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शिक्षा और पोषण को मिलेगा बढ़ावा, जनजातीय अंचलों में खुलेंगे 66 नए आंगनवाड़ी केंद्र

भोपाल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में बाल विकास एवं पोषण सेवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DA-JGUA) के अंतर्गत वर्ष 2025-26 में 66 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना और भवन निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई है। यह स्वीकृति केन्द्र सरकार द्वारा अनुमोदित अभियान के अंतर्गत प्राप्त हुई है। स्वीकृत नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के संचालन के लिए 66 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (मानसेवी), 66 आंगनवाड़ी सहायिका (मानसेवी) तथा 02 पर्यवेक्षक (नियमित वेतनमान) के पद स्वीकृत किए गए हैं। 12 लाख रूपये प्रति भवन की लागत निर्धारित की गई है, जिसकी शत-प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी। उल्लेखनीय है कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत प्रदेश के बड़वानी जिले में 25, देवास में 9, खरगौन और रतलाम में 7-7, धार में 5, पन्ना और रीवा में 3-3,श्योपुर और सिंगरौली में 2-2 तथा बैतूल, गुना और नर्मदापुरम में एक-एक आंगनवाड़ी केन्द्र की स्वीकृति मिली है। उल्लेखनीय है कि इस निर्णय से न केवल जनजातीय क्षेत्रों में बाल देखभाल, पोषण, स्वास्थ्य और पूर्व शिक्षा सेवाओं की पहुंच मजबूत होगी, बल्कि स्थानीय समुदायों में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। योजना के अंतर्गत कुल 132 मानसेवी पदों पर चयन के माध्यम से स्थानीय महिलाओं को सशक्तिकरण एवं आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रोत्साहन मिलेगा। यह पहल धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर समर्पित उत्कर्ष अभियान को जनजातीय सशक्तिकरण के स्थायी मॉडल के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। राज्य सरकार द्वारा इस योजना को तत्परता से क्रियान्वित करते हुए जनजातीय समुदायों को सुविधा, सम्मान और समान अवसर देने की दिशा में प्रतिबद्धता का प्रमाण प्रस्तुत किया गया है।  

राष्ट्रीय आयुष मिशन की नीति पर 11 जुलाई को भोपाल में अहम अंतर्राज्यीय बैठक

भोपाल राष्ट्रीय विभागीय सम्मेलन आयुष मंत्रालय, भारत सरकार अंतर्गत राष्ट्रीय आयुष मिशन संबंधी नीतिगत दस्तावेज के लिए अंतर्राज्यीय बैठक, मध्यप्रदेश के नेतृत्व में 11 जुलाई शुक्रवार को भोपाल में आयोजित होगी। बैठक में केंद्रीय आयुष मंत्रालय के अधिकारियों के साथ संबंधित राज्य के आयुष विभाग के उच्च अधिकारी सहभागिता करेंगे। आयुष चिकित्सा को चिकित्सा की मुख्य धारा में लाकर आमजन को उच्च स्तरीय आयुष चिकित्सा प्रदान करना तथा आयुष विभाग की अधोसंरचना एवं उच्च गुणवत्तायुक्त मानव संसाधन उपलब्ध कराना इस बैठक का उद्देश्य है। "राष्ट्रीय आयुष मिशन और राज्यों में क्षमता निर्माण" "National AYUSH Mission and Capacity Building in State" के उपविषयों का चयन किया जाकर उपविषय "संगठनात्मक संरचना की समीक्षा मानव संसाधन सुदृढ़ीकरण एवं क्षमता निर्माण सहित" Organizational Structure Review, including HR Strengthening & Capacity Building" के नोडल राज्य मध्यप्रदेश एवं सिक्किम हैं। वर्किंग ग्रुप के अन्य सदस्य राज्य बिहार, दिल्ली, गोवा एवं नागालैण्ड हैं। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में 17 अप्रैल 2025 को आयोजित बैठक में नीति आयोग द्वारा राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में विचार विमर्श के लिए आगामी 6 शिखर सम्मेलन के 6 विषय का चयन किया गया है। चयनित विषयों में से एक विषय के रूप में "राष्ट्रीय आयुष मिशन और राज्यों में क्षमता निर्माण" "National AYUSH Mission and Capacity Building in State" का चयन किया गया है।

मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव-इंदौर: शहरी विकास के नए युग की ओर बढ़ते कदम

