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पुलिस को मिली बड़ी सफलता, हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद सहित 2 महिला नक्सली गिरफ्तार

नारायणपुर छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए दो महिला नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार नक्सली पारो हप्का और सुनीता उर्फ़ संगीता मंडावी माड़ डिवीजन के कुतुल एलओएस में सक्रीय थी. मौके से हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है. लंबे समय से कुतुल एलओएस में थे एक्टिव प्रदेश में नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है. इसी कड़ी में पुलिस ने बड़ी कोहकामेटा थाना क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की. दो महिला नक्सली पारो हपका और सुनीता उर्फ़ संगीता मंडावी को गिरफ्तार किया गया. दोनों माड़ डिवीजन के कुतुल एलओएस में एक्टिव थी. वहीं लंबे वक्त से जनताना सरकार के विस्तार, युवाओं की भर्ती, माओवाद के प्रचार और पुलिस पर हमले की साजिशों में शामिल थी. कई हथियार और विस्फोटक साम्रग्री बरामद पुलिस ने नक्सलियों के पास से कई हथियार और विस्फोटक साम्रग्री बरामद किया है. इसमें 12 बोर बीजीएल लॉचर बंदूक, 2 बीजीएल बम, 1 टिफिन बम, 1 डेटोनेटर, 24 पेंसिल सेल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल है.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मैनपाट में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का किया अनावरण

मुख्यमंत्री ने की 30 लाख रुपए के विकास कार्यों की घोषणा, सीसी रोड और मंदिर शेड निर्माण को दी मंजूरी तिब्बती रीति-रिवाजों के अनुरूप आत्मीय स्वागत से मुख्यमंत्री हुए अभिभूत रायपुर छत्तीसगढ़ में बौद्ध परंपरा की जड़ें अत्यंत गहरी हैं और भगवान बुद्ध के प्रेम, शांति एवं करुणा के संदेश को आत्मसात करते हुए राज्य सरकार विकास के पथ पर अग्रसर है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज सरगुजा जिले के मैनपाट स्थित होटल ग्राउंड परिसर में नवस्थापित भगवान बुद्ध की भव्य प्रतिमा के अनावरण समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और प्रदेशवासियों के लिए सुख, समृद्धि एवं शांति की कामना की। मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में इस पावन अवसर पर आमंत्रण के लिए तिब्बती समुदाय के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कई ऐसे स्थल हैं, जहां भगवान बुद्ध की उपासना की जाती है। सिरपुर में बौद्ध, जैन और सनातन परंपराएं एक साथ देखने को मिलती हैं, जो राज्य की समावेशी संस्कृति का अद्वितीय उदाहरण है। मुख्यमंत्री साय ने दलाई लामा जी के 90वें जन्मदिवस का स्मरण करते हुए कहा कि उनका जीवन भगवान बुद्ध की करुणा, प्रेम और शांति के सिद्धांतों का सजीव प्रतीक है। आज की दुनिया के लिए उनका संदेश नई आशा और सकारात्मकता का स्रोत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी सहित विश्व भर के नेताओं ने दलाई लामा जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं, जो यह दर्शाता है कि भगवान बुद्ध के विचारों का वैश्विक जीवन पर कितना गहरा प्रभाव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैनपाट प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर स्थल है, जो पर्यटकों को रोमांचित करता है। यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, और राज्य सरकार इसके समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की नवीन औद्योगिक नीति में पर्यटन को विशेष प्राथमिकता दी गई है, और मैनपाट जैसे क्षेत्रों में होम स्टे सुविधा शुरू करने वालों को विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने तिब्बती सहकारी समिति की मांग पर मैनपाट स्थित सैला रिसॉर्ट से बौद्ध मंदिर तक सीसी रोड निर्माण के लिए 10 लाख रुपये तथा प्राचीन बौद्ध मंदिर में शेड निर्माण के लिए 20 लाख रुपये की घोषणा की। मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर पौधरोपण किया। उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम में पारंपरिक तिब्बती रीति-रिवाजों के अनुसार मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया गया। हाथों में तिरंगा लिए लोगों ने उत्साहपूर्वक मुख्यमंत्री से मुलाकात की, जिससे वातावरण उल्लासमय हो गया। कार्यक्रम में सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज, सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो, कलेक्टर विलास भोसकर, सेटलमेंट अधिकारी सुश्री स्वांग यांग्सो, तिब्बती सहकारी समिति के अध्यक्ष तामदिंग सेरिंग, मठ प्रमुख लामा दुब्जे, लामा जिनपा सहित तिब्बती समुदाय के बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित थे।  

