News Aazad Bharat

मां नर्मदा परिक्रमा पथ पर पौधरोपण का कार्य की निगरानी ड्रोन-सैटेलाइट इमेज से की जाएगी

भोपाल  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल, प्रकृति, पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पूरे देश में चलाए जा रहे एक पेड़ मां के नाम 2.0 अभियान को प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मिशन के रूप में चला रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार प्रकृति, पर्यावरण और जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रदेश के 16 जिलों में मां नर्मदा परिक्रमा पथ के आश्रय स्‍थलों की भूमि पर पौधरोपण करेगी। इसके लिए मनरेगा परिषद ने तैयारी भी शुरू कर दी है। प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पौधरोपण के संबंध में निर्देश भी जारी किए हैं।  233 स्‍थानों की लगभग 1000 एकड़ भूमि पर किया जाएगा पौधरोपण मां नर्मदा परिक्रमा पथ पर स्थित आश्रय स्‍थलों के लगभग 233 स्‍थानों की लगभग 1000 एकड़ भूमि पर 43 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से लगभग 7.50 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा। पौधरोपण का कार्य 15 जुलाई से शुरू होगा जो 15 अगस्त तक चलेगा। इसके लिए बकायदा अभियान चलाया जाएगा।  इन जिलों में मां नर्मदा आश्रय स्थलों पर होगा पौधरोपण मां नर्मदा आश्रय स्थलों पर जिन जिलों में पौधरोपण किया जाएगा, उनमें अनूपपुर, डिंडोरी, मण्‍डला, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, बड़वानी, अलीराजपुर, धार, नर्मदापुरम, रायसेन, सीहोर, हरदा, देवास, खंडवा एवं खरगोन शामिल हैं।  ड्रोन-सैटेलाइट इमेज से की जाएगी निगरानी  मां नर्मदा परिक्रमा पथ के आश्रय स्थलों की भूमि पर पौधरोपण का कार्य सही ढ़ग से हो रहा है या नहीं। पौधे कहा पर लगे है या नहीं। मनरेगा परिषद द्वारा इसकी ड्रोन-सैटेलाइट इमेज से बकायदा निगरानी भी की जाएगी। आश्रय स्थलों पर भूमि की उपलब्धता के अनुसार दो श्रेणियों में पौधरोपण का कार्य किया जाएगा। प्रदेश में 136 ऐसे स्थान हैं जहां पर 2 एकड़ से अधिक भूमि है। यहां पर 2.15 लाख पौधे लगाए जाएंगे। इसी तरह से 97 ऐसे स्थान हैं जहां पर 1 एकड़ से अधिक और 2 एकड़ से कम भूमि है। यहां पर 5.50 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा।  पौधरोपण की खासियत:  -पौधरोपण के आश्रय स्थलों का चयन सिपरी सॉफ्टवेयर से किया जाएगा। साथ ही यदि सिपरी सॉफ्टवेयर पौधरोपण के लिए जगह को उपयुक्‍त नहीं बताता है तो उस स्थान पर पौधरोपण नहीं किया जाएगा। इसके अलावा सॉफ्टवेयर से यह भी देखा जाएगा कि जिस जगह पर पौधरोपण किया जा रहा है उस जगह पर पानी का स्‍थायी स्रोत हो।  ऐसे स्‍थल जहां पर 2 एकड़ या अधिक भूमि उपलब्‍ध है, वहां पर सामान्य पद्धति से पौधरोपण का कार्य किया जाएगा।  2 एकड़ से कम एवं 1 एकड से अधिक भूमि उपलब्‍ध है वहां मियावाकी पद्धति से पौधरोपण किया जाएगा। जहां पौधरोपण किया जाना है, वहां पौधों की सुरक्षा के लिए तार फेंसिंग की जाएगी। 14 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा गड्ढे की खुदाई, तार की फेंसिंग का कार्य  मां नर्मदा परिक्रमा पथ के आश्रय स्‍थलों की भूमि पर पौधरोपण का कार्य शुरू होने से पहले गड्‌ढे की खुदाई, तार की फेंसिंग, सिपरी सॉफ्टवेयर द्वारा प्रस्तावित भूमि का स्थल निरीक्षण, भौतिक सत्यापन, तकनीकी व प्रशासकीय स्वीकृति जैसे कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। इसके बाद 15 जुलाई से पौधरोपण का कार्य शुरू होगा।

मंत्री श्री पटेल की सौजन्य मुलाकात, नवनियुक्त पंचायत CEO और विकासखंड अधिकारियों से की बातचीत

