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दमोह में अनियंत्रित हुई बस, उफनते नाले से गुजरते वक्त पुलिया से लटकी

दमोह  मध्यप्रदेश में मानसूनी बारिश से मंडला, नरसिंहपुर, उमरिया, शिवपुरी, जबलपुर, रीवा, शहडोल-सागर के साथ ग्वालियर संभाग के कई जिलों में बाढ़ के हालात हैं। आज गुरुवार को 14 जिलों में अति भारी और 22 जिलों में भारी बारिश होने का अलर्ट है। प्रदेश के सभी जिलों में पिछले 24 घंटे के दौरान आंधी और बारिश का दौर रहा। सबसे ज्यादा बारिश दमोह में 4.1 इंच हो गई। शिवपुरी में 3 इंच, नौगांव-सतना में 1.8 इंच, टीकमगढ़ में डेढ़ इंच, सागर में 1.1 इंच और रायसेन में 1 इंच बारिश दर्ज की गई। भोपाल में रात में बारिश हुई, जो आधा इंच से ज्यादा रही।     दमोह में ड्राइवर ने उफनते नाले से बस को पार कराने की कोशिश की। यूपी के जालौन जा रही बस अनियंत्रित होकर पुलिया से नीचे लटक गई। बस में सवार 6 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।     सागर के बंडा क्षेत्र में एक कार उफनते नाले में बह गई। इसमें 3 लोग सवार थे, जिन्होंने कूदकर अपनी जान बचाई।     कटनी जिले के बरही थाना क्षेत्र के हदरहटा गांव में धान का रोपा लगाते समय आकाशीय बिजली गिरने से चार लोग झुलस गए।     नरसिंहपुर के विपतपुरा गांव में तीन बच्चे नदी में डूब गए।     सतना में तेज बारिश से पेड़ गिर गया। इसकी चपेट में आकर कई दोपहिया वाहनों को नुकसान पहुंचा। एक मकान का चबूतरा भी क्षतिग्रस्त हो गया।

सावन में शिव भक्तों के लिए सुविधा, भोपाल से उज्जैन के बीच चलाई जाएगी स्पेशल ट्रेन

भोपाल सावन के पवित्र महीने में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लेकर तराना रोड और उसके आसपास रहने वाले बाबा महाकाल के भक्तों को भारतीय रेलवे की ओर से खुश कर देने वाली सौगात दी गई है। रेलवे द्वारा भोपाल और उज्जैन के बीच आज से स्पेशल ट्रेन की शुरुआत की जा रही है। गाड़ी नंबर 09313 उज्जैन-भोपाल स्पेशल 10 जुलाई से 31 अगस्त तक चलेगी। ये ट्रेन भोपाल से रात 2:15 बजे रवाना होगी और उज्जैन से रात 9:00 बजे लौटेगी, जो रात 1:05 बजे भोपाल रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। भोपाल, सीहोर, शाजापुर और उज्जैन के यात्रियों को इस ट्रेन से विशेष सुविधा मिलेगी। सावन के दौरान लाखों श्रद्धालुओं को इस स्पेशल ट्रेन का फायदा मिलेगा। इससे उनकी यात्रा और भी सुगम और आरामदायक होगी। देखें स्पेशल ट्रेन का शेड्यूल -भोपाल से उज्जैन यात्रा भोपाल उज्जैन स्पेशल ट्रेन (गाड़ी संख्या- 09314) आज 10 जुलाई से रोजाना रात 2.15 बजे चलेगी। इसके बाद संत हिरदाराम नगर पर रात 2.38 बजे, सीहोर रात 3.10 बजे, कालापीपल रात 3.40 बजे, शुजालपुर सुबह 4.20 बजे, अकोदिया सुबह 5.40 बजे, कालीसिंध सुबह 5.10 बजे, बेरछा सुबह 5.25 बजे, मक्‍सी सुबह 5.55 बजे, तराना रोड सुबह 6.20 बजे और उज्जैन सुबह 7.20 बजे पहुंचेगी। -उज्जैन से भोपाल यात्रा वहीं, उज्जैन से भोपाल लौटते समय (गाड़ी संख्या- 09313) उज्‍जैन से रोजाना रात 9 बजे चलेगी। यहां से तराना रोड पर रात 9.30 बजे पहुंचेगी। फिर मक्‍सी रात 9.45 बजे, बेरछा रात 10.02 बजे, कालीसिंध रात 10.15 बजे, अकोदिया रात 10.35 बजे, शुजालपुर रात 10.48 बजे, कालापीपल रात 11.05 बजे, सीहोर रात 11.36 बजे, संत हिरदाराम नगर रात 12.40 बजे और भोपाल रेलवे स्टेशन रात 1.05 बजे पहुंचेगी। इस दौरान दोनों ओर से ये ट्रेन प्रत्येक स्टेशन पर दो-दो मिनट के लिए रुकेगी। इसी अवधि में यात्रियों को अपने स्टेशन से चढ़ना और उतरना रहेगा।

खंडवा में गुरु पूर्णिमा पर सत्कार की परंपरा जीवंत, ‘अतिथि देवो भव:’ भाव से हो रहा स्वागत