ग्राम हर्रई में डायरिया रोकथाम को लेकर जागरूकता अभियान, ग्रामीण रहे सक्रिय

एमसीबी/भरतपुर विकासखंड भरतपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत हर्रई में जल जीवन मिशन के अंतर्गत “स्टॉप डायरिया कैंपेन“ के तहत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में डायरिया जैसी जानलेवा बीमारी की रोकथाम करना और लोगों को स्वच्छता, शुद्ध पेयजल एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना था। कार्यक्रम के दौरान विभागीय टीम ने ग्रामीणों को साफ-सफाई के महत्व, हाथ धोने की वैज्ञानिक विधि, स्वच्छ जल के नियमित उपयोग और खुले में शौच से बचने जैसे अहम बिंदुओं की विस्तार से जानकारी दी। उपस्थित लोगों को यह समझाया गया कि डायरिया जैसी बीमारियां गंदगी और असुरक्षित जल सेवन से होती है, जिन्हें केवल स्वच्छता और सतर्कता से रोका जा सकता है। इस अवसर पर ग्राम के पुरुष, महिलाएं और बच्चे बड़ी संख्या में मौजूद रहे और उन्होंने विभाग द्वारा दी जा रही जानकारी को गंभीरता से सुना और समझा।         अधिकारियों ने ग्रामीणों से अपील की कि वे इस जानकारी को अपने दैनिक जीवन में अपनाएं और अपने आस-पास के लोगों को भी जागरूक करें। इस पहल से न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सकता है, बल्कि पूरे समुदाय में बीमारियों के प्रसार को भी रोका जा सकता है। विभाग द्वारा दी गई यह जानकारी ग्रामीणों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई और पूरे कार्यक्रम में ग्रामीणों की सहभागिता उत्साहजनक रही, जिससे स्पष्ट है कि ग्रामीण समाज अब स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति जागरूकता की दिशा में सक्रियता से आगे बढ़ रहा हैं।

जनदर्शन में 20 आवेदन हुए प्राप्त, कलेक्टर ने गंभीरता से सुनी सभी नागरिकों की समस्याएं

