UNSC की कुर्सी पर पाकिस्तान! क्या भारत के खिलाफ उठेगा अंतरराष्ट्रीय मोर्चा?

इस्लामाबाद  भारत से तनाव के बीच पाकिस्तान ने मंगलवार से जुलाई 2025 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता संभालनी शुरू कर दी है। सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में पाकिस्तान के दो साल के कार्यकाल का हिस्सा है। पाकिस्तान जनवरी 2025 में दो साल के कार्यकाल के लिए सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया था। पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में भारी समर्थन के साथ सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया और उसे 193 में से 182 वोट मिले थे। सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता का पद मासिक आधार पर 15 सदस्यों के बीच वर्णानुक्रम में बदलता रहता है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत आसिम इफ्तिखार अहमद ने सरकारी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (एपीपी) के संवाददाता से कहा, ''पाकिस्तान की अध्यक्षता पारदर्शी, समावेशी और उत्तरदायी होगी।'' राजदूत इफ्तिखार जुलाई में प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर सुरक्षा परिषद की बैठकों की अध्यक्षता करेंगे। उन्होंने कहा कि वह जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्य, दुनिया में बढ़ती अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरों, बढ़ते संघर्षों और गहराते मानवीय संकटों से पूरी तरह अवगत हैं। जुलाई में अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान, पाकिस्तान बहुपक्षवाद और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान, तथा संयुक्त राष्ट्र-इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) सहयोग पर दो उच्चस्तरीय कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा। उन्होंने कहा कि ये विषय बहुपक्षवाद, निवारक कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को बढ़ावा देने में क्षेत्रीय संगठनों के साथ सहयोग जैसी साझा प्राथमिकताओं को प्रतिबिंबित करते हैं। साथ ही, पश्चिम एशिया की स्थिति तथा अफ्रीका, यूरोप, एशिया और लैटिन अमेरिका के घटनाक्रमों सहित प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। राजदूत इफ्तिखार पहले ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस से मिल चुके हैं और उन्हें जुलाई में सुरक्षा परिषद की कार्य योजना के बारे में जानकारी दे चुके हैं। पाकिस्तानी राजदूत ने एक साक्षात्कार में कहा, ''एक ऐसे देश के रूप में जिसने लगातार बातचीत और कूटनीति की वकालत की है, पाकिस्तान सुरक्षा परिषद के काम में सैद्धांतिक और संतुलित दृष्टिकोण लाता है। यह संयुक्त राष्ट्र के शांति प्रयासों में पाकिस्तान के योगदान पर आधारित होगा।'' इससे पहले, पाकिस्तान 2012-13, 2003-04, 1993-94, 1983-84, 1976-77, 1968-69 और 1952-53 के दौरान सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य था। हिंदुस्तान के लिए कैसे खतरा? पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को गहरे जख्म दिए हैं। इसका बदला अब वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बनकर कर ले सकता है। आशंका जताई जा रही है कि इस महीनेभर के दौरान पाकिस्तान भारत के खिलाफ नैरेटिव बनाने की कोशिश कर सकता है। भारत ने पिछले दिनों सिंधु जल संधि को रोककर पाकिस्तान को बूंद-बूंद के लिए तरसा दिया है, जिसके बाद से ही वह भारत के सामने पत्र लिखकर गिड़गिड़ा रहा है। ऐसे में यूएनएससी की अध्यक्षता मिलने के बाद वह इस स्टेज से भारत के खिलाफ झूठी बातें बोलकर फायदा उठाने की कोशिश कर सकता है। हालांकि, भारत भी मुंहतोड़ जवाब देना जानता है और समय-समय पर उसे बेनकाब भी करता आया है।  

2 साल में करोड़ों रोजगार का वादा, नई खेल नीति भी शामिल – मोदी सरकार ने तीन अहम फैसलों को दी मंजूरी

