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छात्रा से दुर्व्यवहार मामले में सजा पाए शिक्षक को HC से अंतरिम राहत

 मुंबई बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक 60 साल के ट्यूशन टीचर को जमानत दे दी है। उसे इसी साल की शुरुआत में एक नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न के आरोप में पॉक्सो कोर्ट ने दोषी ठहराया गया था। जस्टिस सारंग वी. कोटवाल ने कहा कि पीड़िता को शायद कोर्ट में जवाब देने के बारे में बताया गया होगा। कोर्ट ने कहा कि जिरह में लड़की ने स्वीकार किया था कि उसकी मां ने उसे ट्रायल कोर्ट में सवालों के जवाब देने का तरीका बताया था। आपको बता दें कि लड़की की मां पुलिस कांस्टेबल है। यह घटना 15 मार्च, 2017 को हुई थी। पीड़िता उस समय चौथी कक्षा में पढ़ती थी। वह अपनी बड़ी बहन के साथ ट्यूशन क्लास में जा रही थी। लड़की की मां ने उसी साल 19 मार्च को शिकायत दर्ज कराई थी। लड़की ने दावा किया कि टीचर ने उसे अपने कमरे में बुलाया, किताब पढ़ने को कहा और उसके स्तनों को गलत तरीके से छुआ। लड़की डर गई और बगल वाले कमरे में चली गई जहां टीचर की पत्नी भी क्लास ले रही थी। अदालत ने कहा कि अपनी मां को इस घटना की जानकारी देने के बाद भी कथित घटना के एक दिन बाद ट्यूशन क्लास में जाने का लड़की का दावा असंभव लगता है। शिक्षक का दावा, झूठा फंसाया गया सुनवाई के दौरान, शिक्षक के वकील सत्यव्रत जोशी ने तर्क दिया कि कक्षा में न आने पर डांट खाने के बाद पीड़िता द्वारा रंजिश के तहत उसे झूठा फंसाया गया है। जोशी ने यह भी बताया कि कथित घटना के दौरान शिक्षक की पत्नी घर में मौजूद थी, जिससे किसी भी तरह के अपराध की संभावना कम हो जाती है। जोशी ने आगे आरोप लगाया कि बच्ची को उसकी मां ने पढ़ाया था। शिक्षक को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा 10 और भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और 354A के तहत दोषी ठहराया गया और पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। उसे 9 जनवरी 2025 को हिरासत में लिया गया था और इससे पहले उसने 2017 में कुछ समय जेल में बिताया था। अभियोजन पक्ष और पीड़िता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि एक 10 साल की बच्ची अपने शिक्षक के खिलाफ इस तरह के आरोप नहीं लगा सकती। उन्होंने यह भी कहा कि कथित घटना एक अलग कमरे में हुई थी। हालांकि, अदालत ने कहा कि पीड़िता के गोलमोल जवाब और उसके बयान में विसंगतियां यह दर्शाती हैं कि कथित घटना सच नहीं हो सकती है। अदालत ने कहा, "अपनी मां को सूचित करने के बाद 16 मार्च को उसका फिर से ट्यूशन क्लास में जाती है। इस पर विश्वास करना मुश्किल लगता है। उसने आगे कहा कि उसे याद नहीं है कि वह 17 मार्च को ट्यूशन क्लास में गई थी या नहीं। ये सभी गोलमोल जवाब वकील सत्यव्रत जोशी के इस तर्क का समर्थन करते हैं कि घटना सच नहीं हो सकती है। इन सभी सवालों का फैसला अपील की अंतिम सुनवाई के दौरान किया जाएगा।"

