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प्रथम स्थान पाने वाले विकास खंड को 2.5 करोड़ रुपए , दूसरे को 1.5 करोड़ रुपए, तीसरे को 1 करोड़ रुपए देगी योगी सरकार

विष्णुपुरा उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी 'आकांक्षात्मक विकास खण्ड' योजना के तहत वर्ष 2024-25 की वार्षिक डेल्टा रैंकिंग जारी की गई है. जिसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पांच विकास खंडों को 20 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन विकास खंडों को सम्मानित करेंगे. प्रदेश के नियोजन विभाग की ओर से की गई रैंकिंग में जालौन, रामपुरा (जालौन), देवकली (गाजीपुर), विष्णुपुरा (कुशीनगर) और मड़िहान (मिर्जापुर) विकास खंडों ने टॉप 5 में जगह बनाई है. इन विकास खंडों को उनके समग्र विकास जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, बुनियादी ढांचा और सामाजिक प्रगति में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए यह सम्मान दिया जाएगा. रैंकिंग के आधार पर तय हुई राशि प्रोत्साहन राशि को प्रदर्शन के क्रम में बांटा गया है. प्रथम स्थान पाने वाले विकास खंड को 2.5 करोड़ रुपए , दूसरे को 1.5 करोड़ रुपए, तीसरे को 1 करोड़ रुपए और शेष दो टॉप परफॉर्मर्स को 50-50 लाख रुपए दिए जाएंगे. योगी सरकार का मानना है कि इससे अन्य विकास खंडों को भी प्रेरणा मिलेगी और जिलेवार प्रतिस्पर्धा के माध्यम से समग्र ग्रामीण विकास को नई दिशा मिलेगी. स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में जालौन का जलवा रैंकिंग के अनुसार, रामपुरा (जालौन) ने स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में पहला स्थान हासिल किया है, जबकि खेसराहा (सिद्धार्थनगर) और जालौन विकास खंड ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान पाया है. शिक्षा के क्षेत्र में भी जालौन और रामपुरा ने पहला और दूसरा स्थान अर्जित किया, जबकि देवकली (गाजीपुर) तीसरे स्थान पर रहा. वहीं बलिया, सोनभद्र और बदायूं के कुछ विकास खंडों का प्रदर्शन शिक्षा व स्वास्थ्य दोनों में कमजोर रहा. कृषि और बुनियादी ढांचे में भी दिखा असर कृषि क्षेत्र में विष्णुपुरा (कुशीनगर) सबसे आगे रहा. जबकि अंबेडकरनगर के टांडा और संभल का संभल विकास खंड भी टॉप तीन में शामिल हुए. बुनियादी ढांचे के विकास में सैदनगर (रामपुर) शीर्ष पर रहा, जबकि नवाबगंज (फर्रूखाबाद) और असफपुर (बदायूं) ने भी उल्लेखनीय सुधार दिखाया. सामाजिक विकास में सैदनगर सबसे आगे सामाजिक विकास श्रेणी में भी सैदनगर (रामपुर) पहले स्थान पर रहा. इसके अलावा पीलीभीत का पूरनपुर, मीरजापुर का मड़िहान, संभल का राजपुरा और चित्रकूट का पहाड़ी विकास खंड भी बेहतर प्रदर्शन करने वालों में शामिल रहे. जहां विकास की रफ्तार धीमी रही रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कुछ विकास खंड अब भी पिछड़े हुए हैं. शुकुलबाजार (अमेठी), गौरीबाजार (देवरिया) और निचलौल (महराजगंज) जैसे क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं और सामाजिक विकास के क्षेत्र में अब भी तेज़ प्रयासों की आवश्यकता है. सरकार ने संकेत दिए हैं कि इन क्षेत्रों में अतिरिक्त संसाधन और निगरानी की व्यवस्था की जाएगी.