नई दिल्ली केंद्र की मोदी सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में कई बड़े फैसले लिए। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार (01 जुलाई, 2025) को बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना, खेल से जुड़ी खेलो भारत नीति, रिसर्च एंड डेवलेपमेंट के अलावा तमिलनाडु में परमकुडी-रामनाथपुरम नेशनल हाईवे को चार लेन का बनाने के लिए मंजूरी दी। कैबिनेट प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना को मंजूरी दी। योजना का लक्ष्य 2 वर्षों में देश में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहित करना है। इसका कुल बजट: 99,446 करोड़ रुपये है। खेलो भारत नीति को दी मंजूरी केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज राष्ट्रीय खेल नीति (एनएसपी) 2025 को मंजूरी दे दी। यह एक ऐतिहासिक पहल है जिसका उद्देश्य देश के खेल परिदृश्य को नया आकार देना और खेलों के माध्यम से नागरिकों को सशक्त बनाना है। नई नीति मौजूदा राष्ट्रीय खेल नीति, 2001 की जगह लेती है, साथ ही भारत को एक वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में स्थापित करने और 2036 ओलंपिक खेलों सहित अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में उत्कृष्टता के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में स्थापित करने के लिए एक दूरदर्शी और रणनीतिक रोडमैप पेश करती है। रिसर्च एंड डेवलेपमेंट भारत के रिसर्च एंड डेवलेपमेंट के पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए एक परिवर्तनकारी कदम के रूप में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक लाख करोड़ रुपये की निधि के साथ अनुसंधान विकास और नवाचार (आरडीआई) योजना को मंजूरी दे दी है। आरडीआई योजना का उद्देश्य आरडीआई में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के लिए कम या शून्य ब्याज दरों पर लंबी अवधि के साथ दीर्घकालिक वित्तपोषण या पुनर्वित्त प्रदान करना है। यह योजना निजी क्षेत्र के वित्तपोषण में बाधाओं और चुनौतियों को दूर करने के लिए डिज़ाइन की गई है और नवाचार को सुविधाजनक बनाने, प्रौद्योगिकी को अपनाने को बढ़ावा देने और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए उभरते और रणनीतिक क्षेत्रों को विकास और जोखिम पूंजी प्रदान करने का प्रयास करती है। तमिलनाडु को मोदी सरकार का तोहफा मंत्रिमंडल ने तमिलनाडु में परमाकुडी-रामनाथपुरम खंड के 4-लेन निर्माण को मंजू़री दी। खंड की कुल लंबाई 46.7 किमी है और परियोजना लागत 1,853 करोड़ रुपये है। दक्षिणी तमिलनाडु के प्रमुख आर्थिक, सामाजिक और लॉजिस्टिक्स नोड्स को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। मौजूदा समय में, मदुरै, परमकुडी, रामनाथपुरम, मंडपम, रामेश्वरम और धनुषकोडी के बीच संपर्क मौजूदा 2-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग 87 (एनएच-87) और संबंधित राज्य राजमार्गों पर निर्भर है, जिस वजह से इस राजमार्ग पर भीड़भाड़ रहती है और लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