कुलगाम में गोलियों की गूंज! सुरक्षाबलों ने 3 आतंकियों को किया ढेर, ऑपरेशन जारी

कुलगाम जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच पिछले तीन दिनों से चल रही मुठभेड़ आज भी जारी है. अखल के जंगलों में कल पूरी रात विस्फोट और गोलीबारी जारी रही. भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि यह इस वर्ष का सबसे बड़ा ऑपरेशन हो सकता है. इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने अब तक तीन आतंकियों को ढेर करने में सफलता पाई है. एक जवान भी घायल हुआ है. इस आतंक रोधी अभियान में हाईटेक सर्विलांस सिस्टम और स्पेशल पैरा फोर्स के जवान शामिल हैं. जम्मू-कश्मीर के डीजीपी और सेना की 15वीं कोर के कमांडर इस एंटी-टेरर ऑपरेशन पर कड़ी नजर रख रहे हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बयान में कहा कि स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG), सेना और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की एक जॉइंट टीम अखल के जंगलों में चल रहे इस आतंकवाद विरोधी अभियान में लगी हुई है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद 1 अगस्त को दक्षिण कश्मीर के अखल वन क्षेत्र में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया. उन्होंने बताया कि छिपे हुए आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों पर गोलीबारी करने के बाद तलाशी अभियान मुठभेड़ में बदल गया, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की. जम्मू-कश्मीर में एक हफ्ते में तीन एनकाउंटर जम्मू-कश्मीर में इस हफ्ते यह सुरक्षा बलों की आतंकियों के साथ तीसरी मुठभेड़ है. इससे पहले, सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन महादेव चलाकर पहलगाम हमले में शामिल तीन आतंकवादियों- सुलेमान, अफगान और जिब्रान को ढेर कर दिया था. लश्कर-ए-तैयबा का एक शीर्ष कमांडर सुलेमान पहलगाम और गगनगीर आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29 जुलाई को संसद को बताया था कि तीनों की पहचान पाकिस्तानी आतंकवादियों के रूप में हुई है, जिन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में 26 निर्दोष पर्यटकों की गोली मारकर निर्मम हत्या की थी. पुंछ में नियंत्रण रेखा के पास 31 जुलाई को दो और आतंकवादी मारे गए थे. पुलिस ने बताया कि दोनों पाकिस्तान से घुसपैठ करके भारतीय सीमा में आए थे, जिन्हें एलओसी के पास ही सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया. वहीं, कुलगाम के जंगलों में 1 अगस्त को खुफिया सूचना के बाद सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान शुरू किया था, जो आतंकियों की ओर से फायरिंग करने के बाद मुठभेड़ में बदल गई. 

भारत आर्थिक रफ्तार पर, झगड़ा नुकसानदेह – ट्रंप को अमेरिकी कारोबारी की सख्त सलाह

नई दिल्ली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एकदम से बाजी पलटते हुए बीते सप्ताह भारत पर 25 फीसदी का हाई टैरिफ (25% Tariff On India) और रूस के साथ कारोबार करने पर अतिरिक्त जुर्माने का ऐलान कर हलचल मचा दी. इस बीच ट्रंप के इस कदम पर तमाम प्रतिक्रियाएं सामने आईं और इनमें उनकी कड़ी आलोचना भी की गई. इस क्रम में दिग्गज कनाडाई कारोबारी और टेस्टबेड के चेयरमैन किर्क लुबिमोव ने भारत के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारी टैरिफ लगाए जाने पर तीखी आलोचना की है और कहा है कि, 'भारत से झगड़ा मोल लेना ट्रंप की बड़ी भूल है.'      'सबसे तेज इकोनॉमी से ट्रंप छेड़ रहे लड़ाई' टेस्टबेड के अध्यक्ष किर्क लुबिमोव सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (अब X) पर एक पोस्ट के जरिए US President डोनाल्ड ट्रंप के बारत के खिलाफ उठाए गए कदम की आलोचना करते हुए इसे एक बड़ी भू-राजनीतिक भूल करार दिया है, जो एशिया में अमेरिकी स्ट्रेटिजिक टारगेट पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली साबित हो सकती है.  उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, 'मैंने पहले भी कहा है, और मैं फिर से कहूंगा, डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ विजन की सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसमें भू-राजनीतिक रणनीति का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा गया है. ट्रंप अब दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत (World's Fastest Growing Economy) के साथ लड़ाई छेड़ रहे हैं, जिसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शायद दुनिया में सबसे ज्यादा सम्मानित हैं और कई प्रमुख देशों में उनका प्रभाव है.'  Trump को दे दी ये बड़ी सलाह कनाडाई कारोबारी नेता लुबिमोव ने इस पोस्ट के जरिए चेतावनी देते हुए कहा है कि ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत की भूमिका को चीन के प्रभुत्व को कम करने के संदर्भ में देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा इसका उद्देश्य चीन (China) और ब्रिक्स (BRICS) के प्रभुत्व और विकास को कमजोर करना है, जिसका भारत भी एक हिस्सा है और ये चीन से प्रोडक्शन स्थानांतरित करने के लिए एक स्वाभाविक देश हो सकता है, क्योंकि अमेरिका 50 सेंट के टूथब्रश नहीं बनाने वाला है.  इस बीच उन्होंने सलाह देते हुए ये भी कहा कि डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को भारत के साथ कील-हथौड़े का इस्तेमाल करने के बजाय, कनाडा (Canada) के साथ आर्थिक सहयोग करना चाहिए और उसे साथ लाना चाहिए, जिससे कि ताकि प्राकृतिक संसाधनों की जरूरतों को पूरा किया जा सके. Dead Economy वाले बयान पर प्रतिक्रिया किर्क लुबिमोव का यह पोस्ट Trump द्वारा भारत और रूस (India-Russia) पर सीधा हमला करने के कुछ दिनों बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था, 'मुझे परवाह नहीं कि भारत रूस के साथ क्या करता है. वे अपनी डेड इकोनॉमी को मिलकर और गिरा सकते हैं, मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.' उन्होंने भारत से आने वाले सभी सामानों पर 25% टैरिफ लगाने की भी घोषणा करने के साथ ही भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल (Russian Crude Oil) और सैन्य उपकरणों की खरीद पर जुर्माना लगाने का भी ऐलान किया था.  यही नहीं अमेरिका के राष्ट्रपति ने तो भारत की व्यापार नीतियों पर भी तीखा हमला किया था और इन्हें अत्यंत कठोर बताया था. उन्होंने कहा था कि भारत दुनिया में अमेरिकी सामानों पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में सामिल है और उच्च टैरिफ और व्यापार बाधाओं के कारण अमेरिका ने भारत के साथ बहुत कम व्यापार किया है. चीन के बाद रूसी तेल का बड़ा खरीदार भारत बता दें कि भारत वर्तमान में चीन के बाद रूसी कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है और यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) से पहले रूसी तेल आयात 1% से भी कम था, जो अब बढ़कर 35% से भी ज्यादा हो गया है. ट्रंप द्वारा लगाए गए जुर्माने के बाद भारत पहला ऐसा देश बन गया है जिसे अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद रूस के साथ व्यापार जारी रखने के लिए सीधे निशाना बनाया जा रहा है. यही नहीं बीते दिनों रूस से अलग  ट्रंप प्रशासन ने ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों की खरीद और बिक्री में शामिल छह भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो 20 ग्लोबल संस्थाओं को टारगेट करने वाली व्यापक प्रवर्तन कार्रवाई का हिस्सा है. ट्रंप के बयान पर भारत का रुख Donald Trump के भारत को डेड इकोनॉमी करार दिए जाने वाले बयान पर भारत की ओर से भी तत्काल प्रतिक्रिया आई थी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने संसद को बताया कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी (3rd Larget Economy In World) बनने की उम्मीद है. उन्होंने कहा था कि भारत ग्लोबल ग्रोथ में करीब 16 फीसदी का योगदान दे रहा है, क्योंकि तमाम सुधारों और भारतीय उद्योग जगत के लचीलेपन ने देश की इकोनॉमी को कमजोर 5 देशों में से एक से वैश्विक विकास के ग्रोथ इंजन में तब्दील किया है. 

