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लंदन से दिल्ली आ रहे विमान में ईंधन कम होने के कारण लखनऊ एयरपोर्ट पर इमर्जेंसी लैंडिंग, सकुशल रवाना

लखनऊ लंदन से दिल्ली जा रही वर्जिन अटलांटिक एयरलाइन की फ्लाइट में ईंधन घट जाने के चलते लखनऊ एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। विमान में 300 यात्री सवार थे। मामला बीते बृहस्पतिवार का है। वर्जिन अटलांटिक एयरलाइन की उड़ान संख्या वीएस 302 सुबह करीब साढ़े दस बजे लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट से रवाना होती है। विमान दस घंटे से अधिक का सफर कर रात में दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचता है। गत दिवस विमान लंदन से तय समय पर रवाना हुआ लेकिन दिल्ली पहुंचने से पहले विमान में ईंधन कम हो गया। ऐसे में पायलट ने तत्काल एयर ट्रैफिक कंट्रोलर एटीसी को सूचना दी और ईंधन की स्थिति स्पष्ट की। इसके बाद विमान की इमरजेंसी लैंडिंग रात एक बजे लखनऊ एयरपोर्ट पर कराने की अनुमति दी गई। इधर लखनऊ एयरपोर्ट पर विमान की इमरजेंसी लैंडिंग की सूचना पर सुरक्षाबलों और एम्बुलेंस आदि को मुस्तैद कर दिया गया। विमान के पायलट ने सतर्कता दिखाते हुए सावधानी से विमान की लैंडिंग करवाई। विमान के सकुशल लैंड होने पर यात्रियों की जान में जान आई। ईंधन भरा और लौट गया विमान लखनऊ एयरपोर्ट पर लैंडिंग के बाद विमान को टैक्सीवे पर ले गया गया। विमान में ईंधन भरा गया, जिसके बाद फ्लाइट वापस दिल्ली रवाना हो गई। इस दौरान यात्री विमान में ही बैठे रहे। मुंह को आ गई थी यात्रियों की जान विमान में सवार यात्रियों को जब दिल्ली की जगह लखनऊ में लैंडिंग की सूचना मिली तो वे घबरा गए। पूछने पर उन्हें बताया गया कि ईंधन कम होने से डायवर्ट किया जा रहा है। इससे यात्री घबरा गए। अहमदाबाद में हुए हादसे के बाद विमान यात्रियों में स्वाभाविक डर पैदा हो गया है लेकिन लखनऊ में लैंडिंग के बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली।

छांगुर बाबा के काले कारनामों पर नए खुलासे, स्विस बैंक में अकाउंट, लड़कियों को फंसाने की ट्रेनिंग…