इंदौर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 11 जुलाई को इंदौर स्थित ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित “मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025 – सिटीज ऑफ टुमॉरो” का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कॉन्क्लेव में होटल, पर्यटन, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों के प्रमुख निवेशकों से संवाद करेंगे। यह आयोजन प्रदेश में शहरी विकास के ब्लूप्रिंट और भविष्य की योजनाओं पर केंद्रित रहेगा। इस उच्च स्तरीय आयोजन में देश के 1500 से अधिक निवेशकों, उद्योगपतियों, कॉर्पोरेट प्रतिनिधियों की सहभागिता होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव दोपहर 1:30 बजे कॉन्क्लेव स्थल पर पहुँचकर एक्जीबिशन का अवलोकन करेंगे, उसके बाद विशिष्ट अतिथियों के साथ बैठक करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव दोपहर 3 बजे दीप प्रज्ज्वलन के साथ कॉन्क्लेव का शुभारंभ करेंगे। कॉन्क्लेव में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय और नगरीय प्रशासन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। आयोजन में क्रेडाई, नगर निगम, आईडीए, स्मार्ट सिटी, हाउसिंग बोर्ड, मैट्रो, हुडको, एलआईसी सहित कई संस्थाओं की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। तकनीकी सत्रों का आयोजन कॉन्क्लेव में चार तकनीकी-सत्र आयोजित होंगे, जिनमें “शहरी उत्कृष्टता के लिए आधिनिक तकनीक, विकास के केंद्र के रूप में शहर, भविष्य के लिए सतत हरित शहरीकरण और भविष्य के शहरों की यातायात व्यववस्था” जैसे विषयों पर विशेषज्ञ सहभागिता करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कॉन्क्लेव में MP लॉकर, ET अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन समिट 2025 ब्रोशर का विमोचन, एमओयू साइनिंग और “सौगात” का उद्घाटन एवं अनावरण करेंगे। वह निवेशकों को प्रशस्ति-पत्र भी भेंट करेंगे। इसके साथ ही मध्यप्रदेश के शहरीकरण में निवेश अवसरों पर आधारित लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया जायेगा। शहरीकरण में निवेश के अवसर प्रदेश में मेट्रो, ई-बस, मल्टीमॉडल हब, अफोर्डेबल हाउसिंग, वॉटरफ्रंट डेवेलपमेंट, सीवेज नेटवर्क, ई-गवर्नेंस, स्वच्छ ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, स्मार्ट रोड्स जैसे क्षेत्रों में निवेश की असीम संभावनाएँ हैं। प्रदेश में अफोर्डेबल हाउसिंग में 8 लाख 32 हजार से अधिक किफायती आवास तैयार किये जा चुके हैं और 10 लाख से अधिक नए आवासों पर कार्य चल रहा है, जिनमें लगभग ₹50,000 करोड़ का निवेश संभावित है। रियल इस्टेट की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन उपलब्ध हैं। पाईपलाइन वॉटर सप्लाई कवरेज की सुविधा और शतप्रतिशत शहरी क्षेत्र सीवरेज सिस्टम उपलब्ध है। नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय निकायों में 23 सेवाएं ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराई गई हैं। नगरीय निकायों में सेन्ट्रलाइज पोर्टल के माध्यम से मंजूरी दी जा रही है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी 17 हजार 230 योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ पर्यावरण के लिये 2 हजार 800 करोड़ और वॉटर फ्रंट से संबंधित डेव्हलपमेंट में 2 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में सुगम परिवहन व्यवस्था के विस्तार के लिये 21 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाएं संचालित हैं। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और पेट्रोलियम ईंधन के कार्बन फुट-फ्रंट रोकने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश के बड़े शहरों में 552 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू किया जा रहा है। प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी-2025 लागू की गई है। इंदौर में आयोजित यह ग्रोथ कॉन्क्लेव न केवल प्रदेश की शहरी योजनाओं को रफ्तार देगा, बल्कि निवेशकों को एक मजबूत और विश्वसनीय मंच भी प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की नेतृत्व में प्रदेश शहरी परिवर्तन की ओर तेज़ी से अग्रसर है।  