जनदर्शन में 20 आवेदन हुए प्राप्त, कलेक्टर ने गंभीरता से सुनी सभी नागरिकों की समस्याएं हर शिकायत पर कलेक्टर की पैनी नजर, संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिए समयबद्ध कार्रवाई के निर्देश एमसीबी   कलेक्टर डी. राहुल वेंकट ने आज कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनदर्शन के माध्यम से आम नागरिकों की समस्याओं को सुना। जिले के ग्रामीण जन और नागरिकों ने जनदर्शन में अपनी छोटी-बड़ी समस्याओं को सीधे कलेक्टर के समक्ष रखा। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को प्राप्त सभी आवेदनों को प्राथमिकता के साथ शीघ्रता से समय-सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। जनदर्शन में कुल 20 आवेदन प्राप्त हुए। आवेदक पुष्पराज अहिरवार निवासी लरकोड़़ा भूमि हीन मजदूर को सहायता राशि दिलाने के संबंध में, देवकी गौतम निवासी मेडियारास नौकरी प्राप्त करते समय शपथ पत्र की अवहेलना किये जाने के संबंध में, समस्त नागरिकगण निवासी झगराखाण्ड कर्मचारियों को जबरन घर से समान सहित बाहर किये जाने के संबंध में, रमाशंकर मिश्रा नगर पालिका में उप अभियंता लगातार एक ही जगह में पदस्थ रहने के संबंध में एवं दिव्यांग बच्चों पर किये गये अत्याचार के खिलाफ शिकायत के संबंध में, दरियाप सिंह निवासी उजियारपुर आवास पूर्ण होने पर अंतिम राशि प्राप्त करने के संबंध में, अनीता निवासी सोनवर्षा जंगली जानवर के काटने से सहायता राशि न मिलने के संबंध में, प्रदीप केशरवानी निवासी खड़गवां भूमि के संबंध में, हरिकृष्ण कुमार निवासी उजियारपुर सामुदायिक शौचालय की भुगतान करने के संबंध में एवं 28 नग व्यक्तिगत शौचालय निर्माण की भुगतान करने के संबंध में, धर्मपाल सिंह निवासी भलौर गणित की शिक्षिका दो वर्ष से शासकीय हाई स्कूल में नहीं आ रही है। वैभव सोनी निवासी मनेन्द्रगढ़ भूमि के संबंध में, रोशन साहू लोक निर्माण के टाईम किपर द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किये जाने के संबंध में, कामता सिंह निवासी मुलुकनार भूमि के संबंध में, इन्द्र कुंवर निवासी बालशिव भमि के संबंध में, बाबूलाल निवासी  मसौरा नामांतरण रोके जाने के संबंध में, दृगपाल सिंह निवासी चरवाही फर्जी तरीके से निवास जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने के संबंध में, ध्रुव प्रसाद निवासी चिडौला गाली गलौज देने के संबंध में, तुलसीदास निवासी चिडौला भूमि के संबंध में, गीता निवासी भरतपुर भूमि के संबंध में, अपना शिकायत लेकर आये थे। कलेक्टर ने प्राप्त सभी आवेदनों को पूरी गंभीरता से सुनते हुए संबंधित विभागों को उचित कार्यवाही करते हुए त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए।

मनेंद्रगढ़ को मिली सेंट्रल लाइब्रेरी की सौगात, 441 लाख की लागत से होगा निर्माण

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के प्रयासों से मनेंद्रगढ़ जिले को एक मिली बड़ी सौगात मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर क्षेत्र में सेंट्रल लाइब्रेरी सहित रीडिंग ज़ोन के निर्माण के लिए 441.49 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई मनेंद्रगढ़ को मिली सेंट्रल लाइब्रेरी की सौगात, 441 लाख की लागत से होगा निर्माण रायपुर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के सतत प्रयासों से मनेंद्रगढ़ जिले को एक बड़ी सौगात मिली है। राज्य शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के अंतर्गत मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर क्षेत्र में सेंट्रल लाइब्रेरी सहित रीडिंग ज़ोन के निर्माण के लिए 441.49 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इस परियोजना के तहत नगर पालिक निगम चिरमिरी में 250 सीटों की क्षमता वाली आधुनिक लाइब्रेरी का निर्माण किया जाएगा, जिससे क्षेत्र के छात्र-छात्राओं, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं तथा पुस्तक प्रेमियों को बेहतर अध्ययन सुविधा मिल सकेगी। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस महत्वपूर्ण स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय तथा वित्त मंत्री ओपी चौधरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह लाइब्रेरी न केवल युवाओं के करियर निर्माण में सहायक होगी, बल्कि ज्ञान आधारित समाज की दिशा में भी एक मजबूत कदम साबित होगी। उन्होंने बताया कि इस लाइब्रेरी में आधुनिक सुविधाएं, डिजिटल अध्ययन सामग्री और शांत रीडिंग ज़ोन की व्यवस्था की जाएगी। यह विकास कार्य क्षेत्रीय समानता और शैक्षणिक सशक्तिकरण की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। स्थानीय नागरिकों एवं विद्यार्थियों में इस घोषणा को लेकर खुशी की लहर है। सभी ने इस पहल के लिए मंत्री जायसवाल का आभार जताया है।

