News Aazad Bharat

फसल बीमा कराने की आखिरी तारीख का हुआ ऐलान

रायपुर कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने वर्ष 2025 के खरीफ फसलों के लिए बीमा अवधि 15 से 31 जुलाई निर्धारित की गई है. वहीं किसान अब मात्र 2 प्रतिशत प्रीमियम दर पर करा फसलों का बीमा सकेंगे. शासन ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिले के किसान मुख्य फसल धान सिंचित, धान असिंचित एवं अन्य फसल मक्का, मूंगफली, मूंग, उड़द, सोयाबीन, अरहर, कोदो, कुटकी, रागी का बीमा करा सकते हैं. किसानों के फसल को प्रतिकूल मौसम, सूखा, बाढ़, जलप्लावन, ओलावृष्टि सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को होने वाले नुकसान से राहत दिलाने के लिए बीमा में शामिल किए जाने वाले किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत ऋणी एवं अऋणी किसान जो भू-धारक व बटाईदार हो सम्मिलित हो सकते हैं, जो किसान अधिसूचित ग्राम व राजस्व निरीक्षक मंडल में अधिसूचित फसल के लिए वित्तीय संस्थानों से मौसमी कृषि ऋण स्वीकृत, नवीनीकृत की गई है. अधिसूचित फसल उगाने वाले सभी गैर ऋणी किसान जो योजना में सम्मिलित होने इच्छुक हो वे बुआई प्रमाण पत्र क्षेत्रीय पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा सत्यापित कराकर एवं अन्य दस्तावेज प्रस्तुत कर लाभ ले सकते हैं. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत फसलवार जिले में बीमित राशि (रुपए प्रति हेक्टेयर) एवं किसान के देय प्रीमियम राशि (रुपए प्रति हेक्टेयर) निर्धारित की गई है. जिसके तहत खरीफ 2025-26 में उड़द के लिए बीमांकित राशि 30 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 600 रुपए प्रति हेक्टेयर, मूंग के लिए बीमांकित राशि 29 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 580 रुपए प्रति हेक्टेयर, मूंगफली के लिए बीमांकित राशि 42 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 840 रुपए प्रति हेक्टेयर, कोदो के लिए बीमांकित राशि 22 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 440 रूपए प्रति हेक्टेयर, कुटकी के लिए बीमांकित राशि 22 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 440 रुपए प्रति हेक्टेयर, मक्का के लिए बीमांकित राशि 48 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 960 रुपए प्रति हेक्टेयर, तुअर (अरहर) के लिए बीमांकित राशि 40 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 800 रुपए प्रति हेक्टेयर, रागी के लिए बीमांकित राशि 25 हजार रुपए है.

बच्चों के पोषण अभियान के साथ महिलाओं की आर्थिक समृद्धि को मजबूती देगी यह पहल: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

 मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रेडी टू ईट निर्माण एवं वितरण हेतु रायगढ़ में 10 महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपे अनुबंध पत्र फिर से महिला स्व-सहायता समूहों को मिला रेडी टू ईट निर्माण का कार्य: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक और गारंटी हुई पूरी बच्चों के पोषण अभियान के साथ महिलाओं की आर्थिक समृद्धि को मजबूती देगी यह पहल: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय रायगढ़ जिले के सभी 2709 आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट फूड का महिला स्व सहायता समूहों द्वारा किया जाएगा वितरण रायपुर  छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक और गारंटी को पूरा करते हुए रेडी टू ईट निर्माण का कार्य पुनः महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने के निर्णय पर अमल की पहल की शुरुआत आज रायगढ़ जिले से की गई है। रायगढ़ जिले के सभी 2709 आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू इट फूड अब महिला स्व सहायता समूहों द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में 10 महिला स्व-सहायता समूहों को रेडी टू ईट निर्माण एवं वितरण के लिए अनुबंध पत्र सौंपे। इस अवसर पर वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, विधायक पुरंदर मिश्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिखा रविंद्र गबेल, महापौर जीवर्धन चौहान एवं जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सुषमा खलखो उपस्थित थीं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए पूरक पोषण आहार (रेडी टू ईट) के निर्माण एवं वितरण का कार्य महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने का निर्णय लिया है। यह कार्य प्रारंभिक चरण में 6 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया जाएगा। रायगढ़ इस पहल का पहला जिला बना है, जहाँ 10 महिला स्व-सहायता समूहों को अनुबंध पत्र वितरित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन समूहों की बहनें अब आंगनबाड़ी के बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के साथ-साथ इस कार्य से अपनी आमदनी भी बढ़ाएंगी, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकेंगी। यह योजना महिलाओं को स्वरोजगार के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी एक सार्थक पहल है। साथ ही, बच्चों को पोषण युक्त आहार प्रदान कर राज्य के पोषण स्तर में सुधार लाने में भी यह योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि विगत डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अधिकांश कार्यों को धरातल पर उतारा गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना, 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी, दो वर्षों का बकाया बोनस वितरण, महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये की सहायता राशि, तेन्दूपत्ता संग्रहण दर में  5500 रुपये प्रति मानक बोरा की वृद्धि तथा चरण पादुका योजना की पुनः शुरुआत जैसे कार्य इसके सशक्त उदाहरण हैं। साथ ही, रामलला दर्शन योजना एवं तीर्थयात्रा योजना के माध्यम से प्रदेशवासियों को धार्मिक स्थलों की यात्रा का लाभ भी दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अटल डिजिटल सेवा केन्द्रों की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को उनके गांव में ही बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना है। अब तक प्रदेश की 1,460 पंचायतों में ऐसे सेवा केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे हजारों माताएं और बहनें सरल, सुरक्षित और सुलभ बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा रही हैं। आने वाले समय में शेष पंचायतों को भी इस सुविधा से जोड़ा जाएगा। इस अवसर पर वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु सतत कार्य कर रही है। पूरे देश में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का जो लक्ष्य रखा गया है, उसके अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। इसी दिशा में रेडी टू ईट योजना प्रारंभ की जा रही है, जिसके प्रथम चरण में 6 जिलों को शामिल किया गया है। रायगढ़ ऐसा पहला जिला है जहाँ महिला समूहों को अनुबंध पत्र सौंपे गए हैं। वित्त मंत्री ने अनुबंध प्राप्त सभी महिला समूहों से गुणवत्ता युक्त कार्य करने का आह्वान किया और कहा कि वे इस योजना को एक आदर्श मॉडल के रूप में प्रस्तुत करें। यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि राज्य के पोषण अभियान को भी मजबूती प्रदान करेगी। उल्लेखनीय है कि रायगढ़ जिले में रेडी टू ईट कार्य हेतु 10 महिला समूहों का चयन किया गया है, जिन्हें अनुबंध पत्र प्रदान किए गए हैं। इन समूहों को रेडी टू ईट यूनिट की स्थापना हेतु प्रधानमंत्री फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज़ (PMFME) योजना के अंतर्गत उद्योग विभाग द्वारा पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।रायगढ़ जिले की सभी परियोजनाओं रायगढ़ शहरी, रायगढ़ ग्रामीण, पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, मुकड़ेगा, धरमजयगढ़ एवं कापू परियोजनाओं के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट वितरण हेतु महिला समूहों का चयन किया गया है।