आजीविका के साथ आधुनिकता के संगम से समृद्ध बनेंगे मछुआरे : राज्यमंत्री पंवार

समर्पण, समानता और सेवा का सनातन प्रतीक हैं निषादराज सामाजिक समरसता के प्रतीक निषादराज के सम्मान में 12 जुलाई को उज्जैन में होगा महासम्मेलन आजीविका के साथ आधुनिकता के संगम से समृद्ध बनेंगे मछुआरे : राज्यमंत्री पंवार मुख्यमंत्री डॉ. यादव देंगे अनेक सौगातें भोपाल मत्स्य पालन एवं मछुआ कल्याण राज्यमंत्री श्री नारायण सिंह पंवार ने निषाद समाज की समृद्धि के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में हो रही सकारात्मक पहल के लिए आभार जताते हुए कहा कि निषादराज सम्मेलन से राज्य सरकार निषाद समाज की परंपराओं को सम्मान दे रही है। उनके जीवन और आजीविका को आधुनिक संसाधनों से जोड़ने का कार्य भी कर रही है। यह एक ऐसा प्रयास है जिसमें इतिहास की प्रेरणा और भविष्य की योजना दोनों साथ चल रहे हैं। यह सम्मेलन मछुआ समाज के सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि उज्जैन में होने जा रहे निषादराज सम्मेलन से निषाद समाज के गौरव को एक मंच मिलने जा रहा है। निषादराज सम्मेलन और उज्जैन की पवित्र नगरी में इसके आयोजन की पौराणिक संदर्भ में व्याख्या करते हुए राज्य मंत्री श्री पंवार ने कहा कि रामायण के लोकनायक श्रीराम जब 14 वर्षों के वनवास पर निकले, तब मार्ग में उन्हें जो प्रथम सच्चा मित्र मिला, वह था निषादराज गुह। न कोई राजसी वैभव, न कोई अधिकार फिर भी निषादराज ने जो आत्मीयता, श्रद्धा और समर्पण दिखाया, वह आज भी भारतीय समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। राज्यमंत्री श्री पंवार ने कहा कि जब श्रीराम, लक्ष्मण और सीता जी गंगा के तट पर पहुंचे, तब निषादराज ने न केवल उन्हें विश्राम दिया, बल्कि अपनी संपूर्ण भक्ति से उनके चरण धोए। यह दृश्य केवल एक राजा की अतिथि सेवा नहीं था। यह सामाजिक समरसता का वह अद्वितीय पल था, जब एक वनवासी और एक राजकुमार के बीच भेदभाव की सारी रेखाएं मिट गईं। निषादराज और श्रीराम की मित्रता का यह आदर्श हमें आज भी यह सिखाता है कि भक्ति और मित्रता में कोई छोटा-बड़ा नहीं होता, केवल भावना की विशालता ही सबसे बड़ा मूल्य है। निषादराज सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति इस आयोजन को विशेष बना रही है। इस मंच के माध्यम से न केवल सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह सम्मेलन सरकार और समाज के बीच सहभागिता का नया अध्याय रचेगा। मत्स्य संपदा में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश मध्यप्रदेश आज मत्स्य उत्पादन और मछुआ समाज के सशक्तिकरण के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और मुख्यमंत्री मछुआ कल्याण योजना जैसे नवाचारों ने हजारों मछुआरों के जीवन में नई आशा की किरण जगाई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव देंगे विकास कार्यों की सौगात राज्य मंत्री श्री पंवार ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव कार्यक्रम में 22.65 करोड़ रूपये की लागत के 453 स्मार्ट फिश पार्लर, 40 करोड़ रूपये की लागत से बन रहे अत्याधुनिक अंडर वॉटर टनल सहित एक्वापार्क और 91.80 करोड़ रूपये की लागत से इंदिरा सागर जलाशय में 3060 केजेस का वर्चुअली भूमि-पूजन करेंगे। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव 430 मोटर साइकिल विद आइस बॉक्स के स्वीकृति पत्र एवं 100 यूनिट्स का वितरण, 396 केज के स्वीकृति पत्र का प्रदाय, फीडमील के हितग्राहियों को स्वीकृति पत्र का प्रदाय एवं उत्कृष्ट कार्य कर रहे मछुआरों एवं मत्स्य सहकारी समितियों को पुरस्कार वितरण करेंगे। इस अवसर पर महासंघ के मछुआरों को 9.63 करोड़ रूपये के डेफर्ड वेजेस का सिंगल क्लिक से अंतरण करने के साथ ही रॉयल्टी चेक प्रदाय करेंगे।  