झमाझम बारिश की वापसी! दिल्ली-बिहार सहित इन राज्यों में अगले 7 दिन रेड अलर्ट

नई दिल्ली मानसून ने समय से नौ दिन पहले ही पूरे देश को कवर कर लिया है। आम तौर पर मानसून पूरे देश को 8 जुलाई के करीब कवर करता है, हालांकि, इस साल 29 जून को ही मानसून पहुंच गया। मानसून के दस्तक के साथ कई राज्यों में भारी तो कुछ राज्यों में अति भारी बारिश हो रही है। इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक नई चेतावनी जारी की है। आईएमडी के अनुसार, अगले छह से सात दिनों में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। इन राज्यों में भारी बारिश की संभावना  भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार, आने वाले पांच से छह दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में मानसून सक्रिय रहेगा। विभाग ने बताया कि मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और झारखंड में भी भारी बारिश की संभावना है। अनुमान के अनुसार, मध्य प्रदेश, झारखंड और ओडिशा में कुछ दिनों में भारी बारिश हो सकती है। अगले सात दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी मौसम विभाग के ताजा अपडेट में बताया गया है कि कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र और गुजरात में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। सौराष्ट्र और कच्छ में भी अगले सात दिनों में भारी बारिश हो सकती है। अगले सात दिनों तक पूर्वोत्तर के भी कई राज्यों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से भारी बारिश की संभावना है। विभाग के मुताबिक, टीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और कर्नाटक में सप्ताह के कुछ दिनों में भारी बारिश हो सकती है। जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने गत सोमवार को बताया कि जुलाई में देश में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है। लगातार और अधिक बारिश के कारण कई हिस्सों में बाढ़ की भी संभावना है। इस कारण विभाग ने मध्य भारत, उत्तराखंड और हरियाणा के अधिकारियों और लोगों से सतर्क रहने को कहा है।

गैंगरेप केस में कॉलेज प्रशासन की सख्ती, आरोपियों को निष्कासित कर सुरक्षा एजेंसी को भेजा नोटिस

कोलकाता कोलकाता के कलकत्ता लॉ कालेज में छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में कालेज के अधिकारियों ने तीन आरोपियों को संस्थान से निष्कासित कर दिया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। संस्थान से निष्कासित किए गए लोगों में मुख्य आरोपित मनोजित मिश्रा भी शामिल है, जो कालेज में संविदा कर्मचारी था। कॉलेज से तीनों आरोपियों को किया गया निष्कासित मनोजित मिश्रा के साथ ही सह-आरोपियों जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को भी निष्कासित कर दिया गया है। दोनों कॉलेज के छात्र हैं। तीनों को गिरफ्तार किया गया था। तृणमूल कांग्रेस के विधायक अशोक कुमार देब की अध्यक्षता में महाविद्यालय के शासी निकाय की बैठक के बाद मिश्रा की सेवाओं को समाप्त करने और दो छात्रों को निष्कासित करने की घोषणा की गई। सुरक्षा एजेंसियों को भी भेजा गया नोटिस  देब ने संवाददाताओं से कहा कि संस्थान परिसर की सुरक्षा के लिए नियुक्त सुरक्षा एजेंसी को भी कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा। कॉलेज प्रशासन की यह कार्रवाई कथित घटना को लेकर बढ़ते जनाक्रोश के बीच की गई है। कॉलेज के उप-प्राचार्य के अनुसार मिश्रा को करीब 45 दिन पहले ठेके पर नियुक्त किया गया था। कॉलेज के रिकॉर्ड के अनुसार, मिश्रा पहले संस्थान का छात्र था और 2013 में उसने दाखिला लिया था। उस वर्ष, कालीघाट थाने के तहत चेतला पुल पर एक युवक को चाकू मारने के आरोप के बाद उसे संस्थान से निकाल दिया गया था। पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों पर होगा एक्शन कोलकाता के कलकत्ता लॉ कालेज में छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में कोलकाता पुलिस ने इंटरनेट मीडिया के जरिए चेतावनी दी है कि पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने दी चेतावानी कोलकाता पुलिस ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि संज्ञान में आया है कि कुछ लोग गोपनीय दस्तावेजों के प्रसार या अन्य तरीकों से कस्बा मामले में पीड़िता की पहचान उजागर करने की कोशिश कर रहे हैं। ये कानून का गंभीर उल्लंघन है। ऐसे कृत्यों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ संबंधित प्रावधानों के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जनता को सलाह दी जाती है कि वो ऐसी कोई भी जानकारी साझा न करें जिससे पीड़िता की पहचान उजागर हो सके। तीनों आरोपियों ने दिया था वारदात को अंजाम पीड़िता की गरिमा और गोपनीयता का सम्मान करना एक कानूनी दायित्व और नैतिक अनिवार्यता है। बता दें कि लॉ कॉलेज के पूर्व छात्र मनोजित मिश्रा, जो तृणमूल कांग्रेस का कार्यकर्ता बताया जा रहा है, ने गत 25 जून की रात दो वरिष्ठ छात्रों जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी के साथ मिलकर संस्थान के सुरक्षाकर्मियों के कमरे में इस वारदात को अंजाम दिया था।