नक्सली जीवन छोड़ कौशल विकास योजना से बदली जिंदगी, लोगों के लिए बना मिसाल

रायपुर : शासन की नीति से प्रभावित होकर नक्सलवाद छोड़ा  नक्सलवाद छोड़ा,आत्मसमर्पण से आत्मनिर्भरता तक का सफर नक्सली जीवन छोड़ कौशल विकास योजना से बदली जिंदगी, लोगों के लिए बना मिसाल रायपुर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और पुनर्वास को लेकर लागू माओवादी आत्मसमर्पण पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 अब कई जिंदगियों में नई उम्मीद जगा रही है। नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र के सोनपुर गांव निवासी अन्नुलाल भंडारी इसका प्रेरक उदाहरण है। कभी बंदूक उठाने को मजबूर हुए अन्नुलाल ने माओवादी संगठन में करीब 20 वर्षों तक सक्रिय रहते हुए कई जिम्मेदारियां निभाईं। वर्ष 1998 में संगठन से जुड़े अन्नुलाल ने गुरिल्ला युद्ध का प्रशिक्षण प्राप्त कर संगठन के प्रचार-प्रसार, सुरक्षा और रसद जैसे कार्यों को अंजाम दिया। लेकिन डर और हिंसा के उस जीवन से निकलकर वर्ष 2017 में उन्होंने आत्मसमर्पण कर सरकार की पुनर्वास नीति को अपनाया और मुख्यधारा में लौट आए। पुनर्वास के बाद अन्नुलाल ने अपनी पुश्तैनी जमीन पर खेती कर सम्मानजनक जीवन की नई शुरुआत की। इसके बाद मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना ने उनके जीवन में नई दिशा दी। इस योजना के तहत नारायणपुर के लाईवलीहुड कॉलेज में वे जल वितरक संचालक (प्लम्बर) का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रशिक्षण के दौरान न सिर्फ तकनीकी विषयों का ज्ञान मिल रहा है, बल्कि उन्हें शासन की जनहितकारी योजनाओं जिसमें जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत और किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ भी मिल रहा है। अन्नुलाल प्रशिक्षण पूरा कर ग्राम पंचायत सोनपुर में जल वितरक के रूप में कार्य करेंगे, जिससे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति और मजबूत होगी। अन्नुलाल कहते हैं कि अब वे भयमुक्त होकर स्वतंत्रता पूर्वक समाज में जीवन जी पा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया है। सरकार की यह नीति यह साबित कर रही है कि हिंसा छोड़ने और विकास की मुख्यधारा से जुड़ने का रास्ता हमेशा खुला है बस जरूरत है सही अवसर और हौसले की।

प्रदेश के सभी कलेक्टरों, संभाग आयुक्तों, संचालक, प्रबंध संचालकों एवं पंजीयक सहाकारी संस्थाएं को जारी किया पत्र