 खंडवा  खंडवा निमाड़ की वह धरती है जहां पर पत्रकारिता के माखनलाल चतुर्वेदी , कलाकार किशोर कुमार और खंडवा के सबसे बड़े दादाजी केशवानंद महाराज हरिहरानंद महाराज कि यहां पर समाधि है जहां पर लाखों की संख्या में गुरु पूर्णिमा पर दादा जी महाराज के भक्त हजारों किलो .मीटर से नंगे पांव निशान रथ लेकर दर्शन के लिए खंडवा पहुंचते हैं दादाजी महाराज के दरबार में वही पर भक्तों के  लिए निशुल्क खंडवा पहुंचने पर अनेक प्रकार के भोजन के लिए स्टॉल लगाए जाते हैं और खंडवा शहर के तमाम लोगों द्वारा भक्ति भाव से 2 दिन तक आने वाले लाखों की संख्या में भक्तों की सेवा करते हैं और यहां तक पूरा खंडवा शहर भक्ति भाव में डूब जाता है और बडे पैमाने पर भंडारे भी किए जाते हैं लेकिन इस बीच एक अनोठी भक्ति भी देखने को मिली जहां पर एक भक्त 12 से अधिक प्रजाति के फूल और फल वाले पौधे भी बांटते नजर आया जहां पर हर एक श्रद्धालु लाइन में लगकर पौधे लेते नजर आए गुरु पूर्णिमा के मौके पर खंडवा में अतिथि देवो भव: की परंपरा निभाई जा रही है। दादा जी धूनीवाले के दरबार में आने वाले भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसका यहां पूरा ध्यान रखा जा रहा है। यहां आने वालों के लिए खाना-पीना पूरी तरह से फ्री है। यहां 500 से ज्यादा भंडारों में नाश्ता-भोजन परोसा जा रहा है। हर पंडाल में खाने को कुछ अलग है। यानी कह सकते हैं कि यहां 56 प्रकार के व्यंजन भक्तों को परोसे जा रहे हैं। इन भंडारों को मजदूर, हम्माल, अफसर-कर्मचारी से लेकर कारोबारी तक संचालित कर रहे हैं। रोचक है भंडारे के शुरुआत की कहानी भंडारे के शुरुआत की कहानी भी बहुत रोचक है। यहां रहने वाले बताते हैं कि 34 साल पहले अतिथि देवो भव: की परंपरा की शुरुआत एक घटना से हुई थी। पहले बाहर से आए भक्त भोजन के लिए होटल पर निर्भर रहते थे। इस दौरान 1991 में एक भक्त यहां दादाजी दरबार दर्शन करने पहुंचा, उसके पास रुपए नहीं थे। भूख लगी तो होटल में खाना खाने पहुंचा। यहां दुकानदार ने भक्त को अपमानित किया। यहां मौजूद दादा जी के भक्तों ने यह देखा, उन्हें अच्छा नहीं लगा। इसके बाद 1992 से यहां भंडारे की शुरुआत हुई, जो अब सैकड़ों स्टॉल तक पहुंच चुका है। कुंभ में भंडारा देख खंडवा में की शुरुआत गणेश गोशाला समिति के सचिव रामचंद्र मौर्य ने बताया कि गुरु पूर्णिमा पर बड़ी संख्या में भक्त निशान लेकर दादा जी के दरबार में पहुंचते हैं। सबसे बड़ी तादाद में छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, महाराष्ट्र और गुजरात के भक्तों की आवाजाही रहती है। इनकी भक्ति को देखकर पूरा शहर इनकी सेवा और सत्कार के लिए उमड़ता है। शहर में बजरंग दल ने 34 साल पहले दादाजी मंदिर के पास भंडारा शुरू किया था। जिले से बजरंग दल के 2300 कार्यकर्ता 1992 में उज्जैन कुंभ मेले गए थे, तब वहां श्रद्धालुओं को चाय, पोहे व प्रसादी भंडारे में दी जा रही थी। वहीं से प्रेरणा लेकर खंडवा में भंडारों की शुरुआत हुई। एक भंडारा शुरू होने के बाद इनकी संख्या 4 से 5 हुई। आज