भारत की समुद्री विरासत अमिट है, नौसेना प्रमुख ने कहा, समुद्र हमारी ताकत है

नई दिल्ली  भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने भारत की प्राचीन समुद्री विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत की पहचान एक समुद्री राष्ट्र की रही है। उन्होंने कहा कि लगभग 6000 वर्ष पूर्व हड़प्पा कालीन लोथल जैसे बंदरगाह शहरों से लेकर आज तक, भारत की पहचान एक समुद्री राष्ट्र की रही है। गौरतलब है कि हड़प्पा कालीन लोथल एक प्रमुख बंदरगाह शहर था, जो सिंधु घाटी सभ्यता का हिस्सा था। यह गुजरात में स्थित है और इसे दुनिया का सबसे पुराना ज्ञात डॉकयार्ड माना जाता है। नौसेना प्रमुख, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रोहतक के पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम के इंडक्शन और ओरिएंटेशन समारोह को संबोधित कर रहे थे। यहां उन्होंने गर्व के साथ कहा, “भारत समुद्री राष्ट्र था, है और रहेगा।” उन्होंने बताया कि भारत का 95 प्रतिशत व्यापार समुद्री मार्गों से होता है और 99 प्रतिशत वैश्विक इंटरनेट डेटा समुद्र के नीचे बिछाए गए केबल्स से गुजरता है। ऐसे में ‘विकसित भारत 2047’ के सपने को साकार करने में समुद्री शक्ति की अहम भूमिका होगी। उन्होंने भारत के अतीत, वर्तमान और भविष्य में समुद्र के सामरिक महत्व को रेखांकित किया। नौसेना द्वारा हाल में किए गए राहत अभियानों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे पश्चिम एशिया के संकट में भारतीय नौसेना ने 400 से अधिक जानें बचाईं और 5.3 अरब डॉलर से अधिक के माल को सुरक्षित किया। उन्होंने डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के शब्दों “सपना देखो, साहस करो और उसे साकार करो” के साथ यहां छात्रों को प्रेरित किया। आईआईएम रोहतक के इस इंडक्शन और ओरिएंटेशन समारोह में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी मुख्य अतिथि थे। इस कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा समेत फैकल्टी सदस्य भी मौजूद रहे। इस वर्ष 1 जुलाई से पीजी बैच के 329 छात्रों और 8 शोधार्थियों ने नया शैक्षणिक सफर आरंभ किया है। इस अवसर पर छात्रों से किताबों से बाहर निकलकर व्यवहारिक ज्ञान अर्जित करने की अपील की गई। छात्रों को अनुशासन, दृढ़ता, फोकस, आत्मप्रेरणा जैसी गुणों को अपनाने पर कहा गया। आईआईएम रोहतक के निदेशक प्रोफेसर धीरज शर्मा ने संस्थान के विजन को स्पष्ट करते हुए कहा कि यहां प्रबंधन की शिक्षा को अनुशासन, उद्देश्य और राष्ट्रीय सेवा से जोड़ा जाता है। उन्होंने केस-आधारित शिक्षण पद्धति, ग्रामीण सहभागिता कार्यक्रम, इंडस्ट्री इंटरफेस और योग व समग्र स्वास्थ्य पर बल दिया। इस मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल बलबीर सिंह संधू (सेवानिवृत्त) भी मौजूद रहे। उन्होंने नेतृत्व के मूलभूत गुणों – साहस, अनुशासन और चरित्र – पर जोर दिया। उन्होंने सेना के अनुभवों से उदाहरण देते हुए छात्रों को बताया कि विपरीत परिस्थितियों में नेतृत्व कैसे निभाया जाता है। नेतृत्व केवल पद से नहीं बल्कि कर्म और उदाहरण से परिभाषित होता है। कार्यक्रम में दो पैनल चर्चाएं भी हुईं – “वर्तमान व्यापार परिदृश्य में प्रबंधन स्नातकों से अपेक्षित क्षमताएं” और “एआई युग में नेतृत्व”, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। इसके अलावा, “भारतीय सशस्त्र बलों का योगदान: राष्ट्रीय सुरक्षा और गौरव के स्तंभ” विषय पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में देश भर के शोधार्थियों ने भाग लिया। चार विजेताओं को 10,000 रुपए से 25,000 रुपये तक के नकद पुरस्कार प्रदान किए गए। यहां निदेशक प्रोफेसर धीरज शर्मा की नवीनतम पुस्तक “पावर ऑफ मूवीज” का विमोचन भी किया गया। प्रोफेसर शर्मा ने बताया कि कैसे सिनेमा जीवन की विविधताओं और सामाजिक बदलावों को दर्शाता है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे फिल्मों के माध्यम से मानवीय भावनाओं और सामाजिक संरचनाओं को समझने का प्रयास करें।

