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त्वरित निर्वासन पर अदालत की रोक, लाखों लोगों को मिल सकती है राहत

वॉशिंगटन अमेरिका की एक संघीय जज ने ट्रंप प्रशासन के त्वरित निर्वासन के आदेश पर रोक लगा दी है। दरअसल ट्रंप प्रशासन ने मानवीय पैरोल पर अमेरिका आए अप्रवासियों को निर्वासित करने के लिए त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए थे, जिसके तहत होमलैंड सिक्योरिटी को अप्रवासियों को जज के सामने पेश किए बिना उन्हें निर्वासित करने की शक्ति मिल गई थी। हालांकि अब अदालत ने इस पर रोक लगा दी है। अदालत के इस फैसले से लाखों लोगों को फायदा हो सकता है। अप्रवासी अधिकार समूहों ने दायर की थी याचिका मानवीय पैरोल, अमेरिकी कानून का ऐसा प्रावधान है, जिसके तहत विदेशी नागरिकों को मानवीय आधार पर अमेरिका में कुछ समय तक रहने की इजाजत दी जाती है। यह होमलैंड सिक्योरिटी विभाग द्वारा दी जाती है, लेकिन हाल ही में होमलैंड सिक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोएम ने मानवीय पैरोल पर अमेरिका में रह रहे अप्रवासियों को तुरंत निर्वासित करने का आदेश दिया था। इसके बाद बड़ी संख्या में अप्रवासियों को हिरासत में लिया गया। अप्रवासी अधिकार समूहों ने होमलैंड सिक्योरिटी के इस एक्शन के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए वॉशिंगटन में यूएस डिस्ट्रिक्ट जज जियो कोब ने ट्रंप प्रशासन के आदेश पर रोक लगा दी। मानवीय पैरोल पर अमेरिका में रह रहे लोगों को मिलेगा फायदा जज का आदेश सिर्फ उन अप्रवासियों पर लागू होगा, जो मानवीय पैरोल के तहत अमेरिका आए हैं। साथ ही यह रोक अभी अस्थायी तौर पर है और मामले की सुनवाई पूरी होने तक ही फिलहाल ये रोक रहेगी। जज ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में सवाल ये है कि क्या उत्पीड़न और शोषण से बचकर भागे लोगों को नियमों से चलने वाली व्यवस्था में सुनवाई हो सकती है या नहीं। 

चार शादियां, एक भी दुल्हन नहीं! युवक के साथ हुआ 4 लाख का प्यार का खेल

जोधपुर.  दुल्हन लाने के लिए एक के बाद एक कुल चार शादियां की लेकिन एक भी दुल्हन साथ नहीं आई। मामला राजस्थान के लूणी का है जहां पड़ोसी ने ही युवक को शादी का झांसा दिया और 3.85 लाख रुपए ठग लिए। आरोपी युवक ने हर शादी से पहले पैसे की डिमांड की, जिसे दुल्हन की आस में पूरा भी किया गया। लेकिन फिर भी कोई दुल्हन घर तक नहीं आई। ठगी का शिकार होने के बाद अब पीड़ित दूल्हा पुलिस की शरण में पहुंचा है जहां उसने चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। जोधपुर की लूनी थाना अनुसंधान में जुटी है। लूणी थानाधिकारी डॉ. हनवंत सिंह राजपुरोहित ने बताया कि विजेंद्र भारती ने इस्तगासा के आधार पर शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें उसने अपने पड़ोस में रहने वाले पप्पू भारती अमर भारती भंवरी देवी और राकेश भारती के खिलाफ शिकायत देते हुए लिखा है। विवाह के नाम पर लगाया चूना उन्होंने उसका योग्य लड़की से विवाह करवाने की बात की। पीड़ित युवक विजेंद्र ने इन लोगों की बातों पर विश्वास किया। गत 26 अप्रैल 2024 को ट्रेन से बिहार के सासाराम गए, वहां से बक्सर और बक्सर से फिर दिनार गए। वहां पर इन लोगों ने चार-पांच लड़कियां बताई और शादी भी करवाई। जिसकी एवज में समय-समय पर इन लोगों ने पप्पू भारती के खाते में 1.85 लाख रुपए डलवाए और बाकी सभी लोग अमर भारती, राकेश भारती, भंवरी देवी ने उससे विवाह के नाम पर दो लाख की नगद राशि ली और आपस में बांट ली। विवाह के बाद पहली लड़की बस से उतर कर गायब हो गई तब इन चार लोगों ने अन्य दूसरी लड़की से विवाह करवाने के बाद कहीं और दूसरे दिन विजेंद्र का अन्य लड़की से विवाह करवाया भी। लेकिन यह लड़की भी रास्ते में कहीं गुम हो गई और वापस उसे नहीं मिली। इसकी शिकायत जब उसने इन चारों से की तो इन्होंने एक अन्य लड़की से भी विजेंद्र की शादी करवाई लेकिन वह विवाह के बाद साथ जाने को भी तैयार नहीं हुई। उसके बाद एक अन्य लड़की से भी शादी करवाने की बात पर रुपए मांगे गए लेकिन पीड़ित ने रुपए होने से इनकार कर दिया। इसके बाद एक अन्य लड़की से विवाह करवाया गया लेकिन वह विवाह मंडप से ही उठकर चली गई। इस पूरे घटनाक्रम के बाद पीड़ित दूल्हे विजेंद्र ने अपने पैसे वापस लेने का प्रयास किया तो पीड़ित युवक के पड़ोसियों ने ₹3,85000 में से 1,15000 दो महीने में लौटने का वादा किया लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी पीड़ित युवक को ₹1 नहीं मिला। इसके बाद थक हारकर विजेंद्र की ओर से न्यायालय में परिवार दायर किया गया जिस्म की पप्पू अमर भंवरी देवी और राकेश भारती के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। जोधपुर लूणी थाना इस मामले में अनुसंधान कर रहा है।  