मंत्री  पटेल ने नवनियुक्त जनपद पंचायत CEO और विकासखंड अधिकारियों से की सौजन्य भेंट नए पदस्थ अधिकारियों से मिले मंत्री श्री पटेल, जनपद और विकास कार्यों को लेकर हुई चर्चा मंत्री श्री पटेल की सौजन्य मुलाकात, नवनियुक्त पंचायत CEO और विकासखंड अधिकारियों से की बातचीत भोपाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बुधवार को अपने निवास पर नवनियुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं विकासखंड अधिकारियों से सौजन्य भेंट की। उन्होंने सभी अधिकारियों को सौपे गये दायित्वों के सफल निर्वहन के ‍लिये शुभकामनाएँ दी। उन्होंने अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया। इस अवसर पर कोर्स डायरेक्टर श्री वीरेन्द्र पटेल सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा-2022 से चयनित 23 मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं विकासखंड अधिकारियों का 45 दिवसीय प्रशिक्षण 26 मई से प्रारंभ हुआ था। प्रशिक्षण के दौरान नव नियुक्त अधिकारियों को विषय-विशेषज्ञों द्वारा विभागीय योजनाओं एवं कार्यप्रणाली की जानकारी प्रदान की गई। अधिकारियों को महिला बाल विकास, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कृषि, उद्यानिकी, श्रम सहित 12 विभिन्न विभागों में प्रशिक्षण दिलाया गया एवं विभागों की कार्यप्रणाली से अवगत कराया गया। आदर्श ग्राम पंचायत भोजपुर, आदर्श जनपद पंचायत सांची और जिला पंचायत भोपाल का भ्रमण कराया गया। प्रशिक्षु अधिकारियों को सांची, भीमबेटका, भोजपुर सहित अन्य पर्यटन स्थलों एवं विधानसभा, विकास भवन, संभाग आयुक्त कार्यालय सहित प्रमुख प्रशासकीय कार्यालयों का भ्रमण कराया गया। प्रशिक्षण समापन के उपरांत नवनियुक्त अधिकारियों को जनपद पंचायतों एवं विकासखंडों में पदस्थ किया गया है।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जोधपुर में रेल मंत्री वैष्णव के पिता को श्रद्धांजलि अर्पित की

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने बुधवार को राजस्थान के जोधपुर प्रवास के दौरान केंद्रीय रेल़, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव के निवास पहुंच कर उनके पिता स्व. श्री दाउलाल वैष्णव को श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री दाऊलाल जी वैष्णव का गत 8 जुलाई को निधन हो गया था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्व. दाऊलाल जी वैष्णव के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और बाबा महाकाल से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव एवं उनके अन्य परिजन से भेंट एवं चर्चा कर उन्हें दुख की घड़ी में सांत्वना प्रदान की।  

भोपाल में 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा महोत्सव, डॉ. यादव देंगे विशेष उपस्थिति

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 10 जुलाई को भोपाल में गुरु पूर्णिमा महोत्सव में शामिल होंगे। यह कार्यक्रम तात्या टोपे नगर के कमला नेहरू सांदीपनि कन्या विद्यालय में दोपहर 12:30 बजे से होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव इस मौके पर कमला नेहरू सांदीपनि कन्या विद्यालय के नवीन भवन का लोकार्पण करेंगे और विद्यार्थियों को नि:शुल्क साइकिल वितरण का शुभारंभ करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह करेंगे। इस मौके पर खेल एवं युवा कल्याण, सहकारिता मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री चेतन्य कुमार काश्यप, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती कृष्णा गौर, सांसद श्री आलोक शर्मा, महापौर श्रीमती मालती राय, विधायक सर्वश्री रामेश्वर शर्मा, विष्णु खत्री और भगवान दास सबनानी उपस्थित रहेंगे। नि:शुल्क साइकिल वितरण प्रदेश में इस वर्ष 2025-26 में नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना में करीब 4 लाख 30 हजार पात्र विद्यार्थियों को नि:शुल्क साइकिल वितरित की जायेंगी। इस योजना में 195 करोड़ रुपये की राशि व्यय होगी। सांदीपनि विद्यालय के नव-निर्मित भवन का लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ. यादव शासकीय कमला नेहरू सांदीपनि विद्यालय के सर्व-सुविधायुक्त भवन का लोकार्पण करेंगे। यह भवन 36 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है। भवन में सर्व-सुविधायुक्त प्रयोगशालाएँ, लायब्रेरी तथा ऑडिटोरियम निर्मित हैं। इसके अलावा उत्कृष्ट शिक्षा के लिये स्माल डिजिटल कक्षाएँ, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये नि:शुल्क कोचिंग, कॅरियर काउंसिलिंग और इण्डोर-आउटडोर खेल की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। विद्यालय के आसपास के 10 किलोमीटर दूरी से आने वाले बच्चों के लिये नि:शुल्क परिवहन की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है। प्रदेश में दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश के समस्त विद्यालयों में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। कार्यक्रम के दौरान छात्रों को प्रार्थना सभा के दौरान गुरु पूर्णिमा के महत्व एवं पारम्परिक गुरु-शिष्य संस्कृति पर जानकारी दी जा रही है। विद्यार्थियों को प्राचीन काल में प्रचलित गुरुकुल व्यवस्था एवं उसका भारतीय संस्कृति में प्रभाव विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी हैं। गुरु पूर्णिमा के दूसरे दिन माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा गुरुओं के महत्व पर व्याख्यान और गुरुजनों एवं शिक्षकों के सम्मान के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।  

