती है। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में सफलता का मूल आधार शिक्षा ही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब अपने रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है और बीते वर्षों में राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। जहां पहले प्रदेश में केवल एक मेडिकल कॉलेज था, आज वहां 15 से अधिक मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। साथ ही, आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्थान भी राज्य में कार्यरत हैं। गांव-गांव में स्कूल खोले गए हैं, और बच्चों की आवश्यकताओं के अनुरूप महाविद्यालयों की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि हमारे समय में कई गांवों के बच्चों के लिए केवल एक स्कूल होता था। मुझे याद है कि मैंने पांचवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा दूसरे गांव में दी थी, क्योंकि हमारे गांव में परीक्षा केंद्र नहीं था। आज छत्तीसगढ़ में छात्रों के लिए असीम अवसर मौजूद हैं और प्रत्येक बच्चे को इन अवसरों का लाभ उठाकर अपने लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की दिशा में निरंतर अग्रसर है, और इसी संकल्प को लेकर हम विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में भी तेज़ गति से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में देश ने वैश्विक स्तर पर सम्मान प्राप्त किया है और भारत पुनः विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है। श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार नई शिक्षा नीति को ज़मीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में देश में लागू की गई नई शिक्षा नीति के तहत छत्तीसगढ़ में शिक्षा अब स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध हो रही है। बस्तर जैसे क्षेत्रों में अब स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई करवाई जा रही है, और प्रदेश में मेडिकल की शिक्षा भी हिंदी में दी जा रही है। रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने संस्था द्वारा सम्मानित प्रतिभावान छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प में इन बच्चों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने में हमारे युवाओं का योगदान निर्णायक सिद्ध होगा। विधायक श्री धरमलाल कौशिक ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि संस्था का उद्देश्य न केवल प्रतिभाशाली छात्रों को सम्मानित करना है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही प्रतिभाओं को भी एक मंच प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों को विभिन्न भाषाओं में पारंगत बनाने की दिशा में ठोस कार्य प्रारंभ हो चुका है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक परिवर्तनों की भी सराहना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कलाकारों को भी सम्मानित किया। इस दौरान वरिष्ठ चित्रकार श्री राज सैनी ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को एक विशेष उपहार के रूप में उनके प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ की पेंटिंग भेंट की। कार्यक्रम में पीएसवाय के प्रेसिडेंट डॉ. एस.के. मिश्रा, सलाहकार श्री महेंद्र गुप्ता, सीईओ श्रीमती शुभ्रा शुक्ला, सहित अनेक प्रबुद्धजन, शिक्षाविद्, गणमान्य अतिथि, एवं स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

उपभोक्ताओं को बिजली का झटका, पिछले साल की तुलना में 1.89% की वृद्धि, अब 300 से 400 यूनिट पर देना होगा 50 रुपये अधिक

रायपुर छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने आम उपभोक्ताओं को बिजली का झटका दे दिया है। अगर आप 300 से 400 यूनिट तक बिजली की खपत करते हैं तो अगस्त के बिल में 40 व 50 रुपये अधिक बिल जुड़ जाएगा। इसी तरह से 500 से 600 यूनिट तक खपत होने पर 60 व 70 रुपये अतिरिक्त देना पड़ेगा। आयोग ने शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली की नई दरों को स्वीकृति दे दी है। यह एक जुलाई 2025 से प्रभावशील होंगी। विद्युत वितरण कंपनी के अनुसार एक यूनिट बिजली की उत्पादन लागत जहां 7.20 रुपये है, वहीं घरेलू उपभोक्ताओं को यह न्यूनतम 4.10 रुपये प्रति यूनिट की दर से दी जा रही है। कंपनी के एमडी भीमसिंह कंवर और नियामक आयोग ने बिजली की नई दरों को संतुलित, विकासोन्मुखी और प्राथमिकता श्रेणियों के हित में बताया है। इससे सरकार पर सब्सिडी का भार जरूर बढ़ेगा, लेकिन उपभोक्ताओं को अपेक्षित राहत मिलती रहेगी। गौरतलब है कि राज्य सरकार 400 यूनिट तक खपत वाले उपभोक्ताओं को बिजली बिल में हाफ यानि 50 प्रतिशत की छूट दे रही है।

मान्यता वाले निजी स्कूलों के नए शैक्षणिक सत्र में एडमिशन पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