राम मंदिर में पहली बार होगा ध्वजारोहण समारोह, प्रधानमंत्री मोदी और हजारों विशिष्ट अतिथि रहेंगे मौजूद

अयोध्या  रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की ऐतिहासिक गूंज अभी भी जनमानस में ताजा है। राम मंदिर ट्रस्ट अब एक और भव्य अध्याय जोड़ने जा रहा है। नवंबर में प्रस्तावित ध्वजारोहण समारोह को लेकर तैयारियों ने गति पकड़ ली है। इस पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। यह आयोजन एक बार फिर अयोध्या को भक्तिभाव, वैदिक अनुष्ठानों और विश्व भर से जुटने वाले श्रद्धालुओं से सराबोर कर देगा। ध्वजारोहण समारोह को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तर्ज पर ही भव्यता प्रदान की जाएगी। मंदिर ट्रस्ट की ओर से मेहमानों की सूची तैयार की जा रही है, जिनमें देश-विदेश के संत, धर्माचार्य, प्रतिष्ठित गणमान्य अतिथि और रामभक्त शामिल रहेंगे। अनुमान है कि हजारों की संख्या में अतिथि इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बनेंगे। अयोध्या में मेहमानों की आगवानी के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। ट्रस्ट और प्रशासनिक तंत्र ने कमरे बुक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रमुख होटल, धर्मशालाएं और गेस्ट हाउसों में आवास की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को भी चाक-चौबंद किया जा रहा है। नवंबर में समारेाह के लिए शुभ मुहूर्त भी ज्योतिषियों से निकलवाया जा रहा है। 16 नवंबर व 25 नवंबर दो शुभ तिथियों में से किसी एक तिथि के चयन पर विमर्श हो रहा है।   161 फीट ऊंचे शिखर पर होगा ध्वजारोहण राम मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर पर रामध्वज फहराया जाएगा। इसके अलावा परिसर के अन्य सभी मंदिरों के शिखर पर ध्वज फहराया जाएगा। रामध्वज का आरोहण केवल एक प्रतीकात्मक अनुष्ठान नहीं, बल्कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम की विजय और धर्म की प्रतिष्ठा का उद्घोष होगा। यह आयोजन मंदिर निर्माण की पूर्णता की ओर बढ़ते कदम का संकेत भी माना जा रहा है। ध्वज पताका को वैदिक मंत्रोच्चार, संगीत, और विशेष पूजा विधियों के साथ मंदिर के शिखर पर फहराया जाएगा। कार्यक्रम में विविध प्रकार के अनुष्ठान भी होंगे। रामकथा का भी आयोजन संभव है। इस अवसर पर देश के कई प्रसिद्ध संगीतज्ञ व कलाकार प्रस्तुतियां देंगे, जिससे समारोह की भव्यता बढ़ेगी।  

यात्रियों के लिए जरूरी सूचना: कांवड़ यात्रा में पश्चिम यूपी के रूट में बदलाव, 10 जुलाई से डायवर्जन लागू