पिछले दस साल में पीएम मोदी की सबसे लंबी राजनयिक यात्रा, आठ दिन में पांच देशों की यात्रा करेंगे

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ दिनों के डिप्लोमैटिक दौरे पर रवाना हो रहे हैं। इस दौरान वह पांच देशों की यात्रा करेंगे। पीएम मोदी का यह दौरा दो जुलाई से नौ जुलाई तक चलेगा। पिछले दस साल में यह पीएम मोदी की सबसे लंबी राजनयिक यात्रा होने जा रही है। इसकी शुरुआत घाना से होगी, जिसमें दक्षिण अमेरिकी, कैरेबियाई और अफ्रीकी देशों पर पर फोकस रहेगा। विदेश मंत्रालय के मुताबिक घाना के बाद प्रधानमंत्री मोदी कैरेबियाई देश त्रिनिनाद और टोबैगो और वहां से अर्जेंटीना जाएंगे। अर्जेंटीना के बाद नरेंद्र मोदी ब्राजील जाएंगे, जहां वो 17वें ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस यात्रा का आखिरी पड़ाव नामीबिया होगा। देश के हिसाब से पीएम मोदी की यात्रा का ऐसा है एजेंडा घाना प्रधानमंत्री बनने के बाद 10 साल में यह पहली बार होगा जब नरेंद्र मोदी घाना जा रहे हैं। इससे भी बड़ी बात यह है कि पिछले 30 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली घाना यात्रा होगी। यहां पर पीएम मोदी वैक्सीन हब जाएंगे। इसके बाद वह घाना की संसद को संबोधित करेंगे। त्रिनिदाद और टोबैगो त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा पर पीएम मोदी विशेष आमंत्रण पर जा रहे हैं। पिछले 25 साल में यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यहां की यात्रा पर जा रहा है। उम्मीद है कि यहां पर भी वह संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। अर्जेंटीना अपने राजनयिक दौरे के तीसरे देश के रूप में पीएम मोदी अर्जेंटीना जाएंगे। यहां पर भी वह अर्जेंटीनी राष्ट्रपति जेवियर मिलेई के आमंत्रण पर जा रहे हैं। इस दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सा लेंगे। दोनों के बीच रक्षा, कृषि, खनन, तेल और गैस, व्यापार व निवेश पर बातचीत होगी। ब्राजील अर्जेंटीना के बाद पीएम मोदी ब्रिक्स 2025 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ब्राजील जाएंगे। पीएम मोदी की यह चौथी ब्राजील यात्रा होगी। इस दौरान पीएम मोदी आतंकवाद को लेकर अपनी चिंता जाहिर करेंगे। साथ ही वह पाकिस्तान प्रायोजित पहलगाम हमले पर भी बात करेंगे, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। नामीबिया यात्रा का अंतिम चरण नामीबिया में होगा, जो 27 वर्षों में एक भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा भी होगी। अपनी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी राष्ट्रपति से मिलेंगे और नामीबिया की संसद को संबोधित करेंगे। इस यात्रा का एक मेन फोकस यहां पर भारत के यूपीआई को नामीबिया में लागू करने के लिए एक समझौता होगा। यह निर्णय भारत की डिजिटल भुगतान पहल का हिस्सा है। यूपीआई भूटान, मॉरिशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका, फ्रांस और यूएई में पहले से ही सक्रिय है।  

