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स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम, बच्चों की जांच के लिए शुरू हुआ विशेष अभियान

इंदौर  स्वास्थ्य विभाग इंदौर में हाल ही में जन्मे नवजातों से लेकर पिछले 5 साल में पैदा हुए बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु दस्तक अभियान प्रारंभ करने जा रहा है। यह अभियान 22 जुलाई से शुरू होकर 16 सितंबर तक जिलेभर में चलेगा। टीकाकरण अधिकारी के अनुसार, इंदौर जिले में ऐसे बच्चों की संख्या 4 लाख से अधिक है, जिनका इस अभियान के तहत स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। मंगलवार और शुक्रवार को विशेष जांच व्यवस्था जिला टीकाकरण अधिकारी तरुण गुप्ता ने जानकारी दी कि यह अभियान न सिर्फ इंदौर बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में संचालित किया जाएगा। सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को नवजात एवं 5 वर्ष तक के कुपोषित बच्चों की विशेष रूप से हिमोग्लोबिन सहित कई तरह की बाल रोगों से संबंधित जांच की जाएगी। साथ ही बच्चों की माताओं को डायरिया और अन्य बीमारियों के लक्षणों की पहचान और बचाव के उपायों की जानकारी दी जाएगी। घर-घर जाकर होगी जांच टीकाकरण अधिकारी के अनुसार, जो बच्चे किसी कारणवश टीकाकरण केंद्र या आंगनवाड़ी तक नहीं पहुंच पाते, उनके लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर जांच करती हैं। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि कोई भी बच्चा जांच और उपचार से वंचित न रह जाए। अभियान के अंतर्गत 5 साल तक की उम्र के सभी बच्चों को शामिल किया जाएगा। बाल मृत्यु दर कम करने की दिशा में प्रयास यह दस्तक अभियान स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त प्रयासों से संचालित किया जा रहा है। इसमें एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी सक्रिय रूप से भाग लेती हैं। अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों में बीमारियों की समय पर पहचान कर उनका इलाज करना और बाल मृत्यु दर को प्रभावी रूप से कम करना है। 

सड़क सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम, जिलों में चलाया जाएगा जीरो फेटेलिटी प्रोग्राम

सड़क हादसों पर लगेगा ब्रेक, जिलों में शुरू होगा जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम दुर्घटना मुक्त जिले बनाने की पहल, शुरू होगा जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट अभियान सड़क सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम, जिलों में चलाया जाएगा जीरो फेटेलिटी प्रोग्राम परिवहन विभाग ने सभी कमिश्नर्स एवं जिला कलेक्टर्स को जारी किये निर्देश भोपाल केन्द्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देश के 100 ऐसे जिले जहां अधिक संख्या में घातक सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं, उन्हें "सेफ लाईफ फाउण्डेशन" के सर्वे के माध्यम से चिन्हित किया है। देश के चिन्हित इन 100 जिलों में मध्यप्रदेश के 6 जिले चिन्हित किये गये हैं। ये जिले धार, सागर, सतना, रीवा, जबलपुर एवं खरगोन हैं। धार जिले में वर्ष 2023 के आकलन अनुसार सबसे अधिक घातक सड़क दुर्घटनाएं हुई है। इन सड़क दुर्घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा "जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम" के तहत सभी जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि इन सड़क दुर्घटनाओं के कारणों को चिन्हित करते हुए योजना तैयार की जाये। इसके बाद आवश्यक कार्य किए जाएं जिससे इन सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लग सके। आईआईटी मद्रास के "Center of Exellence for Road Safety" द्वारा ऐसी रणनीति पर कार्य किया गया है, जिसके तहत प्रत्येक स्थल एवं सड़क कॉरिडोर जहाँ दुर्घटनाएं अधिक संख्या में हो रही हैं, वहां कम लागत वाले अति स्थानीय कार्यों को चिन्हित किया गया है। उन कार्यों के लिये जिला प्रशासन को सहयोग दिया जाएगा। इस संबंध में राज्य शासन के परिवहन विभाग की ओर से सभी कमिश्नर एवं जिला कलेक्टर्स को विस्तृत निर्देश जारी किये गये हैं। मुख्य सचिव द्वारा भी इस कार्य की लगातार समीक्षा की जा रही है। कार्य योजना के तहत सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देशित किया गया है कि वे जिले में एडीएम अथवा एसडीएम स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त करें तथा यह नोडल अधिकारी जिले की सड़क एजेन्सियों के अधिकारियों के साथ बैठक करके संभावित दुर्घटना स्थलों और सड़क कॉरिडोर की जानकारी संकलित करें। ऐसे स्थल अथवा सड़क कॉरिडोर जहां लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं उन्हें एनआईसी e-DAR पोर्टल से चिन्हित किया जा सकेगा। कुछ ऐसे स्थल, जहां संभावित घातक दुर्घटना हो सकती हैं तथा वर्तमान में छुटपुट दुर्घटनाएं निरंतर हो रही हैं, ऐसे स्थलों की जानकारी जैसे स्थानीय पुलिस, स्थानीय निकायों, आमजन आदि से एकत्रित करने के निर्देश कलेक्टर्स को दिये गये हैं। जिले के ऐसे चिन्हित सड़क दुर्घटनाओं के स्थल एवं सड़क कॉरिडोर का निरीक्षण सभी संबंधित सड़क एजेंसी के जिला अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से किया जायेगा तथा दुर्घटना के तकनीकी और इंजीनियरिंग कारणों को आंकलित कर लेखबध्द किया जाएगा। मौका निरीक्षण के बाद तकनीकी कारण जिनकी वजह से दुर्घटनाएं हो रही हैं उनकी जानकारी लेने के बाद निराकरण के लिये अतिस्थानीय एवं कम लागत के उपाय भी संबंधित सड़क एजेन्सी के इंजीनियर करेंगे। जिला कलेक्टर, नोडल अधिकारी एवं सड़क एजेन्सी के इंजीनियर के माध्यम से जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इनकी प्रस्तुतीकरण की जायेगी। इन कम लागत से होने वाले व्यय के लिये लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक जिले में समुचित बजट प्रावधान सुनिश्चित किया जाये। इस पर होने वाले व्यय के लिये राशि जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि, सांसद एवं विधायक निधि से प्राप्त करने के प्रयास किये जायेंगे।