शिक्षा सुधार का असर, युक्तियुक्तकरण से रायपुर के स्कूलों में फिर से आई रौनक

रायपुर : युक्तियुक्तकरण से स्कूलों में लौटी रौनक रायपुर: युक्तियुक्तकरण से स्कूलों में लौटी चहल-पहल, बढ़ी शिक्षण गुणवत्ता शिक्षा सुधार का असर, युक्तियुक्तकरण से रायपुर के स्कूलों में फिर से आई रौनक अंग्रेजी, गणित और कला विषयों के शिक्षकों की नियुक्ति से बच्चों और पालकों में जगी नई उम्मीद रायपुर महासमुंद जिले के विकासखंड बागबाहरा अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल मोहगांव में शिक्षक नियुक्ति के साथ ही शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन देखा जा रहा है। वर्ष 2022 में स्थापित इस विद्यालय को माध्यमिक स्तर की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खोला गया था, लेकिन प्रारंभ से ही शिक्षकों की कमी के कारण यह संस्था शिक्षकविहीन स्थिति में संचालित हो रही थी। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी और अभिभावकों में निराशा व्याप्त थी। शासन की युक्तियुक्तकरण नीति के तहत शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय में तीन विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। अब अंग्रेजी, गणित एवं कला जैसे प्रमुख विषयों के लिए नियमित कक्षाएं संचालित हो रही हैं। इन विषयों में क्रमशः श्री देवेंद्र चंद्राकर, श्री शैलेन्द्र ठाकुर और श्री रामसिंह नाग की नियुक्ति की गई है। साथ ही विज्ञान सहायक श्री भूपेंद्र जसपाल भी विद्यालय में सेवाएं दे रहे हैं। शिक्षकों की उपलब्धता के साथ विद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों को नई गति मिली है। कक्षाएं नियमित रूप से संचालित हो रही हैं और विद्यार्थियों की उपस्थिति में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। बच्चे अब पूरे उत्साह के साथ पढ़ाई में जुटे हैं। विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति से न केवल बच्चों की पढ़ाई में सुधार हुआ है, बल्कि मोहगांव सहित आसपास के गांवों के पालकों और ग्रामीणों में भी प्रसन्नता का माहौल है। ग्रामवासियों ने शासन और शिक्षा विभाग के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह निर्णय ग्रामीण अंचल में शिक्षा को मजबूती देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। गांव के जनपद सदस्य श्री भूपेंद्र दीवान, सरपंच श्री नरेन्द्र दीवान तथा एसएमसी अध्यक्ष डॉ. चेतन साहू ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा सबके लिए के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में यह एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में विद्यालय में अन्य आवश्यक संसाधन भी शीघ्र उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि विद्यार्थियों को बेहतर और समग्र शैक्षणिक वातावरण मिल सके।

शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में कदम, ग्रामीण स्कूलों की गुणवत्ता में आई मजबूती

ग्रामीण स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता में आया सुधार शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण का सकारात्मक प्रभाव शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में कदम, ग्रामीण स्कूलों की गुणवत्ता में आई मजबूती रायपुर राज्य शासन द्वारा शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति का सकारात्मक असर अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है। दुर्ग जिले के ब्लॉक धमधा के अंतर्गत हाई स्कूल दनिया में इस प्रक्रिया के अंतर्गत चार नए विषयों के शिक्षकों की तैनाती की गई है, जिससे विद्यार्थियों को अब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो रही है। हाई स्कूल दनिया में पढ़ने वाली कक्षा 10वीं की छात्रा हितेश्वरी बताती है कि पहले स्कूल में शिक्षकों की कमी के कारण कई विषयों की पढ़ाई नियमित नहीं हो पाती थी। अब विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और अंग्रेज़ी जैसे विषयों के शिक्षक मिल गए हैं।  विद्यालय प्रबंधन के अनुसार, युक्तियुक्तकरण के बाद विद्यालय में शिक्षकों की संख्या में संतुलन आया है। अब प्रत्येक विषय के लिए प्रशिक्षित शिक्षक उपलब्ध हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई के लिए बेहतर मार्गदर्शन मिल रहा है। इसके चलते बच्चों की उपस्थिति में भी सुधार देखा गया है। विद्यालय के प्राचार्य ने बताया कि यह पहल विशेषकर ग्रामीण व पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब छात्र नियमित रूप से कक्षा में सभी विषयों की पढ़ाई कर पा रहे हैं और उन्हें किसी बाहरी सहायता की आवश्यकता नहीं रह गई है। ज्ञातव्य हो कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया का उद्देश्य शिक्षकों का प्रभावी पुनर्विनियोजन कर ऐसी जगहों पर उनकी नियुक्ति करना है, जहाँ शिक्षकों की आवश्यकता अधिक है। यह कदम न केवल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रहा है, बल्कि इससे विद्यार्थियों के शैक्षणिक भविष्य को भी नई दिशा मिल रही है।