विरुधुनगर में बड़ा हादसा! पटाखा फैक्ट्री विस्फोट में 5 लोगों की मौत

विरुधुनगर  तमिलनाडु के विरुधुनगर में एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ है। इस घटना में अब तक 5 लोगों की मौत होने की जानकारी है, जबकि 3 अन्य की हालत गंभीर बताई जा रही है। विरुधुनगर जिले के शिवकाशी के पास चिन्नाकमपट्टी में गोकुलेश पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार को ये धमाका हुआ। धमाका इतना भयंकर था कि पूरा मकान ध्वस्त हो गया। इस घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस और रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंचीं और घायलों को बाहर निकाला। घटनास्थल से आई तस्वीरों में चारों ओर बिखरा मलबा बिखरा दिखा। शिवकाशी और सत्तूर से अग्निशमन और बचाव दल घटनास्थल पर बचाव कार्य में लगे हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए शिवकाशी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल 5 लोगों के मरने की जानकारी सामने आ चुकी है। फैक्ट्री के कर्मचारी गोकुलेश पटाखा फैक्ट्री में नियमित काम कर रहे थे, तभी फैक्ट्री में शक्तिशाली विस्फोट हुआ। विस्फोट से परिसर के कई कमरे जलकर राख हो गए। अधिकारियों ने बताया कि पटाखा बनाते समय विस्फोट हुआ, कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई। हालांकि सटीक कारण का अभी पता नहीं चल पाया है। मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है। तमिलनाडु में शिवकाशी को भारत में पटाखा उद्योग के केंद्र के रूप में जाना जाता है। पटाखों का 90 प्रतिशत उत्पादन यहीं से होता है। शिवकाशी में लगभग 8 हजार कारखाने चल रहे हैं, जिनमें लाखों लोग काम करते हैं। भले ही यहां सुरक्षा प्रोटोकॉल अच्छी तरह से स्थापित हैं, लेकिन अक्सर लाइसेंस प्राप्त कारखानों की ओर से इनका उल्लंघन किया जाता है। शिवकाशी में पहले भी कई ऐसी दुखद घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे क्षेत्र की सुरक्षा मानकों और विनियामक निगरानी पर सवाल उठते रहे हैं। पिछले साल शिवकाशी में ही इसी तरह का विस्फोट हुआ था, जिसमें 10 लोग मारे गए थे।

टेकऑफ के बाद बड़ा झटका! 900 फीट नीचे गिरा Air India का विमान, यात्रियों में मची अफरा-तफरी

