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प्रबंध संचालक ने भोपाल शहर की विद्युत व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर दिए जरूरी निर्देश

भोपाल  मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने भोपाल शहर अंतर्गत विद्युत संबंधी प्रबंध संचालक श्री क्षितिज सिंघल ने मंगलवार को राजधानी भोपाल के साकेत नगर तथा बरखेड़ा पठानी क्षेत्रों में निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने उपभोक्ता हितों में किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली तथा रखरखाव कार्य को समय पर करने के निर्देश दिए। प्रबंध संचालक श्री सिंघल ने विद्युत हानि कम करने तथा बारिश के दौरान होने वाले विद्युत व्यवधान को लेकर अधिकारियों से चर्चा की तथा उपभोक्ताओं की शिकायतों का त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने उपभोक्ताओं की सुविधा को देखते हुए फ्यूज ऑफ कॉल (विद्युत अवरोध को दूर करना) समय पर अटेण्ड करने के निर्देश दिए हैं। प्रबंध संचालक ने कहा है कि कंपनी के समस्त मैदानी अधिकारी अथवा कार्मिक अपने मोबाईल फोन को 24 घंटे चालू रखें और उपभोक्ताओं के आने वाले फोन अटेंड करें। बिजली उपभोक्ताओं को किसी तरह की परेशानी न हो। प्रबंध संचालक ने कॉल सेन्टर 1912, व्हाट्सएप चैटबोट तथा स्थानीय वाट्सएप ग्रुप एवं अन्य माध्यम से प्राप्त होने वाली विद्युत संबंधी शिकायतों का तत्काल समाधान करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर के फायदे बताते हुए उनकी शंकाओं का समाधान करने के भी  निर्देश दिए।  

आयुक्त जनसम्पर्क ने संचालनालय में किया पौध-रोपण

भोपाल  आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. सुदाम खाड़े ने मंगलवार को जनसम्पर्क संचालनालय परिसर में 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत पौधरोपण किया। उन्होंने अशोक और गुलमोहर का पौधा लगाया। इस अवसर पर जनसम्पर्क के स्टाफ ने आयुक्त जनसम्पर्क को उनके जन्मदिवस के अवसर पर बधाई दी। इस दौरान अपर संचालक श्री जी.एस. वाधवा, अपर संचालक श्री संजय जैन एवं विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।  