रायपुर: कोलकाता में छत्तीसगढ़ पर्यटन ने दिखाया दम, पर्यटकों को किया आकर्षित

रायपुर : छत्तीसगढ़ पर्यटन ने कोलकाता में दर्ज कराई प्रभावशाली उपस्थिति कोलकाता में छत्तीसगढ़ पर्यटन की प्रभावशाली प्रस्तुति, राज्य की सांस्कृतिक पहचान को मिली सराहना रायपुर: कोलकाता में छत्तीसगढ़ पर्यटन ने दिखाया दम, पर्यटकों को किया आकर्षित रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों में आज एक महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ी है। कोलकाता में चल रहे ट्रैवल एंड टूरिज्म फेयर (टीटीएफ) में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने अपनी विशिष्ट और समृद्ध विरासत के साथ शानदार उपस्थिति दर्ज करायी। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष नीलू शर्मा ने कोलकाता के टूर ऑपरेटर एवं ट्रेव्हल्स एजेंट को छत्तीसगढ़ के टूर पैकेज के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष नीलू शर्मा ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ मंच साझा किया।  इस अवसर पर अध्यक्ष नीलू शर्मा ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ जैसे समृद्ध राज्य को भारत के इस प्रमुख पर्यटन मंच पर प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है। हमारा राज्य प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत, जनजातीय परंपराओं, ऐतिहासिक स्थलों और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर है। छत्तीसगढ़ को आज भी ‘अनदेखा भारत‘ कहा जाता है और यही इसकी सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे चित्रकोट जलप्रपात, कांगेर घाटी, सिरपुर, बस्तर का धुड़मारास के साथ-साथ भोरमदेव, डोंगरगढ़, दंतेवाड़ा आदि धार्मिक स्थलों का उल्लेख किया। उन्होंने पश्चिम बंगाल के टूर ऑपरेटर्स और ट्रैवल एजेंट्स से आग्रह किया कि वे अपने पर्यटन पैकेज में छत्तीसगढ़ को भी शामिल करें। उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन को अब उद्योग का दर्जा प्राप्त है और पर्यटन क्षेत्र में होमस्टे, रिसॉर्ट्स, ट्राइबल और वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। हमारा उद्देश्य केवल पर्यटन को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सतत विकास को भी मजबूत करना है। शर्मा ने यह भी बताया कि कोलकाता में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड का स्थायी सूचना केंद्र स्थापित किया गया है, जिससे कोलकाता के टूर ऑपरेटर्स और पर्यटकों को सीधी और सुविधा-सम्पन्न सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी। इस मौके पर कोलकाता के 50 टूर ऑपरेटर एवं ट्रेव्हल्स एजेंट पंजीकृत हुए। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक विवेक आचार्य ने उपस्थित अतिथियों, टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर के समक्ष प्रेजेंटेशन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की सुंदरता,संस्कृति एवं भविष्य की संभावनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा टूरिज्म को लेकर लिए गए निर्णय से भी अवगत कराया। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष नीलू शर्मा जी ने मीडिया से चर्चा में बताया कि भारत को समझने के लिए छत्तीसगढ़ को जानना जरूरी है। मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि छत्तीसगढ़ आइए, इसे महसूस कीजिए और भारत की आत्मा से मिलिए।  इस अवसर पर सिक्किम विधानसभा की उपाध्यक्ष श्रीमती राजकुमारी थापा, मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम वानी,थाईलैंड की महावाणिज्यदूत सुश्रीपोन तांतिपन्याथेप के साथ ही वेस्ट बंगाल टूर ऑपरेटर एवम ट्रेवल एजेंट एसोसिएशन कोलकाता के लगभग 500 से भी अधिक सदस्य उपस्थित थे।