लखनऊ जैसे-जैसे 70 वर्षीय जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा से पूछताछ बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे उसके काले कारनमों की परतें खुलती जा रही है. चार हजार से भी ज्यादा लोगों को धर्मांतरण कराने वाले इस बुजुर्ग पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), एटीएस और आयकर विभाग जैसी शीर्ष जांच एजेंसियों ने एक्शन शुरू कर दिया है. छांगुर बाबा का सबसे करीबी सलाहकार अब्दुल मोहम्मद राजा बाबा को लड़कियों को फंसाने की बाकायदा ट्रेनिंग देता था. वहीं छांगुर बाबा के सहयोगी नवीन रोहरा का स्विस बैंक में भी एकाउंट होने की जानकारी मिली है.  धर्मांतरण के धंधेबाज छांगुर उर्फ जलालुद्दीन इस समय काफी चर्चा में है. पकी हुई दाढ़ी, फकीरों जैसा लबादा और आंखों पर मोटा चश्मा और लड़खड़ाती हुई चाल. इसकी 78 साल की उम्र पर मत जाइये क्योंकि आरोप संगीन हैं कि ये जैसा दिख रहा है, असल में वैसा है नहीं. ये हिंदू लड़कियों को झांसे में लेकर उन्हें मुसलमान बनाने के बड़े मज़हबी रैकेट का मास्टरमाइंड है. इसी के पीछे नसरीन भी है वो लड़की जो कभी सिंधी हिंदू थी. छांगुर ने सबसे पहले इसे और इसके पति को ही मजहबी जाल में फंसाया था और इसे नीतू से नसरीन बनाया था. इसके बाद से धर्मांतरण के खेल में ये नसरीन ही इसका सबसे बड़ा मोहरा थी, जो हिंदू लड़कियों को फंसाकर छांगुर के पास लाती थी और फिर उनसे भी धर्म बदलवाया जाता था. अब छांगुर बाबा की धर्मांतरण की रेट लिस्ट भी सामने आई है. ब्राह्णण लड़की के धर्मांतरण के लिए 15 से 16 लाख रुपये था फिक्स इतना ही नहीं छांगुर ने हिंदू लड़कियों में भी ब्राह्रण, क्षत्रिय, OBC- SC-ST के हिसाब से टारगेट सेट करके उनके धर्मांतरण की रेट लिस्ट बनाई हुई थी. होटलों के रेट कार्ड की तरह धर्मांतरण की रेट लिस्ट आपने पहले नहीं सुनी होगी. जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के नेटवर्क ने इसमें ब्राह्मण लड़कियों को इस्लाम कबूल करवाने के लिये 15 से 16 लाख रुपये रेट फिक्स कर रखा था. धर्मांतरण का यही 15 से 16 लाख रुपये का रेट उसने क्षत्रिय राजपूत लडकियों को मुसलमान बनवाने के लिये तय किया हुआ था. OBC वर्ग की हिंदू लड़की के धर्मांतरण के लिए 10 से 12 लाख था फिक्स वहीं पिछड़ी जाति यानी OBC वर्ग की हिंदू लड़की को कोई इस्लाम में कन्वर्ट कराता है तो उसके लिये 10 से 12 लाख रुपये का रेट फिक्स किया था. अन्य हिंदू जातियों यानी SC-ST वर्ग की लड़कियों का कोई धर्मांतरण करवाता है, तो उसके लिये रेट लिस्ट में कीमत 8 से 10 लाख रुपये रखी गई थी. ये अपने आप में हैरान करने वाला है कि धर्मांतरण का भी रेट कार्ड बनाया गया हो. ये रेट लिस्ट भी सवाल पैदा करती है कि हिंदू धर्मांतरण के लिये छांगुर को ऐसी कितनी विदेशी फंडिंग मिल रही थी? क्या इसी फंडिंग की बदौलत उसने दरगाह के पास ही हिंदू धर्मांतरण का करोड़ों का अवैध हेडक्वार्टर खड़ा किया था ?.  