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मणिपुर में बढ़ा सुरक्षा बलों का एक्शन, पांच उग्रवादी गिरफ्त में

इंफाल मणिपुर में पुलिस और सुरक्षा बलों ने तलाशी और घेराबंदी अभियान के तहत प्रतिबंधित भूमिगत समूहों से जुड़े पांच सक्रिय उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बुधवार को बताया कि पिछले 24 घंटों में किए गए इन प्रयासों के तहत विभिन्न प्रतिबंधित भूमिगत समूहों से जुड़े पांच सक्रिय उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि इरिलबुंग पुलिस स्टेशन के अंतर्गत केराओ खुनौ इलाके से एक प्रतिबंधित संगठन के सक्रिय सदस्य को गिरफ्तार किया गया। यह व्यक्ति जबरन वसूली की गतिविधियों में शामिल था। इसी तरह पोरोमपत पुलिस स्टेशन के अंतर्गत खुरई कोंगखम लेइकाई से एक अलग गुट के सक्रिय उग्रवादी को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से एक मोबाइल फोन जब्त किया गया। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने खुरई चैथाबी लेइराक से एक और उग्रवादी को पकड़ा। इस व्यक्ति के पास से एक मोबाइल फोन भी बरामद किया गया। एंड्रो खुमान इलाके से सुरक्षा बलों ने दूसरे प्रतिबंधित समूह के एक संदिग्ध सदस्य को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के दौरान अधिकारियों ने एक मोबाइल डिवाइस बरामद किया। उन्होंने बताया कि केकरुपट के पास एक हाई-प्रोफाइल ऑपरेशन में ज़ेलियानग्रोंग विद्रोही गुट के एक स्वयंभू वरिष्ठ कमांडर को हिरासत में लिया गया। अधिकारियों ने कहा है कि सुरक्षा बलों द्वारा राज्य भर में जबरन वसूली रैकेट और सशस्त्र उग्रवादियों को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ रणनीतिक स्थानों पर तलाशी अभियान और निगरानी गतिविधियाँ जारी रहेंगी।  

हिमाचल में कुदरत का कहर! बादल फटने और भूस्खलन में 10 मौतें, राहत-बचाव जारी

शिमला/मंडी हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को भूस्खलन और बादल फटने की कईं घटनाओं में मंडी जिले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है जबकि 34 लोग लापता हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा अभियान केन्द्र ने यह जानकारी दी है। पिछले तीन वर्षों से राज्य में लगातार कहर बरपा रहे मानसून के कारण एक बार फिर से मंडी के कई क्षेत्रों, खासकर करसोग, थुनाग, पधर और गोहर उप-मंडलों में तबाही मची हुयी है। इस बीच 20 जून से 1 जुलाई के बीच राज्य में मौसम संबंधी घटनाओं में लगभग 90 लोगों की मौत या लापता होने की सूचना है। बुधवार सुबह 8 बजे जारी 32 घंटे की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार मंडी के विभिन्न हिस्सों से 10 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और आधिकारिक तौर पर 34 लोगों के लापता होने की सूचना है। कई लोगों के मलबे में दबे होने या अचानक आई बाढ़ में बह जाने की आशंका है। इस दौरान पांच लोगों के घायल होने की भी सूचना है और 370 से अधिक लोगों को बचाया लिया गया है । हालांकि 11 लोग अभी भी फंसे हुए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की बचाव टीमों को करसोग, गोहर और थुनाग में तैनात किया गया है जहां बादल फटने से घरों और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में सियांज, गोहर शामिल हैं जहां नौ लोग बह गए। यहां दो शव बरामद किए गए जबकि सात अभी तक लापता हैं। परवाड़ा और तलवाड़ा गांव में एक ही परिवार के दो लोग लापता बताए गए हैं जिनमें से एक का शव बरामद हुआ है। थुनाग और पकरायर इलाकों में कुल 17 लोग लापता हैं जबकि दो लोगों की मौत हो गई है। कुट्टी बाईपास, ओल्ड बाजार करसोग और गोहर के बाड़ा समेत कई जगहों पर भी लोगों की मौत और कई लोगों के लापता होने की खबरें हैं। मानसून से होने वाली तबाही के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-305 के अवरुद्ध होने और 24 घरों, 12 गौशालाओं और एक जलविद्युत परियोजना को नुकसान पहुंचने की रिपोर्ट है। इस बीच राहत अभियान जारी हैं लेकिन पहाड़ी इलाकों में दूर दराज के क्षेत्रों तक पहुंचने की चुनौतियों के कारण इसमें बाधा आ रही है।  

महिला-बाल कल्याण में क्रांति ला रही हैं पोषण ट्रैकर और DBT स्कीमें: प्रधानमंत्री कार्यालय