रजिस्ट्री के लिए दफ्तर की दौड़ खत्म, अब 75 दस्तावेज ऑनलाइन होंगे रजिस्टर्ड

भोपाल  संपदा-2.0(Sampada 2.0) लागू होने के बाद इसमें लगातार नई सुविधाओं को जोड़ा जा रहा है। प्रदेश में कुल 141 तरह के दस्तावेजों की रजिस्ट्री होती हैं। इनमें से 75 प्रकार के दस्तावेजों की रजिस्ट्री के लिए सब रजिस्ट्रार कार्यालय आने की जरूरत नहीं है। ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है। लगभग 40% रजिस्ट्री इन्हीं दस्तावेजों की होती हैं। इनमें पॉवर ऑफ अटॉर्नी, इंडस्ट्री लोन, सर्टिफिकेट ऑफ सेल, बैंक द्वारा बेची जाने वाली प्रॉपर्टी, सभी तरह की लीज और कोऑनरशिप संबंधी दस्तावेज घर बैठे ऑनलाइन रजिस्टर करा सकते हैं। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत उद्योगों संबंधी दस्तावेजों की रजिस्ट्री ऑनलाइन(Online Registry) कर दी गई है, लेकिन इस सुविधा का वे ही इस्तेमाल कर सकते हैं जिन्होंने आधार का उपयोग किया है। इसमें वीडियो ई-केवायसी का उपयोग किया जा रहा है। एआइ के जरिए चेहरा मैच कर पहचान स्थापित की जा रही है। घर बैठे ऑनलाइनरजिस्ट्री वाणिज्यिक कर विभाग ने 1 अप्रेल 2025 से सभी प्रकार की रजिस्ट्रियां संपदा-2.0 से शुरू कर दी हैं। 75 दस्तावेजों की रजिस्ट्री में ऐच्छिक कर दिया गया है कि पक्षकार सब रजिस्ट्रार ऑफिस आकर या नहीं आकर ऑनलाइनरजिस्ट्री करा सकते हैं। मॉडल दस्तावेज पंजीयन आइजी अमित तोमर के अनुसार वीडियो ई-केवायसी और एआइ से यह संभव हो सका है। दस्तावेज तैयार करने मॉडल दस्तावेज संपदा 2.0 की वेबसाइट पर डाले गए हैं। इनमें जानकारियां भरकर ऑनलाइन पंजीयन कराया जा सकता है। इसके अलावा सुविधाओं के टयूटोरियल भी डाल दिए गए हैं। इनके लिए सुविधा नहीं अनपढ़ और दृष्टिहीन लोगों को तकनीक के माध्यम से होने वाले फ्रॉड से बचाने के लिए ऑनलाइन सुविधा नहीं दी गई है। उन्हें ऑफिस में आकर ही रजिस्ट्री करानी होगी। इसके साथ अभी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री और वसीयतनामे जैसे संवेदनशील दस्तावेजों की रजिस्ट्री के लिए भी ऑफिस आने की अनिवार्यता है। अभीइनके लिए वीडियो ई-केवायसी की सुविधाशुरू नहीं की गई है। ऐसे समझें     नॉन इंटरेक्टिव ई-केवायसी में सबसे पहले डॉक्यूमेंट तैयार करना होगा। इसे ऑनलाइन तैयार कर सकते हैं या सर्विस प्रोवाइडर से।     डॉक्यूमेंट सबमिट करते समय वीडियो केवायसी का विकल्प मिलेगा। दो आइडी देनी होंगी।     रजिस्ट्री कराने वाले पक्षकार अपना वीडियो बनाएंगे। एआइ कुछ सवाल पूछेगा। पक्षकार के चेहरेका एनालिसिस करेगा।     सभी आइडी में जानकारियां एक जैसी नहीं होंगी या चेहरा मेल नहीं खाएगा तो एआइ रिजेक्ट कर देगा। मैच होने पर प्रक्रिया बढ़ेगी।     टोकन सब रजिस्ट्रार के पास पहुंच जाएगा और दस्तावेज अगले दिन रजिस्टर कर देगा। दस्तावेज ई-मेल, व्हाट्सएप पर पहुंच जाएगा।     इंटरैक्टिव वीडियो ई-केवायसी में सब रजिस्ट्रार वीसी से पक्षकारों से बात करेंगे। उसी दौरान एआइ चेहरे का मिलान कर लेगा। सब रजिस्ट्रार को तभी बताना होगा कि दस्तावेज रजिस्टर हुआ या नहीं।  

स्वच्छता की जंग में इंदौर की सातवीं परीक्षा, सूरत-नवी मुंबई समेत 12 शहरों से टक्कर