सहारनपुर यूपी में कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस-प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड़ में आ गया है। इसके तहत पश्चिम यूपी में सुरक्षा की व्यू रचना तैयार कर ली है। सहारनपुर में जिलाधिकारी और एसएसपी ने पैदल मार्च किया। दोनों अधिकारियों ने खामियां मिलने पर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। इसके साथ ही दस जुलाई से रूट डायवर्जन प्लान भी लागू हो जाएगा। शनिवार को जिलाधिकारी मनीष बंसल और एसएसपी आशीष तिवारी ने घंटाघर से नेहरू मार्केट, श्रीराम चौक, चौकी सराय, शहीदगंज बाजार, दाल मंडी पुल, अरबी मदरसा सहित अनेक इलाकों में पुलिस-फोर्स के साथ पैदल मार्च किया। दोनों अधिकारियों ने मुहर्रम के तहत चल रहे जुलूस के मार्ग भी देखे। इसके साथ ही घंटाघर पर अंबाला रोड और देहरादून रोड (कांवड़ मार्ग) की व्यवस्था देखी। जिलाधिकारी और एसएसपी ने अधीनस्थों को खामियों को दूर करने के निर्देश दिए। वहीं, कांवड़ मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। एसएसपी आशीष तिवारी ने डायल 112 पर तैनात पुलिसकर्मियों की बैठक ली। एसएसपी आशीष तिवारी ने कहा कि सूचना मिलते ही तत्काल प्रभाव से पुलिस मौके पर पहुंचे। अंतिम चरण में डायवर्जन थाना गागलहेड़ी क्षेत्र के काली नदी से सरसावा बाईपास कांवड़ मार्ग है। यहां पर डाक कांवड़ सबसे अधिक गुजरती हैं, इसलिए सभी वाहनों को प्रतिबंध किया जाएगा। आटो, ई-रिक्शा, बाइक को भी बंद किया जाएगा। इनके जाने के लिए घंटाघर चौक, आंबेड़कर चौक, दर्पण तिराहे वाले रास्ते खुल रहेंगे। कांवड़ यात्रा मार्ग पर क्रास करने वाले बिंदु आंबेडकर चौक, घंटाघर और दर्पण तिराहा बस स्टैंड की व्यवस्था – 11 जुलाई से 24 जुलाई तक देहरादून रोडवेज बस स्टैंड से हरिद्वार, देहरादून, मेरठ, दिल्ली जाने वाली बसें कांशीराम अस्थायी बस स्टैंड से संचालित होंगी, जिन्हें दिल्ली रोड से चुनहेटी कट से बाईपास होते हुए चलाया जाएगा। – 11 जुलाई से 24 जुलाई तक हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, गंगोह, नकुड़ जाने वाली रोडवेज बसें मानकमऊ बस स्टैंड से कुम्हारहेड़ा कट से बाईपास होते हुए संचालित होंगी। कांवड़ यात्र के दौरान यह रहेगी यातायात व्यवस्था – सहारनपुर से गाजियाबाद, दिल्ली जाने वाले वाहन अंबाला-देहरादून बाईपास से संचालित होकर सरसावा चौकी, शाहजहांपुर, यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत होकर जाएंगे। इसी मार्ग से वापसी होगी। – सहारनपुर से दिल्ली, गाजियाबाद जाने वाली हल्के वाहन गागलहेड़ी, नागल, देवबंद, रोहाना कलां होकर चलेंगे। – सहारनपुर से मुजफ्फरनगर की तरफ जाने वाले हल्के वाहनों को सहारनपुर बाईपास से कोलकी कट, नागल, रोहाना कलां से होकर निकाला जाएगा। – सहारनपुर से यमुनानगर, अंबाला जाने वाले भारी वाहनों को बाईपास से सरसावा चौकी, शाहजहांपुर, यमुनानगर से निकाला जाएगा। इसी मार्ग से वापस होंगे। – सहारनपुर से हरिद्वार जाने वाले भारी वाहन 11 से 17 जुलाई तक सहारनपुर बाईपास से गागलहेड़ी, छुटमलपुर, भगवानपुर, रुड़की होकर जाएंगे। इसके बाद भारी वाहन 18 से 24 जुलाई तक सहारनपुर बाईपास से गागलहेड़ी, छुटमलपुर, चौकी मोहंड, आशारोड़ी चौकी, देहरादून, हरिद्वार निकलेंगे। इसी मार्ग से वापस होंगे। – सहारनपुर से देहरादून जाने वाले भारी वाहन देहरादून बाईपास (देहरादून-अंबाला हाईवे) से गागलहेड़ी, छुटमलपुर, मोहंड चौकी, आशारोड़ी चौकी होकर जाएंगे। – सहारनपुर से शामली की ओर जाने वाले भारी वाहन रामपुर मनिहारान, नानौता, जलालाबाद होकर जाएंगे। हल्के वाहन भी इसी मार्ग से चलेंगे। – यमुनानगर की ओर से आने वाले वाहन शाहजहांपुर से चिलकाना मोड, दुमझेड़ा, बेहट, कलसिया, मुजफ्फराबाद, छुटमलपुर होते हुए भगवानपुर उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करेंगे। इसी मार्ग से वापसी होंगे।  