नई दिल्ली प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को कहा कि पोषण ट्रैकर और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) जैसी पहलों ने देश में महिलाओं और बच्चों के कल्याण में बड़ा बदलाव लाया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा की गई एक पोस्ट में पीएमओ ने कहा कि ये योजनाएं देश भर में वास्तविक समय में प्रभावशाली बदलाव ला रही हैं। पीएमओ ने यह बात एक मीडिया लेख साझा करते हुए कही, जिसमें बताया गया है कि किस तरह सरकार ने महिलाओं और बच्चों के कल्याण में बदलाव लाने के लिए टेक्नोलॉजी का लाभ उठाया है। पीएमओ ने एक्स पर कहा, "केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी के लेख में पोषण ट्रैकर, एक समर्पित शिकायत निवारण मॉड्यूल और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर जैसी पहलों के बारे में बात की गई है, जो पूरे देश में वास्तविक समय में, प्रभावशाली बदलाव ला रही हैं।" एक्स पर केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा, "पोषण और शिक्षा से लेकर न्याय और सम्मान से सच्चे सशक्तिकरण तक, टेक्नोलॉजी महिलाओं और बाल कल्याण में परिवर्तनकारी बदलाव में अहम भूमिका निभा रही है।" लेख में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि लाभ तेजी से अंतिम मील तक पारदर्शी और कुशलता से पहुँचें, महिला और बाल विकास मंत्रालय ने अपने कार्यक्रमों में टेक्नोलॉजी को शामिल किया है। इसका एक प्रमुख उदाहरण मंत्रालय की पोषण ट्रैकर पहल है और इसका उद्देश्य स्वस्थ भारत, सुपोषित भारत के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना है। इस पहल के तहत, आंगनवाड़ी केंद्र शहरी-ग्रामीण विभाजन को पाटने वाले डिजिटल रूप से सशक्त सामुदायिक केंद्रों के रूप में कार्य करते हैं। प्राइम मिनिस्टर अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (2025) से सम्मानित, यह आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बचपन की शिक्षा के लिए डिजिटल प्रशिक्षण मॉड्यूल भी प्रदान करता है। केंद्रीय मंत्री ने आगे लिखा, "पोषण ट्रैकर वास्तविक समय के डैशबोर्ड, जियो-टैग किए गए आंगनवाड़ी केंद्रों और टेक होम राशन वितरण के लिए चेहरे की पहचान के साथ पोषण निगरानी को बदल रहा है और पूरे भारत में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित कर रहा है।" इसके अलावा, सक्षम आंगनवाड़ी पहल के तहत, देश भर में 14 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों को पोषण ट्रैकर के साथ एकीकृत किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, छह साल से कम उम्र के बच्चों और किशोरियों सहित 10.14 करोड़ से अधिक लाभार्थी अब पोषण ट्रैकर पर पंजीकृत हैं, जिससे अंतिम छोर तक डिलीवरी सुनिश्चित हो रही है।

श्रद्धा और आस्था की शुरुआत: सिन्हा ने अमरनाथ यात्रियों के पहले जत्थे को दी हरी झंडी

जम्मू जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को भगवती नगर आधार शिविर श्री अमरनाथ पवित्र गुफा की तीर्थयात्रा के लिए श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई और सुरक्षित और आनंदमय यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं। उपराज्यपाल ने कहा, 'यह पवित्र तीर्थयात्रा आस्था और आत्म-खोज की यात्रा है। सभी आध्यात्मिक साधकों को भगवान शिव के पवित्र निवास और गहरी आत्मा को झकझोर देने वाले अनुभव की सुरक्षित और आरामदायक यात्रा की शुभकामनाएं।' उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रशासन, जम्मू-कश्मीर के लोग श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों ने तीर्थयात्रियों के लिए व्यापक व्यवस्था की है। उपराज्यपाल ने कहा 'आज बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहले जत्थे में 4,500 से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा मंदिर के लिए रवाना हुए। जम्मू शहर एक नई जीवंतता के साथ जीवंत हो उठा है। तीर्थयात्रियों का उत्साह बहुत अधिक है। आतंकवादी घटनाओं से बेपरवाह, भोले बाबा के भक्त भारी संख्या में पहुंच रहे हैं, जो अपनी अपार आस्था का प्रदर्शन कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि इस साल की यात्रा पिछले वर्षों की तुलना में और भी ऐतिहासिक होगी।' कार्यक्रम में नागरिक प्रशासन, पुलिस, सुरक्षा बल और श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।  

प्रतिष्ठित स्कूल की महिला शिक्षक पर 16 वर्षीय नाबालिग छात्र के साथ एक साल से अधिक समय तक यौन शोषण करने का आरोप लगा