16 जिलों में मां नर्मदा परिक्रमा पथ के 233 स्थानों की 1000 एकड़ भूमि पर होगा पौधरोपण

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पर्यावरण और जल संरक्षण अवधारणा पर अमल हरियाली की चादर ओढ़ेंगे मां नर्मदा परिक्रमा पथ के आश्रय स्थल 16 जिलों में मां नर्मदा परिक्रमा पथ के 233 स्थानों की 1000 एकड़ भूमि पर होगा पौधरोपण 43 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से लगभग 7.50 लाख पौधे लगाए जाएंगे भोपाल  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जल, प्रकृति, पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पूरे देश में चलाए जा रहे एक पेड़ मां के नाम 2.0 अभियान को प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मिशन के रूप में चला रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार प्रकृति, पर्यावरण और जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रदेश के 16 जिलों में मां नर्मदा परिक्रमा पथ के आश्रय स्‍थलों की भूमि पर पौधरोपण करेगी और मनरेगा परिषद ने तैयारी भी शुरू कर दी है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पौधरोपण के संबंध में निर्देश भी जारी किए हैं। 233 स्‍थानों की लगभग 1000 एकड़ भूमि पर किया जाएगा पौधरोपण मां नर्मदा परिक्रमा पथ पर स्थित आश्रय स्‍थलों के लगभग 233 स्‍थानों की लगभग 1000 एकड़ भूमि पर 43 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से लगभग 7.50 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा। पौधरोपण का कार्य 15 जुलाई से शुरू होगा जो 15 अगस्त तक चलेगा। इन क्षेत्रों में पौध-रोपण के लिए बकायदा अभियान चलाया जाएगा। 16 जिलों में मां नर्मदा आश्रय स्थलों पर होगा पौधरोपण मां नर्मदा आश्रय स्थलों पर जिन जिलों में पौधरोपण किया जाएगा, उन 16 जिलों में अनूपपुर, डिंडोरी, मण्‍डला, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, बड़वानी, अलीराजपुर, धार, नर्मदापुरम, रायसेन, सीहोर, हरदा, देवास, खंडवा एवं खरगोन शामिल हैं। ड्रोन-सैटेलाइट इमेज से की जाएगी निगरानी मां नर्मदा परिक्रमा पथ के आश्रय स्थलों की भूमि पर पौधरोपण का कार्य सही ढ़ग से हो रहा है या नहीं पौधे कहां पर लगे हैं या नहीं। मनरेगा परिषद द्वारा संपूर्ण पौध-रोपण कार्य की ड्रोन-सैटेलाइट इमेज से बकायदा निगरानी भी की जाएगी। आश्रय स्थलों पर भूमि की उपलब्धता के अनुसार दो श्रेणियों में पौधरोपण का कार्य किया जाएगा। प्रदेश में 136 ऐसे स्थान हैं जहां पर 2 एकड़ से अधिक भूमि है। यहां पर 2.15 लाख पौधे लगाए जाएंगे। इसी तरह 97 ऐसे स्थान हैं जहां पर 1 एकड़ से अधिक और 2 एकड़ से कम भूमि है वहां पर 5.50 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा। पौधरोपण की खासियत पौधरोपण के आश्रय स्थलों का चयन सिपरी सॉफ्टवेयर से किया जाएगा। साथ ही यदि सिपरी सॉफ्टवेयर पौधरोपण के लिए जगह को उपयुक्‍त नहीं बताता है तो उस स्थान पर पौधरोपण नहीं किया जाएगा। सॉफ्टवेयर से यह भी देखा जाएगा कि जिस जगह पर पौधरोपण किया जा रहा है उस जगह पर पानी का स्‍थायी स्रोत हो।     ऐसे स्‍थल जहां पर 2 एकड़ या अधिक भूमि उपलब्‍ध है, वहां पर सामान्य पद्धति से पौधरोपण का कार्य किया जाएगा।     2 एकड़ से कम एवं 1 एकड से अधिक भूमि उपलब्‍ध है वहां मियावाकी पद्धति से पौधरोपण किया जाएगा।     जहां पौधरोपण किया जाना है, वहां पौधों की सुरक्षा के लिए तार फेंसिंग की जाएगी।     14 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा गड्ढे की खुदाई और तार की फेंसिंग का कार्य मां नर्मदा परिक्रमा पथ के आश्रय स्‍थलों की भूमि पर पौधरोपण का कार्य शुरू होने से पहले गड्‌ढे की खुदाई, तार की फेंसिंग, सिपरी सॉफ्टवेयर द्वारा प्रस्तावित भूमि का स्थल निरीक्षण, भौतिक सत्यापन, तकनीकी व प्रशासकीय स्वीकृति जैसे कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। 15 जुलाई से पौधरोपण का कार्य शुरू होगा।  

