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5163 करोड़ की लागत से होगा विद्युत ट्रांसमिशन सिस्टम का सुदृढ़ीकरण : ऊर्जा मंत्री तोमर

भोपाल  ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को निर्बाध एवं गुणवत्ता पूर्ण बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विद्युत ट्रांसमिशन सिस्टम का सुदृढ़ीकरण किया जायेगा। इसके लिए वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक की कार्य योजना बनायी गयी है। इस योजना के क्रियान्वयन पर 5 हजार 163 करोड़ रूपये का व्यय अनुमानित है। ट्रांसमिशन सिस्टम के सुदृढ़ीकरण के लिए निर्माण कार्यों और संरचनाओं के उन्नयन पर 1154 करोड़, सिंहस्थ-2028 के लिए जरूरी कार्यों के लिए 185 करोड़, नवीन अति उच्चदाव उप केन्द्रों के निर्माण पर 1015 करोड़, मुरैना संभागीय मुख्यालय एवं ग्वालियर शहर के उत्तरी भाग को अनवरत विद्युत आपूर्ति के लिए नवीन अति उच्चदाब लाइनों के निर्माण पर 54 करोड़, प्रदेश में विद्यमान अति उच्चदाव ट्रांसफार्मरों की क्षमता संवर्धन पर 1280 करोड़, आरडीएसएस योजना में वितरण कंपनियों के लिए 184 नग नवीन 33 के.व्ही. में निर्माण पर 81 करोड़, डबल पोल, फोर पोल लाइन को टॉवर लाइन में रूपांतरण पर 662 करोड़ अति उच्चदब टेप लाइनों के स्थान पर लाइनों का लूप-इन, लूप-आउट किया जाना एवं एकल स्त्रोत से प्रदायित उप केन्द्रों के लिए नई लाइनों के निर्माण पर 451 करोड़ और स्काडा प्रणाली के प्रतिस्थापन सहित अन्य कार्यों पर 281 करोड़ रूपये खर्च होंगे। 

प्राईवेट स्कूलों में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग हो : स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह

भोपाल  स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि माध्यमिक शिक्षा मण्डल से संबद्ध प्राईवेट स्कूलों में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और शिक्षा की गुणवत्ता के मूल्यांकन के लिये विश्वसनीय मॉनिटरिंग की व्यवस्था होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप आधुनिक कृषि के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों को कृषि संकाय को बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता है। उन स्कूलों में, जिनके पास दो एकड़ से अधिक भूमि है, वहां प्राथमिकता के साथ कृषि संकाय शुरू किये जा सकते है। स्कूल शिक्षा मंत्री मंगलवार को मंत्रालय में नई शिक्षा नीति 2020 की टास्क फोर्स समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने शिक्षकों की आकस्मिक मृत्यु पर परिजन को नौकरी देने की व्यवस्था में सुधार के लिए उपयुक्त सुझाव देने के लिए कहा। स्कूल शिक्षा मंत्री श्र‍ी सिंह ने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों को पढ़ाई की तैयारी करने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिये जाने की आवश्यकता है। यह काम पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर अलीराजपुर, बालाघाट, नरसिंहपुर और उज्जैन जिले में शुरू किये जाएं। प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं के पढ़ाने से बच्चे सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा के पूर्व कक्षाओं में पढ़ाई के लिये तैयार होकर जाएंगे। उन्होंने राज्य शैक्षणिक अनुसंधान केन्द्र (एससीईआरटी) को मजबूत किये जाने के लिए संचालक की अध्यक्षता में कमेटी गठन करने के निर्देश दिए। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के मूल्याकंन के लिए शिक्षाविदो के साथ आगामी 29 जुलाई को बैठक भी की जाए। इसी दिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2020 में नई शिक्षा 2020 की घोषणा की थी। उन्होंने नई शिक्षा नीति के अनुरूप विद्यालयों में त्रिभाषा फॉरमूला को सख्ती लागू करने के निर्देश दिये। बैठक में ई-अटेंडेस, "हमारे 'शिक्षक," डिजिटल प्लेटफार्म के क्रिन्यान्वन पर चर्चा की गई। मंत्री श्र‍ी सिंह ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिये ‍सबको इसकी परिधि में लाना चाहिए। आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती शिल्पा गुप्ता ने बताया कि बच्चों को परीक्षा की तैयारी के लिए स्कूल में रेमेडियल मॉडूयल भेजे गए थे। आयुक्त ने बताया कि इस शैक्षणिक सत्र में सरकारी स्कूलों में लगभग शत प्रतिशत पाठ्य पुस्तके पहुँचा दी गई थीं। टास्क फोर्स के सदस्यों ने स्कूलों और पालकों को मातृभाषा के महत्व को समझाने, पालकों की नियमित बैठक, नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के संबंध उपयोगी सुझाव दिए। बैठक में टास्क फोर्स समिति के सदस्यों में प्रमुख रूप से श्री अशोक कंडेल, डॉ. राम भावसार एवं अन्य सदस्यगण मौजूद थे। 