मुंबई  देश के शीर्ष पांच स्कूलों में से एक माने जाने वाले मुंबई एक प्रतिष्ठित स्कूल की शिक्षक को नाबालिग छात्र से बलात्कार के आरोप में मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दादर पुलिस ने शिक्षक के खिलाफ POCSO एक्ट, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, और न्याय संहिता की अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस के अनुसार, पीड़ित छात्र पर यह यौन उत्पीड़न पिछले एक वर्ष से अधिक समय से हो रहा था. इस दौरान साउथ मुंबई के कई फाइव स्टार होटलों में भी छात्र को ले जाकर यौन शोषण किया गया. आरोपी शिक्षक छात्र को एंटी डिप्रेसेंट दवाएं भी देती थी ताकि वह चुप रहे. पुलिस ने बताया है कि यौन शोषण का यह सिलसिला एक साल से ज्यादा समय तक चला। जब परिवार ने छात्र के व्यवहार में बदलाव देखा, तो उसने कथित तौर पर खुलकर यौन शोषण की बात बताई। हालांकि, परिवार को लगा कि स्कूल पास करने में कुछ ही महीनों का समय बाकी है, तो वो चुप रहे। उन्हें उम्मीद थी कि टीचर बच्चे का पीछा छोड़ देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पुलिस ने बताया कि इस साल छात्र बोर्ड की परीक्षा पास कर गया, लेकिन वह डिप्रेशन में था। मामले ने दोबारा तूल तब पकड़ा, जब टीचर ने घरेलू नौकर के जरिए बच्चे से फिर संपर्क साधने की कोशिश की। उसने संदेश भिजवाया कि वह मिलना चाहती है। पुलिस ने कहा, 'तब परिवार ने हमारे पास आने का फैसला किया और केस दर्ज कराया।' ऐसे शुरू हुई हैवानियत टीचर की उम्र 40 साल बताई जा रही है और वह शादीशुदा है। साथ ही उसका एक बच्चा भी है। जबकि, पीड़ित छात्र 11 कक्षा में था और 16 साल का था। शिकायत में कहा गया है कि वह दिसंबर 2023 में हाई स्कूल के वार्षिक समारोह के दौरान डांस ग्रुप बनाने के समय वह कई बार छात्र के संपर्क में आई। तब ही वह उसके प्रति आकर्षित हुई। जनवरी 2024 में उसने पहली बार छात्र के सामने संबंधों का प्रस्ताव रखा। सहेली को बनाया जरिया छात्र ने शुरुआत में दूरी बनाना शुरू कर दी। इसके बाद टीचर ने स्कूल से अन्य उसकी एक महिला मित्र का सहारा लिया और बात आगे बढ़ाई। इस मामले में दोस्त के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है। उसने कथित तौर पर पीड़ित छात्र से कहा था कि वो दोनों एक दूसरे के लिए बने हैं और उम्रदराज महिलाओं और लड़कों के बीच रिलेशनशिप आम बात है। दोस्त से बातचीत के बाद छात्र ने टीचर से मिलने का फैसला किया। एक अधिकारी ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया, 'वह (टीचर) छात्र को अपनी कार में लेकर एक सूने स्थान पर गई और जबरन कपड़े उतरवा दिए और शोषण किया।' उन्होंने कहा, 'अगले कुछ दिनों में छात्र परेशान रहने लगा, तो उसने उसे एंटी एन्जाइटी पिल्स भी दीं।' इसके बाद टीचर ने उसे दक्षिण मुंबई के अलग-अलग पांच सितारा होटल ले जाना शुरू किया और शारीरिक संबंध बनाए। पुलिस ने बताया है कि संबंध बनाने से पहले कई बार टीचर छात्र को शराब पिलाती थी। आरोपी टीचर को बुधवार तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है। छात्र ने अपनी HSC परीक्षा पूरी करने के बाद माता-पिता को उस भयावह अनुभव के बारे में बताया, जब आरोपी शिक्षक ने अपना नौकर भेजकर उससे मिलने का संदेश भिजवाया. इसके बाद पीड़ित के परिजनों की सूचना के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज हुई और त्वरित कार्रवाई में शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया.  

सोनिया और राहुल गांधी की बढ़ेंगी मुश्किलें,2000 करोड़ की संपत्ति हड़पने की थी रची साजिश…ED का दावा