नवा रायपुर स्थित सर्किट हाउस में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन, सभी महापौर और आयुक्त हुए शामिल

 महापौरो और आयुक्तों के इंदौर शहर के अध्ययन भ्रमण का छत्तीसगढ़ को मिलेगा लाभ: उप मुख्यमंत्री अरुण साव  महापौरो और आयुक्तो ने शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने उप मुख्यमंत्री अरुण साव के साथ किया मंथन नवा रायपुर स्थित सर्किट हाउस में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन, सभी महापौर और आयुक्त हुए शामिल उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने दिया मार्गदर्शन अन्य नगरीय निकायों के अध्यक्षों और सीएमओ को भी स्वच्छ्तम शहरों के अध्ययन भ्रमण पर भेजा जायेगा रायपुर   प्रदेश के सभी नगर निगमों के महापौरो एवं आयुक्तों की आज नवा रायपुर स्थित सर्किट हॉउस में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई । कार्यशाला में सभी नगर पालिक निगमों के महापौर एवं आयुक्त ने उप मुख्यमंत्री अरुण साव के समक्ष अपने इंदौर अध्ययन भ्रमण के अनुभवों को साझा किया । साथ ही प्रदेश में स्वच्छता अभियान को लेकर भविष्य की योजनाओं तथा विभिन्न नवाचारो पर चर्चा की गयी तथा आगे की रणनीति पर मंथन किया गया । उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कार्यशाला में कहा कि एक महापौर अपने शहर का प्रथम नागरिक और  मुखिया  होता है, महापौर को अपने निगम क्षेत्र में असीमित अधिकार एवं संसाधन प्राप्त है, किसी और जन प्रतिनिधि के पास इतने अधिकार एवं संसाधन नहीं होते है, उन्होंने आगे कहा की जब हम अपने लिए घर बनाते है तब हम विचार करते है की घर भले ही छोटा हो लेकिन साफ स्वच्छ एवं सुविधायुक्त हो, इसी प्रकार हमें अपने शहर की भी कार्य योजना बनाते समय ध्यान रखना होगा कि शहर साफ, स्वच्छ एवं सुविधापूर्ण हो, जिसमे आम नागरिको के लिए आवश्यक सुविधाओ की कमी न रहे | उप मुख्यमंत्री साव ने कार्यशाला में कहा कि किसी राज्य की छवि उसके शहरों से बनती है, यदि आपका शहर साफ स्वच्छ एवं सुविधापूर्ण होगा तो आपके प्रदेश की छवि भी सुधरेगी | एक मुखिया होने के नाते पूरा शहर आपका घर है और घर को साफ स्वच्छ एवं सुविधा पूर्ण बनाना मुखिया की जिम्मेदारी होती है| साव ने आगे कहा की इंदौर शहर विगत सात वर्षो से भारत सरकार की स्वच्छता रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त कर रहा है| इसीलिए महापौरों एवं आयुक्तों को  इंदौर शहर के भ्रमण पर भेजा गया था कि आप खुद जाकर वहां की कार्यप्रणाली का अवलोकन करे और उन अनुभवों  को अपने शहर में क्रियान्वित करें। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अन्य नगरीय निकायों के अध्यक्षों और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को भी देश के स्वच्छ्तम शहरों के अध्ययन भ्रमण पर भेजा जायेगा|    कार्यशाला में रायपुर निगम की महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने इंदौर भ्रमण के अनुभव साझा करते हुए बताया कि वहां की सबसे अच्छी बात शहर की नालियों का पूरी तरह से कवर्ड और अंडरग्राउंड होना है जिससे कचरा नालियों में नहीं जाता है और नालियां जाम  नहीं होती है| उन्होंने बताया कि इंदौर शहर की स्वच्छता में जनप्रतिनिधि और जनता का पूरा समन्वय दिखाई देता है| इसके लिए आवश्यक है कि जनप्रतिनिधि भी जनता के बीच जनजागरूकता लाने हेतु प्रयास करे, केवल सरकार के भरोसे यह संभव नहीं है|  नगर निगम बिलासपुर की महापौर श्रीमती पूजा विधानी ने इंदौर भ्रमण के अनुभव साझा करते हुए बताया कि भ्रमण के दौरान पूरे शहर में उन्हें कहीं  भी सड़क पर मवेशी या कुत्ता दिखाई नहीं दिया,   सड़क किनारे बने नालियों के ऊपर ठेले-खोमचे वाले भी नहीं दिखे, यह केवल निगम, जनप्रतिधि तथा जनता के बीच परस्पर समन्वय से ही संभव हो सकता है|  कार्यशाला में नगर निगम  कोरबा की महापौर श्रीमती संजुदेवी राजपूत ने कहा की इंदौर शहर में बैनर एवं होर्डिंग्स पर विशेष प्रावधान लागू किया गया है, बैनर तथा होर्डिंग्स लगाने वालों को चाहे वह राजनीतिक  हो या गैर राजनीतिक उन्हें २४ घंटे के भीतर स्वयं हटाना पड़ता है| इससे भी शहर को साफ-सुथरा रखने में मदद मिलती है| इंदौर की मोनिटरिंग प्रणाली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ए-आई आधारित मोनिटरिंग प्रणाली के माध्यम से सभी गाडियों की लोकेशन ट्रेस की जाती है जिससे निर्धारित समय पर कचरे का संग्रहण किया जा सकता है| उन्होंने कहा कि कोरबा नगर निगम में भी इंदौर से प्राप्त अनुभवों को लागू करने का प्रयास किया जा रहा है| नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक आर.एक्का, सुडा के अतिरिक्त सीईओ दुष्यंत कुमार रायस्त और नगरीय प्रशासन विभाग के अपर संचालक पुलक भट्टाचार्य भी कार्यशाला में मौजूद थे।