3 से 4 हजार हिंदुओं की लिस्ट बना रखी थी  सूत्रों के मुताबिक छांगुर की धर्मांतरण गैंग ने 3 से 4 हजार हिंदुओं की लिस्ट बना रखी थी जो सॉफ्ट टारगेट थे. दावा किया जा रहा है कि 40 हिंदुओं का धर्मांतरण करा भी चुका है. छांगुर और नसरीन को रिमांड पर लेकर यूपी ATS को इस धर्मांतरण रैकेट के सारे मंसूबे पता करने हैं. हिंदू धर्मांतरण के इस सनसनीखेज मामले में 9 आरोपी हैं, लेकिन गिरफ्तारी अभी सिर्फ 4 की हुई है. छांगुर पर यूपी ATS ने नवंबर 2024 में FIR की थी लेकिन गिरफ्तारी 5 जुलाई को हुई. जब छांगुर और नसरीन लखनऊ के स्मार्ट रूम होटल में बाप-बेटी की पहचान बताकर छिपे हुए थे.  छांगुर के पास 106 करोड़ रुपये मिडिल ईस्ट से आए मुंबई की हाजी अली दरगाह पर अंगूठियां बेचने वाले जलालुद्दीन उर्फ करीमुल्ला शाह उर्फ छांगुर ने कब हिंदू धर्मांतरण की साजिश शुरू की, कैसे करोड़ों का आसामी बना ये गुत्थी ED भी सुलझा रहा है. छांगुर पर विदेशी फंडिंग लेने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का भी आरोप दर्ज हैं. ED जांच में खुलासा हुआ है कि छांगुर के पास 106 करोड़ रुपये मिडिल ईस्ट से आए थे, ये 106 करोड़ रुपये 40 अलग-अलग बैंक खातों में जमा हुए. FIR में दर्ज है कि छांगुर ने कुछ वर्षों में 100 करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति बनाई है. ये पैसा धोखाधड़ी और धर्मांतरण के एवज में कमाया गया है. इन पैसों से घर, दुकानें, स्कूल और कई धार्मिक संस्थाएं बनवाई हैं. ED ने छांगुर पर आरोपों का सारा चिट्ठा यूपी ATS से ले लिया है, दुबई और शारजाह से फंडिंग की बात जांच दायरे में है. इसके लिये छांगुर के 40 खातों की डिटेल्स निकाली जा रही हैं. दरगाह से छांगुर ने धर्मांतरण का पूरा नेटवर्क खड़ा किया मधपुर गांव में अपने अवैध अड्डे के पास इसी चांद औलिया दरगाह से छांगुर ने धर्मांतरण का पूरा नेटवर्क खड़ा किया. खुद को पीर बताकर यहीं से हिदुओं को फंसाने और उन्हें हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम को अपनाने के लिये बरगलाना शुरू किया था. छांगुर उर्फ़ जलालुद्दीन शिज्र-ए-तैयबा के हवाले से तकरीर करता था, चांद औलिया दरगाह पर भीड़ में ज्यादातर गरीब हिंदू दलित होते थे. छांगुर ब्रेनवॉश करता था, कहता था कि इस्लाम में ही हर दुख की दवा है. छांगुर बलरामपुर के आसपास भी कई कार्यक्रम आयोजित करता था, इन कार्यक्रमों में भीड़ जुटाकर इस्लाम कबूलने के लिये प्रेरित किया जाता था. गरीब हिंदुओं की भीड़ जुटाने में छांगुर के कई रिश्तेदारों के साथ नीतू उर्फ नसरीन का भी बड़ा रोल था. नीतू खुद के  नसरीन बनने की कहानी बताकर हिंदू लड़कियों को बरगलाती थी और चमत्कार का झांसा देकर छांगुर के पास लाती थी. ऐसे फैला रहा था धर्मांतरण का जाल एटीएस की एफआईआर में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. बाबा ने 'शिजरा-ए-तय्यबा' नाम की किताब के जरिए दलितों, गरीबों और महिलाओं को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित किया. उसके धार्मिक प्रवचनों में ऐसे तत्व थे जो लोगों के मन में भ्रम और असंतोष पैदा करते थे. जांच में सामने आया है कि 3 से 4 हजार हिंदुओं को टारगेट कर वह उन्हें जबरन या लालच देकर इस्लाम में शामिल कर चुका है. इनमें करीब 1500 से … Read more