एजेएल पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करता था। राजू ने कहा कि यंग इंडियन बनाने की साजिश रची गई थी, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी के 76% शेयर थे, ताकि कांग्रेस से लिए गए 90 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पी जा सके। नई दिल्ली दिल्ली की एक विशेष अदालत ने अब बंद हो चुके नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार को दैनिक सुनवाई शुरू की। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे तथा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से जुड़े इस हाई-प्रोफाइल मामले की सुनवाई सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने कर रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल वी राजू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को हड़पना चाहती थी, जिसकी संपत्ति 2,000 करोड़ रुपये की थी। एएसजी ने कहा कि यह साजिश कांग्रेस पार्टी के इशारे पर सोनिया और राहुल गांधी ने रची थी। एजेएल पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करता था। राजू ने कहा कि यंग इंडियन बनाने की साजिश रची गई थी, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी के 76% शेयर थे, ताकि कांग्रेस से लिए गए 90 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पी जा सके। एसजी एस वी राजू ने कहा, "यंग इंडियन ने घोषणा की थी कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी लाभकारी मालिक थे। एएसजी ने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा यंग इंडियन में प्रमुख प्रबंधकीय कर्मी थे।" कोर्ट के इस सवाल पर ईडी के वकील एएसजी वीएस राजू ने जवाब द‍िया. उन्‍होंने कहा, बैंकों के पास खुद संपत्ति नहीं होती, इसलिए उन्हें कर्ज देना ही होता है. ऐसी स्थिति में बैंक उधारकर्ता से समझौता करते हैं. लेकिन इस केस में तो 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति उपलब्ध थी. फिर सिर्फ 50 लाख रुपये में 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति क्यों दी गई? संपत्ति की पूरी वैल्यू इस पर कोर्ट ने फ‍िर सवाल क‍िया, क्या यह मामला एनपीए (Non Performing Asset) जैसा था? इस पर ED की ओर से पेश वकील राजू ने कहा, नहीं, इस केस में तो संपत्ति की पूरी वैल्यू थी. ईडी की तरफ से पेश वकील ने कोर्ट के सामने दलील देते हुए एक बड़ा संकेत दिया. कांग्रेस पार्टी भी ईडी की जांच के दायरे में आ सकती है, इस संभावना से इनकार नहीं किया गया है. कांग्रेस भी बनेगी आरोपी? ईडी का कहना है कि अभी कांग्रेस को आरोपी नहीं बनाया गया है, लेकिन भविष्य में ऐसा किया जा सकता है. ईडी ने कोर्ट से कहा, अगर AICC यानी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को आरोपी बनाया जाता है, तो राहुल गांधी और सोनिया गांधी की भूमिका उनके खिलाफ पीएमएलए की धारा 70 के तहत मामला मजबूत करने में सहायक हो सकती है. हालांकि, ईडी द्वारा ये स्पष्टीकरण दिया गया कि बिना पुख्ता सबूत के ऐसा कदम नहीं उठाएंगे. एएसजी एसवी राजू ने दलील दी कि 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति वाली कंपनी एजेएल को 90 करोड़ रुपये के लोन के लिए अधिग्रहित किया गया। यह एक धोखाधड़ी है। यह वास्तविक लेनदेन नहीं था। एजेएल का अधिग्रहण कांग्रेस ने नहीं, बल्कि यंग इंडियन ने किया था। उन्होंने कहा कि यह एक साजिश थी। एएसजी ने कहा कि कांग्रेस ने न तो ब्याज लिया और न ही जमानत ली। 90 करोड़ रुपये का लोन 50 लाख रुपये में बेचा गया। ईडी ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के निर्देश पर एजेएल को विज्ञापन के पैसे भी दिए गए। इस फर्जी कंपनी से जो भी आय हुई, वह अपराध की कमाई है। 21 मई को पिछली सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कथित नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े 142 करोड़ रुपये के "अपराध की आय" का आनंद लिया है। मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक एजेंसी ने नेशनल हेराल्ड मामले में गांधी परिवार समेत वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की है। आरोप पत्र में कांग्रेस के ओवरसीज प्रमुख पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य के नाम शामिल हैं। एएसजी राजू ने क्या कहा? एएसजी राजू ने कहा कि, ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) नाम की एक कंपनी थी, जो मुनाफा नहीं कमा रही थी, लेकिन उसके पास करीब 2000 करोड़ रुपये की संपत्तियां थीं. उसे अपने दिन-प्रतिदिन के खर्च चलाने में कठिनाई हो रही थी.’ उन्होंने आरोप लगाया कि एजेएल ने कांग्रेस पार्टी से 90 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जिसे बाद में वापस करने से इनकार कर दिया गया. उन्होंने कहा, ‘अगर किसी के पास इतनी बड़ी संपत्ति हो और वो कर्ज न चुका सके, तो यह सवाल खड़े करता है. आम परिस्थितियों में कोई भी समझदार व्यक्ति अपनी संपत्ति बेचकर कर्ज चुका देता. लेकिन यहां उद्देश्य अलग था.’ एएसजी ने तर्क दिया कि कांग्रेस पार्टी की मंशा एजेएल की संपत्ति को हथियाने की थी और इसके लिए ‘यंग इंडिया’ नाम की कंपनी के जरिये 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति को मात्र 90 करोड़ के कर्ज के बहाने ट्रांसफर करने की साजिश रची गई. सोनिया-राहुल पर क्या आरोप एएसजी राजू ने सीधे तौर पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘वे दोनों इस 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति वाली कंपनी को अपने नियंत्रण में लेना चाहते थे.’ उन्होंने सवाल उठाया कि, ‘कोई भी समझदार व्यक्ति किसी कंपनी को इतना कर्ज क्यों देगा, जो पहले ही डिफॉल्ट कर चुकी हो?’ इस पर कोर्ट ने एएसजी से पूछा कि, ‘क्या आप यह कह रहे हैं कि इस स्तर पर केवल अपराध के संज्ञान (cognisance) का मुद्दा ही प्रासंगिक है, और समन जारी करने का अधिकार बाद में आता है?’ इस पर एएसजी राजू ने उत्तर दिया, ‘जी हां, इस चरण पर केवल संज्ञान का मुद्दा देखा जाना चाहिए. समन की प्रक्रिया डिस्चार्ज एप्लिकेशन के समय प्रासंगिक होगी.’ एएसजी राजू ने फिर कोर्ट को सूचित किया कि वे आज या कल तक अपनी बहस पूरी कर लेंगे. इसके बाद कोर्ट में इस मामले को लेकर अगली प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. किराये और चंदे के नाम पर गड़बड़ी? ED के … Read more