आकाशीय बिजली से संभावित दुर्घटनाओं से स्वयं को बचायें, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी

भोपाल  आकाशीय बिजली यानि वज्रपात से बचाव के लिए स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जन समुदाय के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आम-जन इन निर्देशों को अपनाकर आकाशीय बिजली से सुरक्षा और बचाव किया जा सकता है। आकाशीय बिजली या वज्रपात से आउटडोर यथा बाहरी गतिविधियों में शामिल लोग जैसे खेतों, औद्योगिक स्थानों, निर्माण और सामग्री हैंडलिंग वाले स्थलों पर काम करने वाले लोग सर्वाधिक संवेदनशील होते हैं। आकाशीय बिजली किसी भी समय गिर सकती है और यह मानसून के पहले जून-जुलाई में अधिक होती है। दोपहर और सायंकाल के बीच वज्रपात की घटनाएं सर्वाधिक देखी जाती हैं। जारी निर्देश में कहा गया है कि ऊंची नुकीली संरचनाओं, पेड़ों पर आकाशीय बिजली गिरने की अधिक संभावना होती है। ऐसे स्थानों से दूर रहने की सलाह दी गई है। धातु का मचान, धातु के उपकरण, पानी के पाइप या प्लम्बिंग, बिजली का संचालन करने वाली सामग्री अथवा सतहों के संपर्क से बचें। ऊंची अधोसंरचनाएं, पहाड़ी टेकरी, बिजली के खंभे, टेलीफोन के खंभे, ऊंचा पेड़, छत, मचान, धातु की सीढ़ी, बड़े मशीन जैसे बुलडोजर, क्रेन और ट्रैक्टर जैसे वाहनों से दूर रहें। विस्फोट संभावित क्षेत्रों तथा उद्योग स्थलों से तत्काल सुरक्षित स्थल की ओर प्रस्थान करें। धातु युक्त वाहनों से विद्युत प्रवाह संभावित होने के कारण तुरंत सुरक्षित स्थलों की ओर जाएं। सड़क पर होने पर तुरंत किसी भवन के अंदर शरण लें। आकाशीय बिजली के गर्जन सुनाई देने के बाद कम से कम 30 मिनट तक सुरक्षित स्थान पर बने रहें। घर और कार्यस्थल पर सुरक्षात्मक उपाय अपनाये बिजली एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के संपर्क से दूरी बनाए रखें। इन्हें पावर प्लग से पृथक करें। बिजली का प्रवाह किसी भी दीवार, फर्श, इलेक्ट्रिकल सिस्टम, रेडियो और टेलीविजन रिसेप्शन सिस्टम तारों के माध्यम से हो सकता है। घर, कार्यालय में अर्थिंग सुनिश्चित करें। खुले हुए खिड़की, दरवाजे, धातु के पाइप इत्यादि के पास खड़े नहीं रहें। पानी के धातु पाइप से बिजली प्रवाहित हो सकती है। प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों के लिए विशेष कार्य योजना तैयार करने के निर्देश भी दिये गये हैं। विभाग द्वारा चिकित्सकीय सेवाओं के प्रदाय के लिए आवश्यक तैयारियाँ सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये हैं। पर्याप्त संख्या में औषधियाँ, सामग्री और पैरामेडिकल स्टॉफ का उन्मुखीकरण सुनिश्चित करने को कहा गया है। सभी शासकीय चिकित्सालयों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ताओं, ए.एन.एम./सी.एच.ओ. के पास जीवन रक्षक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित हो। बहु-उद्देशीय कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं एवं आशा पर्यवेक्षकों को स्थानीय स्तर पर आपात सेवा स्थापित करने के लिए तैयार रखा जाये। शासकीय अमले की सहायता के लिये स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों व पैरामेडिकल स्टॉफ को चिन्हित कर आपात स्थिति में उनकी सेवाएं प्राप्त करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएं।  