 इंदौर  स्वच्छत भारत रैंकिंग के परिणाम इस माह 17 जुलाई को आ रहे हैं। दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू की मौजूदगी में स्वच्छता की रैंकिंग की घोषणा की जाएगी। सात साल से लगातार देश में स्वच्छता में सरताज बने इंदौर का दावा इस बार भी मजबूत है, लेकिन सूरत की तरफ से कड़ी टक्कर इंदौर को मिल रही है। इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण भी देरी से हुआ। इस कारण परिणाम भी देरी से आ रहे है। विजेता शहरों को राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत किया जाएगा। इस आयोजन में शामिल होने प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर के मेयर पुष्य मित्र भार्गव और अन्य अधिकारी जाएंगे। कार्यक्रम सुबह 11 बजे शुरू होगा। इंदौर को पिछली बार संयुक्त रूप से सूरत के साथ अवार्ड मिला था। इस बार सूरत की भी कोशिश है कि वह अकेला स्वच्छता की पहली रैंकिंग पाए। सूरत ने कचरे से कमाई के मामले में बेहतर काम किया है। इंदौर में भी सीएनजी गैस का प्लांट लगाया गया, लेकिन वह ठीक से काम नहीं कर पा रहा है। डोर टू डोर कलेक्शन इंदौर की सबसे बड़ी ताकत स्वच्छता के लिए घर-घर कचरा संग्रहण इंदौर की सबसे बड़ी ताकत है। ज्यादातर शहर इसे मजबूत नहीं कर पाए है। इंदौर में कचर पेटियां ही नहीं है। शत-प्रतिशत कचरा घरों से निकल कर सीधे ट्रेंचिंग ग्राउंड तक जाता है। 12 शहर स्वच्छता लीग में शामिल पिछले साल सूरत ने 30 वार्डों को अलग-अलग जनप्रतिनिधियों को गोद दिया था और वहां घर-घर कचरा संग्रहण व्यवस्था मजबूत की थी। इंदौर के साथ 12 शहर स्वच्छता लीग में शामिल है। इनमें सूरत, नवी मुबंई, चंडीगढ़, नोएडा, तिरुपति, अंबिकापुर, नई दिल्ली जैसे शहर शामिल हैं। आंकलन के लिए 28 बिन्दू तय केंद्रीय शहरी मंत्रालय ने इस बार इन शहरों की स्वच्छता आंकने के लिए 28 बिन्दू तय किए गए थे। स्वच्छता के अलावा कचरे का निपटान, कचरे का फिर से उपयोग, नदी-नालों की सफाई सहित अन्य बिन्दू के हिसाब से नंबर मिले। पब्लिक फीडबैक के अंक भी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।  

युवाओं को मिलेगा नया लाभ, लैपटॉप-साइकिल के बाद अब स्कूटी योजना का ऐलान

भोपाल प्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों को लैपटाप व साइकिल के बाद अगले महीने स्कूटी भी दी जाएगी। 7,800 विद्यार्थी स्कूटी के लिए पात्र हैं। अगले सत्र से बच्चों को गणेवश तैयार करवाकर वितरित किया जाएगा। साथ ही 75 प्रतिशत अधिक अंक लाने वाले करीब एक लाख मेधावी विद्यार्थियों को राशि के बदले अब लैपटाप दिए जाएंगे। यह घोषणा मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर भोपाल में कमला नेहरू सांदीपनि विद्यालय के भवन के लोकार्पण समारोह में की। साथ ही कहा कि सांदीपनि विद्यालय में बच्चों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस दौरान छात्राओं से भी मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 369 सांदीपनि विद्यालय संचालित हो रहे हैं। जहां शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि ये स्कूल विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के केंद्र बनकर उभरे हैं। अब सरकारी स्कूल सुविधा और गुणवत्ता दोनों में आगे हैं। इस बार मप्र बोर्ड 10वीं व 12वीं के परिणाम में सरकारी स्कूलों ने 15 सालों का रिकार्ड तोड़ दिया है। निजी स्कूल पीछे रह गए हैं। अब सौ प्रतिशत परिणाम लाने वाले विद्यालयों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। महू, देवास, नरसिंहपुर के विद्यालयों को बेहतर शैक्षणिक प्रबंधन विकास के लिए पांच-पांच लाख रुपये प्रोत्साहन के रूप में दिए जाएंगे।   अभियान के पहले दिन बंटी 4.30 लाख साइकिलें मुख्यमंत्री ने समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत स्कूली बच्चों को निश्शुल्क साइकिल वितरण के दो दिवसीय अभियान का शुभारंभ करते हुए 50 विद्यार्थियों को साइकिलें वितरित कीं। अभियान के पहले दिन विभिन्न जिलों में विद्यार्थियों को 4.30 लाख साइकिलें बांटी गईं। विद्यार्थियों ने एक धुन में साइकिल की घंटी बजाकर मुख्यमंत्री का अभिवादन किया। प्रदेश के 1.27 करोड़ लाड़ली बहनों को मिलेगा रक्षाबंधन का तोहफा मुख्यमंत्री डा. यादव ने कहा कि सनातन संस्कृति में नारी को देवी के रूप में पूजा जाता है। भारतीय समाज में उनका अलग ही स्थान है। प्रदेश की 1.27 करोड़ लाड़ली बहनों को रक्षाबंधन के अवसर पर 1,500 रुपये की राशि ट्रांसफर की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2029 तक देश की बहनों को लोकसभा और विधानसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। उज्जैन में प्रारंभ होगा सेटैलाइट सेंटर     मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 55 पीएम एक्सीलेंस कॉलेजों में नई शिक्षा नीति लागू की गई है, जहां विद्यार्थियों को रोजगारपरक शिक्षा दी जा रही है।     इसी उद्देश्य से उज्जैन में आईआईटी का सेटैलाइट सेंटर प्रारंभ किया जाएगा। सरकार में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग का विलय कर मेडिकल एजुकेशन एवं हेल्थ सेक्टर में नवाचार किया है।     छोटे शहरों में मेडिकल कॉलेज खोलने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे आगामी दो वर्ष के अंदर एमबीबीएस की सीटें 10 हजार हो जाएंगी।     मध्य प्रदेश इकलौता ऐसा राज्य है, जहां नीट पास करने के बाद सरकार मेडिकल एजुकेशन के लिए विद्यार्थियों को भरपूर सहयोग कर रही है। 