एयर इंडिया क्रैश की जांच में हो गया बड़ा खुलासा, टेकऑफ करते ही फेल हो गए दोनों इंजन!

अहमदाबाद  12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद क्रैश हुई एयर इंडिया की लंदन फ्लाइट को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस भयावह दुर्घटना के पीछे डुअल इंजन फेलियर यानी दोनों इंजन का फेल होना, एक बड़ी वजह हो सकती है। यही तकनीकी गड़बड़ी विमान को हवा में टिके रहने से रोक सकती है। इस रिपोर्ट के अनुसार, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) इस हफ्ते के आखिर या अगले सप्ताह की शुरुआत में अपनी शुरुआती जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर सकता है। इस रिपोर्ट में कई अहम तकनीकी पहलुओं की ओर इशारा किया गया है। ब्लूमबर्ग ने हादसे से जुड़ी जांच से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया कि एयर इंडिया के पायलटों ने फ्लाइट सिमुलेटर में उस दुर्घटनाग्रस्त विमान की उड़ान की परिस्थितियों को दोहराने की कोशिश की। इसमें लैंडिंग गियर नीचे और विंग फ्लैप्स पीछे की ओर समेटे गए थे। हालांकि, सिर्फ इन्हीं वजहों से विमान के गिरने की संभावना कम मानी जा रही है, जिससे ध्यान अब तकनीकी खराबी की ओर मुड़ गया है। जांच में क्या मिला? जांचकर्ताओं और एयर इंडिया के पायलटों ने सिम्युलेटर में उस हादसे की परिस्थितियों को दोहराया. इसमें उन्होंने देखा कि क्या लैंडिंग गियर खुले होने और फ्लैप्स बंद होने से विमान गिर सकता है, लेकिन सिम्युलेटर टेस्ट में पाया गया कि सिर्फ इन कारणों से विमान नहीं गिरता. इमरजेंसी पावर सिस्टम ने दी चेतावनी हादसे से ठीक पहले विमान में इमरजेंसी पावर टरबाइन (RAT) अपने आप एक्टिव हो गया था. यह सिस्टम तभी ऑन होता है जब विमान के दोनों इंजन काम करना बंद कर देते हैं. इससे यह शक और गहरा गया है कि हादसे के वक्त विमान में बिजली की पूरी सप्लाई बंद हो गई थी. विमान के मलबे की जांच में क्या आया सामने? विमान के मलबे की जांच से पता चला है कि टेकऑफ के समय विंग फ्लैप्स और स्लैट्स पूरी तरह सही ढंग से फैले हुए थे, जिससे यह साफ होता है कि टेकऑफ की प्रक्रिया में कोई चूक नहीं हुई थी। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि क्रैश से ठीक पहले पायलट्स ने मेडे (Mayday) सिग्नल भेजा था, जो कि इमरजेंसी का संकेत होता है। इस चेतावनी कॉल और विमान के जमीन से टकराने के बीच सिर्फ 15 सेकंड का समय था। इस हादसे की गंभीरता को देखते हुए टाटा संस ने एयर इंडिया क्रैश के बाद अपनी पहली बोर्ड मीटिंग बुलाई, जिसमें चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने राहत कोशिशों और अब तक किए गए कामों की जानकारी ग्रुप की लीडरशिप को दी। उन्होंने बताया कि टाटा ग्रुप और टाटा ट्रस्ट्स मिलकर प्रभावित परिवारों के लिए राहत कार्यों को आगे बढ़ाएंगे। 