समृद्ध और विकसित शहर बनेंगे प्रदेश के समावेशी विकास की आधारशिलाः मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप मध्यप्रदेश के शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित हो रहा है। इससे बढ़ती नगरीय जनसंख्या की आवश्यकताओं की पूर्ति होगी। समृद्ध और विकसित शहर, प्रदेश के समावेशी विकास की आधारशिला बनेंगे। इसे साकार करने के लिए मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। 'नेक्स्ट होराइजन: बिल्डिंग सिटीज ऑफ टुमॉरो' थीम पर केन्द्रित कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश के शहरी विकास और निवेश पर देश की रियल एस्टेट सेक्टर के दिग्गज विकसित मध्यप्रदेश@2047 के लिए शहरी विकास के ब्लूप्रिंट पर चर्चा करेंगे। कॉन्क्लेव का आयोजन 11 जुलाई को इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में किया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में विकास की प्रगति मध्यप्रदेश में शहरी अर्थव्यवस्था तेजी से विकसित हो रही है। प्रदेश में 4 शहर ऐसे हैं जिनकी जनसंख्या 10 लाख से अधिक है। साथ ही केन्द्र की स्मार्ट सिटी परियोजना में 7 शहर शामिल हैं। शहरी क्षेत्रों में अधो-संरचाना विकास के संबंधित 72 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इसी के साथ करीब 88 हजार करोड़ रुपये की शहरी क्षेत्र से जुड़ी विकास योजनाएं प्रस्तावित है। मध्यप्रदेश ने स्वच्छता के लिये देश में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। इंदौर देश में पिछले 7 वर्षों से स्वच्छतम शहरों की श्रेणी में पहले नम्बर पर रहा है। भोपाल को देश की दूसरे नंबर की स्वच्छतम राजधानी बनने का गौरव हासिल किया है। प्रदेश के बजट में शहरी क्षेत्र के विकास के लिए 15 हजार 780 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष का प्रावधान किया गया है। प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में शहरी क्षेत्र का योगदान 35.55 प्रतिशत है। शहरी क्षेत्रों में संचालित केन्द्र की फ्लैग शिप योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रदेश सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों शामिल है। नगरीय विकास से जुड़ी योजनाओं की गति तेज बनाए रखने के लिए सिंगल-विंडो सिस्टम की प्रशासनिक व्यवस्था की गई है। हाउसिंग सेक्टर में बेहतर निवेश की संभावना प्रदेश में हाउसिंग सेक्टर में निवेश की अच्छी संभावना है। अफोर्डेबल हाउसिंग में 8 लाख 32 हजार से अधिक किफायती आवास तैयार किये जा चुके है। प्रदेश में 10 लाख नए आवास तैयार किये जा रहे है। इनमें 50 हजार करोड़ रूपये का निवेश होगा। रियल एस्टेट की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये प्रदेश में मानव संसाधन की गुणवत्तापूर्ण वर्क फोर्स उपलब्ध है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 6 हजार किलोमीटर सड़क, 80 प्रतिशत शहरी क्षेत्र में पाईपलाइन वॉटर सप्लाई कवरेज की सुविधा और शत् प्रतिशत शहरी क्षेत्र सीवरेज सिस्टम उपलब्ध है। नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय निकायों में 23 सेवाएं ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराई गई है। नगरीय निकायों में सेन्ट्रलाईज पोर्टल के माध्यम से मंजूरी दी जा रही है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी योजनाओं पर 17 हजार 230 योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ पर्यावरण के लिये 2 हजार 800 करोड़ और वॉटर फ्रंट से संबंधित डेव्हलपमेंट में 2 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में सुगम परिवहन व्यवस्था के विस्तार के लिये 21 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाएं संचालित हैं। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और पेट्रोलियम ईंधन के कार्बन फुट-फ्रंट रोकने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश के बड़े शहरों में 552 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू किया जा रहा है। प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी-2025 लागू की गई है। 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालय महापरिषद की बैठक में दिए निर्देश