दहशत के खिलाफ बड़ी कार्रवाई: कुलगाम में मुठभेड़, आतंकी मारा गया

जम्मू जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ जारी है। सुरक्षा बलों ने अब तक एक आतंकवादी को मार गिराया है। जबकि बचे हुए आतंकियों की तलाश की जा रही है। चिनार कॉर्प्स भारतीय सेना ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया कि सुरक्षा बलों ने अब तक एक आतंकवादी को मार गिराया है। ऑपरेशन जारी है। जानकारी के अनुसार, देर शाम को जिले के देवसर के अखल वन इलाके में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली। सेना, पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और सीआरपीएफ के जवानों ने वन क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया। छिपे आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी। दोनों ओर से थोड़ी देर तक फायरिंग हुई, लेकिन आतंकी अंधेरे की आड़ में जंगल में भाग निकले। आतंकियों ने रात में घेरा और सख्त कर दिया। शनिवार को सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराने में सफलता हासिल की। बता दें कि यह घाटी में पिछले पांच दिनों में दूसरा ऑपरेशन है। इससे पूर्व श्रीनगर के दाछीगाम में एक ऑपरेशन के दौरान लश्कर के कमांडर सहित तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया गया।

साध्वी ऋतंभरा के बयान से भड़का विवाद: महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियों ने जन आक्रोश बढ़ाया

हरिद्वार भारत में धर्मगुरुओं के महिलाओं और लड़कियों को लेकर विवादित बयानों का दौर लगातार जारी है। हाल ही में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य और प्रेमानंद जी महाराज के बाद अब साध्वी ऋतंभरा ने भी इस सूची में अपना नाम जोड़ा है। साध्वी ऋतंभरा ने हिंदू लड़कियों के रील्स बनाने और उनकी आधुनिक जीवनशैली पर कड़ी टिप्पणी की है जिससे विवाद फिर से उभर कर सामने आया है। साध्वी ऋतंभरा के विवादित बयान साध्वी ऋतंभरा, जिन्हें 'दीदी मां' के नाम से जाना जाता है, ने अपने एक प्रवचन में कहा कि "हिंदू लड़कियों को देखकर शर्म आती है।" उन्होंने आरोप लगाया कि लड़कियां गंदे ठुमके लगाकर और गंदे गाने गाकर पैसे कमाती हैं। उनका कहना था कि इनके पति और पिता भी पैसों के कारण कुछ नहीं कहते। साध्वी ने चेतावनी देते हुए कहा, "अगर घर में गंदी कमाई आती है तो पूर्वज तड़पने लग जाते हैं।" यह बयान मार्च महीने का है लेकिन हाल ही में अन्य धर्मगुरुओं के विवादित बयानों के कारण यह फिर से चर्चा में आ गया है। साध्वी ऋतंभरा ने खासकर सोशल मीडिया पर लड़कियों और महिलाओं द्वारा बनाए जाने वाले रील्स पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि रील्स में ठुमके लगाना, गंदे गाने बजाना और कम कपड़े पहनना आम बात हो गई है। साध्वी ने महिलाओं से अपील की कि वे मर्यादित जीवन जीएं और अपनी जीवनशैली सुधारें। साध्वी ऋतंभरा राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रही हैं और वर्तमान में ‘वात्सल्य ग्राम’ नामक आश्रम चलाती हैं जहां अनाथ बच्चों और विधवा या परित्यक्त महिलाओं को आश्रय दिया जाता है। प्रेमानंद महाराज के विवादित बयान साध्वी ऋतंभरा से पहले वृंदावन के प्रेमानंद महाराज भी महिलाओं और लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं। प्रेमानंद महाराज ने कहा था कि आजकल की 100 लड़कियों में से मुश्किल से दो-चार ही पवित्र होती हैं, बाकी सभी बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड के चक्कर में लगी रहती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो युवक या युवती कई लोगों के साथ संबंध बनाते हैं, वे बाद में अपने पति या पत्नी से संतुष्ट नहीं रह पाते क्योंकि उन्हें व्यभिचार की आदत लग जाती है। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। अनिरुद्धाचार्य का भी विवादित बयान कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने भी कुछ समय पहले कहा था कि लड़कियों की शादी 25 साल से पहले हो जानी चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि ऐसा न होने पर लड़कियों के 4-5 बॉयफ्रेंड बन जाते हैं, जो उनके वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है। अनिरुद्धाचार्य ने सोशल मीडिया और आधुनिक जीवनशैली को लड़कियों के जीवन में अस्थिरता का कारण बताया और माता-पिता से कहा कि वे समय रहते बेटियों की शादी तय करें। इन धर्मगुरुओं के बयानों ने महिलाओं की भूमिका, आधुनिक जीवनशैली और नैतिक मूल्यों पर समाज में गहरी बहस छेड़ दी है। कई लोग इन बयानों को महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक और पिछड़ेपन भरा मानते हैं, तो कुछ लोग इसे समाज में पारंपरिक मूल्यों की रक्षा के रूप में देखते हैं।