एबी रोड को मिलेगा नया लुक, इंदौर में 90 करोड़ की लागत से होगा सौंदर्यीकरण

 इंदौर  इंदौर शहर से गुजरने वाला एबी रोड जल्द ही 60 मीटर चौड़ा होगा। नगर निगम ने इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है। चौड़ीकरण पर 90 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। सब कुछ योजनानुसार हुआ तो एक वर्ष में इंदौरियों को एबी रोड नए स्वरूप में नजर आने लगेगा। चौड़ीकरण में साइकिल ट्रेक और सर्विस लेन को शामिल किया जाएगा। बिजली के खंभों और स्टार्म वाटर लाइन को एक लाइन में लाया जाएगा। नगर निगम जल्द ही इस काम के लिए निविदाएं आमंत्रित करेगा। यातायात के बढ़ते दबाव के चलते एबी रोड चौड़ीकरण की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है। पिछले दिनों कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में एबी रोड को 60 मीटर चौड़ा करने पर सहमति बनी थी। इसके बाद नगर निगम ने इस संबंध में सर्वे करवाने के बाद डीपीआर तैयार कर ली है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अनुमान है कि एबी रोड चौड़ीकरण पर 90 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एबी रोड चौड़ीकरण की डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार सर्विस लेन और साइकिल ट्रेक को एबी रोड में शामिल करने की बात कही है। चौड़ीकरण के तहत बिजली के पोल, स्टार्म वाटर लाइन को एक लाइन में लाया जाएगा। स्मार्ट सिटी मद से होगा खर्च निगमायुक्त शिवम वर्मा के मुताबिक एबी रोड चौड़ीकरण पर आने वाला 90 करोड़ रुपये का खर्चा स्मार्ट सिटी मद से किया जाएगा। एबी रोड चौड़ीकरण के बाद यातायात में सुगमता होगी। जाम से मुक्ति मिलेगी। बीआरटीएस हटाने के बाद शुरू होगा काम कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम को बीआरटीएस भी हटाना है। इसके अलावा एबी रोड पर डिवाइडर बनाने और एबी रोड के चौड़ीकरण का काम भी होना है। इस काम को पूरा करने के लिए नगर निगम ने एक वर्ष का लक्ष्य निर्धारित किया है। जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर ने बताया कि बीआरटीएस तोड़ने वाली एजेंसी 14 जुलाई को तय हो जाएगी। अन्य मार्गों के मुकाबले आसान होगा एबी रोड का चौड़ीकरण शहर के अन्य मार्गों के मुकाबले नगर निगम के लिए एबी रोड का चौड़ीकरण आसान होगा, ऐसा इसलिए क्योंकि इस चौड़ीकरण के लिए नगर निगम को बीआरटीएस के अतिरिक्त दोनों ओर करीब 15-15 मीटर का हिस्सा लेना है। एलआईजी से नौलखा के बीच पुलिस अधिकारियों के बंगले, एमजीएम मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज, पीसी सेठी अस्पताल सहित ज्यादातर शासकीय इमारतें हैं। जो निजी भवन इस चौड़ीकरण की जद में आएंगे, वे भी पीछे हटकर बने हैं। ऐसी स्थिति में अधिकारियों का अनुमान है कि चौड़ीकरण के लिए बाधाएं हटाने में ज्यादा परेशानी नहीं आएगी।