मंत्री राकेश सिंह की अगुवाई में ऐतिहासिक पौधरोपण महाअभियान का शुभारंभ किया

लोक निर्माण विभाग ने एक दिन में लगाए 2 लाख से अधिक पौधे पौधारोपण स्थल की जियोमैपिंग कर सैटेलाइट से की जायेगी मॉनिटरिंग पौधों के विकास की निगरानी का अभिनव प्रयोग भोपाल  हरित मध्यप्रदेश की परिकल्पना को साकार करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने मंत्री श्री राकेश सिंह की अगुवाई में ऐतिहासिक पौधरोपण महाअभियान का शुभारंभ किया। इस एक दिन में विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में 2 लाख से अधिक पौधों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक कीर्तिमान स्थापित किया है, जो सतत विकास और हरियाली के प्रति विभाग की सशक्त प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भोपाल में आयोजित मुख्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने कहा की “पौधरोपण सिर्फ औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ, सुरक्षित और समृद्ध भविष्य देने का हमारा दृढ़ संकल्प है।” उन्होंने कहा कि प्रारंभ में जहाँ 1 लाख पौधों का लक्ष्य रखा गया था, वहीं विभाग के अधिकारियों और इंजीनियरों की प्रतिबद्धता, समर्पण और उत्साह के चलते यह संख्या बढ़कर 2 लाख से अधिक पौधों तक पहुँच गई। यह केवल एक आंकड़ा नहीं बल्कि हरित मध्यप्रदेश की दिशा में एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक उपलब्धि है जो सामूहिक प्रयासों की शक्ति को दर्शाती है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि इस पौधारोपण को वैज्ञानिक पद्धति से जोड़ा गया है। प्रत्येक पौधे की सैटेलाइट मॉनिटरिंग की योजना बनाई गई है, जिसमें अहमदाबाद स्थित भास्कराचार्य संस्थान का सहयोग प्राप्त हो रहा है। इसके माध्यम से पौधों की वृद्धि और संरक्षण की डिजिटल निगरानी सुनिश्चित की जा सकेगी। यह वृक्षारोपण सड़क किनारे, विभागीय भवन परिसरों, तालाबों एवं सार्वजनिक स्थलों पर किया गया है, जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में हरियाली को बढ़ावा मिलेगा। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘हरित भारत’ के संकल्प और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पर्यावरण-अनुकूल विकास के विजन ने मध्यप्रदेश में वृक्षारोपण और प्रकृति संरक्षण को एक जनआंदोलन का रूप दिया है। उन्होंने कहा कि आज जब पूरी दुनिया पर्यावरण संकट से जूझ रही है, ऐसे समय में यह पहल प्रेरक उदाहरण बनेगी। उन्होंने आमजन, विभागीय अधिकारियों, अभियंताओं और उनके परिवारों से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी करने का आह्वान किया। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि लोक निर्माण विभाग अब केवल भौतिक संरचनाओं के निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि जल संरक्षण, हरित तकनीकों के उपयोग और पारिस्थितिकी संतुलन को अपनी कार्यशैली में प्राथमिकता दे रहा है। उन्होंने कहा कि “लोक निर्माण से लोक कल्याण” केवल एक नारा नहीं है, बल्कि विभाग की मूल कार्यनीति है, जिसमें अब पर्यावरणीय संतुलन को अनिवार्य रूप से शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि विकास की तेज़ रफ्तार के साथ प्रकृति का संरक्षण अब प्रत्येक अभियंता और अधिकारी की सामूहिक जिम्मेदारी है। इसी दृष्टिकोण से विभाग ने ‘लोक कल्याण सरोवर’ योजना की शुरुआत की है, जिसके अंतर्गत सड़क निर्माण में उपयोग हुई मिट्टी का युक्तियुक्त उपयोग करते हुए स्थायी जल संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। इन सरोवरों को विज्ञानसम्मत ढंग से डिज़ाइन किया गया है तथा उनका सौंदर्यीकरण, वृक्षारोपण, सूचना पटल और जियो-टैगिंग की जा रही है। इस योजना के तहत 500 लोक कल्याण सरोवर बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि विभाग ने सड़क किनारे रिचार्ज बोर निर्माण की पहल भी शुरू की है, जिससे वर्षा जल को भूगर्भ तक पहुँचाकर ग्राउंडवाटर रिचार्ज किया जा सकेगा।वर्तमान और निर्माणाधीन फ्लाईओवर और आरओबी में वर्षा जल संचयन के लिए आवश्यक निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि आने वाले वर्षों में इस अभियान को और अधिक व्यापक बनाया जाएगा तथा हर परियोजना में प्रकृति का समावेश सुनिश्चित किया जाएगा। विधायक श्री भगवानदास सबनानी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में शिक्षाविद एवं सलाहकार समिति सदस्य श्री विक्रांत सिंह तोमर, सलाहकार समिति सदस्य श्री अजय के जैन सहित प्रमुख अभियंता शामिल थे। प्रदेशभर से लोक निर्माण विभाग के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।  

भोपाल में नवीन सत्र 2025-26 के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए हुआ दीक्षारम्भ कार्यक्रम

भोपाल   उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान (आईईएचई) में मंगलवार को नवीन सत्र 2025-26 के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए 'दीक्षारम्भ कार्यक्रम' आयोजित किया गया। संस्थान में नवप्रवेशित विद्यार्थियों का स्वागत भारतीय परंपरानुसार तिलक लगाकर एवं पुष्प वर्षा के माध्यम से किया गया। संस्थान के नवीन विद्यार्थियों को संस्थान की उपलब्धियों, परंपराओं एवं सुविधाओं से परिचित करवाने के उद्देश्य से स्नातक व स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के साथ समस्त संकायों के प्राध्यापक भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। संस्थान के संचालक डॉ. प्रज्ञेश कुमार अग्रवाल ने सरस्वती वंदना के माध्यम से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात संस्थान के शिक्षकों ने सिविल सर्विसेज में संस्थान से चयनित विद्यार्थियों, विक्रम अवार्ड से सम्मानित विद्यार्थियों, राष्ट्रपति से सम्मानित एनएसएस इकाई जैसी उल्लेखनीय संस्थागत उपलब्धियों से सभी को अवगत करवाया। साथ ही उन्होंने एकाग्रचित्त होकर संस्थान में अध्ययन करते हुए अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विद्यार्थियों से आह्वान किया और इस प्रक्रिया में संस्थान के हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया। संस्थान के समस्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने नव प्रवेशितों को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनायें प्रेषित की। कार्यक्रम की संयोजक एवं समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शैलजा दुबे ने विद्यार्थियों को संस्थान के पुस्तकालय, एनएसएस इकाई, एनसीसी इकाई आदि अन्य मूलभूत शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक सुविधाओं एवं गतिविधियों से परिचित करवाया। तत्पश्चात प्रत्येक विभाग के विभिन्न प्राध्यापकों ने अपने विभाग का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया। दीक्षारम्भ कार्यक्रम के माध्यम से संस्थान में प्रवेशित विद्यार्थियों को संस्थान की परंपरा में घुलने-मिलने एवं भविष्य निर्माण की रुपरेखा बनाने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ। 