Slum free होगी एमपी की राजधानी, तोड़े जाएंगे 6 हजार से ज्यादा मकान-दुकान, 24 हजार ईडब्ल्यूएस फ्लैट तैयार किए जाएंगे

भोपाल  राजधानी भोपाल जल्द ही मध्यप्रदेश का स्लम फ्री शहर बनने जा रहा है। यहां अरेरा हिल्स पर झुग्गीवासियों के लिए वल्लभ नगर क्षेत्र में 45 मीटर ऊंचाई की बहुमंजिला इमारतें बनेंगी। 24 हजार ईडब्ल्यूएस फ्लैट तैयार किए जाएंगे। हालांकि इस प्लान पर फिलहाल एयरपोर्ट अथॉरिटी की एनओसी नहीं मिल पाई है। सुरक्षा की दृष्टि से इनकी ऊंचाई 30 मीटर करने को कहा गया है। इस सप्ताह कलेक्टर संबंधितों से बैठक कर मामला निराकृत करेंगे। तय प्लान में यहां ठीक वैसे बहुमंजिला आवासीय टॉवर तय हैं जो, स्मार्ट सिटी में तोड़े गए सरकारी मकानों के बदले में होटल पलाश के सामने बनाए गए हैं। वल्लभ भवन और आसपास के पूरे क्षेत्र के स्लम एरिया के लिए यहीं जगह तय की जाएगी। इसलिए आपत्ति में प्रोजेक्ट अरेरा हिल्स पहले ही शहर के ऊंचाई वाले क्षेत्र में शामिल है। इस पर 45 मीटर से ऊंची बिल्डिंग एयरलाइंस के लिए कहीं बाधा न उत्पन्न कर दें, इसलिए ऊंचाई घटाने का कहा जा रहा है। इससे पहले हमीदिया अस्पताल की नई बिल्डिंग की ऊंचाई पर भी सवाल उठे थे, जिसका चर्चा के बाद निराकरण किया गया। अभी अहमदाबाद में हुए हवाई हादसे के बाद एनओसी में सभी स्थितियों का आंकलन किया जा रहा है। ऐसा स्लम रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम ● 9 क्लस्टर में शहर के स्लम क्षेत्र को बांटा गया ● 6534 झुग्गियों को पहले चरण में हटाएंगे ● 650 एकड़ का क्षेत्र दबा रखा है झुग्गियों ने ● 05 लाख की आबादी स्लम क्षेत्र में रहती है इस समय ● 4000 करोड़ रुपए की जमीन निजी एजेंसियों से विकसित कराई जाएगी 120 से अधिक भवन यहां करीब 18 एकड़ क्षेत्रफल में 120 से अधिक बहुमंजिला टॉवर बनाए जाएंगे। इस काम में कम से कम चार साल का समय लगेगा। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इसके प्लान पर निगम अफसरों से चर्चा की है। अगले एक माह में एजेंसी तय करने के साथ ही जमीनी काम शुरू करने का कहा है। झुग्गी मुक्त होगा शहर झुग्गी मुक्त शहर की दिशा में काम किया जा रहा है। एयरपोर्ट अथॉरिटी से भी चर्चा की जा रही है। सभी एजेंसियों से चर्चा की जा रही है। निगम जल्द ही जमीनी काम शुरू करेगा। -कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर

मुख्यमंत्री डॉ. यादव का जल संसाधन मंत्री सिलावट ने माना आभार

मंत्रि-परिषद ने किसानों की कृषि सिंचाई जलकर राशि में से ब्याज राशि माफ करने का लिया निर्णय भोपाल  जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने मंत्रि-परिषद की बैठक में किसान हितैषी निर्णय के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि किसानों की कृषि सिंचाई जलकर राशि में से ब्याज राशि माफ करने का निर्णय ऐतिहासिक और स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों की कृषि सिंचाई जलकर राशि में से ब्याज राशि (शास्ति दण्ड) माफ करने के निर्णय से प्रदेश के लगभग 35 लाख किसान लाभांवित होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में वर्ष 2000 से आज तक के 25 वर्षों में कृषकों पर सिंचाई जलकर की मूल राशि 563 करोड़ 29 लाख रूपये बकाया है। इसमें ब्याज राशि (दण्ड राशि) 84 करोड़ 17 लाख रूपये है।  मंत्री श्री सिलावट ने बताया कि प्रदेश में कृषि सिंचाई राजस्व की कारगर वसूली एवं चुनौतियों के समाधान तथा कृषकों की आर्थिक स्थिति के दृष्टिगत एक अप्रैल 2025 तक की कुल बकाया जलकर राशि एकमुश्त जमा करने की सुविधा दी जाएगी। यदि कृषक बकाया सिंचाई जलकर की मूल राशि एकमुश्त 31 मार्च 2026 तक जमा करते हैं तो अधिरोपित शास्ति (दांडिक ब्याज) की राशि माफ की जायेगी। इसका लाभ उन किसानों को दिया जायेगा जो उन पर बकाया मूल राशि एकमुश्त जमा करेंगे। वित्त विभाग द्वारा इस अल्पकालीन सुविधा पर सहमति दी गई है। जल संसाधन मंत्री ने बताया कि राज्य शासन द्वारा पहले भी कृषकों को दांडिक ब्याज से मुक्ति दी गई थी, जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुये तथा शासन को भी एकमुश्त राजस्व राशि प्राप्त हुई थी।वर्तमान में यह सुविधा पुनः दी जाएगी इससे मध्यप्रदेश सरकार को एकमुश्त राजस्व प्राप्ति तो होगी ही बड़ी संख्या में प्रदेश के किसान भी लाभान्वित होंगे।

किरायदारों, पेइंगगेस्ट, होटलों में रूकने वालों की जानकारी पुलिस को देना आवश्यक

पुलिस आयुक्त भोपाल ने धारा 163 के तहत जारी किए प्रतिबंधात्मक आदेश भोपाल पुलिस आयुक्त भोपाल श्री हरिनारायणचारी मिश्र ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए नगरीय क्षेत्र भोपाल शहर में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। आदेश अनुसार भोपाल शहर स्थित आवासों में किराये से एवं पेइंगगेस्ट के रूप में रहने वाले व्यक्तियों, होटलों में रहने वाले और आवासरत लोगों के घरों में काम करने वाले नौकर, छात्रावास में रह रहे छात्र-छात्राओं एवं अन्य निवास की जगहों पर रहने वाले व्यक्तियों की जानकारी पुलिस प्रशासन को देना आवश्यक होगा। भोपाल शहर में आने-जाने वाले मुसाफिरों, जो शहर के विभिन्न होटल, लॉज, धर्मशाला, रिजोर्ट, रेस्टहाउस जैसे प्रतिष्ठानों में ठहरते हैं, उनकी जानकारी निर्धारित प्रोफार्मा अनुसार संधारित किया जाना आवश्यक होगा। यह आदेश जारी दिनांक से आगामी दो माह तक प्रभावशील रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। आदेश अनुसार कोई भी मकान मालिक जो अपना मकान या उसका कोई भाग किराये पर देते है, तो वह ऐसा करने के एक सप्ताह के भीतर किरायेदार अथवा पेइंगगेस्ट का विवरण निर्धारित प्रारूप में भरकर संबंधित थाने या मध्यप्रदेश पुलिस पोर्टल पर आवश्यक रूप से देंगे। पूर्व से रह रहे किरायेदार या नौकर का विवरण भी निर्धारित प्रारूप में भरकर यह आदेश जारी होने की दिनांक से 15 दिवस के भीतर संबंधित थाने पर या मध्यप्रदेश पुलिस सिटिज़न पोर्टल पर आवश्यक रूप से देंगे। किसी भी व्यक्ति का घरेलू नौकर या उनका सहायक का विवरण निर्धारित प्रारूप में आवश्यक रूप से संबंधित थाने या मध्यप्रदेश पुलिस सिटिज़न पोर्टल पर देंगे। होटल/लॉज/धर्मशाला/रिसोर्ट के प्रबंधक/मालिक उनके यहाँ ठहरने वाले व्यक्तियों का व्यक्तिगत विवरण पूर्ण रूप से रजिस्ट्रर में दर्ज करेंगें एवं इसकी जानकारी निर्धारित प्रारूप में आवश्यक रूप से संबंधित थाने में स्थानीय स्तर पर निर्धारित प्रक्रिया अनुसार देंगे। छात्रावास संचालक छात्रावास में रह रहे छात्र/छात्राओं का विवरण निर्धारित प्रारूप में आवश्यक रूप से संबंधित थाने को देंगे। ठेकेदार/भवन निर्माणकर्ता निर्माण कार्य में लगे मजदूर कारीगरों का विवरण निर्धारित प्रारूप में आवश्यक रूप से संबंधित थाने में देंगे। किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी भवन, सार्वजनिक स्थान एवं निजी स्थान पर किसी भी प्रकार के आपत्तिजनक हथियार, अस्त्र शस्त्र, विस्फोटक सामग्री एवं ऐसी किसी भी वस्तु, जिससे जन सामान्य को खतरा महसूस हो का संधारण प्रतिबंधित होगा। यदि किसी समुदाय, संगठन, राजनैतिक दलों, समिति, प्रतिनिधि मंडल एवं आयोजकों द्वारा किसी सार्वजनिक स्थल, शासकीय परिसर, शासकीय कार्यालय / भवन अथवा किसी भी सरकारी संपत्ति को अपने कार्यक्रम में किसी भी प्रकार से क्षति पहुँचाई जाती है, तो इस प्रकार के कृत्यों के लिए कार्यक्रम के आयोजकों की जिम्मेदारी होगी तथा उनके विरूद्ध विधिसम्मत कार्यवाही की जा सकेगी।  