भटगांव से अनरोखा पकनी मार्ग के चौड़ीकरण को मिली 10.95 करोड़ की मंजूरी

रायपुर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के प्रयासों से सूरजपुर जिले में भटगांव से अनरोखा पकनी तक 7.80 किमी लंबी सड़क के चौड़ीकरण व निर्माण को राज्य शासन ने 10.95 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। यह मंजूरी वित्त विभाग की सहमति के बाद जारी हुई है। यह सड़क परियोजना आवागमन को सुगम बनाने के साथ व्यापारिक और सामाजिक गतिविधियों को भी गति देगी। क्षेत्रवासियों की वर्षों पुरानी मांग को मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने गंभीरता से लेकर सरकार के समक्ष लगातार रखा, जिसके फलस्वरूप स्वीकृति प्राप्त हुई। मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता दे रही है। यह सड़क बरसात में होने वाली दिक्कतों को खत्म कर एंबुलेंस, स्कूल वाहन व आपातकालीन सेवाओं की सुविधा बढ़ाएगी। परियोजना की गुणवत्ता और समयसीमा की निगरानी संबंधित विभाग द्वारा की जाएगी। यह कार्य न सिर्फ बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा बल्कि क्षेत्रीय विकास का नया अध्याय भी जोड़ेगा।

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को श्रावण मास शुभारंभ अवसर पर दी शुभकामनाएं

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भगवान शिव की आराधना के पवित्र श्रावण मास के 11 जुलाई से शुभारंभ के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित की हैं। उन्होंने सभी नागरिकों के जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रावण मास शिवभक्तों के लिए अत्यंत महत्व का समय होता है। इस मास में श्रद्धालु विशेष रूप से सोमवार का व्रत रखते हैं और गहन भक्ति भाव से भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करते हैं। सावन के दौरान शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है और विभिन्न स्थानों से श्रद्धालु कांवर यात्रा पर निकलते हैं। मुख्यमंत्री साय ने कामना की कि भगवान शिव की कृपा सभी पर बनी रहे तथा यह पावन मास प्रदेशवासियों के जीवन में नई ऊर्जा और शांति का संचार करे।