रायपुर राज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों की चिंता करते हुए कृषि उन्नति योजना के बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में मंत्रालय महानदी स्थित कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टरों, संभाग आयुक्तों, संचालकांे, प्रबंध संचालकों एवं पंजीयक सहाकारी संस्थाएं रायपुर को पत्र लिखकर  कृषि उन्नति योजना के  क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश किए गए हैं। नवीन दिशा-निर्देशों के आधार पर योजना का क्रियान्वयन खरीफ 2025 से किया जाएगा।  मंत्रालय द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि राज्य का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमी प्रतिकूलता एवं कृषि आदान लागत में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती है, फलस्वरुप कृषक फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते। राज्य सरकार द्वारा कृषि में पर्याप्त निवेश एवं कास्त लागत में राहत देने के लिये कृषक उन्नति योजना प्रारंभ की गई है। साथ ही फसल विविधिकरण को प्रोत्साहन देने, दलहन तिलहन फसलों के क्षेत्र विस्तार तथा इनके उत्पादन में आत्म निर्भरता के लक्ष्य के साथ इस योजना के तहत चिन्हित अन्य फसलों पर भी आदान सहायता राशि दिये जाने का निर्णय लिया गया है।  कृषक उन्नति योजना का लाभ केवल उन्हीं कृषकों को मिलेगा जिन्होंने एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराया हो। जिनके द्वारा खरीफ मौसम में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (लैम्पस सहित) अथवा छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि धान अथवा धान बीज का विक्रय किया गया हो। विगत खरीफ मौसम में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगाये हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो तथा वर्तमान में धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल लेने हेतु पंजीयन कराया हो। जिनके द्वारा खरीफ मौसम में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल (कोदो, कुटकी एवं रागी) एवं कपास फसल हेतु पंजीयन कराया गया हो।  पत्र में कहा गया कि  विधिक व्यक्तियों जैसे ट्रस्ट/मण्डल/प्राईवेट लिमि. समिति/केन्द्र एवं राज्य शासन के संस्थान / महाविद्यालय आदि संस्थाओं को योजना से लाभ लेने की पात्रता नहीं होगी। जो कृषक प्रमाणित धान बीज उत्पादन कार्यक्रम लेते हैं और सामान्य धान भी सहकारी समितियों में विक्रय करते हैं, उनके द्वारा कुल विक्रय की जाने वाली धान की मात्रा, उनके कुल धारित रकबे की सीमा से अधिक नहीं होना चाहिये, इसे छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. (मार्कफेड) एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड द्वारा आपसी समन्वय से सुनिश्चित किया जाएगा। कृषकों को आदान सहायता राशि का भुगतान कृषि भूमि सिलिंग कानून के प्रावधानांे के अध्याधीन किया जाएगा।  पत्र में कहा गया कि कृषकों को भुगतान योजनांतर्गत आदान सहायता राशि कृषकों के बैंक खाते में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डी.बी.टी.) के माध्यम से की जाएगी। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति/छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि निगम लिमि, (बीज निगम) को धान/धान बीज का विक्रय करने वाले कृषकों को आदान सहायता राशि का निर्धारण गिरदावरी में सत्यापित रकबे, उपरोक्त संस्थाओं को विक्रय धान/धान बीज की मात्रा तथा भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष घोषित किए जाने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर प्रतिवर्ष पृथक से किया जाएगा। खरीफ 2025 में प्रदेश के किसानों से उपार्जित धान की मात्रा पर, धान (कॉमन) पर राशि रू. 731 प्रति क्विं. की दर से अधिकतम राशि रूपये. 15351 प्रति एकड़ तथा धान (ग्रेड-ए) पर राशि रूपये. 711 प्रति क्विं. की दर से अधिकतम राशि रूपये. 14931 प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा।  विगत खरीफ में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगाया हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो, उन्हें, धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल हेतु एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत, मान्य रकबे पर 11000 रूपये प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा। खरीफ में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल (कोदो, कुटकी एवं रागी) एवं कपास लेने वाले कृषकों को एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत मान्य रकबे पर राशि रूपये 10000 प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा।  पंजीकृत कृषकों द्वारा खरीफ मौसम में सहकारी समितियों में विक्रय किये गये धान पर निर्धारित आदान सहायता राशि का कृषकों को वितरण छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या.  द्वारा किया जाएगा तथा आदान सहायता राशि के व्यय से संबंधित विस्तृत लेखा-जोखा के संधारण का दायित्व भी प्रबंध संचालक छ.ग. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. का होगा।  बीज उत्पादक कृषकों द्वारा छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि निगम लिमिटेड को विक्रय किये गये धान बीज पर निर्धारित आदान सहायता राशि की कृषकवार मांग का विवरण बीज निगम द्वारा संचालक कृषि को प्रेषित किया जाएगा। संचालक कृषि द्वारा मांग अनुसार राशि छत्तीसगढ़ निगम लिमिटेड को उपलब्ध कराई जाएगी। बीज उत्पादक कृषकों से उपार्जित धान बीज पर प्रदायित आदान सहायता राशि के विस्तृत लेखा-जोखा के संधारण का दायित्व प्रबंध संचालक, छत्तीसगढ राज्य बीज एवं कृषि निगम लिमि. होगा फसलों हेतु गिरदावरी/सत्यापन के आधार पर पात्रतानुसार आदान सहायता राशि का वितरण संचालक कृषि के द्वारा किया जाएगा तथा आदान सहायता राशि के व्यय से संबंधित विस्तृत लेखा-जोखा के संधारण का दायित्व संचालक कृषि का होगा। प्रबंध संचालक छत्तीसगढ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. तथा प्रबंध संचालक, छत्तीसगढ राज्य बीज एवं कृषि निगम लिमि. यह सुनिश्चित करेंगे कि व्यय राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र राशि प्राप्त होने के एक माह के भीतर संचालक कृषि को प्रेषित किया जाए। कृषकों को पात्रता अनुसार आदान सहायता राशि का एकमुश्त भुगतान सुनिश्चित करने की जवाबदारी खाद्य विभाग एवं संचालक कृषि की होगी, उनके द्वारा नियमित रुप से योजना क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी के दृढ़ इच्छा शक्ति से नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है – केदार कश्यप