राजस्व में बंपर उछाल, GST कलेक्शन ₹1.96 लाख करोड़ के पार गया

नईदिल्ली   केंद्र सरकार ने जुलाई महीने के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े जारी कर दिए हैं। बीते जुलाई में जीएसटी कलेक्शन बढ़कर 1.96 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी को दिखाता है। यह लगातार 7वां महीना है जब जीएसटी कलेक्शन 1.80 लाख करोड़ रुपये से जयादा है। हालांकि, यह वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के औसत 2.1 लाख करोड़ रुपये से कम है। यह ग्रोथ डोमेस्टिक ट्रांजैक्शन के साथ-साथ आयात से अधिक कलेक्शन के कारण हुई, जो स्थिर आर्थिक गतिविधि का संकेत है। हालांकि, डेवलपमेंट की गति पिछले महीनों की तुलना में धीमी रही। कुल ग्रॉस जीएसटी राजस्व में शामिल ग्रॉस कलेक्शन में सीजीएसटी ₹35470 करोड़ है। वहीं, एसजीएसटी की बात करें तो 44059 करोड़ रुपये है। इसके अलावा आईजीएसटी ₹1,03,536 करोड़ रहा। इसमें आयात पर एकत्रित ₹51626 करोड़ शामिल है। वहीं, उपकर की बात करें तो ₹12670 करोड़ (आयात पर एकत्रित ₹1086 करोड़ सहित) पर पहुंच गया। किस राज्य के कलेक्शन में कितना ग्रोथ जुलाई के दौरान मध्य प्रदेश के टैक्स कलेक्शन में 18% की वृद्धि देखी गई, जो बड़े राज्यों में सबसे आगे रहा। वहीं, बिहार के कलेक्शन में 16% की वृद्धि दर्ज की गई जबकि आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में क्रमशः 14% और 12% की वृद्धि दर्ज की गई। दूसरी ओर, मणिपुर, मिजोरम और झारखंड में क्रमशः -36%, -21% और -3% की गिरावट दर्ज की गई। महाराष्ट्र 30,590 करोड़ रुपये से अधिक कलेक्शन के साथ सबसे बड़ा कंट्रीब्यूटर बना रहा। जून में जीएसटी कलेक्शन इससे पहले जून में जीएसटी कलेक्शन 6.2 प्रतिशत बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। बता दें कि जीएसटी कलेक्शन मई में 2.01 लाख करोड़ रुपये रहा था। वहीं, इस साल अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन 2.37 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया था। GST के 8 साल पूरे पिछले महीने देश में GST लागू हुए 8 साल पूरे हो गए हैं। 1 जुलाई 2017 को देश में GST लागू किया गया था। इस दौरान टैक्स कलेक्शन के आंकड़ों ने नया रिकॉर्ड बनाया है। वित्त वर्ष 2024-25 में ग्रॉस GST कलेक्शन 22.08 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो 5 साल पहले 2020-21 में सिर्फ 11.37 लाख करोड़ था। यानी, 5 साल में टैक्स वसूली लगभग दोगुनी हो गई है। 2024-25 में हर महीने औसत GST कलेक्शन 1.84 लाख करोड़ रुपए रहा। ये 5 साल पहले 2020-21 में 95 हजार करोड़ रुपए था। टैक्सपेयर्स की संख्या भी दोगुनी से ज्यादा बढ़ी GST लागू होने के वक्त 2017 में रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स की संख्या 65 लाख थी, जो अब बढ़कर 1.51 करोड़ से ज्यादा हो गई है। इससे सरकार का टैक्स बेस भी मजबूत हुआ है। सरकार का कहना है कि GST लागू होने के बाद टैक्स कलेक्शन और टैक्स बेस दोनों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। इससे देश की फिस्कल पोजिशन मजबूत हुई है और टैक्स सिस्टम ज्यादा पारदर्शी और आसान बना है। इतिहास में सबसे बड़ा टैक्स कलेक्शन अप्रैल 2025 में सरकार ने अप्रैल 2025 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से 2.37 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे। सालाना आधार पर इसमें 12.6% की बढ़ोतरी हुई थी। ये GST कलेक्शन का रिकॉर्ड है। इससे पहले हाईएस्ट जीएसटी कलेक्शन का रिकॉर्ड अप्रैल 2024 में बना था। तब सरकार ने 2.10 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे। इकोनॉमी की हेल्थ दिखाता है GST कलेक्शन जीएसटी कलेक्शन इकोनॉमिक हेल्थ का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। हायर कलेक्शन मजबूत उपभोक्ता खर्च, औद्योगिक गतिविधि और प्रभावी कर अनुपालन का संकेत देते हैं। अप्रैल महीने में बिजनेसेज अक्सर मार्च से वर्ष के अंत के लेन-देन को क्लियर करते हैं, जिससे टैक्स फाइलिंग्स और कलेक्शन्स में वृद्धि होती है। KPMG के नेशनल हेड अभिषेक जैन ने कहा कि अब तक का हाईएस्ट GST कलेक्शन मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था को दर्शाता है। 2017 में लागू हुआ था GST सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में GST लागू किया था। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकारों के 17 करों और 13 उपकरों को हटा दिया गया था। GST के 7 साल पूरे होने पर वित्त मंत्रालय ने पिछले सात वर्षों के दौरान हासिल की गई उपलब्धियों को लेकर पोस्ट किया। GST एक इनडायरेक्ट टैक्स है। इसे कई तरह के इनडायरेक्ट टैक्स जैसे VAT, सर्विस टैक्स, परचेज टैक्स, एक्साइज ड्यूटी को रिप्लेस करने के लिए 2017 में लागू किया गया था। GST में 5, 12, 18 और 28% के चार स्लैब हैं। GST को चार हिस्सों में डिवाइड किया गया है:     CGST (केंद्रीय जीएसटी): केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किया जाता है।     SGST (राज्य जीएसटी): राज्य सरकारों द्वारा एकत्र किया जाता है।     IGST (एकीकृत जीएसटी): अंतरराज्यीय लेनदेन और आयात पर लागू, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विभाजित।     उपकर: स्पेसिफिक पर्पज के लिए फंड जुटाने के लिए स्पेसिफिक गुड्स (जैसे, लग्जरी आइटम्स, तंबाकू) पर लगाया जाने वाला अतिरिक्त शुल्क।

बारिश का सिलसिला जारी रहेगा! अगले दो महीने तक कई राज्यों में भारी वर्षा की चेतावनी