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में साइबर और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर केंद्रित पाठ्यक्रम आरंभ किए जाएं: मुख्यमंत्री डॉ. यादव एक वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम आरंभ होंगे: मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालय महापरिषद की बैठक में दिए निर्देश भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार साइबर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर केंद्रित पाठ्यक्रम आरंभ किए जाएं साथ ही विश्वविद्यालय, मीडिया के क्षेत्र में एडवांस्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट के रूप में अपनी पहचान बनाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य शासन द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं के संप्रेषण और उनकी प्रभावशीलता के सर्वेक्षण संबंधी गतिविधियां भी विश्वविद्यालय में आरंभ करने की आवश्यकता बताई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में विश्वविद्यालय की महापरिषद की बैठक में यह निर्देश दिए। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, इंदौर सांसद शंकर लालवानी, विश्वविद्यालय के कुलगुरू विजय मनोहर तिवारी, अपर मुख्य सचिव वित्त मनीष रस्तोगी, सचिव एवं आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. सुदाम खाड़े सहित महापरिषद के सदस्यगण उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालय के रीवा और खंडवा परिसरों में रोजगार परक पाठ्यक्रम संचालित करने संबंधी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत एक वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम आरंभ करने को स्वीकृति प्रदान की गई। स्वीकृति के बाद एम.ए. (जर्नलिज्म एंड क्रिएटिव एंड राइटिंग), एम.ए. (मास कम्युनिकेशन), एम.ए.( एडवरटाइजिंग एंड पब्लिक रिलेशंस), एम.एससी (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) और एम.एसी.ए. के एक वर्षीय पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय द्वारा संचालित किए जाएंगे। बैठक में विश्वविद्यालय के पी.एचडी. अधिनियम को यू.जी.सी. पीएचडी अधिनियम 2022 के अनुसार अद्यतन कर इस आधार पर पी. एचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया आरंभ करने की स्वीकृति भी प्रदान की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रीवा परिसर के सभागार का नाम लाल बलदेव सिंह सभागार रखने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की। महापरिषद ने वित्त विभाग के 14 अगस्त 2023 के आदेश अनुसार चतुर्थ समयमान उच्चतर वेतन मान को विश्वविद्यालय में लागू करने के प्रस्ताव को स्वीकृत किया। विश्वविद्यालय में फेस डिटेक्शन मशीन के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था पर भी सहमति प्रदान की गई। विश्वविद्यालय के नवीन मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग में अध्ययनरत विद्यार्थियों को प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग विषय का व्यवसायिक प्रशिक्षण देने के लिए प्रिंटिंग प्रेस व लैब तथा पैकेजिंग लैब की स्थापना का प्रस्ताव भी स्वीकृत हुआ। बैठक में अन्य कार्यालयीन तथा प्रबंधकीय विषयों पर भी निर्णय लिए गए।  