कांवड़ यात्रा में सुविधा बढ़ी, स्पेशल ट्रेनें शुरू और मेमू ट्रेनों का रूट बढ़ाया गया

लखनऊ  सावन माह को लेकर मेला स्पेशल ट्रेनों के संचालन की तैयारी शुरू हो गई। आज से श्रावण मास से ही गाड़ियों का संचालन शुरू हो जाएगा। हरिद्वार और योगनगरी समेत विभिन्न स्टेशनों पर शिवभक्त व यात्री भीड़ को देखते हुए चार स्पेशल ट्रेनें चलाएगा, जबकि दो मेमू गाड़ियां दिल्ली-शामली और दिल्ली-सहारनपुर का विस्तार कर हरिद्वार तक चलेगी, जबकि लिंक एक्सप्रेस समेत सात जोड़ी ट्रेनों के विभिन्न स्टेशनों पर यात्री सुविधा के मद्देनजर ठहराव निर्धारित किए गए है। कांवड़ और रक्षाबंधन पर्व को देखते हुए आज से से 9 अगस्त तक स्पेशल ट्रेनें चलेगी। श्रावण माह का मेला आज से शुरू होगा। सीनियर डीसीएम का कहना है कि आज से 25 जुलाई मेला स्पेशल गाड़ियां चलेगी। रक्षा बंधन को देखते हुए कुछ गाड़ियों को 10 अगस्त तक चलाया जाएगा। मेला स्पेशल ट्रेनें-प्रतिदिन 1-मुरादाबाद-लक्सर अनारक्षित – 04311-12- 11 से 25 जुलाई 2-हरिद्वार-दिल्ली शाहदरा-अनारक्षित-04313-14 11 से 24 जुलाई 3-योगनगरी ऋषिकेश-दिल्ली शाहदरा- 04315-16 11 से 25 जुलाई 4-योगनगरी ऋषिकेश-आलम नगर-04317-18 11 जुलाई से 10 अगस्त मुख्य स्टेशन- स्टापेज: हरिद्वार, ज्वालापुर, रुड़की, टपरी, मुजफ्फरनगर, मेरठ शहर, गाजियाबाद, शाहदरा। विस्तार: दिल्ली-शाामली को हरिद्वार- 74022-23 11 से 25 जुलाई स्टापेज-दिल्ली,शामली, थाना भवन, रामपुर मनिहारन, टपरी, रुड़की,ज्वालापुर व  हरिद्वार दिल्ली-सहारनपुर को हरिद्वार- 64557-58 11 से 25 जुलाई स्टापेज:: दिल्ली, सहारनपुर, रुड़की, ज्वालापुर व हरिद्वार एक्सप्रेस ट्रेनों का दो मिनट का ठहराव-11 से 24 जुलाई तक -लिंक एक्सप्रेस,उज्ज्यिनी, इंदौर एक्सप्रेस,ओखा एक्सप्रेस, हेमकुंड, कोच्चिवली-योगनगरी ऋषिकेश व बरेली-दिल्ली पैसेंजर। सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता ने बताया कि स्पेशल ट्रेनों के अलावा रायवाला, मोतीचूर, हरिद्वार, ऋषिकेश, योगनगरी ऋषिकेश, ज्वालापुर, लक्सर, रुड़की, कांकाठेर स्टेशनों पर अतिरिक्त व्यवस्थाएं की गई हैं। भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त बुकिंग विंडो पर पांच सुपरवाइजरों समेत 38 कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई है। नियमित सफाई सुरक्षा, यात्रियों के लिए हेल्प डेस्क, टिकट चेकिंग, सीसीटीवी, एनाउंसमेंट के अलावा जीआरपी और आरपीएफ की तैनाती की गई है। यात्री सुविधाओं के अलावा एकीकृत हेल्प लाइन 139 या रेल मदद एप की सहायता ले सकते हैं।  

गाजियाबाद में बड़ी कार्रवाई: साइबर ठगी गिरोह बेनकाब, बिटकॉइन-बीमा के नाम पर लूटते थे पैसे

गाजियाबाद  गाजियाबाद के थाना साइबर क्राइम टीम ने एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को विभिन्न बीमा कंपनियों का प्रतिनिधि या बीमा लोकपाल बताकर लोगों से संपर्क करते थे और बीमा पॉलिसी में अधिक मुनाफा दिलाने और पॉलिसी की रकम को बिटकॉइन में निवेश के नाम पर ठगी करते थे। पुलिस ने इनके कब्जे से 5 मोबाइल फोन, एक लैंडलाइन डिवाइस, दो चेक, एक एटीएम कार्ड, एक लग्जरी कार, 1.83 लाख रुपए नकद बरामद किए हैं। पुलिस के अनुसार, अब तक गैंग कुल 44 लाख रुपए की साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम दे चुका है। पुलिस उपायुक्त धवल जायसवाल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के नाम रवि प्रताप, विकास कुमार, नवीन, अनुज और गुंजन हैं। इन सभी का आपराधिक इतिहास भी रहा है और पुलिस द्वारा उनकी पृष्ठभूमि की जांच की जा रही है। आरोपियों ने पहले अलग-अलग कॉल सेंटर्स में काम किया था, जिससे उनके पास बीमा धारकों का डाटा पहुंचा। इसी डाटा के आधार पर आरोपी लोगों से संपर्क करते थे और उन्हें बताते थे कि उनकी बीमा पॉलिसी की राशि को बिटकॉइन में बदला जा रहा है, लेकिन इसके लिए कुछ रजिस्ट्रेशन शुल्क और अन्य प्रोसेसिंग फीस देनी होगी। लालच में आकर जब पीड़ित रकम भेजते थे, तो आरोपी उनसे संपर्क बंद कर देते थे। यही नहीं, इन लोगों ने बीमा कंपनियों की वेबसाइट जैसी दिखने वाली नकली वेबसाइट भी बनाई थी, जिसमें अपने नंबर डाल रखे थे ताकि लोग भ्रमित होकर उनसे ही संपर्क करें। साइबर थाना पुलिस की इस सफलता पर टीम को 25,000 रुपए का नकद पुरस्कार भी दिया गया है। पुलिस अब आरोपियों के पुराने मामलों और अन्य पीड़ितों की जानकारी इकट्ठा करने में जुटी है।