सरकारी नौकरी पाने की खुशी चेहरों पर झलकी, एम.पी. ट्रांसको में चयनित अभ्यर्थियों ने कराए दस्तावेजों के भौतिक परीक्षण

भोपाल  ऊर्जा विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) में विभिन्न पदों पर चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के भौतिक परीक्षण की प्रक्रिया आज से प्रारंभ हो गई। शासकीय सेवा में नियुक्ति का सपना साकार होने की संतुष्टि और उल्लास चयनित अभ्यर्थियों के चेहरों पर साफ झलक रहा था। पहले दिन कुल 22 अभ्यर्थियों ने आत्मविश्वास और प्रसन्नता के साथ दस्तावेज परीक्षण में भाग लिया। दस्तावेज सत्यापन के लिए अभ्यर्थी नियत समय पर आवश्यक प्रमाणपत्रों के साथ उपस्थित हुए और निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए परीक्षण संपन्न कराया। दस्तावेज परीक्षण की यह प्रक्रिया आगामी 3 जुलाई तक प्रतिदिन जारी रहेगी, जिसके अंतर्गत विभिन्न पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी। एम.पी. ट्रांसको के मुख्य अभियंता श्री धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि दस्तावेज परीक्षण के पहले दिन कनिष्ठ अभियंता (पारेषण-प्रशिक्षु) एवं सिविल लाइन परिचारक (प्रशिक्षु) पदों के लिए चयनित 22 अभ्यर्थियों ने अपने दस्तावेजों का परीक्षण कराया। उन्होंने बताया कि दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात शीघ्र ही नियुक्ति आदेश जारी कर दिए जाएंगे, जिससे चयनित अभ्यर्थी समय पर विभाग की सेवा में योगदान दे सकें।  

पटेल नगर कॉलोनाईजर के विरूद्ध एफआईआर कराने के निर्देश

सर्वोदय गृह निर्माण समिति के आवंटियों की समस्या का करें निराकरण :राज्यमंत्री श्रीमती गौर भोपाल रायसेन रोड स्थिति पटेल नगर कालोनी के कॉलोनाईजर के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होगा। प्रकरण दर्ज कराने के लिए पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए। राज्यमंत्री श्रीमती गौर मंगलवार को मंत्रालय में गोविंदपुरा क्षेत्र की सर्वोदय गृह निर्माण सहकारी संस्था, अग्रोहा गृह निर्माण समिति, कुंजन गृह निर्माण समिति, पटेल नगर कॉलोनी और रहवासियों की समस्याओं के निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर रहीं थी। राज्यमंत्री श्रीमती गौर ने पटेल नगर कॉलोनी में स्कूल, खेल मैदान, पार्क आदि के लिए छोड़े गए भू-खंडों को नगर निगम के लिए सौपने के स्थान पर कॉलोनाईजर ने इस कॉलोनी के प्राईमरी स्कूल के एक भू-खंड को निजी तौर पर विक्रय कर दिया। नगर निगम के स्वामित्व के इन भू-खंड को विक्रय करने का अधिकार कॉलोनाईजर को नहीं है। कॉलोनाईजर द्वारा किया गया यह कृत्य आपराधिक है। इसको ध्यान में रखते हुए राज्यमंत्री गौर ने नगर निगम के अधिकारियों को कॉलोनाईजर के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कॉलोनाईजर द्वारा विक्रय किए गए भू-खंड की रजिस्ट्री को शून्य कराने की प्रक्रिया भी शुरू करें। इसके साथ ही कॉलोनाईजर अन्य ओपन एरिया को विक्रय नहीं कर सके इसकी व्यवस्था भी सुनिश्चित करें। बैठक में बताया गया कि पटेल नगर कॉलोनी 1960 के दशक में विकसित की गई थी। इसमें 700 से अधिक प्लाट हैं। राज्यमंत्री श्रीमती गौर ने सर्वोदय गृह निर्माण सहकारी संस्था खजूरी भोपाल में आवंटियों और सहकारी संस्था के पदाधिकारियों के बीच कॉलोनी के विकास कार्यो को लेकर आ रही समस्या के निराकरण के लिए और समिति में पिछले वर्षों में हुई कार्यवाही से आवंटियों को उनका वास्तविक हक दिलाने के लिए संयुक्त आयुक्त, सहकारिता भोपाल को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने उप आयुक्त सहकारिता से कहा कि वह आवंटियों और सहकारी संस्था के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर समस्या का निराकरण कराना सुनिश्चित करें। बैठक में अग्रोहा गृह निर्माण समिति नर्मदापुरम रोड की सीवेज और सड़क निर्माण के लिए रहवासियों के साथ समन्वय कर अधिकारियों को कार्य करने के लिए कहा। इसी प्रकार कुंजन गृह निर्माण संस्था नर्मदापुरम रोड में फेस-1 और फेस-2 में सीवेज और रोड के विकास के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारी, कॉलोनियों के रहवासी और सहकारी समितियों के पदाधिकारी मौजूद थे।  