ट्रांजिट हाउस, फ़्लोटिंग प्लेटफ़ॉर्म और अत्याधुनिक केवट प्रशिक्षण संस्थान बनेगा- : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मछुआरों की सुरक्षा और समृद्धि सरकार की प्राथमिकता: मुख्यमंत्री डॉ. यादव मछुआरों की सुरक्षा निगरानी के लिये हाईटेक ड्रोन और जीपीएस प्रणाली: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ट्रांजिट हाउस, फ़्लोटिंग प्लेटफ़ॉर्म और अत्याधुनिक केवट प्रशिक्षण संस्थान बनेगा- : मुख्यमंत्री डॉ. यादव भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मछुआरों की सुरक्षा और समृद्धि सरकार की प्राथमिकता है। उनकी सुरक्षा की दिशा में जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में कंट्रोल कमांड सेंटर और ट्रांजिट हाउस जैसी पहल की जा रही हैं। राज्य के बड़े जलाशयों में मछुआरों की सुरक्षा और मत्स्य बीज संचयन की निगरानी के लिये आधुनिक तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। मध्यप्रदेश मत्स्य महासंघ द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तहत देश के सबसे बड़े जलाशयों में शामिल इंदिरा सागर में ड्रोन, जीपीएस और सीसीटीवी युक्त आधुनिक कमांड कंट्रोल रूम की स्थापना की जा रही है। आपात स्थिति में इस प्रणाली से मछुआरों को शीघ्र सहायता पहुंचाई जा सकेगी। ये पहल ब्रीडिंग ग्राउंड के चिन्हांकन के साथ मत्स्य आखेट पर निगरानी को और ज़्यादा आसान, सुलभ और प्रभावशाली बनाएगी। कमांड कंट्रोल रूम की मदद से मुख्यालय स्तर से ही 24X7 निगरानी संभव हो सकेगी। ड्रोन के माध्यम से जल क्षेत्र की लाइव मॉनिटरिंग और जीपीएस सिस्टम से नावों की ट्रैकिंग की जा सकेगी और आपात स्थिति में मछुआरों को तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी। मछुआरों के लिए बनेंगे ट्रांजिट हाउस और फ़्लोटिंग प्लेटफ़ॉर्म मत्स्य महासंघ के जलाशयों में कार्यरत मछुआरों को कई बार 15 दिन से लेकर एक महीने तक खुले टापुओं या जलाशय के किनारों पर अपनी नावों में रात्रि विश्राम करना पड़ता है। वर्षा ऋतु में टापुओं का जलस्तर बढ़ जाता है, ऐसे में मछुआरों को जलीय जीव-जंतुओं से जान-माल की हानि की आशंका बनी रहती है। मछुआरों को इससे बचाने के लिए महासंघ ने गांधी सागर और इंदिरा सागर के टापुओं पर 5 ट्रांजिट हाउस और जल के मध्य 2 फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। मछुआरों के लिए इसमें आपातकालीन स्थिति में भोजन निर्माण, सोलर मोबाइल चार्जिंग और बायो टॉयलेट जैसी सुविधाएं मिलेंगी। राज्य सरकार की यह पहल मछुआरों की सुरक्षा और सुविधा को बेहतर बनाएगी, साथ ही जल आधारित संसाधनों के टिकाऊ प्रबंधन और मत्स्य उत्पादन की वृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। आधुनिक तकनीक के समावेश से अब राज्य में मत्स्याखेट और मछलीपालन नए आयाम स्थापित करने की दिशा में अग्रसर हैं। भोपाल में बनेगा आधुनिक केवट प्रशिक्षण संस्थान राज्य में मॉडर्न एक्वाकल्चर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक अहम पहल की जा रही है। केन्द्र सरकार की फिशरीज इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट फंड योजना के तहत भोपाल में 5 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक केवट प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जा रही है। इस संस्थान में केज कल्चर, बायोफ्लॉक, रिसर्कुलेटरी एक्वा कल्चर सिस्टम, मछलियों की हाइजेनिक हैंडलिंग, फिश प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और वैल्यूएडिशन जैसे विषयों पर मछुआ समुदाय को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। मछुआरों को इससे वैश्विक मानकों के अनुरूप मछली पालन तकनीक की जानकारी और व्यावसायिक दक्षता प्राप्त होगी।  

मंत्री विश्वास सारंग ने कहा- अगर कांग्रेस को प्रदर्शन करना है तो चुपचाप करे, वे यह नाटक नौटंकी क्यों कर रहे हैं?