जनता दर्शन में योगी आदित्यनाथ ने करीब 200 लोगों से मुलाकात की, कहा- समस्या का समाधान सरकार की प्राथमिकता

गोरखपुर  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को गोरखपुर प्रवास के दौरान जनता दर्शन में लोगों से भेंट कर उनकी समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर व्यक्ति की समस्या का निस्तारण, उनकी सरकार की विशेष प्राथमिकता है।  एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पीड़ितों की समस्याओं को गंभीरता और संवेदनशीलता से लेते हुए त्वरित और संतुष्टिपरक तरीके से उनका समाधान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। यहां गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन में योगी आदित्यनाथ ने करीब 200 लोगों से मुलाकात की। मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक मुख्यमंत्री खुद गए और एक-एक कर उनकी समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री ने सभी को आश्वस्त किया कि किसी को भी घबराने करने की आवश्यकता नहीं है और सभी की समस्या का समाधान हर हाल में किया जाएगा। जनता दर्शन में कुछ महिलाएं जमीन से जुड़े विवादों में प्रार्थना पत्र लेकर पहुंची थीं और उनकी शिकायत थी कि उनकी जमीनों पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इन शिकायतों पर अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए कहा कि जमीनी विवादों का समाधान तत्परतापूर्वक इस तरह होना चाहिए जिससे पीड़ित व्यक्ति संतुष्ट दिखे। जनता दर्शन में गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार लेकर पहुंचे लोगों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वस्त किया कि पैसे की तंगी से किसी का भी इलाज नहीं रुकने दिया जाएगा। जनता दर्शन के दौरान कुछ महिलाओं संग पहुंचे उनके बच्चों को मुख्यमंत्री ने चॉकलेट दी।  