मध्य प्रदेश भाजपा की कमान हेमंत खंडेलवाल को मिली, चुने गए निर्विरोध अध्यक्ष

भोपाल मध्य प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष का भी ऐलान हो गया है। इस बार एमपी भाजपा की कमान हेमंत खंडेलवाल को दी गई है। इसकी औपचारिक घोषणा बुधवार को की जाएगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव, वर्तमान के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत तमाम बड़े नेताओं ने उनके नाम का नामांकन पत्र दिया था। इस तरह बैतुल से विधायक खंडेलवाल को निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया है। हेमंत खंडेलवाल उत्तर प्रदेश के मथुरा में जन्मे हैं। पेशे से व्यवसायी और नेता रहे खंडेलवाल ने बी कॉम और एलएलबी की पढ़ाई की है। साल 2008-09 में पिता विजय खंडेलवाल की मौत होने के बाद हुए उपचुनाव में सांसद बने थे। इसके बाद 2013 से 2018 तक बैतुल से विधायक भी रहे। साल 2023 में फिर से एमएलए का चुनाव लड़ा और बैतुल से विधायकी अपने नाम की। सीएम मोहन हाथ पकड़कर मंच पर ले गए  हेमंत खंडेलवाल ने सबसे पहले अपना नामांकन जमा किया, उसके बाद सीएम मोहन यादव उन्हें हाथ पकड़कर मंच पर ले गए। वहीं डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल के साथ-साथ वीडी शर्मा भी उनके प्रस्तावक बने। हेमंत खंडेलवाल ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, विवेक शेजवलकर और सरोज पांडे के सामने अपना नामांकन दाखिल किया है। कल विधिवत उनके नाम का औपचारिक रूप से ऐलान कर दिया जाएगा। हेमंत खंडेलवाल बैतूल से बीजेपी के विधायक हैं। पार्टी ने सर्वसम्मति से हेमंत खंडेलवाल को प्रदेशाध्यक्ष चुन लिया शाम 4.30 बजे से 6.30 बजे तक का समय नामांकन जमा करने के लिए निर्धारित था। चुनाव कार्यक्रम के अनुसार स्क्रूटनी के बाद रात 8 बजे तक नामांकन की वापसी और 8.30 बजे प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी करना तय है। एक से ज्यादा नामांकन जमा होने की स्थिति में बुधवार सुबह 11 से 2 बजे तक मतदान किया जाना है। हालांकि इसकी नौबत ही नहीं आएगी, पार्टी ने सर्वसम्मति से हेमंत खंडेलवाल को प्रदेशाध्यक्ष चुन लिया है। यानि वे निर्विरोध चुने गए हैं। नए अध्यक्ष के रूप में बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल के नाम पर सीएम मोहन यादव समेत प्रदेश के अधिकांश वरिष्ठ नेता सहमत थे। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने पहले ही रायशुमारी कर उनके नाम पर सहमति बना ली थी।  खंडेलवाल पहली पंक्ति में मंत्री वीरेंद्र खटीक और गोपाल भार्गव के बीच में बैठे थे। सीएम मोहन यादव इशारा मिलते ही उनको पीठ पर हाथ रखकर मंच की ओर बढ़े। चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, निर्वाचन अधिकारी विवेक शेजवलकर और पर्यवेक्षक सरोज पांडे के सामने उन्होंने नामांकन दाखिल कराया। हेमंत खंडेलवाल का राजनीतिक सफर      हेमंत खंडेलवाल मध्य प्रदेश में बीजेपी और आरएसएस से जुडे़ हैं।     2008 के उपचुनाव में पहली बार बैतूल से लोकसभा सांसद चुने गए थे।     2013 के विधानसभा चुनाव में बैतूल से विधायक चुने गए थे।      बैतूल में बीजेपी के जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।     