अब हमें स्कूल समय पर पहुंचने में आसानी होगी, धन्यवाद मुख्यमंत्री जी: छात्रा

भोपाल शासन की नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना के अंतर्गत कमला नेहरू सांदीपनि कन्या विद्यालय, भोपाल में आयोजित नि:शुल्क साइकिल वितरण कार्यक्रम में जब विद्यार्थियों को साइकिलें प्राप्त हुईं, तो उनके चेहरे खुशी से खिल उठे। निःशुल्क साइकिल प्राप्त होने पर वे अत्यंत प्रसन्न हैं और इसके लिए म.प्र. शासन और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित कर रहे हैं। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, टीलाखेड़ी की कक्षा 9वीं की छात्रा कुमारी रिया भारती ने मुख्यमंत्री के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा, “अब हमें स्कूल समय पर पहुंचने में आसानी होगी। धन्यवाद मुख्यमंत्री जी।” इसी विद्यालय की कुमारी पूजा खन्ना ने कहा कि "पैदल विद्यालय पहुंचने में अधिक समय लगता था, अब में 10 मिनिट में विद्यालय पहुंच जाऊंगी। मैं अपने मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देती हूँ।" कुमारी सिमरन गौर ने भी निःशुल्क साइकिल प्रदाय योजना के प्रति प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार माना। कुमारी सिमरन ने कहा कि "निःशुल्क साइकिल प्राप्त होने से जीवन में रफ्तार प्राप्त हुई हैं। अब हम आत्मविश्वास के साथ विद्यालय जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि “प्रदेश सरकार का संकल्प है कि कोई भी विद्यार्थी केवल साधन के अभाव में शिक्षा से वंचित न रहे। नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना से विद्यार्थी आत्मनिर्भर बनेंगे, समय की बचत होगी तथा उनकी उपस्थिति में भी सुधार आएगा।” उन्होंने छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए उन्हें परिश्रम और लगन के साथ अध्ययन करने की प्रेरणा दी। प्रदेश सरकार द्वारा संचालित नि:शुल्क वितरण योजना न केवल विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करती है, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में समावेशी विकास का मार्ग भी प्रशस्त करती है। छात्राओं ने कहा कि वे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा चलाई जा रही इस लोकहितकारी एवं दूरदर्शी पहल के लिए उनका हृदय से धन्यवाद करते हैं। 