अवैध धर्मांतरण के खिलाफ अभियान जारी, योगी राज में अब तक 16 को मिली सजा

लखनऊ योगी सरकार की अवैध धर्मांतरण के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। योगी सरकार के निर्देश पर पिछले आठ वर्षों में यूपी पुलिस, एसटीएफ और एटीएस दो दर्जन से अधिक अवैध धर्मांतरण गिरोहों के सरगना और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार सलाखों के पीछे धकेल चुकी है। वहीं, अभियोजन विभाग द्वारा कोर्ट में प्रभावी पैरवी, वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर पिछले आठ वर्षों में अवैध धर्मांतरण में लिप्त 16 आरोपियों को सजा दिलायी गयी। इनमें से 12 आरोपियों का आजीवन कारावास और 4 आराेपियों को 10 वर्ष के कारावास की सजा दिलायी गयी। इसके साथ ही कोर्ट द्वारा आरोपियों पर अर्थदंड भी लगाया गया। डीजीपी राजीव कृष्णा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेशभर में धार्मिक-सामाजिक एकता बनाए रखने और जनसंख्या संतुलन को बिगाड़ने वाली साजिशों को विफल करने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत अवैध धर्मांतरण के सरगनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है। उन्होंने बताया कि अभियान ने न केवल अवैध धर्मांतरण की गहरी जड़ों को उजागर किया बल्कि संगठित धर्मांतरण गिरोहों की कमर तोड़ दी है। डीजीपी ने बताया कि पिछले आठ सालों में प्रदेश भर में अवैध धर्मांतरण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दो दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे धकेला गया है। यह आरोपी उत्तर प्रदेश के साथ दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात और हरियाणा में भी सक्रिय थे। इनका मकसद बहुसंख्यक आबादी में धार्मिक असंतुलन पैदा कर देश की जनसांख्यिकी को बदलना और शांति को भंग करना था। यह लोग गिरोह के संचालन के लिए इस्लामिक दावा सेंटर (आईडीसी) जैसे केंद्रों का उपयोग करते थे, जहां गरीब, असहाय, दिव्यांग और समाज के हाशिए पर खड़े लोगों को बहला-फुसलाकर, नौकरी, इलाज, शादी और पैसे के लालच से अवैध धर्मांतरण कराया जाता था। वहीं कुछ अभियुक्तों को प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से प्रेरित भी पाया गया है।  डीजीपी ने बताया कि अभियान में दबोचे गये आरोपियों ने अवैध धर्मांतरण का सुनियोजित नेटवर्क तैयार कर रखा था। इनके कब्जे से 450 से अधिक अवैध धर्मांतरण प्रमाण-पत्र और भारी मात्रा में विदेशी फंडिंग के दस्तावेज बरामद हुए थे। अवैध धर्मांतरण के लिए पीड़ितों पर मानसिक दबाव बनाया जाता था, उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता था और बाद में उन्हें रैली और वीडियो के ज़रिए मॉडल के रूप में प्रस्तुत कर प्रचारित किया जाता था। इनमें से कई आरोपियों के खाते में एफसीआरए के बिना विदेशी चंदा आया था, जिसे उन्होंने अवैध धर्मांतरण की गतिविधियों में इस्तेमाल किया। इतना ही नहीं योगी सरकार द्वारा अवैध धर्मांतरण के आकाओं और उनके सहयोगियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए कोर्ट में प्रभावी पैरवी की गयी। वैज्ञानिक साक्ष्य और प्रभावी पैरवी सुनिश्चित कर आरोपियों को दिलायी गयी कठोर सजा अभियोजन विभाग के डीजी दीपेश जुनेजा ने बताया कि अवैध धर्मांतरण में लिप्त आरोपियों को कोर्ट के जरिये सजा दिलाने के लिए वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन और प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की गई। इसी का परिणाम है कि पिछले आठ वर्षों में अवैध धर्मांतरण में लिप्त आकाओं और उनके सहयोगियों को आजीवन कारावास के साथ अर्थदंड की सजा दिलायी गयी। इनमें से 12 आरोपियों को आजीवन कारावास और 4 को 10 वर्षों की कठोर सजा सुनाई गई है। साथ ही कोर्ट द्वारा आरोपियों पर अर्थदंड भी लगाया गया। अवैध धर्मांतरण के इन आरोपियों को दिलायी गयी सजा 1. मोहम्मद उमर गौतम 2. मौलाना कलीम सिद्दीकी 3. काज़ी जहांगीर आलम कासमी 4. इरफान शेख उर्फ इरफान खान 5. सरफराज अली जाफरी 6. कौशर आलम 7. फराज बाबुल्लाह शाह 8. अब्दुल्ला उमर 9. धीरज गोविंद राव जगताप 10. सलाउद्​दीन जैनुद्​दीन शेख 11. प्रसाद रामेश्वर कांवरे उर्फ आदम 12. अर्सलान मुस्तफा उर्फ भूप्रिय बंदो 13. मोहम्मद सलीम 14. राहुल भोला 15. मन्नू यादव 16. कुणाल अशोक चौधरी  

हाईकोर्ट की बड़ी कार्रवाई, PCS-J 2022 विवाद में जस्टिस गोविंद माथुर की रिपोर्ट आई सामने