साइबर खतरे की सुनामी! भारत में रिकॉर्ड तोड़ हमले, इन राज्यों पर सबसे ज्यादा अटैक

नई दिल्ली डिजिटल इंडिया के इस दौर में साइबर क्राइम के मामलों में बहुत तेजी से उछाल देखने को मिल रहा है. गृह मंत्रालय ने संसद में पेश आंकड़ों से साफ कर दिया है कि साइबर अपराधों का ग्राफ आसमान छू रहा है. बीते चार सालों में ऑनलाइन फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन और साइबर अटैक जैसे मामलों में 401 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. साल 2021 में करीब 4.5 लाख साइबर क्राइम के केस दर्ज हुए थे. साल 2024 तक यह आंकड़ा बढ़कर 22 लाख से ज्यादा पहुंच गया. यानी साइबर क्राइम के मामलों में चार गुना से भी ज्यादा उछाल आया है. ये आंकड़ा यहीं नहीं रुका. साल 2025 के आधे साल खत्म होते-होते ही 30 जून तक 12 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जो 2021 और 2022 के सालाना आंकड़ों को भी पीछे छोड़ चुके हैं. साइबर क्राइम के केस में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य हैं. इस साल अब तक महाराष्ट्र में 1.6 लाख मामले दर्ज किए जा चुके हैं. उत्तर प्रदेश 1.4 लाख के साथ दूसरे और कर्नाटक 1 लाख के साथ तीसरे स्थान पर है. बीते तीन साल से यही तीनों राज्य साइबर क्राइम से सबसे ज्यादा जूझ रहे हैं. बीते चार वर्षों में गुजरात, ओडिशा और कर्नाटक में सबसे ज्यादा उछाल देखा गया है. गुजरात में 824 फीसदी, ओडिशा में 783 फीसदी और कर्नाटक में 763 फीसदी का इजाफा दर्ज हुआ है. बच्चों पर मंडराता सबसे बड़ा खतरा साइबर क्राइम के सबसे ज्यादा शिकार बच्चे हो रहे हैं. गृह मंत्रालय के मुताबिक, साल 2018 से 2022 के बीच तीन हजार से ज्यादा चाइल्ड पोर्नोग्राफी के केस सामने आए हैं. से जुड़े रहे. 18 साल से कम उम्र के बच्चों के खिलाफ स्टॉकिंग के 500 केस सामने आए हैं. इन मामलों की रफ्तार लगातार बढ़ रही है. बच्चों के खिलाफ ऑनलाइन क्राइम साल 2021 में 25 फीसदी बढ़े. 2022 में यह आंकड़ा 32.5 फीसदी तक पहुंच गया. शेयर हो रही थी चाइल्ड पोर्नोग्राफी इनमें सोशल मीडिया, चैट रूम और ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े अपराध प्रमुख रहे. पिछले साल इंडिया टुडे की OSINT टीम ने ऐसे टेलीग्राम चैनलों का खुलासा किया था, जो बड़े पैमाने पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी शेयर कर रहे थे. इसके बाद टेलीग्राम को मजबूरन इन अकाउंट्स को हटाना पड़ा. भारत में हर मिनट 761 साइबर अटैक देश का सुरक्षा ढांचा भी लगातार साइबर हमलों की चपेट में है. डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (DSCI) की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024 में भारत में हर मिनट औसतन 761 साइबर अटैक के प्रयास हुए. इनमें सबसे ज्यादा हेल्थकेयर, हॉस्पिटैलिटी और बैंकिंग सेक्टर पर साइबर अटैक हुए हैं. पहलगाम हमले के बाद साइबर अटैक साल 2025 में पहलगाम टेरर अटैक के बाद भारत में सबसे ज्यादा साइबर हमले हुए हैं. इस दौरान 15 लाख से ज्यादा साइबर अटैक हुए थे. इनमें सबसे ज्यादा निशाना देश के रक्षा, बिजली, दूरसंचार, वित्त और परिवहन जैसे अहम ढांचे बने. जांच एजेंसियों के मुताबिक ये हमले पाकिस्तान और उसके सहयोगी हैकिंग ग्रुप्स ने सुनियोजित तरीके से अंजाम दिए. ये है डिजिटल क्राइम का नया चेहरा इन आंकड़ों से साफ है कि भारत अब साइबर अपराध के सबसे खतरनाक दौर में प्रवेश कर चुका है. एक तरफ धोखाधड़ी और यौन शोषण जैसे अपराध आम लोगों को जकड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विदेशी हैकिंग नेटवर्क देश की रणनीतिक सुरक्षा पर निशाना साध रहे हैं.

अमरनाथ यात्रा अस्थायी रूप से बंद, दोनों मार्गों पर रविवार से रोक

श्रीनगर, जम्मू कश्मीर में हाल में हुई भारी बारिश के बाद अमरनाथ यात्रा मार्ग पर रखरखाव कार्य किए जाने के कारण रविवार से दोनों मार्गों पर यात्रा स्थगित कर दी गयी है। कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने कहा कि भारी बारिश के कारण बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों पर मरम्मत और रखरखाव कार्य आवश्यक हैं। उन्होंने कहा “कल से पटरियों पर कर्मियों और मशीनों की निरंतर तैनाती के कारण हम यात्रा फिर से शुरू नहीं करवा पाएंगे। इसलिए दोनों मार्गों पर यात्रा स्थगित रहेगी।” आधिकारिक प्रवक्ता के मताबिक इस वर्ष 4.10 लाख से अधिक यात्रियों ने श्री अमरनाथजी की पवित्र गुफा में दर्शन किए।  