270 लोगों की मौत 12 जून को हुए इस भीषण हादसे में बोइंग ड्रीमलाइनर विमान में सवार 242 में से 241 यात्रियों और क्रू सदस्यों समेत कुल कम से कम 270 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। टाटा ग्रुप, जो एयर इंडिया का मालिक है, उसने इस दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को प्रति व्यक्ति 1 करोड़ रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इस हादसे ने एक बार फिर विमान सुरक्षा मानकों और तकनीकी जांच के महत्व को गहराई से सामने ला दिया है। अब सभी की निगाहें AAIB की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो इस दिल दहला देने वाले रहस्य से पर्दा उठा सकती है। जांचकर्ताओं ने क्या कहा? अभी तक AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) और एयर इंडिया ने आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक हादसे की वजह अब तकनीकी फेलियर की ओर मुड़ गई है. ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट रिकॉर्डर) के डेटा की जांच अभी जारी है. सिमुलेशन में क्या मिला? बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के मलबे की तस्वीरों से पता चला कि फ्लैप्स एक्सटेंड हुए थे और पीछे नहीं हटे थे, जैसा कि अनुमान लगाया गया था. जब प्लेन की स्पीड धीमी होती है, तब फ्लैप्स टेक-ऑफ और लैंडिंग के दौरान विमान को जरूरी एक्स्ट्रा लिफ्ट देते हैं. लंदन जाने वाली फ्लाइट अहमदाबाद में उड़ान भरने के कुछ सेकंड के अंदर एक मेडिकल कॉलेज कैंपस के पास हादसे का शिकार हो गई, जिससे प्लेन में सवार 242 यात्रियों और क्रू मेंबर्स में से एक को छोड़कर सभी की मौत हो गई और जमीन पर मौजूद 34 अन्य लोग मारे गए. कई एक्सपर्ट्स ने इस बात की पुष्टि की है कि टेक्निकल फेलियर ही हादसे के पीछे की एक वजह हो सकता है.  दोनों इंजन फेल होने की वजह से हुआ हादसा? एविएशन एक्सपर्ट और पूर्व अमेरिकी नौसेना पायलट कैप्टन स्टीव शेबनर ने कहा कि इस हादसे के पीछे की वजह डुअल इंजन फेलियर हो सकती है. इंडिया टुडे के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उड़ान भरने के तुरंत बाद रैम एयर टर्बाइन (RAT) का खुलना डुअल इंजन फेलियर की तरफ इशारा करता है. यह सिमुलेशन विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जा रही आधिकारिक जांच से अलग आयोजित किया गया था. सूत्रों ने ब्लूमबर्ग को बताया कि यह संभावित कारणों का पता लगाने के लिए किया गया था. एअर इंडिया के पायलटों द्वारा किए गए क्रैश फुटेज के एनालिसिस से पता चला कि लैंडिंग गियर आगे की ओर झुका हुआ था, जिससे पता चलता है कि पहियों का पीछे हटना शुरू हो गया था. उस वक्त, लैंडिंग-गियर के दरवाज़े नहीं खुले थे, जिसके बारे में पायलटों ने कहा कि यह इशारा करता है कि प्लेन में बिजली की कमी या हाइड्रोलिक फेलियर हुआ था, जो इंजन में समस्या की ओर इशारा करता है. हादसे का शिकार हुए एअर इंडिया प्लेन के ब्लैक बॉक्स से डेटा का एनालिसिस मौजूदा वक्त में दिल्ली में AAIB की लैब में चल रहा है. इससे यह पता चलेगा कि हादसे का क्या क्रम था यानी स्टेप बाय स्टेप क्या-क्या हुआ. इसके साथ ही यह भी बताएगा कि दोनों इंजनों की पॉवर एक साथ क्यों खत्म हो गई. फ्लाइट सिमुलेटर एक डिवाइस या सॉफ्टवेयर है, जिसमें विमान की उड़ान जैसी स्थिति बनाई जाती है। फ्लाइट सिमुलेटर का इस्तेमाल पायलटों की ट्रेनिंग, विमान के डिजाइन और रिसर्च आदि में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एयरक्राफ्ट कंट्रोल सिस्टम, फ्लाइट डायनामिक्स और … Read more

विमान हादसे के डर से कांपे यात्री, 10500 फीट नीचे गिरा प्लेन, मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड हुआ हर पल