झांसी स्टेशन पर समय रहते मिली मदद, महिला कर्मचारियों ने कराई सुरक्षित डिलीवरी

झांसी उत्तर मध्य रेलवे के झांसी स्टेशन पर उस समय एक बच्ची की किलकारी गूंज उठी जब महिला रेलवे कर्मचारियों एवं डॉक्टरों की मदद से एक महिला की सुरक्षित डिलीवरी कराई गई. डिलीवरी के बाद महिला को निकटवर्ती अस्पताल भेजा गया. उत्तर मध्य रेलवे के झांसी स्टेशन पर शनिवार को उस समय भावुक दृश्य देखने को मिला जब एक महिला यात्री की प्रसव पीड़ा के बीच रेलवे कर्मचारियों की तत्परता से प्लेटफॉर्म पर ही सुरक्षित डिलीवरी कराई गई. रेलवे जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार ने प्रेस नोट के माध्यम से यह जानकारी साझा की. दरअसल, ट्रेन संख्या 15066 पनवेल-गोरखपुर एक्सप्रेस में पनवेल से बाराबंकी जा रही एक गर्भवती महिला को रास्ते में अचानक तेज प्रसव पीड़ा होने लगी. महिला की हालत बिगड़ती देख तुरंत रेलवे हेल्पलाइन से संपर्क किया गया और इसके बाद झांसी रेल कंट्रोल को जानकारी दी गई. सूचना मिलते ही रेलवे की महिला कर्मचारी टीम, मेडिकल टीम और अन्य स्टाफ अलर्ट मोड पर आ गए. जैसे ही ट्रेन वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर पहुंची, महिला यात्री को रेलवे मेडिकल टीम, रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ पाली प्रभारी पीएन सोनी एवं महिला टिकट कर्मचारियों, उप स्टेशन अधीक्षक वाणिज्य मणि राय तथा स्टेशन पर उपस्थित आर्मी डॉक्टर की सहायता द्वारा तत्परता से अटेंड किया गया.   महिला की सुरक्षित डिलीवरी इसके बाद रेलवे की ओर से मौजूद डॉ. टीम तथा महिला चेकिंग स्टाफ लिली कुशवाहा, राखी कुशवाहा, ज्योतिका साहू एवं कविता अग्रवाल की मदद से झांसी स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर ही महिला की सुरक्षित डिलीवरी करवाई. बिना देर किए प्लेटफॉर्म को अस्थायी प्रसव कक्ष में बदल दिया गया और सुरक्षित डिलीवरी कराई गई. महिला ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया.इस दौरान  लिली कुशवाहा ने बिना किसी हिचक के अपने वस्त्रों की परवाह किए बिना नवजात कन्या को सुरक्षित संभाला और माँ को सौंपा. डिलीवरी के बाद महिला को प्राथमिक उपचार के बाद एंबुलेंस के माध्यम से निकटवर्ती अस्पताल भेजा गया. जहां दोनों स्वास्थ्य बताए जा रहे हैं.

देवशयनी एकादशी: काशी में गंगा स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालु, लगाई आस्था की डुबकी

वाराणसी सनातन धर्म में विशेष महत्व रखने वाली देवशयनी एकादशी के पावन अवसर पर रविवार को काशी के गंगा घाटों पर श्रद्धालु उमड़ पड़े। श्रद्धालुओं ने सुबह दशाश्वमेध घाट सहित अन्य प्रमुख घाटों पर गंगा स्नान किया और भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की। मान्यता है कि इस दिन गंगा में डुबकी लगाने से पापों का नाश होता है और पुण्य फलों में वृद्धि होती है। सुबह से ही घाटों पर स्नान और पूजन का सिलसिला शुरू हो गया। दशाश्वमेध घाट पर महिलाओं के साथ ही बच्चे और बुजुर्ग भी आस्था की डुबकी लगाते नजर आए। प्रतापगढ़ से काशी पहुंचे श्रद्धालु शिवम ने बताया, “एकादशी के दिन गंगा नदी में स्नान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यता है कि कई पाप और दोष खत्म हो जाते हैं।” राजन कुमार ने बताया, “गंगा में स्नान करने से तन-मन दोनों पवित्र हो जाते हैं और पूजा-पाठ से कई पुण्य फल मिलते हैं। हम लोग आज के दिन अन्न का त्याग कर फलाहार ही खाते हैं, व्रत रखते हैं और भोलेनाथ के साथ नारायण की पूजा करते हैं।” दशाश्वमेध घाट के पुरोहित विवेकानंद पाण्डेय ने बताया, “आषाढ़ मास की एकादशी है। आज के दिन व्रत-पूजन करने से कई लाभ मिलते हैं। भक्त भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वो उनके दुख-दर्द दूर करें।” ‘हर-हर महादेव’ और ‘नारायण-नारायण’ के जयघोष से घाटों का माहौल भक्तिमय बन गया। श्रद्धालुओं ने गंगा जल से भगवान विष्णु का अभिषेक किया, पीले फूल, तुलसी पत्र और पंचामृत अर्पित किए। वहीं, कई भक्तों ने विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी किया और दान-पुण्य के कामों में हिस्सा भी लिया। इस दिन किए गए दान को विशेष फलदायी माना जाता है। हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के लिए क्षीरसागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं और सृष्टि का संचालन भगवान शिव संभालते हैं। इस अवधि को चातुर्मास कहा जाता है, जो 6 जुलाई से शुरू होकर 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी तक चलेगा। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक रहती है, क्योंकि मान्यता है कि भगवान विष्णु की अनुपस्थिति में शुभ कार्यों में उनका आशीर्वाद नहीं मिलता।  