नई दिल्ली दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश जैसे इलाकों में इस साल मॉनसून में अब तक अच्छी बारिश हुई है। गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली के तमाम इलाकों में इस साल अच्छी बारिश हुई है। कई मोहल्ले और सोसायटियों में तो लगातार पानी भरने की शिकायतें आती रहती हैं। इस बीच मौसम विभाग का कहना है कि अगस्त और सितंबर में भी सामान्य से अधिक बारिश होगी। इसका अर्थ है कि दिल्ली-एनसीआर, यूपी, हरियाणा समेत समूचे उत्तर भारत को अधिक बारिश के लिए पहले से तैयारी कर लेनी चाहिए। मौसम विभाग का कहना है कि अगस्त में सामान्य बारिश रहेगी। इसके अलावा सितंबर में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान है। इस तरह लॉन्च पीरियड एवरेज को देखें तो दो महीने में 106 फीसदी बारिश होगी, जो सामान्य से 6 फीसदी अधिक है। हालांकि ऐसा देश के सभी हिस्सों में नहीं होगा। इस साल उत्तर पश्चिम भारत यानी यूपी, दिल्ली, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पंजाब और उत्तराखंड में अच्छी बारिश होगी। इसके अलावा पूर्वी भारत, मध्य भारत और पश्चिमी भारत के ज्यादातर राज्यों में बारिश सामान्य से कम रहेगी। महत्वपूर्ण तथ्य है कि इस साल बिहार, बंगाल और ओडिशा में अब तक सामान्य से कम बारिश हुई है। आमतौर पर उत्तर बिहार में अच्छी बारिश होती रही है। इस बीच मौसम विभाग ने ब्लॉक स्तर पर भी बारिश का अनुमान जताने की व्यवस्था की है। पूरे देश के 7,200 ब्लॉकों का मौसम कैसा रहेगा, कब बारिश होगी और कब आसमान साफ रहेगा, यह पूरी जानकारी दी जाएगी। इसकी व्यवस्था ब्लॉक-वाइज रेनफॉल मॉनिटरिंग स्कीम (BRMS) के माध्यम से की गई है। मौसम विभाग का कहना है कि इसके जरिए रियलटाइम जानकारी मिलेगी। अब तक मौसम विभाग की ओर से जिलावार जानकारी ही दी जाती थी। माना जा रहा है कि अब मौसम विभाग का अनुमान अधिक सटीक हो सकेगा। अब ब्लॉक स्तर पर मौसम का आएगा अनुमान आमतौर पर जिला स्तर के अनुमान में किसी एक हिस्से में बारिश होती थी और कहीं नहीं होती थी। इसे लोग मौसम विभाग के अनुमान से जोड़ते थे कि वह गलत साबित हुआ। अब ब्लॉक लेवल पर अनुमान दिया जाएगा। मौसम विभाग ने जून और जुलाई की मॉनसून बारिश का भी आंकड़ा दिया है। मौसम विभाग का कहना है कि जून और जुलाई में ज्यादातर राज्यों में सरप्लस बारिश हुई है, लेकिन मध्य, पश्चिम और पूर्वी भारत के कई राज्यों में अनुमान से कम बारिश हुई है।

भारत की बड़ी रणनीतिक चाल: डोकलाम के नजदीक भूटान में सड़क निर्माण से चीन की बढ़ी चिंता