साध्वी ऋतंभरा का विवादित बयान विवादों में, माफी मांगते हुए दी सफाई

नई दिल्ली साध्वी ऋतंभरा ने हाल ही में महिलाओं को लेकर ऐसा बयान दिया था जिससे उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने महिलाओं के अश्लील वीडियो बनाने पर टिप्पणी की थी और कहा था कि ऐसे वीडियो देखकर उन्हें शर्म आती है। हालांकि अब उन्होंने इस टिप्पणी को लेकर माफी मांगी है। उन्होंने कहा है कि अगर किसी को उनकी बातों से ठेस पहुंची है, तो वह माफी मांगती हैं, लेकिन फिर भी उन्हें लगता है कि उन्हें यह कहने का अधिकार है क्योंकि वह अपने प्रियजनों से घिरी हुई थीं। उन्होंने ये भी कहा कि मैं इंसान हूं और मुझसे गलती हो गई। साध्वी ऋतंभरा ने ये टिप्पणी तीन महीने पहले एक सभा में की थी। उनका अब ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। उन्होंने कहा था,हिंदू महिलाएं, हे भगवान! मुझे उन्हें देखकर शर्म आती है। क्या तुम पैसा कमाओगी? क्या तुम न्यूड होकर पैसा कमाओगी? गंदे डांस करके, गंदे गाने गाकर? मुझे समझ नहीं आता कि उनके पति, उनके पिता इसे कैसे स्वीकार करते हैं? उन्होंने आगे कहा था, लोगों को शालीनता से जीवन जीना चाहिए। भारत की महिलाओं, मेरे ऐसा कहने पर बुरा मत मानना। माफी मांगते हुए क्या बोलीं साध्वी ऋतंभरा  साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि उनका मानना है कि परिवार और राष्ट्र में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और वह महिलाओं को निशाना नहीं बना रही थीं, बल्कि उनकी शक्ति में आशा जगा रही थीं, लेकिन अनियंत्रित होना स्वतंत्रता नहीं कहा जा सकता। अनुशासनहीन होना अनुशासित होना नहीं है। यह मेरा स्वभाव है। जब मेरा दर्द एक हद तक पहुंच जाता है, तो मैं इसे अपने प्रियजनों के साथ शेयर करती हूं। यह एक पुराना वीडियो है, जो वायरल हो गया है। मैं यह कहना चाह रही थी कि एक राष्ट्र अपने नागरिकों के व्यवहार से महान बनता है। वहीं जब उनसे ये पूछा गया कि पुरुषों के लिए ऐसा क्यों नहीं कहा गया, साध्वी ऋतंभरा ने कहा, अगर मेरी भावनात्मक टिप्पणियों से महिलाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं जरूर माफ़ी मांगूंगी। लेकिन जब आप अपनों के बीच होते हैं, तो आप यह सोचकर बोलते हैं कि उन पर आपका अधिकार है। मुझे उन लोगों से प्यार है जो टूट गए हैं, लेकिन जब आप इस तरह का अनर्गल व्यवहार देखते हैं, तो दुख होता है। मैं भी इंसान हूं, मुझे ऐसा नहीं कहना चाहिए था, शायद अगर मैंने 'निरावरण', 'निर्वस्त्र' या 'संस्कारों से भरा' कहा होता। उन्होंने कहा कि शास्त्रीय नृत्य बहुत अच्छा है, लेकिन जो रील में दिखाया जाता है, वह अच्छा नहीं लगता। उन्होंने कहा, अभद्र व्यवहार अच्छा नहीं लगता और कुछ महिलाएं ऐसा करती हैं, तो सभी महिलाओं का नाम खराब होता है। आध्यात्मिक गुरु ने आगे कहा, मैंने जो कहा वह सभी हिंदू महिलाओं के लिए नहीं था। मैं भाषण के फेलो कुछ कहना भूल गई होंगी। मैं एक साधारण इंसान हूं, मुझसे गलती हो गई।

रूस से तेल पर भारत अडिग, टैरिफ वॉर के बीच ट्रंप को मिला करारा जवाब

नई दिल्ली भारत ने अमेरिका की टैरिफ वाली कार्रवाईयों को नजरअंदाज करते हुए अपने पुराने और भरोसेमंद सहयोगी रूस से तेल की खरीद जारी रखने का फैसला किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारत की तेल रिफाइनरियां रूसी कंपनियों से तेल प्राप्त करना जारी रखे हुए हैं। उनके आपूर्ति संबंधी निर्णय कीमत, कच्चे तेल की गुणवत्ता, भंडार, रसद और अन्य आर्थिक कारकों पर निर्भर होते हैं। सूत्रों के अनुसार, रूसी तेल पर कभी कोई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। इसके बजाय, G7 और यूरोपीय संघ (EU) द्वारा एक मूल्य सीमा व्यवस्था लागू की गई थी ताकि रूस की आय को सीमित करते हुए वैश्विक आपूर्ति को जारी रखा जा सके। भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने इस फ्रेमवर्क के तहत 60 डॉलर प्रति बैरल की अधिकतम सीमा का सख्ती से पालन किया है। अब EU ने इसे घटाकर 47.6 डॉलर प्रति बैरल करने की सिफारिश की है, जिसे सितंबर से लागू किया जाएगा। भारत ने वैश्विक तेल संकट को टाला मार्च 2022 में जब रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में अफरातफरी मची थी, तब ब्रेंट क्रूड की कीमतें 137 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थीं। इसी दौरान भारत ने रणनीतिक निर्णय लेते हुए रियायती रूसी कच्चे तेल की खरीद शुरू की, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में संतुलन बना रहा और महंगाई को काबू में रखने में मदद मिली। सूत्रों के अनुसार, अगर भारत ने रूसी तेल न खरीदा होता और OPEC+ देशों की उत्पादन कटौती (5.86 mb/d) भी जारी रहती, तो तेल की कीमतें 137 डॉलर से भी ऊपर जा सकती थीं। इससे वैश्विक स्तर पर महंगाई और ऊर्जा संकट और गहरा जाता। भारत ने सिर्फ अपने ऊर्जा हितों की रक्षा नहीं की बल्कि वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति को सुचारू बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाई। इस दौरान भारत ने ईरान और वेनेज़ुएला जैसे उन देशों से तेल नहीं खरीदा, जिन पर वास्तव में अमेरिका के प्रतिबंध लागू हैं।