कर्मचारी राज्य बीमा निगम की स्प्री-2025 योजना को मिली मंजूरी

भोपाल  कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) ने नियोक्ताओं और कर्मचारियों के पंजीकरण को बढ़ावा देने के लिए “स्प्री 2025” यानि स्कीम टू प्रमोट रजिस्ट्रेशन ऑफ इम्प्लॉयर्स/इम्प्लॉयीज योजना को स्वीकृति दी है। इस निर्णय की घोषणा शिमला, हिमाचल प्रदेश में आयोजित 196वीं ईएसआई निगम की बैठक में की गई, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय श्रम और रोजगार तथा युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने की। संयुक्त निदेशक श्री निश्चल कुमार नाग, प्रभारी, उप क्षेत्रीय कार्यालय, भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्प्री योजना का उद्देश्य ईएसआई अधिनियम, 1948 के अंतर्गत अब तक पंजीकृत नहीं हुए प्रतिष्ठानों एवं श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाना है। यह योजना 1 जुलाई से 31 दिसंबर 2025 तक लागू रहेगी। इसके अंतर्गत नियोक्ता डिजिटल माध्यमों जैसे- ESIC पोर्टल, श्रम सुविधा पोर्टल, MCA पोर्टल से अपने प्रतिष्ठान एवं कर्मचारियों का पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण नियोक्ता द्वारा घोषित तिथि से वैध माना जाएगा। पंजीकरण की तिथि से पूर्व की अवधि के लिए कोई देनदारी, योगदान या रिकॉर्ड की मांग नहीं की जाएगी और कोई निरीक्षण या कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी, जो पहले अपंजीकरण की स्थिति में संभावित थी। स्प्री योजना का प्रमुख उद्देश्य पिछली देनदारियों के भय को समाप्त कर स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देना है, इससे कॉन्ट्रेक्ट, अस्थायी और अनियमित श्रमिकों को भी स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा लाभ प्राप्त होंगे। इस योजना के अंतर्गत नकद लाभ (बीमारी, मातृत्व, चोट या मृत्यु की स्थिति में), कर्मचारियों एवं उनके परिवारों के लिए चिकित्सा सेवाएं, दीर्घकालिक सामाजिक सुरक्षा जैसे विकलांगता लाभ, पेंशन आदि लाभ उपलब्ध होंगे। यह योजना उन नियोक्ताओं पर लागू होगी जिनके प्रतिष्ठानों यानि कारखानें, दुकानें, होटल-रेस्टोरेंट, रोड ट्रांसपोर्ट, निजी स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, समाचार पत्र, नगर निगमों के ठेका कर्मचारी आदि में 10 या अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। ऐसे संस्थानों पर भी यह योजना लागू होगी जो अब तक ईएसआई अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं हुए हैं अथवा वह अपने सभी पात्र कर्मचारियों का पंजीकरण नहीं कर पाए हैं। संयुक्त निदेशक श्री नाग ने बताया कि यह योजना सर्वसमावेशी सामाजिक सुरक्षा कवरेज को बढ़ावा देती है और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिये भी अनुकूल है। योजना की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह पूरी तरह से स्वैच्छिक, सरल और पारदर्शी है। उन्होंने राज्य के सभी पात्र नियोक्ताओं से इस योजना का अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया, जिससे वे न केवल कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें बल्कि अपने कर्मचारियों को आवश्यक स्वास्थ्य व सामाजिक संरक्षण भी प्रदान कर सकें।  