लाड़ली बहना योजना की अगली किस्त का ऐलान, तय दिन पर मिलेंगे 1500 रुपये

भोपाल  मध्य प्रदेश की 1.27 करोड़ महिलाओं के लिए खुशखबरी है। लाडली बहना योजना की 26वीं किस्त की तारीख का ऐलान हो गया है। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव 12 जुलाई को खाते में 1500 रुपये ट्रांसफर करेंगे। इसके अलावा रक्षा बंधन के शगुन के तौर पर 250 रुपये भी खाते में आएंगे।कैबिनेट ने इस तोहफे के तौर पर 250 रुपये की अतिरिक्त राशि को भी मंजूरी दे दी है। राज्य के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने  कैबिनेट की बैठक से मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की 1.27 करोड़ महिलाओं को सीधा लाभ मिलेगा। मुख्‍यमंत्री उज्‍जैन से इस बार लाडली बहना योजना की 26वीं क‍िस्‍त ट्रांसफर करेंगे। लाडली बहना योजना जून 2023 में शुरू हुई थी। इसका उद्देश्य 21 से 60 वर्ष की विवाहित महिलाओं को सीधे वित्तीय सहायता देना है। शुरुआत में हर महीने 1,000 रुपये दिए जाते थे। रक्षा बंधन 2023 के दौरान इसे बढ़ाकर 1,250 रुपये कर दिया गया। इस नए बदलाव के साथ, राज्य महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। सीएम यादव ने योजना की 25वीं किस्त के रूप में लाभार्थियों के बैंक खातों में 2,080 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे। उन्होंने लाडली बहना योजना को एक परिवर्तनकारी पहल बताते हुए कहा था कि इस योजना के तहत शुरुआत से अब तक 28,000 करोड़ रुपये से ज्यादा ट्रांसफर किए जा चुके हैं। प‍िछले महीने मुख्‍यमंत्री ने लाडली बहना योजना की 25वीं क‍िस्‍त को 16 जून को ट्रांसफर क‍िया था। दिवाली से हर महीने 1500 रुपये मिलेंगे मुख्यमंत्री मोहन यादव घोषणा कर चुके हैं कि अक्टूबर से लाडली बहना योजना के तहत सभी लाभार्थी महिलाओं को 1500 रुपये दिए जाएंगे। यही नहीं इस राशि में हर साल बढ़ोतरी की जाएगी और 2028 से इसे बढ़ाकर 3000 रुपये हर महीने कर दिया जाएगा। हालांकि यह बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है, जब मध्य प्रदेश सरकार कर्ज में डूबी हुई है। लगातार तीसरे महीने लिया जाएगा कर्ज इस बीच मध्य प्रदेश सरकार लगातार तीसरे महीने कर्ज लेने जा रही है। मंगलवार को 4800 करोड़ रुपये का लोन लेने के लिए सरकार ने औपचारिकताएं पूरी कर दी हैं। पिछले महीने भी सरकार ने 4500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। राज्य पर पहले से ही 4,21,032 करोड़ का कर्ज हो चुका है।  

निवेश बढ़ाने की दिशा में कदम, मुख्यमंत्री डॉ. यादव करेंगे प्रमुख सेक्टरों के निवेशकों से मुलाकात

मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव-इंदौर मुख्यमंत्री डॉ. यादव करेंगे रियल एस्टेट, होटल इंडस्ट्री एवं टूरिज्म सेक्टर के निवेशकों से संवाद CM डॉ. यादव रियल एस्टेट, होटल और टूरिज्म सेक्टर के निवेशकों से करेंगे संवाद निवेश बढ़ाने की दिशा में कदम, मुख्यमंत्री डॉ. यादव करेंगे प्रमुख सेक्टरों के निवेशकों से मुलाकात रियल एस्टेट व टूरिज्म सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा, CM डॉ. यादव करेंगे निवेशकों से सीधा संवाद शहरी विकास के ब्लू प्रिंट पर होगा मंथन भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 11 जुलाई को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर, इंदौर में "मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव” में होटल इंडस्ट्री, पर्यटन, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों के निवेशकों से संवाद करेंगे। इस उच्चस्तरीय आयोजन में देशभर के संबंधित सेक्टर्स के निवेशकों, उ‌द्योगपतियों, कॉर्पोरेट प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। कॉन्क्लेव में देशभर से 1500 से अधिक उद्‌द्योगपति, रियल एस्टेट, होटल इंडस्ट्री और टूरिज्म सेक्टर से जुड़े प्रतिनिधि, निवेशक आदि शामिल होंगे। आयोजन के दौरान एक भव्य प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। आयोजन में क्रेडाई, होटल इंडस्ट्री, टूरिज्म, नगर निगम, आईडीए, स्मार्ट सिटी, मैट्रो, हुडको, एलआईसी, हाउसिंग बोर्ड आदि की व्यापक भागीदारी रहेगी। प्रदर्शनी में इनसे संबंधित योजनाएं व प्रोजेक्ट्स प्रदर्शित किए जाएंगे। यह कॉन्क्लेव प्रदेश में शहरी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। आयोजन से इंदौर और मध्यप्रदेश को निवेश का नया आयाम मिलेगा। निवेश और विकास के प्रमुख क्षेत्र प्रदेश में विकास और निवेश शहरी परिवहन (मेट्रो, ई-बस, मल्टीमॉडल हब), किफायती आवास, स्लम पुनर्विकास, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, जलापूर्ति, सीवेज नेटवर्क, झील संरक्षण, डिजिटलीकरण, ई-गवर्नेंस, भवन स्वीकृति प्रणाली और स्वच्छ ऊर्जा, हरित भवन, रिन्यूएबल इनफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है। निवेशक इन क्षेत्रों में निवेश कर भविष्य में होने वाले लाभ के सहभागी हो सकते हैं। हाउसिंग सेक्टर में बेहतर निवेश की संभावना प्रदेश में हाउसिंग सेक्टर में निवेश की अच्छी संभावना है। अफोर्डेबल हाउसिंग में 8 लाख 32 हजार से अधिक किफायती आवास तैयार किये जा चुके है। प्रदेश में 10 लाख नए आवास तैयार किये जा रहे है। इनमें 50 हजार करोड़ रूपये का निवेश होगा। रियल इस्टेट की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये प्रदेश में मानव संसाधन की गुणवत्तापूर्ण वर्क फोर्स उपलब्ध है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 6 हजार किलोमीटर सड़क, 80 प्रतिशत शहरी क्षेत्र में पाईपलाइन वॉटर सप्लाई कवरेज की सुविधा और शत् प्रतिशत शहरी क्षेत्र सीवरेज सिस्टम उपलब्ध है। नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय निकायों में 23 सेवाएं ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराई गई है। नगरीय निकायों में सेन्ट्रलाईज पोर्टल के माध्यम से मंजूरी दी जा रही है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी 17 हजार 230 योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ पर्यावरण के लिये 2 हजार 800 करोड़ और वॉटर फ्रंट से संबंधित डेव्हलपमेंट में 2 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में सुगम परिवहन व्यवस्था के विस्तार के लिये 21 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाएं संचालित हैं। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और पेट्रोलियम ईंधन के कार्बन फुट-फ्रंट रोकने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश के बड़े शहरों में 552 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू किया जा रहा है। प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी-2025 लागू की गई है।    

18 लाख एमएसएमई इकाइयों में 56 हजार करोड़ का निवेश, 94 लाख से अधिक लोगों को मिला रोजगार