प्रयागराज  इलाहाबाद हाईकोर्ट में यूपी पीसीएस-जे 2022 मुख्य परीक्षा विवाद के मामले में बुधवार को पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर की अध्यक्षता वाली न्यायिक जांच समिति की ओर से प्रस्तुत प्रारंभिक रिपोर्ट को खोला गया। न्यायालय ने रिपोर्ट खोलकर रिकॉर्ड पर लिया। न्यायालय ने सभी पक्षों को प्रारंभिक रिपोर्ट कार्यालय से प्राप्त करने और तीन सप्ताह के भीतर अपनी प्रतिक्रिया या शपथ-पत्र दाखिल करने को कहा है। साथ ही अगली सुनवाई के लिए छह अगस्त की तारीख लगाई है। न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता एवं न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र की खंडपीठ के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान खोली गई जस्टिस गोविंद माथुर की जांच रिपोर्ट प्रारंभिक रिपोर्ट है। एडवोकेट शाश्वत आनंद ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रारंभिक रिपोर्ट दो सेट में है। 14 अन्य सेट में संलग्नक हैं। सुनवाई के दौरान याची श्रवण पांडेय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सैयद फारमान अहमद नक़वी, अधिवक्ता शाश्वत आनंद व सौमित्र आनंद तथा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से अधिवक्ता निशीथ यादव उपस्थित रहे। यूपी पीसीएस-जे 2022 की मुख्य परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़, मूल्यांकन में अनियमितताओं और मेरिट सूची में विसंगतियों के आरोपों से संबंधित मामले में यूपीपीएससी ने पहले स्वीकार किया था कि दो बंडलों की उत्तर पुस्तिकाओं पर गलत मास्टर फेक कोड चिपकाए गए थे, जिससे कम से कम 50 उम्मीदवारों के अंक प्रभावित हुए। न्यायमूर्ति गोविंद माथुर को इन अनियमितताओं की जांच का जिम्मा सौंपा गया था। न्यायालय ने यूपीपीएससी को जांच पूरी होने तक सभी संबंधित रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है।  

यात्रा मार्ग पर सख्ती: रेस्टोरेंट-ढाबों को लेना होगा लाइसेंस, बाहर लगानी होगी तस्वीर

बिजनौर यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी रेस्टोरेंट-ढाबों का लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया है। इतना ही नहीं लाइसेंस की फोटो दुकान के बाहर चस्पा करनी होगी। रेस्टोरेंट ढाबों का निरीक्षण शुरू भी कर दिया गया है। केवल रेस्टोरेंट-दुकानों की ही जांच नहीं होगी, सेवा शिविरों में कांवड़ियों के लिए बन रहे भोजन की भी जांच होगी। इसको लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है। गौरतलब है कि श्रावण मास 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। शिवभक्तों को कांवड़ यात्रा के दौरान खाने-पीने की चीजों में गुणवत्ता बनी रहे तथा किसी किस्म की परेशानी न हो। इसके लिए सर्तकता बरती जा रही है, ताकि शिवभक्तों को शुद्ध भोजन मिल सके। इस क्रम में यूपी के बिजनौर में चिड़ियापुर से लेकर आगे नजीबाबाद मार्ग पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम दुकानों के निरीक्षण कर रही है। साथ ही मंडावर मार्ग पर भी विभाग सभी रेस्टोरेंट व अन्य खाद्य पदार्थों की दुकानों की पड़ताल कर रहा है। कांवड़ पर बने रेस्टोरेंट सहित अन्य दुकानों के लिए खाद्य विभाग का लाइसेंस भी अनिवार्य कर दिया गया है। उन्हें दुकान के बाहर लाइसेंस की फोटो भी चस्पा करनी है, ताकि उसमें नाम पता भी स्पष्ट पढ़ा जा सके। इसके अलावा शिवभक्तों की सेवा में लगने वाले सेवा शिविरों में भी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम जाकर भोजन की गुणवत्ता की जांच करेगी। बिजनौर में टीम लगातार निरीक्षण कर नमूने एकत्र कर रही है। टीम सभी दुकानदारों को कांवड़ यात्रा को लेकर सभी मानकों के बारे में जागरूक भी कर रही है। बिजनौर के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी, संजीव सिंह ने कहा कि कांवड़ मार्ग पर लगभग सभी के लाइसेंस बने हुए हैं। कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले सभी रेस्टोरेंट, ढाबों का निरीक्षण कर लाइसेंस, मोबाइल नंबर, नाम, दाम की सूची चस्पा कराई जा रही है। स्वच्छता व गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है।  

आगरा में भीषण सड़क हादसा, ऑटो को एक वाहन ने मारी टक्कर, दो की मौत, सीएम योगी ने जताया दुख