खड़गे के बयान पर मंत्री कश्यप का करारा पलटवार शेर के दहाड़ने से सियार भागते है,सियारो के चिल्लाने से शेर नहीं भागते:केदार कश्यप केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी के दृढ़ इच्छा शक्ति से नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है – केदार कश्यप 'खड़गे बताएँ कि जब घर न ससुराल तो राहुल बार-बार विदेश क्यों जाते हैं?' रायपुर  वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरों पर उठाए गए सवाल को कांग्रेस की स्तरहीन और ओछी राजनीतिक सोच का परिचायक बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री जैसी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे श्री शाह को देश के विभिन्न क्षेत्रों में बार-बार प्रवास करना होता है और छत्तीसगढ़ में चूंकि नक्सली उन्मूलन का अभियान चल रहा है इसलिए उसकी रणनीतिक समीक्षा के लिए श्री शाह छत्तीसगढ़ आ रहे हैं तो खड़गे के पेट में एकाएक मरोड़ क्यों उठ गया? जिस तरह प्रदेश के कांग्रेस नेता नक्सलियों के समर्थन में बयानबाजी करते रहते हैं, क्या यह सवाल पूछकर खड़गे भी 'नक्सलियों से भाईचारा निभानन की कांग्रेसी परंपरा' का निर्वहन कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का इस कदर फोबिया हो गया है कि सोते जागते कांग्रेसी उनकी स्तरहीन आलोचना करते हैं और गाहे- बगाहे उनके हर काम पर सवाल उठाकर अपने गर्हित इरादों का प्रदर्शन करते रहते हैं।  मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ प्रदेश को नक्सली मुक्त करने की दृढ़ इच्छा शक्ति से काम कर रहे हैं और उनकी इन्हीं इच्छा शक्ति की वजह से छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है जो कांग्रेस पार्टी के नेताओं को हजम नहीं हो रहा है जिसके चलते कांग्रेस के प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के नेता केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह के लिए इस तरह की बयानबाजी हमेशा करते रहते है।  मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि शेर के दहाड़ने से सियार भाग जाते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह शेर की तरह निर्भीक होकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने  कहा कि खड़गे देश को यह भी बताएँ कि उनके नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बार-बार विदेश क्यों जाते हैं? उन देशों में भी राहुल गांधी का घर या ससुराल तो नहीं है। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह तो नक्सलवाद के खात्मे के लिए छत्तीसगढ़ आ रहे हैं, बस्तर को फिर से उसका अधिकार दिलवाने आ रहे हैं, बस्तर में खुशहाली लाने के लिए आ रहे हैं, छत्तीसगढ़ को विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए आ रहे हैं, छत्तीसगढ़वासियों के जीवन में खुशहाली लाने आ रहे हैं लेकिन राहुल बार-बार विदेश जाते हैं। संसद का सत्र चलता रहता है तब विदेश चले जाते हैं, यहाँ कोई आंदोलन चलता रहता है तो विदेश चले जाते हैं, देश में बड़ी-बड़ी घटनाएँ होती रहती हैं तो वह विदेश चले जाते हैं और वहाँ जाकर भी वह सिवाय भारत और भारतीय संवैधानिक ढाँचे के खिलाफ विष-वमन करने के कुछ नहीं करते।