भोपाल मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को प्रदर्शन करना है तो चुपचाप करे, वे यह नाटक नौटंकी क्यों कर रहे हैं? मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर अशोकनगर के मुंगावली थाने में एक व्यक्ति को गलतबयानी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। इस मामले का जिक्र करते हुए विश्वास सारंग ने कहा, “कांग्रेस चोरी और फिर सीनाजोरी की कहावत को सही साबित कर रही है। एक तरफ उन्होंने अपनी राजनीति को चमकाने के लिए संविधान का माखौल उठाया और दूसरी तरफ उन्होंने एक भोले-भाले व्यक्ति का अपमान किया। उसने खुद कहा है कि उसे बाइक का लालच देकर इस तरह की बयानबाजी कराई गई।” उन्होंने कहा, “जीतू पटवारी ने उस व्यक्ति के मान का हनन किया और अब वे इस मुद्दे को लेकर शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर वे संविधान के पालन की बात करते हैं तो उन्हें चुपचाप जाकर गिरफ्तारी देनी चाहिए। मैं पूछता हूं कि वे यह नौटंकी क्यों कर रहे हैं? उन्हें सार्वजनिक रूप से उस व्यक्ति से माफी मांगनी चाहिए, जिसके मान को ठेस पहुंचाई गई। इससे बड़ा अपमान उसका नहीं हो सकता है।” मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस के सरकार में आने के दावे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “वे कहते हैं कि कुछ दिनों बाद हमारी सरकार आ जाएगी और यही दावा कमलनाथ ने भी किया था, लेकिन वे दहाई में रह गए। मैं इतना ही कहूंगा कि अगर वे (कांग्रेस) इस तरह के दावे करेंगे तो इकाई में पहुंच जाएंगे। जनता इस तरह की दादागिरी और बदमाशी को स्वीकार नहीं करेगी।” इससे पहले, मध्य प्रदेश प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एफआईआर दर्ज होने पर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा, “मुद्दा मेरे या हमारे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर का नहीं है। मुद्दा एक पीड़ित व्यक्ति का है। उसने 50 जगह शिकायत की, अलग-अलग वीडियो दिए और 300 किलोमीटर पैदल चलकर न्याय मांगने के बावजूद मेरे पास पहुंचा। मैंने विपक्ष के तौर पर अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाया। सरकार को इस व्यक्ति का दर्द समझना चाहिए था और अपराधी, आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी। लेकिन क्योंकि आरोपी एक विधायक का रिश्तेदार, परिवार का सदस्य और सत्ताधारी पार्टी का कार्यकर्ता था, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बजाय, जिसने दर्द सुना, उसके खिलाफ कार्रवाई की गई। उन्होंने मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की।” मध्य प्रदेश सरकार जेल भेजेगी, तो जाएंगे : जीतू पटवारी कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार को अशोकनगर में गिरफ्तारी देने जा रहे हैं और उन्होंने ऐलान किया है कि अगर सरकार उन्हें जेल भेजेगी तो वह जेल जाने को तैयार हैं। पिछले दिनों कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ अशोकनगर के मुंगावली में प्रकरण दर्ज किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक व्यक्ति को बरगला कर और प्रलोभन देकर गलत बयानी कराई। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक विद्वेष करार देते हुए विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। उसी क्रम में मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष सहित कांग्रेस के तमाम नेता गिरफ्तारी देने अशोकनगर जा रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटवारी ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि एक व्यक्ति जिसे मानव मल खिलाया गया था, उसने कई जगह शिकायत की मगर प्रशासन और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। मजबूरन वह व्यक्ति मुलाकात करने अशोकनगर से ओरछा पहुंचा और उसने हकीकत बयान की। बाद में प्रशासन ने उस पर दबाव डालकर एक शपथ पत्र ले लिया और प्रकरण दर्ज कर लिया। यह पूरी तरह अवैधानिक है और कांग्रेस लगातार पीड़ितों की लड़ाई लड़ती रही है, लड़ती रहेगी और अब गिरफ्तारी भी हम देने जा रहे हैं। अगर पुलिस प्रशासन जेल भेजता है, तो जेल जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटवारी का कहना है आज सभी कांग्रेस नेता अशोकनगर आम जनता की लड़ाई लड़ने जा रहे है, जनता ने हमे विपक्ष का दायित्व दिया है। उनकी समस्याएं को लेकर हम लगातार लड़ते है, जो वादे जनता से भाजपा ने चुनाव में किए है उन्हें पूरा कराने के लिए सरकार से लगातार मांग करते हैं। हम विपक्ष की सकारात्मक भूमिका निभा रहे है। हमारी आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है, सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होने प्रशासन द्वारा प्रदर्शन को लेकर उठाए गए कदमों पर कहा, “जिस नियम के तहत अनुमति दी है उसी हिसाब से प्रदर्शन करेंगे। अगर हमें जेल में डालना है तो सरकार हमें जेल में डाल दे।” मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर विधानसभा में विधेयक लाने का वादा किया है, जिसका जिक्र करते हुए पटवारी ने कहा कि ओबीसी आरक्षण पर मुख्यमंत्री का बयान बेहद गलत है। सरकार ओबीसी के युवाओं के साथ अन्याय कर रही है। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हम नए नियम बना रहे हैं, जबकि नियम बने हुए हैं। अगर उसमें सुधार करना है तो करो, पर देखने में आ रहा है कि सरकार कोर्ट में वकील खड़े करके ओबीसी आरक्षण लागू नहीं करना चाहती है।   

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा वर्ष 2003 में प्रदेश में केवल 5 शासकीय मेडिकल कॉलेज थे, आज यह संख्या बढ़कर 17 हो गई