पर्यावरण संरक्षण के लिए कैम्पा निधि से 1038 करोड़ खर्च को हरी झंडी

विद्युत वितरण कंपनियों में 49 हजार 263 नवीन नियमित पदों की स्वीकृति 66 नवीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना और 134 पदों के सृजन की स्वीकृति कृषकों के सिंचाई जलकर में से ब्याज राशि माफ किए जाने का निर्णय ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन की स्वीकृति मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक बुधवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि (कैम्पा निधि) के लिए वर्ष 2025-26 की वार्षिक कार्य आयोजना (Annual Plan of Operation) में अनुमोदित कार्यों के क्रियान्वयन के लिए 1478 करोड़ 38 लाख में से 1038 करोड़ रूपये के उपयोग की स्वीकृति दी गयी। इस राशि का 80 प्रतिशत वन एवं वन्यप्राणी प्रबंधन एवं 20 प्रतिशत वन और वन्यजीव संबंधी अधोसंरचना के सुदृढीकरण पर व्यय किया जाता है। स्वीकृति अनुसार मध्यप्रदेश में विगत वर्षों के कार्यों के रख-रखाव, क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण, लैण्डस्केप के आधार पर बिगड़े वनों का सुधार, नदियों के पुनर्जीवन के लिए उनके जलग्रहण क्षेत्र के वनीकरण, मृदा एव जल संरक्षण के कार्य, ग्रामीणों की आजीविका के लिए ग्रामों की सीमा से लगे वनक्षेत्रों में बांस प्रजाति सहित वृक्षारोपण, वन्यप्राणी संरक्षित क्षेत्रों के गांवों से स्वैच्छिक विस्थापन, बफर क्षेत्र सहित संरक्षित क्षेत्रों में रहवास का विकास, नगर वनों की स्थापना, वन एवं वन्यप्राणी संबंधी अधोसंरचना सुदृढीकरण और ग्रामीणों की क्षमता विकास से संबंधित कार्य किये जायेंगे। 66 नवीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना और 134 पदों के सृजन की स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत 66 नवीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना, संचालन तथा भवन निर्माण की स्वीकृति दी गयी। स्वीकृति अनुसार 66 आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के 66 पद (मानसेवी), आंगनबाड़ी सहायिका के 66 पद (मानसेवी) तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों के पर्यवेक्षण के लिए पर्यवेक्षक के 02 पद नियमित शासकीय सेवक पद वेतनमान 25,300-80,500 के सृजन की स्वीकृति दी गयी। वर्ष 2025-26 से 2028-29 तक योजना पर राशि का व्यय भारत सरकार द्वारा प्राप्त स्वीकृति के अनुसार किया जायेगा। उल्लेखित अवधि में योजना पर 15 करोड़ 21 लाख रूपये का व्यय अनुमानित है, जिसमें केन्द्रांश राशि 9 करोड़ 55 लाख रूपये एवं राज्यांश राशि 5 करोड़ 66 लाख रूपये है। लेक व्यू रेसीडेंसी होटल भोपाल के विकास के लिए अनुमोदन मंत्रि-परिषद द्वारा लेक व्यू रेसीडेंसी होटल भोपाल को डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन, हस्तांतरण (DBFOT) के आधार पर जन-निजी भागीदारी (PPP) के अंतर्गत होटल का विकास, संचालन एवं रखरखाव और प्रबंधन के लिए निजी निवेशक के पक्ष में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (MPSTDC)/ मध्यप्रदेश होटल कार्पोरेशन लिमिटेड (MPHCL) द्वारा निष्पादित की जाने वाली लीज पर भारित पंजीयन व मुद्रांक शुल्क की प्रतिपूर्ति पर्यटन विभाग के विभागीय बजट से निजी निवेशक को किए जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया है। विद्युत वितरण कंपनियों में 49 हजार 263 नवीन नियमित पदों की स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की संगठनात्मक सरंचना में सृजित किये जाने वाले 49 हजार 263 