कोयलीबेड़ा क्षेत्र में पंच पद अपवर्जन का फैसला, 52 ग्राम पंचायतों के 242 वार्ड प्रभावित

उत्तर बस्तर कांकेर कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर ने छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 129 (ड) के तहत अनुसूचित क्षेत्रों की ग्राम पंचायतों में वार्ड पंच पद हेतु आरक्षित पदों की अपवर्जन के लिए आदेश जारी किया है। जारी आदेशानुसार जनपद पंचायत कोयलीबेड़ा (पखांजूर) की 52 ग्राम पंचायत में आरक्षित वर्ग के मतदाता मौजूद नहीं होने के कारण पंच पद के आरक्षण का अपवर्जन किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पखांजूर द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन के आधार पर जनपद पंचायत कोयलीबेड़ा के ग्राम पंचायत आलोर के 03 वार्डों में, प्रेमनगर के 07, द्वारिकापुरी के 06, यशवंतनगर के 05, बापूनगर के 05, कोयगांव के 03, विवेकानन्दनगर के 03, देवपुर के 08 कल्याणपुर के 05, रविन्द्रनगर के 04, हांकेर के 03, मायापुर के 09 और बैकुण्ठपुर के कुल 06 वार्डों का अपवर्जन किया गया है। इसी प्रकार ग्राम पंचायत रामकृष्णपुर के 07 वार्डों, हरिहरपुर के 04, चांदीपुर के 02, चाणक्यपुरी के 07, पित्तभोड़िया के 03, छोटेकापसी के 04, कृष्णनगर के 09, सत्यनगर के 05, ऐसेबेड़ा के 03, बलरामपुर के 04, भिंगीडार के 06, चंदनपुर के 05, श्यामनगर के 03, माटोली के 03, लखनपुर के 04, दुर्गापुर के 06, पेनकोड़ो के 05, इन्द्रप्रस्थ के 07, पुरूषोत्तमनगर के 08 वार्डों का अपवर्जन किया गया है। उदयपुर के 03, जयश्रीनगर के 06, वनश्रीनगर के 05, श्रीपुर के 05, मरोड़ा के 03, लक्ष्मीपुर के 02, जनकपुर के 04, विजयपुर के 05, पाडें़गा के 05, बान्दे कॉलोनी के 02, नागलदण्ड के 05, हनुमानपुर के 03, विष्णुपुर के 06, कुरेनार के 01, विकासपल्ली के 06, राधानगर के 07, गोविन्दपुर के 05, जानकीनगर के 04, स्वरूपनगर के 02 और ग्राम पंचायत ओरछागांव के 01 वार्डों में अनुसूचित जनजाति वर्ग का कोई भी सदस्य निवास नहीं करता है। उक्त ग्राम पंचायतों में वार्ड पंच पद को अनुसूचित जनजाति के आरक्षण यथा स्थिति स्थानों या पद के आबंटन से अपवर्जित किया गया है। कलेक्टर के परीक्षण उपरांत 28 पंचायतों के 53 वार्डों में नहीं किया जाएगा अपवर्जन इसी तरह कलेक्टर द्वारा जनपद पंचायत कोयलीबेड़ा की 28 ग्राम पंचायतों के 53 वार्ड पंच पद के अपवर्जन संबंधी प्रस्ताव के परीक्षण उपरांत आरक्षित वर्ग के मतदाता मौजूद होने के कारण अपवर्जन नहीं किए जाने के लिए उप जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र प्रेषित किया गया है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि जनपद पंचायत कोयलीबेड़ा की ग्राम पंचायत मण्डागांव के 01, मदले के 02, विवेकानन्दनगर के 01, कल्याणपुर के 02, बैकुण्ठपुर के 02, रामकृष्णपुर के 03 तथा हरिहरपुर, सत्यनगर, बलरामपुर, गुड़ाबेड़ा एवं केसेकोड़ी के 01-01 और लखनपुर के 03 वार्डों में आरक्षित वर्ग के मतदाता मौजूद हैं। इसी प्रकार ग्राम पंचायत इन्द्रप्रस्थ, माचपल्ली, मरोड़ा, लक्ष्मीपुर, शंकरनगर, पाडें़गा, कुरेनार, विकासपल्ली और उलिया के 01-01, ग्राम पंचायत ताड़ावायली के 02, कंदाड़ी के 10, सितरम के 04, पानीडोबीर के 05, गोविन्दपुर के 01, जानकीनगर के 02 तथा स्वरूपनगर के 01 वार्ड में पंच पद हेतु आरक्षित वर्ग के मतदाता मौजूद हैं। इस आधार पर इन पंचायतों में वार्ड पंच के आरक्षण का अपवर्जन नहीं किया जाएगा।  