स्मार्ट मीटर की भ्रांतियां दूर करने गुना में हुई मीडिया वर्कशॉप

भोपाल  स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को नए टैरिफ आर्डर के अनुसार अब खपत के आधार पर दिन के टैरिफ में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक उपयोग की गई बिजली पर 20 प्रतिशत की छूट मिल रही है। स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए यह सभी छूट अथवा प्रोत्साहन की गणना सरकारी सब्सिडी (यदि कोई हो) को छोड़कर की जा रही है। यह उपभोक्ता श्रेणियों के लिए विशिष्ट नियमों और शर्तों के आधार पर दिन के विभिन्न समय के दौरान खपत की अवधि के अनुसार ऊर्जा शुल्क पर लागू होगी। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के महाप्रबंधक (स्मार्ट मीटरिंग सेल) श्री सी.के.पवार ने स्मार्ट मीटर से होने वाले लाभ तथा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ता हित में चलाई जा रही शासन की योजनाओं जैसे ग्रामीण क्षेत्र में 5 रुपये में नवीन कनेक्शन, सोलर रूफटॉप आदि को आम लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से गुरूवार को गुना में आयोजित मीडिया कार्यशाला में यह जानकारी दी। परिसर में रीडिंग लेने आने की आवश्यकता नहीं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के महाप्रबंधक (स्मार्ट मीटरिंग सेल) श्री सी.के. पवार ने मीडिया से चर्चा करते हुये बताया कि शहर के लोगों में स्मार्ट मीटर को लेकर जो भ्रांतियां हैं, उन्हें दूर करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि विद्युत स्मार्ट मीटर लगने के बाद परिसर में रीडिंग लेने आने की जरूरत नहीं होती है ऑटोमेटिक सटीक रीडिंग होती है। मानवीय हस्तक्षेप नहीं होने से गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं होती है। उपभोक्ता अपनी प्रतिदिन की विद्युत खपत स्मार्ट मीटर के माध्यम से देख सकता है। उन्होंने बताया कि दैनिक के साथ –साथ सप्ताहिक अथवा मासिक खपत आसानी से देखी जा सकती है, और बिजली की कितनी खपत हो रही है, अगले महीने उसका कितना बिल आ सकता है, उसका पूर्वानुमान भी आसानी से लगाया जा सकता है। अब तक कहीं कोई गड़बड़ी नहीं आई  महाप्रबंधक श्री पवार ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाते हुए लगभग 1 वर्ष पूर्ण हो गया है। अब तक पूरे कंपनी कार्यक्षेत्र के सोलह जिलों में 03 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। अभी तक कहीं पर भी किसी प्रकार की कोई भ्रांतिया पैदा नहीं हुई हैं। ऑटोमेटिक माध्यम से सटीक रीडिंग होने के बाद प्रतिमाह 01 तारीख के बाद मोबाइल अथवा ईमेल पर बिल जारी किया जाता है। स्मार्ट मीटर के पहले उपभोक्ताओं को पता ही नहीं चलता था कि उनकी विद्युत खपत कितनी हैं, जब स्मार्ट मीटर लगे तब उन्हें सही खपत का पता चला और उसका डेटा भी विद्युत विभाग के पास उपलब्ध हुआ है।  हर पंद्रह मिनिट में डाटा अपडेट उपभोक्ता अब उपाय एप के जरिए स्मार्ट मीटर के माध्यम से अपने घर का लोड देख सकते हैं। मीटर में भी के.डब्ल्यू लिखा रहता हैं जो घर का पूरा लोड बताता है तथा केडब्ल्यूएच खपत (यूनिट ) बताता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वयं के यहाँ पर कितना किलोवॉट का लोड चल रहा हैं। इसके साथ ही उपाय एप के स्मार्ट मीटर में इंडिकेटर के माध्यम से यह अंदाजा लगाया जाना आसान हो गया कि किस-समय, किस प्रकार के उपकरण चलाए गए ताकि हरी लाइन से पता चल सकता है कि उस दौरान कितनी बिजली खपत हुई। स्मार्ट मीटर हर पंद्रह मिनिट में डाटा अपडेट करता है।     रियल टाइम डेटा उपलब्ध मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने स्मार्ट मीटर के फायदे बताते हुए कहा है कि स्मार्ट मीटर से रियल टाइम डेटा प्राप्त किया जा सकता है, जिससे उपभोक्ताओं को सटीक और समय पर बिलिंग सुनिश्चित की जा रही है। कंपनी ने बताया कि जहां-जहां भी स्मार्ट मीटर स्थापित किए जा चुके हैं वहां पर बिलिंग तथा रीडिंग निर्धारित समय पर हो रही है, इससे सभी उपभोक्ता संतुष्ट हैं।  रीडिंग में कोई गड़बड़ी नहीं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपने कार्यक्षेत्रांतर्गत जब से स्मार्ट मीटर स्थापित करने शुरू किये हैं तभी से स्मार्ट मीटर के सकारात्मक परिणाम आने शुरू हो गए हैं। उपभोक्ताओं को वास्तविक समय में ऊर्जा खपत की सटीक तथा अद्यतन जानकारी मिल रही है, साथ ही रीडिंग में किसी तरह की कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई है। इसके अलावा उपभोक्ताओं के परिसर में जाकर रीडिंग लेने की जरूरत भी नहीं है, क्योंकि  निर्धारित तिथि पर ऑटोमेटिक रीडिंग करके उपभोक्ताओं के पंजीकृत मोबाइल पर बिल जारी किया जा रहा है। उपभोक्ता स्वयं कर रहे खपत की निगरानी मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बताया कि स्मार्ट मीटर के फायदे अनेक हैं। जहां-जहां भी स्मार्ट मीटर स्थापित किए जा चुके हैं वहां पर निर्धारित समय पर तथा सटीक रीडिंग हो रही है। उपभोक्ता स्वयं भी ऊर्जा खपत की निगरानी कर सकते हैं, इसके लिए हर 15 मिनट में डाटा अद्यतन हो रहा है, ताकि यह समझने में आसानी रहे कि किस समय कितनी ऊर्जा की खपत हुई है। इससे बिजली खपत को नियंत्रित करने में आसानी हो रही है। बिलों में त्रुटि की संभावना नहीं स्मार्ट मीटरों से बिजली के बिलों में त्रुटि की संभावना बहुत कम हो गई है और बिजली की चोरी रोकने में भी स्मार्ट मीटर मददगार साबित हो रहे हैं। स्मार्ट मीटर वास्तविक समय में अपनी बिजली की खपत पर नज़र रखने में मदद करते हैं, जिससे उपभोक्ता स्वयं भी अपनी खपत को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं और गैरजरूरी उपकरणों को बंद करके ऊर्जा की बचत कर सकते हैं। स्मार्ट मीटर के फायदे 1. ऊर्जा की खपत को ट्रैक करने और ऊर्जा की बचत करने में मदद करता है। 2. बिजली की खपत को सटीक रूप से मापता है, जिससे बिल में कोई गलती नहीं होती। 3. एप के जरिए मोबाइल पर रियल-टाइम डेटा देखकर ऊर्जा की खपत को नियंत्रित कर सकते हैं। 4. ऊर्जा की गुणवत्ता के बारे में जानकारी मिलती है, ताकि ऊर्जा की खपत को बेहतर बना सकते हैं। 5. ऊर्जा की खपत को ऑनलाइन ट्रैक करने और नियंत्रित करने की सुविधा मिलती है। 6. ऊर्जा की खपत को कम करने से पर्यावरण पर पड़ने वाला प्रभाव कम होता है। 7. ऊर्जा की खपत को नियंत्रि