आगरा उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित यमुना एक्सप्रेसवे पर एक भीषण सड़क हादसा सामने आया है, जहां ऑटो को एक वाहन ने टक्कर मार दी। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मामला आगरा के थाना एत्मादपुर क्षेत्र का है। बताया जा रहा है कि आगरा के तोरा क्षेत्र के रहने वाले लोग एक ऑटो में सवार होकर यमुना एक्सप्रेसवे से जा रहे थे। तभी एक अज्ञात वाहन ने ऑटो को टक्कर मार दी। हादसा इतना दर्दनाक था कि मौके पर ही दो लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा, पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। साथ ही घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है। जानकारी के अनुसार, मृतकों की पहचान कमलेश और राजू के रूप में हुई है। ऑटो सवार सभी लोग आगरा के तोरा क्षेत्र के रहने वाले हैं। इस हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और घायलों के उचित इलाज के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सीएम योगी ने जनपद आगरा में हुए सड़क हादसे का संज्ञान लिया है। उन्होंने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनका समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है।” फिलहाल पुलिस इस हादसे की जांच में जुट गई है और अज्ञात वाहन की तलाश कर रही है। उल्लेखनीय है कि यमुना एक्सप्रेसवे पर इससे पहले भी कई सड़क हादसे सामने आ चुके हैं। इससे पहले, 15 मार्च को यमुना एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार कार डिवाइडर से टकरा गई थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी और दो अन्य लोग घायल हो गए थे।  

गोरखनाथ मंदिर में गुरु पूर्णिमा की धूम, सीएम योगी ने की विशेष आरती और पूजन

गोरखपुर गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर में शिवावतार महायोगी गुरु गोरखनाथ का पारंपरिक रूप से विशेष पूजन किया। उन्होंने अपने गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ, दादागुरु महंत दिग्विजयनाथ और योगिराज बाबा गंभीरनाथ समेत नाथपंथ के सभी गुरुओं की श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना की और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। सुबह पांच बजे से शुरू हुए गुरु पूर्णिमा के विशेष अनुष्ठान की पूर्णता सामूहिक महाआरती के साथ हुई। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर स्थित सभी देव विग्रहों एवं गुरुओं की प्रतिमाओं का पूजन कर लोकमंगल की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने गुरु गोरखनाथ को रोट का महाप्रसाद भी अर्पित किया। मुख्यमंत्री योगी ने देशवासियों को गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं दीं और गुरु परंपरा के महत्व को रेखांकित किया। वैसे तो गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ जब भी गोरखनाथ मंदिर में होते हैं, गुरु गोरखनाथ जी तथा नाथपंथ के गुरुजन का दर्शन-पूजन उनकी दिनचर्या का हिस्सा होता है। पर, गुरु पूर्णिमा का अवसर गोरखनाथ मंदिर में विशिष्ट पूजा का होता है। गुरुवार को गोरक्षपीठाधीश्वर ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महायोगी गुरु गोरखनाथ सहित मंदिर परिसर में मौजूद सभी देव विग्रहों और नाथपंथ के गुरुओं की प्रतिमाओं के समक्ष विधि विधान के साथ पूजन किया। अनुष्ठानिक कार्यक्रमों के क्रम में उन्होंने सबसे पहले नाथपंथ के आदिगुरु भगवान गोरखनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनकी पूजा की। योगी परिसर में मौजूद सभी देव-विग्रहों के पास पहुंचे और उनका पूजन किया। उसके बाद वह बारी-बारी से बाबा गंभीरनाथ, अपने दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ समेत ब्रह्मलीन गुरुओं की समाधि पर गए। सभी का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन कर आशीर्वाद लिया। गोरखनाथ मंदिर में नाथपंथ की विशिष्ट परंपरा के अनुसार गुरु गोरखनाथ को रोट का महाप्रसाद भी अर्पित किया गया। पूजा-अर्चना की अनुष्ठानिक प्रक्रिया संपन्न होने के बाद गुरु पूर्णिमा पर होने वाली परंपरागत महाआरती हुई तथा सभी गुरुओं के प्रति आस्था निवेदित की गई।