नवीन पद सहित कुल 77 हजार 298 पदों के संगठनात्मक संरचना की सृजन की स्वीकृति दी गई। नियमित पदों के सृजन के फलस्वरूप पूर्व स्वीकृत पदों में से 17 हजार 620 अनुपयोगी पद समाप्त किए गए हैं व डाइंग कैडर में 5650 पदों पर कार्यरत कार्मिकों के सेवानिवृत्ति और त्यागपत्र आदि के बाद ये पद भी समाप्त किए जायेंगे। कंपनियों द्वारा सीधी भर्ती के लिए पदों की गणना करते समय इन पदों को संज्ञान में रखा जाएगा। विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा आधार पर कार्यरत कार्मिक, निर्धारित आयु सीमा के पूर्ण होने अथवा नियमित सीधी भर्ती के पद पर चयनित होने तक कार्य कर सकेंगे। कंपनियों द्वारा नियमित पदों पर सीधी भर्ती के रिक्त पदों की गणना करते समय समकक्ष पद पर तत्समय कार्यरत संविदा कार्मिक की संख्या को घटाकर शेष रिक्त पदों पर सीधी भर्ती की जा सकेगी। वितरण कंपनियों को संगठनात्मक संरचना के अनुरूप कार्मिकों की समय-समय पर भर्ती के लिए ऊर्जा विभाग को अधिकृत किया गया है। ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन की स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा भारत सरकार की प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) के अंतर्गत रबी विपणन वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन के लिए निःशुल्क शासकीय प्रत्याभूति एवं रबी विपणन वर्ष 2024-25 में लक्ष्य से अधिक उपार्जित ग्रीष्म मूंग की स्वीकृति प्रदाय की गई है। साथ ही ग्रीष्मकालीन वर्ष 2024-25 (विपणन वर्ष 2025-26) में मूंग एवं उड़द का पंजीकृत कृषकों से उपार्जन, राज्य उपार्जन एजेंसी म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया है। कृषकों की सिंचाई जलकर की राशि मे से ब्याज राशि माफ किए जाने का निर्णय मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के समस्त कृषकों की सिंचाई जलकर की राशि मे से ब्याज राशि (शास्ति दण्ड) माफ किए जाने का निर्णय लिया है। निर्णय-अनुसार यदि कृषक 31 मार्च 2025 तक की कुल बकाया राशि (सिंचाई जलकर) की मूल राशि 31 मार्च 2026 तक एक साथ जमा करते है तो ब्याज की राशि माफ कर दी जायेगी। इस तरह लगभग 84 करोड़ 17 लाख रूपये की ब्याज राशि शासन द्वारा माफ कर दी जायेगी। 31.3.2025 की स्थिति में कृषकों पर सिंचाई जलकर की अवशेष राशि 647 करोड़ 67 लाख रूपए बकाया है। जिसमे मूल राशि 563 करोड़ 29 लाख रूपए एवं ब्याज राशि 84 करोड़ 17 लाख रूपए है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 में 45 करोड़ 58 लाख रूपए, वर्ष 2023-34 में 36 करोड़ 98 लाख रूपए और वर्ष 2024-25 में 35 करोड़ 43 लाख रुपए का सिंचाई राजस्व मिला है। 3 नवीन राजस्व संभागों में क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना एवं चार नव गठित जिलों के लिये सात सहायक संचालक के पद निर्माण की स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा संचालनालय, स्थानीय निधि संपरीक्षा के अन्तर्गत 3 नवीन राजस्व संभागों नर्मदापुरम, चम्बल एवं शहडोल में क्षेत्रीय कार्यालय स्थानीय निधि संपरीक्षा खोलने एवं चार नवगठित जिलों निवाडी, मैहर, मऊगंज एवं पाढुर्णा के लिये सम्मिलित रूप से कुल 07 सहायक संचालक के पद के निर्माण की स्वीकृति दी है। यह निर्णय पंचायतराज संस्थाओं के लेखों की संपरीक्षा को नियत समय सीमा में पूर्ण करने और उत्तरोत्तर कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। विद्युत विकासकों के साथ पूर्व में मात्र वेरियेबल दर पर (5 या 10 प्रतिशत) विद्युत के … Read more