शहर में 500 से अधिक भंडारों में पूड़ी-सब्जी से लेकर 56 से भी ज्यादा पकवान परोसे जाते हैं। कई सदस्यों की दूसरी पीढ़ी कर रही भंडारों में सहयोग कमल यूथ क्लब के सतनाम सिंह होरा ने बताया कि क्लब द्वारा पहले जय अंबे चौक पर फरियाली खिचड़ी का वितरण किया जाता था, लेकिन भोजन की व्यवस्था नहीं होने पर क्लब ने भी श्रद्धालुओं के लिए भंडारे की व्यवस्था शुरू की। क्लब में ऐसे सदस्य भी हैं, जिनकी दूसरी पीढ़ी भंडारे में सहयोग कर रही है। क्लब में 140 सदस्य हैं। इसकी शुरुआत 7 लोगों ने कीं, लेकिन आज कई नए सदस्य जुड़कर सेवा दे रहे हैं। 28 साल पहले नाश्ते से शुरुआत, अब गुलाब जामुन बांट रहे दादाजी मंदिर मार्ग पर अंजनी बालाजी नगर के सामने दादाजी सेवा मंडली ने स्टॉल लगाया है। यहां दादाजी भक्तों को गुलाब जामुन बांटे जा रहे हैं। आयोजक साधुराम अग्रवाल बताते हैं कि, इस स्टॉल को 28 साल हो गए हैं। शुरुआत में पोहा बांटते थे, अब यह सिलसिला मिठाई तक पहुंच गया है। पहले आईस्क्रीम और बालूसाई भी बांट चुके हैं। कलेक्ट्रेट, आरटीओ, एनएचएआई विभाग का भी स्टॉल निजी संस्थानों के साथ सरकारी विभाग के भी यहां स्टॉल लगे हुए हैं। इनमें आरटीओ विभाग तो पिछले 19 साल से भंडारे का आयोजन कर रहा है। जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी भी स्टॉल लगाकर सेवा कर रहे हैं। विपणन संघ सब्जी-पुड़ी बांट रहा है। एनएचएआई ने भी थाना पदमनगर के सामने स्टॉल लगाया है। मोहल्ले का ग्रुप परोस रहा जलेबी और भजिए आनंद नगर क्षेत्र में पारस स्टेशनरी के पास एक्टिव ग्रुप ने नाश्ते का स्टॉल लगाया है। यहां भक्तों को जलेबी और भजिए परोसे जा रहे हैं। इसके अलावा भी कई छोटे-बड़े संस्थान, स्कूल कॉलेज और कोचिंग क्लासेस द्वारा ज्यूस और चाय बांट रहे हैं। 3 साल से मंदिर प्रांगण में भी भक्तों के लिए भंडारा हो रहा दादाजी मंदिर प्रांगण में रोजाना दोनों समय लंगर लगता है। सेवादार महेंद्र अग्रवाल के मुताबिक, इस भंडारे से मंदिर के सेवादार, पुलिसकर्मी और निशान लाने वाले भक्तों को आसानी से भोजन प्रसादी मिल जाती है। यहां भक्तों को बैठाकर खिचड़ा, कड़ी और रोटी दे रहे हैं। वहीं, इस बार बूंदी साढ़े 12 ‎‎क्विंटल बेसन, 140 डिब्बे‎ घी, 25 क्विंटल शकर से पांच‎ भटि्टयों पर तैयार की गई है। इसके अलावा तीन‎ दिन‎ भोजन प्रसादी के लिए 20‎ क्विंटल आटे की पुड़ी,‎ 115 ‎क्विंटल चावल, 5‎ क्विंटल मूंग की दाल और‎ 25 डिब्बे घी से‎ हलवा‎ तैयार किया गया है। चिकित्सा मित्र बांट रहे साड़ियां-खिलौने ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले डॉक्टरों ने भी चिकित्सा मित्र नाम से एक ग्रुप बनाया है। यह ग्रुप पिछले पांच साल से बच्चों को खिलौने बांट रहा है। बच्चों के लिए पानी की बोतल, पेन-कॉपी और किताबों सहित स्कूल बैग का वितरण भी कर रहा है। यहां तक की महिलाओं को साड़ियां भी बांटी जा रही है। ग्रुप में 30 सदस्य हैं। दादा दरबार से लेकर पूरा शहर बाजारवाद से परे है सीनियर जर्नलिस्ट मनीष जैन ने बताया … Read more