विशेष समाचार मुख्यमंत्री के युवाओं को रोजगार संपन्न बनाने की घोषणा पर अमल एमएसएमई इकाइयों को प्रोत्साहित कर उपलब्ध कराई जा रही है सहायता : मंत्री  काश्यप 18 लाख एमएसएमई इकाइयों में 56 हजार करोड़ का निवेश, 94 लाख से अधिक लोगों को मिला रोजगार भोपाल  सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री चैतन्य कुमार काश्यप ने बताया कि प्रदेश में रोजगार सृजन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिये राज्य शासन द्वारा निरंतर प्रभावी पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के उद्योग और रोजगार वर्ष की घोषणा के अनुरूप विभाग लगातार एमएसएमई की स्थापना और रोजगार सृजन के लिए गंभीर प्रयास कर रहा है। केंद्र और राज्य की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से युवाओं, महिलाओं और स्व-सहायता समूहों को ऋण, अनुदान और तकनीकी सहायता प्रदान कर उन्हें स्वावलंबी बनाया जा रहा है। मंत्री श्री काश्यप ने बताया कि प्रदेश में 18 लाख पंजीकृत एमएसएमई इकाइयों द्वारा 56 हजार करोड़ रूपये से अधिक निवेश कर 94 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया गया है। इसी तरह 5,342 स्टार्टअप, 72 इनक्यूबेटर और 2,542 महिला स्टार्टअप्स के माध्यम से 54 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। वर्ष 2024-25 में मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत 10,352 युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया। मंत्री श्री काश्यप ने बताया कि रोजगार सृजन के इस सबसे सशक्त माध्यम को और प्रभावी बनाया गया है। एमएसएमई विकास नीति 2025, स्टार्टअप नीति 2025 और औद्योगिक भूमि आवंटन नियम 2025 के माध्यम से प्राथमिकता क्षेत्रों को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। स्टार्टअप नीति का लक्ष्य 10 हजार डीपीआईआईटी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को सहयोग प्रदान करना है। हाल ही में रतलाम में संपन्न हुई रीजनल इंडस्ट्री, स्किल एण्ड एम्प्लॉयमेंट कॉन्क्लेव इसका उदाहरण है, जहां वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रदेश में अभी तक लाभान्वित हुए 2.37 लाख से अधिक लोगों को जिन्हें लगभग 2400 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण बैंकों/वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से मिला है, उनकी उपलब्धि को प्रदर्शित किया गया। साथ ही विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं के तहत प्रदेश के 4 लाख से अधिक हितग्राहियों को 3861 करोड़ रूपये से अधिक का ऋण वितरित किया गया है। इसी तरह 880 एमएसएमई औद्योगिक इकाइयों को 269 करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई गई है। इन प्रयासों की अनेक सफल कहानियां भी नवउद्यमियों को प्रेरित कर रही है। राइस मिल के मालिक बने रवि को 53 लाख सब्सिडी पन्ना जिले के गांव गिरवारा निवासी रवि पाठक ने अर्चना राइस मिल नाम से अपना व्यवसाय आरंभ किया। इससे धान प्रसंस्करण के क्षेत्र में उन्हें विशिष्ट पहचान मिली है। रवि ने यह व्यवसाय एमएसएमई प्रोत्साहन योजना की सहायता से प्रारंभ किया। इसमें उन्होंने 133.83 लाख रूपये का निवेश किया, योजना के तहत उन्हें 53.53 लाख रूपये की सहायता मिली। इस योजना के लाभ से रवि का व्यवसाय बहुत अच्छा चल रहा है। 7 जरूरतमंद को रोजगार से जोड़ा इस व्यवसाय के शुरू होने से न सिर्फ रवि ने प्रगति की है बल्कि उन्होंने सात अन्य जरूरतमंद लोगों को रोजगार से जोड़ा है। रवि बताते हैं कि हमारी इकाई में गुणवत्ता का खास खयाल रखा जाता है जिससे कि ग्राहकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। इस पहल से वे आत्मनिर्भर हुए हैं साथ ही गांव के युवाओं को प्रेरणा भी मिली है। अब रवि गांव के अन्य लोगों को योजना की जानकारी दे रहे हैं और आवश्यकता पड़ने पर वे युवाओं को व्यवसाय प्रारंभ कराने में मदद भी कर रहे हैं। उद्यम क्रांति – 50 लाख का टर्नओवर धार जिले के धानमंडी निवासी राकेश गहलोत ने पेंट और हार्डवेयर शॉप प्रारंभ की और आज वे अपने परिवार को आर्थिक संबल प्रदान कर रहे हैं। राकेश ने बताया कि शॉप शुरू करने के लिए उन्होंने जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र से एमसएसएमई विभाग की मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना का लाभ लिया। इसमें उन्हें 25 लाख रूपये का ऋण स्वीकृत हुआ जिससे उन्हें रोजागार स्थापित करने में सहयेाग मिला। धीरे-धीरे व्यवसाय ने गति पकड़ ली। अब उनके व्यवसाय से लगभग 50 लाख रूपये प्रतिवर्ष टर्नओवर मिल रहा है। श्री राकेश बताते हैं, एक समय था जब मैं बहुत हताश हो चुका था। अपने साथियों को जीवन में आगे बढ़ते देख में भी चाहता था कि मेरा भी अच्छा रोजगार स्थापित हो जाए। परिवार की जरूरतें पूरी करना, बच्चों की पढ़ाई और उनके शौक पूरे करना चाहता था। मेरा एक ही उद्देश्य था कि सभी प्रकार की आर्थिक परेशानियों से परिवार को मुक्त करना। इसके बाद मैंने शासन की योजना की सहायता लेकर समस्याओं का समाधान किया। आज श्री गहलोत अपने क्षेत्र में 'आईकान' बन गए हैं। 

गुरु पूर्णिमा पर 50 हजार श्रद्धालुओं की संभावित भीड़, कुबेरेश्वर धाम के लिए बदले गए रूट