मतदाता सूची कार्य में जुटे कर्मचारियों को राहत, ECI ने बढ़ाया मानदेय

नई दिल्ली बिहार में चल रहे वोटर लिस्ट रिवीजन के बीच चुनाव आयोग ने बीएलओ समेत अन्य कर्मियों के मानदेय में दोगुना तक की बढ़ोतरी की है। बूथ लेवल पदाधिकारी (बीएलओ) को अब 6000 के बजाय 12000 रुपये मानदेय मिलेगा। वहीं, वोटर लिस्ट रिवीजन के काम के लिए उन्हें अलग से 6000 रुपये का विशेष भत्ता भी मिलता रहेगा। बीएलओ सुपरवाइजर के मानदेय को भी 12 हजार रुपये से बढ़ाकर 18 हजार रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा वरीय अधिकारियों जैसे एईआरओ और ईआरओ को भी चुनाव आयोग भत्ता देगा। रिवीजन के काम के लिए जो बीएलओ को 1 हजार रुपये का अतिरिक्त मानदेय मिलता था, चुनाव आयोग ने उसे भी बढ़ाकर 2000 रुपये कर दिया है। इसके अलावा निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ईआरओ) को 30 हजार रुपये और सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (एईआरओ) को 25 हजार रुपए का मानदेय देने का निर्णय लिया गया है। इन्हें अब तक कोई भत्ता या मानदेय नहीं मिल रहा था। शनिवार को आयोग ने इस संबंध में दिए गए आदेश की जानकारी दी। बता दें कि बीते 10 सालों से बीएलओ और सुपरवाइजर के मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी। नया मानदेय देश भर में लागू होगा। बिहार से शुरू हुआ वोटर लिस्ट रिवीजन का काम अन्य राज्यों में भी होगा, इसे देखते हुए आयोग ने यह फैसला लिया है। बिहार में बीएलओ को कुल 24 हजार मिलेंगे बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे वोटर लिस्ट रिवीजन के दौरान बीएलओ को कुल 24 हजार का मानदेय मिलेगा। चुनाव आयोग की ओर से 12000 मानदेय के साथ मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए अलग से 6000 रुपये विशेष भत्ता भी दिया जा रहा है। वहीं, बिहार की नीतीश सरकार ने भी पिछले महीने बीएलओ को एकमुश्त 6000 रुपये की राशि देने का ऐलान किया था। इस तरह बीएलओ को कुल 24 हजार मिलेंगे।