पेसा एक्ट जनजातीय पहचान और स्वशासन की गारंटी देता है: मंत्री श्री पटेल

पेसा एक्ट जनजातीय समाज की स्वतंत्रता और संस्कृति की ढाल है: मंत्री पटेल मंत्री पटेल बोले– पेसा एक्ट आदिवासी जीवन मूल्यों और अधिकारों की सुरक्षा का कानून है पेसा एक्ट जनजातीय पहचान और स्वशासन की गारंटी देता है: मंत्री श्री पटेल नवनियुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं विकासखंड  अधिकारियों के प्रशिक्षण का समापन पेसा कानून के क्रियान्वयन पर हुई विशेष कार्यशाला भोपाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि नवनियुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं विकासखंड अधिकारियों की पहली पोस्टिंग प्रदेश के जनजातीय विकासखंड में की जा रही है। इन विकासखंडों में पेसा मोबलाइजर्स के साथ कार्य कर नवनियुक्त अधिकारियों को जमीनी स्तर पर पेसा कानून के क्रियान्वयन की जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि पेसा कानून के क्रियान्वयन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ ही जनजाति कार्य विभाग की बड़ी भूमिका है। उन्होंने पेसा कानून को जनजातीय समाज की स्वतंत्रता और जीवन मूल्यों की रक्षा का माध्यम बताया। मंत्री पटेल मंगलवार को मध्यप्रदेश जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान (वाल्मी) भोपाल में नवनियुक्त जनपद सीईओ एवं बीडीओ के प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं पेसा कानून पर कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने नवनियुक्त अधिकारियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये और स्मृति दर्पण पुस्तिका का भी विमोचन भी किया। मंत्री पटेल ने कहा कि शासकीय सेवा को व्यक्तिगत लाभ न मानते हुए समाज और संस्था की प्रतिष्ठा का माध्यम बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपनी सेवा जनजातीय क्षेत्र में होने पर स्वस्थ मन से, निष्काम भाव से जनजातीय सांस्कृतिक विरासत के लिए, उनके जीवन दर्शन के लिए, उनको दबावों से मुक्त कराने के लिए कार्य करें। मंत्री पटेल ने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने के लिए प्रदेश के विभिन्न पंचायत में 1400 से अधिक नवीन ग्राम पंचायत भवन स्वीकृत कराए गए है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज को मज़बूत करना केवल इमारतें बनाना ही नहीं, बल्कि संसाधनों और सही माहौल की उपलब्धता से संभव है। उन्होंने कहा कि पौधारोपण का उद्देश्य केवल पौधे लगाना ही नहीं उनका संरक्षण करना भी आवश्यक है। अब फेंसिंग और पानी की व्यवस्था के बिना पौधारोपण नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक संसाधनों जैसे जल स्रोत, भूमि को पुनर्जीवित करने के प्रयास करना चाहिए। मंत्री पटेल ने कहा कि ग्रामीण विकास में पात्र व्यक्ति को सबसे पहले लाभ मिलना न्याय की सच्ची परिभाषा है। सभी पात्र हितग्रहियों को शासन की योजनाओं के लाभ पहुंचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नए अधिकारियों को जनजातीय विकासखंड में भेजने से उन्हें अधिक जमीनी अनुभव मिलेगा। पेसा एक्ट के अंतर्गत ग्राम सभाओं की सक्रियता और वास्तविक बैठकें सुनिश्चित करने पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गौण खनिज अधिकारों की रक्षा की ज़िम्मेदारी अब जनपद सीईओ की होगी। उन्होंने कहा कि प्रकृति का सम्मान आवश्यक है- नदी, पहाड़ और वृक्ष जीवनदायिनी संगम हैं। जनजातीय समाज की प्रकृति के प्रति आस्था और उनकी जीवन शैली से सीखना चाहिए। मंत्री पटेल ने “जल गंगा संवर्धन अभियान” और “एक बगिया माँ के नाम” अभियान के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत प्रदेश में जल स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कई कार्य किए गए। मंत्री पटेल ने कहा कि अभियान के तहत उन्होंने 80 से अधिक छोटी नदियों के उद्गम स्थलों का दौरा किया। उन्होंने बताया कि जल स्रोतों के संरक्षण के साथ ही पौधों के संरक्षण के लिए “एक बगिया मां के नाम” अभियान की शुरुआत 15 जुलाई से की जा रही है। इस अभियान के तहत एक एकड़ ज़मीन पर बगिया लगाने के लिए ₹3 लाख की सहायता दी जाएगी – पहले साल ₹2 लाख, फिर क्रमशः ₹52,000 और ₹48,000 की किश्तों में दी जाती है। स्व सहायता समूह की महिलाओं को निजी भूमि पर बागवानी के लिए विशेष आर्थिक सहायता दी जाएगी। मंत्री पटेल ने कहा कि मनरेगा योजना के तहत किए जा रहे कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए सिपरी सॉफ्टवेयर का उपयोग शुरू हो चुका है, जिससे योजनाएं वैज्ञानिक आधार पर बनेगी और चलेंगी। उन्होंने कहा कि कई योजनाओं की असफलता का कारण साइट सिलेक्शन की गलतियां हैं, जिसे नवीन तकनीक का समावेश कर ठीक किया जा सकता है। इस अवसर पर जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह, डायरेक्टर वाल्मी श्रीमती सरिता बाला, उप सचिव ह्रदयेश श्रीवास्तव सहित जनजातीय विकासखंडों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत के नवनियुक्त सीईओ एवं बीडीओ, 20 जिलों के जिला पेसा समन्वयक तथा जनजातीय विकासखंडों के समन्वयक उपस्थित थे।  