सीहोर   सीहोर में कुबेरेश्वर महादेव मंदिर पर गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया जा रहा है। गुरु पूर्णिमा के दिन 10 जुलाई को यहां 50 हजार से भी ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। अभी यहां शिवमहापुराण कथा चल रही है। चौथे दिन मंगलवार को करीब 25 हजार श्रद्धालु ने शिवमहापुराण की कथा का आनंद उठाया। गुरु पूर्णिमा के दिन भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन और पुलिस की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। कथा स्थल पर पुलिस कंट्रोल रूम बनाया। बनाया गया प्लान ए और प्लान बी ट्रैफिक इंचार्ज ब्रजमोहन धाकड़ ने बताया कि गुरु पूर्णिमा के दिन के लिए पुलिस ने दो प्लान बनाए हैं। हैवी वाहन भोपाल-इंदौर से डायवर्ट किए जाएंगे। यह सभी ब्यावरा होकर निकलेंगे। अब लोकल के लिए प्लान ए, यदि भीड़ कम रही तो हाइवे चालू रहेगा। प्लान बी, यदि भीड़ ज्यादा हुई तो भोपाल से आने वाले वाहन रिसोर्ट चौराहे से होकर इछावर रोड भाऊखेड़ी होते हुए अमलाहा निकलेगा। इंदौर की तरफ से आने वाले वाहन भी इसी रूट से निकलेंगे। पुलिस ने यह भी व्यवस्था रखी है कि ट्रैफिक ज्यादा नहीं हुआ तो हाइवे को वन-वे भी किया जा सकता है। 10 एकड़ क्षेत्र में ठहरने, कथा और भोजन की व्यवस्था महोत्सव के लिए 10 एकड़ क्षेत्र में विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। श्रद्धालुओं के ठहरने, कथा श्रवण और भोजन के लिए वाटरप्रूफ पंडाल बनाए गए हैं, जो धूप और बारिश से बचाव करेंगे। विट्ठलेश सेवा समिति के व्यवस्थापक समीर शुक्ला, पंडित विनय मिश्रा और मनोज दीक्षित निर्माण कार्य की देखरेख कर रहे हैं। हजारों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जानकारी के अनुसार, कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में शनिवार से शुरू हो रहे छह दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव में हजारों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। मंदिर परिसर में भव्य पंडालों का निर्माण किया गया है। लाइव प्रसारण होगा, श्रद्धालु गुरु दीक्षा लेंगे कथावाचक पंडित मिश्रा के मार्गदर्शन में होने वाले इस आयोजन का प्रसारण भी किया जाएगा, जिससे करोड़ों श्रद्धालु गुरु महिमा और ईश्वरीय आस्था के बारे में जान सकेंगे। कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालु गुरु दीक्षा भी प्राप्त करेंगे। केवल सनातन धर्म, बाकी सब मजहब शिवमहापुराण कथा के दौरान  कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि सनातन धर्म हमें एक नैतिक और आध्यात्मिक जीवन जीने का मार्ग दिखाता है, जो न केवल व्यक्तिगत कल्याण के लिए, बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए भी आवश्यक है। सनातन धर्म से लगाव होना चाहिए। पूरे विश्व में धर्म है तो केवल सनातन धर्म है, बाकी सब मजहब है। उन्होंने कहा कि शिव महापुराण कथा कहती है कि लगाव और विश्वास हमारे जीवन को सार्थक करता है। आपका लगाव किससे है और आपका विश्वास किस पर है, यह आप सुनिश्चित करते है। अगर आपका विश्वास भगवान शिव पर अटूट है तो आपकी संपूर्ण मनोकामनाएं पूर्ण होगी। हमें हमारे धर्म से लगाव होना चाहिए। सनातन धर्म के अनुसार, जीवन का उद्देश्य आत्मा और परमात्मा को समझना है। यह धर्म, परिवार और समाज के सभी चार पहलुओं को व्यक्ति के आध्यात्मिक पथ के महत्वपूर्ण भागों के रूप में मान्यता देता है। कथा के दौरान करीब 18 किलोमीटर दंडवत कर आने वाले श्रद्धालुओं का मंच पर बुलाकर सम्मान किया गया।

हर जिले की चयनित सोसाइटियों के लिए होगा ओरिएंटेशन प्रोग्राम: मंत्री सारंग

भोपाल  सहकारिता मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने हर जिले से पांच चयनित सोसाइटियों का ओरिएंटेशन प्रोग्राम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस प्रोग्राम के माध्यम से सोसाइटियों द्वारा किए गए नवाचार और उनकी विभाग से अपेक्षाओं को जानने को भी कहा है। मंत्री श्री सारंग बुधवार को मंत्रालय में सहकारिता विभाग की समीक्षा कर रहे थे। मंत्री श्री सारंग ने कहा है कि लगभग ढाई सौ सोसाइटियों का ओरिएंटेशन प्रोग्राम 50-50 के ग्रुप में करें। उन्होंने कहा कि यह ओरिएंटेशन प्रोग्राम दो दिवसीय हो ताकि उनकी हर एक समस्याओं का समाधान भी हो सके। माइक्रो एटीएम कार्ड का 100% वितरण हो मंत्री श्री सारंग ने माइक्रो एटीएम कार्ड रूपे कार्ड को एक माह के अंदर 100% वितरित करने को कहा है। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय की इस पहल को निचले स्तर तक पहुंचाने का भी कम करें। साथ ही नवाचार विंग को पुनर्गठित करें। चीता ब्रांड का 'लोगो' जल्द होगा लोकार्पित मंत्री श्री सारंग ने चीता ब्रांड का 'लोगो' जल्द फाइनल कर लोकार्पित करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने चीता ब्रांड के उत्पाद हितग्राही तक पहुंचाने के लिए एक चेन डेवलप करने को भी कहा। इसके लिए उन्होंने बिजनेस प्लान बनाकर प्रेजेंटेशन देने को भी कहा है और संभागवार समीक्षा बैठक आयोजित करने के भी निर्देश दिए। इस मौके पर प्रमुख सचिव श्री डीपी आहूजा, विपणन संघ प्रबंध संचालक श्री आलोक कुमार सिंह, आयुक्त एवं पंजीयक श्री मनोज पुष्प, अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक श्री मनोज गुप्ता, उप सचिव सुश्री शीला दाहिमा और मनोज सिन्हा उपस्थित थे।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ‘सदानीरा जल संसाधन बहती रहे जल की धारा’ पुस्तिका का किया विमोचन