रायपुर : भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राजनांदगांव में आजीविका, जल संरक्षण और उद्यमिता कार्यों का किया निरीक्षण

रायपुर भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव टीके अनिल कुमार ने आज राजनांदगांव जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित योजनाओं और विकास गतिविधियों का निरीक्षण किया। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान), मिशन जल रक्षा, स्टार्टअप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम, वन स्टॉप फैसिलिटी और चना प्रोसेसिंग यूनिट सहित कई योजनाओं का जायजा लिया। इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे और जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुसुरूचि सिंह भी उपस्थित थीं। कुमार ने ग्राम अंजोरा स्थित मल्टी यूटिलिटी सेंटर का निरीक्षण किया, जहां महिला स्वसहायता समूह की सदस्याएं हर्बल गुलाल, चंदन, सिंदूर, रोली, कुमकुम आदि उत्पादों का निर्माण और पैकेजिंग कर रही हैं। उन्होंने गणेशा हर्बल गुलाल प्राइवेट लिमिटेड से हुए अनुबंध के अंतर्गत चल रहे कार्य की सराहना की, जिससे 75 महिलाओं को जोड़ा गया है। अब तक 181 मीट्रिक टन उत्पादन से 1 करोड़ 5 लाख 70 हजार रुपये की आमदनी हुई है। उन्होंने पैकेजिंग यूनिट के स्थायित्व और विस्तार की संभावनाओं पर चर्चा की और बफर प्लेट, दोना-पत्तल जैसी लघु इकाइयों के माध्यम से हुए रोजगार सृजन की सराहना की। इसके अतिरिक्त उन्होंने ग्राम टेड़ेसरा में वर्षा जल संचयन के लिए बनाए गए रिचार्ज सॉफ्ट और इंजेक्शन वेल का अवलोकन किया। स्टार्टअप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम के तहत मनीष साहू द्वारा शुरू की गई हार्डवेयर एवं इलेक्ट्रिकल दुकान का निरीक्षण करते हुए उन्होंने स्वयं सहायता समूहों के नवाचारों को सराहा। ग्राम पदुमतरा में उन्होंने बिहान संकुल संगठन कार्यालय और आजीविका प्रशिक्षण केंद्र का निरीक्षण किया। यहां महिलाओं ने उन्हें बताया कि बिहान से जुड़कर उनकी आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है। आचार-पापड़ निर्माण, मसाला बिक्री और कृषि उपज की प्रोसेसिंग जैसे कार्यों के जरिए कई महिलाएं ष्लखपति दीदीष् बनी हैं। अतिरिक्त सचिव ने महिलाओं से मार्केटिंग, ब्रांडिंग और गुणवत्ता सुधार पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने स्वरधारा महिला समूह द्वारा 65 लाख रुपये की बिक्री की जानकारी प्राप्त की और उसकी सराहना की। महिलाओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे बिहान से जुड़ने के बाद उन्हें रोज़गार के साथ ही देशभर में एक्सपो और प्रदर्शनियों में भाग लेने का मौका मिला। कुछ महिलाएं अब अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंच चुकी हैं दृ जैसे कि दमयंती सोनी, जो जेसीबी ऑपरेटर के रूप में काम कर रही हैं और जापान यात्रा की तैयारी में हैं। ग्राम सुकुलदैहान में उन्होंने स्वर्ण उपज महिला उत्पादक कंपनी के चना प्रसंस्करण केंद्र का दौरा किया, जहां 15,875 महिला किसान कार्यरत हैं। इस एफपीओ ने वर्ष 2024-25 में 408 लाख रुपये का टर्नओवर किया है। निरीक्षण के दौरान ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव का प्रदर्शन भी किया गया। ग्राम बरगा में रिचार्ज वेल के निरीक्षण के दौरान पद्मश्रीमती फूलबासन बाई यादव ने उन्हें नीर और नारी अभियान तथा आजीविका गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारीगण, राज्य और केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी, तथा बड़ी संख्या में महिला समूह की सदस्याएं उपस्थित रहीं। कुमार ने समूहों की गतिविधियों की सराहना करते हुए उन्हें आगे और बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित किया।