बिलासपुर प्रदेश में बिना मान्यता संचालित निजी स्कूलों के खिलाफ हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने शुक्रवार को सख्त आदेश पारित किया। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आगामी आदेश तक बिना मान्यता वाले निजी स्कूलों में किसी भी नए छात्र का दाखिला नहीं किया जाएगा। साथ ही कोर्ट ने कहा कि जिन छात्रों का प्रवेश हो चुका है, उन्हें कक्षा से बाहर नहीं किया जाएगा। रजिस्ट्रार को आदेश दिया गया है कि ऐसी याचिकाएं स्वीकार न की जाएं, जिनमें दाखिला रद कराने की मांग हो, ताकि अभिभावकों को और परेशानी न उठानी पड़े। इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 5 अगस्त निर्धारित की गई है। विकास तिवारी की ओर से अधिवक्ता संदीप दुबे और मानस बाजपेई के माध्यम से जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया कि प्रदेश में बड़ी संख्या में बिना मान्यता के ऐसे स्कूल संचालित हो रहे हैं, जिनमें नर्सरी से कक्षा एक तक की शिक्षा दी जा रही है। यही नहीं एक मान्यता प्राप्त स्कूल के नाम पर, कई शाखाएं खोल ली गई हैं। कार्रवाई के नाम पर शिक्षा विभाग सिर्फ खानापूर्ति करता है और 25 हजार रुपये का नाममात्र का जुर्माना लगाकर स्कूलों को मान्यता मिलने तक की मोहलत दे देता है। इस बीच पूरा शैक्षणिक सत्र निकल जाता है और लाखों फीस की वसूली हो जाती है। डीपीआइ ने दी कोर्ट को गलत जानकारी 30 जून को हुई सुनवाई के बाद कोर्ट के निर्देश पर 11 जुलाई को संचालक, लोक शिक्षण विभाग (डीपीआइ) ने शपथपत्र प्रस्तुत किया। इसमें कहा गया कि नर्सरी से केजी-दो तक की कक्षाओं के लिए मान्यता लेना अनिवार्य नहीं है, जबकि कक्षा एक और उससे ऊपर की कक्षाओं के लिए मान्यता आवश्यक है। डीपीआइ की ओर से दी गई जानकारी पर हस्तक्षेपकर्ता विकास तिवारी के अधिवक्ताओं ने कोर्ट को अवगत कराया कि शासन ने सात जनवरी 2013 को अधिसूचना जारी की थी। इसके अनुसार नर्सरी से केजी-दो तक की कक्षाएं चलाने वाले स्कूलों के लिए भी मान्यता अनिवार्य है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने शिक्षा विभाग के सचिव को व्यक्तिगत शपथपत्र प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए पूछा है कि निदेशक, लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा कोर्ट में गलत जानकारी क्यों दी गई।

यात्री बस पलटी, एक दर्जन से अधिक लोग हुए घायल, चार की हालत गंभीर

रायगढ़ जिले के लैलूंगा में आज एक भीषण बस हादसा हो गया, जिसमें एक दर्जन से अधिक यात्री घायल हो गए हैं। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, बस तोलमा से रायगढ़ की ओर जा रही थी, तभी मिलुपारा और कोडकेल गांव के बीच अचानक सड़क से फिसलकर खेत में पलट गई। इस दौरान बस में सवार कई लोग अंदर ही फंस गए, जिन्हें मौके पर मौजुद ग्रामीणों ने बाहर निकाला और पुलिस को घटना की सूचना दी। घटना लैलूंगा थाना क्षेत्र की है। जानकारी के मुताबिक, घायलों को निजी उद्योगों के वाहनों की मदद से तमनार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां 9 लोगों को भर्ती किया गया है। इनमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसे की जानकारी मिलते मौके पर पहुंची लैलूंगा पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल घायलों का इलाज जारी है और पुलिस हादसे के कारणों की जांच में जुटी हुई है।

चोरी की घटनाओं को लेकर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, नाबालिग समेत 3 आरोपियों गिरफ्तार, 4 लाख का माल बरामद