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को मंत्रालय में जल संसाधन विभाग की "सदानीरा जल संसाधन बहती रहे जल की धारा" पुस्तिका का विमोचन किया। इस अवसर जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, पंचायत, ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल, एमएसएमई मंत्री श्री चेतन्य कुमार काश्यप भी उपस्थित थे। यह पुस्तिका प्रदेश में इस वर्ष जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए चलाए गए जल गंगा संवर्धन अभियान पर केन्द्रित है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अभियान की अभूतपूर्व सफलता पर सभी संबंधितों को बधाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी नदियां, तालाब और जलस्रोत जीवन का आधार हैं। इनके संरक्षण के लिए सरकार और समाज का यह संयुक्त प्रयास न केवल अनुकरणीय है, बल्कि यह मध्यप्रदेश को जल प्रबंधन में अग्रणी बनाएगा। जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के "कैच द रेन" संकल्प को मूर्त रूप देते हुए 'खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में' के सिद्धांत पर आधारित जल गंगा संवर्धन अभियान ने मध्यप्रदेश में जल संरक्षण को एक नई दिशा दी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के कुशल नेतृत्व में जल संसाधन विभाग द्वारा प्रदेश में 30 मार्च से 30 जून 2025 तक चलाए गए इस अभियान ने जल संरक्षण को एक जन-आंदोलन में परिवर्तित कर दिया। मंत्री श्री सिलावट ने बताया कि इस अभियान ने जल संरक्षण के प्रति जागरूकता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित किया। डिजिटल मानचित्रण, जलवायु अनुकूल संरचनाओं का विकास और वित्तीय-तकनीकी संसाधनों का समावेश भविष्य में जल प्रबंधन को और सुदृढ़ करेगा। "जल है जीवन का आधार" का संदेश जन-जन तक पहुंचा, जिससे जल संरचनाओं का प्रभावी रखरखाव और संरक्षण सुनिश्चित हुआ। श्री सिलावट ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान ने जल संसाधन विभाग के माध्यम से प्रदेश में जल प्रबंधन और कृषि विकास के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन की आधारशिला रखी। लघु और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं की पूर्णता, नहरों की व्यापक सफाई, तालाबों व जलाशयों का जीर्णोद्धार और जन सहभागिता आधारित पहलों ने जल संसाधनों की दक्षता और स्थिरता को नया आयाम दिया। यह अभियान न केवल मध्यप्रदेश के लिए गौरव का विषय है, बल्कि जल संरक्षण के क्षेत्र में देश के लिए एक प्रेरणा बन गया है। अभियान की उल्लेखनीय उपलब्धियां अभियान के अंतर्गत प्रदेश के सभी 55 जिलों में 2,444 में से 2,190 वृहद् जल संरचनाओं के कार्य पूर्ण किए गए, जिनमें तालाबों व जलाशयों का जीर्णोद्धार, नहरों की सफाई, अतिक्रमण मुक्ति और वृक्षारोपण जैसे कार्य युद्ध स्तर पर हुए। उज्जैन, इंदौर, चंबल-बेतवा, नर्मदापुरम, रीवा, सागर और वैनगंगा कछार जैसे क्षेत्रों में विशेष प्रगति दर्ज की गई। जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार कार्यों के अंतर्गत तालाबों, जलाशयों और नहरों की सफाई, पिचिंग, बोल्डर टो, पाल का पुनर्निर्माण, स्लूस गेट और घाटों की मरम्मत ने जल प्रवाह को निर्बाध बनाया। इन कार्यों ने जल संग्रहण क्षमता में वृद्धि, भूजल पुनर्भरण को प्रोत्साहन, मृदा क्षरण में कमी और जल संरचनाओं की दीर्घकालिक स्थायित्व को सुनिश्चित किया गया। अभियान के अंतर्गत नहरों की सफाई तथा नहरों को शासकीय संपत्ति के रूप में चिह्नित करने और किलोमीटर स्टोन स्थापित करने से जल प्रबंधन पारदर्शी और व्यवस्थित हुआ, जिससे अतिक्रमण हटा और अवैध जल उपयोग में कमी आई। ऐतिहासिक जल संरचनाओं के अंतर्गत 300 वर्ष पुरानी माता अहिल्या बावड़ी का जीर्णोद्धार, कनाडिया तालाब और रतनतलाई तालाब का सौंदर्गीकरण और टिगरिया गोगा बैराज का भूमिपूजन इत्यादि इस अभियान की सफलता के प्रतीक हैं। अभियान में जनसहभागिता से केरवा बांध की सफाई, विदिशा के जमवार तालाब में श्रमदान और रामनगर में बच्चों के साथ जल संरक्षण पर विचार-विमर्श जैसे कार्यों ने समुदाय में स्वामित्व और जिम्मेदारी की भावना को प्रबल किया।