नई दिल्ली एयर इंडिया की एक और अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट में बड़ी तकनीकी खामी से यात्रियों की जान खतरे में पड़ गई। दिल्ली से वियना जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-187 (बोइंग 777) उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद अचानक 900 फीट नीचे गिर गई। यह घटना सुबह 2:56 बजे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से टेकऑफ के तुरंत बाद घटी, जब विमान एक खतरनाक स्थिति में पहुंच गया और उसमें स्टॉल और ग्राउंड प्रॉक्सिमिटी वार्निंग सिस्टम (GPWS) की चेतावनियां सक्रिय हो गईं। ‘डू नॉट सिंक’ जैसी चेतावनियां पायलटों को लगातार सतर्क करती रहीं, लेकिन पायलटों की सतर्कता और त्वरित निर्णय के कारण एक बड़ा हादसा टल गया। स्थिति को नियंत्रित करने के बाद विमान ने अपनी उड़ान जारी रखी और करीब नौ घंटे बाद वियना में सुरक्षित लैंडिंग की गई। पायलटों को ड्यूटी से हटाया गया, डीजीसीए ने जांच तेज की दिल्ली-वियना फ्लाइट की घटना के बाद एयर इंडिया ने फौरन इस मामले की जानकारी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को दी। विमान के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर की जांच शुरू कर दी गई है। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक दोनों पायलटों को उड़ान ड्यूटी से हटा दिया गया है। डीजीसीए ने एयर इंडिया के सुरक्षा प्रमुख को भी तलब किया है और मेंटेनेंस रिकॉर्ड से लेकर ऑपरेशनल प्रक्रियाओं तक की गहन जांच शुरू की गई है। DGCA ऑडिट में पहले ही हो चुकी थी खामियों की पहचान हैरानी की बात यह है कि हाल ही में DGCA द्वारा एयर इंडिया के बेड़े पर किए गए ऑडिट में बार-बार रखरखाव की अनदेखी और सुरक्षा मानकों के उल्लंघन की बात सामने आई थी। इसके बावजूद दो बड़ी घटनाएं इतने कम अंतर में सामने आना एयर इंडिया की व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।   यात्रियों की सुरक्षा पर फिर सवाल इन दो घटनाओं ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर आम जनता के मन में चिंता बढ़ा दी है। जहां एक ओर एयर इंडिया अंतरराष्ट्रीय विस्तार और नई उड़ानों की योजना बना रही है, वहीं दूसरी ओर बार-बार हो रही घटनाएं यह संकेत दे रही हैं कि मूलभूत सुरक्षा और मेंटेनेंस प्रक्रियाओं में कहीं न कहीं भारी चूक हो रही है।  अहमदाबाद में हुआ था बड़ा हादसा बता दें कि 12 जून को एयर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट AI-171 (बोइंग 787-8) रनवे छोड़ने के कुछ ही पलों बाद क्रैश हो गई थी। इस हादसे में 260 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें 242 यात्री और चालक दल के सदस्य शामिल थे।  

ट्रंप के फैसले से वैश्विक संकट? रिपोर्ट में दावा– 2030 तक करोड़ों की जान जा सकती है

वॉशिंगटन/न्यूयॉर्क अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में विदेशी मानवीय सहायता में की गई जबरदस्त कटौती ने पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल The Lancet में प्रकाशित एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर अमेरिका ने विदेशी सहायता में मौजूदा स्तर की कटौती जारी रखी, तो साल 2030 तक दुनियाभर में 1.4 करोड़ अतिरिक्त मौतें हो सकती हैं। हर साल लाखों बच्चों की जान पर संकट रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इस अनुमानित मौतों में से करीब 45 लाख मौतें 5 साल से कम उम्र के बच्चों की हो सकती हैं। यानी हर साल औसतन 7 लाख मासूमों की जान जा सकती है – वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि दुनिया की सबसे बड़ी ताकत ने अपना मानवीय समर्थन पीछे खींच लिया है। USAID की योजनाएं 80% तक रद्द, सबसे ज्यादा असर गरीब देशों पर ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका की विकास सहायता एजेंसी USAID की 80% से अधिक योजनाएं रद्द कर दी हैं, जिससे अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के गरीब व मध्यम आय वर्ग के देशों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस कटौती की पुष्टि की थी। रिपोर्ट की बड़ी चेतावनी   The Lancet की रिपोर्ट के सह-लेखक और ग्लोबल हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. डेविड रासेला ने कहा, “इतने बड़े पैमाने पर सहायता में कटौती का असर किसी महामारी या युद्ध जैसा विनाशकारी हो सकता है। इससे दो दशकों की प्रगति एक झटके में रुक सकती है।”   भूख और कुपोषण से हाहाकार कटौती का सीधा असर उन देशों पर पड़ा है, जहां पहले से ही संसाधनों की भारी कमी है। केन्या के काकुमा शरणार्थी कैंप में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि बच्चे भूख से तड़प रहे हैं। एक रिपोर्ट में एक बच्ची का ज़िक्र किया गया है जिसकी हालत इतनी गंभीर थी कि वह हिल भी नहीं पा रही थी, और उसकी त्वचा गिरने लगी थी। UN की चेतावनी  संयुक्त राष्ट्र (UN) ने भी ट्रंप प्रशासन की इस नीति को लेकर गहरी चिंता जताई है। अधिकारियों का कहना है कि यह स्थिति एक "गंभीर मानवीय आपदा" जैसी है, जिसमें लाखों लोगों की जानें जोखिम में हैं।  