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही गौरेला के मड़ना डिपो क्षेत्र में पिछले कुछ समय से हो रही चोरी की घटनाओं को लेकर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक सक्रिय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से लगभग चार लाख रुपये का चोरी का माल बरामद किया गया है। बता दें कि गौरेला थाना क्षेत्र के मड़ना डिपो इलाके में बीते कुछ महीनों से चोरी की वारदातें बढ़ रही थीं, जिससे स्थानीय लोग डरे हुए थे। इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक सुरजन राम भगत के निर्देश पर जांच शुरू की गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल और एसडीओपी श्याम सिदार के मार्गदर्शन में साइबर सेल की टीम को तकनीकी विश्लेषण और संदिग्धों की निगरानी के लिए लगाया गया। जांच के दौरान दो अलग-अलग चोरी के मामलों का खुलासा हुआ। पहला मामला 5-6 जुलाई की रात फजल इलाही के घर में हुई चोरी से जुड़ा है, जिसमें सोने-चांदी के आभूषण और नकदी सहित कुल ₹2.20 लाख का सामान चोरी हुआ था। दूसरा मामला 5-6 मई की रात मड़ना डिपो क्षेत्र में हुई एक अन्य चोरी से संबंधित है। पुलिस ने इस मामले में नवीन जायसवाल (22 वर्ष), दुर्गेश रजक (19 वर्ष) और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी डेटा और मुखबिर तंत्र की मदद से की गई। नवीन जायसवाल के पास से सोने के आभूषण, दो मोबाइल और दो डीवीआर बरामद किए गए। दुर्गेश रजक से ₹1000 नकद और चोरी की रकम से खरीदा गया एक एप्पल मोबाइल मिला, जबकि नाबालिग के पास से भी सोने के आभूषण और मोबाइल फोन जब्त किए गए। कुल मिलाकर पुलिस ने करीब ₹4 लाख मूल्य का चोरी गया सामान बरामद किया है, जिसमें आभूषण, मोबाइल, डीवीआर और नकदी शामिल हैं। गौरतलब है कि इस कार्रवाई में साइबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक सुरेश ध्रुव, प्रधान आरक्षक रवि त्रिपाठी, आरक्षक चौपाल कश्यप, राजेश शर्मा और इंद्रपाल आर्मो की अहम भूमिका रही। थाना प्रभारी अंजना केरकेट्टा और उप निरीक्षक रामनिवास राठौर ने भी समन्वय बनाकर मामले की जांच को अंजाम तक पहुंचाया। फिलहाल, मामले में आगे की विवेचना जारी है और पुलिस गिरोह के अन्य संभावित सदस्यों की तलाश कर रही है।

नक्सलवाद से लोकतंत्र की ओर लौटता बस्तर: 24 घंटे में 45 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

सुकमा में 1.18 करोड़ रुपये के 23 इनामी नक्सली मुख्यधारा में लौटे, बीते 15 महीनों में 1521 ने छोड़ी हिंसा रायपुर छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचलों में बदलाव की बयार बह रही है। बस्तर बदल रहा है, बंदूकें थम रही हैं और लोकतंत्र की लौ अब हर कोने में जल रही है। इसी परिवर्तनशील वातावरण में आज सुकमा जिले में ₹1.18 करोड़ के इनामी 23 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन्हें  मिलाकर पिछले 24 घंटों में कुल 45 नक्सलियों ने हिंसा का मार्ग त्यागकर लोकतांत्रिक व्यवस्था पर विश्वास जताया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अभूतपूर्व घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के माध्यम से व्यक्त करते हुए कहा कि यह केवल आत्मसमर्पण नहीं है, बल्कि विश्वास की उस जीत का प्रतीक है, जो हमारी सरकार ने 'नियद नेल्ला नार' जैसी जनउन्मुख योजनाओं के माध्यम से गाँव-गाँव तक पहुँचाया है। अब यहां बंदूक की गोली नहीं, विकास की बोली सुनाई दे रही है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पिछले 15 महीनों में 1521 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जो इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की पहुंच और विश्वास निरंतर बढ़ा है। यह सफलता राज्य सरकार की ‘नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025’ की सकारात्मकता को भी दर्शाती है, जिसके तहत हथियार छोड़ने वाले नक्सलियों को न केवल सामाजिक सम्मान, बल्कि पुनर्वास और आजीविका का अवसर भी दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह परिवर्तन यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन में चल रहे सुशासन के विजन का सजीव उदाहरण है।उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हमारा प्रदेश तय समय-सीमा के भीतर नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त होगा और बस्तर क्षेत्र का प्रत्येक नागरिक विकास की मुख्यधारा से जुड़ेगा।

जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने तक गांव की सभी संबंधित जमीनों पर क्रय-विक्रय पर रोक