महासमुंद जिले में जल संरक्षण को लेकर एक अभिनव पहल के रूप में मोर गांव मा पानी” अभियान को प्रभावशाली ढंग से क्रियान्वित

रायपुर : 'मोर गांव मा पानी' अभियान से जल संरक्षण को बढ़ावा जनभागीदारी से निर्मित हुए 4 हजार से अधिक सोखता गड्ढे एवं 104 इंजेक्शन वेल  महासमुंद जिले में जल संरक्षण को लेकर एक अभिनव पहल के रूप में मोर गांव मा पानी” अभियान को प्रभावशाली ढंग से क्रियान्वित रायपुर  महासमुंद जिले में जल संरक्षण को लेकर एक अभिनव पहल के रूप में “मोर गांव मा पानी” अभियान को प्रभावशाली ढंग से क्रियान्वित किया जा रहा है। इस अभियान ने जिले में जल संरक्षण के क्षेत्र में जनभागीदारी को एक नई गति प्रदान की है। जल संचयन को जन आंदोलन का स्वरूप प्रदान करते हुए जिले में ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग सहित अन्य विभागों के समन्वय से व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत जन सहयोग से स्कूलों, आंगनवाड़ियों, पंचायत भवनों तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों में सोखता गड्ढों का निर्माण कराया जा रहा है। अब तक जिले में 4 हजार से अधिक सोखता गड्ढों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है, वहीं 104 इंजेक्शन वेल के माध्यम से भूमिगत जल स्तर को पुनः तमबींतहम किया जा रहा है। यह पहल वर्षा जल को भूमिगत जल में परिवर्तित कर जल संकट की स्थिति से निपटने में सहायक सिद्ध हो रही है। सोखता गड्ढे मिट्टी की नमी बनाए रखने, सतही जल प्रवाह को नियंत्रित करने एवं आसपास के पर्यावरण को संतुलित रखने में भी कारगर साबित हो रहे हैं। “मोर गांव मा पानी” अभियान न केवल जल संचयन की दिशा में एक ठोस पहल है, बल्कि यह जन-जागरूकता और सामुदायिक सहभागिता को भी प्रोत्साहित कर रहा है। यह अभियान स्थायी जल प्रबंधन प्रणाली की दिशा में एक अनुकरणीय उदाहरण बन चुका है, जिससे आने वाले समय में जिले के जल संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। जनसहयोग आधारित इस प्रयास से ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता में वृद्धि हुई है और जल को लेकर समुदाय का दृष्टिकोण भी सकारात्मक रूप से परिवर्तित हुआ है। यह पहल राज्य शासन के जल संरक्षण के संकल्पों को जमीनी स्तर पर मूर्त रूप देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हो रही है।