सीएम योगी ने कहा- भारत की एकता और अखंडता के लिए समर्पित रहा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन

लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को हुआ था। उन्होंंने मात्र 33 वर्ष की उम्र में कोलकाता विश्वविद्यालय के सबसे युवा कुलपति के रूप में अपनी सेवाएं दीं। वह एक प्रखर वक्ता, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और महान शिक्षाविद थे। सीएम योगी ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का पूरा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित था। बंगाल के अकाल के दौरान उनकी सेवाओं को पूरा देश स्मरण करता है। उनका जीवन भारत की एकता और अखंडता के लिए समर्पित रहा। डॉ. मुखर्जी ने आजादी के बाद पंडित नेहरू के नेतृत्व में बनी पहली सरकार में भारत के खाद्य एवं उद्योग मंत्री के रूप में देश में खाद्य की आत्मनिर्भरता और औद्योगीकरण की नींव रखी थी, जो नए भारत में भी स्पष्ट देखने को मिलता है। उन्होंने नेहरू सरकार के तुष्टिकरण की नीति के विरोध में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था। इतना ही नहीं भारतीय जनसंघ का गठन और उसके पहले अध्यक्ष होने के साथ जब भारत के संविधान में नेहरू सरकार ने कश्मीर को 370 धारा के माध्यम से अलग स्टेटस देने का प्रयास किया और परमिट सिस्टम जम्मू-कश्मीर के लिए लागू किया, उसके खिलाफ सबसे पहले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने ही आवाज उठाई थी। उन्होंने उस समय एक देश में ‘दो प्रधान, दो विधान और दो निशान’ नहीं चलेंगे का नारा दिया था। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के इन सपनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साकार किया। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर में धारा 370 को समाप्त करके कश्मीर को भारत के संविधान के अनुरूप शेष भारत के साथ जोड़ते हुए ‘एक विधान एक प्रधान और एक निशान’ के साथ भारत की लोकतांत्रिक धारा के साथ जोड़ने का अभिनव प्रयास किया है। आज जम्मू कश्मीर तेजी के साथ विकास कर रहा है, जो श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के संकल्पों की विजय है। यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में संभव हो पाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया भर में इन्वेस्टमेंट के बेहतरीन डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित हुआ है। उन्होंने कहा कि औद्योगीकरण की नींव को आजाद भारत में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने प्रारंभ किया था और आज उसका एक बहुत ही वृहद स्वरूप देश में देखने को मिल रहा है। इस सदी की सबसे बड़ी महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया त्रस्त थी, उस दौरान भारत ने अपने यहां 80 करोड़ लोगों को फ्री में राशन की सुविधा का लाभ दिया, जो आज भी निरंतर चल रहा है। यह सभी संकल्प श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को साकार करने वाला है।  

यूपी में धर्म परिवर्तन गिरोह पर बड़ी कार्रवाई, मास्टरमाइंड गिरफ्तार

लखनऊ उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह के सरगना को उसके सहयोगी के साथ गिरफ्तार किया है. इस बात की जानकारी एक न्यूज एजेंसी को एक अधिकारी ने दी. शनिवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि जलालुद्दीन उर्फ ​​छांगुर बाबा और सह-आरोपी नीतू उर्फ ​​नसरीन बलरामपुर जिले के मधपुर के निवासी हैं. जलालुद्दीन के खिलाफ एक अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था, जबकि पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए 50000 रुपये का नकद इनाम घोषित किया था. दोनों को एक अदालत में पेश किया गया और बाद में उनकी रिमांड प्राप्त करने के बाद लखनऊ जिला जेल भेज दिया गया.   लखनऊ के गोमतीनगर के एक पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता और उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धार्मिक धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामले में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने हिंदू और गैर-मुस्लिम समुदायों के व्यक्तियों को इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए संगठित तरीके से काम किया. बयान के अनुसार गरीब, असहाय मजदूरों, कमजोर वर्गों और विधवा महिलाओं को प्रलोभन, वित्तीय सहायता, शादी के वादे या धमकी के माध्यम से धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया, जो कि अभियुक्तों द्वारा स्थापित प्रक्रियाओं का उल्लंघन है. बयान में कहा गया है कि दो अन्य आरोपियों – नवीन उर्फ ​​जमालुद्दीन और महबूब, जो जलालुद्दीन का बेटा है. जिसे 8 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. दोनों बलरामपुर के रहने वाले हैं और वर्तमान में लखनऊ जिला जेल में बंद हैं.