इंदौर से हवाई सफर में खुशखबरी, जून में बंद फ्लाइट फिर चालू – दिल्ली के लिए सीधी उड़ान शुरू

इंदौर  इंदौर से दिल्ली के बीच सफर करने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। टाटा ग्रुप की एयर इंडिया एक्सप्रेस ने इंदौर से दिल्ली के बीच नई फ्लाइट की शुरुआत की है। इसके साथ ही इंदौर से हैदराबाद और बेंगलुरु के बीच चलने वाली दो उड़ानें जो जून में बंद हो गई थी, उन्हें भी कंपनी ने वापस शुरू कर दिया है। इसके कारण यात्रियों को उड़ानें के ज्यादा विकल्पों के साथ ही सुविधा भी मिल रही है। विमानतल से मिली जानकारी के मुताबिक एयर इंडिया एक्सप्रेस द्वारा इंदौर से दिल्ली के बीच शाम के समय नई उड़ान की शुरुआत की है। यह फ्लाइट (1183/89) शाम 5.50 बजे दिल्ली से रवाना होकर 7.25 बजे इंदौर आएगी और इंदौर से 7.55 बजे रवाना होकर 9.35 बजे दिल्ली पहुंचेगी। इंदौर से बेंगलुरू और हैदराबाद के लिए जून में बंद हुई एक-एक फ्लाइट का संचालन अब दोबारा शुरू हो रहा है। एयर इंडिया एक्सप्रेस ने इंदौर से बेंगलुरू और इंदौर से हैदराबाद के लिए संचालित होने वाली फ्लाइट का संचालन जून माह में बंद कर दिया था। वहीं, इंदौर से दिल्ली के लिए एयर इंडिया एक्सप्रेस एक नई फ्लाइट भी शुरू कर रही है। एयर इंडिया एक्सप्रेस की यह तीन फ्लाइट के शुरू होने से यात्रियों को उड़ानों के ज्यादा विकल्प मिल रहे हैं। दिल्ली के लिए एक नई सीधी उड़ान सेवा इंदौर एयरपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार एयर इंडिया एक्सप्रेस ने इंदौर से दिल्ली के लिए एक नई सीधी उड़ान सेवा शुरू की है। एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट नंबर IX1183 शाम 5.50 बजे दिल्ली से उड़ान भरकर 7.25 बजे इंदौर एयरपोर्ट पर लैंड करेगी। वहीं फ्लाइट नंबर IX1189 इंदौर से शाम 7.55 बजे उड़ान भरकर रात 9.35 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचेगी। हैदराबाद की उड़ान IX2776 और IX2889 23 जून से बंद हो गई थी उसे दोबारा शुरू कर दिया है। यह फ्लाइट हैदराबाद से 12.30 बजे निकलकर 2 बजे इंदौर पहुंचती है, यहां से 2.30 बजे रवाना होकर शाम 4.10 हैदराबाद पहुंचती है। इस फ्लाइट के समय में भी थोड़ा बदलाव किया गया है, यह पहले शाम के वक्त संचालित होती थी, वहीं जून से ही बंद बेंगलुरु उड़ान (1451/1454) को भी कंपनी ने दोबारा शुरू कर दिया है। यह फ्लाइट सुबह 7 बजे बेंगलुरु से रवाना होकर 9.20 बजे इंदौर आती है और 9.50 बजे वापस बेंगलुरु जाती है। एयर इंडिया एक्सप्रेस की रोजाना 16 उड़ानें इंदौर से दुबई के लिए सीधी उड़ान शुरू करने वाले एयर इंडिया एक्सप्रेस ने इंदौर से अपनी उड़ानों की संख्या में तेजी से इजाफा किया है। इस समय इंडिगो के बाद यह दूसरी सर्वाधिक उड़ानें संचालित करने वाली कंपनी बन चुकी है। एयर इंडिया एक्सप्रेस की इस समय इंदौर से रोजाना 8 जाने और 8 आने वाली, यानी कुल 16 उड़ानें संचालित हो रही हैं। इनमें दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, गोवा और पुणे की उड़ानें शामिल हैं। इंडिगो 1 अगस्त से बंद कर रही तीन उड़ानें इंदौर एयरपोर्ट से 1 अगस्त से नासिक, उदयपुर और जोधपुर के लिए सीधी उड़ानें बंद होने जा रही हैं। इन तीनों फ्लाइट का संचालन इंडिगो द्वारा किया जा रहा था। कंपनी ने इन रूट्स की बुकिंग भी बंद कर दी है। इससे पहले कंपनी कोलकाता और जम्मू की उड़ानें भी बंद कर चुकी है। अब इन शहरों के लिए यात्रियों को कनेक्टिंग फ्लाइट्स का विकल्प तलाशना होगा, जिससे यात्रा का समय और खर्च दोनों बढ़ेंगे। बता दें कि 1 अगस्त से तीन शहरों की उड़ानें बंद करने से पहले ही इंडिगो ने 1 जुलाई से जयपुर और अहमदाबाद की 1-1 उड़ानें बंद कर दी हैं। इन फ्लाइट्स काे किया जा रहा बंद     जोधपुर फ्लाइट (6E-7358/7359): सुबह 10:40 बजे इंदौर से रवाना होकर 12:20 बजे जोधपुर पहुंचती थी। वापसी में यह फ्लाइट दोपहर 12:45 बजे जोधपुर से उड़ान भरकर 1:15 बजे इंदौर आती थी।     उदयपुर फ्लाइट (6E-7348/7424): दोपहर 2:40 बजे इंदौर से रवाना होकर 3:40 बजे उदयपुर पहुंचती थी। वहां से शाम 4:20 बजे रवाना होकर 5:25 बजे इंदौर लौटती थी।     नासिक फ्लाइट (6E-7109/7155): दोपहर 2:45 बजे इंदौर से रवाना होकर 3:55 बजे नासिक पहुंचती थी। नासिक से शाम 4:15 बजे उड़ान भरकर 5:25 बजे इंदौर लौटती थी।