रात की पार्टियों को लेकर पुलिस का अलर्ट, लड़कियों और अभिभावकों को दी खास सलाह

अहमदाबाद  गुजरात के अहमदाबाद में महिलाओं को सुरक्षा से जुड़ी सलाह देने के नाम पर लगाए गए पोस्टरों पर जबरदस्त विवाद खड़ा कर हो गया है. इन पोस्टरों में लिखा था, ‘लेट-नाइट पार्टी में जाना रेप या गैंगरेप को न्योता दे सकता है.’ इस तरह की भाषा को लेकर पुलिस और सामाजिक संगठनों की तीखी आलोचना हो रही है. हालांकि, मामला सामने आने के बाद पुलिस ने तुंरत इन पोस्टरों को हटवा दिया है. साथ ही पुलिस ने स्वीकार किया है कि पोस्‍टर में इस्‍तेमाल भाषा को स्‍वीकार नहीं किया जा सकता है. पुलिस की ओर से महिला सुरक्षा को लेकर लगवाए गए एक अन्य पोस्टर पर लिखा था, ‘अंधेरे और सुनसान इलाकों में दोस्तों के साथ न जाएं, आपके साथ रेप या गैंगरेप हो सकता है.’ इस तरह के संदेशों को लेकर सोशल मीडिया पर भारी विरोध शुरू हो गया. पुलिस अधिकारियों ने सफाई देते हुए बताया कि ये पोस्टर ‘सतर्कता’ नामक एक संगठन द्वारा ट्रैफिक जागरूकता के लिए प्रस्तावित किए गए थे. डीसीपी (ट्रैफिक वेस्ट) नीता देसाई और एसीपी (ट्रैफिक एडमिन) शैलेश मोदी ने कहा कि पुलिस को पोस्टर की पूरी सामग्री की जानकारी नहीं थी और जैसे ही विवाद बढ़ा इन्हें तुरंत हटवा दिया गया. पुलिस ने झाड़ा पल्‍ला वहीं, पुलिस ने इस विवाद से अपना पल्‍ला झाड़ने की कोशिश की है. एसीपी (ट्रैफिक) एनएन चौधरी ने कहा, ‘हमने इस तरह की भाषा की अनुमति कभी नहीं दी थी.’ स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता इस प्रकरण से आहत हैं. घाटलोडिया निवासी एक महिला भूमि पटेल ने कहा, ‘इस तरह के संदेश महिलाओं को दोषी ठहराते हैं, जबकि असल जिम्मेदारी सिस्टम की होती है.’ बोडकदेव की फिटनेस ट्रेनर ने इसे ‘मोरल पुलिसिंग’ करार देते हुए कहा कि यह पोस्टर महिला सुरक्षा का मजाक उड़ाते हैं. महिलाएं नाराज बता दें कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर समय-समय पर कैंपेन चलाए जाते हैं. पुलिस प्रशासन इसमें गैरसरकारी संस्‍थाओं का सहयोग भी लिया जाता है. अहमदाबाद के इस बार के पोस्‍टर कैंपेन में भी एनजीओ की मदद ली गई थी, पर जिस तरह से महिला सेफ्टी के लिए शब्‍दों का चयन किया गया, उससे बवाल मच गया. मह‍िलाओं ने खासकर नाराजगी जताई है. नेहरू नगर निवासी एक महिला ने कहा, ‘इन पोस्टरों से वह मानसिकता उजागर होती है जो पीड़िता को दोष देती है और सुरक्षा में चूक के लिए जिम्मेदार संस्थाओं को बचा लेती है.’ इस विवाद ने एक बार फिर महिला सुरक्षा के नाम पर दी जा रही ‘नसीहतों’ के तरीके और उनके पीछे की सोच को कठघरे में खड़ा कर दिया है.