बिलासपुर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में प्रस्तावित रेलवे प्रोजेक्ट को लेकर जिला प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लिया है. जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने तक गांव की सभी संबंधित जमीनों पर क्रय-विक्रय, रजिस्ट्री और नामांतरण (म्यूटेशन) पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है. प्रशासन द्वारा सड़क निर्माण कार्य से जुड़े इस रेलवे प्रोजेक्ट के तहत बोदरी गांव की 11 खसरा नंबर की जमीनों को अधिसूचित क्षेत्र घोषित किया गया है. इस अधिसूचना के बाद अब इन जमीनों पर किसी भी तरह का लेन-देन या दस्तावेजी प्रक्रिया वैध नहीं मानी जाएगी. किसानों को मिलेगा मुआवजा और पुनर्वास लाभ प्रशासन का कहना है कि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है और इससे प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा और पुनर्वास पैकेज प्रदान किया जाएगा. कलेक्टर का सख्त निर्देश: आदेश उल्लंघन पर होगी कार्रवाई बिलासपुर कलेक्टर द्वारा आदेश जारी करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

शराब के नशे में स्कूल पहुंचे प्रधान पाठक, खुद को कमरे में किया बंद, तत्काल प्रभाव से हुए निलंबित

मुंगेली छत्तीसगढ़ में नए शिक्षा सत्र की शुरुआत में ही कुछ शिक्षकों के नशे में धुत होकर स्कूल पहुंचने के मामले सामने आने लगे हैं. ऐसा ही एक मामला मुंगेली जिले के शासकीय प्राथमिक विद्यालय सिंघनपुरी में सामने आया, जहां प्रधानपाठक सतनाम दास दो दिन पहले शराब के नशे में स्कूल पहुंचे. इस दौरान प्रधानपाठक ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया. सूचना पर बीईओ प्रतिभार मंडलोई मौके पर पहुंची थी. अब इस मामले में एक्शन लेते हुए सतनाम दास को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. दरअसल, 10 जुलाई को शासकीय प्राथमिक विद्यालय सिंघनपूरी में टल्ली टीचर प्रधान पाठक सतनाम दास ने खूब ड्रामा किया. खुद को एक कमरे में बंद कर लिया. घटना की जानकारी मिलते ही ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) प्रतिभा मंडलोई मौके पर पहुंची और दरवाजा खुलवाकर प्रधान पाठक को कमरे से बाहर निकलवाया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. बीईओ ने तत्काल उच्च अधिकारियों को मामले की सूचना दी, जिसके बाद प्रधान पाठक का डॉक्टरी मुलाहिजा भी कराया गया. कलेक्टर कुंन्दन कुमार के निर्देश और बीईओ प्रतिभा मंडलोई के जांच प्रतिवेदन के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) सीके धृतलहरे ने सतनाम दास को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. स्थानीय ग्रामीणों और अभिभावकों में घटना को लेकर आक्रोश है. उनका कहना है कि जिस स्थान को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है, वहां इस तरह की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. प्रशासन ने साफ किया है कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही या अनुशासनहीनता को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

7वीं कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र ने दूसरे छात्र पर ब्लेड से गले और चेहरे पर किया हमला

कोरबा छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से सरकारी स्कूल के छात्रों के बीच खूनीसंघर्ष का मामला सामने आया है. 7वीं कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र ने दूसरे छात्र पर धारदार ब्लेड से गले और चेहरे पर हमला किया. हमले में छात्र बुरी तरह से घायल हो गया. वहीं हमला करने वाला छात्र वारदात को अंजाम देकर जंगल की ओर भाग गया. हैरानी की बात है कि स्कूल प्रबंधन घटना से अनजान रहा. जानकारी के मुताबिक, स्कूल में छुट्टी के दौरान बच्चे स्कूल से बाहर बांसबाड़ी नर्सरी में गए हुए थे. जहां पीड़ित छात्र भी अपने दोस्तों के साथ पहुंचा था. इस बीच हमला करने वाला छात्र मौजूद था. इस दौरान दोनों छात्र में किसी बात को लेकर कहा सुनी हो गई, यह विवाद इतना बढ़ा कि एक छात्र ने दूसरे पर ब्लेड से चेहरे और गले पर हमला कर दिया. घटना के बाद अन्य छात्रों ने स्कूल में आकर शिक्षकों को इसकी जानकारी दी. इसके बाद टीचर घायल छात्र को लेकर अस्पताल पहुंचे. वहीं इस पूरे मामले की जानकारी  मानिकपुर पुलिस चौकी को दी गई. फिलहाल घायल छात्र का इलाज अस्पताल में जारी है. इस पूरे मामले को लेकर शिक्षक सुशिल कुमार ने बताया कि खेल की छुट्टी में बच्चे स्कूल से बाहर बांसबाड़ी नर्सरी में गए हुए थे. जहां पीड़ित छात्र भी अपने दोस्तों के साथ पहुंचा था. इस बीच हमला एक छात्र जो स्कूल नहीं आया था. वह भी अपने दोस्तों के साथ वहां मौजूद था. दोनों के बीच मारपीट की घटना हुई है.