टोक्यो शंघाई से जापान की राजधानी टोक्यो जा रही जापान एयरलाइंस की एक फ्लाइट में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब बोइंग 737 विमान को अचानक 10,500 फीट नीचे उतारना पड़ा और ऑक्सीजन मास्क तैनात करने पड़े। यह हादसा 30 जून की शाम को हुआ, जब विमान ने चीन के शंघाई पुडोंग एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी और टोक्यो के नारिता एयरपोर्ट की ओर जा रहा था। यह विमान जापान एयरलाइंस और इसकी कम लागत वाली सहयोगी एयरलाइन ‘स्प्रिंग जापान’ के कोडशेयर समझौते के तहत संचालित हो रहा था। विमान में कुल 191 लोग सवार थे। अचानक 10 मिनट में 36,000 फीट से 10,500 फीट पर आ गया विमान रिपोर्ट के अनुसार, विमान ने उड़ान भरने के कुछ समय बाद ही तकनीकी खराबी का सामना किया। जापान के क्यूशू द्वीप के ऊपर उड़ान भरते समय विमान के केबिन प्रेशर सिस्टम में खराबी का अलर्ट मिला। इसके चलते विमान को तेजी से नीचे लाना पड़ा, जिसे इमरजेंसी डिसेंट कहा जाता है। महज 10 मिनट में यह लगभग 36,000 फीट से घटकर 10,500 फीट की ऊंचाई पर आ गया। यात्रियों ने बताया कि एक "मफल्ड बूम" की आवाज सुनाई दी और कुछ ही सेकंड में ऑक्सीजन मास्क गिर गए। केबिन में अराजकता का माहौल बन गया, जिसमें फ्लाइट अटेंडेंट्स जोर-जोर से यात्रियों को मास्क पहनने के लिए कह रही थीं। डर के मारे वसीयत लिखने लगे यात्री कई यात्री उस समय सो रहे थे और घबरा गए। कुछ यात्रियों ने तो इस डर से अपनी वसीयत लिख दी और अपने परिजनों को एटीएम पिन व बीमा की जानकारी भेज दी। एक यात्री ने बताया, “मैं सो रहा था, तभी अचानक ऑक्सीजन मास्क नीचे गिरने लगे। कुछ ही पलों में अफरा-तफरी मच गई। फ्लाइट अटेंडेंट रोते हुए कह रही थी कि विमान में तकनीकी खराबी आ गई है और सभी लोग मास्क पहन लें।” घबराए यात्रियों ने की रिकॉर्डिंग, वीडियो हुआ वायरल इस डरावने लम्हे को कुछ यात्रियों ने मोबाइल पर रिकॉर्ड भी किया। वीडियो में देखा जा सकता है कि यात्री ऑक्सीजन मास्क पकड़े हुए हैं और एक फ्लाइट अटेंडेंट घबराए हुए स्वर में घोषणा कर रही है। ओसाका में इमरजेंसी लैंडिंग, कोई घायल नहीं विमान के पायलट ने तत्काल एयर ट्रैफिक कंट्रोल को आपात स्थिति की सूचना दी और विमान को ओसाका के कंसाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट की ओर मोड़ दिया गया। विमान ने शाम 8:50 बजे सुरक्षित लैंडिंग की। राहत की बात यह रही कि इस हादसे में कोई भी यात्री या क्रू मेंबर घायल नहीं हुआ। जांच शुरू, यात्रियों को मुआवजा एयरलाइन की ओर से यात्रियों को 15,000 येन (लगभग 93 अमेरिकी डॉलर) का परिवहन मुआवजा और एक रात के होटल ठहराव की सुविधा दी गई है। विमान की तकनीकी खराबी की जांच शुरू कर दी गई है। बोइंग विमानों पर फिर सवाल यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब बोइंग विमानों की सुरक्षा को लेकर वैश्विक चिंता बढ़ती जा रही है। पिछले महीने अहमदाबाद से लंदन जा रही एक बोइंग विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 241 यात्रियों समेत 270 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इस नई घटना ने बोइंग विमानों की सुरक्षा पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।  

अब नौकरियों में मिलेगा हक! सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार लागू किया SC-ST आरक्षण

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के प्रशासनिक पदों की भर्ती में पहली बार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षण लागू हुआ है। 24 जून को जारी किए गए सर्कुलर में पदों के आरक्षण की जानकारी दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में हर साल 200 पदों पर भर्ती मंजूर है। इस तरह हर साल होने वाली भर्ती में 15 पर्सेंट एससी और 7.5 पर्सेंट एसटी आरक्षण लागू रहेगा। ऐसे में कुल 30 पदों को एससी आरक्षित किया जाएगा। इसके अलावा 15 पद एसटी वर्ग के लिए तय किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सामाजिक न्याय की मांग को देखते हुए अहम है। लंबे समय से मांग होती रही है कि कोर्ट की भर्तियों में भी कोटा लागू किया जाए। अदालत की ओर से दी गई भर्ती की डिटेल में बताया गया है कि सीनियर पर्सनल असिस्टेंट के 94 पदों पर भर्ती में 14 एससी कोटे के लिए होंगी। इसके अलावा 6 पद एसटी कोटे के लिए आरक्षित रहेंगी। 74 पदों को अनारक्षित किया जाएगा। इसी तरह असिस्टेंट लाइब्रेरियन के 20 पदों में से 3 को एससी और एक को एसटी कोटे में रखा गया है। जूनियर कोर्ट असिस्टेंट की बात करें तो कुल 437 पद हैं, जिनमें से 65 पद एससी के लिए आरक्षित होंगे। इसके अलावा 32 पोस्ट एसटी के लिए होंगी। 340 पद अनारक्षित रहेंगे। यही नहीं जूनियर कोर्ट असिस्टेंट के 20 पदों पर भी कोटा लागू रहेगा। जूनियर कोर्ट अटेंडेंट के भी 600 पदों पर आरक्षण लागू रहेगा। यही नहीं चेंबर अटेंडेंट के पद भी कोटा लागू होगा। सर्कुलर में कहा गया है कि यदि आरक्षण के नियम को लागू नहीं किया जाता है तो उसकी शिकायत रजिस्ट्रार से की जाए।  