इंदौर में आधुनिकता की ओर कदम, पोलो ग्राउंड पर Z आकार में बन रहा रेलवे ओवरब्रिज

इंदौर  मध्यप्रदेश की राजधानी के चर्चित 90 डिग्री ब्रिज की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि इंदौर ने बाजी मार ली। इंदौर में एक और अजीबोगरीब पुल सामने आया है। शहर के पोलो ग्राउंड पर बन रहा रेलवे ओवरब्रिज, जो अंग्रेजी के अक्षर 'Z' की शक्ल में है, अब सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक चर्चा का विषय बन गया है। इस ब्रिज में दो-दो 90 डिग्री एंगल है। यानी ये इंदौर इस मामले में भोपाल से भी दो कदम आगे निकल गया है। इंजीनियरिंग का नया नमूना या ट्रैफिक का पजल? इंदौर के पोलो ग्राउंड पर बन रहा यह रेलवे ओवरब्रिज अपनी अनोखी डिजाइन के लिए सुर्खियों में है। इस ब्रिज में 90 डिग्री के दो तीखे मोड़ हैं, जो इसे 'Z' आकार का बनाते हैं। यह डिजाइन देखकर कोई इसे इंजीनियरिंग का चमत्कार कह रहा है तो कोई इसे ट्रैफिक का रोलर कोस्टर। दो-दो तेज मोड़ की वजह से यहां हादसों का डर लोगों को सता रहा है। भोपाल को पीछे छोड़ा, इंदौर ने मारी बाजी भोपाल का ऐशबाग 90 डिग्री ब्रिज पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका था, लेकिन इंदौर ने दो कदम आगे बढ़कर 'Z' आकार का ब्रिज बनाकर सबको चौंका दिया। यह ब्रिज पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) की देखरेख में बन रहा है, और इसके डिजाइन ने इंदौर को 'अजब मध्य प्रदेश' के नक्शे पर और चमका दिया। जैसे ही यह अनोखा ब्रिज चर्चा में आया, PWD ने सफाई दी कि डिजाइन में संशोधन पर विचार किया जा रहा है। विभाग का कहना है कि यह ब्रिज रेलवे लाइन को पार करने के लिए बनाया जा रहा है, और जगह की कमी के कारण ऐसी डिजाइन बनाई गई। सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ 'Z' आकार के इस ब्रिज ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। कोई इसे 'मध्य प्रदेश का जिग-जैग अजूबा' कह रहा है तो कोई इसे 'ड्राइविंग स्कूल का टेस्ट ट्रैक' बता रहा है। एक यूजर ने तो मजाक में लिखा, "इंदौर में ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए अब Z टेस्ट देना होगा।" इन मजेदार मीम्स ने इस ब्रिज को और भी चर्चित बना दिया है।

पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा, शिवकृपा से जीवन में सुख प्राप्त होता है, सभी भगवान एक समान, प्रशासन और पुलिस ने की पूरी तैयारी, तैनात हैं अधिकारी