नई दिल्ली भारत लगातार अपनी सीमाओं और पड़ोसी देशों में बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा है, खासकर चीन के साथ सीमा पर. हाल ही में भारत ने भूटान के हा घाटी में एक खास सड़क बनाई है, जो डोकलाम के पास है. यह सड़क न सिर्फ भूटान के लिए फायदेमंद है, बल्कि भारत के लिए भी रणनीतिक ताकत बढ़ाएगी. यह सड़क क्यों खास है? यह सड़क भूटान के हा घाटी को जोड़ती है, जो डोकलाम से सिर्फ 21 किलोमीटर दूर है. डोकलाम 2017 में भारत और चीन के बीच एक बड़े टकराव का गवाह रहा था. इस सड़क को बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने लगभग 254 करोड़ रुपये की लागत से बनाया है. भूटान के प्रधानमंत्री तोबगे त्शेरिंग ने आज, 1 अगस्त 2025 को इस सड़क का उद्घाटन किया. यह सड़क हर मौसम में काम करने वाली (ऑल-वेदर) है, यानी बारिश, बर्फ या तूफान में भी आवाजाही संभव होगी. हा घाटी भूटान के लिए आर्थिक और सैन्य दृष्टि से महत्वपूर्ण है. यह सड़क न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए सुविधाजनक होगी, बल्कि भूटान सेना को चंबी घाटी (जो तिब्बत के पास है) तक तेजी से पहुंचने में मदद करेगी. चंबी घाटी में चीनी सैनिक मौजूद हैं, इसलिए यह इलाका रणनीतिक रूप से संवेदनशील है. अगर जरूरत पड़ी, तो भारत की सेना भी इस सड़क का फायदा उठा सकती है, खासकर चीन के खिलाफ किसी स्थिति में. डोकलाम संकट: 2017 का सबक 2017 में डोकलाम में एक बड़ा विवाद हुआ था. चीन ने जम्फेरी रिज तक सड़क बनाने की कोशिश की थी, जो भूटान और भारत के लिए खतरे की बात थी. भारतीय सेना ने इसका विरोध किया और 'ऑपरेशन जूनिपर' चलाया. भारतीय सैनिकों ने डोकलाम पहुंचकर चीनी सैनिकों को सड़क बनाने से रोका. 72 दिन तक चले इस टकराव के बाद चीन को पीछे हटना पड़ा. लेकिन इसके बाद भी चीन ने डोकलाम में हेलीपैड और दूसरी सुविधाएं बनाईं. हजारों सैनिक वहां तैनात कर दिए. डोकलाम भूटान के पास है, लेकिन यह सिक्किम-भूटान-तिब्बत के त्रिकोण पर है, जो भारत के लिए भी रणनीतिक रूप से अहम है. इस घटना ने भारत को अपनी सीमा और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की सीख दी. प्रोजेक्ट दंतक: भारत-भूटान की दोस्ती का प्रतीक यह सड़क BRO के 'प्रोजेक्ट दंतक' के तहत बनी है. प्रोजेक्ट दंतक 1960 के दशक से भूटान में काम कर रहा है और भूटान के विकास में बड़ा योगदान दे रहा है. इस सड़क में 5 नए पुल बनाए गए हैं, जो इसे हर मौसम में चलने लायक बनाते हैं. हाल ही में भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भूटान का दौरा किया. हा घाटी की सड़क के बारे में जानकारी ली. BRO के डीजीबीआर (निदेशक जनरल बॉर्डर रोड्स) लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन भी भूटान में हैं, जहां उन्होंने राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और प्रधानमंत्री तोबगे त्शेरिंग से मुलाकात की. प्रधानमंत्री ने दंतक की भूटान के विकास में भूमिका की तारीफ की. इस सड़क का उद्घाटन न सिर्फ कनेक्टिविटी, बल्कि पर्यटन और लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देगा. 2017 के डोकलाम टकराव के बाद भूटान में सड़क निर्माण का काम तेज हो गया है. BRO कई और प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है ताकि सीमा क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर हो सके.  भारत-भूटान का रिश्ता और चीन का चैलेंज भारत और भूटान के बीच गहरी दोस्ती है. भूटान भारत का पड़ोसी देश है. चीन के बढ़ते प्रभाव का सामना कर रहा है. 2017 में डोकलाम के दौरान भूटान ने भारत का साथ दिया था, जो इस दोस्ती की मिसाल है. भारत भूटान में सड़कें और बिजली जैसे प्रोजेक्ट्स में निवेश कर रहा है, ताकि दोनों देशों की साझा सुरक्षा मजबूत हो सके. चीन ने डोकलाम और आसपास के इलाकों में सड़कें और गांव बनाए हैं, जो भारत के लिए चिंता का विषय है. हा घाटी की सड़क भारत को यह मौका देती है कि वह अपनी सेना और संसाधनों को तेजी से तैनात कर सके, अगर चीन ने कोई कदम उठाया तो. यह सड़क भूटान की सेना के लिए भी चंबी घाटी तक पहुंच को आसान बनाएगी. फायदे क्या हैं?     सैन्य फायदा: इस सड़क से भारतीय और भूटानी सेना को तेजी से गति मिलेगी, खासकर चीनी सीमा के पास.     लॉजिस्टिक्स: सैन्य सामान और आपूर्ति आसानी से पहुंचेगी.     पर्यटन और अर्थव्यवस्था: हा घाटी एक खूबसूरत इलाका है. यह सड़क पर्यटन को बढ़ावा देगी, जिससे भूटान की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.     चीन के खिलाफ रणनीति: यह सड़क भारत को चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने में मदद करेगी. चुनौतियां और सावधानियां चीन की ओर से लगातार बुनियादी ढांचे का विस्तार हो रहा है, जो भविष्य में तनाव बढ़ा सकता है. इसलिए भारत और भूटान को इस सड़क की सुरक्षा और रखरखाव पर ध्यान देना होगा. साथ ही, स्थानीय लोगों को इस सड़क के फायदे और सावधानियों के बारे में जागरूक करना जरूरी है.

EC का पलटवार: ‘राहुल नहीं आते, अब कर्मचारी धमकी का निशाना’, विपक्ष के आरोपों पर सफाई