प्रज्वल रेवन्ना को रेप केस में उम्रकैद की सजा, कोर्ट ने ठोका 5 लाख का जुर्माना

बेंगलुरु कर्नाटक की बेंगलुरु कोर्ट ने जेडीएस से निष्कासित पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को रेप के मामले में दोषी करार देने के बाद उम्रकैद की साल की सजा सुनाई है। एक दिन पहले बेंगलुरु की विशेष अदालत ने प्रज्वल रेवन्ना को दोषी करार दिया था। जन प्रतिनिधियों की विशेष अदालत ने प्रज्वल रेवन्ना को हासन जिले के होलेनरसीपुरा स्थित एक फार्महाउस में घरेलू नौकरानी से बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। नौकरानी की उम्र 47 साल थी। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना के ऊपर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पिछले साल प्रज्वल रेवन्ना के सेक्स टेप की पेनड्राइव सुर्खियों में आई थी। इसके बाद उनके महिलाओं के साथ वाले वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने अपनी घरेलू सहायिका के साथ रेप के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते प्रज्‍वल रेवन्‍ना पर अदालत ने 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने प्रज्‍वल रेवन्‍ना को अधिकतम सजा सुनाई है. प्रज्‍वल रेवन्‍ना को 48 साल की महिला के यौन उत्‍पीड़न से जुड़े मामले में यह सजा सुनाई गई है. यह महिला घरेलू सहायिका थी. उनके खिलाफ यौन उत्‍पीड़न और इस कृत्य का वीडियो प्रसारित करने का भी आरोप लगाया गया था. हासन जिले के होलेनरसीपुरा में रेवन्ना परिवार के फार्महाउस में घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली महिला ने आरोप लगाया था कि प्रज्वल रेवन्ना ने 2021 से उसके साथ बार-बार रेप किया. साथ ही इस दौरान रिकॉर्डिंग भी की और धमकी दी कि अगर उसने किसी को भी अपने किए के बारे में बताया तो वह वीडियो जारी कर देगा. पिछले साल हुई थी गिरफ्तारी हासन से जेडीएस के सांसद रह चुके प्रज्वल रेवन्ना को पिछले सात 31 मई को अरेस्ट किया गया था। रेवन्ना की गिरफ्तारी बड़े पैमाने पर महिलाओं के साथ अश्लील और आपत्तिजनक वीडियो सामने आने के बाद हुई थी। इसके बाद कर्नाटक सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। इसके बाद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ पीड़ित महिलाओं ने रेप के दर्ज कराए थे। रेवन्ना को बेंगलुरु की कोर्ट ने पहले मामले में सजा सुनाई है। कोर्ट में जब रेवन्ना को दोषी करार दिया गया तो परिवार की तरफ से कोई मौजूद नहीं रहा। प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं। 2144 पेज की चार्जशीट कर्नाटक सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने पिछले साल अगस्त में जांच के बाद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ 2144 पेज की बड़ी चार्जशीट दाखिल की थी। यह यौन उत्पीड़न और रेप के मामलों के लिए की गई थी। प्रवज्ल रेवन्ना ने घर में काम करने वाली महिलाओं का यौन शोषण किया था। प्रज्वल रेवन्ना के तमाम महिलाओं के साथ आपत्तिजनक अवस्था में 26 अप्रैल को वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इस घटनाक्रम ने कर्नाटक की राजनीति में भूचाल ला दिया था। सियासी बवंडर के बीच जहां रेवन्ना विदेश चले गए थे। 31 मई को जर्मनी से लौटने पर उन्हें बेंगलुरु एयरपोर्ट पर अरेस्ट किया गया था। कैसे खुला मामला प्रज्वल रेवन्ना का पूरा कांड साल 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान खुला। 24 अप्रैल 2024 की सुबह हासन स्टेडियम के रनिंग ट्रैक पर सैकड़ों पैन ड्राइव मिले। जिसमें पूर्व सांसद से जुड़े 3 हजार सेक्स क्लिप थे। देखते ही देखते अश्लील वीडियो कर्नाटक सहित देश भर में वायरल होने लगे। रेवन्ना का ताल्लुक देश के बड़े सियासी परिवार से है। जनता दल सेक्युलर नेता एचडी देवेगोड़ा देश के प्रधानमंत्री रहे। चाचा कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। पिता राज्य में कद्दावर मंत्री रहे। रेवन्ना खुद हासन सीट से सांसद रहा। लिहाजा मामले ने तुरंत राजनीतिक तूल पकड़ लिया। लोकसभा चुनाव होने के कारण जनता दल सेक्युलर और उसकी सहयोगी पार्टी BJP पर कांग्रेस व अन्य दलों ने जमकर हमला बोला। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया और कर्नाटक पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुट गई। अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद एक बाद एक करके 50 से अधिक युवतियां व महिलाएं सामने आई। उन्होंने रेवन्ना के दुराचार की बात देश के सामने रखी। रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। कर्नाटक पुलिस ने आरोपी रेवन्ना के खिलाफ 4 मामले दर्ज किए। रेप केस में नाम आने पर जर्मनी भाग गया रेवन्ना मामले का वीडियो सामने आने के बाद आरोपी प्रज्ज्वल रेवन्ना को गिरफ्तार करने के लिए कर्नाटक पुलिस पर दवाब बढ़ने लगा। गिरफ्तारी के डर से प्रज्ज्वल जर्मनी भाग गया। 31 मई 2024 को वह भारत लौटा। बेंगलुरु एयरपोर्ट पर कर्नाटक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। हासन सीट से करना पड़ा हार का सामना यौन उत्पीड़न का मामला सामने आने के बाद देवेगौड़ा परिवार की सियासी रसूख पर भी बट्टा लग गया। रेवन्ना हासन सीट से हार गया। कांग्रेस के श्रेयस पटेल ने जीत दर्ज की। साड़ी में मिला शुक्राणु, खुद के बनाए वीडियो से फंसा पीड़िता प्रज्ज्वल के यहां काम करती थी। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि साल 2021 में प्रज्ज्वल ने दो बार उसका रेप किया। पूर्व सांसद के कृत्य की पुष्टि रेप पीड़िता के साड़ी से हुई। पीड़िता की साड़ी से प्रज्ज्वल का DNA मिला। पीड़िता ने कहा कि जब उसका वीडियो वायरल हुआ तो वह पुलिस के पास पहुंची। पीड़िता ने 28 अप्रैल 2024 को रेवन्ना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पीड़िता का रेप वाला वीडियो भी पुलिस के हाथ लगा। फॉरेंसिक की जांच में वीडियो फुटेज में दिख रहा व्यक्ति और रेवन्ना एक ही शख्स है। इसकी पुष्टि हुई। दोषी साबित होती फूट-फूटकर रोने लगा रेवन्ना बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट के जज संतोष गजानन भट ने 1 अगस्त को जैसे ही प्रज्वल के दोषी होने का फैसला सुनाया, कर्नाटक के सबसे ताकतवर परिवार से आने वाला प्रज्वल फूट-फूटकर रोने लगा। पीड़िता की ओर से केस लड़ने वाले वकील अशोक नायक ने कहा कि विक्टिम का बयान बहुत मजबूत था। यह केस चार साल पुराना था। इसलिए भी आरोपी दोषी साबित करना जटिल था। नायक ने कहा कि सबूत और पीड़िता के गवाह के आधार पर कोर्ट ने रेवन्ना को दोषी पाया। भारत में रेप के मामले … Read more