मध्यप्रदेश देश के सबसे तेज़ गति से विकास करने वाले राज्यों में अग्रणी: उप मुख्यमंत्री शुक्ल उप मुख्यमंत्री शुक्ल एमपी तक ‘बैठक’ कार्यक्रम में हुए शामिल उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा वर्ष 2003 में प्रदेश में केवल 5 शासकीय मेडिकल कॉलेज थे, आज यह संख्या बढ़कर 17 हो गई  भोपाल  उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य अधोसंरचना के विस्तार को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में प्रदेश में केवल 5 शासकीय मेडिकल कॉलेज थे। आज यह संख्या बढ़कर 17 हो गई है। इस वर्ष दो और मेडिकल कॉलेज शुरू हो रहे हैं और आगामी वर्ष में छह नए कॉलेजों की शुरुआत प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निजी स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में निवेश को भी प्रोत्साहित कर रही है, जिससे चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं दोनों स्तरों पर सशक्त हो सकें। सरकार का लक्ष्य है कि हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण उपचार सुलभ हो और इसके लिए हर संभव संसाधन पर कार्य किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल भोपाल के एक निजी होटल में एमपी तक के विशेष कार्यक्रम "बैठक" में शामिल हुए। उन्होंने प्रदेश के विकास, स्वास्थ्य व्यवस्था के सशक्तीकरण, विंध्य क्षेत्र के विकास और अन्य समसामयिक विषयों पर विस्तार से संवाद किया। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश देश के सबसे तेज़ गति से विकास करने वाले राज्यों में शुमार है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट, रीजनल कॉन्क्लेव से प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों की संभावनाओं और निवेश के अवसरों को रेखांकित किया जा रहा है। इससे स्वास्थ्य, उद्योग, पर्यटन, शिक्षा, और अधोसंरचना जैसे क्षेत्रों में पूरे प्रदेश में व्यापक और समग्र विकास हो रहा है। टेलीमेडिसिन से गांवों तक पहुँच रही विशेषज्ञ सेवा उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों में टेलीमेडिसिन के माध्यम से विशेषज्ञों की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को फर्स्ट रेफरल यूनिट के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को जिला अस्पताल तक बार-बार न जाना पड़े और उन्हें वहीं इलाज मिल जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक तीनों स्तरों की स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत तकनीकों और आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित करने की दिशा में तेज़ी से कार्य किया है। अंगदान-देहदान को किया जा रहा है प्रोत्साहित उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एयर एम्बुलेंस सेवा का संचालन किया गया है। यह मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की संवेदनशील पहल है। इसके अलावा उन्होंने अंगदान और देहदान की समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अंगदाताओं और देहदाताओं को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ देकर श्रद्धांजलि दी जाएगी और परिजन को स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर सम्मानित भी किया जाएगा। यह एक मानवीय पहल है जो समाज में सेवा की भावना को बढ़ाएगी। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि विंध्य क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हो रहा है। विंध्य क्षेत्र में प्राकृतिक क्षमता और अपार संभावनाएं रही हैं। राजनीतिक इच्छाशक्ति से संसाधनों को सुदृढ़ करने और समुचित उपयोग से क्षेत्र का तेज गति से विकास हुआ है। विंध्य क्षेत्र में चिकित्सा, शिक्षा, पर्यटन, उद्योग और अधोसंरचना सभी क्षेत्रों में सशक्त प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में विंध्य क्षेत्र भारत के विकसित क्षेत्रों में अग्रणी हो, इसके लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं।  

मंत्री पटेल ने जल गंगा संवर्धन अभियान में श्रेष्ठ कार्य करने के लिये विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की सराहना की