नई दिल्ली भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के हालिया बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. आयोग ने कहा कि जब राहुल गांधी को आपत्ति जताने के लिए बुलाया जाता है तो वह आते नहीं और अब आयोग के कर्मचारियों को धमकाने तक लगे हैं.  आयोग ने राहुल के बयानों को 'बेबुनियाद' और 'गैर-जिम्मेदाराना' करार देते हुए कहा कि वह ऐसे आरोपों को नजरअंदाज करता है. साथ ही आयोग ने अपने सभी चुनावी कर्मियों को ऐसी टिप्पणियों पर ध्यान न देने और निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से काम जारी रखने का निर्देश दिया है. चुनाव आयोग ने कहा कि राहुल गांधी को 12 जून 2025 को ईमेल भेजा, लेकिन वह पेश नहीं हुए. 12 जून 2025 को उन्हें पत्र भी भेजा गया, लेकिन उसका भी कोई जवाब नहीं आया. राहुल गांधी ने अब तक किसी भी मुद्दे पर आयोग को कोई पत्र नहीं भेजा है. यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब वह आधारहीन आरोप लगा रहे हैं और आयोग व उसके कर्मचारियों को धमकाने तक लगे हैं. चुनाव आयोग ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयानों को नजरअंदाज करता है और अपने सभी कर्मचारियों से अपील करता है कि वे निष्पक्षता व पारदर्शिता के साथ कार्य करते रहें. आयोग ने अपने कर्मियों से अपील की कि वे बिना किसी दबाव के अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की गरिमा को बनाए रखें. क्या बोले राहुल गांधी दरअसल, राहुल गांधी ने शुक्रवार को चुनाव आयोग पर वोट चारी आरोप लगाया और कहा कि हमारे पास इसके पुख्ता सबूत हैं. राहुल गांधी ने कहा कि इस वोट चोरी में चुनाव आयोग शामिल है और मैं ये हल्के में नहीं कह रहा हूं. मैं ये पुख्ता सबूत के साथ बोल रहा हूं. जैसे ही हमने ये रिलीज किया, वैसे ही पूरे देश को पता चल जाएगा कि इलेक्शन कमीशन वोट चोरी करा रहा है और किसके लिए कर रहा है? आयोग बीजेपी के लिए ऐसा कर रहा है. इस पर कोई सवाल नहीं उठा सकता. हमें MP और महाराष्ट्र चुनाव में हुआ शक: राहुल गांधी राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी को मध्य प्रदेश और लोकसभा चुनावों में वोट चोरी का शक था. महाराष्ट्र में ये शक और बढ़ गया, जहां उन्हें लगा कि राज्य स्तर पर बड़े पैमाने पर धांधली हुई उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में एक करोड़ नए वोटर जोड़े गए, लेकिन जब कांग्रेस ने वोटर लिस्ट और वीडियोग्राफी की मांग की तो आयोग ने कोई सहयोग नहीं किया. राहुल ने कहा, 'चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट नहीं दिखाई. हमने वीडियोग्राफी मांगी तो उन्होंने उसका कानून ही बदल दिया.' बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी और चुनाव आयोग के बीच तनातनी देखने को मिली हो. 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान भी राहुल ने आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाया था, खासकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयता और मतदाता सूची में गड़बड़ियों को लेकर. उस वक्त भी आयोग ने राहुल के बयानों को 'आधारहीन' बताते हुए खारिज कर दिया था. इसके अलावा कांग्रेस ने कई बार आयोग के कुछ अधिकारियों की नियुक्ति और उनके कार्यकाल पर सवाल उठाए हैं, जिसे आयोग ने राजनीति से प्रेरित बताया है.