सीहोर  संपूर्ण ज्योर्तिलिंगों के मध्य देश भर के श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र कुबेरेश्वरधाम है, यहां पर कंकर-कंकर में शंकर है। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं भगवान शंकर करते है। पिछले साल गुरु पूर्णिमा पर एक मात्र पंडाल लगाया था, लेकिन वर्तमान में 10 से अधिक पंडाल और डोम के बाद भी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की कमी नहीं है, यह बड़े-बड़े पंडाल छोटे पड़ गए है। यह सब बाबा का आशीर्वाद और आपका शिव पर किया विश्वास का परिणाम है। उक्त विचार कुबेरेश्वरधाम पर जारी गुरु पूर्णिमा महोत्सव के पांचवें दिवस कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहे। धाम के व्यवस्थापक पंडित समीर शुक्ला और पंडित विनय मिश्रा ने बताया कि गुरुवार को गुरु पूर्णिमा महोत्सव के तहत सुबह से ही हजारों की संख्या में आए श्रद्धालुओं को गुरु दीक्षा दी जा रही है और दोपहर एक बजे से ढाई बजे तक प्रवचन का आयोजन किया जाएगा। वहीं पूर्णिमा के पावन अवसर पर 30 क्विंटल से अधिक नुक्ति का वितरण भोजन प्रसादी के साथ किया जाएगा। बुधवार को शिवमहापुराण कथा की शुरुआत पंडित मिश्रा ने हर-हर महादेव, घर-घर महादेव, जन-जन महादेव के उद्घोष से की। लाखों भक्तों के सैलाब को देख कहा शिवकृपा आती है तब हमें जीवन का कोई न कोई सुख प्राप्त होता है। शिव की कृपा उदारता आप और हम पर हुई है। सभी भगवान एक समान हैं, उनमें कोई भेद नहीं है यह एक सामान्य धार्मिक भावना है जो विभिन्न देवी-देवताओं को एक ही परमेश्वर के विभिन्न रूपों के रूप में देखती है। इसका मतलब है कि सभी भगवान, चाहे वे किसी भी नाम या रूप में पूजे जाते हों, एक ही सर्वोच्च शक्ति के विभिन्न पहलू हैं। प्रसिद्ध कहावत है जिसका अर्थ है कि काशी के हर पत्थर में भगवान शिव का वास है। यह काशी की धार्मिक और आध्यात्मिक महिमा को दर्शाता है। दिवोदास, काशी के एक राजा थे जिन्होंने देवताओं को काशी से निकाल दिया था और स्वयं काशी का शासन संभाला था। राजा दिवोदास के बारे में विस्तार से जारी दी। कुबेरेश्वर धाम में भीड़ बढ़ी तो बदलेगा रास्ता कुबेरेश्वर धाम में गुरुवार को गुरु पूर्णिमा महोत्सव पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ सकती है। अगर भीड़ बढ़ी तो भोपाल-देवास कॉरीडोर पर रास्ता बदलेगा। कलेक्टर बालागुरु के. ने बताया कि पुलिस और प्रशासन ने पूरी तैयारी की हुई है, यदि अचानक भीड़ बढ़ती है तो उसे डायवर्ड कर या मार्ग को रोक कर समाधान किया जाएगा। फिलहाल भक्तों की संख्या कम ही है। फिर भी वहां प्रशासन और पुलिस के अधिकारी तैनात हैं। कुबेरेश्वर धाम कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का मुख्य स्थान है। पिछले साल गुरु पूर्णिमा पर एक मात्र पंडाल लगाया था, लेकिन अभी 10 से अधिक पंडाल और डोम लगाया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नवीन 18 औद्योगिक नीतियों और प्रोत्साहनकारी प्रावधानों की दी जानकारी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राजस्थान के उद्यमियों को किया निवेश के लिए मध्यप्रदेश आमंत्रित मुख्यमंत्री डॉ. यादव फर्नीचर, टिंबर व्यवसाय और होटल उद्योग से जुड़े प्रतिनिधि हुए बैठक में शामिल मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नवीन 18 औद्योगिक नीतियों और प्रोत्साहनकारी प्रावधानों की दी जानकारी भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को राजस्थान के जोधपुर प्रवास के दौरान विभिन्न फर्नीचर, टिंबर व्यवसाइयों और होटल उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों से भेंट की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में सघन वन संपदा है। मध्यप्रदेश जैसे सागौन वन कहीं नहीं है। फर्नीचर व्यवसाय में इनको बढ़ावा देते हुए राजस्थान और मध्यप्रदेश संयुक्त रूप से कार्य करेंगे। मध्यप्रदेश में उद्योगों और व्यवसायों के उन्नयन के साथ नवीन निवेश आ रहा है। प्रदेश में उद्योग और निवेश बढ़ाने के लिए नई नीतियां मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योगपतियों को बताया कि भोपाल में इस वर्ष फरवरी माह में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हुई थी। इस अवसर पर 18 नई औद्योगिक नीतियों को लागू किया गया है। इनके लाभकारी प्रावधानों का लाभ देश भर के उद्यमियों द्वारा लिया जा सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश में उद्योग क्षेत्र में अनेक नवाचार भी किए गए हैं। नए मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए निजी संस्थाओं को रियायती दर पर भूमि और अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं। जिस प्रदेश में सिर्फ पांच मेडिकल कॉलेज थे वहां आज 36 मेडिकल कॉलेज हैं। आने वाले 2 वर्ष में इनकी संख्या 50 हो जाएगी। चिकित्सा और उपचार क्षेत्र के साथ ही निवेश के अनेक क्षेत्रों में कार्य हो रहा है। विभिन्न राज्यों के उद्यमी उत्साह पूर्वक मध्यप्रदेश आ रहे हैं। मध्यप्रदेश आएं, उद्योग लगाएं मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने औद्योगिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों से कहा कि वे विभिन्न उद्योगों की स्थापना के लिए मध्यप्रदेश आ सकते हैं। उन्हें नीतियों के अंतर्गत उद्योग स्थापना के लिए पूरा प्रोत्साहन और सहयोग दिया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योग और रोजगार वर्ष 2025 में हुए विभिन्न कॉन्क्लेव, विभिन्न नगरों में रोड-शो आदि की जानकारी भी प्रदान की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को राजस्थान के उद्यमियों ने अनेक सुझाव भी दिए। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई, अपर मुख्य सचिव वन अशोक वर्णवाल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। प्रारंभ में राजस्थान के औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत किया।  