योगी सरकार ने राज्यभर में मंदिरों, आश्रमों और धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार की योजना तैयार की

लखनऊ  उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों को संवारने की पहल की है. पर्यटन को बढ़ावा देने और आस्था से जुड़े केंद्रों को विकसित करने के उद्देश्य से सरकार ने मंदिरों, आश्रमों और तीर्थ स्थलों के जीर्णोद्धार की योजना तैयार की है. खासतौर पर पूर्वांचल क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां धार्मिक पर्यटन को नया आयाम देने की तैयारी है. उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्यभर में स्थित प्रमुख मंदिरों, संतों के आश्रमों और धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार की योजना तैयार की है. सरकार का मानना है कि इससे धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. स्थानीय रोजगार और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी. विशेष रूप से पूर्वांचल क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन के नए हब के रूप में विकसित करने पर विशेष जोर दिया गया है. एजेंसी के अनुसार, राज्य पर्यटन विभाग द्वारा जारी बयान के अनुसार, एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया गया है. इसके तहत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण और विकास किया जाएगा. योजना के तहत बलिया के भृगु आश्रम में स्थित चित्रगुप्त मंदिर का सौंदर्यीकरण, तेंदुआ पट्टी फरसतार मौजा होलपुर में हनुमान मंदिर परिसर का विकास और बसंतपुर गांव में उदासीन मठ का पुनर्विकास शामिल है. वहीं आजमगढ़ जिले में महाराजगंज स्थित भैरव बाबा स्थल और मिश्रपुर का राम-जानकी मंदिर भी इस परियोजना में शामिल हैं. इसके अलावा फूलपुर पवई (आजमगढ़) में दुर्वासा ऋषि आश्रम, मऊ के दुआरी गांव में स्थित श्री वीर बाबा ब्रह्म स्थान और कन्नौज जिले के सदर क्षेत्र में फूलमती देवी मंदिर का भी कायाकल्प किया जाएगा. इनके अलावा गोरखपुर के बांसगांव, सिंहपुर और धन्नीपुर में स्थित परमहंस बाबा से जुड़े स्थलों को भी शामिल किया गया है. इन स्थलों के आसपास बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़क, शौचालय, पार्किंग, लाइट और सूचना केंद्रों का भी विकास किया जाएगा. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में राज्य में कुल 65 करोड़ से अधिक पर्यटक आए थे, जो कि देश के किसी भी राज्य के मुकाबले सबसे अधिक है. अब इन धार्मिक स्थलों के विकास से आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है. पर्यटन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि धार्मिक पर्यटन संस्कृति और विरासत को संरक्षित करेगा, इससे स्थानीय लोगों को स्वरोजगार और व्यापार के नए अवसर भी मिलेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं धार्मिक स्थलों के संरक्षण और प्रचार-प्रसार को लेकर प्रतिबद्ध हैं.

हस्तिनापुर के पते पर फर्जी फर्म बनाकर राजस्थान के सौरभ ने की 2.46 करोड़ जीएसटी चोरी