मोर आवास-मोर अधिकार योजना बनी उम्मीद की किरण, बीजापुर में 30 हजार से अधिक परिवार लाभान्वित

मोर आवास-मोर अधिकार योजना बनी उम्मीद की किरण, बीजापुर में 30 हजार से अधिक परिवार लाभान्वित प्रशासन की पहुंच बढ़ी -165 ग्राम पंचायतों में हुआ सर्वे रायपुर मोर आवास मोर अधिकार योजना के तहत् राज्य के बीजापुर जिले में बड़ा बदलाव देखने को मिल  रहा है। अब तक जिले में 30 हजार से अधिक परिवार आवास प्लस सर्वे में शामिल हो चुके हैं। जिससे उन्हें स्थाई आवास की दिशा में एक नई आश मिली है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशानुरूप सभी पात्र परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का विशेष प्रयास किया जा रहा है। वर्ष 2018 में तैयार की गई आवास प्लस की सूची में छूटे हुए पात्र परिवारों को सर्वे में शामिल करने मोर दुवार – साय सरकार थीम पर प्रदेश भर में महाअभियान चलाया गया। जिले में कुल 30 हजार 186 परिवार इस सर्वे में शामिल हुए है। इस सर्वे की महत्वपूर्ण बात यह है कि 2018 में जहां 117 ग्राम पंचायतों में ही सर्वे किए गए थे, वहीं इस बार जिले में कुल 170 ग्राम पंचायतों में से 165 ग्राम पंचायतों में सर्वे कार्य पूर्ण किया गया है। पहुंच विहीन  ग्राम पंचायतें जो दशकों से माओवाद प्रभावित क्षेत्र होने के कारण पूर्व में किये गए सर्वे में छूट गए थे। उन क्षेत्रों में भी जिला प्रशासन की ठोस रणनीति की बदौलत पहली बार वंचित परिवार का सर्वे कर पात्र परिवारों को शामिल करने में सफलता मिली है।      प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के जिला समन्वयक श्री गंभीर सिंह परिहार ने बताया कि कलेक्टर श्री संबित मिश्रा के मार्गदर्शन में जरूरत मंद वंचित परिवार तक पहुंचने आवास प्लस सर्वे 2.0 की कार्ययोजना बनाई गई। जिला प्रशासन की विशेष पहल पर निरंतर मॉनिटरिंग एवं नियमित समीक्षा से बड़ी संख्या में परिवार सर्वे में शामिल हुए हैं। मोर दुवार साय सरकार थीम पर प्रदेश भर में 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक सर्वेक्षण विशेष पखवाड़ा चलाये जाने का शासन स्तर से निर्णय था, सर्वे करने की अंतिम तिथि 15 मई निर्धारित थी। तय समय-सीमा में सर्वे से वंचित परिवारों को जोड़ने हेतु जिला स्तर से पत्र प्रेषित कर पुनः आवास प्लस ऐप को चालू करवाने हेतु राज्य शासन को पत्र प्रेषित किया। जिसे स्वीकार करते हुए भारत सरकार द्वारा 16 जून से 26 जून तक सर्वे तिथि को बढ़ाया गया।     जिला प्रशासन की सक्रियता और समर्पित कार्यप्रणाली के चलते यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी पात्र परिवारों को उनका हक मिल सके।