सड़क निर्माण में अब नहीं चलेगा समझौता, गुणवत्ता के लिए कड़े कदम : मंत्री सिंह

सड़कों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए ठोस प्रयास : लोक निर्माण मंत्री सिंह भोपाल  लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने विभागीय कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु उठाए जा रहे प्रभावी कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि “लोक निर्माण से लोक कल्याण” की अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए विभाग तकनीकी नवाचार, पारदर्शी निरीक्षण प्रणाली और सख्त गुणवत्ता मानकों को अपनाते हुए कार्य कर रहा है। मंत्री सिंह ने कहा कि इंदौर के पोलोग्राउंड क्षेत्र में निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का कार्य पूर्णतः स्वीकृत तकनीकी डिज़ाइन और मानकों के अनुरूप प्रगति पर है। यह ओवरब्रिज रेलवे और लोक निर्माण विभाग द्वारा संयुक्त सर्वेक्षण और डिज़ाइन प्रक्रिया के माध्यम से तैयार किया गया है। वर्तमान में निर्माणाधीन इस आरओबी की लंबाई 1027.60 मीटर और चौड़ाई 12.00 मीटर निर्धारित की गई है। इसका डिज़ाइन तीन दिशाओं में यातायात सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। पोलोग्राउंड, लक्ष्मीबाई स्टेशन और भागीरथपुरा की ओर जाने वाली तीन भुजाएँ इसमें सम्मिलित हैं। मंत्री सिंह ने बताया कि ओवरब्रिज में कुल पाँच टर्न (वक्र) हैं, जिनका निर्माण भारतीय सड़क कांग्रेस (IRC) के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है। आईआरसी मानकों के अनुसार कर्व का न्यूनतम रेडियस 15 मीटर होता है, जबकि इस आरओबी के सभी टर्न का रेडियस लगभग 20 मीटर है, जिससे यह डिज़ाइन और संरचनात्मक दृष्टि से पूरी तरह संतुलित और सुरक्षित है। निर्माण कार्य के सभी आयाम — जैसे कि रेडियस ऑफ कर्वेचर, डिज़ाइन स्पीड और सुपर एलीवेशन — को मानकों के अनुरूप सुनिश्चित किया गया है। यह आरओबी इंदौर शहर के तीन प्रमुख क्षेत्रों को यातायात की निर्बाधता और सुविधा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। निर्माण स्थल की स्थिति और डिज़ाइन ड्रॉइंग का तुलनात्मक अवलोकन इस बात की पुष्टि करता है कि कार्य स्वीकृत तकनीकी योजनाओं के अनुसार ही किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग नागरिकों की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कार्यों को पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ पूरा कर रहा है। मंत्री सिंह ने कहा कि गड्ढे रहित सड़कें संधारण विभाग की प्राथमिकता हैं, परंतु अत्यधिक वर्षा और ट्रैफिक लोड के कारण कभी-कभी सड़कों की क्षति होती है। इनके सुधार कार्य के लिये विभाग तकनीकी प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार कर रहा है, जिससे अभियंता नवाचारों और आधुनिक तकनीकों से अपडेट रह सकें। लोकपथ मोबाईल ऐप पर प्राप्त होने वाली शिकायतों के निराकरण हेतु 7 दिवस की समय-सीमा को कम करने पर भी विचार किया जा रहा है। मानसून के दौरान सड्कों की मरम्मत के लिये आधुनिक मशीनों से पेच रिपेयर की व्यवस्था प्रारंभ की गई है। उन्होने बताया कि अभी हाल ही मे 8 से 10 जून के बीच विभाग के 1500 से अधिक इंजीनियरों को एक अभियान के रूप में सड्कों के निरीक्षण के लिये भेजा गया था और 20 जून तक सभी मरम्मत कार्य पूर्ण करने के लिये निर्देशित किया गया था। मंत्री सिंह ने यह कहा कि सड़कों की एक उम्र होती है, यदि इससे पहले सड़क खराब होती है तो यह जाँच का विषय है और दोषियों पर कार्यवाही होगी। कई मामलों में सडकों पर यातायात दवाब और वाहनों के बोझ पर भी क्षति का होना निर्भर करता है। मंत्री सिंह ने बताया कि प्रदेश की सभी 13 मण्डल स्तरीय प्रयोगशालाओं को अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित कर दिया गया है, जिससे निर्माण सामग्री की जांच अब और अधिक सटीक और प्रभावी हो सकेगी। प्रत्येक जिले में मोबाइल प्रयोगशालाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रथम चरण में 13 मण्डलों के लिए निविदा जारी कर दी गई है, जिससे निर्माण स्थलों पर त्वरित जांच और सुधार की प्रक्रिया सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने बताया कि गुणवत्ता नियंत्रण को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए तेलंगाना और गुजरात की तर्ज पर एक स्वतंत्र गुणवत्ता नियंत्रण इकाई की स्थापना कर दी गई है, जो केवल गुणवत्ता निगरानी के लिए समर्पित होगी। सड़क निर्माण में प्रयुक्त डामर की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भी एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसके अंतर्गत डामर केवल सार्वजनिक उपक्रम रिफाइनरियों – इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम से ही खरीदा जाएगा। इसके परिवहन हेतु जीपीएस आधारित ई-लॉकिंग सिस्टम से युक्त टैंकरों का उपयोग किया जाएगा, जिन्हें निर्माण स्थल पर केवल विभागीय अभियंता ओटीपी के माध्यम से खोल सकेंगे। औचक निरीक्षण की पारदर्शी और तकनीकी प्रणाली के बारे में जानकारी देते हुए मंत्री सिंह ने बताया कि विभाग ने एक सॉफ्टवेयर आधारित प्रणाली विकसित की है, जिसमें निरीक्षण स्थल, दल और सैंपल का चयन पूरी तरह रैंडम तरीके से होता है। संग्रहीत सैंपल को गोपनीय कोड के साथ प्रयोगशालाओं में भेजा जाता है और रिपोर्ट सीधे सॉफ्टवेयर पर अपलोड की जाती है। इसके बाद अगले ही दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा कर आवश्यक होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक माह की 5 और 20 तारीख को नियमित रूप से यह औचक निरीक्षण किया जा रहा है। विगत 5 माह में 70 चरणों में 348 निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया गया है, जिनमें गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर 21 ठेकेदारों, 14 अधिकारियों और 4 कंसल्टेंट्स पर कार्यवाही की गई है। मंत्री सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा विकसित ‘लोकपथ ऐप’ की सफलता इसकी जनभागीदारी और पारदर्शी शिकायत निवारण प्रणाली का प्रमाण है। ऐप पर प्राप्त शिकायतों की मॉनिटरिंग और श्रेणीकरण प्रणाली को और अधिक सटीक और जिम्मेदार बनाया जा रहा है, जिससे वास्तविक शिकायतों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर गुणवत्ता में कमी पर सख्त कार्रवाई की जा रही है, वहीं दूसरी ओर उत्कृष्ट कार्य करने वाले ठेकेदारों और अभियंताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जा रहा है, जिससे विभाग में गुणवत्तापूर्ण कार्य हेतु सकारात्मक प्रतिस्पर्धा का वातावरण तैयार हो रहा है। मंत्री सिंह ने कहा कि पर्यावरण-संरक्षण की दिशा में विभाग द्वारा ‘लोक कल्याण सरोवर’ और रिचार्ज बोर जैसी योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। सड़क निर्माण से निकलने वाली मिट्टी से 500 स्थायी जल स्रोतों का निर्माण अंतिम चरण में है, जिन्हें जियो टैग और सूचना पटल के माध्यम से चिन्हित किया जाएगा। इनकी निगरानी भी रैंडम निरीक्षण प्रणाली से की जाएगी। मंत्री सिंह ने कहा, “लोक निर्माण विभाग केवल सड़क और भवन नहीं बनाता, … Read more