भोपाल  राज्य रोजगार गारंटी परिषद में काम करने वाले संविदा कर्मियों में से किसी की भी आकस्मिक मौत होती है या कोई दुर्घटना में घायल हुए तो उनके परिजनों को सरकार आर्थिक मदद देगी। मनरेगा में कामों की स्थिति का सटीक आंकलन करने, पारदर्शिता लाने और कामों में तेजी लाने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जाएगा। इन विषयों पर मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने राज्य रोजगार गारंटी परिषद की कार्यकारिणी समिति की बैठक में सहमति दे दी है। अधिकारी-कर्मचारियों की करी सराहना मनरेगा के अमले के लिए बीमा लाभ, वित्तीय एवं प्रशासकीय अधिकारों का प्रत्यायोजन, जीआरएस के रिक्त पदों की पूर्ति, संविदा अधिकारी-कर्मचारी और जीआरएस की विदेश यात्रा संबंधित प्रकरणों आदि विषयों की समीक्षा की। इतना ही नहीं मंत्री श्री पटेल ने जल गंगा संवर्धन अभियान में श्रेष्ठ कार्य करने के लिये विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की सराहना की।  न्होंने कहा कि जल स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन कार्य हमें सतत् जारी रखना है। भविष्य में पौधरोपण एवं उनके संरक्षण के लिये कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाये। 15 अगस्त से लागू होगी योजना मंत्री श्री पटेल ने कहा कि वैज्ञानिक तकनीकों से पौधरोपण एवं संरक्षण के लिये 'मां की बगिया' योजना 15 अगस्त से लागू की जा रही है। यह योजना ग्रामीण महिलाओं के स्वावलंबन में महत्वपूर्ण कारक बनेगी। 15 जुलाई से 15 अगस्त तक चिन्हित शासकीय भूमि पर एवं 15 अगस्त से 15 सितंबर पर निजी भूमि पर सघन पौधरोपण किया जायेगा। उन्होंने 'जल गंगा संवर्धन' अभियान में सिपरी सॉफ्टवेयर जैसी तकनीकों का उपयोग करने की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हमारे यह प्रयास निश्चित ही आने वाली पीढ़ियों की जल आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होंगे।

नरसिंहपुर जिले में लगातार बारिश, जिला कलेक्टर ने सभी स्कूलों में 8 और 9 जुलाई की छुट्टी की घोषित

नरसिंहपुर  प्रदेश में बारिश जोर पकड़ चुकी है। जहां किसानों और पर्यटकों को राहत मिली है, तो वहीं जनजीवन अस्त-व्यस्त होने लगा है। कहीं रेलवे ट्रैक बह गया तो कहीं स्कूल के रास्ते जलमग्र हो गए। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के लिए प्रदेश में अति भारी बरसात का अलर्ट जारी किया। एमपी में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है जिससे कारण गरज चमक और तेज आंधी- तूफान के साथ जोरदार बारिश की संभावना है। आईएमडी ने 4 जुलाई को 7 और 5 जुलाई को 14 जिलों में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से तबाही मची हुई है। हालांकि, प्रदेश के किसानों और यहां आने वाले पर्यटकों को राहत मिली है, तो वहीं जनजीवन अस्त-व्यस्त होने लगा है। कहीं रेलवे ट्रैक बह गया तो कहीं, स्कूल के रास्ते जलमग्न हो गए। बह गया रेलवे ट्रैक, भाजपा नेता की शिकायत मुरैना के कैलारस कस्बे से होकर जा रहे ग्वालियर श्योपुर ब्रॉडगेज रेलवे ट्रैक की मिट्टी पिछले दिनों तेज बारिश से बह गई, जिससे ट्रैक में दरारें आने लगीं। वहीं रेलवे ट्रैक का पानी आसपास बस्तियों में भर गया, जिससे स्थानीय लोगों को जलभराव की मुश्किलों से जूझना पड़ रहा है। भाजपा नेता राजेंद शुक्ला ने झांसी रेल मंडल के डीआरएम से शिकायत की तो डिप्टी इंजीनियर अपनी टीम के साथ गुरुवार को कैलारस आए। उन्होंने निरीक्षण कर सुधार का आश्वासन दिया। बारिश के कारण अंगूरी नदी का जलस्तर बढ़ गया है, इस वजह से नरेटा गांव के स्कूल जाने वाले 70 बच्चों के स्कूल तक पहुंचने में बाधा उत्पन्न हो रही है। दतिया ब्लॉक के नरेटा गांव के 70 बच्चे भांडेर तहसील के तगा ग्राम के पीएमश्री स्कूल में पढ़ते है। दरअसल गांव और स्कूल के बीच नदी पर पुल या रपटा नहीं है, इस वजह से बच्चों को नदी पार करके स्कूल जाना पड़ता है। नदी पर पुल बनाने की मांग लंबे समय से हो रही है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नदी पर पुल बनाए जाने को लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल को पत्र लिखा है। नदी को पार कर कर स्कूल पहुंचने में बच्चों को मात्र एक किमी की दूरी तय करनी पड़ती है, जबकि दूसरे रास्ते से होकर जाने में बच्चों को सात से आठ किमी चलना पड़ता है। यह रास्ता हाईवे से होकर जाता है, जिससे बच्चों के अभिभावक परहेज करते हैं।