माधव को आज बड़ी सौगात मिली, खदान खोदी और पहले ही दिन पहली ही बार में हीरा मिलने के साथ ही उसकी किस्मत भी चमक उठी

 पन्ना मध्य प्रदेश में हीरे उगलने वाली नगरी पन्ना की धरती कब किसकी किस्मत पलट दे और कब किसे रंक से राजा बना दे, कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसा ही कुछ  देखने को मिला, जब माधव आदिवासी नाम के सामान्य मजदूर की किस्मत पलट गई और वह अचानक लखपति बन गया। पन्ना की कृष्णा कल्याणपुर पट्टी की उथली खदान में मजदूरी करने वाले आदिवासी युवक माधव को आज उस वक्त बड़ी सौगात मिली, जब उसने किस्मत आजमाने के लिए पहली बार खदान खोदी और पहले ही दिन पहली ही बार में हीरा मिलने के साथ ही उसकी किस्मत भी चमक उठी। इस मजदूर ने  खदान की खुदाई चालू की थी और पहले ही दिन उसे 11 कैरेट 95 सेंट का उज्ज्वल किस्म का बेशकीमती हीरा मिल गया। 40 लाख रुपए से भी ज्यादा है कीमत इस बारे में जानकारी देते हुए हीरा अधिकारी रवि पटेल ने बताया कि माधव को मिला हीरा बेहद साफ और कीमती है, साथ ही उन्होंने बताया कि इस हीरे की अनुमानित कीमत 40 लाख रुपए से भी ज्यादा आंकी जा रही है। हीरा मिलने के बाद माधव मजदूर ने इसे नियम के अनुसार पन्ना स्थित हीरा कार्यालय में जमा कर दिया। पटेल ने आगे की प्रक्रिया बताते हुए कहा कि अब यह हीरा आगामी नीलामी में जाएगा और नीलामी की रकम में से 12.5% रॉयल्टी काटकर बाकी रकम माधव को दी जाएगी। माधव को मिले इस हीरे से ना केवल एक साधारण आदिवासी मजदूर की जिंदगी बदल जाएगी, बल्कि इसके साथ ही उसने अपने हौसले और मेहनत से वहां काम कर रहे अपने जैसे लाखों मजदूरों के मन में भी इसी तरह की उम्मीदें जगा दी हैं। पन्ना की धरती से हर दिन ऐसे चुनिंदा भाग्यशाली लोगों की झोली में हीरे डालकर उनके सपने पूरे करती है।