गुरु पूर्णिमा महोत्सव की शोभा बढ़ाएंगे मुख्यमंत्री डॉ. यादव, 10 जुलाई को भोपाल में रहेंगे मौजूद

मुख्यमंत्री डॉ. यादव 10 जुलाई को भोपाल में गुरु पूर्णिमा महोत्सव में होंगे शामिल डॉ. यादव आज 10 जुलाई को भोपाल में मनाएंगे गुरु पूर्णिमा, महोत्सव में लेंगे भाग गुरु पूर्णिमा महोत्सव की शोभा बढ़ाएंगे मुख्यमंत्री डॉ. यादव, 10 जुलाई को भोपाल में रहेंगे मौजूद कमला नेहरू सांदीपनि कन्या विद्यालय में होगा कार्यक्रम भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 10 जुलाई को भोपाल में गुरु पूर्णिमा महोत्सव में शामिल होंगे। यह कार्यक्रम तात्या टोपे नगर के कमला नेहरू सांदीपनि कन्या विद्यालय में दोपहर 12:30 बजे से होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव इस मौके पर कमला नेहरू सांदीपनि कन्या विद्यालय के नवीन भवन का लोकार्पण करेंगे और विद्यार्थियों को नि:शुल्क साइकिल वितरण का शुभारंभ करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह करेंगे। इस मौके पर खेल एवं युवा कल्याण, सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य कुमार काश्यप, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती कृष्णा गौर, सांसद आलोक शर्मा, महापौर श्रीमती मालती राय, विधायक सर्वरामेश्वर शर्मा, विष्णु खत्री और भगवान दास सबनानी उपस्थित रहेंगे। नि:शुल्क साइकिल वितरण प्रदेश में इस वर्ष 2025-26 में नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना में करीब 4 लाख 30 हजार पात्र विद्यार्थियों को नि:शुल्क साइकिल वितरित की जायेंगी। इस योजना में 195 करोड़ रुपये की राशि व्यय होगी। सांदीपनि विद्यालय के नव-निर्मित भवन का लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ. यादव शासकीय कमला नेहरू सांदीपनि विद्यालय के सर्व-सुविधायुक्त भवन का लोकार्पण करेंगे। यह भवन 36 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है। भवन में सर्व-सुविधायुक्त प्रयोगशालाएँ, लायब्रेरी तथा ऑडिटोरियम निर्मित हैं। इसके अलावा उत्कृष्ट शिक्षा के लिये स्माल डिजिटल कक्षाएँ, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये नि:शुल्क कोचिंग, कॅरियर काउंसिलिंग और इण्डोर-आउटडोर खेल की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। विद्यालय के आसपास के 10 किलोमीटर दूरी से आने वाले बच्चों के लिये नि:शुल्क परिवहन की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है। प्रदेश में दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश के समस्त विद्यालयों में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। कार्यक्रम के दौरान छात्रों को प्रार्थना सभा के दौरान गुरु पूर्णिमा के महत्व एवं पारम्परिक गुरु-शिष्य संस्कृति पर जानकारी दी जा रही है। विद्यार्थियों को प्राचीन काल में प्रचलित गुरुकुल व्यवस्था एवं उसका भारतीय संस्कृति में प्रभाव विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी हैं। गुरु पूर्णिमा के दूसरे दिन माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा गुरुओं के महत्व पर व्याख्यान और गुरुजनों एवं शिक्षकों के सम्मान के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलने पर दी बधाई

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नामीबिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एन्सेंट बिल्विट्सचिआ मिराबिल्स"(The Order of the Most Ancient Welwitschia Mirabilis') मिलने पर हार्दिक बधाई दी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह प्रतिष्ठित सम्मान भारत-नामीबिया के मध्य सशक्त होते संबंधों की अद्वितीय अभिव्यक्ति है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री मोदी का अभिनंदन करते हुए कहा कि समस्त राष्ट्रवासियों को भारत की इस उपलब्धि पर अत्यंत गर्व हो रहा है।