जज के फैसले ने तोड़ा हौसला: रेप केस में दोषी करार के बाद कोर्ट में रो पड़ा रेवन्ना

बेंगलुरु  पूर्व हासन सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार के मामले में कोर्ट ने दोषी ठहराया है. अदालत सजा की अवधि का ऐलान कल यानी 2 अगस्त को करेगी. कोर्ट का फैसला सुनकर रेवन्ना अदालत में भावुक हो गया और रो पड़ा. यह फैसला बेंगलुरु स्थित निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत ने सुनाया है. बलात्कार के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद प्रज्वल रेवन्ना कोर्ट में भावुक हो गया और फूट-फूटकर रोने लगा. फैसला सुनने के बाद कोर्ट से बाहर निकलते समय भी वह रोता रहा. यह फैसला एफआईआर दर्ज होने के सिर्फ 14 महीने बाद सुनाया गया है. सबूत के रूप में पेश की गई साड़ी प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले में एक महत्वपूर्ण सबूत के रूप में साड़ी को कोर्ट में पेश किया गया. आरोप है कि पूर्व सांसद ने घरेलू सहायिका के साथ एक नहीं बल्कि दो बार बलात्कार किया. पीड़िता ने घटना का वीडियो भी रिकॉर्ड किया और उसके पास वह साड़ी भी मौजूद थी, जिसे उसने सबूत के तौर पर संभाल कर रखा था. जांच में उस साड़ी पर स्पर्म के निशान पाए गए, जिससे यह मामला और भी मजबूत हो गया. अदालत में इस साड़ी को निर्णायक सबूत के रूप में पेश किया गया. प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और आईटी एक्ट की कई धाराओं के तहत आरोप तय किए गए थे. कोर्ट अब सजा की अवधि (quantum of sentence) का ऐलान कल करेगी. जांच टीम ने जुटाए 123 सबूत प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ बलात्कार का मामला मैसूरु के केआर नगर की एक घरेलू सहायिका की शिकायत पर सीआईडी साइबर क्राइम थाने में दर्ज किया गया था. आरोप है कि पूर्व सांसद ने पीड़िता के साथ बलात्कार किया और उस कृत्य का वीडियो भी रिकॉर्ड किया. मामले की जांच सीआईडी के विशेष जांच दल (SIT) ने की, जिसने करीब 2,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. जांच के दौरान टीम ने कुल 123 सबूत जुटाए.  सात महीनों में पूरा हो गया ट्रायल इस जांच का नेतृत्व सीआईडी इंस्पेक्टर शोभा और उनकी टीम ने किया. इस मामले की सुनवाई 31 दिसंबर 2024 को शुरू हुई थी, जिसमें अदालत ने 23 गवाहों की गवाही दर्ज की. इसके अलावा कोर्ट ने वीडियो क्लिप्स की फॉरेंसिक रिपोर्ट और घटनास्थल की निरीक्षण रिपोर्टों की भी समीक्षा की. ट्रायल मात्र सात महीनों में पूरा हो गया और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