मध्य प्रदेश बीजेपी के कोष्याध्यक्ष भी रह चुके हैं।     हेमंत खंडेलवाल 2023 के विधानसभा चुनाव में दूसरी बार बैतूल से विधायक चुने गए हैं। मालवा-निमाड़ से 8 बार बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष बने मालवा-निमाड़ क्षेत्र से भाजपा ने सबसे ज्यादा 8 बार संगठन को नेतृत्व दिया। भाजपा के पहले प्रदेशाध्यक्ष रहे सुंदरलाल पटवा (सामान्य) मंदसौर के थे। इस पद पर वे दो बार रहे। पहली बार 1980 से 1983 तक और दूसरी बार 1986 से 1990 तक। इसके बाद रतलाम के लक्ष्मीनारायण पाण्डे (सामान्य) 1994 से 1997 तके प्रदेशाध्यक्ष रहे।मालवा क्षेत्र से धार के विक्रम वर्मा (ओबीसी) 2000 से 2002 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। इसी तरह देवास से पूर्व सीएम कैलाश जोशी (सामान्य) ने 2002 से 2005 तक संगठन का नेतृत्व किया। उज्जैन के सत्यनारायण जटिया (एससी) फरवरी 2006 से नवंबर 2006 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। खंडवा सांसद रहे नंदकुमार सिंह चौहान (सामान्य) इस पद पर 2016 से 2018 तक रहे। ग्वालियर-चंबल से 4 बार प्रदेशाध्यक्ष चुने गए  ग्वालियर-चंबल से संगठन को 4 बार नेतृत्व मिला। नरेंद्र सिंह तोमर (सामान्य) को दो बार कमान सौंपी गई। पहली बार वे 2006 से 2010 तक और दूसरी बार 2012 से 2014 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। 2014 में वो मोदी कैबिनेट में शामिल हुए। इसके बाद कमान प्रभात झा (सामान्य) को मिली, वे 2010 से 2013 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा (सामान्य) भी चंबल से हैं। उन्हें 2020 में संगठन की कमान सौंपी गई थी। महाकौशल क्षेत्र से दो बार संगठन को नेतृत्व मिला इसी तरह महाकौशल क्षेत्र से दो बार प्रदेशाध्यक्ष मिला। पहली बार शिवप्रसाद चनपुरिया (सामान्य) 1985 से 1986 से तक अध्यक्ष रहे। दूसरी बार राकेश सिंह (सामान्य) को मौका मिला। वे 2018 से 2020 तक संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रहे। वर्तमान में राकेश सिंह पीडब्ल्यूडी मंत्री हैं। मध्य क्षेत्र से शिवराज के बाद हेमंत दूसरे नेता मध्य क्षेत्र से दूसरी बार किसी नेता को प्रदेश भाजपा संगठन के नेतृत्व का मौका मिला है। हेमंत खंडेलवाल (सामान्य) शिवराज के बाद दूसरे नेता हैं। प्रदेश का सीएम बनने से पहले शिवराज सिंह चौहान (ओबीसी) मई 2005 से फरवरी 2006 तक भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रहे। छत्तीसगढ़ के दो नेता भी एमपी संगठन की कमान संभाल चुके अविभाजित मध्य प्रदेश के समय छत्तीसगढ़ के दो नेता भी एमपी भाजपा अध्यक्ष रहे। रायगढ़ से लखीराम अग्रवाल (सामान्य) ने 1990 से 1994 तक और नंदकुमार साय (एसटी) ने 1997 से 2000 तक प्रदेश संगठन की कमान संभाली थी।  

कलेक्ट्रेट कार्यालय में माह के पहले दिवस वंदेमातरम का गायन हुआ

सिंगरौली  माह के प्रथम दिन वन्देमातरम से कार्यदिवस शुरू करने के क्रम में कलेक्ट्रेट में सामूहिक रूप से वंदे मातरम का गायन किया गया। सामूहिक वंदे मातरम के गायन के दौरान संयुक्त कलेक्टर संजीव पाण्डेय, सहकारिता अधिकारी पी.के मिश्रा,लोक सेवा प्रबंधक रमेश पटेल सहित कलेक्ट्रेट कार्यालय के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