मेरठ हस्तिनापुर के पते पर फर्जी फर्म बनाकर एक व्यक्ति ने कागजों में करोड़ों का कारोबार दिखाते हुए फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट जनरेट किए। चार फर्म में सप्लाई दिखाकर इनसे 2.46 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी को अंजाम दिया। मवाना मंडल के राज्यकर विभाग के सहायक आयुक्त ने बहसूमा थाने में फर्जी दस्तावेज तैयार करने और धोखाधड़ी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है। सहायक आयुक्त उमेश सिंह ने शिकायत में बताया कि राजस्थान के धौलपुर जिले की जाटव बस्ती कासमपुर निवासी सौरभ कुमार ने पैन कार्ड व अन्य कागज लगाकर हस्तिनापुर के पते पर मैसर्स लॉर्ड शिव इंटरप्राइजेज के नाम पर 10 दिसंबर 2024 को जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराया था। राज्यकर अधिकारी ने फर्म के व्यापार स्थल का भौतिक सत्यापन किया तो वहां कोई नहीं मिला और उस पते पर कोई व्यापारिक गतिविधि भी नहीं हो रही थी। इस पर जीएसटी पंजीकरण निरस्त करने के लिए नोटिस जारी किया गया। व्यापारी ने मई माह की रिटर्न जीएसटीआर-2ए दाखिल की। इसमें प्रयागराज के बहराना स्थित मैसर्स श्रावणी इंटरप्राइजेज से 13.67 करोड़ की इनवर्ड सप्लाई प्राप्त दिखाई गई। इससे 1.23 करोड़ के सीजीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट और 1.23 करोड़ एसजीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लिया। जबकि सप्लायर फर्म ने इस माल की कोई खरीद नहीं की थी न ही कोई नकद टैक्स जमा किया गया।   मैसर्स लॉर्ड शिव इंटरप्राइजेज की दाखिल रिटर्न जीएसटीआर-1 में चार फर्म को आउटवर्ड सप्लाई दिखाई गई। इनमें मैसर्स हरि ओम इंटरप्राइजेज को 12 करोड़ की सप्लाई करते हुए 2.16 करोड़ की आईजीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट, मैसर्स कृष्णा ट्रेडर्स को 80.61 लाख की सप्लाई करते हुए 14.51 लाख की आईजीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट, मैसर्स आरके ट्रेडर्स को 53.64 लाख की सप्लाई करते हुए 10.55 लाख और मैसर्स कृष्णा ट्रेडर्स को 22.40 लाख की सप्लाई करते हुए 4.03 लाख की आईजीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट हस्तांतरित की गई।   आरोपी ने बिना कोई आपूर्ति प्राप्त किए फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट जनरेट कर इन चारों फर्मों को पासऑन कर दी। आरोपी ने कागजों में करोड़ों का कारोबार दिखाकर धोखाधड़ी की। जीएसटी में ई-वे बिल जनरेट करने के लिए पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी आता है। इससे साबित होता है कि आरोपी ने इस मोबाइल नंबर का प्रयोग किया है। रुड़की के सिविल लाइन स्थित एचडीएफसी बैंक के खाते का इसमें इस्तेमाल किया गया है। इस संबंध में एसपी देहात राकेश कुमार मिश्रा का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी को तलाश किया जा रहा है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

यूपी पर्यटन को मिलेगा नया आयाम, योगी सरकार ने तैयार किया विकास का मास्टर प्लान

लखनऊ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर्यटकों और श्रद्धालुओं को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के प्रमुख मंदिरों, संतों के आश्रमों और अन्य धार्मिक स्थलों की जीर्णोद्धार कराएगी। सरकार ने राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए मंदिरों के बड़े पैमाने पर जीर्णोद्धार और पर्यटन विकास के लिए एक योजना शुरू की है। एक आधिकारिक बयान में शनिवार को यह जानकारी दी गई। इस योजना के तहत बलिया स्थित भृगु और आजमगढ़ स्थित दुर्वासा ऋषि के आश्रमों सहित जैन मंदिर का कायाकल्प किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक विशेष रूप से पूर्वांचल के मंदिरों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, पर्यटन विभाग ने एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है।इसमें बलिया में भृगु आश्रम स्थित चित्रगुप्त मंदिर का सौंदर्यीकरण, तेंदुआ पट्टी फरसातार मौजा होलपुर में हनुमान मंदिर परिसर का पर्यटन विकास, बसंतपुर गांव में उदासीन मठ का विकास, आजमगढ़ के महाराजगंज में भैरो बाबा स्थल का पर्यटन विकास और फूलपुर पवई में दुर्वासा ऋषि आश्रम का विकास किया जाना प्रस्तावित है। बयान में कहा गया है कि मऊ जिले में श्री वीरा बाबा ब्रह्म स्थान का पर्यटन विकास, आजमगढ़ के मिश्रापुर में राम जानकी मंदिर का विकास, कन्नौज के सदर में फूलमती देवी मंदिर का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि इसके साथ ही आजमगढ़ के धन्नीपुर, सिंगपुर और बांसगांव में स्वर्गीय संत परमहंस बाबा के स्थल का भी पर्यटन विकास इस योजना में शामिल है। अधिकारियों के मुताबिक सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। अयोध्या, काशी, और मथुरा जैसे प्रमुख धार्मिक केंद्रों के साथ-साथ राज्य के अन्य प्राचीन मंदिरों और तीर्थ स्थलों को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं लागू की हैं।