प्रवासी भारतीयों ने रचा इतिहास, भारत को मिला सबसे ज्यादा रेमिटेंस दुनिया में

नई दिल्ली  भारत के प्रवासी नागरिकों ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। वित्त वर्ष 2024-25 (जो 31 मार्च को समाप्त हुआ) में विदेशों में रह रहे भारतीयों ने अपने परिवारों को 135.46 अरब डॉलर (यानी करीब 11.63 लाख करोड़ रुपए) भेजे। यह अब तक किसी एक साल में भेजी गई सबसे बड़ी रेमिटेंस राशि  है। रेमिटेंस में सालाना 14% की बढ़ोतरी इस रकम में साल-दर-साल 14.24% की वृद्धि देखी गई। यह आंकड़ा 8 साल पहले यानी  2016-17 में भेजे गए 61 अरब डॉलर  की तुलना में  दोगुने से भी ज्यादा  है। इसका मतलब साफ है कि विदेशों में बसे भारतीयों की आमदनी और समृद्धि बढ़ी है और भारतीय वर्कफोर्स की अंतरराष्ट्रीय मांग भी मजबूत हुई है।  अमेरिका, सिंगापुर, ब्रिटेन से आया 45% पैसा  रिज़र्व बैंक (RBI)  की रिपोर्ट के अनुसार, कुल रेमिटेंस का 45% हिस्सा अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर से आया है। वहीं खाड़ी देशों से रेमिटेंस में गिरावट देखी गई है।  तेल की कीमतों में गिरावट  के कारण वहां से कम पैसा भेजा जा रहा है, जिसकी भरपाई पश्चिमी देशों से हो रही है। विश्व बैंक  के मुताबिक, भारत पिछले 10 वर्षों से सबसे अधिक रेमिटेंस प्राप्त करने वाला देश बना हुआ है। 2024 में भारत पहले स्थान पर रहा, जबकि मेक्सिको (5.8 लाख करोड़) और चीन (4.1 लाख करोड़ रुपए) दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।  व्यापार घाटे की भरपाई में मददगार RBI की रिपोर्ट बताती है कि रेमिटेंस सिर्फ आमदनी का जरिया नहीं बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था का  एक मजबूत स्तंभ  है।  यह विदेशी निवेश (FDI) से भी बड़ा स्रोत  बन गया है। वित्त वर्ष 2025 में भारत का 287 अरब डॉलर का व्यापार घाटा  रहा, जिसमें से 47% की भरपाई  रेमिटेंस से हुई। यह साफ करता है कि  प्रवासी भारतीयों का योगदान भारत की वित्तीय सेहत के लिए अत्यंत अहम  है। भारत के प्रवासी नागरिक सिर्फ विदेशी धरती पर काम नहीं कर रहे, वे भारत के आर्थिक भविष्य की नींव भी मजबूत कर रहे हैं। रेमिटेंस अब न केवल पारिवारिक मदद बल्कि राष्ट्रीय आर्थिक रणनीति का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।