पुणे में communal clash: प्रतिमा विवाद के बाद मस्जिद पर हमला

 पुणे  महाराष्ट्र के पुणे जिले में आज (शुक्रवार) को दो समुदायों के बीच तनाव उस वक्त और बढ़ गया जब दौंड तालुका के यवत गांव में एक मस्जिद पर पथराव की घटना हुई. ये घटना तब सामने आई जब 26 जुलाई को यवत रेलवे स्टेशन परिसर स्थित नीलकंठेश्वर मंदिर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को किसी ने खंडित कर दिया था. इससे पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया था. प्रतिमा खंडित करने की घटना के विरोध में कल बीजेपी विधायक गोपीचंद पडळकर ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर यवत गांव में मोर्चा निकाला था. इसके अगले ही दिन यानी आज मस्जिद पर पथराव की खबर आई, जिससे गांव और आसपास के इलाके में भारी तनाव फैल गया. हालात बिगड़ने से पहले ही पुलिस मौके पर पहुंची और भारी संख्या में बल तैनात कर दिया गया. हिंदू संगठनों का आरोप हिंदू संगठनों का कहना है कि छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को जानबूझकर नुकसान पहुंचाया गया ताकि दो समुदायों के बीच नफरत फैलाई जा सके. इस घटना से हिंदू समाज की भावनाएं गहराई से आहत हुई हैं. संगठनों ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. गांव में बंद और प्रदर्शन इस घटना के विरोध में यवत और आसपास के ग्रामीणों ने आज गांव पूरी तरह बंद रखा. बाजार, स्कूल और सार्वजनिक गतिविधियां थम गईं. ग्रामीणों ने विरोध मार्च निकाला और प्रशासन से आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की. प्रशासन की अपील पुलिस ने पूरे इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सघन निगरानी की जा रही है. प्रशासन ने लोगों से संयम बरतने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है. साथ ही मामले की जांच तेज़ी से जारी है. पुणे के SP संदीप सिंह गिल ने क्या कहा? समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए पुणे के एसपी संदीप सिंह गिल ने जानकारी दी, 'यहां यवत गांव में दोपहर करीब 12 से 12:30 बजे के बीच पुलिस को जानकारी मिली कि एक युवक ने अपने व्हाट्सऐप या फेसबुक पर आपत्तिजनक स्टेटस डाला है. इस शिकायत के बाद युवक को थाने लाया गया और उस पर कार्रवाई शुरू की गई. इसके बाद कुछ गांववाले भी थाने पहुंच गए. पुलिस टीम ने गांव में शांति बनाए रखने के लिए गांव के प्रतिनिधियों के साथ बैठक शुरू की. लेकिन तब तक यह मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका था. करीब एक हफ्ते पहले गांव में एक और घटना हुई थी, जिससे पहले से ही माहौल तनावपूर्ण था." उन्होंने कहा, ऐसे में लोगों की भावनाएं पहले से ही आहत थीं. इसी वजह से कुछ लोग सड़कों पर उतर आए और कुछ युवकों ने एक ढांचे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. हालांकि, इस घटना में किसी को भी चोट नहीं आई है. पुलिस प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और गांव में गश्त शुरू की. फिलहाल गांव में शांति है और स्थिति नियंत्रण में है.