मंडी/शिमला हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश अब कहर बरपा रही है। राज्य के ज्यादातर हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। मंडी जिला में बीती रात बादल फटने की कई घटनाओं ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। करसोग उपमंडल में 45 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि दो अन्य लोग लापता हैं। करसोग के डीएसपी ने इसकी पुष्टि की है। मंडी जिला के गोहर के स्यांज गांव में नाले में आए सैलाब में नौ लोग लापता हैं। मां-बेटी को सुरक्षित बचा लिया गया, लेकिन अन्य की तलाश जारी है। मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में आज सभी स्कूल-कॉलजे बंद कर दिए गए हैं। सोमवार शाम तक राज्य भर में 259 सड़कें बंद थीं। भारी बारिश और बादल फटने से मंडी के अलग अलग हिस्से में तबाही जारी है. पंडोह डैम से 1 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है..जिससे पंडोह बाजार में बीती रात पानी भरने से भगदड़ जैसे हालात हो गए. आज भी मंडी में बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है. जिले के स्कूल कॉलेज आज बंद हैं. मौसम विभाग के मुताबिक जून में 37 फीसदी ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है. बारिश के बाद तापमान भी सामान्य से कम जा रहा है. जिला ऊना, बिलासपुर, मंडी, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. राज्य में बीते 24 घंटे में तीन लोगों की मौत हुई है. इस मानसून सीज़न में अब तक 20 लोगों बिगड़े मौसम की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं. बारिश के कारण अबतक हिमाचल प्रदेश में 800 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. मौसम की वजह से हिमाचल में 130 इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप्प हो गयी है. कई जगह पानी की सप्लाई भी प्रभावित है. भूस्खलन की वजह से 259 सड़कें बंद हैं. मंडी के सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाके थुनाग, करसोग और कुकलाह हैं. जहां सड़कें बह गईं, बादल फट गए और नदी-नालों में उफान के साथ अचानक बाढ़ आ गई जिससे काफ़ी नुकसान हुआ है. हिमाचल प्रदेश के सोलन में चंडीगढ़-शिमला नेशनल हाईवे-5 पर मार्ग चक्की मोड़ पर पहाड़ी से लगातार पत्थर व मलवा गिर रहे हैं. इसके कारण बार-बार यहां ट्रैफिक बंद हो रहा है. लंबा जाम लगा हुआ है. चक्की मोड को क्रॉस करने में लोगों को कई-कई घंटे का समय लग रहा है. रविवार को भी इसी तरह की स्थिति बनी हुई थी. जिले में चारों ओर तबाही का मंजर है। पंडोह बाजार में जलभराव के चलते लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। बाखली और कुकलाह पुल टूट गए हैं और चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पूरी तरह बंद है। पटीकरी पावर प्रोजेक्ट को भी भारी नुकसान पहुंचा है। पंडोह डैम से भारी मात्रा में छोड़ा जा रहा पानी, ब्यास नदी उफान पर लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। पंडोह डैम का जलस्तर 2922 फीट तक पहुंच गया है जो 2941 फीट के खतरे के निशान के करीब है। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए डेढ़ लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी ब्यास नदी में छोड़ा जा रहा है। मंडी शहर में पंचवक्त्र मंदिर तक पानी पहुंच गया। धर्मपुर की लौंगनी पंचायत के स्याठी गांव में भी कई घर, गौशालाएं और मवेशी बारिश में बह गए। मंडी इंदिरा आवास कॉलोनी और रघुनाथपधर में भी रातभर राहत-बचाव कार्य चला। हमीरपुर के सुजानपुर के खेरी गांव में फंसे लोगों का रेस्क्यू हमीरपुर जिले के सुजानपुर उपमंडल के खेरी गांव में ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से 20 से अधिक लोग फंस गए, जिनमें से अब तक 15 को बचाया जा चुका है। प्रशासन व पुलिस की टीमों ने मोर्चा संभाला हुआ है। जंगलबेरी से पुलिस की बटालियन मौके पर डटी हुई है। 3 जिलों के स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी, छह जिलों में येलो अलर्ट लगातार बारिश और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में आज सभी स्कूल-कॉलजे बंद कर दिए गए हैं। उपायुक्त कांगड़ा, मंडी और हमीरपुर ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें, नदी-नालों से दूर रहें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें। मौसम विभाग ने चंबा, मंडी, हमीरपुर, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में अगले 24 घंटों के लिए बाढ़ का येलो अलर्ट जारी किया है। बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन, ऊना जिलों में आज कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। राज्य में 6 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। 44 मौतें, 75 करोड़ की क्षति राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 20 से 30 जून के बीच वर्षा जनित घटनाओं में 44 लोगों की जान जा चुकी है, 83 घायल हुए हैं और 5 लोग अब भी लापता हैं। सोमवार शाम तक राज्य भर में 259 सड़कें बंद थीं, 614 ट्रांसफार्मर ठप हो गए और 130 पेयजल योजनाएं बाधित हुई हैं। अब तक प्रदेश को 75 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। भारी बारिश से भूस्खलन, कई इमारतें ढहीं, सड़कें अवरुद्ध, अब तक 23 लोगों की मौत बता दें कि सोमवार को भारी बारिश के कारण राज्य में कई इमारतें ढह गईं, भूस्खलन हुआ और सड़कें अवरुद्ध हो गईं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, भारी बारिश के कारण बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन के कारण मंडी में 129 और सिरमौर जिले में 92 सहित राज्य में 259 सड़कें बंद हो गईं और 614 ट्रांसफार्मर व 130 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हो गईं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 20 जून को मॉनसून के आगमन के बाद से अब तक राज्य में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 23 लोगों की मौत हो चुकी है. जून में 34 प्रतिशत ज्यादा बारिश हिमाचल में जून में औसत 135 मिमी बारिश हुई जबकि सामान्य बारिश 101 मिमी होती है. यह 34 प्रतिशत अधिक है. यह 1901 के बाद से राज्य में जून के महीने में 21वीं सबसे अधिक बारिश है. सबसे अधिक बारिश 252.7 मिमी है जो साल 1971 में दर्ज की गई थी. मंडी में सबसे ज्यादा बारिश पालमपुर, बैजनाथ, सुंदरनगर, मुरारी देवी, कांगड़ा, शिमला और इसके आसपास के क्षेत्र जुब्बड़हट्टी में गरज के साथ बारिश हुई. राज्य के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई. मंडी … Read more