नगरीय क्षेत्र में प्रातः 7 बजे से रात्रि 11 बजे तक भारी वाहनो का प्रवेश रहेगा वर्जित

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने जारी किया प्रतिबंधत्मक आदेश परसौना से  पॉवर प्लांट तक पर्याप्त स्ट्रीट लाईटें लगाने का संबंधित कम्पनियो को जारी किया गया निर्देश सिंगरौली  वर्तमान में सिंगरौली जिला अंतर्गत सड़क मार्ग से होकर कोयला, राखड़, गिट्टी एवं बालू आदि का परिवहन करने वाले भारी वाहनों के आवागमन के कारण प्रायः हाने वाली सड़क दुर्घटनाओं से जन-धन की हानि तथा आमजन को हो रही असुविधा एवं निर्मित हो रही कानून व्यवस्था के दृष्टिगत ऐसे वाहनों का परिवहन विनियमित किये जाने के प्रस्ताव प्रस्तुत किये गए है।  साथ ही इस परिपेक्ष्य में जारी पूर्ववर्ती प्रतिबंधात्मक आदेशों में यथाप्रस्तावित संशोधन परिवर्धन किया जाना प्रासांगिक है। उक्त के दृष्टिगत रखते हुयें कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री  चन्द्रशेखर शुक्ला, द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत तत्काल प्रभाव से इस आशय का निर्देश जारी किया गया है कि परसौना से रजमिलान मुख्य मार्ग में बंधौरा पॉवर प्लांट से कोयला परिवहन करने वाले वाहनों से रात्रि के समय में अंधेरा होने के कारण सड़क दुर्घटनाए हो रही है उक्त सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था किया जाना आवश्यक है। बंधौरा पॉवर प्लांट की स्वामी कंपनी महान एंर्जन लिमिटेड द्वारा  उक्त सड़क मार्ग में परसौना से पॉवर प्लांट तक पर्याप्त स्ट्रीट लाईटें लगवाया जाना सुनिश्चित करें।परसौना से रजमिलान बंधौरा मार्ग पर परिवहन करने वाले लोड एवं खाली दोनों प्रकार के वाहनों को आते जाते समय 10-10 के समूह में आगे एवं पीछे कॉनवाय वाहन अनिवार्य रूप से चलाया जाये  एवं वाहनों की अधिकतक स्पीड 20 किलोमीटर प्रति घंटा सुनिश्चित की जावे। जारी आदेश में  बरगवां गडरिया कॉनवाय पांइट से बंधौरा गड़ाखाड़ बाजार तक कोयला, राखड़ एवं गिट्टी बालू  इत्यादि का परिवहन करने वाले तथा अन्य सभी प्रकार के भारी वाहन तथा खाली भारी वाहनों का बरगवां गडरिया कॉनवाय पांइट से बंधौरा गड़ाखाड़ बाजार तक कोयला, राखड़ एवं गिट्टी बालू इत्यादि का परिवहन करने वाले तथा अन्य सभी प्रकार के भारी वाहन तथा खाली भारी वाहनों का प्रवेश में दिए गए विवरण अनुसार प्रतिबंधित किया जाकर नो एण्ट्री का समय निर्धारित किया जाता है।      जिसके तहत तेलाई मोड़ काचन नदी पुल के पास नवानगर, जंयत की ओर तथा बैढ़न विन्ध्यनगर की ओर नो इंन्ट्री प्रातः 7 बजे से रात्रि 11 बजे तक प्रभावशील रहेगी।  जयंत  तिराहा बस पड़ाव के पास निगाही,नवानगर, माजन मोड़, बैढ़न परसौना की ओर प्रातः 7 बजे से रात्रि 11 बजे तक तथा इंदिरा चौक लेवर गेट के पास से बैढ़न माजन – गनियारी तरफ एवं गनियारी तिराहा  बैढ़न माजन  विन्ध्य नगर की ओर नो इंन्ट्री प्रातः 7 बजे से रात्रि 11 तक प्रभावशील रहेगी। उक्त अवधि में संबंधित क्षेत्रो मे बड़े वाहनो का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील होकर दिनांक31 अगस्त 2025 तक प्रभावशील रहेगा ।आदेश के उलंघन की दशा में संबंधित के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 एवं अन्यसुसंगत प्रावधानों के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।  

राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय भोपाल में स्थापित किए जाने पर सैंद्धातिक स्वीकृति

ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना का अनुमोदन क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण योजना के क्रियान्वयन के लिए 4 हजार 572 करोड़ रूपये की सैद्धांतिक स्वीकृति राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय भोपाल में स्थापित किए जाने पर सैंद्धातिक स्वीकृति मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना का अनुमोदन किया गया। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले में एक ऐसे ग्राम का चयन किया जाएगा जिसकी वर्तमान जनसंख्या न्यूनतम 2000 हो एवं गौ-वंश की न्यूनतम संख्या 500 हो। ऐसे ग्रामों को मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम के रूप में विकसित कर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। ये ग्राम आत्मनिर्भर होकर प्रदेश के अन्य ग्रामों के समक्ष विकास का आदर्श प्रस्तुत करेंगे। इस योजना के अंतर्गत गौ-पालन एवं डेयरी विकास, पर्यावरण संरक्षण, जैविक कृषि, जल संरक्षण, सौर ऊर्जा, चारागाह विकास, अधोसंरचना विकास, स्वरोजगार सहित ग्रामीण विकास के विषयगत दृष्टिकोणों से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किये जाने का निर्णय लिया गया। राज्य शासन की अवधारणा है कि प्रदेश में कुछ ग्राम इस प्रकार विकसित किये जायें ताकि वे आत्मनिर्भर होकर प्रदेश के समस्त ग्रामों के लिए उदाहरण बनें तथा अन्य ग्राम इन चयनित ग्रामों से प्रेरित होकर स्वयं भी आत्मनिर्भरता और चहुँमुखी विकास की ओर अग्रसर हों। इन चयनित ग्रामों में विभिन्न विभागों के अन्य विकास कार्यों के साथ मुख्य रूप से गौवंशीय एवं अन्य दुधारू पशुओं के पालन, दुग्ध-उत्पादन एवं डेयरी विकास पर ध्यान केन्द्रित किया जायेगा। जहां स्वच्छता एवं हरियाली के साथ-साथ गौसेवा और आध्यात्मिकता से समन्वित आर्थिक आत्मनिर्भरता प्रत्यक्षतः दृष्टिगोचर हो और ग्राम "वृन्दावन" के रूप में साकार हो सके। मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना के उद्देश्यों में गौपालन एवं डेयरी विकास को बढ़ावा देना। ग्राम को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के साथ सहकारिता के माध्यम से दुग्ध व्यवसाय का प्रसार करना, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हो सके। पर्यावरण संरक्षण, जैविक कृषि, जल संरक्षण तथा सौर ऊर्जा संबंधी गतिविधियों को जनभागीदारी से क्रियान्वित करना, चारागाह विकास, ग्राम में अधोसंरचना विकास, ग्रामीण परिवारों का रोजगार/स्वरोजगार आधारित आर्थिक सुदृढ़ीकरण और ग्रामीण विकास के विषयगत दृष्टिकोणों को अपनाते हुए सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करना है। चयनित वृन्दावन ग्राम में विभिन्न विभागों के माध्यम से जो सुविधाएं उपलब्ध करायी जाना है, वे 6 श्रेणियों में होगी। चयनित वृन्दावन ग्राम में अधोसरंचना के लिए गौशाला, ग्राम पंचायत भवन, सामुदायिक भवन, आँगनबाड़ी भवन, स्वास्थ्य केन्द्र, स्कूल भवन, यात्री प्रतीक्षालय, सोलर स्ट्रीट लाइट, पुस्तकालय, सर्वसुविधायुक्त आजिविका भवन/ग्रामीण आजीविका के लिए वर्कशेड, पशु चिकित्सालय, ग्राम तक कनेक्टिविटी, ग्राम के अंतर्गत आंतरिक सड़कें/नाली, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान एवं गोडाउन, हर घर जल (सोलर उर्जा आधारित पम्प के माध्यम से), ग्रामीण उद्योग आधारित आर्ट एण्ड क्राफ्ट सेंटर, बायोगैस सयंत्र, शांतिधाम निर्माण, गौ-समाधि स्थल, सेग्रीगेशन शेड, जल निकासी के लिए नाली, कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र, ग्राम में विद्युत प्रवाह के लिए सौर उर्जा एवं गैर परम्परागत उर्जा क्षेत्र में विकास, पात्र परिवारों के लिये जलवायु अनुकूल आवास तथा (व्यक्तिगत शौचालय), सार्वजनिक उद्यान (पार्क), सार्वजनिक शौचालय, सिंचाई स्रोत विकास एवं ड्रिप एरीगेशन की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। आजीविका संबंधी गतिविधियों में नंदन फलोद्यान, पोषण