मोदी सरकार जीएसटी स्लैब बदलने पर गंभीर, 12 फीसदी का GST Slab अब 5 फीसदी करने की योजना

नई दिल्ली जीएसटी (GST) को लेकर सरकार की बड़ी प्लानिंग है और इसके तहत मिडिल क्लास व लोअर इनकम ग्रुप वाले लोगों को राहत मिल सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जल्द ही जीएसटी में बड़ी राहत दी जा सकती है और केंद्र सरकार जीएसटी रेट्स में कटौती (GST Rate Cut) की जा सकती है. ऐसा बताया जा रहा है कि मोदी सरकार जीएसटी स्लैब बदलने पर गंभीरता से विचार कर रही है और 12 फीसदी का GST Slab अब 5 फीसदी में आ सकता है.  12% की जगह 5% के स्लैब की तैयारी   सूत्रों के मुताबिक, सरकार की ओर से जीएसटी पर ऐसे सामानों पर राहत मिल सकती है, जो खासतौर पर मिडिल और लोअर इनकम वाले घरों में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं और 12 फीसदी के GST Tax Slab के अंतर्गत आते हैं. सरकार अब विचार कर रही है ऐसे अधिकांश सामानों को या तो 5 फीसदी के टैक्स स्लैब में ट्रांसफर किया जा सकता है या फिर इनपर लगने वाला 12 फीसदी का स्लैब ही समाप्त किया जा सकता है. गौरतलब है कि रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर सामान इसी स्लैब में आते हैं.  कपड़ों से लेकर साबुन तक हो सकते हैं सस्ते जीएसटी काउंसिल की अगली 56वीं बैठक में इसे लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है औ ये GST Counsil Meet इसी महीने हो सकती है. अगर सरकार की ओर से ये निर्णय लिया जाता है, जो अभी तक 12 फीसदी के स्लैब में आने वाले जूते-चप्पल, मिठाई, कपड़े, साबुन, टूथपेस्ट और डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे कई सामान सस्ते हो सकते हैं. इसके अलावा पनीर, खजूर, सूखे मेवे, पास्ता, जैम, पैकेज्ड फ्रूट जूस, नमकीन, छाते, टोपी, साइकिल, लकड़ी से बने फर्नीचर, पेंसिल, जूट या कपास से बने हैंडबैग, शॉपिंग बैग भी इसमें शामिल हैं. GST के भारत में कितने स्लैब साल 2017 में देश में जीएसटी लागू किया गया था और बीते कारोबारी दिन 1 जुलाई को ही इसने आठ साल पूरे किए हैं. देश में जीएसटी दरें GST Counsil द्वारा तय की जाती हैं और इनमें बदलाव के किसी भी फैसले में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि भी शामिल रहते हैं. बात करें भारत में GST Slabs के बारे में, तो अभी चार जीएसटी स्लैब हैं. 5%, 12%, 18% और 28% हैं. अनाज, खाद्य तेल, चीनी, स्नैक्स और मिठाई के अलावा सोना-चांदी और अन्य तमाम सामानों को अलग-अलग कैटेगरी के हिसाब से इन्ही टैक्स स्लैब में रखा गया है. सरकार की ओर से पहले से मिल रहे संकेत जीएसटी (GST) के मोर्चे पर बड़ी राहत के संकेत पहले से ही सरकार की ओर से मिल रहे हैं. बीते मार्च महीने में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भी कहा था कि जीएसटी टैक्स स्लैब को तर्कसंगत बनाने का प्रोसेस पूरा होने के बाद जीएसटी रेट्स में और भी कमी आएगी. इसके बाद से ही GST Tax Slab Change किए जाने की उम्मीद लगाई जा रही थी और अब सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अगली काउंसिल बैठक में ये बड़ा फैसला लिया जा सकता है.