वाटिका, दुग्ध कलेक्शन सेंटर, लघु वनोपज आधारित लघु उद्योग, कृषि/फल उपज आधारित उद्योग, ग्राम में उपलब्ध कौशल आधारित सेवाओं के विकास की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। वाटर कनजर्वेशन संबंधी जल संचयन संरचनाएं, रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग, नलकूप रिचार्ज, डगवेल रिचार्ज, स्टॉप डेम/चेकडेम, तालाबों का संरक्षण इसी प्रकार पंचायत सशक्तिकरण संबंधी में स्वयं की आय के स्रोत का विकास तथा ई-पंचायत /CSCकी सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। विशेष लक्ष्य में प्राकृतिक कृषि, धार्मिक स्थलों / भूमियों का संरक्षण, घर से कचरा उठाने स्वच्छता वाहन, ग्रे वाटर मैनेजमेंट, मल-कीचड प्रबंधन, राजस्व अभिलेखों को अद्यतन करना, शत प्रतिशत समग्र ईकेवाइसी, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम-स्टे, ग्राम के आर्ट एवं क्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए हस्तशिल्प कला केन्द्र, ग्राम की शालाओं/आंगनबाडियों में अध्यनरत बच्चों के लिये पौष्टिक भोजन, अतिक्रमण मुक्त ग्राम तथा ग्राम की स्थानिक योजना की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण योजना के क्रियान्वयन की सैद्धांतिक स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा राज्य मद अंतर्गत क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण की योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक 1766 पुलों के पुनर्निर्माण के लिए 4 हजार 572 करोड़ रूपये की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गयी। स्वीकृति अनुसार क्षतिग्रस्त पुलों का पुनर्निर्माण किया जाकर बारहमासी संपर्क सुविधा प्रदान की जायेगी। योजना के क्रियान्वयन एवं मॉनीटिरिंग के लिए मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की साधिकार समिति को समुचित निर्णय लिये जाने के लिए अधिकृत किये जाने की स्वीकृति दी गयी। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, की स्थापना भोपाल में किए जाने की सैंद्धातिक स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, गाँधीनगर के परिसर (Campus) की स्थापना भोपाल में किए जाने के लिए सैंद्धातिक स्वीकृति प्रदान की गई है। स्वीकृति अनुसार भोपाल में राष्ट्रीय रक्षा विश्ववि‌द्यालय (आरआरयू) की स्थापना के लिए तीन वर्षों के लिए प्रति वर्ष एक करोड़ 5 लाख रूपये की राशि प्रदान की जायेगी। भोपाल में राष्ट्रीय रक्षा विश्ववि‌द्यालय के स्थायी परिसर के लिए राजीव गांधी प्रौ‌द्योगिकी विश्ववि‌द्यालय (आरजीपीवी), भोपाल परिसर में उपलब्ध भूमि में से 10 एकड़ भूमि को विभाग स्तर से हस्तांतरित किया जायेगा। भोपाल में राष्ट्रीय रक्षा विश्ववि‌द्यालय के स्थाई भवन का निर्माण पूर्ण होने तक राजीव गांधी प्रौ‌द्योगिकी विश्ववि‌द्यालय में उपलब्ध भवन को अस्थायी रूप से राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के संचालन के लिए उपलब्ध कराये जाने का अनुमोदन किया गया। इसके स्थापित होने से राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में रोजगार एवं कौशल, विशिष्ट उच्च शिक्षा के केंद्र के रूप में मध्यप्रदेश की प्रतिष्ठा में वृद्धि, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं के मध्य सहयोग में वृद्धि होगी। विभागीय छात्रावासों में निवासरत विद्यार्थियों के लिए मेस संचालन की सैद्धांतिक स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के विभागीय छात्रावासों में निवासरत विद्यार्थियों के लिए मेस संचालन की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। विभाग के छात्रावास की संख्या 108, विद्यार्थियों की संख्या 9050 है। इसके लिए 14 करोड़ अनावर्ती तथा 17 करोड़ आवर्ती व्यय कुल 31 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई। नवीन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कुल 1266 नवीन पदों की स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा नवीन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए … Read more